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संवैधानिक महारथी: आज की चुनौती

संवैधानिक महारथी: आज की चुनौती

नमस्कार, भारत की राजव्यवस्था और संविधान के ज्ञाताओं! लोकतंत्र के इस आधार स्तंभ को गहराई से समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अनिवार्य है। आज हम आपके वैचारिक स्पष्टता की परीक्षा लेने के लिए 25 विशेष प्रश्न लेकर आए हैं। अपनी तैयारी को परखें और संवैधानिक महारथी बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ाएँ!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे। इसने प्रस्तावना को भारत को एक ‘संप्रभु समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ बनाने का प्रावधान किया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ये शब्द भारत के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक दर्शन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ‘समाजवाद’ का अर्थ है धन का समान वितरण और अवसर की समानता, जबकि ‘पंथनिरपेक्षता’ राज्य के सभी धर्मों के प्रति तटस्थ रवैये को दर्शाती है। ‘अखंडता’ राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने पर जोर देती है।
  • गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया, 52वें संशोधन ने दल-बदल विरोधी प्रावधान जोड़े, और 61वें संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
  3. प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
  4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के विरुद्ध विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। विदेशी नागरिकों को यह अधिकार प्राप्त नहीं है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: भारतीय संविधान कुछ मौलिक अधिकारों को केवल नागरिकों के लिए आरक्षित करता है, जबकि अन्य सभी को, नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए उपलब्ध कराता है। अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण), और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) जैसे अधिकार सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं, चाहे वे नागरिक हों या विदेशी।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21, और 25 विदेशी नागरिकों सहित सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं, इसलिए वे केवल नागरिकों के लिए विशेष अधिकार नहीं हैं।

प्रश्न 3: राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 56
  2. अनुच्छेद 61
  3. अनुच्छेद 74
  4. अनुच्छेद 52

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 61 में किया गया है। यह एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति पर केवल ‘संविधान के अतिक्रमण’ के आधार पर महाभियोग चलाया जा सकता है। महाभियोग का आरोप संसद के किसी भी सदन द्वारा लगाया जा सकता है, बशर्ते कि ऐसा प्रस्ताव लिखित हो और कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित हो। प्रस्ताव को उस सदन की कुल सदस्यता के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित करना होता है। आरोप की जाँच दूसरे सदन द्वारा की जाती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है, अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद का प्रावधान करता है, और अनुच्छेद 52 भारत के राष्ट्रपति के पद का प्रावधान करता है।

प्रश्न 4: भारतीय संसद के दो सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) को किस अनुच्छेद के तहत संयुक्त बैठक का प्रावधान है?

  1. अनुच्छेद 85
  2. अनुच्छेद 108
  3. अनुच्छेद 112
  4. अनुच्छेद 110

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 108 दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: संयुक्त बैठक राष्ट्रपति द्वारा बुलाई जाती है और इसकी अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष करते हैं। यह तब आयोजित की जाती है जब किसी विधेयक पर दोनों सदनों के बीच असहमति हो जाती है और विधेयक पारित नहीं हो पाता। धन विधेयक और संविधान संशोधन विधेयकों के संबंध में संयुक्त बैठक का प्रावधान नहीं है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 85 संसद के सत्रों, सत्रावसान और विघटन से संबंधित है; अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है; और अनुच्छेद 110 धन विधेयकों की परिभाषा से संबंधित है।

