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समाजशास्त्र की दैनिक चुनौती: अपनी तैयारी को परखें

समाजशास्त्र की दैनिक चुनौती: अपनी तैयारी को परखें

नमस्कार, भावी समाजशास्त्रियों! आज हम समाजशास्त्र के विशाल सागर में गोता लगाने के लिए तैयार हैं। अपनी संकल्पनात्मक स्पष्टता और विश्लेषणात्मक कौशल को परखने के लिए इस दैनिक बौद्धिक चुनौती का सामना करें। प्रत्येक प्रश्न आपकी समझ को गहरा करेगा और परीक्षा के लिए आपकी तैयारी को और मजबूत करेगा। आइए, आज के अभ्यास को शुरू करें!

समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: ‘वेरस्टेहेन’ (Verstehen) की अवधारणा, जिसका अर्थ है ‘समझना’, समाजशास्त्रीय विश्लेषण में किस विचारक से सबसे अधिक जुड़ी हुई है?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. एमिल दुर्खीम
  3. मैक्स वेबर
  4. जॉर्ज हर्बर्ट मीड

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मैक्स वेबर ने ‘वेरस्टेहेन’ की अवधारणा पेश की, जो समाजशास्त्रियों के लिए व्यक्तियों द्वारा अपनी क्रियाओं को दिए जाने वाले व्यक्तिपरक अर्थों को समझने की आवश्यकता पर जोर देती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनके व्याख्यात्मक समाजशास्त्र (interpretive sociology) का केंद्रीय हिस्सा है और इसे उनकी कृति ‘इकोनॉमी एंड सोसाइटी’ में विस्तार से बताया गया है। यह दुर्खीम के प्रत्यक्षवादी दृष्टिकोण के विपरीत है।
  • गलत विकल्प: ‘अनोमी’ (Anomie) एमिल दुर्खीम द्वारा विकसित एक अवधारणा है, न कि वेबर द्वारा। ‘वर्ग संघर्ष’ (Class conflict) कार्ल मार्क्स का एक केंद्रीय विचार है।

प्रश्न 2: एम.एन. श्रीनिवास द्वारा गढ़ी गई ‘संस्कृति-करण’ (Sanskritization) की अवधारणा क्या संदर्भित करती है?

  1. पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण
  2. सामाजिक गतिशीलता का एक रूप जहाँ निम्न जातियाँ उच्च जातियों के रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को अपनाती हैं
  3. आधुनिकीकरण की प्रक्रिया
  4. शहरीकरण का प्रभाव

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: एम.एन. श्रीनिवास द्वारा गढ़ी गई ‘संस्कृति-करण’ की अवधारणा, वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक निचली जाति या जनजाति उच्च स्थिति प्राप्त करने के लिए एक उच्च जाति के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और विश्वासों को अपनाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: श्रीनिवास ने पहली बार यह अवधारणा अपनी पुस्तक ‘Religion and Society Among the Coorgs of South India’ में प्रस्तावित की थी। यह संरचनात्मक गतिशीलता के बजाय सांस्कृतिक गतिशीलता का एक रूप है।
  • गलत विकल्प: ‘पश्चिमीकरण’ (Westernization) पश्चिमी सांस्कृतिक लक्षणों को अपनाने को संदर्भित करता है, जबकि ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) तकनीकी और संस्थागत परिवर्तनों से संबंधित एक व्यापक अवधारणा है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा समाजशास्त्री ‘सामाजिक तथ्य’ (Social Facts) के सिद्धांत के लिए जाना जाता है?

  1. ऑगस्ट कॉम्ते
  2. हरबर्ट स्पेंसर
  3. कार्ल मार्क्स
  4. एमिल दुर्खीम

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: एमिल दुर्खीम ‘सामाजिक तथ्य’ के सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने सामाजिक तथ्यों को “समाज के सदस्यों पर बाहरी दबाव डालने वाले व्यवहार के तरीके, या तरीके” के रूप में परिभाषित किया है।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘The Rules of Sociological Method’ में इस अवधारणा को विकसित किया, यह तर्क देते हुए कि समाजशास्त्र को सामाजिक तथ्यों का अध्ययन करना चाहिए जैसे कि वे वस्तुएं हों।
  • गलत विकल्प: ऑगस्ट कॉम्ते को समाजशास्त्र के संस्थापक पिताओं में से एक माना जाता है और उन्होंने ‘प्रत्यक्षवाद’ (Positivism) का सिद्धांत दिया। हरबर्ट स्पेंसर ने सामाजिक डार्विनवाद (Social Darwinism) का विचार प्रस्तुत किया। कार्ल मार्क्स आर्थिक निर्धारणवाद और वर्ग संघर्ष पर केंद्रित थे।

प्रश्न 4: ‘अलगाव’ (Alienation) की अवधारणा, विशेष रूप से उत्पादन प्रक्रिया से श्रमिक के अलगाव, किस विचारक के कार्य का एक केंद्रीय विषय है?

  1. मैक्स वेबर
  2. कार्ल मार्क्स
  3. ए.वी. सेंट-साइमन
  4. अगस्ट कॉम्ते

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कार्ल मार्क्स के कार्य का केंद्रीय विषय ‘अलगाव’ (Alienation) की अवधारणा है, खासकर पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली के तहत श्रमिक का अपनी श्रम प्रक्रिया, उत्पाद, साथियों और स्वयं से अलगाव।
  • संदर्भ और विस्तार: मार्क्स ने अपनी प्रारंभिक रचनाओं, जैसे ‘Economic and Philosophic Manuscripts of 1844’, में इस पर विस्तार से लिखा है। वे मानते थे कि पूंजीवाद श्रमिक की रचनात्मक क्षमता को छीन लेता है।
  • गलत विकल्प: मैक्स वेबर नौकरशाही और शक्ति के समाजशास्त्र पर केंद्रित थे। सेंट-साइमन और कॉम्ते समाज के पुनर्गठन और वैज्ञानिक समाजशास्त्र की स्थापना से जुड़े थे।

प्रश्न 5: रॉबर्ट मर्टन के अनुसार, वे अव्यक्त (latent) सामाजिक परिणाम जिनकी आकांक्षा नहीं की जाती है या अनपेक्षित होते हैं, उन्हें क्या कहा जाता है?

  1. प्रकट कार्य (Manifest Functions)
  2. प्रकट दुष्कार्य (Manifest Dysfunctions)
  3. अव्यक्त दुष्कार्य (Latent Dysfunctions)
  4. अव्यक्त कार्य (Latent Functions)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: रॉबर्ट मर्टन ने सामाजिक संरचनात्मक विश्लेषण में ‘प्रकट कार्य’ (जो अपेक्षित परिणाम होते हैं) और ‘अव्यक्त कार्य’ (जो अनपेक्षित परिणाम होते हैं) के बीच अंतर किया।
  • संदर्भ और विस्तार: मर्टन ने अपनी पुस्तक ‘Social Theory and Social Structure’ में इन अवधारणाओं को प्रस्तुत किया। अव्यक्त कार्य वे परिणाम हैं जो किसी सामाजिक पैटर्न या संस्थान के अप्रत्यक्ष या अनपेक्षित परिणाम होते हैं।
  • गलत विकल्प: ‘प्रकट कार्य’ अपेक्षित परिणाम होते हैं। ‘दुष्कार्य’ (Dysfunctions) वे परिणाम होते हैं जो सामाजिक व्यवस्था के विघटन या अस्थिरता में योगदान करते हैं।

प्रश्न 6: भारतीय समाज में ‘वर्ण’ व्यवस्था का मुख्य आधार क्या है?

