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संवैधानिक महारथी: अपनी पकड़ मज़बूत करें

संवैधानिक महारथी: अपनी पकड़ मज़बूत करें

नमस्ते, भविष्य के प्रशासकों! भारतीय राजव्यवस्था और संविधान के जटिल जाल को समझना सफलता की कुंजी है। आज हम आपके वैचारिक ज्ञान को परखने के लिए 25 विशिष्ट प्रश्न लेकर आए हैं, जो आपकी तैयारी को नई धार देंगे। आइए, अपनी समझ को आजमाएं और संवैधानिक महारथी बनने की राह पर एक कदम और आगे बढ़ें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  4. वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (d) सही है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19, वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और शस्त्रों सहित एकत्र होने, संघ बनाने, संचरण की स्वतंत्रता, निवास और बसने की स्वतंत्रता, और आजीविका के रूप में किसी भी व्यवसाय, उपजीविका, या कारोबार करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। ये अधिकार केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, और 30 केवल नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) भारतीय नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों) के लिए उपलब्ध है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 और 21 जैसे अधिकार सभी व्यक्तियों के लिए हैं, जबकि धर्म की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) भी सभी के लिए है, भले ही वे नागरिक हों या विदेशी। इसलिए, ये विकल्प गलत हैं क्योंकि प्रश्न विशेष रूप से केवल नागरिकों के लिए उपलब्ध अधिकार के बारे में पूछ रहा है।

प्रश्न 2: भारत के संविधान की प्रस्तावना का विधिक स्वरूप क्या है? क्या यह न्यायालय में प्रवर्तनीय है?

  1. यह न्यायालय में प्रवर्तनीय है, क्योंकि यह संविधान का एक अभिन्न अंग है।
  2. यह न्यायालय में प्रवर्तनीय नहीं है, क्योंकि यह संविधान का एक अंग नहीं है।
  3. यह न्यायालय में प्रवर्तनीय नहीं है, लेकिन यह संविधान के अन्य उपबंधों की व्याख्या करने में सहायक है।
  4. यह न्यायालय में प्रवर्तनीय है, लेकिन केवल उन भागों के लिए जो मौलिक अधिकारों से संबंधित हैं।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (c) सही है। उच्चतम न्यायालय ने अपने विभिन्न निर्णयों में, विशेष रूप से ‘बेरूबारी संघ मामले’ (1960) और ‘केशवानंद भारती मामले’ (1973) में, यह स्पष्ट किया है कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है, लेकिन यह न्यायालय में प्रवर्तनीय (enforceable) नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान निर्माताओं के उद्देश्य और आकांक्षाओं को व्यक्त करती है। यह संविधान के अन्य अनुच्छेदों की व्याख्या में एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करती है। यह सरकार को कोई शक्ति प्रदान नहीं करती है और न ही नागरिकों के किसी अधिकार को प्रतिबंधित करती है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि प्रस्तावना, हालांकि संविधान का हिस्सा है, न्यायालय में प्रवर्तनीय नहीं है। विकल्प (b) गलत है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने प्रस्तावना को संविधान का अभिन्न अंग माना है। विकल्प (d) गलत है क्योंकि प्रस्तावना की प्रवर्तनीयता उसके किसी भी हिस्से के लिए मौलिक अधिकारों से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह समग्र रूप से गैर-प्रवर्तनीय है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी परिस्थिति में राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकते हैं?

  1. जब संसद का कोई भी सदन सत्र में न हो और राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट हों कि ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं कि संसद के अधिनियम द्वारा तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक है।
  2. जब दोनों सदन सत्र में हों और वे किसी विधेयक पर सहमत न हो सकें।
  3. जब प्रधानमंत्री किसी विधेयक को पारित करने के लिए राष्ट्रपति से सलाह दें।
  4. जब कोई राज्य सरकार संवैधानिक मशीनरी के विफल होने पर राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध करे।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) सही है। भारत के संविधान का अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान करता है कि यदि कोई सदन, जिसमें दोनों सदन शामिल हैं, सत्र में नहीं है और राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट हैं कि ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं जिनमें संसद के अधिनियम द्वारा तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक है, तो वह अध्यादेश प्रख्यापित कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश का प्रभाव संसद के अधिनियम के समान होता है। इसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष सत्र शुरू होने के छह सप्ताह के भीतर रखा जाना आवश्यक है, अन्यथा यह अविलंब समाप्त हो जाएगा। यह शक्ति विवेकाधीन नहीं है, बल्कि मंत्रिपरिषद की सलाह पर आधारित है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b) गलत है क्योंकि दोनों सदनों के असहमत होने पर राष्ट्रपति अध्यादेश जारी नहीं कर सकते, यह राष्ट्रपति शासन या अन्य संवैधानिक उपायों का मामला हो सकता है। विकल्प (c) में प्रधानमंत्री की सलाह पर, बल्कि तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर अध्यादेश जारी होता है। विकल्प (d) राष्ट्रपति शासन से संबंधित है, अध्यादेश जारी करने से नहीं।

