समाजशास्त्र की नींव हिला देने वाले प्रश्न: अपनी तैयारी को धार दें!
नमस्ते, भविष्य के समाजशास्त्री! आज की अपनी दैनिक अभ्यास प्रश्नोत्तरी के साथ अपने समाजशास्त्रीय ज्ञान को चुनौती देने के लिए तैयार हो जाइए। यह 25 प्रश्नों का सेट आपके अवधारणात्मक स्पष्टता, विश्लेषणात्मक कौशल और प्रमुख समाजशास्त्रीय सिद्धांतों की गहरी समझ का परीक्षण करेगा। चलिए, अपनी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले चलते हैं!
समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: मैक्स वेबर के अनुसार, समाजशास्त्रीय अध्ययन का प्राथमिक लक्ष्य क्या होना चाहिए?
- सामाजिक संरचनाओं का वस्तुनिष्ठ मापन
- सामाजिक क्रियाओं के अर्थों को समझना (Verstehen)
- समूहों के बीच संघर्ष का विश्लेषण
- सामाजिक व्यवस्था का कार्यात्मक विश्लेषण
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मैक्स वेबर ने “वरस्टेहेन” (Verstehen) की अवधारणा पेश की, जिसका अर्थ है ‘समझना’। यह इस बात पर जोर देता है कि समाजशास्त्रियों को सामाजिक क्रियाओं के पीछे लोगों द्वारा लगाए गए व्यक्तिपरक अर्थों और उद्देश्यों को समझने का प्रयास करना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनके व्याख्यात्मक समाजशास्त्र का केंद्र बिंदु है और उनके कार्य ‘इकोनॉमी एंड सोसाइटी’ में विस्तृत है। यह दुर्खीम के प्रत्यक्षवादी दृष्टिकोण के विपरीत है, जो वस्तुनिष्ठता पर अधिक बल देता है।
- गलत विकल्प: (a) सामाजिक संरचनाओं का वस्तुनिष्ठ मापन प्रत्यक्षवाद या संरचनात्मक कार्यात्मकता की ओर अधिक झुकाव है। (c) सामाजिक संघर्ष का विश्लेषण कार्ल मार्क्स के कार्य का मुख्य विषय है। (d) सामाजिक व्यवस्था का कार्यात्मक विश्लेषण दुर्खीम और पार्सन्स जैसे लोगों के कार्य से अधिक जुड़ा है।
प्रश्न 2: दुर्खीम के अनुसार, समाज में सामाजिक एकजुटता (social solidarity) का सबसे प्राथमिक आधार क्या है?
- साझा उद्देश्य
- सांस्कृतिक भिन्नता
- सामूहिक चेतना (Collective Conscience)
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: एमिल दुर्खीम के लिए, ‘सामूहिक चेतना’ वह समग्रता है जिसमें एक समाज के सदस्यों के विश्वासों, मनोवृत्तियों और ज्ञान का योग शामिल होता है। यह वह सीमेंट है जो समाज को एक साथ बांधता है।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘द डिविजन ऑफ लेबर इन सोसाइटी’ में यांत्रिक एकता (mechanical solidarity) और साव्यवी एकता (organic solidarity) के बीच अंतर किया। यांत्रिक एकता में, सामूहिक चेतना मजबूत होती है, जबकि साव्यवी एकता में, यह व्यक्तिगत भिन्नताओं को समायोजित करने के लिए अधिक लचीली हो जाती है।
- गलत विकल्प: (a) साझा उद्देश्य परिणाम हो सकता है, लेकिन प्राथमिक आधार नहीं। (b) सांस्कृतिक भिन्नता अक्सर सामाजिक एकता को चुनौती दे सकती है। (d) व्यक्तिगत स्वतंत्रता, विशेष रूप से आधुनिक समाजों में, साव्यवी एकता से जुड़ी है, लेकिन यह एकजुटता का प्राथमिक आधार नहीं है।
प्रश्न 3: एम.एन. श्रीनिवास द्वारा गढ़ा गया ‘संस्कृतिकरण’ (Sanskritization) शब्द किससे संबंधित है?
