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समाजशास्त्र की गहन समझ: दैनिक अभ्यास प्रश्नोत्तरी

समाजशास्त्र की गहन समझ: दैनिक अभ्यास प्रश्नोत्तरी

क्या आप समाजशास्त्र के ज्ञान की गहराई को मापने और अपनी परीक्षा की तैयारी को धार देने के लिए तैयार हैं? प्रत्येक दिन, हम आपके लिए लाते हैं समाजशास्त्र के जटिल सिद्धांतों, प्रमुख विचारकों और भारतीय समाज के सूक्ष्म विश्लेषण पर आधारित 25 विशेष प्रश्न। अपनी वैचारिक स्पष्टता और विश्लेषणात्मक कौशल को परखने के इस बौद्धिक सफर में शामिल हों!

समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: “सामाजिक तथ्य” (social facts) की अवधारणा को किसने प्रतिपादित किया, जिसे समाजशास्त्र का प्राथमिक अध्ययन क्षेत्र माना जाता है?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. मैक्स वेबर
  3. Émile Durkheim
  4. जॉर्ज सिमेल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: Émile Durkheim ने “सामाजिक तथ्य” की अवधारणा प्रस्तुत की। उनका मानना था कि समाजशास्त्र का अध्ययन केवल उन क्रियाओं, विचारों और भावनाओं से संबंधित होना चाहिए जो बाहरी हों और व्यक्ति पर एक बाध्यकारी शक्ति रखते हों।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनकी पुस्तक “समाजशास्त्रीय विधि की नियम” (The Rules of Sociological Method) में विस्तृत है। दुर्खीम के अनुसार, सामाजिक तथ्य व्यक्ति से भिन्न होते हैं और उन्हें सामान्य सामाजिक घटनाओं की तरह ही समझा जाना चाहिए, न कि व्यक्तिगत मनोविज्ञान के रूप में।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स का मुख्य ध्यान वर्ग संघर्ष और आर्थिक निर्धारणवाद पर था। मैक्स वेबर ने “वेरस्टेहेन” (Verstehen) यानी अभिसंवेदी समझ पर जोर दिया। जॉर्ज सिमेल ने व्यक्ति और समाज के बीच सूक्ष्म अंतःक्रियाओं का विश्लेषण किया।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द एम.एन. श्रीनिवास द्वारा गढ़ा गया है, जो एक निम्न जाति या जनजाति द्वारा उच्च जाति के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और विश्वासों को अपनाने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है, ताकि जाति पदानुक्रम में उच्च स्थिति प्राप्त की जा सके?

  1. पश्चिमीकरण (Westernization)
  2. आधुनिकीकरण (Modernization)
  3. संसकृतीकरण (Sanskritization)
  4. नगरीकरण (Urbanization)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: एम.एन. श्रीनिवास ने “संसकृतीकरण” की अवधारणा दी। यह भारत में सामाजिक और सांस्कृतिक गतिशीलता की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें निम्न सामाजिक समूह उच्च समूहों के व्यवहारों का अनुकरण करके अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार करने का प्रयास करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: श्रीनिवास ने यह अवधारणा अपनी पुस्तक “Religion and Society Among the Coorgs of South India” में प्रस्तुत की। यह सांस्कृतिक परिवर्तन का एक रूप है, जो संरचनात्मक परिवर्तन से भिन्न है।
  • गलत विकल्प: पश्चिमीकरण पश्चिमी देशों की जीवन शैली और संस्कृति को अपनाने से संबंधित है। आधुनिकीकरण एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और धर्मनिरपेक्षीकरण शामिल हैं। नगरीकरण ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर जनसंख्या के प्रवास की प्रक्रिया है।

प्रश्न 3: समाजशास्त्र में “प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद” (Symbolic Interactionism) के प्रमुख प्रस्तावक कौन हैं?

