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समाजशास्त्र की गहरी समझ: आज का मॉक टेस्ट!

समाजशास्त्र की गहरी समझ: आज का मॉक टेस्ट!

नमस्ते, भावी समाजशास्त्रियों! आज का दिन आपके ज्ञान की धार तेज करने का है। पेश है समाजशास्त्र के 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों का एक विशेष सेट, जो आपके मुख्य सिद्धांतों, विचारकों और भारतीय समाज की समझ का गहन परीक्षण करेगा। अपनी तैयारी को परखें और इन गहन विश्लेषणों से सीखें!

समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: ‘सामाजिक संरचना’ (Social Structure) की अवधारणा को किसने समाजशास्त्र के अध्ययन का केंद्रीय विषय बनाया?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. मैक्स वेबर
  3. एमिल दुर्खीम
  4. ताल्कोट पार्सन्स

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: एमिल दुर्खीम ने ‘सामाजिक संरचना’ को समाजशास्त्र के अध्ययन का मूल आधार माना। उन्होंने समाज को ‘सांस्थानिक व्यवस्था’ के रूप में देखा, जहाँ सामाजिक तथ्य (social facts) व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम की पुस्तक ‘समाज में श्रम विभाजन’ (The Division of Labour in Society) में, उन्होंने दर्शाया कि कैसे सामाजिक एकजुटता (social solidarity) संरचनात्मक कारकों पर निर्भर करती है, जो व्यक्ति से स्वतंत्र होते हैं।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने ‘वर्ग संघर्ष’ पर ध्यान केंद्रित किया। मैक्स वेबर ने ‘सामाजिक क्रिया’ और ‘समझ’ (Verstehen) पर जोर दिया। ताल्कोट पार्सन्स ने ‘संरचनात्मक-प्रकार्यवाद’ (Structural-Functionalism) का विकास किया, लेकिन दुर्खीम को संरचनात्मक दृष्टिकोण का अग्रदूत माना जाता है।

प्रश्न 2: मैक्स वेबर के अनुसार, नौकरशाही (Bureaucracy) की प्रमुख विशेषता क्या है?

  1. अनौपचारिक संबंध
  2. स्पष्ट अधिकार-क्षेत्र और पदसोपान
  3. व्यक्तिगत पसंद पर आधारित निर्णय
  4. अस्थायी कर्मचारी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मैक्स वेबर ने आदर्श-प्रारूप (ideal-type) के रूप में नौकरशाही की विशेषताएँ बताईं, जिनमें स्पष्ट अधिकार-क्षेत्र, पदसोपान (hierarchy), लिखित नियम और विशेषज्ञता शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: वेबर के अनुसार, नौकरशाही एक तर्कसंगत (rational) और कुशल संगठनात्मक रूप है जो आधुनिक समाजों में प्रचलित है। यह ‘वि-जादुईकरण’ (disenchantment) की प्रक्रिया का हिस्सा है।
  • गलत विकल्प: नौकरशाही में अनौपचारिक संबंध कम होते हैं। निर्णय व्यक्तिगत पसंद पर नहीं, बल्कि नियमों पर आधारित होते हैं। नौकरशाही में कर्मचारी स्थायी होते हैं, न कि अस्थायी।

प्रश्न 3: ‘सांस्कृतिक विलंब’ (Cultural Lag) की अवधारणा किसने प्रस्तुत की?

  1. विलियम ग्राहम समनर
  2. एल्बिन स्ट्रॉन्ग
  3. विलियम फीडरिक ओगबर्न
  4. रॉबर्ट रेडफील्ड

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: विलियम फीडरिक ओगबर्न ने ‘सांस्कृतिक विलंब’ की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने बताया कि भौतिक संस्कृति (material culture) अभौतिक संस्कृति (non-material culture) की तुलना में तेजी से बदलती है, जिससे समाज में असंतुलन पैदा होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ओगबर्न ने यह अवधारणा अपनी पुस्तक ‘टेक्नोलॉजी एंड इवेसिवनेस’ में विकसित की। उदाहरण के लिए, ऑटोमोबाइल (भौतिक संस्कृति) के आने के बाद, सड़कों के नियम और यातायात प्रबंधन (अभौतिक संस्कृति) को अनुकूलित होने में समय लगा।
  • गलत विकल्प: विलियम ग्राहम समनर ने ‘लोकरीति’ (Folkways) और ‘रूढ़ि’ (Mores) के बीच अंतर बताया। एल्बिन स्ट्रॉन्ग ने ‘सांस्कृतिक परिवर्तन’ पर कार्य किया, लेकिन यह विशिष्ट अवधारणा ओगबर्न की है। रॉबर्ट रेडफील्ड ने ‘लोक संस्कृति’ (Folk Culture) का अध्ययन किया।