- पश्चिमी संस्कृति को अपनाना
- निम्न जाति का उच्च जाति के रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को अपनाकर सामाजिक स्थिति में सुधार करना
- औद्योगीकरण के कारण सामाजिक परिवर्तन
- धर्मनिरपेक्षता की ओर झुकाव
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: संस्किृतिकरण, एम.एन. श्रीनिवास द्वारा गढ़ा गया शब्द, वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक निचली जाति या जनजाति एक उच्च जाति के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों, विचारधाराओं और जीवन शैली को अपनाकर अपनी सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास करती है।
- संदर्भ और विस्तार: श्रीनिवास ने पहली बार अपनी पुस्तक ‘Religion and Society Among the Coorgs of South India’ में इस अवधारणा का प्रस्ताव रखा था। यह सांस्कृतिक गतिशीलता का एक रूप है, न कि संरचनात्मक गतिशीलता का।
- गलत विकल्प: (a) पश्चिमीकरण पश्चिमी सांस्कृतिक लक्षणों को अपनाने को संदर्भित करता है। (c) औद्योगीकरण एक व्यापक प्रक्रिया है जो विभिन्न सामाजिक परिवर्तनों की ओर ले जाती है, न कि केवल संस्किृतिकरण। (d) धर्मनिरपेक्षता का अर्थ धार्मिक प्रभाव का कम होना है, जो संस्किृतिकरण के विपरीत भी हो सकता है।
प्रश्न 4: कार्ल मार्क्स ने किस शब्द का प्रयोग उन श्रमिकों की स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जो अपने श्रम के उत्पाद, अपनी श्रम प्रक्रिया, अपनी प्रजातिगत प्रकृति और अन्य मनुष्यों से कट गए हैं?
- वर्ग चेतना (Class Consciousness)
- शोषण (Exploitation)
- अलगाव (Alienation)
- अतिरिक्त मूल्य (Surplus Value)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कार्ल मार्क्स के अनुसार, पूंजीवादी उत्पादन व्यवस्था के तहत, श्रमिक अपने श्रम के उत्पाद, अपनी श्रम प्रक्रिया, अपनी मानव प्रकृति (मानवीय सार) और अन्य मनुष्यों से अलग-थलग महसूस करते हैं। इसे ‘अलगाव’ (Alienation) कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनके प्रारंभिक लेखन, विशेष रूप से ‘इकॉनॉमिक एंड फिलोसोफ़िकल मैन्युस्क्रिप्ट्स ऑफ 1844’ में पाई जाती है। मार्क्स का मानना था कि अलगाव वर्ग संघर्ष का एक अनिवार्य परिणाम है।
- गलत विकल्प: (a) वर्ग चेतना वह जागरूकता है जो श्रमिक अपनी साझा स्थिति और हितों के बारे में विकसित करते हैं। (b) शोषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पूंजीपति श्रमिक के श्रम के मूल्य का एक हिस्सा हड़प लेते हैं। (d) अतिरिक्त मूल्य वह मूल्य है जो श्रमिक उत्पादन के दौरान पैदा करता है, लेकिन उसे मजदूरी के रूप में नहीं मिलता।
प्रश्न 5: औद्योगिक समाज में, परिवार की संरचना में किस प्रकार का परिवर्तन देखा गया है, जो अक्सर छोटे, अधिक केंद्रित इकाइयों की ओर ले जाता है?
