समय के पार: आज के इतिहास के सवालों से करें सामना!
इतिहास के अनगिनत पन्नों में आपका स्वागत है, जहाँ हर प्रश्न एक नया अध्याय खोलता है! क्या आप अतीत की गहराइयों में गोता लगाने और अपने ज्ञान की धार को पैना करने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इस ऐतिहासिक सफ़र पर निकल पड़ें और देखें कि आप इतिहास के कितने बड़े ज्ञाता हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस पुरातात्विक स्थल से ‘घोड़े के अवशेष’ पहली बार मिले हैं?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- सुरकोटदा
- लोथल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सुरकोटदा (Surkotada), जो गुजरात में स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता के पुरातात्विक स्थलों में से वह स्थान है जहाँ से पहली बार घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सुरकोटदा से घोड़े की हड्डियां और अन्य संबंधित वस्तुएं मिली हैं, जो इस बात का प्रमाण प्रदान करती हैं कि इस क्षेत्र में घोड़े मौजूद थे। यह खोज सिंधु सभ्यता के विस्तार और तत्कालीन पशुपालन की प्रकृति को समझने में महत्वपूर्ण है। अन्य स्थल जैसे हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और लोथल प्रमुख शहरी केंद्र थे, जहाँ सील, कलाकृतियाँ और शहरी नियोजन के प्रमाण मिले, लेकिन घोड़े के सीधे साक्ष्य सुरकोटदा से ही मिले हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो उत्कृष्ट शहरी केंद्र थे, लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह। घोड़े के अवशेषों के लिए सुरकोटदा सबसे प्रासंगिक स्थल है।
प्रश्न 2: ‘अष्टाध्यायी’ के लेखक कौन हैं, जो संस्कृत व्याकरण पर एक प्रारंभिक और मौलिक कार्य है?
- कालिदास
- पाणिनि
- पतंजलि
- भरतमुनि
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘अष्टाध्यायी’ (Ashtadhyayi) के लेखक महर्षि पाणिनि (Panini) हैं। यह पुस्तक संस्कृत भाषा के व्याकरण के नियमों का एक व्यवस्थित और विस्तृत संकलन है।
- संदर्भ और विस्तार: पाणिनि ने लगभग 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में इस रचना को लिखा था। ‘अष्टाध्यायी’ में लगभग 4,000 सूत्र (सूत्र) हैं, जो वर्णों, शब्दों और वाक्यों के निर्माण तथा प्रयोग के नियमों को विस्तार से बताते हैं। यह कार्य भारतीय भाषाशास्त्र और व्याकरण के अध्ययन में एक आधारशिला माना जाता है। कालिदास एक महान कवि और नाटककार थे, पतंजलि ने ‘योगसूत्र’ लिखा और ‘महाभाष्य’ भी, जबकि भरतमुनि ‘नाट्यशास्त्र’ के लेखक हैं।
- गलत विकल्प: कालिदास, पतंजलि और भरतमुनि अपने-अपने क्षेत्रों में महान विद्वान थे, लेकिन ‘अष्टाध्यायी’ का संबंध केवल पाणिनि से है।
प्रश्न 3: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) की स्थापना की थी?
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
- मोहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के शासक फिरोज शाह तुगलक (Firoz Shah Tughlaq) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (Diwan-i-Bandagan) नामक एक विशेष विभाग की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह विभाग राज्य के गुलामों (बंदगान) के प्रबंधन के लिए बनाया गया था, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण देकर प्रशासन, सेना और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में लगाया जाता था। फिरोज शाह तुगलक अपनी उदार नीतियों और सार्वजनिक कल्याण के कार्यों के लिए जाना जाता है, जिसमें सिंचाई नहरों का निर्माण और कई शहरों की स्थापना भी शामिल है। उन्होंने बड़ी संख्या में गुलामों को प्रशिक्षित कर राज्य सेवाओं में नियुक्त किया।
- गलत विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-रियासत’ (बाजार नियंत्रण) की स्थापना की थी। गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की नींव रखी थी, और मोहम्मद बिन तुगलक अपनी महत्वाकांक्षी, यद्यपि असफल, योजनाओं के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 4: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से इसका नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- नाना साहेब
- कुंवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान, कानपुर से विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब (Nana Sahib) ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने विद्रोह का नेतृत्व करते हुए ब्रिटिश सेना को चुनौती दी और कानपुर पर कब्ज़ा भी किया। हालांकि, उन्हें बाद में ब्रिटिश सेना द्वारा पराजित कर दिया गया और वे नेपाल भाग गए। रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, बेगम हजरत महल ने अवध (लखनऊ) से, और कुंवर सिंह ने आरा (बिहार) से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई (झांसी), बेगम हजरत महल (अवध) और कुंवर सिंह (बिहार) ने अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
प्रश्न 5: ‘इंडिका’ का लेखक कौन था, जिसने मौर्य काल में भारत की यात्रा की थी?
