समाजशास्त्र की पकड़: दैनिक अभ्यास प्रश्नोत्तरी।
नमस्कार, समाजशास्त्र के जिज्ञासु विद्वानों! आज के इस दैनिक प्रश्नोत्तरी के साथ अपनी अवधारणाओं की स्पष्टता और विश्लेषणात्मक कौशल को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए तैयार हो जाइए। यह 25 प्रश्नों का सेट आपकी समाजशास्त्रीय पकड़ को मजबूत करने और आपको प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आइए, ज्ञान की इस यात्रा को शुरू करें!
समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: ‘वेबर’ के अनुसार, सामाजिक क्रिया (Social Action) को समझने के लिए किस पद्धति का प्रयोग किया जाना चाहिए?
- प्रत्यक्षवाद (Positivism)
- वर्स्टेहेन (Verstehen) / व्याख्यात्मक समझ
- संरचनात्मक कार्यात्मकता (Structural Functionalism)
- द्वंद्वात्मक भौतिकवाद (Dialectical Materialism)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: मैक्स वेबर ने ‘वेबर’ (Verstehen) की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसका अर्थ है कर्ताओं द्वारा अपने कार्यों से जुड़ी व्यक्तिपरक अर्थों को समझने की आवश्यकता। यह उनकी व्याख्यात्मक समाजशास्त्र का केंद्रीय सिद्धांत है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत ‘अर्थव्यवस्था और समाज’ (Economy and Society) जैसे कार्यों में विस्तृत है। यह दुर्खीम के प्रत्यक्षवादी दृष्टिकोण के विपरीत है, जो सामाजिक तथ्यों का वस्तुनिष्ठ अध्ययन करता है।
- गलत विकल्प: प्रत्यक्षवाद (a) ऑगस्ट कॉम्टे से जुड़ा है जो प्राकृतिक विज्ञानों के तरीकों को समाजशास्त्र पर लागू करने की बात करते हैं। संरचनात्मक कार्यात्मकता (c) दुर्खीम और पार्सन्स से संबंधित है। द्वंद्वात्मक भौतिकवाद (d) कार्ल मार्क्स का मुख्य विचार है।
प्रश्न 2: एम. एन. श्रीनिवास द्वारा दी गई ‘संस्कृतिकरण’ (Sanskritization) की अवधारणा का क्या अर्थ है?
- पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण
- उच्च जाति की प्रथाओं, रीति-रिवाजों और विश्वासों को निम्न जाति द्वारा अपनाना
- शहरी जीवन शैली का अपनाना
- तकनीकी उन्नति को अपनाना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: एम. एन. श्रीनिवास ने ‘संस्कृतिकरण’ शब्द गढ़ा, जिसका अर्थ है कि निम्न जाति या जनजाति उच्च जाति के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों, जीवन शैली और विचारों को अपनाकर अपनी सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उन्होंने ‘The Coorgs of South India’ नामक पुस्तक में प्रस्तुत की थी। यह सामाजिक गतिशीलता का एक रूप है, विशेषकर सांस्कृतिक स्तर पर।
- गलत विकल्प: पश्चिमीकरण (a) पश्चिमी देशों की संस्कृति को अपनाने से संबंधित है। आधुनिकीकरण (d) एक व्यापक अवधारणा है जिसमें तकनीकी और संस्थागत परिवर्तन शामिल हैं। शहरी जीवन शैली का अपनाना (c) शहरीकरण का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह संस्क्ृति का पूर्ण अर्थ नहीं बताता।
प्रश्न 3: दुर्खीम के अनुसार, समाज में सामूहिक चेतना (Collective Conscience) का सबसे मजबूत रूप किस प्रकार के समाज में पाया जाता है?
