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समय-रेखा पर एक यात्रा: आज की इतिहास प्रश्नोत्तरी में महारत हासिल करें!

समय-रेखा पर एक यात्रा: आज की इतिहास प्रश्नोत्तरी में महारत हासिल करें!

नमस्कार, प्रतियोगी साथियों! इतिहास की गहराइयों में गोता लगाने और अपने ज्ञान को परखने का समय आ गया है। आज हम प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक भारत और विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण पड़ावों से चुनिंदा 25 प्रश्न लेकर आए हैं। यह मॉक टेस्ट आपकी तैयारी को धार देगा और आपको परीक्षा के लिए और भी आत्मविश्वास से लबरेज़ करेगा। चलिए, इतिहास के इस रोमांचक सफ़र पर निकलते हैं!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के निम्नलिखित में से किस स्थल से एक नर्तकी की कांस्य प्रतिमा प्राप्त हुई है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मोहनजोदड़ो ( the ‘mound of the dead’) से मिली “डांसिंग गर्ल” की कांस्य प्रतिमा सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे प्रसिद्ध कलाकृतियों में से एक है। यह प्रतिमा लगभग 10.5 सेंटीमीटर (4.1 इंच) ऊंची है और इसे तिरछे खड़े हुए दर्शाया गया है, जिसमें उसका एक हाथ कूल्हे पर रखा है और दूसरा हाथ नीचे की ओर है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रतिमा लगभग 2500 ईसा पूर्व की मानी जाती है और उस समय की उन्नत धातु-कास्टिंग तकनीक (lost-wax casting method) का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसका प्राप्त होना सिंधु सभ्यता के कलाकारों की असाधारण कुशलता को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से श्रमिक बस्ती, अन्नागार और आर37 कब्रिस्तान जैसे साक्ष्य मिले हैं। लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ डॉकयार्ड के अवशेष मिले। कालीबंगा से जुते हुए खेत के साक्ष्य और सात अग्निकुंड प्राप्त हुए हैं।

प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘पणि’ किसे कहा जाता था?

  1. गोत्र के प्रमुख
  2. व्यापारियों का एक समूह
  3. राजा के सलाहकार
  4. भूमि का मालिक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ऋग्वैदिक काल में ‘पणि’ शब्द उन व्यापारियों के समूह के लिए प्रयुक्त होता था जो दूर-दूर तक व्यापार करते थे। ये लोग अक्सर गायों की चोरी करने के लिए भी जाने जाते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद में इन पणियों का उल्लेख अक्सर इन्द्र द्वारा उन्हें हराने या उनसे संघर्ष करने के संदर्भ में आता है। वे पशुधन के महत्व को समझने वाले और विनिमय अर्थव्यवस्था में सक्रिय भूमिका निभाने वाले लोग थे।
  • गलत विकल्प: गोत्र के प्रमुख को ‘कुलप’ कहा जाता था। राजा के प्रमुख सलाहकार को ‘रत्निन’ कहा जाता था, जो शाही समारोहों में भाग लेते थे। भूमि का स्वामित्व व्यक्तिगत या पारिवारिक हो सकता था, लेकिन ‘पणि’ विशेष रूप से व्यापारियों से संबंधित थे।

प्रश्न 3: मौर्य साम्राज्य के किस शासक को ‘अमित्रघात’ (शत्रुओं का संहारक) के नाम से जाना जाता था?

  1. चंद्रगुप्त मौर्य
  2. बिंदुसार
  3. अशोक
  4. कुणाल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: बिंदुसार, मौर्य वंश के दूसरे शासक और चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र थे, जिन्हें यूनानी स्रोतों में ‘अमित्रघात’ (Amitrochates) के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है “शत्रुओं का संहारक”।
  • संदर्भ और विस्तार: बिंदुसार के शासनकाल (लगभग 298-273 ईसा पूर्व) में मगध का साम्राज्य उत्तर में हिंदू कुश से लेकर दक्षिण में मैसूर तक फैला हुआ था। स्ट्रैबो के अनुसार, बिंदुसार ने सीरिया के सेल्यूकस प्रथम से एंटीओकस प्रथम द्वारा एक दूतमंडल प्राप्त किया था, जिसने उसे मीठी शराब, सूखे मेवे और एक दार्शनिक भेजने का अनुरोध किया था।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य को ‘सैंड्रोकोटस’ के नाम से जाना जाता था। अशोक को उनके धम्म विजय के लिए जाना जाता है। कुणाल, अशोक के पुत्र थे।