प्रश्न 5: किसी विधेयक को धन विधेयक के रूप में प्रमाणित करने की अंतिम शक्ति किसके पास है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के वित्त मंत्री
  3. लोकसभा के अध्यक्ष
  4. राज्यसभा के सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 110(1)(क) के अनुसार, किसी विधेयक को धन विधेयक के रूप में प्रमाणित करने की अंतिम शक्ति लोकसभा के अध्यक्ष के पास है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: लोकसभा अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है और इसे किसी भी न्यायालय या किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा प्रश्नगत नहीं किया जा सकता। धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है, और इसे राज्यसभा में प्रस्तुत या पेश नहीं किया जा सकता। राज्यसभा धन विधेयक को केवल 14 दिनों तक ही रोक सकती है या उसमें संशोधन का सुझाव दे सकती है, लेकिन लोकसभा इन सुझावों को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति विधेयक की प्रस्तुति की अनुमति देते हैं, लेकिन प्रमाणन नहीं करते; वित्त मंत्री विधेयक का मसौदा तैयार करते हैं; और राज्यसभा के सभापति (जो भारत के उपराष्ट्रपति होते हैं) के पास यह शक्ति नहीं है।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन एक संवैधानिक निकाय नहीं है?

  1. भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
  2. भारत का महान्यायवादी (Attorney General)
  3. नीति आयोग (NITI Aayog)
  4. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग एक गैर-संवैधानिक और गैर-वैधानिक निकाय है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को कार्यकारी आदेश द्वारा योजना आयोग के स्थान पर किया गया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में किया गया है और जिनका गठन संविधान के प्रावधानों के तहत हुआ है। भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148), भारत का महान्यायवादी (अनुच्छेद 76), और संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) सभी संवैधानिक निकाय हैं।
  • गलत विकल्प: CAG (अनुच्छेद 148), महान्यायवादी (अनुच्छेद 76), और UPSC (अनुच्छेद 315) भारतीय संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं और उनके पद तथा कार्य संविधान द्वारा परिभाषित हैं।

प्रश्न 7: किस अनुच्छेद के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती?

  1. अनुच्छेद 37
  2. अनुच्छेद 38
  3. अनुच्छेद 39
  4. अनुच्छेद 40

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से कहता है कि इस भाग (राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत) में अंतर्विष्ट उपबंध किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे, तथापि, इन सिद्धांतों को देश के शासन में मूलभूत माना जाएगा और विधि बनाने में इन सिद्धांतों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा।
  • संदर्भ एवं विस्तार: नीति निदेशक सिद्धांत सरकार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, जो एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना का लक्ष्य रखते हैं। ये गैर-न्यायिक (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि यदि राज्य इनका उल्लंघन करता है तो कोई भी व्यक्ति इनके प्रवर्तन के लिए न्यायालय की शरण नहीं ले सकता। हालांकि, मौलिक अधिकारों के साथ इनका सह-अस्तित्व है और न्यायपालिका समय-समय पर इनके बीच सामंजस्य स्थापित करती रही है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 38, 39, और 40 क्रमशः सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को बढ़ावा देने, कुछ विशिष्ट उद्देश्यों के लिए धन के वितरण, और ग्राम पंचायतों के संगठन से संबंधित हैं, लेकिन ये अनुच्छेद 37 के प्रवर्तनीयता के नियम के अपवाद नहीं हैं।

प्रश्न 8: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन उपबंध’ संविधान के किस भाग में दिए गए हैं?

  1. भाग XIV
  2. भाग XVIII
  3. भाग XII
  4. भाग IX

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XVIII (18) अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकालीन उपबंधों से संबंधित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: भाग XVIII में तीन प्रकार के आपातकालों का प्रावधान है: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण आपातकाल (राष्ट्रपति शासन, अनुच्छेद 356), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)। ये उपबंध देश की संप्रभुता, सुरक्षा, स्थिरता और आर्थिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • गलत विकल्प: भाग XIV में संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं, भाग XII में वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद, और भाग IX में पंचायतें शामिल हैं।

प्रश्न 9: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा के अध्यक्ष
  4. संबंधित मंत्रालय के मंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 316(1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: UPSC के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तारीख से छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 317 के तहत कदाचार के आधार पर हटाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय की जांच आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या मंत्री इस नियुक्ति के लिए अधिकृत नहीं हैं; यह विशुद्ध रूप से राष्ट्रपति का अधिकार है।

प्रश्न 10: ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ किस अनुच्छेद में वर्णित है?