- जटिल औद्योगिक समाज (Complex Industrial Society)
- सरल, आदिम या पारंपरिक समाज (Simple, Primitive or Traditional Society)
- धर्मनिरपेक्ष समाज (Secular Society)
- शहरी समाज (Urban Society)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: दुर्खीम के अनुसार, पारंपरिक या यांत्रिक एकता (Mechanical Solidarity) वाले समाजों में, जहाँ लोगों के बीच समानता अधिक होती है और वे समान विश्वासों और मूल्यों को साझा करते हैं, वहां सामूहिक चेतना (collective conscience) सबसे प्रबल होती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनकी पुस्तक ‘The Division of Labour in Society’ में दी गई है। सरल समाजों में, श्रम विभाजन कम होता है, जिससे लोगों में साझा चेतना अधिक होती है।
- गलत विकल्प: जटिल औद्योगिक समाजों (a) में, श्रम विभाजन अधिक होता है और जैविक एकता (Organic Solidarity) पाई जाती है, जहाँ लोग एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं, लेकिन उनकी व्यक्तिगत चेतनाएं अधिक विकसित होती हैं, जिससे सामूहिक चेतना कमजोर पड़ती है। धर्मनिरपेक्ष (c) और शहरी (d) समाज अधिक जटिल होते हैं।
प्रश्न 4: ‘सामाजिक स्तरीकरण’ (Social Stratification) की सबसे प्रमुख विशेषता क्या है?
- यह व्यक्तियों के बीच असमान वितरण की व्यवस्था है।
- यह केवल धन और आय से संबंधित है।
- यह वंशानुगत नहीं होती।
- यह एक अस्थायी घटना है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: सामाजिक स्तरीकरण समाज में संसाधनों, विशेषाधिकारों और शक्ति के असमान वितरण की एक व्यवस्थित और स्थायी विशेषता है, जो लोगों को विभिन्न स्तरों या परतों (strata) में विभाजित करती है।
- संदर्भ और विस्तार: स्तरीकरण के प्रमुख रूप जाति, वर्ग, लिंग, आयु आदि पर आधारित हो सकते हैं। यह समाज की संरचना का हिस्सा है और पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित हो सकता है।
- गलत विकल्प: यह केवल धन (b) से संबंधित नहीं है, बल्कि प्रतिष्ठा, शक्ति आदि से भी संबंधित है। यह वंशानुगत (c) हो सकता है, जैसे जाति व्यवस्था में। यह एक स्थायी (d) सामाजिक संरचना है, हालांकि समय के साथ इसमें बदलाव आ सकते हैं।
प्रश्न 5: कार्ल मार्क्स ने ‘अलगाव’ (Alienation) की अवधारणा को किस उत्पादन प्रणाली के संदर्भ में सबसे अधिक विकसित किया?
- सामंतवाद (Feudalism)
- पूंजीवाद (Capitalism)
- समाजवाद (Socialism)
- साम्यवाद (Communism)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: कार्ल मार्क्स ने पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली के तहत श्रमिकों के अलगाव (Alienation of Labour) का गहन विश्लेषण किया। उनका मानना था कि पूंजीवाद में श्रमिक अपने श्रम, उत्पादन, स्वयं से और अन्य मनुष्यों से अलग-थलग हो जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह विचार उनके ‘Economic and Philosophic Manuscripts of 1844’ में प्रमुखता से मिलता है। अलगाव का अर्थ है अपने श्रम के उत्पाद पर नियंत्रण न होना और अपने मानव सार से विमुख हो जाना।
- गलत विकल्प: सामंतवाद (a), समाजवाद (c) और साम्यवाद (d) जैसी प्रणालियों में अलगाव की समस्या या तो अलग रूप में होती है या मार्क्स के अनुसार, पूंजीवाद की तुलना में कम होती है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘प्राथमिक समूह’ (Primary Group) की विशेषता है, जैसा कि चार्ल्स एच. कूली ने परिभाषित किया है?
- औपचारिक संबंध
- अव्यक्त और दीर्घकालिक संबंध
- अनाम और द्वितीयक संबंध
- अस्थायी और आकस्मिक संबंध
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: चार्ल्स एच. कूली ने प्राथमिक समूह को “घनिष्ठ, सहयोगपूर्ण और आमने-सामने के संबंध” के रूप में परिभाषित किया, जो आम तौर पर दीर्घकालिक, व्यक्तिगत और भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। परिवार और घनिष्ठ मित्र समूह इसके उदाहरण हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कूली ने अपनी पुस्तक ‘Social Organization’ (1909) में इस अवधारणा का वर्णन किया। ये समूह व्यक्ति के सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए मौलिक होते हैं।
- गलत विकल्प: औपचारिक संबंध (a) द्वितीयक समूहों की विशेषता है। अनाम और द्वितीयक संबंध (c) और अस्थायी/आकस्मिक संबंध (d) भी द्वितीयक समूहों या अन्य प्रकार के संबंधों से जुड़े हैं, न कि प्राथमिक समूहों से।
प्रश्न 7: भारतीय समाज में ‘विवाह’ (Marriage) का कौन सा रूप संस्थागत रूप से सबसे प्रमुख है?