प्रश्न 4: गुप्त काल में “पंचसिद्धांतिका” नामक ज्योतिष ग्रंथ की रचना किसने की?

  1. आर्यभट्ट
  2. वराहमिहिर
  3. ब्रह्मगुप्त
  4. भास्कराचार्य

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: वराहमिहिर, गुप्त काल के एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे, जिन्होंने “पंचसिद्धांतिका” नामक ग्रंथ की रचना की।
  • संदर्भ और विस्तार: “पंचसिद्धांतिका” पाँच खगोलीय सिद्धांतों का एक संग्रह है, जो भारतीय, ग्रीक, मिस्र, रोमन और चीनी ज्योतिष की विधियों का वर्णन करता है। यह ग्रंथ तत्कालीन भारतीय खगोल विज्ञान और ज्योतिष की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। वराहमिहिर की अन्य प्रमुख कृतियों में “बृहत् संहिता” और “बृहत् जातक” शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: आर्यभट्ट ने “आर्यभटीय” की रचना की, जिसमें गणित और खगोल विज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं। ब्रह्मगुप्त ने “ब्रह्मस्फुटसिद्धांत” लिखा। भास्कराचार्य मध्यकालीन भारत के एक प्रमुख गणितज्ञ थे जिन्होंने “लीलावती” और “सिद्धान्त शिरोमणि” की रचना की।

प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) की स्थापना की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388 ई.) ने ‘दीवान-ए-खैरात’ नामक एक दान विभाग की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का मुख्य उद्देश्य गरीबों, विधवाओं, और अनाथों को वित्तीय सहायता प्रदान करना था। फिरोजशाह तुगलक ने कई सार्वजनिक कल्याणकारी कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें कई अस्पताल (दार-उल-शफा), स्कूल और सिंचाई नहरों का निर्माण शामिल है। उन्होंने ‘दीवान-ए-इस्तियाक’ (पेंशन विभाग) और ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) की भी स्थापना की।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने तुर्क-ए-गहलगानी (चालीसा) की स्थापना की। बलबन ने राजत्व के दैवीय सिद्धांत को अपनाया और ‘चालीसा’ को समाप्त किया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार सुधार और स्थायी सेना के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने ‘कृष्णदेवराय’ के नाम से शासन किया?

  1. देवराय प्रथम
  2. देवराय द्वितीय
  3. कृष्णदेवराय
  4. अच्युतदेवराय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली शासक कृष्णदेवराय थे, जिन्होंने 1509 से 1529 ईस्वी तक शासन किया।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय तुलुव वंश के तीसरे शासक थे। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य के स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता है। उन्होंने साहित्य, कला और वास्तुकला को खूब संरक्षण दिया। वे स्वयं एक विद्वान कवि थे और संस्कृत एवं तेलुगु में रचनाएं कीं। उनकी प्रसिद्ध कृति “आमुक्तमाल्यदा” है। उनके काल में ही इटली के यात्री डोमिंगोस पेस और पुर्तगाली यात्री फर्नाओ नुनीज ने विजयनगर का दौरा किया था।
  • गलत विकल्प: देवराय प्रथम और द्वितीय महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन कृष्णदेवराय की प्रसिद्धि और साम्राज्य विस्तार सबसे अधिक था। अच्युतदेवराय कृष्णदेवराय के उत्तराधिकारी थे।

प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से इसका नेतृत्व किसने किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. बहादुर शाह जफर
  3. नाना साहेब
  4. कुंवर सिंह