  1. टैल्कॉट पार्सन्स
  2. जॉर्ज हर्बर्ट मीड
  3. रॉबर्ट मर्टन
  4. अल्बर्ट बंडुरा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: जॉर्ज हर्बर्ट मीड को प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद का जनक माना जाता है। यह सिद्धांत इस बात पर जोर देता है कि समाज को व्यक्तियों के बीच निरंतर होने वाली अंतःक्रियाओं और उनके द्वारा साझा किए जाने वाले प्रतीकों (जैसे भाषा, हावभाव) के माध्यम से समझा जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मीड ने “आत्म” (Self), “समाज” (Society) और “मन” (Mind) के विकास में प्रतीकों की भूमिका पर महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके विचारों को उनके मरणोपरांत प्रकाशित कार्यों, जैसे “मन, आत्म और समाज” (Mind, Self, and Society) में संकलित किया गया है।
  • गलत विकल्प: टैल्कॉट पार्सन्स संरचनात्मक प्रकार्यवाद के प्रमुख प्रस्तावक थे। रॉबर्ट मर्टन ने मध्य-श्रेणी के सिद्धांतों (middle-range theories) और विफलन (manifest and latent functions) जैसी अवधारणाएं दीं। अल्बर्ट बंडुरा एक मनोवैज्ञानिक थे जो सामाजिक अधिगम सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न 4: निम्न में से कौन सी अवधारणा कार्ल मार्क्स के अनुसार, पूंजीवाद के तहत श्रमिकों में उत्पादन के साधनों से अलगाव (Alienation) को दर्शाती है?

  1. वर्ग चेतना (Class Consciousness)
  2. अलगाव (Alienation)
  3. अलौकिकरण (Dehumanization)
  4. वस्तु-पूजा (Fetishism of Commodities)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कार्ल मार्क्स ने “अलगाव” (Alienation) की अवधारणा का प्रयोग पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली के तहत श्रमिकों के अनुभव का वर्णन करने के लिए किया। उनके अनुसार, श्रमिक उत्पादन की प्रक्रिया, उत्पाद, अपने साथी श्रमिकों और अंततः स्वयं से अलग-थलग महसूस करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा मार्क्स की प्रारंभिक रचनाओं, विशेष रूप से “आर्थिक और दार्शनिक पांडुलिपियां 1844” (Economic and Philosophic Manuscripts of 1844) में प्रमुखता से पाई जाती है।
  • गलत विकल्प: वर्ग चेतना वह अवस्था है जब श्रमिक अपनी सामूहिक स्थिति और हितों को पहचानते हैं। अलौकिकरण अलगाव का एक परिणाम हो सकता है लेकिन वह मुख्य अवधारणा नहीं है। वस्तु-पूजा (Fetishism of Commodities) तब होता है जब सामाजिक संबंधों को वस्तुओं के बीच के संबंधों के रूप में देखा जाता है।

प्रश्न 5: मैक्स वेबर के अनुसार, शक्ति (Power) का वह रूप क्या है जो किसी व्यक्ति की क्षमता को दूसरों से अपनी इच्छा मनवाने का अवसर देता है, भले ही प्रतिरोध हो?

  1. सत्ता (Authority)
  2. प्रभुत्व (Dominance)
  3. नियंत्रण (Control)
  4. प्रभाव (Influence)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मैक्स वेबर ने “सत्ता” (Authority) को शक्ति (Power) के एक वैध रूप के रूप में परिभाषित किया। वेबर के अनुसार, सत्ता तब मौजूद होती है जब व्यक्ति दूसरों की आज्ञा का पालन करते हैं क्योंकि वे मानते हैं कि आदेश देने वाले व्यक्ति को ऐसा करने का अधिकार है।
  • संदर्भ और विस्तार: वेबर ने सत्ता के तीन आदर्श प्रकार बताए: पारंपरिक, करिश्माई और कानूनी-तर्कसंगत। यह परिभाषा उनकी पुस्तक “Economy and Society” में मिलती है।
  • गलत विकल्प: प्रभुत्व (Dominance) एक व्यापक शब्द है जिसमें गैर-वैध शक्ति भी शामिल हो सकती है। नियंत्रण (Control) किसी चीज को अपनी इच्छा के अनुसार संचालित करना है। प्रभाव (Influence) बिना किसी औपचारिक शक्ति के किसी को प्रभावित करना है।

प्रश्न 6: समाजशास्त्र में “एनोमी” (Anomie) की अवधारणा, सामाजिक मानदंडों के कमजोर होने या अनुपस्थित होने की स्थिति को, किसने विकसित किया?