- संयुक्त परिवार (Joint Family)
- विस्तारित परिवार (Extended Family)
- नाभिकीय परिवार (Nuclear Family)
- पितृसत्तात्मक परिवार (Patriarchal Family)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: औद्योगीकरण, शहरीकरण और व्यक्तिगतकरण की प्रक्रियाओं ने पारंपरिक विस्तारित और संयुक्त परिवारों से नाभिकीय परिवारों (माता-पिता और उनके अविवाहित बच्चे) की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव को बढ़ावा दिया है।
- संदर्भ और विस्तार: नाभिकीय परिवार आर्थिक रूप से अधिक गतिशील होते हैं और अक्सर बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए आवागमन की सुविधा प्रदान करते हैं। यह बदलते सामाजिक और आर्थिक परिवेश के अनुकूलन का एक रूप है।
- गलत विकल्प: (a) और (b) पारंपरिक परिवार संरचनाएं हैं जो औद्योगीकरण से पहले आम थीं। (d) पितृसत्तात्मकता परिवार की शक्ति संरचना से संबंधित है, न कि इसके आकार या संरचनात्मक प्रकार से, हालांकि नाभिकीय परिवारों में भी यह मौजूद हो सकती है।
प्रश्न 6: सामाजिक अनुसंधान में, ‘विश्वसनीयता’ (Reliability) का क्या अर्थ है?
- यह सुनिश्चित करना कि मापन वही माप रहा है जिसका वह दावा करता है।
- एक ही विधि का बार-बार प्रयोग करने पर समान परिणाम प्राप्त करना।
- शोधकर्ता का व्यक्तिगत पूर्वाग्रह कम होना।
- शोध निष्कर्षों की प्रासंगिकता।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 7: टैल्कॉट पार्सन्स ने सामाजिक व्यवस्था के चार कार्यात्मक पूर्व-आवश्यकताओं का एक मॉडल विकसित किया, जिसे उन्होंने AGIL योजना कहा। इसमें ‘I’ का क्या अर्थ है?
- Integration (एकीकरण)
- Intelligence (बुद्धिमत्ता)
- Institution (संस्था)
- Interest (हित)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: पार्सन्स की AGIL योजना में, A का अर्थ ‘अनुकूलन’ (Adaptation), G का अर्थ ‘लक्ष्य प्राप्ति’ (Goal Attainment), I का अर्थ ‘एकीकरण’ (Integration) और L का अर्थ ‘निहितार्थ/व्यवस्था संरक्षण’ (Latency/Pattern Maintenance) है। ‘I’ यानी एकीकरण, समाज के विभिन्न भागों को एक साथ जोड़ने और समन्वयित करने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मॉडल समाज को एक स्व-विनियमन प्रणाली के रूप में देखता है जो अपने सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चार मुख्य कार्यों को करती है।
- गलत विकल्प: (b), (c), और (d) AGIL योजना के घटक नहीं हैं।
प्रश्न 8: रॉबर्ट मर्टन ने ‘कार्य’ (Function) की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए ‘प्रकट कार्य’ (Manifest Functions) और ‘सुप्त कार्य’ (Latent Functions) के बीच अंतर किया। ‘सुप्त कार्य’ का सबसे अच्छा वर्णन क्या है?
- किसी सामाजिक संस्था या व्यवहार के इच्छित और प्रत्यक्ष परिणाम।
- किसी सामाजिक संस्था या व्यवहार के अनपेक्षित और अप्रत्यक्ष परिणाम।
- सामाजिक व्यवस्था के लिए हानिकारक परिणाम।
- दीर्घकालिक सामाजिक परिवर्तन के रुझान।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 9: भारत में आर्थिक उदारीकरण (1991 के बाद) के परिणामस्वरूप किस प्रकार के सामाजिक परिवर्तन को बल मिला?
- संस्किृतिकरण में वृद्धि
- पश्चिमीकरण और आधुनिकीकरण में वृद्धि
- पारंपरिक जाति व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
- ग्रामीण समुदायों का पूर्ण अलगाव
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 10: जॉर्ज हर्बर्ट मीड के अनुसार, ‘स्व’ (Self) का विकास किस प्रक्रिया से होता है?