प्रश्न 4: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. यह एक संवैधानिक निकाय है।
  2. इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना है।
  3. यह केवल केंद्र सरकार के अधिकारियों पर अधिकार क्षेत्र रखता है।
  4. इसमें प्रधानमंत्री को कुछ अपवादों के साथ शामिल किया गया है।

उत्तर: (b) और (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: कथन (b) और (d) सही हैं। लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 एक सांविधिक (statutory) अधिनियम है, संवैधानिक नहीं। इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना है। प्रधानमंत्री को कुछ विशिष्ट अपवादों के साथ (राष्ट्रीय सुरक्षा आदि के मामलों में) लोकपाल के दायरे में लाया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: लोकपाल एक अखिल भारतीय निरीक्षण निकाय है जो सार्वजनिक हित में भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की जांच करता है। इसके अधिकार क्षेत्र में प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य और केंद्र सरकार के समूह ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, और ‘डी’ के अधिकारी शामिल हैं। लोकायुक्त राज्य स्तर पर समान कार्य करते हैं।
  • गलत विकल्प: कथन (a) गलत है क्योंकि यह एक सांविधिक निकाय है, न कि संवैधानिक। कथन (c) गलत है क्योंकि लोकपाल का अधिकार क्षेत्र केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री और सांसदों तक विस्तृत है, न कि केवल केंद्र सरकार के अधिकारियों तक।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी जोड़ी संसद और राज्य विधानमंडलों के विशेषाधिकारों से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 104
  2. अनुच्छेद 105
  3. अनुच्छेद 110
  4. अनुच्छेद 123

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (b) सही है। संविधान का अनुच्छेद 105 संसद के सदनों और उनके सदस्यों के विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों से संबंधित है। इसी तरह, राज्यों के विधानमंडलों के विशेषाधिकार अनुच्छेद 194 में परिभाषित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 105 के तहत, संसद के सदस्यों को सदन में या उसकी किसी समिति में कही गई किसी भी बात या उनके द्वारा डाले गए किसी भी मत के संबंध में किसी भी कार्यवाही से उन्मुक्ति प्राप्त है। उन्हें संसदीय कार्यवाही के प्रकाशन के संबंध में भी कुछ अधिकार प्राप्त हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 104 ‘सदस्यों द्वारा शपथ लेने या पद ग्रहण करने से पहले या तत्पश्चात पद के लिए बैठने या मत देने के लिए जुर्माना’ से संबंधित है। अनुच्छेद 110 ‘धन विधेयकों’ को परिभाषित करता है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 6: भारत के संविधान का कौन सा संशोधन पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
  4. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) सही है। 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) के लिए प्रावधान हैं, और अनुसूची 11 को भी जोड़ा, जिसमें 29 विषय सूचीबद्ध हैं जो PRIs को सौंपे जा सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज को सशक्त बनाना और उन्हें स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाना था। इसने ग्राम सभा को संवैधानिक मान्यता दी और त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली (ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर) की स्थापना का प्रावधान किया।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 65वां संशोधन अधिनियम 1990 में अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज को लागू करने के लिए था, लेकिन पारित नहीं हुआ। 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 मौलिक अधिकारों से संबंधित था।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा राष्ट्रपति का विधायी विशेषाधिकार है?