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से प्रमुख भारतीय नेता नाना साहेब थे, जो पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे।
  • संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने कानपुर के आसपास के क्षेत्रों में विद्रोह का नेतृत्व किया और अंग्रेजों को वहां से खदेड़ दिया। हालांकि, ब्रिटिश सेना द्वारा किए गए जवाबी हमले के बाद उन्हें भागना पड़ा। अवध के नवाब वाजिद अली शाह के पुत्र बिरजिस कद्र ने भी कानपुर में विद्रोह का समर्थन किया।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से नेतृत्व किया। बहादुरशाह जफर को विद्रोही सैनिक दिल्ली ले गए थे और उन्हें विद्रोह का प्रतीकात्मक नेता घोषित किया गया था। कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से विद्रोह का नेतृत्व किया।

प्रश्न 8: ‘रेड क्लिफ रेखा’ किन दो देशों के बीच सीमा निर्धारित करती है?

  1. भारत और चीन
  2. भारत और पाकिस्तान
  3. भारत और अफगानिस्तान
  4. भारत और बांग्लादेश

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: रेड क्लिफ रेखा (Radcliffe Line) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा का निर्धारण करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस रेखा का नाम ब्रिटिश वकील सर सिरिल रेडक्लिफ के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1947 में भारत के विभाजन के समय भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाएं खींची थीं। यह सीमा मुख्य रूप से पंजाब और बंगाल प्रांतों को विभाजित करती है।
  • गलत विकल्प: भारत और चीन के बीच मैकमोहन रेखा (कुछ हिस्सों में), और नियंत्रण रेखा (LoC) का कुछ हिस्सा लगता है। भारत और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा है (हालांकि अब यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच है)। भारत और बांग्लादेश के बीच भी सीमा है, लेकिन रेड क्लिफ रेखा मुख्य रूप से भारत-पाकिस्तान सीमा के लिए जानी जाती है।

प्रश्न 9: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?

  1. ‘शक्ति, स्वतंत्रता, भाईचारा’
  2. ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’
  3. ‘राष्ट्र, ईश्वर, राजा’
  4. ‘लोकतंत्र, न्याय, शांति’

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति का प्रसिद्ध नारा “Liberté, égalité, fraternité” (स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व) था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य और उसके आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है। स्वतंत्रता का अर्थ व्यक्तिगत स्वतंत्रता और राज्य के हस्तक्षेप से मुक्ति था, समानता का अर्थ कानून के समक्ष सभी नागरिकों की समान स्थिति और विशेष अधिकारों का अंत था, और बंधुत्व का अर्थ नागरिकों के बीच एकता और भाईचारे की भावना था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प नारे के अर्थ या ऐतिहासिक संदर्भ से मेल नहीं खाते।

प्रश्न 10: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?

  1. कलकत्ता अधिवेशन, 1928
  2. लाहौर अधिवेशन, 1929
  3. कराची अधिवेशन, 1931
  4. फैजपुर अधिवेशन, 1936

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दिसंबर 1929 में लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने स्वतंत्रता के लक्ष्य को और अधिक स्पष्ट किया।
  • गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन 1928 में मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट पर चर्चा हुई। कराची अधिवेशन 1931 में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति पर प्रस्ताव पारित हुए, जिसकी अध्यक्षता सरदार पटेल ने की थी। फैजपुर अधिवेशन 1936 कांग्रेस का पहला ग्रामीण अधिवेशन था।

प्रश्न 11: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक कौन हैं?