- प्रभुत्वशाली अन्य (Dominant Other) के साथ पहचान
- संकेतात्मक अन्य (Significant Other) के साथ बातचीत
- ‘मैं’ (I) और ‘मुझे’ (Me) के बीच द्वंद्व
- सामाजिक खेल और भूमिका ग्रहण (Role-taking)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 11: जॉर्ज सिमेल (Georg Simmel) ने सामाजिक अंतःक्रिया के अध्ययन में समूह के आकार के महत्व पर जोर दिया। दो व्यक्तियों के समूह को क्या कहा जाता है?
- त्रय (Triad)
- द्वंद्व (Dyad)
- सामाजिक दूरी (Social Distance)
- अजनबी (Stranger)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 12: एमिल दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘द एलिमेंट्री फॉर्म्स ऑफ रिलीजियस लाइफ’ में धर्म को समाज में किस भूमिका से जोड़ा?
- व्यक्तिगत भय को दूर करना
- सामाजिक नियंत्रण को मजबूत करना
- सामूहिक चेतना और सामाजिक एकजुटता को सुदृढ़ करना
- धार्मिक अनुभव का अलौकिक से संबंध
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 13: भारत में आदिवासी समुदायों को अक्सर किन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
- विकासशील समाजों में पूर्ण समावेश
- भूमि अधिग्रहण और विस्थापन के कारण पहचान का संकट
- आधुनिक शिक्षा प्रणाली से सहज अनुकूलन
- बाहरी दुनिया से पूर्ण अलगाव
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 14: सामाजिक अनुसंधान की किस विधि में शोधकर्ता स्वयं अध्ययन किए जा रहे समूह के सदस्य के रूप में भाग लेता है और अवलोकन करता है?
- सर्वेक्षण (Survey)
- केस स्टडी (Case Study)
- नृवंशविज्ञान (Ethnography) / सहभागी अवलोकन (Participant Observation)
- सामग्री विश्लेषण (Content Analysis)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 15: हर्बर्ट स्पेंसर, जिन्हें अक्सर ‘समाजशास्त्रीय डार्विनवादी’ कहा जाता है, ने समाज के विकास को किस सिद्धांत के माध्यम से समझाया?
- सामाजिक विकास (Social Evolution)
- योग्यतम की उत्तरजीविता (Survival of the Fittest)
- जैविक सादृश्य (Organic Analogy)
- समाजवाद (Socialism)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 16: कार्ल मार्क्स के अनुसार, सर्वहारा वर्ग (proletariat) को अपने वर्ग हितों और मुक्ति की संभावना के बारे में अज्ञानता में रखने वाली प्रमुख शक्ति को क्या कहा जाता है?
- वर्ग चेतना (Class Consciousness)
- विचारधारा (Ideology)
- मिथ्या चेतना (False Consciousness)
- क्रांति (Revolution)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 17: भारतीय समाज में, ‘वर्ण’ (Varna) और ‘जाति’ (Jati) के बीच मुख्य अंतर क्या है?
- वर्ण एक विस्तृत, सैद्धांतिक पदानुक्रम है, जबकि जाति एक संकीर्ण, व्यावहारिक, अंतःप्रजनन समूह है।
- जाति वर्णों का एक उप-विभाजन है।
- वर्ण मुख्य रूप से व्यवसाय पर आधारित है, जबकि जाति पर आधारित है।
- वर्ण हमेशा जन्म से तय होता है, जबकि जाति को अर्जित किया जा सकता है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 18: भारतीय सामाजिक व्यवस्था में ‘जजमानी प्रणाली’ (Jajmani System) का प्राथमिक कार्य क्या था?
- भूमि का पुनः वितरण
- पारस्परिक सेवा और वस्तुओं का विनिमय
- अंतर-जातीय विवाह को बढ़ावा देना
- पूरी तरह से बाजार-आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 19: अगस्टे कॉम्टे ने समाजशास्त्र के विकास में किस ‘तीन चरणों के नियम’ (Law of Three Stages) का प्रस्ताव रखा?