  • प्रश्न 4: किस समाजशास्त्री ने ‘एनालमी’ (Anomie) या ‘अराजकता’ की अवधारणा को आत्महत्या के संदर्भ में समझाया?

    1. कार्ल मार्क्स
    2. मैक्स वेबर
    3. एमिल दुर्खीम
    4. ई. सी. हचन्स

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: एमिल दुर्खीम ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘आत्महत्या’ (Suicide) में ‘एनालमी’ को सामाजिक मानदंडों की कमी या शिथिलता की स्थिति के रूप में परिभाषित किया, जो व्यक्तिगत निराशा और आत्महत्या का कारण बन सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने ‘एनालमिक आत्महत्या’ को ऐसी स्थिति से जोड़ा जहाँ समाज के नियम और अपेक्षाएँ स्पष्ट नहीं होतीं, या जब व्यक्ति समाज के साथ अपने संबंध को खो देता है, जैसे आर्थिक मंदी या अचानक समृद्धि के दौरान।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने ‘अलगाव’ (Alienation) की अवधारणा पर काम किया। मैक्स वेबर ने ‘करिश्माई अधिकार’ (Charismatic Authority) जैसी अवधारणाएँ दीं। ई. सी. हचन्स आत्महत्या पर कार्य करने वाले समाजशास्त्री नहीं हैं।

  • प्रश्न 5: भारतीय समाज में ‘पित्रवंशीयता’ (Patrilinealism) से आपका क्या तात्पर्य है?

    1. वंश और संपत्ति का हस्तांतरण माँ के वंश से होता है।
    2. वंश और संपत्ति का हस्तांतरण पिता के वंश से होता है।
    3. दोनों माता-पिता के वंश का समान महत्व होता है।
    4. परिवार का मुखिया माता होती है।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: पित्रवंशीयता वह सामाजिक व्यवस्था है जिसमें वंश, उत्तराधिकार और संपत्ति का हस्तांतरण पिता के माध्यम से होता है, यानी परिवार पिता के वंश से पहचाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय समाज में अधिकांश समुदायों में पित्रवंशीयता प्रमुख है, जहाँ पिता परिवार का मुखिया होता है और पुत्र उसकी संपत्ति और उपनाम (surname) का उत्तराधिकारी होता है।
  • गलत विकल्प: ‘मातृवंशीयता’ (Matrilinealism) में माँ के वंश से होता है। ‘समवंशीयता’ (Cognatic Descent) में माता-पिता दोनों के वंश का महत्व होता है, जो भारत में कम प्रचलित है। परिवार का मुखिया माँ का अर्थ ‘मातृसत्तात्मक’ (Matriarchal) व्यवस्था हो सकता है, जो पित्रवंशीयता से भिन्न है।

  • प्रश्न 6: ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) का मुख्य केंद्र क्या है?

    1. सामाजिक संरचनाएं
    2. बड़े पैमाने के सामाजिक संस्थान
    3. व्यक्तिगत स्तर पर अर्थों का निर्माण और संचार
    4. भौतिक संस्कृति का प्रभाव

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद, जॉर्ज हर्बर्ट मीड और हरबर्ट ब्लूमर जैसे समाजशास्त्रियों द्वारा विकसित, इस बात पर जोर देता है कि व्यक्ति सामाजिक दुनिया में अर्थों के निर्माण और हस्तांतरण के लिए प्रतीकों (जैसे भाषा, हावभाव) का उपयोग करते हुए, एक-दूसरे के साथ कैसे बातचीत करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस दृष्टिकोण के अनुसार, आत्म (self) और समाज सामाजिक अंतःक्रिया का परिणाम हैं। लोग अपने व्यवहार को दूसरों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर समायोजित करते हैं।
  • गलत विकल्प: सामाजिक संरचनाएं और बड़े पैमाने के संस्थान संरचनात्मक-प्रकार्यवाद या मार्क्सवाद के मुख्य केंद्र हैं। भौतिक संस्कृति का प्रभाव सांस्कृतिक विलंब जैसी अवधारणाओं से संबंधित है।

  • प्रश्न 7: भारत में जाति व्यवस्था (Caste System) की प्रमुख विशेषता ‘अंतर्विवाह’ (Endogamy) से क्या अभिप्राय है?