  1. जीन-जैक्स रूसो
  2. वॉल्टेयर
  3. चार्ल्स डी मोंटेस्क्यू
  4. डेनिस डिडेरोट

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘The Spirit of Laws’ (De l’esprit des lois) नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक फ्रांसीसी दार्शनिक चार्ल्स डी मोंटेस्क्यू (Charles de Secondat, Baron de Montesquieu) हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक 1748 में प्रकाशित हुई थी और इसमें मोंटेस्क्यू ने सरकार के तीन प्रकारों (गणतंत्र, राजशाही, निरंकुशता) का वर्णन किया है और शक्तियों के पृथक्करण (separation of powers) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया है। यह सिद्धांत आधुनिक लोकतांत्रिक शासन प्रणालियों का एक आधारस्तंभ बन गया है।
  • गलत विकल्प: रूसो ने ‘The Social Contract’ लिखी, वॉल्टेयर ने धार्मिक सहिष्णुता और स्वतंत्र भाषण की वकालत की, और डिडेरोट ‘एनसाइक्लोपीडिया’ के संपादन के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन अवंती महाजनपद की राजधानी थी?

  1. राजगृह
  2. वाराणसी
  3. विशाल
  4. उज्जैन (महेश्वर)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक, अवंती की दो राजधानियाँ थीं: उत्तरी अवंती की राजधानी उज्जैन (जिसे महेश्वर भी कहा जाता है) और दक्षिणी अवंती की राजधानी महिष्मती थी।
  • संदर्भ और विस्तार: उज्जैन एक प्रमुख व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र था। अवंती, मगध के उदय से पहले एक शक्तिशाली राज्य था।
  • गलत विकल्प: राजगृह मगध की प्रारंभिक राजधानी थी। वाराणसी (या कौशाम्बी) कोशल और मगध के बीच स्थित थी। विशाल (वैशाली) वज्जि संघ की राजधानी थी।

प्रश्न 13: ‘तैमूरनामा’ का अनुवाद फारसी से चगताई तुर्की में किसने किया था?

  1. जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर
  2. हुमायूँ
  3. अकबर
  4. जहांगीर

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर, जिन्होंने मुगल साम्राज्य की नींव रखी, ने ‘तैमूरनामा’ का फारसी से चगताई तुर्की में अनुवाद किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘तैमूरनामा’ तैमूर (Tamerlane) की विजयों का विवरण है। बाबर अपने पूर्वज तैमूर से बहुत प्रेरित थे और उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘बाबरनामा’ भी चगताई तुर्की में लिखी थी। वे एक कुशल लेखक और अनुवादक थे।
  • गलत विकल्प: हुमायूँ, अकबर और जहांगीर ने भी कला और साहित्य को संरक्षण दिया, लेकिन इस विशिष्ट कार्य का श्रेय बाबर को जाता है।

प्रश्न 14: भारत में ‘प्रथम वास्तविक मेहराब’ (True Arch) का उदाहरण किस मकबरे में मिलता है?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक का मकबरा
  2. इल्तुतमिश का मकबरा
  3. बलबन का मकबरा
  4. अलाउद्दीन खिलजी का मकबरा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: बलबन के मकबरे (दिल्ली में स्थित) में भारत में ‘प्रथम वास्तविक मेहराब’ (True Arch) का स्पष्ट उदाहरण मिलता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इससे पहले के मकबरों और इमारतों में भारतीय चाप (Corbel Arch) का उपयोग होता था, जिसमें पत्थरों को धीरे-धीरे आगे लाकर मेहराब का आकार दिया जाता था। बलबन के मकबरे में इस्तेमाल हुआ मेहराब अर्ध-वृत्ताकार (semi-circular) है, जो इस्लामी वास्तुकला की विशेषता है और भारतीय मेहराबों से भिन्न है।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक का मकबरा (लाहौर), इल्तुतमिश का मकबरा (दिल्ली) और अलाउद्दीन खिलजी का मकबरा (दिल्ली) भी महत्वपूर्ण वास्तुकला के उदाहरण हैं, लेकिन इनमें पूर्ण रूप से विकसित वास्तविक मेहराब का प्रयोग बलबन के मकबरे जितना स्पष्ट नहीं है।

प्रश्न 15: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किसने की थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को एक सूत्र में पिरोना था?