  1. धन विधेयक को पुनर्विचार के लिए वापस भेजना।
  2. संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाना।
  3. सर्वोच्च न्यायालय से किसी मामले पर सलाह मांगना।
  4. संसदीय समितियों को भंग करना।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (b) सही है। अनुच्छेद 108 राष्ट्रपति को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाने की शक्ति देता है, जो एक महत्वपूर्ण विधायी विशेषाधिकार है, खासकर जब किसी विधेयक पर गतिरोध हो।
  • संदर्भ और विस्तार: संयुक्त बैठक का उद्देश्य गतिरोध को दूर करना होता है। यह राष्ट्रपति का एक विधायी कार्य है क्योंकि यह विधेयक को पारित कराने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
  • गलत विकल्प: धन विधेयक को राष्ट्रपति पुनर्विचार के लिए वापस नहीं भेज सकते (अनुच्छेद 110)। राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय से सलाह मांग सकते हैं (अनुच्छेद 143), लेकिन यह विधायी विशेषाधिकार के बजाय एक सलाहकार शक्ति है। राष्ट्रपति संसदीय समितियों को भंग नहीं कर सकते।

प्रश्न 8: भारतीय संविधान में ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ (Judicial Review) की शक्ति कहाँ से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. यूनाइटेड किंगडम
  3. कनाडा
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) सही है। भारतीय संविधान में न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति का स्रोत संयुक्त राज्य अमेरिका है। हालांकि, अमेरिका के विपरीत, भारत में न्यायिक पुनर्विलोकन का आधार स्पष्ट रूप से लिखित नहीं है, लेकिन यह अनुच्छेदों 13, 32, 131-136, और 226 के तहत अंतर्निहित है।
  • संदर्भ और विस्तार: न्यायिक पुनर्विलोकन का अर्थ है कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पास यह शक्ति है कि वे संसद द्वारा पारित कानूनों या कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता का पुनरीक्षण कर सकें और यदि वे संविधान के विरुद्ध पाए जाते हैं तो उन्हें रद्द कर सकें।
  • गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम में संसदीय सर्वोच्चता है, जहाँ संसद का कानून अंतिम होता है। कनाडा से ‘संघीय प्रणाली’ और ‘अवशिष्ट शक्तियों’ का प्रावधान लिया गया है। ऑस्ट्रेलिया से ‘समवर्ती सूची’ और ‘संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक’ का प्रावधान लिया गया है।

प्रश्न 9: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्यों के लिए राज्यपाल की नियुक्ति का प्रावधान है?

  1. अनुच्छेद 155
  2. अनुच्छेद 153
  3. अनुच्छेद 165
  4. अनुच्छेद 154

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) सही है। संविधान का अनुच्छेद 155 यह उपबंध करता है कि राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 153 कहता है कि प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा, लेकिन यह भी प्रावधान करता है कि एक ही व्यक्ति दो या दो से अधिक राज्यों के लिए राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। अनुच्छेद 154 राज्यपाल की कार्यपालिका शक्ति से संबंधित है, और अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 153 राज्यपाल की पद पर नियुक्ति का सामान्य नियम बताता है, न कि नियुक्ति की प्रक्रिया का। अनुच्छेद 154 राज्यपाल की शक्तियों से संबंधित है। अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता से संबंधित है।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संघवाद (Federalism) की विशेषता नहीं है?

  1. दोहरी सरकार (केंद्र और राज्य)
  2. शक्तियों का विभाजन
  3. लिखित संविधान
  4. एकल नागरिकता

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (d) सही है। एकल नागरिकता भारतीय संघवाद की विशेषता नहीं है; यह एकात्मक (unitary) विशेषता है। जबकि भारत में एक संघीय ढांचा है, एकल नागरिकता इसे एकात्मकता की ओर झुकाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: संघवाद की मुख्य विशेषताएं दोहरी सरकार (केंद्र और राज्य सरकारें), शक्तियों का विभाजन (सातवीं अनुसूची में), लिखित संविधान, संविधान की सर्वोच्चता, कठोर संविधान और स्वतंत्र न्यायपालिका हैं। भारत में संविधान के भाग XI और XII केंद्र-राज्य संबंधों से संबंधित हैं।
  • गलत विकल्प: दोहरी सरकार, शक्तियों का विभाजन और लिखित संविधान सभी भारतीय संघवाद की प्रमुख विशेषताएं हैं। एकल नागरिकता, जबकि भारतीय संघ की एक विशेषता है, यह संघवाद के मूल सिद्धांत (जैसे कि अमेरिका में दोहरी नागरिकता) से अलग है और भारत की एकात्मक झुकाव को दर्शाती है।

