संवैधानिक महारथी: आज का महा-अभ्यास
साथियों, भारतीय लोकतंत्र की नींव को समझना आपकी हर परीक्षा की सफलता की कुंजी है! क्या आप अपने संवैधानिक ज्ञान के शिखर पर हैं? आइए, आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में अपनी अवधारणाओं को परखें और एक-एक कर सभी 25 सवालों के माध्यम से अपनी पकड़ को और मजबूत करें। हर प्रश्न एक कदम आगे, आपकी मंज़िल की ओर!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?
- 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन भारत के संविधान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: 42वां संशोधन, जिसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है, ने प्रस्तावना के अलावा संविधान के कई अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों में भी बदलाव किए, जैसे मौलिक कर्तव्यों को जोड़ना। यह संशोधन इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान पारित किया गया था।
- गलत विकल्प: 24वां संशोधन अधिनियम, 1971 ने संसद की यह शक्ति बढ़ाई कि वह मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित कर सकती है। 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया और कुछ अन्य सुरक्षात्मक बदलाव किए। 52वां संशोधन अधिनियम, 1985 ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को संविधान की दसवीं अनुसूची में शामिल किया।
प्रश्न 2: किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह किसी बिल को संसद के पुन: विचार के लिए लौटा सकता है, बशर्ते वह धन विधेयक न हो?
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 108
- अनुच्छेद 112
- अनुच्छेद 113
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 111 भारतीय संविधान के तहत राष्ट्रपति की वीटो शक्ति से संबंधित है। इसके अनुसार, किसी भी विधेयक को, जो संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया है, राष्ट्रपति के समक्ष उसकी सहमति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, और राष्ट्रपति अपनी सहमति दे सकता है या अपनी सहमति को रोक सकता है। हालाँकि, यदि विधेयक (धन विधेयक के अलावा) राष्ट्रपति के पास वापस भेजा जाता है, तो संसद उसे फिर से पारित कर सकती है और यदि वह पुनः पारित होकर राष्ट्रपति के पास आता है, तो राष्ट्रपति को उस पर अपनी सहमति देनी होगी।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की यह ‘निलंबनकारी वीटो’ (Suspensive Veto) शक्ति कहलाती है। धन विधेयकों के संबंध में, राष्ट्रपति या तो सहमति दे सकता है या सहमति रोक सकता है, लेकिन उसे पुन: विचार के लिए वापस नहीं भेज सकता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 108 संयुक्त बैठक से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 113 संसद में वित्तीय विधेयकों के संबंध में प्रक्रिया से संबंधित है।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उल्लेख है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का प्रावधान करता है। ये तत्व शासन के लिए मूलभूत हैं और यह राज्य का कर्तव्य होगा कि कानून बनाते समय इन सिद्धांतों को लागू करे।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत न्यायोचित नहीं हैं, अर्थात न्यायालय इनके उल्लंघन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। हालाँकि, ये देश के शासन में और कानून बनाने में मौलिक हैं। आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर इन्हें भारतीय संविधान में शामिल किया गया है।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है (अनुच्छेद 12-35)। भाग IV-A में मौलिक कर्तव्य (अनुच्छेद 51-A) शामिल हैं, जो 42वें संशोधन द्वारा जोड़े गए। भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद, राष्ट्रपति आदि से संबंधित है।
प्रश्न 4: किसी राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है?
- भारत के राष्ट्रपति
- राज्य का राज्यपाल
- राज्य विधानमंडल का बहुमत दल का नेता
- भारत के प्रधानमंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 164 (1) के अनुसार, किसी राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति उस राज्य का राज्यपाल करेगा। राज्यपाल मुख्यमंत्री को नियुक्त करने के बाद, मुख्यमंत्री से अपेक्षा की जाती है कि वह राज्य विधानमंडल के निचले सदन (विधानसभा) में बहुमत साबित करे।
- संदर्भ और विस्तार: आमतौर पर, राज्यपाल उस दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हैं जो विधानसभा में बहुमत रखता है। यदि किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं और उसे कुछ समय सीमा के भीतर बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं।
- गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति का प्रत्यक्ष संबंध राज्य सरकार की नियुक्ति से नहीं है, सिवाय राष्ट्रपति शासन के दौरान। राज्य विधानमंडल का बहुमत दल का नेता मुख्यमंत्री बनता है, लेकिन उसकी नियुक्ति राज्यपाल करते हैं। भारत के प्रधानमंत्री का राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति से कोई लेना-देना नहीं है।
प्रश्न 5: ‘लोकसभा’ को ‘हाउस ऑफ द पीपल’ (House of the People) के नाम से भी जाना जाता है। यह नामकरण कब से प्रभावी हुआ?