  1. अनुच्छेद 19
  2. अनुच्छेद 22
  3. अनुच्छेद 32
  4. अनुच्छेद 20

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 32 ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ प्रदान करता है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने इस अनुच्छेद को ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह अनुच्छेद नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) या उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) जाने का अधिकार देता है। सर्वोच्च न्यायालय इसके तहत ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’, ‘परमादेश’, ‘प्रतिषेध’, ‘उत्प्रेषण’ और ‘अधिकार पृच्छा’ नामक पांच प्रकार की रिट जारी कर सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 वाक्य स्वतंत्रता आदि से संबंधित है, अनुच्छेद 22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान करता है, और अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है।

प्रश्न 11: भारत में त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सिफारिश किस समिति ने की थी?

  1. बलवंत राय मेहता समिति
  2. अशोक मेहता समिति
  3. एल.एम. सिंघवी समिति
  4. जी.वी.के. राव समिति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संदर्भ: त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सिफारिश बलवंत राय मेहता समिति (1957) द्वारा की गई थी, जिसने ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद के गठन का सुझाव दिया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशों के आधार पर ही राजस्थान के नागौर जिले में 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज का उद्घाटन किया गया था। यह स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • गलत विकल्प: अशोक मेहता समिति (1977) ने द्वि-स्तरीय पंचायती राज की सिफारिश की थी; एल.एम. सिंघवी समिति (1986) ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक मान्यता देने की सिफारिश की; और जी.वी.के. राव समिति (1985) ने जिला स्तर पर योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिला परिषदों को सशक्त बनाने पर जोर दिया था।

प्रश्न 12: केंद्रीय मंत्रीमंडल किसके प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. लोकसभा
  3. राज्यसभा
  4. सर्वोच्च न्यायालय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 75(3) के अनुसार, केंद्रीय मंत्रीमंडल सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इसका अर्थ है कि सभी मंत्री लोकसभा का विश्वास प्राप्त करके ही पद पर बने रह सकते हैं। यदि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर देती है, तो पूरे मंत्रीमंडल को इस्तीफा देना पड़ता है। राष्ट्रपति केवल मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करता है, और मंत्री सीधे राष्ट्रपति के प्रति व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होते हैं, लेकिन सामूहिक जिम्मेदारी लोकसभा के प्रति होती है।
  • गलत विकल्प: मंत्री व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होते हैं, लेकिन सामूहिक उत्तरदायित्व केवल लोकसभा के प्रति होता है। राज्यसभा में मंत्रियों के कार्य की आलोचना की जा सकती है, लेकिन उससे इस्तीफा देने की बाध्यता नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय का इस उत्तरदायित्व से कोई सीधा संबंध नहीं है।

प्रश्न 13: संसद में किसी भी सदन की बैठक का गणपूर्ति (कोरम) क्या है?

  1. कुल सदस्यों का दसवां भाग
  2. कुल सदस्यों का ग्यारहवां भाग
  3. कुल सदस्यों का आधा भाग
  4. उपस्थित सदस्यों का बहुमत

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 100(3) के अनुसार, संसद के किसी भी सदन की बैठक की गणपूर्ति (कोरम) उसके कुल सदस्यों का दसवां भाग (1/10) है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इसका मतलब है कि किसी भी सदन में बैठक शुरू होने या जारी रहने के लिए सदन के कुल सदस्यों का कम से कम दसवां भाग उपस्थित होना चाहिए। यदि बैठक के दौरान कोरम पूरा नहीं होता है, तो पीठासीन अधिकारी बैठक को स्थगित कर सकता है।
  • गलत विकल्प: दसवां भाग (a) और आधा भाग (c) गलत हैं। कोरम दसवां भाग है। बहुमत (d) निर्णय लेने के लिए आवश्यक है, न कि बैठक शुरू करने के लिए।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सी रिट एक लोक पद को धारण करने के लिए कानूनी अधिकार की वैधता की जांच करने के लिए जारी की जाती है?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. प्रतिषेध (Prohibition)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘अधिकार पृच्छा’ (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह रिट किसी व्यक्ति द्वारा लोक पद पर अवैध रूप से धारण किए गए दावे की जांच के लिए जारी की जाती है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे लोक पद पर बैठ जाता है, जिस पर वह कानूनी रूप से अधिकार नहीं रखता, तो उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32 या 226 के तहत) यह रिट जारी करके उससे उस पद को धारण करने के अधिकार के बारे में पूछ सकता है। यदि वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाता, तो उसे पद से हटाया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: परमादेश किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है, प्रतिषेध निचली अदालत को किसी मामले को आगे बढ़ाने से रोकता है, और उत्प्रेषण निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए होता है।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