    1. जाति के भीतर विवाह को अनिवार्य मानना।
    2. अन्य जातियों के साथ विवाह को प्रोत्साहित करना।
    3. किसी भी जाति के साथ विवाह की अनुमति देना।
    4. विवाह के लिए केवल बाहरी समूहों को चुनना।

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अंतर्विवाह का अर्थ है कि व्यक्ति को अपनी ही जाति (sub-caste) के भीतर विवाह करना होता है, जो जाति व्यवस्था की कठोरता और पृथक्करण को बनाए रखने वाली एक प्रमुख विशेषता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नियम जाति की पहचान को सुरक्षित रखता है और समूह की एकता को बढ़ावा देता है, लेकिन यह सामाजिक गतिशीलता और अंतर-जातीय संबंधों में बाधा डालता है।
  • गलत विकल्प: अन्य जातियों के साथ विवाह ‘बहिर्विवाह’ (Exogamy) का विपरीत है (हालांकि बहिर्विवाह अक्सर गोत्र के भीतर होता है) या अंतर-जातीय विवाह है, जो अंतर्विवाह के विपरीत है।

  • प्रश्न 8: ‘सामाजिक स्तरीकरण’ (Social Stratification) के ‘संघर्ष सिद्धांत’ (Conflict Theory) के प्रमुख प्रस्तावक कौन हैं?

    1. एमिल दुर्खीम
    2. मैक्स वेबर
    3. कार्ल मार्क्स
    4. फ्रिट्ज हाइडर

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कार्ल मार्क्स सामाजिक स्तरीकरण का विश्लेषण मुख्य रूप से वर्ग संघर्ष के संदर्भ में करते हैं। उनके अनुसार, समाज उत्पादन के साधनों पर नियंत्रण रखने वाले शासक वर्ग और श्रम शक्ति बेचने वाले श्रमिक वर्ग के बीच विभाजित है।
  • संदर्भ और विस्तार: मार्क्स ने माना कि यह आर्थिक असमानता समाज की अन्य सभी असमानताओं (जैसे राजनीतिक, सांस्कृतिक) की जड़ है और यह वर्ग संघर्ष ही सामाजिक परिवर्तन का इंजन है।
  • गलत विकल्प: दुर्खीम ने सामाजिक एकजुटता पर ध्यान केंद्रित किया। वेबर ने वर्ग, स्थिति (Status) और शक्ति (Power) तीनों को स्तरीकरण के आधार माना। फ्रिट्ज हाइडर एक सामाजिक मनोवैज्ञानिक थे।

  • प्रश्न 9: ‘संवैधानिक परिवार’ (Nuclear Family) से आपका क्या अर्थ है?

    1. विस्तृत परिवार जिसमें कई पीढ़ियाँ एक साथ रहती हैं।
    2. केवल माता-पिता और उनके अविवाहित बच्चे।
    3. परिवार जिसमें पति, उसकी माता और उसके बच्चे हों।
    4. एक व्यक्ति जो विभिन्न संबंधियों के साथ रहता है।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: संवैधानिक परिवार, जिसे लघु परिवार (Small Family) भी कहते हैं, केवल माता-पिता और उनके अविवाहित बच्चों से बनता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह परिवार का सबसे सरल और आधुनिक रूप है, जो औद्योगीकरण और शहरीकरण के साथ अधिक प्रचलित हुआ है।
  • गलत विकल्प: (a) विस्तृत परिवार (Extended Family) है। (c) यह पित्रवंशीय विस्तृत परिवार का एक रूप हो सकता है। (d) यह ‘सामुदायिक जीवन’ (Communal Living) से संबंधित है।

  • प्रश्न 10: एमिल दुर्खीम ने सामाजिक संस्थाओं के कार्यों के आधार पर समाज को कितने मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया?