- समतामूलक विवाह (Egalitarian Marriage)
- बहुविवाह (Polygamy)
- एकविवाह (Monogamy)
- समूह विवाह (Group Marriage)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: भारतीय समाज में, कानूनी और सामाजिक रूप से, एकविवाह (Monogamy) विवाह का सबसे प्रमुख और स्वीकृत रूप है, जहाँ एक व्यक्ति एक समय में केवल एक जीवनसाथी रख सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि ऐतिहासिक रूप से और कुछ समुदायों में बहुविवाह (Polygamy) के उदाहरण मिलते हैं, लेकिन आधुनिक भारतीय कानून (जैसे हिंदू विवाह अधिनियम, 1955) इसे प्रतिबंधित करता है।
- गलत विकल्प: समतामूलक विवाह (a) एक आदर्श है, पर विवाह का ‘रूप’ नहीं। बहुविवाह (b) अब मुख्य रूप से स्वीकृत नहीं है। समूह विवाह (d) भारतीय समाज में संस्थागत रूप से प्रचलित नहीं है।
प्रश्न 8: दुर्खीम के अनुसार, ‘एमी’ (Anomie) की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब:
- समाज में अत्यधिक नियम और नियंत्रण होते हैं।
- व्यक्ति समाज के नियमों और मानदंडों से विचलित हो जाते हैं।
- समाज में नियमों का अभाव या स्पष्टता की कमी हो जाती है।
- लोग अत्यधिक धार्मिक हो जाते हैं।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: दुर्खीम के अनुसार, ‘एमी’ (Anomie) वह अवस्था है जब समाज में नैतिक मानदंडों (norms) और मूल्यों का क्षरण हो जाता है, या वे स्पष्ट नहीं रह जाते, जिससे व्यक्ति को यह समझ नहीं आता कि क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं। यह सामाजिक विघटन की स्थिति है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनकी ‘The Division of Labour in Society’ और ‘Suicide’ जैसी पुस्तकों में प्रमुख है। यह अक्सर तीव्र सामाजिक परिवर्तन या संकट के दौरान उत्पन्न होती है।
- गलत विकल्प: अत्यधिक नियम (a) अति-नियमन (over-regulation) की स्थिति है, जो एमी से भिन्न है। व्यक्ति का नियमों से विचलित होना (b) उस व्यक्ति के व्यवहार का परिणाम है, जबकि एमी एक सामाजिक स्थिति है। अत्यधिक धार्मिक होना (d) एमी का सूचक नहीं है।
प्रश्न 9: ‘पावर इलीट’ (Power Elite) की अवधारणा किसने प्रस्तुत की?
- सी. राइट मिल्स (C. Wright Mills)
- डेविड रोजनबर्ग (David Riesman)
- हर्बर्ट स्पेंसर (Herbert Spencer)
- ए. एल. क्रोबर (A. L. Kroeber)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: सी. राइट मिल्स ने अपनी पुस्तक ‘The Power Elite’ (1956) में ‘पावर इलीट’ की अवधारणा विकसित की, जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि आधुनिक अमेरिकी समाज में शक्ति कुछ उच्च-वर्ग के व्यक्तियों, जैसे कॉर्पोरेट, सैन्य और राजनीतिक नेताओं के हाथों में केंद्रित है।
- संदर्भ और विस्तार: मिल्स के अनुसार, ये अभिजात वर्ग (elite) समाज के प्रमुख निर्णयों को नियंत्रित करते हैं।
- गलत विकल्प: डेविड रोजनबर्ग (b) ‘The Lonely Crowd’ के लिए जाने जाते हैं। हर्बर्ट स्पेंसर (c) विकासवाद से संबंधित हैं। ए. एल. क्रोबर (d) संस्कृति के अध्ययन से जुड़े हैं।
प्रश्न 10: भारतीय समाज में ‘जाति व्यवस्था’ (Caste System) के संदर्भ में, ‘अशुद्धता’ (Purity) और ‘अपवित्रता’ (Impurity) का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया?