प्रश्न 11: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

  1. वह भारत सरकार के सभी खातों का लेखा-परीक्षा करता है, लेकिन राज्य सरकारों का नहीं।
  2. वह केवल व्यय का लेखा-परीक्षा करता है, आय का नहीं।
  3. उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह संसद के प्रति उत्तरदायी होता है।
  4. वह राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है, जो फिर उसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखती है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (d) सही है। अनुच्छेद 148 के अनुसार, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वह संघ और राज्यों दोनों के खातों का लेखा-परीक्षा करता है। अनुच्छेद 149 CAG के कर्तव्यों को परिभाषित करता है, और अनुच्छेद 151 CAG द्वारा राष्ट्रपति को रिपोर्ट प्रस्तुत करने और राष्ट्रपति द्वारा उसे संसद में प्रस्तुत करने का प्रावधान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत की समेकित निधि (Consolidated Fund) से किए गए सभी व्यय की लेखा-परीक्षा करता है। वह केंद्र सरकार के खातों पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, और राज्य सरकारों के खातों पर अपनी रिपोर्ट संबंधित राज्य के राज्यपाल को प्रस्तुत करता है। राष्ट्रपति (राज्य के मामले में राज्यपाल) इस रिपोर्ट को संसद (राज्य के मामले में राज्य विधानमंडल) के समक्ष रखते हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि CAG राज्य सरकारों के खातों का भी लेखा-परीक्षा करता है। विकल्प (b) गलत है क्योंकि CAG व्यय और आय दोनों का लेखा-परीक्षा करता है। विकल्प (c) आंशिक रूप से सही है कि नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है, लेकिन वह सीधे संसद के प्रति उत्तरदायी नहीं होता, बल्कि उसकी रिपोर्ट संसद में रखी जाती है।

प्रश्न 12: भारतीय संविधान के किस भाग में मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख है?

  1. भाग IV-A
  2. भाग III
  3. भाग IV
  4. भाग V

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) सही है। भारतीय संविधान के भाग IV-A में मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख है। यह भाग 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था, जिसमें सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों को शामिल किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग IV-A में केवल एक अनुच्छेद, अनुच्छेद 51-A है, जिसमें 11 मौलिक कर्तव्यों को सूचीबद्ध किया गया है। ये कर्तव्य नागरिकों के राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान के प्रति सम्मान, स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित करने वाले आदर्शों का पालन, संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा आदि से संबंधित हैं।
  • गलत विकल्प: भाग III में मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35) दिए गए हैं। भाग IV में राज्य के नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 36-51) दिए गए हैं। भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद, न्यायपालिका आदि से संबंधित है।

प्रश्न 13: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?

  1. यह एक संवैधानिक निकाय है।
  2. इसका अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश होता है।
  3. यह केवल उन मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच कर सकता है जो पिछले एक वर्ष के भीतर हुए हों।
  4. यह अपनी जांच स्वयं शुरू कर सकता है या किसी पीड़ित द्वारा दायर याचिका पर जांच कर सकता है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) असत्य है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक सांविधिक (statutory) निकाय है, जिसे मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित किया गया था। यह कोई संवैधानिक निकाय नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC का अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश होता है। आयोग केवल उन्हीं मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच कर सकता है जो घटना के एक वर्ष के भीतर दायर किए जाते हैं। आयोग अपनी जांच स्वयं शुरू कर सकता है, या किसी पीड़ित या उसके प्रतिनिधि द्वारा दायर शिकायत पर जांच कर सकता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b), (c), और (d) सत्य कथन हैं। NHRC का अध्यक्ष एक सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश होता है, जो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (संशोधन) अधिनियम, 2006 द्वारा निर्धारित है। जांच की समय-सीमा एक वर्ष है। आयोग स्वत: संज्ञान ले सकता है या शिकायत पर कार्रवाई कर सकता है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत राज्य विधानमंडल में धन विधेयक पेश किया जाता है?