    1. दो (यांत्रिक और सेंद्रिय एकजुटता)
    2. तीन (सरल, जटिल, अति-जटिल)
    3. चार (आदिम, कृषक, औद्योगिक, उत्तर-औद्योगिक)
    4. केवल एक (लघु समुदाय)

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: एमिल दुर्खीम ने समाज के विकास को दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया: ‘यांत्रिक एकजुटता’ (Mechanical Solidarity) वाले समाज, जहाँ समानता और सामूहिक चेतना प्रमुख है (पारंपरिक समाज), और ‘सेंद्रिय एकजुटता’ (Organic Solidarity) वाले समाज, जहाँ श्रम विभाजन के कारण परस्पर निर्भरता है (आधुनिक समाज)।
  • संदर्भ और विस्तार: यह वर्गीकरण ‘समाज में श्रम विभाजन’ पुस्तक में प्रस्तुत किया गया था और सामाजिक परिवर्तन को समझने का एक प्रमुख आधार बना।
  • गलत विकल्प: अन्य वर्गीकरण Ferdinand Tönnies (Gemeinschaft and Gesellschaft), Gerhard Lenski (societal evolution stages), या Daniel Bell (post-industrial society) जैसे समाजशास्त्रियों से जुड़े हैं।

  • प्रश्न 11: ‘संरचनात्मक-प्रकार्यवाद’ (Structural-Functionalism) के प्रमुख प्रतिपादक कौन माने जाते हैं?

    1. कार्ल मार्क्स
    2. मैक्स वेबर
    3. हरबर्ट स्पेंसर और ताल्कोट पार्सन्स
    4. जॉर्ज सिमेल

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: हरबर्ट स्पेंसर ने समाज को एक जैविक जीव के रूप में देखा और ताल्कोट पार्सन्स ने इस विचार को और विकसित किया, जिसे ‘संरचनात्मक-प्रकार्यवाद’ कहा जाता है। यह सिद्धांत समाज को विभिन्न परस्पर संबंधित भागों (संरचनाओं) से बना मानता है, जो एक साथ कार्य करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: पार्सन्स ने समाज की स्थिरता और व्यवस्था बनाए रखने वाली सामाजिक प्रणालियों की आवश्यकताओं (जैसे AGIL मॉडल) पर ध्यान केंद्रित किया।
  • गलत विकल्प: मार्क्स संघर्ष सिद्धांत के, वेबर प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद और नौकरशाही के, और सिमेल अनौपचारिक सामाजिक संबंधों के प्रमुख विचारक थे।

  • प्रश्न 12: भारत में ‘आधुनिकता’ (Modernity) के आगमन से सामाजिक परिवर्तन के किस पहलू पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा?

    1. जाति व्यवस्था का पूर्ण उन्मूलन
    2. पारिवारिक संरचना में परिवर्तन
    3. धार्मिक कट्टरता में वृद्धि
    4. सामुदायिक संबंधों का सुदृढ़ीकरण

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: आधुनिकता, औद्योगीकरण, शहरीकरण और पश्चिमीकरण जैसे कारकों के माध्यम से, पारंपरिक संयुक्त परिवारों (Joint Families) को कम करके संवैधानिक परिवारों (Nuclear Families) के उदय का कारण बनी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह परिवर्तन काम की तलाश, बेहतर शिक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसी आधुनिक जीवन शैलियों की ओर झुकाव के कारण हुआ।
  • गलत विकल्प: आधुनिकता ने जाति व्यवस्था को निश्चित रूप से कमजोर किया है, लेकिन उसका पूर्ण उन्मूलन नहीं किया है। धार्मिक कट्टरता में वृद्धि कुछ समुदायों में हुई है, लेकिन यह आधुनिकता का सार्वभौमिक परिणाम नहीं है। सामुदायिक संबंध अक्सर शहरीकरण से कमजोर हुए हैं।

  • प्रश्न 13: ‘सामाजिक गतिशीलता’ (Social Mobility) से क्या तात्पर्य है?