  1. रॉबर्ट मर्टन
  2. Émile Durkheim
  3. किंग्सले डेविस
  4. विलियम ग्राहम समनर

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: Émile Durkheim ने “एनोमी” (Anomie) की अवधारणा का उपयोग समाज में सामाजिक व्यवस्था और एकीकरण की कमी की स्थिति का वर्णन करने के लिए किया। यह तब उत्पन्न होता है जब व्यक्ति के लक्ष्यों और समाज द्वारा प्रदान किए गए साधनों के बीच असंतुलन होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने अपनी पुस्तक “आत्महत्या” (Suicide) में एनोमी को आत्महत्या के एक प्रमुख कारण के रूप में विस्तृत किया।
  • गलत विकल्प: रॉबर्ट मर्टन ने एनोमी को “सांस्कृतिक लक्ष्यों” और “संरचनात्मक साधनों” के बीच विसंगति के रूप में विस्तारित किया। किंग्सले डेविस और विलियम ग्राहम समनर अन्य महत्वपूर्ण समाजशास्त्री हैं, लेकिन एनोमी की मूल अवधारणा दुर्खीम द्वारा दी गई थी।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा कथन “संरचनात्मक प्रकार्यवाद” (Structural Functionalism) का सबसे अच्छा वर्णन करता है?

  1. समाज को विभिन्न संस्थाओं के बीच संघर्ष के रूप में देखता है।
  2. समाज को एक जटिल प्रणाली के रूप में देखता है जिसके भाग (संरचनाएं) सामूहिक कल्याण (कार्य) में योगदान करते हैं।
  3. समाज को व्यक्तियों के बीच प्रतीकों के आदान-प्रदान के रूप में देखता है।
  4. समाज को व्यक्तिगत मनोविज्ञान और व्यवहार के योग के रूप में देखता है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: संरचनात्मक प्रकार्यवाद समाज को एक संपूर्ण प्रणाली के रूप में मानता है, जिसके विभिन्न भाग (जैसे परिवार, शिक्षा, धर्म) एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और समाज के स्थायित्व और कार्यप्रणाली में योगदान करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: टैल्कॉट पार्सन्स और रॉबर्ट किंग मर्टन इस दृष्टिकोण के प्रमुख प्रस्तावक थे। वे समाज को एक ऐसे जैविक जीव के रूप में देखते थे जिसके अंग (संस्थान) मिलकर कार्य करते हैं।
  • गलत विकल्प: (a) संघर्ष सिद्धांत (Conflict Theory) का वर्णन करता है। (c) प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद का वर्णन करता है। (d) मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य का वर्णन करता है।

प्रश्न 8: निम्न में से किस समाजशास्त्री ने “तार्किक-तर्कसंगत” (Legal-Rational) सत्ता को आधुनिक समाजों की प्रमुखता के रूप में पहचाना?

  1. Émile Durkheim
  2. Max Weber
  3. Karl Marx
  4. Auguste Comte

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मैक्स वेबर ने सत्ता के तीन आदर्श प्रकारों – पारंपरिक, करिश्माई और तार्किक-तर्कसंगत – का विश्लेषण किया। उन्होंने तर्क दिया कि आधुनिक समाज ब्यूरोक्रेसी के माध्यम से तार्किक-तर्कसंगत सत्ता पर आधारित होते हैं, जहाँ सत्ता नियमों और प्रक्रियाओं पर आधारित होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह वेबर के नौकरशाही (Bureaucracy) के विश्लेषण का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसे उन्होंने “Economy and Society” में प्रस्तुत किया।
  • गलत विकल्प: दुर्खीम ने सामाजिक एकता और प्रकार्यवाद पर काम किया। मार्क्स ने आर्थिक शक्तियों और वर्ग संघर्ष पर ध्यान केंद्रित किया। कॉम्टे को समाजशास्त्र का जनक माना जाता है और उन्होंने “प्रत्यक्षवाद” (Positivism) का सिद्धांत दिया।

प्रश्न 9: भारत में “जजमानी प्रणाली” (Jajmani System) क्या दर्शाती है?