- टॉलेमी
- फाह्यान
- ह्वेन त्सांग
- मेगस्थनीज
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘इंडिका’ (Indica) नामक पुस्तक के लेखक मेगस्थनीज (Megasthenes) हैं। वह यूनानी इतिहासकार और सेल्यूकस प्रथम निकेटर के राजदूत थे, जिन्होंने मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भारत की यात्रा की थी।
- संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज का ‘इंडिका’ मौर्य साम्राज्य के समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था और संस्कृति का प्रत्यक्षदर्शी विवरण प्रस्तुत करता है। यद्यपि मूल ‘इंडिका’ अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन बाद के लेखकों जैसे एरियन, प्लिनी और स्ट्रैबो के कार्यों में इसके अंश सुरक्षित हैं। यह प्राचीन भारत के इतिहास को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत है। टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता था, फाह्यान और ह्वेन त्सांग चीनी यात्री थे जिन्होंने गुप्त और हर्षवर्धन काल में भारत की यात्रा की थी।
- गलत विकल्प: टॉलेमी ने भूगोल पर काम किया। फाह्यान (चंद्रगुप्त द्वितीय के काल में) और ह्वेन त्सांग (हर्षवर्धन के काल में) अन्य महत्वपूर्ण यात्री थे, लेकिन ‘इंडिका’ मेगस्थनीज की रचना है।
प्रश्न 6: किस मुगल सम्राट ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: महान मुगल सम्राट अकबर (Akbar) ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (Din-i-Ilahi) नामक एक समन्वयवादी धर्म की शुरुआत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: ‘दीन-ए-इलाही’ का अर्थ है ‘ईश्वर का धर्म’। यह विभिन्न धार्मिक विश्वासों और प्रथाओं का एक मिश्रण था, जिसका उद्देश्य सभी धर्मों के अनुयायियों के बीच सामंजस्य स्थापित करना था। इसमें इस्लामी, हिंदू, पारसी, ईसाई और अन्य धर्मों के तत्वों को शामिल किया गया था। हालांकि, यह बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ और इसके अनुयायियों की संख्या बहुत कम थी। बीरबल इसका एक प्रमुख समर्थक था।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने दीन-ए-इलाही को आगे नहीं बढ़ाया; विशेष रूप से औरंगजेब धार्मिक रूप से अधिक रूढ़िवादी था।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गुप्त वंश के शक्तिशाली शासक समुद्रगुप्त (Samudragupta) को उनके सैन्य विजयों और विस्तृत साम्राज्य के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ (V.A. Smith) द्वारा दी गई थी। समुद्रगुप्त ने अपने शासनकाल में लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को विजय किया और उत्तर भारत की कई शक्तियों को परास्त किया। उन्होंने दक्षिण भारत में भी विजय अभियान चलाए, जिससे उनके साम्राज्य का विस्तार अभूतपूर्व रूप से बढ़ा। उनकी कुशल सैन्य रणनीतियों और साम्राज्य विस्तार की क्षमता ने उन्हें यह उपाधि दिलाई।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव मजबूत की, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने कला और साहित्य को संरक्षण दिया, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की।
प्रश्न 8: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1905-1909
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1941-1944
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध (World War I) 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया) और मित्र राष्ट्रों (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि) के बीच लड़ा गया था। यह मानव इतिहास के सबसे घातक संघर्षों में से एक था, जिसके परिणामस्वरूप करोड़ों लोगों की जान गई और राजनीतिक मानचित्र में बड़े बदलाव आए।
- गलत विकल्प: 1905-1909 प्रथम विश्व युद्ध से बहुत पहले का समय है। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का काल है। 1941-1944 द्वितीय विश्व युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन संपूर्ण अवधि नहीं।
प्रश्न 9: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किस नदी के किनारे की गई थी?