  1. जहांगीर
  2. शाहजहाँ
  3. अकबर
  4. औरंगजेब

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (Divine Faith) की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को एक साथ लाना और उन्हें एक सामान्य नैतिक और आध्यात्मिक मंच प्रदान करना था। इसमें हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, पारसी, जैन और अन्य धर्मों के तत्वों को शामिल किया गया था। हालांकि, इसे व्यापक स्वीकार्यता नहीं मिली और अकबर के बाद यह समाप्त हो गया। केवल कुछ ही व्यक्ति, जैसे कि बीरबल, ने इसे स्वीकार किया था।
  • गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने अकबर के धार्मिक सहिष्णुतावादी दृष्टिकोण को जारी नहीं रखा।

प्रश्न 16: “The Economic History of India” पुस्तक के लेखक कौन हैं?

  1. दादाभाई नौरोजी
  2. रमेश चंद्र दत्त
  3. महात्मा गांधी
  4. एम. जी. रानाडे

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: “The Economic History of India” (दो खंडों में) पुस्तक के लेखक रमेश चंद्र दत्त (R.C. Dutt) थे।
  • संदर्भ और विस्तार: आर.सी. दत्त ने इस पुस्तक में ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के शोषण और उसके नकारात्मक प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने विशेष रूप से ब्रिटिश नीतियों के कारण हुए भारत के औद्योगिक पतन और आर्थिक निर्वनीकरण (economic drain) पर प्रकाश डाला। यह पुस्तक भारतीय राष्ट्रवाद के आर्थिक पहलुओं को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: दादाभाई नौरोजी ने ‘Drain of Wealth’ सिद्धांत प्रस्तुत किया, एम.जी. रानाडे ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पर विचार व्यक्त किए, और गांधीजी ने भी आर्थिक विचारों को प्रभावित किया, लेकिन यह विशिष्ट पुस्तक आर.सी. दत्त की है।

प्रश्न 17: चालुक्य वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने एहोल को अपनी राजधानी बनाया?

  1. पुलकेशिन प्रथम
  2. पुलकेशिन द्वितीय
  3. विक्रमादित्य प्रथम
  4. तैलाप द्वितीय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: चालुक्य वंश का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली शासक पुलकेशिन द्वितीय था, जिसने लगभग 609-642 ईस्वी तक शासन किया। उसकी राजधानी वातापी (आधुनिक बादामी) थी, हालांकि एहोल उनके राज्य का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र था जहाँ कई मंदिर बने।
  • संदर्भ और विस्तार: पुलकेशिन द्वितीय ने अपने साम्राज्य का विस्तार किया और उत्तर में हर्षवर्द्धन को नर्मदा नदी के तट पर हराया था (जैसा कि एहोल अभिलेख में वर्णित है)। उसने पल्लवों को भी कई बार हराया। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग (Xuanzang) ने भी उसके शासनकाल में भारत का दौरा किया और उसके राज्य का वर्णन किया।
  • गलत विकल्प: पुलकेशिन प्रथम चालुक्य वंश का संस्थापक था। विक्रमादित्य प्रथम ने पल्लवों के विरुद्ध युद्ध जारी रखा। तैलाप द्वितीय कल्याणी के चालुक्यों से संबंधित था।

प्रश्न 18: ‘भूदान आंदोलन’ के प्रणेता कौन थे?

  1. महात्मा गांधी
  2. विनोबा भावे
  3. जयप्रकाश नारायण
  4. डॉ. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे थे, जिन्हें गांधीजी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भूदान आंदोलन 1951 में तेलंगाना में शुरू हुआ था, जहाँ विनोबा भावे ने भूमिहीन किसानों को भूमि वितरित करने के लिए जमींदारों से भूमि दान में मांगने की पहल की। यह आंदोलन अहिंसा और गांधीवादी दर्शन पर आधारित था। इसका उद्देश्य भूमि के पुनर्वितरण द्वारा सामाजिक और आर्थिक असमानता को कम करना था।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने भूदान आंदोलन की प्रेरणा दी, लेकिन इसके प्रत्यक्ष प्रणेता विनोबा भावे थे। जयप्रकाश नारायण ने बाद में सर्वोदय आंदोलन का नेतृत्व किया, और डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति थे।

प्रश्न 19: किस मुगल सम्राट को ‘आलमगीर’ (विश्व विजेता) की उपाधि प्राप्त थी?