    1. समाज में रहने वाले विभिन्न वर्गों के लोग।
    2. एक सामाजिक स्थिति से दूसरी सामाजिक स्थिति में व्यक्ति या समूह का स्थानांतरण।
    3. समाज में लोगों की संख्या का बढ़ना।
    4. समाज में प्रचलित रीति-रिवाज।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: सामाजिक गतिशीलता से तात्पर्य व्यक्ति या समूह का अपनी सामाजिक स्थिति (जैसे आय, व्यवसाय, प्रतिष्ठा) में ऊपर या नीचे की ओर या क्षैतिज रूप से परिवर्तन से है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह ऊर्ध्वाधर (Vertical Mobility – ऊपर या नीचे) या क्षैतिज (Horizontal Mobility – समान स्तर पर) हो सकती है, और यह अंतर-पीढ़ी (Intergenerational) या अंतरा-पीढ़ी (Intragenerational) भी हो सकती है।
  • गलत विकल्प: (a) सामाजिक वर्ग का वर्णन है। (c) जनसंख्या वृद्धि है। (d) सामाजिक मानदंडों का हिस्सा है।

  • प्रश्न 14: भारतीय समाजशास्त्र में, एम. एन. श्रीनिवास ने किस अवधारणा का प्रयोग ‘निम्न जातियों द्वारा उच्च जातियों के रिवाजों, परंपराओं और विश्वासों को अपनाने की प्रक्रिया’ के लिए किया?

    1. पश्चिमीकरण
    2. आधुनिकीकरण
    3. संसकृतीकरण (Sanskritization)
    4. लघु-परंपरा

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: एम. एन. श्रीनिवास ने ‘संसकृतीकरण’ की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें वे बताते हैं कि कैसे निम्न जातियाँ उच्च जातियों के सांस्कृतिक व्यवहारों को अपनाकर अपनी सामाजिक स्थिति को सुधारने का प्रयास करती हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रक्रिया सांस्कृतिक अनुकूलन (cultural adaptation) का एक रूप है, जिसके माध्यम से जाति व्यवस्था में परिवर्तनशीलता आती है। उन्होंने यह अवधारणा अपनी पुस्तक ‘Religion and Society Among the Coorgs of South India’ में दी थी।
  • गलत विकल्प: पश्चिमीकरण पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव को दर्शाता है। आधुनिकीकरण एक व्यापक प्रक्रिया है। लघु-परंपरा (Little Tradition) रॉबर्ट रेडफील्ड द्वारा दी गई अवधारणा है जो क्षेत्रीय और विशिष्ट सांस्कृतिक व्यवहारों को संदर्भित करती है।

  • प्रश्न 15: ‘अलगाव’ (Alienation) की अवधारणा, विशेष रूप से पूँजीवादी समाज के संदर्भ में, किस विचारक से सबसे अधिक जुड़ी है?

    1. एमिल दुर्खीम
    2. मैक्स वेबर
    3. कार्ल मार्क्स
    4. जी. एच. मीड

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कार्ल मार्क्स ने ‘अलगाव’ की अवधारणा को अपनी प्रारंभिक रचनाओं, विशेषकर ‘इकॉनोमिक एंड फिलोसॉफिकल मैन्युस्क्रिप्ट्स ऑफ 1844’ में विस्तार से बताया। उन्होंने इसे पूंजीवादी उत्पादन प्रक्रिया में श्रमिक के अपने श्रम, उत्पादन, अन्य श्रमिकों और स्वयं से दूरी बनाने की स्थिति के रूप में परिभाषित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: मार्क्स के अनुसार, पूंजीवाद श्रमिक को उसके श्रम के उत्पाद से, उत्पादन की प्रक्रिया से, अपने मानवीय सार से और अन्य मनुष्यों से अलग कर देता है।
  • गलत विकल्प: दुर्खीम ने एनालमी पर काम किया। वेबर ने शक्ति और अधिकार पर। मीड ने प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद पर।

  • प्रश्न 16: ‘सहयोगी या सौहार्दपूर्ण समाज’ (Gemeinschaft) और ‘सहकारी या असौहार्दपूर्ण समाज’ (Gesellschaft) की अवधारणा किसने दी?