- 1947
- 1950
- 1954
- 1964
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 1954 में, लोकसभा के हिंदी नाम ‘लोकसभा’ को अपनाने का निर्णय लिया गया था। इससे पहले, भारतीय संविधान में इसे ‘हाउस ऑफ द पीपल’ (House of the People) कहा जाता था। राज्यसभा को ‘काउंसिल ऑफ स्टेट्स’ (Council of States) कहा जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाम परिवर्तन भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने और संसदीय शब्दावली को अधिक भारतीय बनाने के प्रयासों का हिस्सा था। यह परिवर्तन 14 मई 1954 को लोक सभा द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव के माध्यम से किया गया था।
- गलत विकल्प: 1947 में देश आज़ाद हुआ। 1950 में संविधान लागू हुआ, जिसमें मूलतः ‘हाउस ऑफ द पीपल’ का उल्लेख था। 1964 का कोई विशेष संबंध इस नाम परिवर्तन से नहीं है।
प्रश्न 6: भारत में न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) का आधार क्या है?
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 226
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में न्यायिक समीक्षा की शक्ति स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है, लेकिन यह निहित है। अनुच्छेद 13 यह प्रावधान करता है कि वे सभी कानून जो भाग III (मौलिक अधिकार) के प्रावधानों के विरुद्ध हैं, शून्य माने जाएंगे। अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट जारी करने की शक्ति देता है, जो न्यायिक समीक्षा का एक रूप है। अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को भी इसी तरह की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायिक समीक्षा वह सिद्धांत है जिसके तहत न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय, विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों और कार्यपालिका द्वारा की गई कार्रवाई की संवैधानिकता की समीक्षा कर सकती है। यदि कोई कानून या कार्रवाई संविधान के विपरीत पाई जाती है, तो उसे रद्द किया जा सकता है। यह ‘केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य’ (1973) जैसे मामलों में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित ‘संविधान के मूल ढांचे’ (Basic Structure) के सिद्धांत का भी एक महत्वपूर्ण पहलू है।
- गलत विकल्प: यद्यपि प्रत्येक अनुच्छेद न्यायिक समीक्षा के एक पहलू से संबंधित है, लेकिन न्यायिक समीक्षा की शक्ति इन सभी (और अन्य) अनुच्छेदों के संयोजन से निकलती है, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सबसे उपयुक्त उत्तर है।
प्रश्न 7: केंद्र-राज्य संबंधों को विनियमित करने वाली एक महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था कौन सी है?
- नीति आयोग
- राष्ट्रीय विकास परिषद
- अंतर-राज्य परिषद
- वित्त आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अंतर-राज्य परिषद (Inter-State Council) की स्थापना अनुच्छेद 263 के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति, अनुच्छेद 263 के तहत, इस परिषद का गठन कर सकते हैं यदि उन्हें लगता है कि सार्वजनिक हित में ऐसी परिषद की स्थापना आवश्यक है। यह परिषद विभिन्न राज्यों के बीच विवादों पर सलाह देने, नीतिगत मामलों पर चर्चा करने और समन्वय स्थापित करने का कार्य करती है। सरकारीया आयोग (1983-87) की सिफारिशों के आधार पर 1990 में इसका गठन किया गया था।
- गलत विकल्प: नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक कार्यकारी आदेश द्वारा गठित एक गैर-संवैधानिक संस्था है। राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का गठन भी एक कार्यकारी आदेश द्वारा हुआ था और यह भी एक सलाहकार निकाय है। वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) का मुख्य कार्य केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण की सिफारिश करना है, न कि सामान्य केंद्र-राज्य संबंधों पर समन्वय।
प्रश्न 8: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 148
- अनुच्छेद 149
- अनुच्छेद 150
- अनुच्छेद 151
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148 में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के पद के सृजन, नियुक्ति और उसके कर्तव्यों का प्रावधान किया गया है। CAG की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG को भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख माना जाता है। वह सरकार के सभी सार्वजनिक व्यय की लेखा-परीक्षा करता है और संसद के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। CAG को पद से उसी आधार पर हटाया जा सकता है जिस आधार पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है, जो इसके पद की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 149 CAG के कर्तव्यों और शक्तियों को परिभाषित करता है। अनुच्छेद 150 खातों को किस प्रारूप में रखा जाएगा, यह राष्ट्रपति द्वारा CAG की सलाह पर तय किया जाएगा, ऐसा प्रावधान करता है। अनुच्छेद 151 CAG द्वारा प्रस्तुत लेखा-परीक्षा रिपोर्टों से संबंधित है।
प्रश्न 9: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक ___ निकाय है।
- संवैधानिक
- संसदीय
- सांविधिक (Statutory)
- गैर-सांविधिक (Non-statutory)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद/अधिनियम संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन ‘मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ (Protection of Human Rights Act, 1993) के तहत किया गया था। इसलिए, यह एक सांविधिक (Statutory) निकाय है, न कि संवैधानिक।
- संदर्भ और विस्तार: एक सांविधिक निकाय वह होता है जिसकी स्थापना किसी विशेष अधिनियम के माध्यम से संसद द्वारा की जाती है। NHRC मानव अधिकारों का प्रहरी है और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश होते हैं।
- गलत विकल्प: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में किया गया हो (जैसे चुनाव आयोग, UPSC)। ‘संसदीय’ शब्द किसी निकाय के प्रकार को परिभाषित नहीं करता। गैर-सांविधिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख किसी अधिनियम या संविधान में नहीं होता, वे केवल कार्यकारी आदेश से बनते हैं (जैसे नीति आयोग)।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान का कौन सा संशोधन पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992, भारतीय संविधान में भाग IX और ग्यारहवीं अनुसूची को जोड़कर पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है। यह अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज से संबंधित प्रावधानों को शामिल करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को एक स्व-शासी संस्था का दर्जा दिया, जिसमें ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती पंचायत और जिला पंचायत के स्तर पर त्रि-स्तरीय प्रणाली का प्रावधान है। यह भारत में विकेंद्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम था।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं, नगर पंचायतें आदि) से संबंधित है। 64वां और 65वां संशोधन अधिनियम तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा पेश किए गए थे, लेकिन वे पारित नहीं हो सके थे और बाद में 73वें और 74वें संशोधनों के आधार बने।
प्रश्न 11: राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत कर सकते हैं, यदि देश की सुरक्षा को खतरा हो?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। यह घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर की जा सकती है। 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 के बाद, इसे ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ कहा जाने लगा।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा के लिए संघीय सरकार (मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश पर) को यह विश्वास होना चाहिए कि देश की सुरक्षा को खतरा है। पहली बार यह 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान, दूसरी बार 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान और तीसरी बार 1975 में आंतरिक अशांति के आधार पर घोषित किया गया था।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर राष्ट्रपति शासन से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 किसी राज्य द्वारा संघ के निर्देशों का अनुपालन न करने पर लागू होता है, और यह अक्सर अनुच्छेद 356 को लागू करने का आधार बनता है।
प्रश्न 12: संविधान के किस संशोधन ने वोट देने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी?
- 39वां संशोधन अधिनियम, 1975
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 61वां संशोधन अधिनियम, 1989, ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करके लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों में मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवाओं को मतदान प्रक्रिया में अधिक शामिल करना था, क्योंकि 18 वर्ष की आयु तक वे बालिग माने जाते थे। यह संशोधन 28 मार्च 1989 से प्रभावी हुआ।
- गलत विकल्प: 39वां संशोधन अधिनियम, 1975 ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को न्यायिक समीक्षा से बाहर रखा था। 42वां संशोधन अधिनियम, 1976 ने प्रस्तावना में बदलाव किए और मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा। 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाया और कुछ अन्य बदलाव किए।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- राज्य का प्रमुख वंशानुगत नहीं होगा।
- राज्य का प्रमुख निर्वाचित होगा।
- राज्य का प्रमुख एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाएगा।
- उपरोक्त सभी।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (राष्ट्रपति) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है, न कि वह वंशानुगत उत्तराधिकारी होता है। प्रस्तावना में ‘सम्प्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ शब्द भारतीय शासन प्रणाली को परिभाषित करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ‘गणराज्य’ शब्द में ये सभी पहलू निहित हैं: प्रमुख का वंशानुगत न होना, उसका निर्वाचित होना, और यह चुनाव एक निश्चित अवधि (जैसे भारत में 5 वर्ष) के लिए होता है। ब्रिटेन जैसे देश जहाँ राष्ट्राध्यक्ष (सम्राट/रानी) वंशानुगत होता है, वे गणराज्य नहीं हैं।
- गलत विकल्प: हालांकि विकल्प (a), (b) और (c) गणराज्य के सभी पहलू हैं, लेकिन ‘उपरोक्त सभी’ इन सभी को समाहित करता है और गणराज्य की पूर्ण परिभाषा प्रदान करता है।
प्रश्न 14: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया किस अनुच्छेद में उल्लिखित है?
- अनुच्छेद 124(2)
- अनुच्छेद 124(4)
- अनुच्छेद 125
- अनुच्छेद 126
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 124(4) सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को कदाचार (misbehaviour) या अक्षमता (infirmity) के आधार पर पद से हटाने की प्रक्रिया का प्रावधान करता है। यह प्रक्रिया राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया महाभियोग (Impeachment) के समान है। इसमें संसद के प्रत्येक सदन द्वारा कुल सदस्यों के बहुमत से तथा उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित प्रस्ताव के आधार पर ही राष्ट्रपति उन्हें हटा सकते हैं। यह एक जटिल प्रक्रिया है ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनी रहे।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 124(2) न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 125 न्यायाधीशों के वेतन आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 126 कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 15: किस अधिनियम ने भारतीय विधायिका में पहली बार द्विसदन प्रणाली (Bicameralism) की शुरुआत की?
- भारत सरकार अधिनियम, 1909 (मॉर्ले-मिंटो सुधार)
- भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार)
- भारत सरकार अधिनियम, 1935
- भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार) ने पहली बार भारत में केंद्र स्तर पर द्विसदन प्रणाली की शुरुआत की। इसके तहत, केंद्रीय विधानमंडल को दो सदनों में विभाजित किया गया: राज्य परिषद (Upper House) और विधान सभा (Lower House)।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने प्रांतों में द्वैध शासन (Dyarchy) की भी शुरुआत की, लेकिन यह केंद्र में द्विसदन प्रणाली की शुरुआत के लिए अधिक महत्वपूर्ण था। हालाँकि, दोनों सदन प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित नहीं थे और उनके अधिकार भी सीमित थे।
- गलत विकल्प: भारत सरकार अधिनियम, 1909 ने केवल सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की शुरुआत की थी और परिषदीय ढांचे को थोड़ा विस्तृत किया था, लेकिन द्विसदन प्रणाली नहीं लाई। भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने परिसंघीय ढांचे और प्रांतीय स्वायत्तता का प्रावधान किया, जिसमें द्विसदन व्यवस्था को जारी रखा गया, लेकिन शुरुआत 1919 के अधिनियम से हुई। 1947 का अधिनियम भारत को स्वतंत्रता देने और विभाजन से संबंधित था।
प्रश्न 16: मूल भारतीय संविधान में कितने मौलिक कर्तव्य शामिल थे?
- कोई नहीं
- 10
- 11
- 12
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: मूल भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) का कोई प्रावधान नहीं था। इन्हें 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्यों को जोड़ने की सिफारिश स्वर्ण सिंह समिति (Swaran Singh Committee) ने की थी। प्रारंभ में, 10 मौलिक कर्तव्यों को शामिल किया गया था। बाद में, 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा ग्यारहवां मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया, जिसमें 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना माता-पिता का कर्तव्य बताया गया।
- गलत विकल्प: 10 और 11 गलत हैं क्योंकि ये संख्या बाद में जोड़ी गई। 12 भी गलत है क्योंकि केवल 11 मौलिक कर्तव्य हैं।
प्रश्न 17: भारत के उपराष्ट्रपति के पद के लिए न्यूनतम आयु क्या है?
- 25 वर्ष
- 30 वर्ष
- 35 वर्ष
- 40 वर्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 66 (3) (a) के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: भारत के उपराष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं होने चाहिए। उनका चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा एक एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से किया जाता है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं।
- गलत विकल्प: 25 वर्ष न्यूनतम आयु लोकसभा सदस्य या विधानसभा सदस्य के लिए है। 30 वर्ष राज्यसभा सदस्य या विधान परिषद सदस्य के लिए है। 40 वर्ष के लिए कोई विशेष संवैधानिक पद की न्यूनतम आयु निर्धारित नहीं है।
प्रश्न 18: ‘अस्पृश्यता’ का उन्मूलन किस अनुच्छेद के तहत एक मौलिक अधिकार है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता (Untouchability) के अंत का प्रावधान करता है और इसके किसी भी रूप में आचरण को प्रतिबंधित करता है। अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी निर्योग्यता को लागू करना भारतीय कानून के अनुसार दंडनीय अपराध है।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार है जो समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14) का विस्तार है। संसद ने अस्पृश्यता (अपराधों का निवारण) अधिनियम, 1955 पारित किया है, जिसे बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1976 के रूप में संशोधित किया गया, ताकि इस अपराध के लिए दंड का प्रावधान किया जा सके।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता और कानूनों का समान संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता प्रदान करता है।
प्रश्न 19: भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में कितने विषय शामिल हैं?
- 20
- 24
- 29
- 35
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची, जिसे 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था, पंचायती राज संस्थाओं को प्रदान किए गए 29 विषयों (Functions) को सूचीबद्ध करती है।
- संदर्भ और विस्तार: ये विषय वे हैं जिन पर पंचायती राज संस्थाओं को स्थानीय स्तर पर शासन और विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जैसे कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, ग्रामीण आवास, ग्रामीण विद्युतीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, महिला और बाल विकास आदि।
- गलत विकल्प: 12वीं अनुसूची (नगर पालिकाओं से संबंधित) में 18 विषय हैं। 20, 24 और 35 अन्य कोई संवैधानिक संख्या नहीं हैं जो अनुसूचियों या विषयों से संबंधित हों।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष की नियुक्ति करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा के अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 316 (1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है जिसका कार्य अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवाओं के लिए भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करना है। अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है। राष्ट्रपति ही उन्हें पद से हटा भी सकते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया अनुच्छेद 317 में निर्दिष्ट है और इसके लिए कदाचार या अक्षमता के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को जांच के लिए संदर्भित करना आवश्यक होता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति की नियुक्ति में UPSC अध्यक्ष की भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 21: किस अनुच्छेद में यह कहा गया है कि “भारत का महान्यायवादी” (Attorney General of India) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 75
- अनुच्छेद 77
- अनुच्छेद 78
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 (1) के अनुसार, भारत का महान्यायवादी (Attorney General) राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। वह उन सभी कर्तव्यों का पालन करता है जो राष्ट्रपति द्वारा उसे सौंपे जाते हैं। वह भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है और उसे संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन मतदान का अधिकार नहीं। वह संसद का सदस्य नहीं होता। वह राष्ट्रपति की प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति, उनके पद की शपथ आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 77 भारत सरकार के कार्यों के संचालन से संबंधित है। अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्यों से संबंधित है।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद अवशिष्ट शक्तियों (Residuary Powers) को केंद्र सरकार को प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 246
- अनुच्छेद 248
- अनुच्छेद 249
- अनुच्छेद 250
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 248 अवशिष्ट विधायी शक्तियों (Residuary Legislative Powers) का प्रावधान करता है। इसका अर्थ है कि जिन विषयों पर संसद के पास या राज्य विधानमंडलों के पास कोई शक्ति नहीं है (अर्थात जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल नहीं हैं), उन पर कानून बनाने की शक्ति विशेष रूप से संसद को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रावधान भारतीय संविधान की संघीय प्रकृति के बावजूद, केंद्र को मजबूत बनाने का एक उदाहरण है। यद्यपि कनाडा के संविधान की तरह भारत का संविधान अवशिष्ट शक्तियों के संबंध में पूर्णतः स्पष्ट नहीं है, अनुच्छेद 248 इसे स्पष्ट करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 246 संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है, जिसमें सातवीं अनुसूची में उल्लिखित सूचियों (संघ, राज्य, समवर्ती) का उल्लेख है। अनुच्छेद 249 राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 250 कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है, जैसे आपातकाल के दौरान।
प्रश्न 23: ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 30
- अनुच्छेद 31
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 33
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 भारतीय संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) में वर्णित है और इसे ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) कहा जाता है। यह अपने आप में एक मौलिक अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने अनुच्छेद 32 को ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा था। यह अनुच्छेद नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट (जैसे Habeas Corpus, Mandamus, Prohibition, Certiorari, Quo Warranto) जारी करने की शक्ति प्राप्त है। उच्च न्यायालय भी अनुच्छेद 226 के तहत इसी प्रकार की शक्ति रखते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों के शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार देता है। अनुच्छेद 31 (जिसे अब निरस्त कर दिया गया है) संपत्ति के अधिकार से संबंधित था। अनुच्छेद 33 संसद को सशस्त्र बलों आदि के सदस्यों के लिए मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित करने की शक्ति देता है।
प्रश्न 24: भारत में ‘सार्वजनिक उपक्रमों की समिति’ (Committee on Public Undertakings) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?
- इसका गठन 1964 में कृष्ण मेनन समिति की सिफारिश पर किया गया था।
- इसके सदस्यों की कुल संख्या 22 है।
- यह लोकसभा से 15 सदस्य और राज्यसभा से 7 सदस्य चुनती है।
- यह सार्वजनिक उपक्रमों के वार्षिक रिपोर्टों की जांच करती है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: सार्वजनिक उपक्रमों की समिति (CPU) के संबंध में कथन (c) सही नहीं है। CPU के 22 सदस्यों में से 15 सदस्य लोकसभा से और 7 सदस्य राज्यसभा से चुने जाते हैं। यह समिति सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज की जांच करती है।
- संदर्भ और विस्तार: इस समिति का गठन 1964 में कृष्ण मेनन समिति की सिफारिश पर हुआ था, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक उपक्रमों के वित्तीय प्रबंधन और दक्षता की जांच करना था। यह एक संसदीय समिति है जो प्रतिवर्ष पुनर्गठित होती है, और इसके सदस्य अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा चुने जाते हैं।
- गलत विकल्प: कथन (a), (b) और (d) सही हैं। (a) गठन 1964 में कृष्ण मेनन समिति की सिफारिश पर हुआ था। (b) कुल 22 सदस्य होते हैं। (d) यह सार्वजनिक उपक्रमों की रिपोर्टों, खातों और लेखा-परीक्षा रिपोर्टों की जांच करती है।
प्रश्न 25: भारत का राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र किसे सौंपता है?
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा के अध्यक्ष
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 56 (1) (a) के अनुसार, भारत का राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र भारत के उपराष्ट्रपति को संबोधित करके सौंप सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: जब राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को सौंपता है, तो उपराष्ट्रपति तुरंत इसकी सूचना लोकसभा के अध्यक्ष को देता है। राष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर, उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है।
- गलत विकल्प: भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्ति से सीधा संबंध नहीं है। लोकसभा के अध्यक्ष त्यागपत्र की सूचना प्राप्त करते हैं, लेकिन उनसे सीधे त्यागपत्र नहीं सौंपा जाता। प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, लेकिन राष्ट्रपति द्वारा त्यागपत्र उन्हें नहीं सौंपा जाता।