- धार्मिक, आध्यात्मिक, वैज्ञानिक
- सैद्धांतिक, अनुभवजन्य, व्यावहारिक
- धार्मिक (Theological), पारलौकिक (Metaphysical), और प्रत्यक्षवादी (Positive)
- भौतिकवादी, आदर्शवादी, द्वैतवादी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 20: दुर्खीम के अनुसार, ‘एनोमी’ (Anomie) की स्थिति कब उत्पन्न होती है?
- जब समाज में सामाजिक नियंत्रण बहुत मजबूत होता है।
- जब सामाजिक नियम और मानक कमजोर या अनुपस्थित होते हैं, जिससे अनिश्चितता और अव्यवस्था उत्पन्न होती है।
- जब व्यक्ति समाज से पूरी तरह से अलग-थलग महसूस करते हैं।
- जब विभिन्न सामाजिक वर्ग दृढ़ता से विभाजित होते हैं।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 21: शिकागो स्कूल के समाजशास्त्रियों (जैसे रॉबर्ट पार्क) ने शहरी जीवन के अध्ययन में किस प्रमुख दृष्टिकोण का उपयोग किया?
- सामूहिकता (Gemeinschaft)
- मानव पारिस्थितिकी (Human Ecology)
- सामाजिक पूंजी (Social Capital)
- विभाजन (Segregation)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 22: समाजशास्त्र में ‘पूर्ण गरीबी’ (Absolute Poverty) का क्या अर्थ है?
- अन्य लोगों की तुलना में कम आय होना।
- बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं (जैसे भोजन, आश्रय, वस्त्र) को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी।
- गरीबी का सांस्कृतिक रूप से सीखा हुआ व्यवहार।
- पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही गरीबी।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 23: पियरे बॉर्डियू (Pierre Bourdieu) ने समाज में शक्ति और असमानता का विश्लेषण करने के लिए विभिन्न प्रकार की ‘पूंजी’ (Capital) की अवधारणा विकसित की। ‘सांस्कृतिक पूंजी’ (Cultural Capital) में क्या शामिल है?
- वित्तीय संपत्ति और आय।
- सामाजिक नेटवर्क और संबंध।
- ज्ञान, शिक्षा, कौशल, शिष्टाचार और सांस्कृतिक वस्तुओं पर स्वामित्व।
- भौतिक संसाधन और उत्पादन के साधन।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 24: एम.एन. श्रीनिवास ने भारतीय गांवों के अपने अध्ययन में ‘प्रभावी जाति’ (Dominant Caste) की अवधारणा प्रस्तुत की। प्रभावी जाति की मुख्य विशेषता क्या है?
- सबसे बड़ी संख्या वाली जाति
- उच्चतम पदानुक्रम वाली जाति
- गाँव में पर्याप्त भूमि स्वामित्व और संख्यात्मक प्रभुत्व के आधार पर राजनीतिक और आर्थिक शक्ति रखने वाली जाति
- केवल पारंपरिक अनुष्ठानों का पालन करने वाली जाति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 25: जॉर्ज रिज़र (George Ritzer) ने अपनी पुस्तक ‘द मैक्डोनल्डाइजेशन ऑफ सोसाइटी’ में किस प्रक्रिया का वर्णन किया है?
- वैश्वीकरण के कारण संस्कृतियों का संलयन।
- सामाजिक आंदोलनों का प्रसार।
- पैट्रिक-डे, हैम्बर्गर, फ्रेंच फ्राइज़ और मिल्कशेक जैसे फास्ट-फूड रेस्तरां के सिद्धांतों और तर्कसंगतता का समाज के अन्य क्षेत्रों में विस्तार।
- ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में प्रवासन।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण: