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समाजशास्त्र की तैयारी: आज का विशेष अभ्यास

समाजशास्त्र की तैयारी: आज का विशेष अभ्यास

स्वागत है, भविष्य के समाजशास्त्रियों! आज हम आपके ज्ञान की धार तेज करने के लिए 25 अत्यंत महत्वपूर्ण समाजशास्त्रीय प्रश्नों का एक विशेष सेट लेकर आए हैं। ये प्रश्न आपके प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आपकी वैचारिक स्पष्टता और विश्लेषणात्मक कौशल का परीक्षण करेंगे। कमर कस लें और इस बौद्धिक यात्रा का आनंद लें!

समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: ‘सामाजिक तथ्य’ (Social Fact) की अवधारणा को किसने प्रतिपादित किया?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. मैक्स वेबर
  3. एमिल दुर्खीम
  4. हरबर्ट स्पेंसर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: एमिल दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘समाजशास्त्रीय पद्धति के नियम’ (The Rules of Sociological Method) में ‘सामाजिक तथ्य’ की अवधारणा को परिभाषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम के अनुसार, सामाजिक तथ्य बाहरी होते हैं, बाध्यकारी होते हैं, और व्यक्ति से भिन्न रूप से मौजूद होते हैं। वे समाज के सामूहिक चेतना का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे रीति-रिवाज, कानून, नैतिकता और विश्वास।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स वर्ग संघर्ष पर केंद्रित थे, मैक्स वेबर ने ‘वेरस्टेहेन’ (Verstehen) पर बल दिया, और हरबर्ट स्पेंसर ने सामाजिक डार्विनवाद के विचारों को विकसित किया।

प्रश्न 2: ‘हमेशा साथ रहना’ (Gemeinschaft) और ‘समाज’ (Gesellschaft) की अवधारणाएं किस समाजशास्त्री से संबंधित हैं?

  1. ताлкоट पार्सन्स
  2. फर्डिनेंड टोनीस
  3. जॉर्ज सिमेल
  4. चार्ल्स कूली

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: जर्मन समाजशास्त्री फर्डिनेंड टोनीस ने अपनी कृति ‘Gemeinschaft und Gesellschaft’ (1887) में इन दो प्रकार के सामाजिक संबंधों का वर्णन किया।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘हमेशा साथ रहना’ (Gemeinschaft) अनौपचारिक, भावनात्मक और व्यक्तिगत संबंधों का एक समुदाय है, जो साझा विश्वासों और परंपराओं पर आधारित है (जैसे परिवार, गांव)। ‘समाज’ (Gesellschaft) अधिक औपचारिक, उद्देश्यपूर्ण और व्यक्तिगत स्वार्थों पर आधारित संबंधों का एक समूह है (जैसे आधुनिक शहर, व्यवसाय)।
  • गलत विकल्प: ताлкоट पार्सन्स ने संरचनात्मक-प्रकार्यवाद, जॉर्ज सिमेल ने सामाजिक रूप (social forms) और चार्ल्स कूली ने ‘प्राथमिक समूह’ (primary group) की अवधारणाएँ दीं।

प्रश्न 3: ‘संरचनात्मक-प्रकार्यवाद’ (Structural-Functionalism) के प्रमुख प्रस्तावक कौन माने जाते हैं?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. रॉबर्ट मर्टन
  3. अल्फ्रेड रेडक्लिफ-ब्राउन
  4. इरावती कर्वे

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: अल्फ्रेड रेडक्लिफ-ब्राउन को ब्रिटिश मानवविज्ञान में संरचनात्मक-प्रकार्यवाद का प्रमुख प्रस्तावक माना जाता है। ताлкоट पार्सन्स और रॉबर्ट मर्टन भी इस दृष्टिकोण से जुड़े हैं, लेकिन रेडक्लिफ-ब्राउन ने समाज को एक एकीकृत प्रणाली के रूप में देखा जहाँ प्रत्येक अंग (संस्था) का एक विशेष कार्य होता है जो समग्र संरचना के अस्तित्व को बनाए रखता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत मानता है कि समाज विभिन्न परस्पर संबंधित भागों से बना है, और प्रत्येक भाग का एक कार्य है जो समाज के संतुलन और स्थिरता में योगदान देता है।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स संघर्ष सिद्धांत से जुड़े हैं। रॉबर्ट मर्टन ने ‘कार्य’, ‘प्रकार्य’ (function) और ‘प्रकटन’ (manifest) तथा ‘अप्रकटन’ (latent) कार्यों जैसे महत्वपूर्ण विचारों का योगदान दिया, लेकिन रेडक्लिफ-ब्राउन को मूल प्रस्तावक माना जाता है। इरावती कर्वे भारतीय समाजशास्त्री हैं जिन्होंने नातेदारी व्यवस्था पर काम किया।