  1. जहांगीर
  2. शाहजहाँ
  3. औरंगजेब
  4. अकबर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: मुगल सम्राट औरंगजेब को ‘आलमगीर’ (Alamgir – विश्व विजेता) की उपाधि से जाना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि उसके विस्तारवादी नीतियों और भारत के बड़े हिस्से पर शासन करने के कारण दी गई थी। औरंगजेब (शासनकाल 1658-1707 ई.) अपने धार्मिक कट्टरता और साम्राज्य के विस्तार के लिए जाना जाता है। उसने दक्कन में मराठों और अन्य राज्यों के विरुद्ध लंबी लड़ाई लड़ी।
  • गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहाँ और अकबर के अपने-अपने शासनकाल की विशेषताएँ थीं, लेकिन ‘आलमगीर’ की उपाधि विशेष रूप से औरंगजेब से जुड़ी है।

प्रश्न 20: भारत में सहायक संधि प्रणाली (Subsidiary Alliance) का जनक किसे माना जाता है?

  1. लॉर्ड कॉर्नवालिस
  2. लॉर्ड वेलेस्ली
  3. लॉर्ड डलहौजी
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लॉर्ड वेलेस्ली, जो 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर-जनरल थे, को सहायक संधि प्रणाली का जनक माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग करनी पड़ती थी और ब्रिटिश सेना को अपने राज्य में रखना पड़ता था, जिसका खर्च वे स्वयं उठाते थे। बदले में, ब्रिटिश कंपनी उस शासक को बाहरी आक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करती थी और उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने का वादा करती थी (हालांकि यह वादा अक्सर नहीं निभाया जाता था)। इस संधि के माध्यम से अंग्रेजों ने भारतीय रियासतों पर अपना नियंत्रण बढ़ाया। हैदराबाद का निजाम पहला भारतीय शासक था जिसने 1798 में सहायक संधि स्वीकार की।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस स्थायी बंदोबस्त के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड डलहौजी ने ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया। लॉर्ड विलियम बेंटिक भारत के पहले गवर्नर-जनरल थे और उन्होंने सती प्रथा को समाप्त किया।

प्रश्न 21: सिंधु घाटी सभ्यता में ‘लोथल’ नामक पुरास्थल किस नदी के तट पर स्थित था?

  1. सिंधु नदी
  2. गंगा नदी
  3. भोगवा नदी
  4. सतलज नदी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: सिंधु घाटी सभ्यता का लोथल नामक पुरास्थल वर्तमान गुजरात में भोगवा नदी के तट पर स्थित था, जो साबरमती नदी की एक सहायक नदी है।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था और यहाँ से फारस की खाड़ी के साथ समुद्री व्यापार के प्रमाण मिले हैं। यहाँ एक विशाल गोदी (dockyard) के अवशेष पाए गए हैं, जो उस समय की उन्नत इंजीनियरिंग और व्यापारिक गतिविधियों का प्रमाण है।
  • गलत विकल्प: सिंधु नदी सभ्यता के मुख्य क्षेत्र से बहती थी। गंगा नदी लोथल से बहुत दूर थी। सतलज नदी भी लोथल के क्षेत्र से दूर है।