- इरावती कर्वे (Irawati Karve)
- जी. एस. घुरिये (G. S. Ghurye)
- एम. एन. श्रीनिवास (M. N. Srinivas)
- लुई ड्यूमोंट (Louis Dumont)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: लुई ड्यूमोंट ने अपनी पुस्तक ‘Homo Hierarchicus’ में भारतीय जाति व्यवस्था के विश्लेषण के लिए ‘शुद्धता’ और ‘अपवित्रता’ के सिद्धांत को केंद्रीय माना। उनके अनुसार, जाति व्यवस्था धार्मिक शुद्धता के पदानुक्रम पर आधारित है।
- संदर्भ और विस्तार: ड्यूमोंट का मानना है कि यह पदानुक्रम केवल आर्थिक या राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक और अनुष्ठानिक शुद्धता पर आधारित है, जो विवाह और खान-पान के नियमों द्वारा स्पष्ट होता है।
- गलत विकल्प: इरावती कर्वे (a) ने जाति और नातेदारी का अध्ययन किया। जी. एस. घुरिये (b) ने जाति के विभिन्न पहलुओं पर लिखा। एम. एन. श्रीनिवास (c) ने संस्क्ृति और पश्चिमीकरण जैसी अवधारणाएं दीं।
प्रश्न 11: ‘द्वितीयक समूह’ (Secondary Group) की तुलना में ‘प्राथमिक समूह’ (Primary Group) की क्या विशेषता होती है?
- व्यक्तिगत और भावनात्मक संबंध
- बड़े आकार और अवैयक्तिक संबंध
- स्थायी और दीर्घकालिक संबंध
- विशेष उद्देश्य पर आधारित संबंध
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: प्राथमिक समूह (जैसे परिवार, घनिष्ठ मित्र) की पहचान व्यक्तिगत, भावनात्मक और आमने-सामने के संबंधों से होती है, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसके विपरीत, द्वितीयक समूह (जैसे कार्यस्थल, राजनीतिक दल) अधिक बड़े, अवैयक्तिक, उद्देश्य-उन्मुख और औपचारिक होते हैं, और संबंध लक्ष्य-आधारित होते हैं।
- गलत विकल्प: बड़े आकार और अवैयक्तिक संबंध (b) द्वितीयक समूह की विशेषता है। स्थायी और दीर्घकालिक संबंध (c) प्राथमिक समूह की विशेषता है, लेकिन व्यक्तिगत और भावनात्मक संबंध (a) इसे द्वितीयक समूह से अधिक विशिष्ट बनाता है। विशेष उद्देश्य पर आधारित संबंध (d) द्वितीयक समूह की विशेषता है।
प्रश्न 12: ‘सामाजिक गतिशीलता’ (Social Mobility) का कौन सा रूप तब होता है जब एक व्यक्ति अपनी सामाजिक स्थिति को उसी स्तर पर बदलता है (जैसे, एक उद्योग से दूसरे उद्योग में काम करना)?
- ऊर्ध्वाधर गतिशीलता (Vertical Mobility)
- क्षैतिज गतिशीलता (Horizontal Mobility)
- अंतर-पीढ़ी गतिशीलता (Inter-generational Mobility)
- अंतर-पीढ़ी गतिशीलता (Intra-generational Mobility)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: क्षैतिज गतिशीलता (Horizontal Mobility) तब होती है जब कोई व्यक्ति एक सामाजिक स्थिति से दूसरी समान स्थिति में चला जाता है, जैसे कि एक फैक्ट्री से दूसरी फैक्ट्री में समान पद पर काम करना। इसमें सामाजिक स्थिति में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होता।
- संदर्भ और विस्तार: ऊर्ध्वाधर गतिशीलता (a) सामाजिक सीढ़ी पर ऊपर या नीचे की ओर बढ़ना है। अंतर-पीढ़ी गतिशीलता (c) एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थिति परिवर्तन है, जबकि अंतर-पीढ़ी गतिशीलता (d) एक ही व्यक्ति के जीवनकाल में होने वाले परिवर्तन हैं।
- गलत विकल्प: ऊर्ध्वाधर गतिशीलता (a) में स्थिति बदलती है। अंतर-पीढ़ी (c) और अंतर-पीढ़ी (d) गतिशीलता समय-सीमा पर आधारित हैं, न कि स्थिति के स्तर पर।
प्रश्न 13: ‘प्रतिमान विचलन’ (Deviance) के ‘नियंत्रण सिद्धांत’ (Control Theory) के अनुसार, लोग विचलन से क्यों बचते हैं?