प्रश्न 4: ‘आत्मसात्करण’ (Assimilation) का वह प्रकार जिसमें एक अल्पसंख्यक समूह अपनी सांस्कृतिक पहचान खो देता है और बहुसंख्यक समूह की संस्कृति को पूरी तरह अपना लेता है, क्या कहलाता है?

  1. संगम (Melting Pot)
  2. सांस्कृतिक सापेक्षवाद (Cultural Relativism)
  3. अनुकूलन (Accommodation)
  4. एकल-मार्गी आत्मसात्करण (Straight-line Assimilation)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: एकल-मार्गी आत्मसात्करण (Straight-line Assimilation) उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जहाँ अल्पसंख्यक समूह न केवल अपनी सांस्कृतिक विशिष्टताओं को छोड़ देते हैं, बल्कि अपनी सामाजिक पहचान भी बहुसंख्यक समूह में पूरी तरह से विलीन कर देते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आत्मसात्करण का एक रूप है जहाँ अल्पसंख्यक समूह धीरे-धीरे बहुसंख्यक समाज के मानदंडों, मूल्यों और जीवन शैली को अपना लेते हैं।
  • गलत विकल्प: ‘संगम’ (Melting Pot) में विभिन्न संस्कृतियाँ मिलकर एक नई मिश्रित संस्कृति बनाती हैं। ‘सांस्कृतिक सापेक्षवाद’ विभिन्न संस्कृतियों को उनके अपने संदर्भों में समझने पर बल देता है। ‘अनुकूलन’ (Accommodation) में विभिन्न समूह एक साथ रहने के तरीके खोज लेते हैं, बिना पूरी तरह आत्मसात किए।

प्रश्न 5: भारतीय समाज में ‘डॉक्टर, वकील, इंजीनियर’ जैसे व्यवसायों को किस प्रकार की सामाजिक स्तरीकरण (Social Stratification) व्यवस्था के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है?

  1. दास प्रथा (Slavery)
  2. जाति व्यवस्था (Caste System)
  3. वर्ग व्यवस्था (Class System)
  4. संपत्ति (Estate System)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: आधुनिक व्यवसायों जैसे डॉक्टर, वकील, इंजीनियर में प्रवेश मुख्य रूप से व्यक्ति की योग्यता, शिक्षा और आर्थिक स्थिति पर आधारित होता है, जो कि वर्ग व्यवस्था (Class System) की विशेषता है।
  • संदर्भ और विस्तार: वर्ग व्यवस्था एक खुला स्तरीकरण है जो आर्थिक आधार पर निर्मित होता है और जिसमें सामाजिक गतिशीलता (social mobility) संभव है। इसके विपरीत, जाति व्यवस्था एक बंद स्तरीकरण है जो जन्म पर आधारित है और जिसमें गतिशीलता अत्यंत सीमित है।
  • गलत विकल्प: दास प्रथा में व्यक्ति को संपत्ति माना जाता है। जाति व्यवस्था जन्म पर आधारित है। संपत्ति व्यवस्था सामंती समाजों में प्रचलित थी जहाँ अधिकार जन्म और पद से निर्धारित होते थे।

  • प्रश्न 6: ‘सामूहिक प्रतिनिधित्व’ (Collective Representation) की अवधारणा समाजशास्त्र के किस प्रमुख विचारक से संबंधित है?