    1. एमिल दुर्खीम
    2. मैक्स वेबर
    3. फर्डिनेंड टनीज
    4. अगस्त कॉम्ते

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: फर्डिनेंड टनीज ने अपनी पुस्तक ‘Gemeinschaft und Gesellschaft’ में इन दो प्रकार के समाजों का वर्णन किया। Gemeinschaft प्रत्यक्ष, घनिष्ठ, भावनात्मक और पारंपरिक संबंधों पर आधारित छोटे समुदाय हैं, जबकि Gesellschaft अप्रत्यक्ष, औपचारिक, तर्कसंगत और यांत्रिक संबंधों पर आधारित बड़े, आधुनिक समाज हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह वर्गीकरण सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया को समझने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसमें समाज Gemeinschaft से Gesellschaft की ओर बढ़ता है।
  • गलत विकल्प: दुर्खीम ने यांत्रिक और सेंद्रिय एकजुटता की बात की। वेबर ने आदर्श-प्ररूपों पर कार्य किया। कॉम्ते समाजशास्त्र के जनक माने जाते हैं और उन्होंने ‘प्रगति’ का सिद्धांत दिया।

  • प्रश्न 17: ‘प्रारंभिक समाज’ (Primitive Society) के अध्ययन में ‘नरभक्षण’ (Cannibalism) जैसे विषयों पर किसने विस्तार से लिखा?

    1. ब्रोंislaw Malinowski
    2. Bronislaw Malinowski
    3. Lewis Henry Morgan
    4. E. B. Tylor

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लुईस हेनरी मॉर्गन ने ‘Ancient Society’ जैसी अपनी रचनाओं में मानव समाजों के विकास के विभिन्न चरणों का अध्ययन किया और इसमें आदिम समाजों की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संरचनाओं का विवरण दिया, जिसमें नरभक्षण जैसे तत्वों का भी उल्लेख मिलता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मॉर्गन को मानवशास्त्रीय समाजशास्त्र का संस्थापक माना जाता है, जिन्होंने सामाजिक विकास के लिए विकासवादी दृष्टिकोण अपनाया।
  • गलत विकल्प: मैलिनोवस्की ने पश्चिमी प्रशांत द्वीपों का गहन क्षेत्रीय कार्य किया। टायलर को मानव विज्ञान का जनक माना जाता है और उन्होंने ‘संस्कृति’ पर काम किया। (यहां गलती से दो बार Malinowski लिखा गया है, लेकिन उत्तर Morgan के संदर्भ में सही है)।

  • प्रश्न 18: ‘आदिवासी समाज’ (Tribal Society) के अध्ययन में ‘बहिर्विवाह’ (Exogamy) की प्रथा का क्या महत्व है?

    1. यह समूह के भीतर विवाह को बढ़ावा देती है।
    2. यह बाहरी समूहों के साथ संबंध स्थापित करती है।
    3. यह राजनीतिक गठबंधनों को मजबूत करती है।
    4. यह रक्त संबंधों को कम करती है।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: बहिर्विवाह का अर्थ है कि व्यक्ति को अपने कबीले, गोत्र (clan) या कुल (lineage) के बाहर विवाह करना होता है। यह अन्य समूहों के साथ संबंध बनाने, सामाजिक और राजनीतिक गठबंधन मजबूत करने और समूह के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का एक तरीका है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत में कई आदिवासी समुदायों में गोत्र बहिर्विवाह का प्रचलन है।
  • गलत विकल्प: (a) अंतर्विवाह का विपरीत है। (c) यह एक परिणाम हो सकता है, लेकिन प्राथमिक अर्थ नहीं। (d) यह रक्त संबंधों को कम नहीं करता, बल्कि उनका विस्तार करता है।

  • प्रश्न 19: ‘संवैधानिक समाजशास्त्र’ (Constitutive Sociology) का संबंध किस प्रमुख समाजशास्त्री से है?