  1. जन्म
  2. कर्म
  3. धन
  4. ज्ञान

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारतीय समाज में ‘वर्ण’ व्यवस्था का मुख्य आधार जन्म है। व्यक्ति जिस वर्ण में जन्म लेता है, वही उसकी सामाजिक स्थिति, व्यवसाय और भूमिका निर्धारित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: वर्ण व्यवस्था (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र) को प्राचीन भारतीय ग्रंथों में वर्णित किया गया है, हालांकि इसका स्वरूप समय के साथ बदलता रहा है। यह एक अत्यधिक स्तरीकृत और अंतर्विवाही (endogamous) व्यवस्था है।
  • गलत विकल्प: कर्म (Karma) का संबंध पुनर्जन्म और व्यक्तिगत आचरण से है, लेकिन वर्ण के वंशानुगत निर्धारण में जन्म प्राथमिक कारक है। धन और ज्ञान वर्ण निर्धारण के पारंपरिक आधार नहीं थे।

प्रश्न 7: जिस प्रक्रिया में व्यक्ति समाज की संस्कृति और मूल्यों को सीखता है, उसे क्या कहते हैं?

  1. समाजीकरण (Socialization)
  2. पुरस्कार (Rewards)
  3. अधीकरण (Subordination)
  4. अधिग्रहण (Acquisition)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: जिस प्रक्रिया में व्यक्ति समाज की संस्कृति, व्यवहार के मानक, मूल्य और विश्वासों को सीखता है, उसे समाजीकरण (Socialization) कहते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है जो व्यक्ति को समाज का एक सक्षम सदस्य बनने में मदद करती है। इसमें परिवार, स्कूल, साथियों और मीडिया जैसी विभिन्न एजेंसियां ​​शामिल होती हैं।
  • गलत विकल्प: ‘पुरस्कार’ और ‘अधिग्रहण’ इस प्रक्रिया के तत्व हो सकते हैं, लेकिन वे पूरी प्रक्रिया का नाम नहीं हैं। ‘अधीकरण’ का अर्थ है किसी को अधीन बनाना, जो समाजीकरण से भिन्न है।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘जाति’ (Caste) के बारे में गलत है?

  1. यह एक अंतर्विवाही समूह है।
  2. यह कर्म पर आधारित है।
  3. यह वंशानुगत है।
  4. यह एक बंद स्तरीकरण प्रणाली है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: जाति व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह जन्म पर आधारित है, कर्म पर नहीं। हालांकि कर्म का सिद्धांत इसके साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन किसी व्यक्ति की जाति उसके जन्म से तय होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: जाति एक अत्यंत कठोर सामाजिक स्तरीकरण प्रणाली है, जो जन्म से वंशानुगत होती है, सदस्यों को अंतर्विवाह (endogamy) के सख्त नियमों का पालन करने के लिए मजबूर करती है, और इसमें विभिन्न जातियों के बीच खान-पान और सामाजिक संपर्क पर प्रतिबंध शामिल होते हैं। यह एक ‘बंद’ (closed) व्यवस्था मानी जाती है।
  • गलत विकल्प: जाति अंतर्विवाही (a), वंशानुगत (c) और एक बंद स्तरीकरण प्रणाली (d) है। इसलिए, कर्म पर आधारित होने का कथन गलत है।

प्रश्न 9: ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) का मुख्य ध्यान किस पर होता है?

  1. बड़े पैमाने पर सामाजिक संरचनाएं
  2. सामाजिक संस्थाओं का कार्य
  3. व्यक्तियों के बीच सूक्ष्म-स्तरीय अंतःक्रिया और प्रतीकों का अर्थ
  4. सामाजिक परिवर्तन के आर्थिक कारण

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद एक सूक्ष्म-स्तरीय (micro-level) सिद्धांत है जो व्यक्तियों के बीच अर्थों के निर्माण और संचार में प्रतीकों (जैसे भाषा, इशारे) की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: जॉर्ज हर्बर्ट मीड, चार्ल्स कूले और हरबर्ट ब्लूमर जैसे विचारकों से जुड़ा यह सिद्धांत मानता है कि समाज लोगों के बीच होने वाली अंतःक्रियाओं का परिणाम है, और ये अंतःक्रियाएं प्रतीकों के साझा अर्थों के आधार पर होती हैं।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प बड़े पैमाने पर (macro-level) सामाजिक संरचनाओं (a), सामाजिक संस्थाओं के कार्यों (b), या आर्थिक निर्धारणवाद (d) पर जोर देते हैं, जो प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद के मुख्य फोकस से भिन्न हैं।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सामाजिक स्तरीकरण के ‘संघर्ष सिद्धांत’ (Conflict Theory) का प्रमुख समर्थक है?