    1. मैक्स वेबर
    2. कार्ल मार्क्स
    3. एमिल दुर्खीम
    4. जॉर्ज हर्बर्ट मीड

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: एमिल दुर्खीम ने ‘सामूहिक प्रतिनिधित्व’ की अवधारणा का उपयोग यह समझाने के लिए किया कि कैसे समाज के सदस्यों के पास सामान्य विचार, विश्वास और मूल्य होते हैं जो उन्हें एक साथ बांधते हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: ये सामूहिक प्रतिनिधित्व समाज की सामूहिक चेतना (collective consciousness) के परिणाम हैं और सामाजिक एकता (social solidarity) को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये सामाजिक तथ्य के रूप में व्यक्ति से स्वतंत्र होते हैं।
    • गलत विकल्प: मैक्स वेबर ने ‘प्रक्रियात्मक तर्कसंगतता’ (instrumental rationality) और ‘मूल्य तर्कसंगतता’ (value rationality) पर ध्यान केंद्रित किया। कार्ल मार्क्स ने ‘वर्ग चेतना’ (class consciousness) पर जोर दिया। जॉर्ज हर्बर्ट मीड ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (symbolic interactionism) के प्रमुख व्यक्ति हैं।

    प्रश्न 7: ‘अजनबी’ (The Stranger) की अवधारणा का समाजशास्त्रीय विश्लेषण किसने प्रस्तुत किया?

    1. जॉर्ज सिमेल
    2. मैनफोर्ड क्यून
    3. रॉबर्ट पार्क
    4. अर्नेस्ट बर्जेज

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: जॉर्ज सिमेल ने अपनी प्रसिद्ध निबंध ‘The Stranger’ में ‘अजनबी’ की अवधारणा का गहन समाजशास्त्रीय विश्लेषण प्रस्तुत किया।
    • संदर्भ और विस्तार: सिमेल के अनुसार, अजनबी वह व्यक्ति है जो एक समूह का सदस्य तो है, लेकिन साथ ही उससे कुछ दूरी भी बनाए रखता है। यह दूरी उसे वस्तुनिष्ठ (objective) और स्वतंत्र दृष्टिकोण रखने में मदद करती है, जिससे वह समूह के आंतरिक सदस्यों से अलग होता है।
    • गलत विकल्प: मैनफोर्ड क्यून ने ‘सामाजिक संपर्क’ (social interaction) पर काम किया। रॉबर्ट पार्क और अर्नेस्ट बर्जेज शिकागो स्कूल से जुड़े थे और उन्होंने ‘शहरीकरण’ (urbanization) व ‘मानव पारिस्थितिकी’ (human ecology) पर महत्वपूर्ण कार्य किया।

    प्रश्न 8: ‘जातिगत पंचायत’ (Caste Panchayat) भारतीय समाज में किस प्रकार की भूमिका निभाती है?

    1. केवल सांस्कृतिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना
    2. केवल आर्थिक गतिविधियों का नियमन करना
    3. सामाजिक व्यवस्था, व्यवहार और न्याय का अनौपचारिक नियमन करना
    4. केवल धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करना

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: जातिगत पंचायतें ऐतिहासिक रूप से अपने जाति समुदाय के सदस्यों के व्यवहार, सामाजिक रीति-रिवाजों, विवाह संबंधों और कभी-कभी छोटे-मोटे विवादों के न्याय में अनौपचारिक नियमन और नियंत्रण का कार्य करती रही हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: ये संस्थाएं समुदाय के मानदंडों को बनाए रखने और अनुशासन स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनकी शक्ति परंपरा और समुदाय की सहमति पर आधारित होती है।
    • गलत विकल्प: ये केवल सांस्कृतिक या आर्थिक गतिविधियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक व्यवहार का व्यापक नियमन करती हैं। ये प्राथमिक रूप से धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन के लिए नहीं बल्कि सामाजिक व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होती हैं।

    प्रश्न 9: ‘विभेदीय साहचर्य’ (Differential Association) का सिद्धांत किसने विकसित किया, जो अपराधशास्त्र (Criminology) से संबंधित है?