  1. जातियों के बीच विवाह संबंध।
  2. किसानों और भूमि मालिकों के बीच श्रम का आदान-प्रदान।
  3. पारंपरिक रूप से निर्धारित सेवा-आदान-प्रदान की व्यवस्था, जहाँ उच्च जाति के सेवा प्रदाता (पुरोहित, नाई, धोबी) निम्न जाति के संरक्षक (यजमान) को सेवाएं प्रदान करते हैं, जिसके बदले में उन्हें वस्तु या सेवा के रूप में भुगतान मिलता है।
  4. आधुनिक औद्योगिक श्रम बाजार।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: जजमानी प्रणाली भारत के ग्रामीण समाजों में एक पारंपरिक संस्था है जो सेवा प्रदाताओं (जैसे नाई, धोबी, कुम्हार) और उनके संरक्षक (यजमान) के बीच पारस्परिक संबंधों को विनियमित करती है। यह संबंध अक्सर वंशानुगत होता है और वस्तु विनिमय या सेवाओं के माध्यम से भुगतान पर आधारित होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली का अध्ययन डब्ल्यू. एच. विगले (W.H. Wiser) ने “The Hindu Jajmani System” पुस्तक में विस्तार से किया है।
  • गलत विकल्प: (a) विजातीय विवाह (Exogamy) और अंतर्विवाह (Endogamy) से संबंधित है। (b) किसानों और भूमि मालिकों के बीच केवल श्रम के आदान-प्रदान से अधिक है। (d) एक आधुनिक अवधारणा है।

प्रश्न 10: रॉबर्ट मर्टन ने “अनपेक्षित लेकिन मान्यता प्राप्त परिणाम” (unintended but recognized consequences) के लिए किस शब्द का प्रयोग किया?

  1. विफलन (Manifest Functions)
  2. अविफलन (Latent Functions)
  3. कार्य (Functions)
  4. अकार्य (Dysfunctions)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: रॉबर्ट मर्टन ने “अविफलन” (Latent Functions) को उन अनपेक्षित और अक्सर अचेतन परिणामों के रूप में परिभाषित किया जो किसी सामाजिक पैटर्न या संस्था के हो सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: मर्टन ने “विफलन” (Manifest Functions) को किसी सामाजिक पैटर्न के इच्छित और पहचाने गए परिणाम के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने इन अवधारणाओं का प्रयोग समाज में विभिन्न संस्थाओं के योगदान को समझने के लिए किया।
  • गलत विकल्प: कार्य (Functions) एक सामान्य शब्द है। अकार्य (Dysfunctions) समाज के लिए विघटनकारी परिणाम होते हैं।

प्रश्न 11: निम्न में से कौन सा कारक सामाजिक स्तरीकरण (Social Stratification) का आधार नहीं है?

  1. आय
  2. शिक्षा
  3. शक्ति
  4. व्यक्तिगत रुचि

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सामाजिक स्तरीकरण समाज को विभिन्न पदानुक्रमित स्तरों में विभाजित करने की एक प्रक्रिया है। आय, शिक्षा और शक्ति सभी प्रमुख कारक हैं जो सामाजिक स्तरीकरण को निर्धारित करते हैं, क्योंकि वे व्यक्तियों या समूहों को विभिन्न संसाधन और प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं। व्यक्तिगत रुचि (Personal Interest) समाज में एक व्यक्ति की स्थिति को सीधे प्रभावित नहीं करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: समाजशास्त्रीय रूप से, स्तरीकरण के आधार में अक्सर संपत्ति, शक्ति, प्रतिष्ठा, वर्ग, जाति, लिंग आदि शामिल होते हैं।
  • गलत विकल्प: आय, शिक्षा और शक्ति स्पष्ट रूप से सामाजिक स्तरीकरण के महत्वपूर्ण आयाम हैं।

प्रश्न 12: “सांस्कृतिक विलंब” (Cultural Lag) की अवधारणा, जिसने सुझाव दिया कि प्रौद्योगिकी में परिवर्तन सामाजिक और सांस्कृतिक मानदंडों में परिवर्तन की तुलना में अधिक तेज़ी से होता है, किसने प्रस्तुत की?