  1. एमिल दुर्खीम
  2. टालकोट पार्सन्स
  3. कार्ल मार्क्स
  4. मैक्स वेबर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कार्ल मार्क्स को सामाजिक स्तरीकरण के संघर्ष सिद्धांत का प्रमुख समर्थक माना जाता है। वे मानते थे कि समाज असमान समूहों (जैसे बुर्जुआ और सर्वहारा) के बीच शक्ति और संसाधनों के लिए निरंतर संघर्ष का मैदान है।
  • संदर्भ और विस्तार: मार्क्स के अनुसार, स्तरीकरण का मूल आर्थिक व्यवस्था में निहित है, जहां शासक वर्ग (owner of means of production) शोषित वर्ग का शोषण करता है।
  • गलत विकल्प: दुर्खीम कार्यात्मकता (functionalism) से जुड़े थे, पार्सन्स को संरचनात्मक कार्यात्मकता (structural functionalism) का प्रमुख प्रस्तावक माना जाता है, और वेबर स्तरीकरण के बहु-आयामी दृष्टिकोण (वर्ग, स्थिति, शक्ति) के लिए जाने जाते हैं, लेकिन मार्क्स इस सिद्धांत के लिए सबसे सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।

प्रश्न 11: ‘एथनिसिटी’ (Ethnicity) शब्द का क्या अर्थ है?

  1. किसी देश का नागरिक होना
  2. किसी विशेष नस्ल का सदस्य होना
  3. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के आधार पर समान पहचान साझा करने वाले लोगों का समूह
  4. लिंग के आधार पर सामाजिक वर्गीकरण

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘एथनिसिटी’ (जातीयता) एक सामाजिक निर्माण है जो किसी समूह की साझा सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, वंश, भाषा, धर्म, या राष्ट्रीय मूल पर आधारित पहचान को संदर्भित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह स्वयं को एक ऐसे समूह के सदस्य के रूप में देखने की भावना है जो कुछ सांस्कृतिक लक्षणों या ऐतिहासिक अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करता है, जो उन्हें अन्य समूहों से अलग करता है।
  • गलत विकल्प: ‘नागरिकता’ (a) राजनीतिक संबद्धता है। ‘नस्ल’ (b) अक्सर जैविक विशेषताओं पर आधारित एक गलत धारणा होती है, जबकि जातीयता सांस्कृतिक है। ‘लिंग’ (d) सामाजिक लिंग को संदर्भित करता है।

प्रश्न 12: समाजशास्त्र में ‘संरचनात्मक कार्यात्मकता’ (Structural Functionalism) का मुख्य आधार क्या है?

  1. व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर जोर
  2. समाज को परस्पर जुड़े हुए भागों की एक प्रणाली के रूप में देखना, जो स्थिरता बनाए रखते हैं
  3. सामाजिक परिवर्तन का अनियंत्रित होना
  4. शक्ति और संघर्ष की भूमिका

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: संरचनात्मक कार्यात्मकता समाज को एक जटिल प्रणाली के रूप में देखती है जिसके विभिन्न हिस्से (संरचनाएं) मिलकर काम करते हैं ताकि एकजुटता और स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
  • संदर्भ और विस्तार: एमिल दुर्खीम, हरबर्ट स्पेंसर, और टालकोट पार्सन्स जैसे समाजशास्त्रियों ने इस दृष्टिकोण में योगदान दिया। वे समाज को एक जैविक जीव के समान मानते थे, जहां प्रत्येक अंग (संस्था) का एक विशेष कार्य होता है जो पूरे जीव के अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता (a), अनियंत्रित परिवर्तन (c), या शक्ति/संघर्ष (d) पर जोर नहीं देता, बल्कि व्यवस्था और संतुलन पर जोर देता है।