    1. एडविन सदरलैंड
    2. एमिल दुर्खीम
    3. सी. राइट मिल्स
    4. कैथरीन हॉकिन्स

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: एडविन सदरलैंड ने ‘विभेदीय साहचर्य’ का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जो बताता है कि व्यक्ति अपराध करना सीखता है, न कि यह जन्मजात होता है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत बताता है कि व्यक्ति उन लोगों के साथ साहचर्य (association) के माध्यम से आपराधिक व्यवहार सीखता है जो अनुकूल परिभाषाओं (favorable definitions) का समर्थन करते हैं। यह सीखने की प्रक्रिया में दूसरों के साथ बातचीत के माध्यम से होती है।
    • गलत विकल्प: एमिल दुर्खीम ने सामाजिक तथ्य और आत्महत्या पर काम किया। सी. राइट मिल्स ने ‘शक्ति अभिजन’ (Power Elite) की अवधारणा दी। कैथरीन हॉकिन्स इस क्षेत्र में एक अलग विचारक हैं।

    प्रश्न 10: ‘सामाजिक पूंजी’ (Social Capital) की अवधारणा मुख्य रूप से किससे संबंधित है?

    1. व्यक्तिगत धन और संपत्ति
    2. लोगों के बीच संबंध, विश्वास और सहयोग के नेटवर्क
    3. शैक्षणिक योग्यता और कौशल
    4. भौतिक संसाधन और उपकरण

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: सामाजिक पूंजी का अर्थ व्यक्तियों या समूहों के बीच मौजूद संबंधों, सामाजिक नेटवर्क, विश्वास और पारस्परिकता से है, जो उन्हें सामान्य लक्ष्य प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: इसे अक्सर पियरे बॉर्डियू (Pierre Bourdieu) और रॉबर्ट पुटनम (Robert Putnam) जैसे विचारकों से जोड़ा जाता है। सामाजिक पूंजी सामाजिक जुड़ाव से उत्पन्न होने वाले लाभों को संदर्भित करती है।
    • गलत विकल्प: व्यक्तिगत धन (a) वित्तीय पूंजी है। शैक्षणिक योग्यता (c) मानव पूंजी है। भौतिक संसाधन (d) भौतिक पूंजी हैं।

    प्रश्न 11: ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) की प्रक्रिया में निम्नलिखित में से कौन सी एक विशेषता शामिल नहीं है?

    1. औद्योगीकरण
    2. शहरीकरण
    3. धर्मनिरपेक्षीकरण (Secularization)
    4. पारंपरिक संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: आधुनिकीकरण की प्रक्रिया पारंपरिक समाजों को औद्योगिक, शहरी और अधिक धर्मनिरपेक्ष समाजों में बदलने से संबंधित है। इसलिए, पारंपरिक संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण (strengthening) आधुनिकीकरण की विशेषता नहीं है, बल्कि उनका रूपांतरण या क्षरण (decline) इसकी एक विशेषता है।
    • संदर्भ और विस्तार: आधुनिकीकरण में अक्सर तर्कसंगतता, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और एक केंद्रीयकृत राज्य का विकास शामिल होता है।
    • गलत विकल्प: औद्योगीकरण, शहरीकरण और धर्मनिरपेक्षीकरण आधुनिकीकरण की प्रमुख विशेषताएं हैं।

    प्रश्न 12: ‘सांस्कृतिक विलंब’ (Cultural Lag) की अवधारणा किसने प्रतिपादित की?

    1. विलियम ओगबर्न
    2. रॉबर्ट ई. पार्क
    3. ई.टी. हॉल
    4. ए.एल. क्रॉबर

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: विलियम ओगबर्न ने 1922 में ‘सांस्कृतिक विलंब’ की अवधारणा विकसित की।
    • संदर्भ और विस्तार: यह तब होता है जब समाज के भौतिक संस्कृति (जैसे प्रौद्योगिकी, गैजेट्स) में परिवर्तन उस दर से नहीं होता है जिस दर से अभौतिक संस्कृति (जैसे रीति-रिवाज, मूल्य, कानून) में होता है। यह अंतर सामाजिक समस्याओं को जन्म दे सकता है।
    • गलत विकल्प: रॉबर्ट ई. पार्क शहरी समाजशास्त्र से जुड़े थे। ई.टी. हॉल संचार और ‘प्रॉक्सिमिक्स’ (proxemics) पर काम करते थे। ए.एल. क्रॉबर संस्कृति और प्रसार (diffusion) पर प्रमुख व्यक्ति थे।

    प्रश्न 13: ‘अहस्तक्षेप’ (Laissez-faire) की नीति, जो सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में राज्य के न्यूनतम हस्तक्षेप को दर्शाती है, किस विचार से जुड़ी है?