  1. विलियम एफ. ओगबर्न
  2. डेविड रिस्मान
  3. अल्बर्ट ह्य्श (Albert Hirschman)
  4. इवान इलिच

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विलियम एफ. ओगबर्न ने “सांस्कृतिक विलंब” की अवधारणा को प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, भौतिक संस्कृति (जैसे प्रौद्योगिकी) अभौतिक संस्कृति (जैसे मूल्य, विश्वास, मानदंड) की तुलना में तेज़ी से बदलती है, जिससे समाज में सामंजस्य बनाए रखना कठिन हो जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनकी पुस्तक “Social Change with Respect to Culture and Original Nature” में पाई जाती है।
  • गलत विकल्प: डेविड रिस्मान “The Lonely Crowd” के लेखक हैं। अल्बर्ट ह्य्श एक अर्थशास्त्री थे। इवान इलिच ने ‘Disabling Professions’ जैसे विचारों पर काम किया।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा भारत में “आधुनिकीकरण” (Modernization) से संबंधित नहीं है?

  1. धर्मनिरपेक्षीकरण (Secularization)
  2. औद्योगिकीकरण (Industrialization)
  3. तर्कसंगतता (Rationality)
  4. जाति व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण (Strengthening of Caste System)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: आधुनिकीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो आमतौर पर धर्मनिरपेक्षीकरण, औद्योगिकीकरण और तर्कसंगतता जैसे कारकों से जुड़ी होती है। जाति व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण आधुनिकीकरण के विपरीत, पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं के मजबूत होने को दर्शाता है, यद्यपि आधुनिकीकरण जाति की भूमिका को बदलता है, यह आमतौर पर इसे सुदृढ़ नहीं करता।
  • संदर्भ और विस्तार: आधुनिकीकरण को अक्सर पश्चिमी समाजों के विकास पथ का अनुकरण करने के रूप में देखा जाता है, जिसमें तकनीकी प्रगति, शहरीकरण और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर जोर दिया जाता है।
  • गलत विकल्प: धर्मनिरपेक्षीकरण, औद्योगिकीकरण और तर्कसंगतता आधुनिकीकरण के प्रमुख घटक माने जाते हैं।

प्रश्न 14: “अभिभावक वर्ग” (Ruling Class) की अवधारणा, जो समाज पर आर्थिक और राजनीतिक नियंत्रण रखती है, किस प्रमुख विचारक से जुड़ी है?

  1. मैक्स वेबर
  2. Émile Durkheim
  3. कार्ल मार्क्स
  4. C. Wright Mills

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: C. Wright Mills ने अपनी पुस्तक “The Power Elite” में “अभिभावक वर्ग” (Power Elite) की अवधारणा का विकास किया। उन्होंने तर्क दिया कि आधुनिक अमेरिकी समाज में शक्ति कुछ चुनिंदा लोगों, जैसे कि कॉर्पोरेट नेताओं, सैन्य जनरलों और सरकारी अधिकारियों के हाथों में केंद्रित है।
  • संदर्भ और विस्तार: मिल्स ने बताया कि कैसे ये अभिजात वर्ग एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और सामूहिक रूप से निर्णय लेते हैं जो समाज को प्रभावित करते हैं।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने “बुर्जुआ” (Bourgeoisie) वर्ग की बात की जो उत्पादन के साधनों का मालिक होता है। वेबर ने सत्ता और प्रभुत्व के विभिन्न रूपों का विश्लेषण किया। दुर्खीम ने सामाजिक एकता पर ध्यान केंद्रित किया।

प्रश्न 15: समाजशास्त्र में “सामाजिक गतिशीलता” (Social Mobility) से तात्पर्य है:

  1. किसी समाज के सदस्यों के बीच विचारों का प्रसार।
  2. व्यक्तियों या समूहों का एक सामाजिक स्तर से दूसरे सामाजिक स्तर तक ऊपर या नीचे जाना।
  3. किसी समाज के भीतर संस्थाओं का विकास।
  4. समाज में नियमों और मानदंडों का परिवर्तन।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सामाजिक गतिशीलता वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति या समूह अपनी सामाजिक स्थिति बदलते हैं। यह ऊर्ध्वाधर (Vertical), क्षैतिज (Horizontal) या अंतर्पीढ़ी (Intergenerational) हो सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक गतिशीलता का अध्ययन समाज में अवसर की समानता और सामाजिक न्याय के मुद्दों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: (a) सांस्कृतिक प्रसार या सामाजिकरण से संबंधित है। (c) सामाजिक विकास या सामाजिक परिवर्तन का हिस्सा है। (d) सामाजिक परिवर्तन की एक प्रक्रिया है।