- क्योंकि वे विचलित होने से सजा पाते हैं।
- क्योंकि उन्होंने सामाजिक मानदंडों को आंतरिक कर लिया है और उनके पास मजबूत सामाजिक बंधन हैं।
- क्योंकि उन्हें लगता है कि विचलित होने से लाभ होता है।
- क्योंकि वे दूसरों को देखकर सीखते हैं।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: नियंत्रण सिद्धांत (जैसे ट्रैविस हिर्शी का सिद्धांत) बताता है कि लोग सामाजिक मानदंडों का पालन इसलिए करते हैं क्योंकि उनके समाज के साथ मजबूत बंधन होते हैं, जैसे कि समाज से जुड़ाव (attachment), प्रतिबद्धता (commitment), भागीदारी (involvement) और विश्वास (belief)।
- संदर्भ और विस्तार: हिर्शी ने 1969 में ‘Causes of Delinquency’ में तर्क दिया कि ये बंधन व्यक्ति को विचलित व्यवहार से रोकते हैं।
- गलत विकल्प: केवल सजा का भय (a) बाहरी नियंत्रण है। लाभ की अपेक्षा (c) विचलन को बढ़ावा दे सकती है। दूसरों को देखकर सीखना (d) सामाजिक शिक्षण सिद्धांत (Social Learning Theory) से संबंधित है, न कि सीधे नियंत्रण सिद्धांत से।
प्रश्न 14: भारतीय समाज में ‘सब-आर्डीनेशन’ (Sub-ordination) के संदर्भ में, ‘स्त्री’ (Woman) की स्थिति का विश्लेषण करने वाले समाजशास्त्री कौन हैं?
- इरावती कर्वे
- आंद्रे बेतेई
- ए. एम. ख्वाजा
- लुई ड्यूमोंट
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: आंद्रे बेतेई (André Béteille) ने भारतीय समाज में जाति, वर्ग और नातेदारी पर महत्वपूर्ण कार्य किया है, जिसमें महिलाओं की अधीनस्थ स्थिति का विश्लेषण भी शामिल है। उन्होंने विशेष रूप से ‘ Caste, Class, and Power’ और ‘The Backward Classes and the New Social Order’ में इन मुद्दों पर प्रकाश डाला है।
- संदर्भ और विस्तार: बेतेई ने भारतीय समाज में पदानुक्रम, समानता और भिन्नता जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की है।
- गलत विकल्प: इरावती कर्वे (a) भारतीय परिवार और नातेदारी पर काम करने वाली एक प्रमुख मानवविज्ञानी थीं। लुई ड्यूमोंट (d) ने जाति व्यवस्था के धार्मिक पहलुओं पर जोर दिया। ए. एम. ख्वाजा (c) के इस विशिष्ट क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान कम है।
प्रश्न 15: ‘संस्कृति’ (Culture) की सबसे व्यापक और स्वीकार्य समाजशास्त्रीय परिभाषा के अनुसार, इसमें क्या शामिल है?
- केवल कला, साहित्य और संगीत
- केवल भौतिक वस्तुएं जैसे भवन और उपकरण
- ज्ञान, विश्वास, कला, नैतिकता, कानून, रीति-रिवाज और कोई भी अन्य क्षमताएं और आदतें जो मनुष्य समाज के सदस्य के रूप में प्राप्त करता है।
- केवल भाषा और संचार के तरीके
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 16: ‘जाति व्यवस्था’ (Caste System) की निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय समाज को समझने के लिए महत्वपूर्ण है?