    1. समाजवाद
    2. साम्यवाद
    3. उदारवाद
    4. संरक्षणवाद

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: ‘अहस्तक्षेप’ या ‘लेसेज़-फेयर’ की नीति मूल रूप से उदारवादी (Liberal) आर्थिक और सामाजिक विचारों से जुड़ी है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मुक्त बाजार पर जोर देते हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: यह विचार मानता है कि बाजार और समाज स्वयं को कुशलतापूर्वक नियंत्रित कर सकते हैं यदि सरकार का हस्तक्षेप न्यूनतम हो।
    • गलत विकल्प: समाजवाद और साम्यवाद में राज्य का सक्रिय हस्तक्षेप और नियंत्रण प्रमुख है। संरक्षणवाद (Protectionism) घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी हस्तक्षेप की वकालत करता है।

    प्रश्न 14: ‘स्व’ (Self) के विकास में ‘आई’ (I) और ‘मी’ (Me) की अवधारणा किसने दी?

    1. ए.एच. ब्लूमर
    2. ई.टी. हॉल
    3. जॉर्ज हर्बर्ट मीड
    4. सोरोकिन

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: जॉर्ज हर्बर्ट मीड ने ‘स्व’ (Self) के विकास को समझाने के लिए ‘आई’ (I) और ‘मी’ (Me) की अवधारणाएं प्रस्तुत कीं, जो उनके प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद (symbolic interactionism) का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
    • संदर्भ और विस्तार: ‘मी’ (Me) सामाजिक रूप से निर्मित ‘स्व’ है, जिसमें समाज के सामान्यीकृत दूसरे (generalized other) के दृष्टिकोण शामिल होते हैं। ‘आई’ (I) ‘मी’ की प्रतिक्रिया है, जो व्यक्ति की नवीनता, आवेग और अप्रत्याशितता को दर्शाता है।
    • गलत विकल्प: हर्बर्ट ब्लूमर प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद को विकसित करने वाले प्रमुख व्यक्ति थे। ई.टी. हॉल संचार पर काम करते थे। सोरोकिन ने सामाजिक स्तरीकरण और चक्रीय सिद्धांत पर काम किया।

    प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सामाजिक परिवर्तन का एक कारण नहीं माना जाता है?

    1. प्रौद्योगिकी
    2. भौगोलिक कारक
    3. जनांकिकी परिवर्तन
    4. धार्मिक कर्मकांड

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: जबकि धर्म जीवन के अन्य पहलुओं को प्रभावित कर सकता है, ‘धार्मिक कर्मकांड’ (religious rituals) स्वयं में सामाजिक परिवर्तन का प्राथमिक या प्रत्यक्ष कारण नहीं माने जाते हैं, खासकर प्रौद्योगिकी, भौगोलिक कारकों और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों की तुलना में।
    • संदर्भ और विस्तार: प्रौद्योगिकी नए उत्पादक बल लाती है, भौगोलिक कारक संसाधनों और अवसरों को प्रभावित करते हैं, और जनसांख्यिकीय परिवर्तन (जैसे जनसंख्या वृद्धि या कमी) सामाजिक संरचनाओं को बदलते हैं।
    • गलत विकल्प: प्रौद्योगिकी, भौगोलिक कारक और जनसांख्यिकी परिवर्तन सामाजिक परिवर्तन के स्थापित कारण हैं।

    प्रश्न 16: ‘अनौपचारिक नेतृत्व’ (Informal Leadership) प्रायः किस प्रकार के समूहों में अधिक प्रभावी होता है?