प्रश्न 16: भारत में, ______, एक ऐसी व्यवस्था है जहाँ विवाह का निर्णय परिवार और समुदाय द्वारा लिया जाता है, और अक्सर इसमें कुंडली मिलान और दहेज का आदान-प्रदान शामिल होता है?

  1. प्रेम विवाह (Love Marriage)
  2. अंतर-जातीय विवाह (Inter-caste Marriage)
  3. पारंपरिक विवाह (Arranged Marriage)
  4. अंतर-धार्मिक विवाह (Inter-religious Marriage)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत में पारंपरिक विवाह (Arranged Marriage) वह व्यवस्था है जहाँ माता-पिता या रिश्तेदार वर-वधू का चुनाव करते हैं। यह अक्सर सामाजिक, आर्थिक और जातीय समानता जैसे कारकों पर आधारित होता है, और इसमें कई अनुष्ठान शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय समाज में विवाह का सबसे आम रूप रहा है, हालांकि प्रेम विवाह का चलन बढ़ रहा है।
  • गलत विकल्प: प्रेम विवाह में व्यक्ति स्वयं अपने साथी का चुनाव करते हैं। अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक विवाह जाति या धर्म की सीमाओं को पार करते हैं।

प्रश्न 17: सोरोकिन के अनुसार, समाज में ______ वह है जो व्यक्तियों को समूह में बाँधता है और उन्हें एक इकाई के रूप में कार्य करने की अनुमति देता है।

  1. वर्ग चेतना
  2. सामाजिक अंतःक्रिया
  3. सांस्कृतिक मूल्य
  4. सामाजिक एकता (Social Solidarity)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: पिरिम सोरोकिन (Pirim Sorokin) ने सामाजिक एकता (Social Solidarity) की अवधारणा का प्रयोग किया। उन्होंने इसे समाज के सदस्यों के बीच उन बंधनों के रूप में परिभाषित किया जो उन्हें एक साथ रखते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि दुर्खीम को सामाजिक एकता पर उनके काम के लिए अधिक जाना जाता है (विशेषकर यांत्रिक और जैविक एकता), सोरोकिन ने भी इस पर विस्तार से लिखा है।
  • गलत विकल्प: वर्ग चेतना मार्क्सवादी अवधारणा है। सामाजिक अंतःक्रिया व्यक्तियों के बीच सीधी बातचीत है। सांस्कृतिक मूल्य साझा विश्वास और मानक हैं जो एकता का आधार बन सकते हैं, लेकिन एकता स्वयं एक व्यापक अवधारणा है।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सी समाजशास्त्रीय शोध पद्धति में, शोधकर्ता अक्सर छोटे, संलग्न समुदायों का अध्ययन करने के लिए उनका एक हिस्सा बन जाता है?

  1. सर्वेक्षण (Survey Research)
  2. प्रायोगिक विधि (Experimental Method)
  3. सहभागी अवलोकन (Participant Observation)
  4. सांख्यिकीय विश्लेषण (Statistical Analysis)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सहभागी अवलोकन (Participant Observation) एक गुणात्मक शोध पद्धति है जहाँ शोधकर्ता अध्ययन किए जा रहे समूह या समुदाय में सक्रिय रूप से भाग लेता है, जबकि साथ ही साथ अवलोकन भी करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह गहन, प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है। मेलिनोवस्की जैसे मानवविज्ञानी और बर्गेस जैसे समाजशास्त्रियों ने इसका व्यापक उपयोग किया।
  • गलत विकल्प: सर्वेक्षण आमतौर पर बड़ी आबादी से डेटा एकत्र करने के लिए प्रश्नपत्रों का उपयोग करता है। प्रायोगिक विधि में चर को नियंत्रित किया जाता है। सांख्यिकीय विश्लेषण मात्रात्मक डेटा का विश्लेषण करता है।

प्रश्न 19: भारत में “मंडल कमीशन” (Mandal Commission) की रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य क्या था?