  • प्रश्न 13: भारतीय समाज में ‘संरक्षण’ (Reservation) नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    1. शिक्षा का व्यवसायीकरण
    2. सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना
    3. आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
    4. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: भारत में आरक्षण नीति का मुख्य उद्देश्य ऐतिहासिक रूप से सामाजिक और शैक्षिक रूप से वंचित समुदायों, जैसे अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में अवसरों की समानता प्रदान करना है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए एक सकारात्मक भेदभाव (affirmative action) का उपाय है।
    • गलत विकल्प: यद्यपि इसका अप्रत्यक्ष आर्थिक प्रभाव हो सकता है (c), प्राथमिक लक्ष्य सामाजिक और शैक्षिक असमानताओं को दूर करना है। शिक्षा का व्यवसायीकरण (a) या अंतर्राष्ट्रीय संबंध (d) इसका प्राथमिक उद्देश्य नहीं हैं।

    प्रश्न 14: ‘औद्योगीकरण’ (Industrialization) के परिणामस्वरूप समाज में किस प्रकार का परिवर्तन देखा गया है?

    1. ग्रामीण जीवन शैली का बढ़ना
    2. कृषि पर निर्भरता में वृद्धि
    3. शहरीकरण, मशीनीकरण और बड़े पैमाने पर उत्पादन
    4. पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं का मजबूत होना

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: औद्योगीकरण ने बड़े पैमाने पर शहरीकरण (लोगों का शहरों की ओर पलायन), मशीनीकरण (उत्पादन में मशीनों का प्रयोग), और कारखानों में बड़े पैमाने पर उत्पादन को बढ़ावा दिया है।
    • संदर्भ और विस्तार: इसने पारंपरिक कृषि-आधारित अर्थव्यवस्थाओं को औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में बदल दिया, जिससे सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में मौलिक परिवर्तन हुए।
    • गलत विकल्प: औद्योगीकरण के कारण ग्रामीण जीवन शैली में कमी आई (a) और कृषि पर निर्भरता घटी (b)। इसने अक्सर पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं को विघटित या परिवर्तित किया, न कि मजबूत किया (d)।

    प्रश्न 15: ‘अनोमी’ (Anomie) की अवधारणा, जो समाज में मानदंडों के ढीले पड़ने या अनुपस्थिति की स्थिति को दर्शाती है, किस समाजशास्त्री द्वारा विकसित की गई थी?

    1. ऑगस्ट कॉम्ते
    2. कार्ल मार्क्स
    3. एमिल दुर्खीम
    4. मैक्स वेबर

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: एमिल दुर्खीम ने ‘अनोमी’ की अवधारणा को पेश किया। यह वह स्थिति है जब समाज के सदस्यों के व्यवहार को निर्देशित करने वाले स्पष्ट और साझा सामाजिक मानदंडों का अभाव होता है, जिससे अव्यवस्था और दिशाहीनता की भावना पैदा होती है।
    • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने ‘The Division of Labour in Society’ और ‘Suicide’ जैसी अपनी कृतियों में इस अवधारणा का उपयोग सामाजिक एकजुटता की कमी और उसके परिणामों की व्याख्या करने के लिए किया।
    • गलत विकल्प: मार्क्स वर्ग संघर्ष पर केंद्रित थे। वेबर शक्ति और नौकरशाही से जुड़े थे। कॉम्ते ने प्रत्यक्षवाद का सिद्धांत दिया।

    प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा समुदाय (Community) का आवश्यक तत्व नहीं है?

    1. ‘हम’ की भावना (We-feeling)
    2. भौगोलिक निकटता
    3. सांस्कृतिक समानता
    4. व्यक्तिगत लाभ

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: समुदाय का एक आवश्यक तत्व ‘हम’ की भावना (एक सामूहिक पहचान और अपनेपन की भावना) और अक्सर भौगोलिक निकटता और साझा संस्कृति/रुचि होती है। व्यक्तिगत लाभ (Personal gain) समुदाय का केंद्रीय या आवश्यक तत्व नहीं है, बल्कि स्वार्थ का सूचक है।
    • संदर्भ और विस्तार: एक समुदाय वह सामाजिक समूह है जिसके सदस्य साझा निवास, अंतःक्रिया और अपनेपन की भावना साझा करते हैं।
    • गलत विकल्प: ‘हम’ की भावना (a) और भौगोलिक निकटता (b) समुदाय के महत्वपूर्ण घटक हैं। सांस्कृतिक समानता (c) भी अक्सर देखी जाती है। व्यक्तिगत लाभ (d) समुदाय की भावना के विपरीत हो सकता है।

    प्रश्न 17: मैक्स वेबर के अनुसार, ‘सत्ता’ (Authority) और ‘बल’ (Force) में मुख्य अंतर क्या है?