    1. बड़े पैमाने पर संगठन
    2. औपचारिक संगठन
    3. प्राथमिक समूह
    4. सार्वजनिक सभाएँ

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: अनौपचारिक नेतृत्व, जो व्यक्तिगत संबंधों, प्रभाव और सम्मान पर आधारित होता है, प्राथमिक समूहों (जैसे परिवार, मित्रमंडली) में अधिक प्रभावी होता है जहाँ गहरे भावनात्मक संबंध और आपसी विश्वास मौजूद होता है।
    • संदर्भ और विस्तार: औपचारिक समूहों (जैसे कंपनियाँ, सरकारें) में नेतृत्व प्रायः पद या अधिकार पर आधारित होता है।
    • गलत विकल्प: बड़े पैमाने के संगठन और औपचारिक संगठन मुख्य रूप से औपचारिक नेतृत्व पर निर्भर करते हैं। सार्वजनिक सभाओं में नेतृत्व अनौपचारिक हो सकता है, लेकिन प्राथमिक समूहों में इसका प्रभाव अधिक गहरा और स्थिर होता है।

    प्रश्न 17: ‘नारीवाद’ (Feminism) की प्रमुख समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य निम्नलिखित में से किस पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित करती है?

    1. आर्थिक असमानता
    2. जातिगत भेदभाव
    3. लिंग आधारित असमानता और शक्ति संबंध
    4. धार्मिक रूढ़िवादिता

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: नारीवाद का मुख्य सरोकार समाज में लिंग आधारित असमानताओं, महिलाओं के उत्पीड़न और शक्ति संरचनाओं का विश्लेषण करना है।
    • संदर्भ और विस्तार: नारीवादी सिद्धांत पुरुषों और महिलाओं के बीच सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है।
    • गलत विकल्प: जबकि नारीवाद आर्थिक असमानता (a), जातिगत भेदभाव (b) और धार्मिक रूढ़िवादिता (d) से भी जुड़ सकता है, इसका केंद्रीय ध्यान लिंग (gender) और उससे उत्पन्न होने वाले मुद्दों पर होता है।

    प्रश्न 18: ‘आनुष्ठानिक शिथिलता’ (Ritualism) की अवधारणा, जो एक समाजशास्त्रीय शब्द है, अक्सर किस संदर्भ में प्रयोग की जाती है?

    1. धार्मिक अनुष्ठानों के महत्व में वृद्धि
    2. नियमों और प्रक्रियाओं पर अत्यधिक जोर देना, जिसके कारण मूल उद्देश्य की उपेक्षा हो जाती है
    3. पारंपरिक अनुष्ठानों का परित्याग
    4. सांस्कृतिक आदान-प्रदान में वृद्धि

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: ‘आनुष्ठानिक शिथिलता’ (Ritualism) या ‘रिचुअलिज्म’ (Ritualism) का प्रयोग अक्सर यह बताने के लिए किया जाता है कि कैसे संस्थाएं या व्यक्ति अपने नियमों और प्रक्रियाओं पर इतना अधिक ध्यान केंद्रित करने लगते हैं कि वे अपने मूल लक्ष्यों या उद्देश्य से भटक जाते हैं। यह अक्सर रॉबर्ट मर्टन के तनाव सिद्धांत (Strain Theory) के संदर्भ में भी प्रयोग किया जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवहार अनुकूलन के तरीकों में से एक है जहाँ व्यक्ति नियमों का पालन तो करता है, लेकिन उसके पीछे का रचनात्मक या वास्तविक उद्देश्य खो जाता है।
    • गलत विकल्प: यह धार्मिक अनुष्ठानों के महत्व में वृद्धि (a) या उनका परित्याग (c) नहीं है, बल्कि नियमों के प्रति अत्यधिक या विकृत अभिवृत्ति है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान (d) इससे संबंधित नहीं है।

    प्रश्न 19: ‘सामाजिक नियंत्रण’ (Social Control) का सबसे प्रभावी रूप कौन सा माना जाता है?