  1. अनुच्छेद 198
  2. अनुच्छेद 110
  3. अनुच्छेद 199
  4. अनुच्छेद 109

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (c) सही है। अनुच्छेद 199 राज्य विधानमंडल में ‘धन विधेयक’ को परिभाषित करता है। धन विधेयक को केवल राज्य की विधान सभा में ही पेश किया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 198 धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रियाओं का उल्लेख करता है, जो अनुच्छेद 110 (जो केंद्र के धन विधेयक को परिभाषित करता है) के समान हैं। हालांकि, राज्य विधान परिषद (जहां यह मौजूद है) धन विधेयक को केवल देरी कर सकती है, अस्वीकार या संशोधित नहीं कर सकती।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 110 केंद्र के धन विधेयक को परिभाषित करता है। अनुच्छेद 109 केंद्र में धन विधेयक पेश करने की विशेष प्रक्रिया से संबंधित है। अनुच्छेद 198 राज्य में धन विधेयक पेश करने की विशेष प्रक्रिया का वर्णन करता है, लेकिन विधेयक को परिभाषित अनुच्छेद 199 करता है।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान के अनुसार, ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद में अंतर्निहित है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 19
  3. अनुच्छेद 21
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) सही है। अनुच्छेद 14 ‘विधि के समक्ष समानता’ और ‘विधियों का समान संरक्षण’ प्रदान करता है, जो ‘विधि के शासन’ के सिद्धांत का मूल है। हालांकि, ‘विधि के शासन’ का व्यापक अर्थ अनुच्छेदों 19 और 21 में भी निहित है, लेकिन अनुच्छेद 14 इसका प्रत्यक्ष रूप से प्रतिनिधित्व करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: विधि का शासन, जैसा कि ए.वी. डाइसी द्वारा प्रतिपादित किया गया है, का अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है; सभी व्यक्ति कानून के अधीन हैं और कानून के अनुसार उनका उपचार किया जाएगा। अनुच्छेद 14 इस सिद्धांत को स्थापित करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 (स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) भी विधि के शासन के महत्वपूर्ण पहलू हैं, लेकिन अनुच्छेद 14 सीधे तौर पर इस अवधारणा को स्थापित करता है। इसलिए, ‘उपरोक्त सभी’ उतना सटीक नहीं है जितना कि अनुच्छेद 14, जो इस सिद्धांत का आधार है।

प्रश्न 16: संविधान के अनुसार, केंद्र सरकार राज्यों को निर्देश दे सकती है, निम्नलिखित में से किस स्थिति में?

  1. राज्य की राजभाषा के संबंध में।
  2. सार्वजनिक उपक्रमों के निर्माण के संबंध में।
  3. राष्ट्रीय महत्व के घोषित कुछ रेलवे के संचालन के संबंध में।
  4. उपरोक्त सभी।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (d) सही है। संविधान का अनुच्छेद 256 यह प्रावधान करता है कि प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग इस प्रकार किया जाएगा जिससे संसद द्वारा बनाए गए कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित हो। अनुच्छेद 257 केंद्र सरकार को कुछ मामलों में राज्यों पर नियंत्रण प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 256 के तहत, केंद्र सरकार राज्यों को ऐसे निर्देश दे सकती है जो संसद के अधिनियमों के अनुपालन के लिए आवश्यक हों। अनुच्छेद 257 (3) के तहत, केंद्र सरकार राष्ट्रीय महत्व के घोषित रेलवे के संचालन जैसे मामलों में राज्यों को निर्देश दे सकती है। राज्यों की राजभाषा के संबंध में भी केंद्र के निर्देश मान्य होते हैं (अनुच्छेद 345)।
  • गलत विकल्प: तीनों ही स्थितियाँ अनुच्छेद 256 और 257 के तहत केंद्र के निर्देशों के दायरे में आती हैं, इसलिए सभी विकल्प सही हैं।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द भारतीय संविधान की प्रस्तावना में शामिल नहीं है?

  1. संप्रभु
  2. समाजवादी
  3. पंथनिरपेक्ष
  4. सांप्रदायिक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (d) सही है। ‘सांप्रदायिक’ शब्द भारतीय संविधान की प्रस्तावना में शामिल नहीं है। मूल प्रस्तावना में ‘संप्रभु’, ‘लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ शब्द थे। 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को जोड़ा गया।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना अब भारत को एक ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ घोषित करती है और अपने सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करती है।
  • गलत विकल्प: ‘संप्रभु’, ‘समाजवादी’, और ‘पंथनिरपेक्ष’ तीनों ही भारतीय संविधान की प्रस्तावना में शामिल महत्वपूर्ण शब्द हैं। ‘सांप्रदायिक’ शब्द जो धर्म या समुदाय से संबंधित है, प्रस्तावना के उद्देश्य के विपरीत है और इसलिए शामिल नहीं किया गया है।

प्रश्न 18: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव किसके द्वारा किया जाता है?

  1. केवल लोकसभा के सदस्य
  2. लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
  3. संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
  4. राज्य विधानमंडलों के सदस्य

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (c) सही है। संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा।
  • संदर्भ और विस्तार: इस निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के केवल सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत दोनों) शामिल होते हैं। इसमें राज्यों के विधानमंडलों के सदस्य शामिल नहीं होते हैं। राष्ट्रपति के विपरीत, उपराष्ट्रपति के चुनाव में मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि केवल लोकसभा के सदस्य नहीं। विकल्प (b) गलत है क्योंकि इसमें निर्वाचित सदस्य ही नहीं, बल्कि मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। विकल्प (d) गलत है क्योंकि राज्य विधानमंडलों के सदस्यों को उपराष्ट्रपति के चुनाव में कोई भूमिका नहीं होती है।

प्रश्न 19: किस वर्ष में भारतीय संसद ने ‘संसद के सदस्यों के वेतन और भत्ते अधिनियम’ पारित किया?

  1. 1954
  2. 1958
  3. 1985
  4. 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) सही है। संसद के सदस्यों के वेतन और भत्ते से संबंधित कानून समय-समय पर संसद द्वारा पारित किए जाते रहे हैं। पहला प्रमुख अधिनियम ‘सदस्यों का वेतन और भत्ते अधिनियम, 1954’ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य सुविधाओं का प्रावधान करता है। यह सुनिश्चित करता है कि विधायी कार्यों के लिए सांसदों को समुचित सुविधाएँ मिलें।
  • गलत विकल्प: अन्य दिए गए वर्ष इस विशेष अधिनियम के पारित होने के वर्ष नहीं हैं, हालांकि सदस्यों के वेतन और भत्तों में संशोधन इन वर्षों या अन्य वर्षों में हुआ हो सकता है।

प्रश्न 20: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत, राज्य ___ वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेगा।

  1. 6 से 14 वर्ष
  2. 6 से 12 वर्ष
  3. 5 से 15 वर्ष
  4. 6 से 18 वर्ष

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) सही है। 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 ने भारतीय संविधान में अनुच्छेद 21A जोड़ा, जिसने 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के माध्यम से लागू किया गया, जिसने 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का कानूनी आधार प्रदान किया।
  • गलत विकल्प: 6 से 12 वर्ष, 5 से 15 वर्ष, और 6 से 18 वर्ष की आयु सीमा इस मौलिक अधिकार के लिए निर्धारित नहीं है। 18 वर्ष तक की आयु को अन्य संदर्भों में (जैसे कि वयस्कता) माना जा सकता है, लेकिन शिक्षा के अधिकार के लिए यह आयु सीमा 6 से 14 वर्ष है।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) रिट के अंतर्गत नहीं आता?

  1. गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिए गए व्यक्ति की रिहाई।
  2. न्यायालय के समक्ष बंदी व्यक्ति की उपस्थिति।
  3. किसी व्यक्ति को राज्य के अलावा किसी निजी व्यक्ति द्वारा बंदी बनाए जाने पर।
  4. अनुच्छेद 22(2) के तहत गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश न करना।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (d) गलत है। ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह रिट किसी ऐसे व्यक्ति को रिहा कराने के लिए जारी की जाती है जिसे गैरकानूनी ढंग से हिरासत में लिया गया है। यह अनुच्छेद 22 (2) के तहत गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के अधिकार का उल्लंघन होने पर भी लागू होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रिट किसी भी व्यक्ति की स्वतंत्रता को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह केवल सार्वजनिक अधिकारियों के विरुद्ध ही नहीं, बल्कि निजी व्यक्तियों के विरुद्ध भी जारी की जा सकती है, यदि वे किसी व्यक्ति को गैरकानूनी ढंग से बंदी बनाए हुए हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) सभी ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ रिट के दायरे में आते हैं। (a) और (b) रिट का मूल उद्देश्य हैं। (c) यह बताता है कि यह निजी व्यक्तियों के विरुद्ध भी जारी की जा सकती है। (d) भी बंदी प्रत्यक्षीकरण के दायरे में आता है क्योंकि यह गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।