  1. ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना।
  2. अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण की सिफारिश करना।
  3. महिलाओं की शिक्षा में सुधार करना।
  4. नगरीय गरीबी को कम करना।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मंडल कमीशन, जिसे बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल के नेतृत्व में स्थापित किया गया था, ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण की सिफारिश की।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य ऐतिहासिक रूप से सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े समुदायों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करना था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प देश के विकास से संबंधित हैं, लेकिन मंडल कमीशन का विशेष ध्यान OBC के लिए आरक्षण पर था।

प्रश्न 20: “रैंक-साइज रूल” (Rank-Size Rule) या “सिटी-साइज़ रूल” (City-Size Rule) का क्या अर्थ है?

  1. शहरों की रैंकिंग उनके सामाजिक महत्व के आधार पर की जाती है।
  2. किसी देश में शहरों की जनसंख्या का आकार उनके क्रम के अनुसार एक विशेष गणितीय संबंध का पालन करता है (जैसे, दूसरा सबसे बड़ा शहर पहले का आधा, तीसरा सबसे बड़ा शहर पहले का एक-तिहाई, आदि)।
  3. शहरी नियोजन में उपयोग किए जाने वाले आकार के मानक।
  4. शहरों के आकार का उनकी भौगोलिक स्थिति से संबंध।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: “रैंक-साइज रूल” (जिसे ज़िपफ का नियम भी कहा जाता है) बताता है कि किसी देश में, सबसे बड़े शहर की जनसंख्या P1 है, दूसरे सबसे बड़े शहर की जनसंख्या P2 है, और इसी तरह। तब Pn ≈ P1/n, जहाँ n शहर का रैंक है। यह नियम शहरी प्रणालियों के वितरण को समझने में मदद करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: जॉर्ज के. ज़िपफ (George K. Zipf) ने 1949 में इस नियम को प्रस्तावित किया था।
  • गलत विकल्प: यह नियम शहर के सामाजिक या भौगोलिक स्थिति के बजाय केवल जनसंख्या के आकार और उसके क्रम से संबंधित है।

  • प्रश्न 21: “नगरीय ग्राम” (Urban Village) की अवधारणा समाजशास्त्र में ______ का वर्णन करने के लिए उपयोग की जाती है?

    1. ग्रामीण क्षेत्रों में शहरीकरण के प्रभाव।
    2. उन ग्रामीण बस्तियों को जो शहरों से घिरे होने के बावजूद अपनी पारंपरिक ग्रामीण संस्कृति और संरचना को बनाए रखती हैं।
    3. शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण प्रवासियों के लिए नए गांव।
    4. ग्रामीण क्षेत्रों से दूर छोटे शहर।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: “नगरीय ग्राम” (Urban Village) शब्द उन ग्रामीण समुदायों का वर्णन करता है जो शहरी विकास के कारण शहरों की परिधि में आ गए हैं, लेकिन फिर भी अपनी अनूठी संस्कृति, सामाजिक संबंधों और पहचान को बनाए रखते हैं, हालांकि उन पर शहरी प्रभाव भी पड़ता है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह शब्द अक्सर भारतीय संदर्भ में उन गांवों के लिए प्रयोग किया जाता है जो बड़े महानगरीय क्षेत्रों के निकट होने के बावजूद अपनी सामुदायिक भावना को बचाए रखते हैं।
    • गलत विकल्प: अन्य विकल्प इस अवधारणा के अर्थ को ठीक से नहीं पकड़ते हैं।

    प्रश्न 22: निम्न में से कौन सा “सामाजिक नियंत्रण” (Social Control) का एक अनौपचारिक साधन है?