- ओपन क्लास सिस्टम
- अंतर्विवाह (Endogamy)
- कौशल आधारित व्यवसाय
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: जाति व्यवस्था की एक मुख्य विशेषता ‘अंतर्विवाह’ (Endogamy) है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति अपनी ही जाति के भीतर विवाह करता है। यह जाति की पहचान और निरंतरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- संदर्भ और विस्तार: जाति व्यवस्था में अन्य विशेषताएँ जैसे व्यवसाय का निर्धारण, सामाजिक अलगाव (exogamy के विपरीत endogamy), और खान-पान के नियम भी शामिल हैं।
- गलत विकल्प: ओपन क्लास सिस्टम (a) आधुनिक पश्चिमी समाजों की विशेषता है, जबकि जाति व्यवस्था एक क्लोज्ड क्लास सिस्टम है। कौशल आधारित व्यवसाय (c) का संबंध अक्सर जाति से होता है, लेकिन अंतर्विवाह अधिक परिभाषित विशेषता है। व्यक्तिगत स्वतंत्रता (d) जाति व्यवस्था के विपरीत है।
प्रश्न 17: ‘सामाजिक न्याय’ (Social Justice) की अवधारणा में मुख्य रूप से क्या शामिल है?
- सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करना, और समाज में असमानताओं को कम करना।
- केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बनाए रखना।
- सरकार द्वारा सभी आर्थिक गतिविधियों का नियंत्रण।
- जाति या धर्म के आधार पर विशेषाधिकार प्रदान करना।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: सामाजिक न्याय का अर्थ है समाज के सभी सदस्यों के लिए निष्पक्षता, समानता और समान अवसरों को सुनिश्चित करना, साथ ही उन असमानताओं को दूर करना जो सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक कारणों से उत्पन्न होती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें कमजोर और वंचित समूहों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें समाज में समान स्थान दिलाने के प्रयास शामिल हैं।
- गलत विकल्प: केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता (b) सामाजिक न्याय का एक हिस्सा है, लेकिन यह पूर्ण परिभाषा नहीं है। सरकार द्वारा सभी आर्थिक नियंत्रण (c) समाजवादी मॉडल का हिस्सा हो सकता है, लेकिन सामाजिक न्याय का मूल तत्व नहीं। विशेषाधिकार प्रदान करना (d) सामाजिक न्याय के विपरीत है।
प्रश्न 18: ‘सामाजिक पूंजी’ (Social Capital) की अवधारणा का संबंध किससे है?
- व्यक्तिगत ज्ञान और कौशल
- मशीनरी और उपकरण
- सामाजिक नेटवर्क, विश्वास और आपसी सहयोग
- भौतिक संपत्ति और धन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: सामाजिक पूंजी उन संसाधनों को संदर्भित करती है जो व्यक्तियों या समूहों को उनके सामाजिक नेटवर्क, संबंधों, विश्वास और आपसी सहयोग के माध्यम से प्राप्त होते हैं। यह सामाजिक संबंधों की गुणवत्ता और मात्रा से उत्पन्न होती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा विशेष रूप से पियरे बॉरड्यू (Pierre Bourdieu) और रॉबर्ट पुटनम (Robert Putnam) जैसे समाजशास्त्रियों द्वारा विकसित की गई है।
- गलत विकल्प: व्यक्तिगत ज्ञान (a) मानव पूंजी है। मशीनरी (b) और भौतिक संपत्ति (d) भौतिक पूंजी हैं।
प्रश्न 19: ‘अभिज्ञा’ (Elite) का सिद्धांत, जो समाज में शक्ति के एक छोटे, विशेषाधिकार प्राप्त समूह द्वारा केंद्रित होने की बात करता है, मुख्य रूप से किससे जुड़ा है?
- एमिल दुर्खीम (Émile Durkheim)
- कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
- विलफ्रेडो परेटो (Vilfredo Pareto) औरGaetano Mosca
- हरबर्ट ब्लूमर (Herbert Blumer)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: विलफ्रेडो परेटो और गैएटानो मोस्का जैसे विचारकों ने ‘अभिज्ञा सिद्धांत’ (Elite Theory) का विकास किया, जिसके अनुसार किसी भी समाज में हमेशा एक छोटा, संगठित और प्रभावशाली अल्पसंख्यक वर्ग (अभिज्ञा) होता है, जो सत्ता और निर्णय प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: परेटो ने ‘अभिज्ञा के परिचक्रण’ (Circulation of Elites) का भी सिद्धांत दिया।
- गलत विकल्प: दुर्खीम (a) ने सामाजिक एकता पर काम किया। मार्क्स (b) ने वर्ग संघर्ष और सर्वहारा क्रांति पर जोर दिया। ब्लूमर (d) प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद (Symbolic Interactionism) से जुड़े हैं।
प्रश्न 20: भारतीय समाज में ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) की प्रक्रिया के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा एक प्रमुख परिवर्तन देखा गया है?