- गंगा
- गोदावरी
- तुंगभद्रा
- कावेरी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य (Vijayanagara Empire) की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का राय प्रथम द्वारा तुंगभद्रा नदी (Tungabhadra River) के दक्षिणी तट पर की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस साम्राज्य की राजधानी हम्पी (Hampi) इसी नदी के किनारे स्थित थी, जो अपने भव्य मंदिरों और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। तुंगभद्रा नदी ने साम्राज्य के जल आपूर्ति और कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह साम्राज्य लगभग 200 वर्षों तक दक्षिण भारत में एक प्रमुख शक्ति बना रहा।
- गलत विकल्प: गंगा, गोदावरी और कावेरी महत्वपूर्ण नदियाँ हैं, लेकिन विजयनगर साम्राज्य का सीधा संबंध तुंगभद्रा से है।
प्रश्न 10: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1925
- 1930
- 1931
- 1935
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गांधी-इरविन समझौता (Gandhi-Irwin Pact) 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष महात्मा गांधी और भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। यह समझौता सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) को समाप्त करने और द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (Second Round Table Conference) में कांग्रेस की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। समझौते के तहत, सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और जब्त की गई संपत्तियों को वापस करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया।
- गलत विकल्प: 1925 में काकोरी ट्रेन डकैती हुई थी। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था। 1935 भारत सरकार अधिनियम का वर्ष है।
प्रश्न 11: प्राचीन भारत में ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ किस महाकाव्य का एक हिस्सा है?
- रामायण
- महाभारत
- पुराण
- उपनिषद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: श्रीमद्भगवद्गीता (Bhagavad Gita) भारत के महान महाकाव्य महाभारत (Mahabharata) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- संदर्भ और विस्तार: गीता महाभारत के भीष्म पर्व का 25वां से 42वां अध्याय है। इसमें कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों का वर्णन है। यह भारतीय दर्शन और अध्यात्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग पर प्रकाश डालता है।
- गलत विकल्प: रामायण एक अलग महाकाव्य है। पुराण धार्मिक ग्रंथ हैं, और उपनिषद दार्शनिक ग्रंथ हैं, लेकिन गीता महाभारत का अंग है।
प्रश्न 12: ‘सबैधानिक सुधारों’ के लिए 1919 का भारत सरकार अधिनियम किस अन्य नाम से जाना जाता है?
- लॉर्ड कर्जन अधिनियम
- मालकोल्म-मिंटो सुधार
- मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार
- रैलेक्ट एक्ट
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: 1919 का भारत सरकार अधिनियम, जिसे ‘सबैधानिक सुधारों’ का एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है, ‘मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार’ (Montagu-Chelmsford Reforms) के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुधार भारत के तत्कालीन राज्य सचिव एडविन मॉन्टेग्यू (Edwin Montagu) और भारत के वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड (Lord Chelmsford) के नाम पर रखा गया था। इस अधिनियम ने प्रांतों में द्वैध शासन (Dyarchy) की शुरुआत की, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण विभाग भारतीयों के नियंत्रण में दिए गए। इसने केंद्रीय विधायिका का विस्तार किया और पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव का प्रावधान किया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं। मॉर्ले-मिंटो सुधार (1909) सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली लाए। रैलेक्ट एक्ट (1919) बिना मुकदमे के गिरफ्तारी की अनुमति देता था।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी प्रथा उत्तर वैदिक काल में प्रमुखता से प्रचलित थी?