    1. कानून
    2. पुलिस
    3. न्यायपालिका
    4. जनमत

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: सामाजिक नियंत्रण समाज द्वारा स्थापित नियमों और अपेक्षाओं का पालन सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है। जनमत (Public Opinion) अप्रत्यक्ष सामाजिक नियंत्रण का एक शक्तिशाली साधन है, जहाँ समाज के सदस्यों की राय और स्वीकृति या अस्वीकृति व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करती है।
    • संदर्भ और विस्तार: कानून, पुलिस और न्यायपालिका औपचारिक सामाजिक नियंत्रण के साधन हैं, जो लिखित नियमों और दंड पर आधारित होते हैं।
    • गलत विकल्प: कानून, पुलिस और न्यायपालिका सभी औपचारिक नियंत्रण के उदाहरण हैं।

    प्रश्न 23: “पारिवारिक आधुनिकीकरण” (Family Modernization) के संदर्भ में, निम्न में से कौन सा बदलाव सामान्य रूप से देखा जाता है?

    1. संयुक्त परिवार का बढ़ता महत्व।
    2. विवाह की संस्था का कमजोर होना।
    3. नाभिकीय परिवारों (Nuclear Families) का प्रसार और व्यक्तिगत पसंद पर अधिक जोर।
    4. वंशानुगत मुखिया प्रणाली का सुदृढ़ीकरण।

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: पारिवारिक आधुनिकीकरण में अक्सर संयुक्त परिवारों से नाभिकीय परिवारों की ओर बदलाव, विवाह के महत्व में परिवर्तन (कम उम्र में विवाह में कमी, तलाक की दर में वृद्धि), और व्यक्तिगत पसंद (जैसे जीवनसाथी का चुनाव) पर अधिक जोर दिया जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन, शिक्षा और शहरीकरण से जुड़ा हुआ है।
    • गलत विकल्प: संयुक्त परिवार का महत्व कम हुआ है, न कि बढ़ा है। विवाह की संस्था कमजोर नहीं हुई है, बल्कि उसके रूप और कार्य बदल गए हैं। वंशानुगत मुखिया प्रणाली पारंपरिक है, आधुनिक नहीं।

    प्रश्न 24: “विभाजन” (Division of Labour) की अवधारणा, जो समाज को विशिष्ट कार्यों में विभाजित करने के रूप में समझी जाती है, पर किस समाजशास्त्री ने व्यापक रूप से लिखा?

    1. Max Weber
    2. Karl Marx
    3. Émile Durkheim
    4. Georg Simmel

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: Émile Durkheim ने “The Division of Labour in Society” नामक अपनी पुस्तक में इस अवधारणा पर गहराई से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे श्रम विभाजन समाज में एकता (विशेष रूप से जैविक एकता) को बढ़ावा देता है।
    • संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने श्रम विभाजन के दो मुख्य प्रकारों का वर्णन किया: यांत्रिक एकता (जो समानता पर आधारित है) और जैविक एकता (जो अंतर-निर्भरता पर आधारित है)।
    • गलत विकल्प: मार्क्स ने उत्पादन के साधनों और वर्ग संघर्ष पर जोर दिया। वेबर ने सत्ता और नौकरशाही पर काम किया। सिमेल ने व्यक्ति और समाज के बीच अंतःक्रियाओं का अध्ययन किया।

    प्रश्न 25: समाजशास्त्र में “सामाजीकरण” (Socialization) का सबसे उपयुक्त अर्थ क्या है?

    1. समाज के नियमों को सीखना और सामाजिक मूल्यों को आत्मसात करना।
    2. व्यक्ति का समाज में अपना स्थान बनाना।
    3. सामाजिक संबंधों को समझना।
    4. समाज के इतिहास का अध्ययन करना।

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सत्यता: सामाजीकरण वह आजीवन प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति समाज के सदस्य के रूप में आवश्यक ज्ञान, कौशल, मूल्य और मानदंड सीखता है। यह उसे समाज में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार करता है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह प्रक्रिया परिवार, स्कूल, सहकर्मी समूह और मीडिया जैसे विभिन्न अभिकर्ताओं (agents) के माध्यम से होती है।
    • गलत विकल्प: (b) सामाजिकरण का एक परिणाम हो सकता है, लेकिन पूरा अर्थ नहीं। (c) सामाजिकरण के दौरान होता है। (d) इतिहास का अध्ययन समाजशास्त्र का एक अलग पहलू है।

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