प्रश्न 22: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  2. वे भारत सरकार के मुख्य विधि अधिकारी होते हैं।
  3. वे निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं।
  4. वे संसद की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं लेकिन मत नहीं दे सकते।

उत्तर: (a), (b), (c), और (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: सभी कथन (a), (b), (c), और (d) सत्य हैं। अनुच्छेद 76 के तहत, भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वे भारत सरकार के मुख्य विधि अधिकारी होते हैं। वे अपने पद पर रहते हुए निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं, बशर्ते कि वे सरकारी मामलों के अलावा अन्य मामलों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करें। अनुच्छेद 88 के तहत, महान्यायवादी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठकों में भाग लेने और किसी भी समिति में बोलने का अधिकार है, लेकिन मत देने का अधिकार नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी सरकार को कानूनी मामलों पर सलाह देते हैं और राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए अन्य कानूनी कार्यों का निर्वहन करते हैं।
  • गलत विकल्प: सभी दिए गए कथन महान्यायवादी की स्थिति और शक्तियों के बारे में सही जानकारी प्रदान करते हैं।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सी पंचायती राज संस्था पंचायती राज का ‘आधार’ (Grassroots level) मानी जाती है?

  1. जिला परिषद
  2. पंचायत समिति (Block Samiti)
  3. ग्राम पंचायत
  4. ये सभी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (c) सही है। पंचायती राज व्यवस्था में, ग्राम पंचायत स्थानीय स्वशासन की सबसे निचली और आधारभूत इकाई मानी जाती है। यह सीधे गांव के लोगों से जुड़ी होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान के भाग IX और 73वें संशोधन के तहत, त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली में सबसे निचला स्तर ग्राम पंचायत का होता है। यह ग्राम स्तर पर स्वशासन सुनिश्चित करती है। जिला परिषद शीर्ष स्तर पर और पंचायत समिति मध्यवर्ती स्तर पर कार्य करती है।
  • गलत विकल्प: जिला परिषद जिला स्तर पर कार्य करती है, जो एक उच्च स्तर है। पंचायत समिति ब्लॉक स्तर पर कार्य करती है, जो मध्यवर्ती स्तर है। ये दोनों महत्वपूर्ण हैं, लेकिन ‘आधार’ या ‘जमीनी स्तर’ ग्राम पंचायत को माना जाता है।

प्रश्न 24: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की उद्घोषणा संसद के प्रत्येक सदन द्वारा कितने समय के भीतर अनुमोदित की जानी चाहिए?

  1. एक माह
  2. तीन माह
  3. छह माह
  4. बारह माह

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (a) सही है। 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 के बाद, राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की उद्घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने की अवधि के भीतर अनुमोदित की जानी चाहिए।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल रूप से यह अवधि दो महीने थी। अनुमोदित होने के बाद, आपातकाल छह महीने तक लागू रहता है, जब तक कि इसे आगे बढ़ाया न जाए। इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक छह महीने में संसद का अनुमोदन आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: तीन माह, छह माह, और बारह माह की अवधि राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा के प्रारंभिक अनुमोदन के लिए नहीं है। छह माह की अवधि इसके विस्तार के लिए प्रासंगिक है, लेकिन प्रारंभिक अनुमोदन के लिए नहीं।

प्रश्न 25: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?

  1. भारत एक एकात्मक राज्य है।
  2. भारत का प्रमुख वंशानुगत होता है।
  3. भारत का प्रमुख अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है।
  4. भारत एक संघ राज्य है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (c) सही है। ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (भारत के मामले में राष्ट्रपति) वंशानुगत नहीं होता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा या जनता के प्रतिनिधियों द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। यह राजशाही (Monarchy) के विपरीत है जहाँ प्रमुख पद वंशानुगत होता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि गणराज्य का अर्थ एकात्मक राज्य होना आवश्यक नहीं है। भारत एक संघीय गणराज्य है। विकल्प (b) गलत है क्योंकि गणराज्य का मतलब ही यह है कि प्रमुख वंशानुगत नहीं होता। विकल्प (d) एक संघ राज्य होना गणराज्य का एक पहलू हो सकता है, लेकिन ‘गणराज्य’ का मुख्य अर्थ राज्य के प्रमुख के चुनाव से संबंधित है।

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