- जाति व्यवस्था का मजबूत होना
- ग्राम-आधारित समाज का कमजोर पड़ना और शहरीकरण
- पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं का सर्वव्यापी प्रभाव
- संयुक्त परिवार प्रणाली का विस्तार
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में अक्सर ग्राम-आधारित, कृषि प्रधान समाजों का औद्योगिक और शहरी समाजों में परिवर्तन शामिल होता है। इससे शहरीकरण बढ़ता है और पारंपरिक ग्राम-आधारित संरचनाएँ कमजोर पड़ती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: आधुनिकीकरण में तकनीकी विकास, शिक्षा का प्रसार, धर्मनिरपेक्षता में वृद्धि और व्यक्तिगतवाद का उदय भी शामिल है।
- गलत विकल्प: जाति व्यवस्था का मजबूत होना (a) आधुनिकीकरण का प्रत्यक्ष परिणाम नहीं है, हालांकि यह बदल सकती है। पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं का प्रभाव (c) अक्सर घटता है। संयुक्त परिवार का विस्तार (d) आधुनिकीकरण के साथ अक्सर संकुचित होता है, न कि विस्तारित।
प्रश्न 21: ‘सामाजिक संरचना’ (Social Structure) की अवधारणा से जुड़े प्रमुख समाजशास्त्री कौन हैं?
- एमिल दुर्खीम (Émile Durkheim)
- कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
- ए. आर. रेडक्लिफ-ब्राउन (A. R. Radcliffe-Brown)
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: एमिल दुर्खीम ने सामाजिक तथ्यों और संरचनाओं पर जोर दिया। कार्ल मार्क्स ने आर्थिक संरचना (उत्पादन संबंध) को सामाजिक संरचना का आधार माना। ए. आर. रेडक्लिफ-ब्राउन ने संरचनात्मक-कार्यात्मक दृष्टिकोण से सामाजिक संरचना का विश्लेषण किया, जिसमें सामाजिक संबंधों के पैटर्न को केंद्रीय माना। इसलिए, उपरोक्त सभी इस अवधारणा से जुड़े हैं।
- संदर्भ और विस्तार: विभिन्न समाजशास्त्रियों ने सामाजिक संरचना की अलग-अलग व्याख्याएं की हैं, लेकिन ये तीनों इसे समाज के अध्ययन के लिए एक मौलिक तत्व मानते हैं।
- गलत विकल्प: कोई भी विकल्प अकेला नहीं है क्योंकि तीनों ही सामाजिक संरचना की अवधारणा के विकास में महत्वपूर्ण रहे हैं।
प्रश्न 22: ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) के सिद्धांत के अनुसार, सामाजिक वास्तविकता का निर्माण कैसे होता है?
- बड़े पैमाने की सामाजिक संरचनाओं द्वारा।
- व्यक्तियों के बीच प्रतीकों (जैसे भाषा, हाव-भाव) के माध्यम से होने वाली अंतःक्रियाओं द्वारा।
- जैविक और मनोवैज्ञानिक शक्तियों द्वारा।
- ईश्वरीय हस्तक्षेप द्वारा।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद, जिसे जॉर्ज हर्बर्ट मीड (George Herbert Mead) और हर्बर्ट ब्लूमर (Herbert Blumer) जैसे समाजशास्त्रियों ने विकसित किया, यह मानता है कि समाज व्यक्तियों के बीच होने वाली प्रतीकात्मक अंतःक्रियाओं के माध्यम से निर्मित होता है। व्यक्ति अर्थों का निर्माण करते हैं और उनके अनुसार व्यवहार करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस दृष्टिकोण में, भाषा, आत्म (self) और समाज को अंतःक्रिया की प्रक्रिया द्वारा समझा जाता है।
- गलत विकल्प: बड़े पैमाने की संरचनाएँ (a) संरचनात्मक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं। जैविक/मनोवैज्ञानिक शक्तियाँ (c) मनोविज्ञान या जीव विज्ञान का विषय हैं। ईश्वरीय हस्तक्षेप (d) समाजशास्त्रीय व्याख्या नहीं है।
प्रश्न 23: ‘भू-मंडलीकरण’ (Globalization) के सामाजिक प्रभावों में से एक क्या है?