- पशु बलि का निषेध
- यज्ञों और अनुष्ठानों का महत्व
- निर्धनता का पूर्ण अभाव
- ज्ञान-आधारित जीवन शैली
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: उत्तर वैदिक काल (उत्तर वैदिक काल, लगभग 1000-500 ईसा पूर्व) में यज्ञों, अनुष्ठानों और कर्मकांडों का महत्व अत्यधिक बढ़ गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में समाज में पुरोहित वर्ग का प्रभाव बढ़ा और जटिल यज्ञों, जैसे अश्वमेध और राजसूय, का प्रचलन हुआ। ये अनुष्ठान राजाओं की शक्ति को वैधानिक बनाने और सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण थे। इसके विपरीत, प्रारंभिक वैदिक काल में पशु बलि का महत्व था, जिसका निषेध उत्तर वैदिक काल में नहीं हुआ, बल्कि इसका स्वरूप अधिक जटिल हो गया। ज्ञान-आधारित जीवन शैली (जैसे उपनिषदों में) का विकास उत्तर वैदिक काल के अंत में शुरू हुआ, लेकिन प्रमुखता यज्ञों की ही थी।
- गलत विकल्प: पशु बलि का निषेध नहीं हुआ था। निर्धनता का अभाव नहीं था, बल्कि सामाजिक असमानताएं बढ़ीं। ज्ञान-आधारित जीवन शैली बाद में प्रमुख हुई।
प्रश्न 14: ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ की स्थापना कब हुई थी?
- 1588
- 1600
- 1605
- 1612
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (British East India Company) की स्थापना 31 दिसंबर 1600 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह कंपनी शाही चार्टर द्वारा स्थापित की गई थी, जिसने इसे एशिया के साथ व्यापार करने का एकाधिकार दिया। इसका प्रारंभिक उद्देश्य मसालों के व्यापार पर नियंत्रण करना था, लेकिन धीरे-धीरे इसने भारत में राजनीतिक और आर्थिक शक्ति हासिल कर ली। 1608 में कंपनी का पहला जहाज भारत पहुंचा और 1612 में सूरत में पहली फैक्ट्री स्थापित की गई।
- गलत विकल्प: 1588 स्पेनिश आर्माडा की हार का वर्ष है। 1605 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई। 1612 में भारत में पहली अंग्रेजी फैक्ट्री स्थापित हुई।
प्रश्न 15: सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल के किस वर्ष कलिंग युद्ध लड़ा था?
- अपने शासनकाल के 5वें वर्ष
- अपने शासनकाल के 8वें वर्ष
- अपने शासनकाल के 10वें वर्ष
- अपने शासनकाल के 12वें वर्ष
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: सम्राट अशोक (Ashoka) ने अपने शासनकाल के 8वें वर्ष (लगभग 261 ईसा पूर्व) में कलिंग (Kalinga) के साथ युद्ध लड़ा था।
- संदर्भ और विस्तार: कलिंग युद्ध, जैसा कि अशोक के 13वें शिलालेख में वर्णित है, एक अत्यंत क्रूर और रक्तपात वाला संघर्ष था। इस युद्ध की भीषणता और विनाश ने अशोक को गहराई से प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया और अहिंसा तथा धम्म (धार्मिक और नैतिक नियमों का सिद्धांत) का प्रचार शुरू किया।
- गलत विकल्प: शासनकाल के अन्य वर्ष इस महत्वपूर्ण घटना से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 16: ‘खिलाफत आंदोलन’ का संबंध किससे था?