प्रश्न 22: किस सल्तनत काल के सुल्तान ने ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ लागू की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. अलाउद्दीन खिलजी
  3. मुहम्मद बिन तुगलक
  4. सिकंदर लोदी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316 ई.) ने एक कठोर और व्यापक बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली का उद्देश्य अपनी विशाल सेना के लिए खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुओं की सस्ती दर पर आपूर्ति सुनिश्चित करना था। उसने खाद्यान्नों, कपड़ों, जानवरों और अन्य वस्तुओं के लिए मूल्य निर्धारित किए और इनके उल्लंघन पर कठोर दंड का प्रावधान किया। बाजार निरीक्षक (सहना-ए-मंडी) और गुप्तचर (बरीद) नियुक्त किए गए थे।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश, मुहम्मद बिन तुगलक और सिकंदर लोदी ने अन्य सुधार किए, लेकिन इतनी व्यापक बाजार नियंत्रण प्रणाली अलाउद्दीन खिलजी द्वारा लागू की गई थी।

प्रश्न 23: कांग्रेस के किस अधिवेशन में गांधी-इरविन समझौता (1931) को मंजूरी दी गई?

  1. कलकत्ता अधिवेशन, 1928
  2. लाहौर अधिवेशन, 1929
  3. कराची अधिवेशन, 1931
  4. लखनऊ अधिवेशन, 1936

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: कराची अधिवेशन, 1931 में कांग्रेस ने गांधी-इरविन समझौते को मंजूरी दी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिवेशन सरदार वल्लभभाई पटेल की अध्यक्षता में हुआ था। कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने और गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने का निर्णय लिया। इसी अधिवेशन में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति संबंधी प्रस्ताव भी पारित किए गए, जो कांग्रेस के सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
  • गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन 1929 में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था। कलकत्ता अधिवेशन 1928 में मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट पर चर्चा हुई थी। लखनऊ अधिवेशन 1936 में जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष थे।

प्रश्न 24: किस यूरोपीय यात्री ने ‘सहारा डेजर्ट’ में पहली बार वैज्ञानिक अध्ययन किया?

  1. हेरोडोटस
  2. स्ट्रैबो
  3. वास्को डी गामा
  4. रने कैयु

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: फ्रांसीसी भूगोलवेत्ता और लेखक रने कैयु (René Caillié) ने 1828 में टिम्बकटू की यात्रा की थी और वे पहले यूरोपीय थे जिन्होंने सहारा रेगिस्तान में व्यापक वैज्ञानिक अध्ययन किया।
  • संदर्भ और विस्तार: कैयु ने अपनी यात्रा का विस्तृत विवरण अपनी पुस्तक “Travels through Central Africa to Timbuctoo and round the Western Sudan” में दिया। उनकी यात्रा ने यूरोपीय लोगों के लिए पश्चिम अफ्रीका और सहारा के आंतरिक क्षेत्रों के बारे में ज्ञान का विस्तार किया।
  • गलत विकल्प: हेरोडोटस को इतिहास का जनक कहा जाता है और उन्होंने अफ्रीका के बारे में लिखा, लेकिन सहारा पर विशेष वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया। स्ट्रैबो एक प्राचीन यूनानी भूगोलवेत्ता थे। वास्को डी गामा समुद्री मार्ग से भारत आए थे।

प्रश्न 25: ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में ‘फौजदारी न्यायालयों’ (Criminal Courts) की स्थापना का श्रेय किस गवर्नर-जनरल को जाता है?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड हेस्टिंग्स
  3. लॉर्ड विलियम बेंटिक
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता: लॉर्ड विलियम बेंटिक (1828-1835) को भारत में फौजदारी न्यायालयों की स्थापना और भारतीय न्यायाधीशों को कुछ अधिकार देने का श्रेय जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: बेंटिक ने न्यायिक सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने फौजदारी मामलों में यूरोपीय और भारतीय न्यायाधीशों के बीच भेदभाव को कम करने का प्रयास किया। उन्होंने स्थापित किया कि भारतीय न्यायाधीश भी कुछ फौजदारी मामलों में निर्णय दे सकते हैं, जिससे न्यायिक प्रणाली में भारतीयों की भूमिका बढ़ी।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड हेस्टिंग्स ने मराठों के साथ तीसरा युद्ध लड़ा और ब्रिटिश शक्ति का विस्तार किया। लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे और उन्होंने 1857 के विद्रोह का सामना किया।

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