    1. इरिंग गॉफमैन
    2. पीटर एल. बर्ग
    3. ऐल्फ्रेड शूत्ज़
    4. हर्बर्ट मार्क्युज़

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: पीटर एल. बर्ग (Peter L. Berger) और थॉमस लकमैन (Thomas Luckmann) ने अपनी पुस्तक ‘The Social Construction of Reality’ में ‘सामाजिक रचनावाद’ (Social Constructionism) की अवधारणा को विकसित किया, जिसे कभी-कभी ‘संवैधानिक समाजशास्त्र’ के रूप में भी समझा जाता है। यह सिद्धांत बताता है कि वास्तविकता सामाजिक रूप से निर्मित होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने ‘बाह्यता’ (externalization), ‘वस्तुनिष्ठता’ (objectification) और ‘आंतरिककरण’ (internalization) की प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति और समाज के सह-निर्माण पर जोर दिया।
  • गलत विकल्प: गॉफमैन ने ‘नाटकीयता’ (Dramaturgy) पर, शूत्ज़ ने ‘प्रकरणनिष्ठता’ (Phenomenology) पर, और मार्क्युज़ ने ‘आलोचनात्मक सिद्धांत’ (Critical Theory) पर कार्य किया।

  • प्रश्न 20: किस सामाजिक विचारक ने ‘सामाजिक पूंजी’ (Social Capital) की अवधारणा को विकसित किया?

    1. जेम्स कॉल्मन
    2. पियरे बॉर्डियू
    3. रॉबर्ट पुटनम
    4. उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: पियरे बॉर्डियू, जेम्स कॉल्मन और रॉबर्ट पुटनम – इन तीनों समाजशास्त्रियों ने ‘सामाजिक पूंजी’ की अवधारणा को विभिन्न दृष्टिकोणों से विकसित किया है। बॉर्डियू ने इसे सामाजिक संबंधों के माध्यम से प्राप्त लाभ के रूप में देखा, कॉल्मन ने इसे ‘विश्वास’, ‘नेटवर्क’ और ‘सामाजिक मानदंड’ के रूप में परिभाषित किया, और पुटनम ने इसे नागरिक जुड़ाव और सामुदायिक जीवन से जोड़ा।
  • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक पूंजी उन संसाधनों का एक सेट है जो किसी व्यक्ति या समूह के सामाजिक नेटवर्क में उनकी स्थिति के कारण उपलब्ध होते हैं।
  • गलत विकल्प: यह तीनों विचारक इस अवधारणा से जुड़े हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही है।

  • प्रश्न 21: भारत में ‘भूमि सुधार’ (Land Reforms) का प्राथमिक उद्देश्य क्या था?

    1. शहरीकरण को बढ़ावा देना
    2. ग्रामीण असमानता को कम करना और कृषि उत्पादकता बढ़ाना
    3. औद्योगीकरण की गति तेज करना
    4. अंतर-जातीय विवाह को प्रोत्साहित करना

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: भूमि सुधार का मुख्य उद्देश्य भारत में पारंपरिक जमींदारी प्रथा को समाप्त करना, कृषि भूमि का पुनर्वितरण करना, किसानों की स्थिति सुधारना और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक तथा सामाजिक असमानताओं को कम करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: इसके अंतर्गत ‘बिचौलियों का उन्मूलन’, ‘किरायेदारों का अधिकार’, ‘भूमि की अधिकतम सीमा’ (ceiling on landholding) जैसे उपाय शामिल थे।
  • गलत विकल्प: ये अन्य प्रक्रियाएं हैं, लेकिन भूमि सुधार का सीधा उद्देश्य नहीं हैं।

  • प्रश्न 22: ‘प्रतिष्ठा’ (Status) और ‘शक्ति’ (Power) को स्तरीकरण के आधार के रूप में किसने महत्व दिया, वर्ग (Class) के अतिरिक्त?

    1. कार्ल मार्क्स
    2. एमिल दुर्खीम
    3. मैक्स वेबर
    4. डेविड ई. एप्पलbaum

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मैक्स वेबर ने सामाजिक स्तरीकरण को केवल आर्थिक वर्ग (Class) के आधार पर नहीं, बल्कि ‘प्रतिष्ठा’ (Status – सामाजिक सम्मान और जीवन शैली) और ‘शक्ति’ (Party – राजनीतिक प्रभाव) के आधार पर भी वर्गीकृत किया।
  • संदर्भ और विस्तार: वेबर के अनुसार, ये तीनों आयाम (वर्ग, प्रतिष्ठा, शक्ति) एक-दूसरे से स्वतंत्र हो सकते हैं और समाज में जटिल स्तरीकरण पैटर्न बनाते हैं।
  • गलत विकल्प: मार्क्स मुख्य रूप से वर्ग के आधार पर स्तरीकरण को देखते थे। दुर्खीम सामाजिक एकता पर केंद्रित थे। एप्पलbaum आधुनिक अर्थशास्त्र से जुड़े हैं।

  • प्रश्न 23: ‘आधुनिकता’ (Modernity) के आलोचक, जिन्होंने ‘एक-आयामी व्यक्ति’ (One-Dimensional Man) की अवधारणा दी?