  1. यूनाइटेड किंगडम
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका
  3. आयरलैंड
  4. कनाडा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संदर्भ: भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (Directive Principles of State Policy – DPSP) को आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: आयरलैंड के संविधान में इन सिद्धांतों को ‘निर्देश तत्व’ (Guidelines) कहा जाता है। भारतीय संविधान निर्माताओं ने इन सिद्धांतों को कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण माना, जो सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित कर सकें।
  • गलत विकल्प: यू.के. से संसदीय प्रणाली, अमेरिका से मौलिक अधिकार और न्यायिक पुनर्विलोकन, और कनाडा से संघात्मक व्यवस्था (अवशिष्ट शक्तियां केंद्र के पास) ली गई है।

प्रश्न 16: राष्ट्रपति अपनी सहायता और सलाह के लिए मंत्रिपरिषद के अतिरिक्त और क्या कार्य कर सकते हैं?

  1. कोई भी कार्य नहीं, क्योंकि वे केवल सलाह पर कार्य करते हैं
  2. न्यायिक समीक्षा
  3. अध्यादेश जारी करना
  4. चुनाव आयोग के निर्णय को रद्द करना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 123 के तहत, राष्ट्रपति संसद के सत्र में न होने पर अध्यादेश जारी कर सकते हैं। यह अध्यादेश संसद के पुनःसत्र में आने के छह सप्ताह के भीतर अनुमोदित होना चाहिए।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अध्यादेश जारी करने की शक्ति राष्ट्रपति को संसद के विधायी कार्यों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अनुमति देती है, खासकर जब तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है। यह शक्ति मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही प्रयोग की जाती है, लेकिन यह उनकी शक्तियों का एक प्रत्यक्ष पहलू है जो उन्हें स्वयं करने की अनुमति देता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति सीधे न्यायिक समीक्षा नहीं करते (यह न्यायपालिका का कार्य है); वे चुनाव आयोग के निर्णय को रद्द नहीं कर सकते; और हालांकि वे मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करते हैं, अध्यादेश जारी करना एक ऐसी शक्ति है जिसका वे स्वयं प्रयोग करते हैं (सलाह के अनुसार)।

प्रश्न 17: संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द क्या सूचित करता है?

  1. राज्य का प्रमुख वंशानुगत होता है
  2. राज्य का प्रमुख निर्वाचित होता है
  3. सरकार का स्वरूप एकात्मक है
  4. सरकार का स्वरूप संघात्मक है

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संदर्भ: ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (राष्ट्रपति) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है, न कि वंशानुगत।
  • संदर्भ एवं विस्तार: भारत एक गणराज्य है, जिसका अर्थ है कि भारत का राष्ट्रपति, जो राज्य का प्रमुख होता है, एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है (अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा)। यह राजशाही के विपरीत है जहाँ प्रमुख वंशानुगत होता है।
  • गलत विकल्प: राज्य का प्रमुख वंशानुगत होना राजशाही की पहचान है, एकात्मक या संघात्मक सरकार का स्वरूप गणराज्य होने या न होने से सीधे संबंधित नहीं है।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को उपलब्ध है?

  1. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
  2. समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14)
  3. वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19)
  4. किसी भी मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19, जो वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक एकत्र होने, संघ बनाने, आने-जाने, बसने और कोई भी पेशा अपनाने की स्वतंत्रता से संबंधित है, केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह अनुच्छेद राष्ट्र की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता आदि के आधार पर उचित प्रतिबंधों के अधीन है। अनुच्छेद 14 (समानता) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) विदेशी नागरिकों सहित सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 15 भी विदेशी नागरिकों को नहीं, बल्कि भारत के सभी नागरिकों को भेदभाव से बचाता है। (यह प्रश्न 2 के समान है, लेकिन यहाँ विकल्पों का क्रम और फोकस थोड़ा भिन्न है, जो अक्सर परीक्षाओं में होता है)।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 और 21 सभी व्यक्तियों के लिए हैं। अनुच्छेद 15 सभी नागरिकों के लिए है, न कि विशेष रूप से केवल नागरिकों के लिए (यानी, सभी नागरिक इसके लाभार्थी हैं, लेकिन विदेशी भी कुछ अन्य अनुच्छेदों के तहत सुरक्षा पाते हैं)। अनुच्छेद 19 विशिष्ट रूप से भारतीय नागरिकों के लिए है।

प्रश्न 19: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कौन कर सकता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. संसद
  3. भारत के राष्ट्रपति
  4. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं, यदि वे इस बात से संतुष्ट हों कि युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत की सुरक्षा को खतरा है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति यह घोषणा केवल मंत्रिपरिषद की लिखित सलाह पर ही कर सकते हैं। यह घोषणा संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखी जानी चाहिए और एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए। आपातकाल की घोषणा के पश्चात, यह छह महीने तक प्रभावी रहती है, जब तक कि इसका नवीनीकरण न कर दिया जाए।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, संसद या राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सीधे घोषणा नहीं कर सकते; यह राष्ट्रपति की शक्ति है, जो मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करते हैं।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?

  1. अनुच्छेद 54 – राष्ट्रपति का निर्वाचन
  2. अनुच्छेद 76 – भारत का महान्यायवादी
  3. अनुच्छेद 169 – विधान परिषदों का सृजन या उत्सादन
  4. अनुच्छेद 280 – राष्ट्रीय आपातकाल

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 280 भारत में वित्त आयोग के गठन से संबंधित है, न कि राष्ट्रीय आपातकाल से। राष्ट्रीय आपातकाल का उल्लेख अनुच्छेद 352 में है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया से संबंधित है; अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी के पद से संबंधित है; और अनुच्छेद 169 राज्यों में विधान परिषदों के सृजन या उत्सादन के संबंध में संसद की शक्ति का प्रावधान करता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (d) गलत सुमेलित है क्योंकि अनुच्छेद 280 वित्त आयोग से संबंधित है, राष्ट्रीय आपातकाल से नहीं। अन्य सभी विकल्प सही सुमेलित हैं।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान में ‘अवशिष्ट शक्तियां’ (Residuary Powers) किसे सौंपी गई हैं?

  1. संघीय सरकार
  2. राज्य सरकारें
  3. संघीय सरकार और राज्य सरकारें दोनों
  4. न्यायपालिका

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में अवशिष्ट शक्तियों (Residuary Powers), यानी वे शक्तियां जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध नहीं हैं, संघीय सरकार (संसद) को सौंपी गई हैं। इसका प्रावधान अनुच्छेद 248 में है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह भारतीय संघवाद की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जो कैनेडियन मॉडल से प्रेरित है, जहाँ अवशिष्ट शक्तियां केंद्रीय सरकार को दी गई हैं। इसका अर्थ है कि संसद को किसी भी ऐसे विषय पर कानून बनाने का अधिकार है जो किसी भी सूची में शामिल नहीं है।
  • गलत विकल्प: राज्य सरकारों को केवल राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति है; अवशिष्ट शक्तियां उन्हें नहीं दी गई हैं। संघीय सरकार और राज्य सरकारें दोनों को संयुक्त रूप से ये शक्तियां नहीं सौंपी गई हैं, न ही न्यायपालिका को।