    1. पुलिस और न्यायपालिका
    2. कारागार और दंड
    3. जनमत और सामाजिक बहिष्कार
    4. कानून और नियम

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: हालांकि औपचारिक साधन (जैसे पुलिस, कानून) महत्वपूर्ण हैं, जनमत और सामाजिक बहिष्कार जैसे अनौपचारिक साधन, जो सामाजिक स्वीकृति और मान्यता पर आधारित होते हैं, अक्सर अधिक प्रभावी होते हैं क्योंकि वे व्यवहार को आंतरिक बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक नियंत्रण का अर्थ है समाज में व्यवस्था और स्थिरता बनाए रखने की प्रक्रिया। अनौपचारिक नियंत्रण (जैसे परिवार, पड़ोस, मित्र) अक्सर व्यक्ति के व्यवहार को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं।
    • गलत विकल्प: पुलिस (a), कारागार (b) और कानून (d) प्रत्यक्ष और औपचारिक नियंत्रण के साधन हैं, लेकिन सामाजिक बहिष्कार (social ostracism) और सामान्य स्वीकृति (social acceptance) व्यक्ति के व्यवहार को अधिक गहराई से प्रभावित कर सकती हैं।

    प्रश्न 20: ‘बहुसंस्कृतिवाद’ (Multiculturalism) किस पर बल देता है?

    1. एक प्रमुख संस्कृति को सभी पर थोपना
    2. विभिन्न संस्कृतियों का सह-अस्तित्व और उन्हें बनाए रखने को प्रोत्साहन
    3. सभी संस्कृतियों को एक समान बनाना
    4. राष्ट्रीय पहचान पर ही बल देना

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: बहुसंस्कृतिवाद एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था की वकालत करता है जहाँ विभिन्न सांस्कृतिक समूह अपनी विशिष्ट पहचानों को बनाए रखते हुए एक ही समाज में सह-अस्तित्व में रह सकें।
    • संदर्भ और विस्तार: यह विविधता का सम्मान करता है और अल्पसंख्यक संस्कृतियों को अपनी परंपराओं, भाषाओं और रीति-रिवाजों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
    • गलत विकल्प: विकल्प (a) और (c) आत्मसात्करण (assimilation) या सांस्कृतिक एकरूपता (homogenization) के विचार हैं, जबकि (d) एक राष्ट्रवाद की ओर इशारा करता है। बहुसंस्कृतिवाद सह-अस्तित्व और विविधता के संरक्षण पर बल देता है।

    प्रश्न 21: ‘अस्तित्ववाद’ (Existentialism) से प्रेरित समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण किस पर जोर देता है?

    1. सामाजिक संरचना का महत्व
    2. व्यक्तिगत स्वतंत्रता, पसंद और जिम्मेदारी
    3. सामूहिक चेतना का प्रभाव
    4. वैज्ञानिक पद्धति की प्रधानता

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: अस्तित्ववाद-प्रेरित समाजशास्त्र (जैसे जीन-पॉल सार्त्र या अल्बर्ट कामू के कार्यों से प्रभावित) व्यक्तिगत स्वतंत्रता, अर्थ की खोज, विकल्प और जीवन की अनिश्चितता के सामने व्यक्ति की जिम्मेदारी पर जोर देता है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह मानता है कि व्यक्ति अपने जीवन और अपनी पहचान का निर्माता है, और यह कि व्यक्ति अपनी स्वतंत्रता के माध्यम से अपने सार (essence) को गढ़ता है।
    • गलत विकल्प: सामाजिक संरचना (a), सामूहिक चेतना (c) और वैज्ञानिक पद्धति (d) अन्य समाजशास्त्रीय दृष्टिकोणों के मुख्य बिंदु हैं, लेकिन अस्तित्ववाद व्यक्ति के केंद्रीय अनुभव पर केंद्रित है।

    प्रश्न 22: ‘शहरीकरण’ (Urbanization) के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर क्या देखने को मिलता है?

    1. पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण
    2. सामाजिक विघटन में कमी
    3. पारिवारिक और सामुदायिक संबंधों का कमजोर पड़ना
    4. कृषि पर निर्भरता में वृद्धि

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: शहरीकरण, जो अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों के शहरों की ओर पलायन का कारण बनता है, के परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक पारिवारिक और सामुदायिक संबंधों का कमजोर पड़ना देखा जा सकता है क्योंकि युवा और कामकाजी आबादी शहर की ओर चली जाती है।
    • संदर्भ और विस्तार: इससे ग्रामीण समुदायों में सामाजिक पूंजी और सहभागिता में कमी आ सकती है।
    • गलत विकल्प: शहरीकरण से पारंपरिक संरचनाएं कमजोर होती हैं (a), सामाजिक विघटन बढ़ सकता है (b), और कृषि पर निर्भरता अक्सर कम होती है (d) क्योंकि कार्यबल शहरों की ओर जाता है।

    प्रश्न 23: ‘संस्था’ (Institution) को समाजशास्त्रीय रूप से कैसे परिभाषित किया जाता है?