    1. जीन-पॉल सार्त्र
    2. माइकेल फूको
    3. हर्बर्ट मार्क्युज़
    4. जुरगेन हेबरमास

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: हर्बर्ट मार्क्युज़, फ्रैंकफर्ट स्कूल के एक प्रमुख सदस्य, ने अपनी पुस्तक ‘One-Dimensional Man’ में तर्क दिया कि औद्योगिक समाज (विशेष रूप से पूंजीवादी समाज) प्रौद्योगिकी और उपभोग की संस्कृति के माध्यम से व्यक्तियों को उनके आलोचनात्मक सोच से वंचित कर देता है, जिससे वे ‘एक-आयामी’ बन जाते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: मार्क्युज़ ने सुझाव दिया कि आधुनिक समाज ने दमनकारी तरीकों से स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया है, जिससे व्यक्ति यथास्थिति को स्वीकार करने लगता है।
  • गलत विकल्प: सार्त्र अस्तित्ववाद के, फूको शक्ति और ज्ञान के, और हेबरमास ‘संचार क्रिया’ (Communicative Action) के प्रमुख विचारक हैं।

  • प्रश्न 24: भारत में ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का संबंध किस प्रकार के सामाजिक बहिष्कार से है?

    1. धार्मिक बहिष्कार
    2. आर्थिक बहिष्कार
    3. सामाजिक और धार्मिक दोनों प्रकार का बहिष्कार
    4. राजनीतिक बहिष्कार

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अस्पृश्यता केवल एक सामाजिक बहिष्कार नहीं है, बल्कि यह गहरे धार्मिक विश्वासों और कर्मकांडों से भी जुड़ी हुई है। ‘अछूत’ माने जाने वाले समूहों को सार्वजनिक स्थानों, मंदिरों और यहां तक कि कुछ सामाजिक अनुष्ठानों से भी बाहर रखा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था जाति-आधारित सामाजिक पदानुक्रम का सबसे जघन्य रूप है, जो मनुष्यों को उनकी जन्मजात स्थिति के आधार पर हीन मानता है।
  • गलत विकल्प: हालांकि इसके आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव थे, इसका मूल कारण सामाजिक और धार्मिक भेदभाव है।

  • प्रश्न 25: ‘प्रायोगिक अनुसंधान’ (Experimental Research) के संदर्भ में, ‘स्वतंत्र चर’ (Independent Variable) क्या है?

    1. वह चर जिसे मापा जाता है।
    2. वह चर जिसमें हेरफेर (manipulation) किया जाता है।
    3. वह चर जो आश्रित चर पर प्रभाव डालता है।
    4. (b) और (c) दोनों।

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: प्रायोगिक अनुसंधान में, स्वतंत्र चर वह चर है जिसे शोधकर्ता द्वारा जानबूझकर बदला या हेरफेर (manipulated) किया जाता है ताकि यह देखा जा सके कि इसका आश्रित चर (dependent variable) पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसलिए, यह वह चर है जिसे मापा जाता है (क्योंकि इसके परिवर्तन का प्रभाव मापा जाता है) और यह आश्रित चर पर प्रभाव डालता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उदाहरण के लिए, यदि हम यह देखना चाहते हैं कि उर्वरक (स्वतंत्र चर) फसल की पैदावार (आश्रित चर) को कैसे प्रभावित करता है, तो हम उर्वरक की मात्रा को बदलते हैं और पैदावार को मापते हैं।
  • गलत विकल्प: केवल (a) अधूरा है क्योंकि स्वतंत्र चर को मापा जाता है यह देखने के लिए कि इसका प्रभाव क्या है, लेकिन इसका प्राथमिक कार्य हेरफेर और प्रभाव डालना है।

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