    1. सत्ता वैध होती है, जबकि बल नहीं।
    2. बल हमेशा सत्ता से अधिक शक्तिशाली होता है।
    3. सत्ता केवल व्यक्तिगत होती है, जबकि बल संस्थागत।
    4. इन दोनों में कोई अंतर नहीं है।

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: वेबर ने ‘सत्ता’ को ‘बल’ से इस आधार पर अलग किया कि सत्ता को मानने वालों द्वारा ‘वैध’ (legitimate) माना जाता है, जबकि बल में जबरदस्ती या अनुनय का अभाव होता है।
    • संदर्भ और विस्तार: वेबर ने तीन प्रकार की वैध सत्ता की पहचान की: पारंपरिक, करिश्माई और कानूनी-तर्कसंगत। बल के प्रयोग के बिना लोगों को आज्ञा मानने के लिए राजी करने की क्षमता को सत्ता कहते हैं।
    • गलत विकल्प: बल हमेशा सत्ता से अधिक शक्तिशाली नहीं होता (b)। सत्ता व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों हो सकती है (c)।

    प्रश्न 18: परिवार की कौन सी संरचना सबसे सामान्य मानी जाती है?

    1. संयुक्त परिवार
    2. एकल परिवार (Nuclear family)
    3. विस्तारित परिवार
    4. विस्तारित एकल परिवार

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: आधुनिक समाजों में, विशेष रूप से पश्चिमीकरण और शहरीकरण के प्रभाव के कारण, एकल परिवार (माता-पिता और उनके अविवाहित बच्चे) सबसे सामान्य संरचना के रूप में उभरा है।
    • संदर्भ और विस्तार: हालांकि संयुक्त परिवार (कई पीढ़ियों के सदस्य एक साथ रहते हैं) और विस्तारित परिवार (माता-पिता, बच्चे और अन्य रिश्तेदार) अभी भी कई संस्कृतियों में मौजूद हैं, एकल परिवार की संरचना व्यक्तिगत गतिशीलता और आर्थिक परिवर्तनों के अनुकूल है।
    • गलत विकल्प: संयुक्त (a) और विस्तारित (c) परिवार कम सामान्य हो रहे हैं। विस्तारित एकल परिवार (d) एक मध्यवर्ती रूप है।

    प्रश्न 19: भारतीय समाज में, ‘धर्म’ (Religion) ने किस भूमिका का निर्वहन किया है?

    1. केवल एक व्यक्तिगत विश्वास प्रणाली
    2. सामाजिक एकता और भिन्नता दोनों का स्रोत
    3. सामाजिक विघटन का प्रमुख कारण
    4. राजनीतिक शक्ति का एकमात्र स्रोत

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: भारतीय समाज में, धर्म ने सामाजिक एकता (साझा अनुष्ठान, विश्वास, त्योहार) और साथ ही सामाजिक भिन्नता (विभिन्न संप्रदाय, जाति-आधारित समूह, धार्मिक अल्पसंख्यकों के मुद्दे) दोनों का स्रोत रहा है।
    • संदर्भ और विस्तार: धर्म ने सामाजिक मूल्यों, नैतिकता और पहचान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, यह ऐतिहासिक रूप से विभिन्न समुदायों के बीच संघर्ष और विभेदन का कारण भी रहा है।
    • गलत विकल्प: धर्म केवल व्यक्तिगत विश्वास (a) नहीं है, बल्कि एक शक्तिशाली सामाजिक शक्ति है। यह हमेशा सामाजिक विघटन (c) का कारण नहीं होता, बल्कि कई बार एकता का भी। यह राजनीतिक शक्ति का एकमात्र स्रोत (d) नहीं रहा है।

    प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सी समाजशास्त्रीय अनुसंधान पद्धति ‘कारण और प्रभाव’ (Cause and Effect) स्थापित करने के लिए सबसे प्रभावी मानी जाती है?