    1. किसी भी सामाजिक समूह की अनौपचारिक परंपराएँ
    2. लंबे समय से स्थापित, संरचित और स्थायी सामाजिक व्यवस्थाएँ जो मानव व्यवहार के महत्वपूर्ण पहलुओं को व्यवस्थित करती हैं
    3. व्यक्तियों का कोई भी आकस्मिक जमावड़ा
    4. सामाजिक नियमों का एक संक्षिप्त समूह

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: समाजशास्त्र में, एक संस्था (जैसे विवाह, शिक्षा, सरकार) को एक स्थापित, संरचित और स्थायी सामाजिक व्यवस्था के रूप में परिभाषित किया जाता है जो समाज के महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करती है और मानव व्यवहार को निर्देशित करती है।
    • संदर्भ और विस्तार: संस्थाओं में नियम, भूमिकाएँ, मूल्य और विशेष संरचनाएँ शामिल होती हैं।
    • गलत विकल्प: अनौपचारिक परंपराएँ (a) और आकस्मिक जमावड़ा (c) संस्थाएँ नहीं हैं। संक्षिप्त नियमों का समूह (d) एक संस्था को पूरी तरह से परिभाषित नहीं करता है।

    प्रश्न 24: ‘संघर्ष सिद्धांत’ (Conflict Theory) मुख्य रूप से किस पर केंद्रित है?

    1. समाज में स्थिरता और सामंजस्य
    2. समाज में शक्ति, असमानता और परिवर्तन
    3. सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने में संस्थाओं की भूमिका
    4. व्यक्तिगत व्यवहार की समझ

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: संघर्ष सिद्धांत (जैसे कार्ल मार्क्स का काम) मानता है कि समाज शक्ति, प्रभुत्व और असमानता पर आधारित है, और सामाजिक परिवर्तन मुख्य रूप से विभिन्न समूहों के बीच संघर्ष से उत्पन्न होता है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत समाज को विभिन्न हितों वाले समूहों के बीच निरंतर संघर्ष के क्षेत्र के रूप में देखता है, जहाँ शक्तिशाली समूह अपने हितों को बनाए रखने के लिए संसाधनों और शक्ति को नियंत्रित करते हैं।
    • गलत विकल्प: स्थिरता और सामंजस्य (a) प्रकार्यवाद का मुख्य विषय है। सामाजिक व्यवस्था (c) भी प्रकार्यवाद का हिस्सा है। व्यक्तिगत व्यवहार (d) प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद या मनोवैज्ञानिक समाजशास्त्र से संबंधित है।

    प्रश्न 25: भारतीय समाज में ‘जाति’ (Caste) की निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता नहीं है?

    1. अंतर्विवाह (Endogamy)
    2. पेशागत विशिष्टता
    3. पदानुक्रम (Hierarchy)
    4. खुली सामाजिक गतिशीलता (Open Social Mobility)

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: जाति व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं में अंतर्विवाह (केवल अपनी जाति में विवाह), पेशागत विशिष्टता (प्रायः एक निश्चित पेशा से जुड़ाव) और एक कठोर पदानुक्रम (ऊँच-नीच का क्रम) शामिल हैं। ‘खुली सामाजिक गतिशीलता’ (Open Social Mobility) इसकी विशेषता नहीं है, बल्कि यह वर्ग व्यवस्था की विशेषता है।
    • संदर्भ और विस्तार: जाति एक बंद स्तरीकरण प्रणाली है जहाँ व्यक्ति का सामाजिक स्थान जन्म से तय होता है और इसे बदलना अत्यंत कठिन होता है।
    • गलत विकल्प: अंतर्विवाह (a), पेशागत विशिष्टता (b), और पदानुक्रम (c) जाति व्यवस्था की मुख्य विशेषताएं हैं। खुली सामाजिक गतिशीलता (d) वह है जो जाति व्यवस्था में नहीं पाई जाती।

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