संस्कृतिकरण तथा पश्चिीकरण में अंतर

संस्कृतिकरण तथा पश्चिीकरण में अंतर 

  1. पश्चिमीकरण भारतीय समाज में होने 1. संस्कृतिकरण भारतीय समाज में होने वाली एक अन्तःजनित प्रक्रिया है । इसका वाली एक बाह्यजनित प्रक्रिया है । इसका स्रोत स्वयं भारतीय समाज में ही विद्यामन स्रोत भारतीय समाज के बाहर अर्थात् होता है । कोई पश्चिमी देश होता है ।

  1. संस्कृतिकरण एक अत्यन्त प्राचीन प्रक्रिया 2. पश्चिरीकरण अपेक्षाकृत एक आधुनिक प्रक्रिया है ।

  1. संस्कृतिकरण एक संकुचित प्रक्रिया 3. पश्चिमीकरण एक विस्तृत प्रक्रिया है । है क्योंकि इसका सम्बन्ध केवल निम्न क्योंकि इनका सम्बन्ध सभी जातियों एवं जातियों से है । वर्गों से है ।

  1. संस्कृतिकरण में निम्न जाति किसी 4. पश्चिमीकरण में सभी जातियाँ पश्चिमी उच्च जाति का अनुकरण करके अपना संस्कृति का अनुकरण करने का प्रयास परम्परागत सामाजिक स्तर ऊँचा करने का करती हैं । प्रयास करती है ।

  1. श्रीनिवास के अनुसार संस्कृतिकरण | 5. पश्चिमकरण से पदमूलक तथा संरचनात्मक से केवल पदमूलक परिवर्तन होते हैं , दोनों प्रकार के परिवर्तन होते हैं । संरचनात्मक नहीं ।

  1. संस्कृतिकरण में आदर्श प्रतिमान उच्च 6. पश्चिमीकरण में आदर्श प्रतिमान कोई वर्ण अथवा स्थानीय प्रभु जाति होती है । पश्चिमी देश होता है ।

  1. संस्कृतिकरण में शुद्धतावादी आदर्शों को | 7. पश्चिमीकरण में लौकिक आदर्शों को महत्त्व दिया जाता है । महत्त्व दिया जाता है ।

MUST READ THIS

MUST READ THIS

  1. संस्कृतिकरण द्वारा अपेक्षाकृत 8. पश्चिमीकरण से अपेक्षाकृत अधिक गतिशीलता आती है गतिशीलता आती है ।

  1. संस्कृतिकरण की विपरीत प्रक्रिया को | 9. पश्चिमीगरण की कोई विपरीत प्रक्रिया असंस्कृतिकरण कहते हैं । नहीं है यद्यपि पश्चिमी देश गैर – पश्चिमी देश से प्रभावित होते हैं ।

  1. आर्थिक सम्पन्नता तथा राजनीतिक शक्ति 10. पश्चिमीकरण में सहायक कारकों का संस्कृतिकरण में प्रमुख सहायक कारक हैं । पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है ।

 संस्कृतिकरण तथा आधुनिकीकरण में अंतर :

  1. संस्कृतिकरण भारतीय समाज में होने | 1. संस्कृतिकरण भारतीय समाज में होने वाली एक अन्तःजनित प्रक्रिया है । वाली एक बाह्यजनित प्रक्रिया है । इसका इसका स्रोत स्वयं भारतीय समाज में ही स्रोत भारतीय समाज के बाहर अर्थात् विद्यमान होता है । कोई पश्चिमी देश होता है ।

  1. संस्कृतिकरण एक अत्यन्त प्राचीन प्रक्रिया | 2. आधुनिकीकरण अपेक्षाकृत एक नवीन कम प्रक्रिया है । 
  2. संस्कृतिकरण एक संकुचित प्रक्रिया | 3. आधुनिकीकरण एक विस्तृत प्रक्रिया है है क्योंकि इसका सम्बन्ध केवल निम्न क्योंकि इसका सम्बन्ध सभी क्षेत्रों में जातियों से है । परिवर्तन से है ।
  3. संस्कृतिकरण में निम्न जाति किसी 4. आधुनिकीकरण में सभी जातियाँ उच्च जाति का अनुकरण करके अपना परम्परागत सामाजिक स्तर ऊँचा करने आधुनिक मूल्यों का अनुकरण करने का प्रयास करती हैं । का प्रयास करती है ।

  1. श्रीनिवास के अनुसार संस्कृतिकरण 5. आधुनिकीकरण से पदमूलक तथा से केवल पदमूलक परिवर्तन होते हैं , संरचनात्मक दोनों प्रकार के परिवर्तन संरचनात्मक नहीं । होते हैं ।

  1. संस्कृतिकरण में आदर्श प्रतिमान उच्च 6. आधुनिकीकरण में आदर्श प्रतिमान कोई वर्ण अथवा स्थानीय प्रभु जाति होती है । भी पश्चिमी देश , अमेरिका अथवा अन्य आधुनिक देश हो सकता है

  1. संस्कृतिकरण में शुद्धतावादी आदर्शों को 7. आधुनिकीकरण में लौकिक आदर्शों को महत्त्व दिया जाता है । महत्त्व दिया जाता है ।

  1. संस्कृतिकरण द्वारा अपेक्षाकृत कम 8. आधुनिकीकरण से अपेक्षाकृत अधिक गतिशीलता आती है । गतिशीलता आती है ।

  1. संस्कृतिकरण की विपरीत प्रक्रिया को 9. आधुनिकीकरण की कोई विपरीत प्रक्रिया असंस्कृतिकरण कहते हैं । नहीं है यद्यपि कुछ देशों में परम्परावाद एवं कट्टरवादिता को प्रोत्साहन दिया जा रहा है ।

  1. आर्थिक सम्पन्नता तथा राजनीतिक | 10. आधुनिकीकरण में विविध सहायक शक्ति संस्कृतिकरण में प्रमुख सहायक कारक होते हैं जिसका पूर्वानुमान नहीं कारक हैं । लगाया जा सकता है ।

MUST READ ALSO

MUST READ ALSO

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top