    1. प्रगणित सर्वेक्षण (Survey Research)
    2. क्षेत्र अध्ययन (Field Study)
    3. प्रयोग (Experiment)
    4. मामला अध्ययन (Case Study)

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: नियंत्रित प्रयोग (Controlled experiments) समाजशास्त्र में कारण और प्रभाव संबंधों को स्थापित करने के लिए सबसे प्रभावी पद्धति मानी जाती है, क्योंकि यह चरों (variables) में हेरफेर करके और अन्य संभावित कारणों को नियंत्रित करके अवलोकन की अनुमति देता है।
    • संदर्भ और विस्तार: इस पद्धति में, एक स्वतंत्र चर (independent variable) में हेरफेर किया जाता है और एक आश्रित चर (dependent variable) पर इसके प्रभाव को मापा जाता है, जबकि अन्य सभी चरों को स्थिर रखा जाता है।
    • गलत विकल्प: सर्वेक्षण (a), क्षेत्र अध्ययन (b), और मामला अध्ययन (d) संबंध (correlation) खोजने या वर्णन करने के लिए उपयोगी हैं, लेकिन कारण-कार्य संबंध स्थापित करने के लिए उतने सटीक नहीं हैं।

    प्रश्न 21: ‘पोटलच’ (Potlatch) का अध्ययन, जो प्रशांत उत्तर-पश्चिम के मूल अमेरिकी जनजातियों के बीच एक अनुष्ठानिक उपहार-देने की प्रथा है, किस समाजशास्त्री द्वारा किया गया था?

    1. कार्ल मार्क्स
    2. मैक्स वेबर
    3. मर्सिडास मौस
    4. अल्फ्रेड रेटक्लिफ ब्राउन

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: फ्रांसीसी समाजशास्त्री मर्सिडास मौस (Marcel Mauss) ने अपनी प्रभावशाली पुस्तक ‘The Gift’ (द गिफ्ट) में पोटलच (Potlatch) का विस्तृत विश्लेषण किया था।
    • संदर्भ और विस्तार: मौस ने दिखाया कि कैसे इस तरह की प्रथाएं केवल उपहारों का आदान-प्रदान नहीं हैं, बल्कि शक्ति, स्थिति, सामाजिक संबंधों और सामूहिकता को बनाए रखने के जटिल सामाजिक तंत्र हैं।
    • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स और मैक्स वेबर आर्थिक और शक्ति संरचनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करते थे। अल्फ्रेड रेडक्लिफ-ब्राउन संरचनात्मक कार्यात्मकता और सामाजिक नृविज्ञान से जुड़े थे, लेकिन पोटलच के विश्लेषण के लिए मौस प्राथमिक स्रोत हैं।

    प्रश्न 22: शहरीकरण (Urbanization) के कारण निम्नलिखित में से कौन सी सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?

    1. पारिवारिक बंधनों का मजबूत होना
    2. सामुदायिक भावना में वृद्धि
    3. अपराध, भीड़भाड़ और प्रदूषण
    4. सामाजिक असमानता का कम होना

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: तीव्र शहरीकरण अक्सर आवास की कमी (भीड़भाड़), अपर्याप्त सार्वजनिक सेवाओं, बढ़ती बेरोजगारी, अपराध दर में वृद्धि और पर्यावरणीय प्रदूषण जैसी सामाजिक समस्याओं को जन्म देता है।
    • संदर्भ और विस्तार: शहरों की ओर बड़े पैमाने पर जनसंख्या प्रवास से संसाधनों पर दबाव पड़ता है और सामाजिक नियंत्रण के पारंपरिक साधन कमजोर पड़ सकते हैं।
    • गलत विकल्प: शहरीकरण अक्सर पारिवारिक बंधनों को कमजोर करता है (a) और सामुदायिक भावना को कम कर सकता है (b)। यह सामाजिक असमानता को अक्सर बढ़ा देता है (d), कम नहीं करता।

    प्रश्न 23: ‘सब-कल्चर’ (Subculture) क्या है?