प्रश्न 22: ‘विधि के शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा भारतीय संविधान में किस देश से ली गई है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. ब्रिटेन
  3. फ्रांस
  4. जर्मनी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संदर्भ: ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा मुख्य रूप से ब्रिटेन (इंग्लैंड) से प्रेरित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि देश का शासन किसी व्यक्ति विशेष की मनमर्जी से नहीं, बल्कि कानून के अनुसार चले। इसके तीन मुख्य पहलू हैं: कोई व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, कानून के समक्ष सभी समान हैं, और व्यक्ति के अधिकार संविधान द्वारा संरक्षित हैं। भारतीय संविधान के कई अनुच्छेद, जैसे अनुच्छेद 14, इसी सिद्धांत को दर्शाते हैं।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार और न्यायिक पुनर्विलोकन, फ्रांस से गणतंत्र और स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व के आदर्श, और जर्मनी से आपातकाल के उपबंध लिए गए हैं।

प्रश्न 23: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनाव संबंधी विवादों को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया जा सकता है?

  1. अनुच्छेद 71
  2. अनुच्छेद 72
  3. अनुच्छेद 73
  4. अनुच्छेद 74

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 71 राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित या उससे जुड़े हुए विषयों के विषय में प्रावधान करता है। यह स्पष्ट करता है कि ऐसे किसी भी चुनाव के संबंध में उत्पन्न या उत्पन्न होने वाले सभी विवादों का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाएगा।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 71 यह भी कहता है कि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के रूप में पद धारण करने वाले व्यक्ति द्वारा किए गए कार्य, उनके चुनाव के संबंध में किसी त्रुटि या अनियमितता के आधार पर अविधिमान्य नहीं होंगे। प्रधानमंत्री के चुनाव संबंधी विवाद सीधे इस अनुच्छेद में नहीं आते, लेकिन उनके चुनाव में राष्ट्रपति पद की तरह ही विवाद सर्वोच्च न्यायालय में जाते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 72 क्षमादान की शक्ति से, अनुच्छेद 73 संघ की कार्यपालिका शक्ति के विस्तार से, और अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद के गठन से संबंधित है।

प्रश्न 24: भारतीय संविधान में ‘संघात्मक व्यवस्था’ (Federal System) का मॉडल किस देश से लिया गया है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. ब्रिटेन
  3. कनाडा
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संदर्भ: भारतीय संविधान की संघात्मक व्यवस्था का मॉडल मुख्य रूप से कनाडा के संविधान से प्रभावित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: कनाडा की तरह, भारत में भी एक मजबूत केंद्र के साथ एक अर्ध-संघीय (quasi-federal) व्यवस्था है। अवशिष्ट शक्तियां (Residuary Powers) केंद्र के पास हैं (जैसा कि अनुच्छेद 248 में है), और केंद्र राज्यों के पुनर्गठन के लिए संसद को अधिकार देता है (अनुच्छेद 3)। इसके अलावा, केंद्र सरकार को राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति का अधिकार है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से स्वतंत्र न्यायपालिका, मौलिक अधिकार और राष्ट्रपति का पद लिया गया है; ब्रिटेन से संसदीय शासन प्रणाली और विधि का शासन; और ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची और संयुक्त बैठक।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) का पदेन अध्यक्ष होता है?

  1. भारत के मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त)
  2. भारत के महान्यायवादी
  3. गृह मंत्रालय के सचिव
  4. लोकसभा के अध्यक्ष

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संदर्भ: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (Protection of Human Rights Act, 1993) के अनुसार, आयोग का अध्यक्ष भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश होता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: आयोग में एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं। अध्यक्ष का चयन एक उच्च-स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें गृह मंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष, राज्यसभा के उप-सभापति, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा के सभापति (जो उपराष्ट्रपति होते हैं) शामिल होते हैं।
  • गलत विकल्प: भारत के महान्यायवादी, गृह मंत्रालय के सचिव या लोकसभा के अध्यक्ष आयोग के पदेन अध्यक्ष नहीं होते हैं।

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