- तुर्की के सुल्तान के प्रति समर्थन
- भारत में मुस्लिम लीग की स्थापना
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार का विरोध
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: खिलाफत आंदोलन (Khilafat Movement) का संबंध प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के खलीफा (Ottoman Sultan) के प्रति समर्थन जताने से था।
- संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य (तुर्की) की हार के बाद, मित्र राष्ट्रों ने उसके विघटन की प्रक्रिया शुरू की, जिससे दुनिया भर के मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। भारत में, मौलाना शौकत अली और मौलाना मोहम्मद अली जैसे नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया और खिलाफत आंदोलन शुरू किया। बाद में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस आंदोलन को असहयोग आंदोलन (1920-22) के साथ जोड़ दिया।
- गलत विकल्प: यह आंदोलन मुस्लिम लीग की स्थापना (1906) या कांग्रेस के विभाजन (1907) से सीधा संबंधित नहीं था, और यह विशेष रूप से ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एक व्यापक विरोध के बजाय तुर्की के खलीफा के प्रति समर्थन का आंदोलन था।
प्रश्न 17: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- केवल राजनीतिक स्थिरता के कारण
- केवल धार्मिक सहिष्णुता के कारण
- कला, विज्ञान, साहित्य और वास्तुकला के असाधारण विकास के कारण
- विदेशी आक्रमणों से पूर्ण मुक्ति के कारण
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: गुप्त काल (320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ (Golden Age of India) कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और वास्तुकला के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञों और खगोलविदों, और वराहमिहिर जैसे ज्योतिषियों का उदय हुआ। अजंता की गुफाओं की प्रसिद्ध चित्रकलाएं और सारनाथ में बुद्ध की खड़ी प्रतिमाएं गुप्त कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। गुप्त शासकों ने राजनीतिक स्थिरता प्रदान की, जिससे इन क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिला।
- गलत विकल्प: हालांकि राजनीतिक स्थिरता थी, यह एकमात्र कारण नहीं था। धार्मिक सहिष्णुता थी, लेकिन इसका योगदान सीमित था। विदेशी आक्रमणों से पूर्ण मुक्ति नहीं थी, बल्कि बाहरी शक्तियों का दबाव कम था।
प्रश्न 18: 1793 में लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा लागू की गई स्थायी बंदोबस्त प्रणाली किस क्षेत्र में लागू की गई थी?
- पूरे भारत में
- केवल बंगाल, बिहार और उड़ीसा
- केवल दक्षिण भारत
- केवल पंजाब
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: लॉर्ड कॉर्नवालिस (Lord Cornwallis) द्वारा 1793 में लागू की गई स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) मुख्य रूप से बंगाल, बिहार और उड़ीसा के तत्कालीन प्रांतों में लागू की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को जमीन का मालिक माना जाता था और उनसे भूमि कर वसूलने का अधिकार दिया गया था। जमींदारों को सरकार को एक निश्चित राशि देनी होती थी, जो स्थायी रूप से तय कर दी गई थी। इससे ब्रिटिश सरकार को एक स्थिर आय का स्रोत मिला, लेकिन किसानों पर बोझ बढ़ गया। बाद में, यह व्यवस्था मद्रास और बनारस के कुछ हिस्सों में भी लागू की गई।
- गलत विकल्प: यह पूरे भारत में या केवल दक्षिण या पंजाब में लागू नहीं की गई थी।
प्रश्न 19: चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में किस यूनानी राजदूत ने भारत का दौरा किया था?
- टॉलेमी
- एरियन
- मेगस्थनीज
- स्ट्राबो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) के शासनकाल में यूनानी राजदूत मेगस्थनीज (Megasthenes) ने भारत का दौरा किया था।
- संदर्भ और विस्तार: जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, मेगस्थनीज सेल्यूकस प्रथम निकेटर द्वारा चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में भेजा गया था। उसने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में मौर्यकालीन भारत का वर्णन किया, जो उस समय के समाज और शासन का मूल्यवान स्रोत है।
- गलत विकल्प: टॉलेमी, एरियन और स्ट्राबो भी प्राचीन यूनानी लेखक थे जिन्होंने भारत के बारे में लिखा, लेकिन उन्होंने मेगस्थनीज के बाद भारत का दौरा किया या मेगस्थनीज के कार्यों का उपयोग किया।
प्रश्न 20: ‘प्लासी का युद्ध’ कब हुआ था?
- 1757
- 1764
- 1773
- 1857
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्लासी का युद्ध (Battle of Plassey) 23 जून 1757 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना, जिसका नेतृत्व रॉबर्ट क्लाइव ने किया था, और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला की सेना के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में रॉबर्ट क्लाइव की जीत ने भारत में ब्रिटिश सत्ता की नींव रखी और ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया। युद्ध का परिणाम मुख्य रूप से सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर के विश्वासघात के कारण हुआ।
- गलत विकल्प: 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था, 1773 में रेगुलेटिंग एक्ट आया था, और 1857 में भारतीय विद्रोह हुआ था।
प्रश्न 21: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु सभ्यता का मैनचेस्टर’ कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- चन्हुदड़ो
- लोथल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: चन्हुदड़ो (Chanhudaro) को ‘सिंधु सभ्यता का मैनचेस्टर’ कहा जाता है क्योंकि यह एक प्रमुख औद्योगिक और शिल्प केंद्र था, विशेष रूप से मोतियों, मुहरों और मिट्टी के बर्तनों के निर्माण के लिए।
- संदर्भ और विस्तार: चन्हुदड़ो अपनी मनका-निर्माण (bead-making) की कला और अन्य शिल्पों के लिए प्रसिद्ध था, जो इसे औद्योगिक महत्व देता था। यह एकमात्र प्रमुख सिंधु स्थल है जहाँ दुर्ग (citadel) नहीं था। मैनचेस्टर, इंग्लैंड, अपने कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए चन्हुदड़ो को इसी आधार पर यह उपनाम दिया गया है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख शहरी केंद्र थे, जबकि लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था।
प्रश्न 22: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?