    1. एक पूरी तरह से नई संस्कृति का निर्माण
    2. किसी बड़े समाज के भीतर मौजूद सांस्कृतिक विशेषताओं और मूल्यों का एक अनूठा सेट, जो मुख्यधारा की संस्कृति से भिन्न होता है
    3. संस्कृति का सबसे आदिम रूप
    4. संस्कृति का सार्वभौमिक तत्व

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: सब-कल्चर (उप-संस्कृति) किसी प्रमुख या मुख्यधारा की संस्कृति के भीतर मौजूद सांस्कृतिक पैटर्न, मूल्यों, मानदंडों और व्यवहारों का एक विशिष्ट सेट है, जो उसे समग्र समाज से कुछ हद तक अलग करता है।
    • संदर्भ और विस्तार: उदाहरणों में युवा संस्कृति, या विभिन्न जातीय या व्यावसायिक समूह शामिल हो सकते हैं। यह मुख्य संस्कृति को स्वीकार करते हुए अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखता है।
    • गलत विकल्प: यह एक नई संस्कृति (a) नहीं है, न ही सबसे आदिम (c) या सार्वभौमिक (d) तत्व।

    प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अभिज्ञान वर्ग’ (Elite) की अवधारणा के बारे में सही है, जैसा कि विल्फ्रेडो परेटो और गेटाना मोस्का द्वारा विकसित किया गया है?

    1. यह समाज का सबसे बड़ा और सबसे आम वर्ग है।
    2. यह एक छोटा, संगठित और शासक अल्पसंख्यक वर्ग है।
    3. यह वर्ग केवल आर्थिक शक्ति पर आधारित होता है।
    4. यह वर्ग जन्म से तय नहीं होता।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: परेटो और मोस्का के अभिज्ञान सिद्धांत के अनुसार, हर समाज में एक छोटा, संगठित अल्पसंख्यक वर्ग होता है जो सत्ता और संसाधनों पर हावी होता है, जबकि बाकी लोग शासक वर्ग द्वारा शासित होते हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: यह शासक वर्ग अपनी संगठनात्मक क्षमता, राजनीतिक कौशल या अन्य गुणों के कारण सत्ता प्राप्त करता है, न कि केवल बड़े पैमाने पर जनसंख्या का हिस्सा होने के कारण।
    • गलत विकल्प: यह समाज का सबसे बड़ा वर्ग नहीं है (a)। यह केवल आर्थिक (c) नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक शक्ति से भी जुड़ा हो सकता है। यह कुछ हद तक जन्म से प्रभावित हो सकता है, लेकिन मुख्य रूप से संगठनात्मक गुणों पर निर्भर करता है (d)।

    प्रश्न 25: भारतीय समाज में ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) की प्रक्रिया ने किन सामाजिक संस्थानों को सबसे अधिक प्रभावित किया है?

    1. केवल परिवार
    2. केवल धर्म
    3. परिवार, धर्म, शिक्षा और राजनीति जैसे लगभग सभी प्रमुख सामाजिक संस्थान
    4. केवल अर्थव्यवस्था

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: आधुनिकीकरण एक व्यापक प्रक्रिया है जिसने भारतीय समाज के लगभग सभी प्रमुख संस्थानों को प्रभावित किया है, जिनमें परिवार (एकल परिवार का उदय), धर्म (धर्मनिरपेक्षता का उदय), शिक्षा (सार्वभौमिकरण और गुणवत्ता सुधार), और राजनीति (लोकतंत्र, नागरिक अधिकार) शामिल हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: इसने जीवन शैली, मूल्यों, विश्वासों और व्यवहारों में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए हैं।
    • गलत विकल्प: आधुनिकीकरण किसी एक संस्थान तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि इसका प्रभाव व्यापक रहा है।

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