- स्थानीय संस्कृतियों का संरक्षण
- राष्ट्र-राज्यों की संप्रभुता का मजबूत होना
- सांस्कृतिक समरूपीकरण (Cultural Homogenization) और सांस्कृतिक विविधता का मिश्रण
- ग्रामीण समुदायों का आत्मनिर्भर बनना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: भू-मंडलीकरण के कारण विभिन्न संस्कृतियों के बीच विचारों, उत्पादों और लोगों का आदान-प्रदान बढ़ता है, जिससे अक्सर सांस्कृतिक समरूपीकरण (जैसे पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव) और विभिन्न संस्कृतियों का आपस में मिलना (hybridity) देखा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक आयामों को प्रभावित करता है, जिससे विश्व एक ‘वैश्विक गाँव’ बनता जाता है।
- गलत विकल्प: भू-मंडलीकरण से स्थानीय संस्कृतियों पर प्रभाव पड़ता है, संरक्षण (a) हमेशा नहीं होता। राष्ट्र-राज्यों की संप्रभुता (b) अक्सर भू-मंडलीकरण से चुनौती पाती है। ग्रामीण समुदायों का आत्मनिर्भर बनना (d) भू-मंडलीकरण का प्रत्यक्ष परिणाम नहीं है।
प्रश्न 24: ‘पारिवारिक संरचना’ (Family Structure) के अध्ययन में ‘विस्तारित परिवार’ (Extended Family) की तुलना में ‘नाभिकीय परिवार’ (Nuclear Family) की क्या विशेषता है?
- इसमें माता-पिता और अविवाहित बच्चे शामिल होते हैं।
- इसमें कई पीढ़ियों के सदस्य एक साथ रहते हैं।
- यह अधिक स्थिरता प्रदान करता है।
- इसमें सदस्यों की संख्या अधिक होती है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: नाभिकीय परिवार (Nuclear Family) की मुख्य विशेषता माता-पिता और उनके अविवाहित बच्चों का छोटा समूह है, जो आमतौर पर एक साथ रहते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसके विपरीत, विस्तारित परिवार (Extended Family) में माता-पिता, बच्चे, दादा-दादी, चाचा-चाची, चचेरे भाई-बहन आदि शामिल हो सकते हैं, जो अक्सर एक ही छत के नीचे या एक ही निवास क्षेत्र में रहते हैं।
- गलत विकल्प: कई पीढ़ियों का साथ रहना (b) विस्तारित परिवार की विशेषता है। स्थिरता (c) और सदस्यों की अधिक संख्या (d) नाभिकीय परिवार की तुलना में विस्तारित परिवार के साथ अधिक जुड़ी हो सकती है, लेकिन नाभिकीय परिवार की परिभाषा (a) सबसे सटीक है।
प्रश्न 25: समाजशास्त्रीय अनुसंधान विधियों में, ‘गुणात्मक अनुसंधान’ (Qualitative Research) का प्राथमिक उद्देश्य क्या होता है?
- संख्यात्मक डेटा एकत्र करना और उसका सांख्यिकीय विश्लेषण करना।
- घटनाओं के पीछे के अर्थ, अनुभव और संदर्भ को समझना।
- बड़े पैमाने पर सामान्यीकरण (generalization) प्राप्त करना।
- नियंत्रित वातावरण में कारणों और प्रभावों को स्थापित करना।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही विकल्प: गुणात्मक अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य लोगों के अनुभवों, दृष्टिकोणों, व्यवहारों के पीछे छिपे अर्थों, संदर्भों और सामाजिक प्रक्रियाओं की गहराई से समझ प्राप्त करना है। इसमें अक्सर साक्षात्कार, अवलोकन और केस स्टडी जैसी विधियों का उपयोग किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह ‘क्यों’ और ‘कैसे’ जैसे सवालों के जवाब खोजने पर केंद्रित है, न कि ‘कितना’ जैसे सवालों पर।
- गलत विकल्प: संख्यात्मक डेटा और सांख्यिकीय विश्लेषण (a) मात्रात्मक अनुसंधान (Quantitative Research) की विशेषता है। बड़े पैमाने पर सामान्यीकरण (c) भी मात्रात्मक अनुसंधान का लक्ष्य होता है। नियंत्रित वातावरण में कारण-प्रभाव (d) प्रयोगात्मक (Experimental) विधियों से संबंधित है।