- स्वामी विवेकानंद
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- राजा राममोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: ‘वेदों की ओर लौटो’ (Go back to the Vedas) का प्रसिद्ध नारा 19वीं सदी के भारतीय समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती (Swami Dayananda Saraswati) ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना था कि वैदिक साहित्य सच्चा और प्रामाणिक ज्ञान प्रदान करता है। उन्होंने मूर्ति पूजा, कर्मकांडों और पुरोहितों के प्रभुत्व का विरोध किया और वेदों के एकेश्वरवादी और तार्किक उपदेशों को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया। उनके कार्य ‘सत्यार्थ प्रकाश’ में उनके विचारों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे, राजा राममोहन राय ब्रह्म समाज के संस्थापक थे, और ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा विवाह को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 23: किस दिल्ली सुल्तान ने ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ लागू की थी?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) ने अपनी कठोर ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ (Market Control System) लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने अपने साम्राज्य में वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने, कालाबाजारी रोकने और सेना के लिए रसद सुनिश्चित करने के लिए यह प्रणाली शुरू की। उसने अनाज, कपड़े, घोड़ों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए निश्चित मूल्य तय किए और इनके उल्लंघन पर कठोर दंड का प्रावधान था। इसके लिए उसने ‘दीवान-ए-रियासत’ नामक एक अलग विभाग भी स्थापित किया था।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की नींव रखी। इल्तुतमिश ने चांदी का ‘टंका’ और तांबे का ‘जीतल’ जारी किया। गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की स्थापना की।
प्रश्न 24: प्राचीन भारत में ‘महाजनपद’ काल कब से कब तक रहा?
- ईसा पूर्व 600 – ईसा पूर्व 300
- ईसा पूर्व 1000 – ईसा पूर्व 600
- ईसा पूर्व 300 – ईसा पूर्व 100
- ईसा पूर्व 1500 – ईसा पूर्व 1000
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: प्राचीन भारत में महाजनपद काल (Mahajanapada period) लगभग ईसा पूर्व छठी शताब्दी (लगभग 600 ईसा पूर्व) से ईसा पूर्व चौथी शताब्दी (लगभग 300 ईसा पूर्व) तक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल में 16 प्रमुख राज्यों (महाजनपदों) का उदय हुआ, जिनमें मगध, कोसल, वत्स, अवंती प्रमुख थे। यह वह समय था जब भारत में शहरीकरण, व्यापार और राजनीतिक शक्ति का केंद्रीकरण हुआ। इसी काल में बौद्ध धर्म और जैन धर्म जैसे नए धार्मिक आंदोलनों का भी उदय हुआ।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प महाजनपद काल की अवधि के अनुरूप नहीं हैं। ईसा पूर्व 1000-600 उत्तर वैदिक काल का हिस्सा है।
प्रश्न 25: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना कब हुई थी?
- 1875
- 1885
- 1905
- 1920
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress – INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना ए.ओ. ह्यूम (A.O. Hume) नामक एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी और अन्य भारतीय नेताओं द्वारा की गई थी। इसका पहला अधिवेशन बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (W.C. Banerjee) ने की थी। कांग्रेस का गठन भारतीय लोगों को एक मंच प्रदान करने के लिए किया गया था ताकि वे ब्रिटिश शासन के तहत अपनी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक शिकायतों को व्यक्त कर सकें और धीरे-धीरे भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया।
- गलत विकल्प: 1875 में आर्य समाज की स्थापना हुई थी। 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था। 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था।
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