संवैधानिक महारथियों के लिए: दैनिक पोलिटी चैलेंज
नमस्कार, भावी लोक सेवकों! भारतीय लोकतंत्र के ताने-बाने को समझना आपके सपनों की उड़ान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपनी संवैधानिक समझ को परखने और अवधारणात्मक स्पष्टता को और गहरा करने के लिए तैयार हो जाइए। आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में 25 चुनिंदा प्रश्नों के साथ अपनी तैयारी को धार दीजिए!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था। यह भारत को एक समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ा जाना संविधान की व्याख्या और उसके उद्देश्यों को स्पष्ट करने के एक प्रयास के रूप में देखा जाता है। सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती मामले (1973) में यह माना था कि प्रस्तावना संविधान का अभिन्न अंग है और इसमें संशोधन किया जा सकता है, बशर्ते कि इसकी मूल संरचना (Basic Structure) को कोई नुकसान न पहुँचे।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वें संशोधन ने दल-बदल विरोधी प्रावधान (10वीं अनुसूची) जोड़ा। 61वें संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
प्रश्न 2: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के पद का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 75
- अनुच्छेद 77
- अनुच्छेद 78
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी के पद का प्रावधान करता है। महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है। उसे भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार है और वह संसद की कार्यवाही में भाग ले सकता है, लेकिन मत नहीं दे सकता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति, उनके कार्यकाल आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 77 भारत सरकार के कार्यों के संचालन से संबंधित है। अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्यों का उल्लेख करता है।
प्रश्न 3: किस मौलिक अधिकार के तहत सर्वोच्च न्यायालय ने ‘जीवन के अधिकार’ में ‘गरिमापूर्ण जीवन’ के अधिकार को शामिल किया?
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 19
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 20
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है, के तहत सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न ऐतिहासिक निर्णयों में ‘गरिमापूर्ण जीवन’ (Right to Live with Dignity) को भी शामिल किया है।
- संदर्भ और विस्तार: मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978) जैसे मामलों में, न्यायालय ने अनुच्छेद 21 के दायरे को व्यापक बनाया, जिसमें केवल पशुवत अस्तित्व नहीं, बल्कि मानव गरिमा के साथ जीने का अधिकार शामिल है। इसमें स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, निजता का अधिकार, आश्रय का अधिकार आदि भी शामिल किए गए हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है। अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है।
प्रश्न 4: संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता कौन करता है?
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा का सभापति
- राष्ट्रपति
- उपराष्ट्रपति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 118(4) के अनुसार, भारत के संविधान के तहत संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है।
- संदर्भ और विस्तार: संयुक्त अधिवेशन का आह्वान राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 108 के तहत किया जाता है, सामान्यतः तब जब किसी विधेयक पर दोनों सदनों में गतिरोध हो। यदि लोकसभा अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोकसभा उपाध्यक्ष अध्यक्षता करता है, और यदि वह भी अनुपस्थित हो, तो राज्यसभा का उपाध्यक्ष अध्यक्षता करता है। राज्यसभा का सभापति (जो भारत का उपराष्ट्रपति होता है) संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता नहीं करता।
- गलत विकल्प: राज्यसभा का सभापति (उपराष्ट्रपति) संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता नहीं करता। राष्ट्रपति संयुक्त अधिवेशन बुलाता है, अध्यक्षता नहीं करता।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘संवैधानिक’ संस्था नहीं है?
- निर्वाचन आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- वित्त आयोग
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) संविधान द्वारा स्थापित ‘संवैधानिक’ निकाय हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक ‘सांविधिक’ (Statutory) निकाय है, जिसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में किया गया है और उनकी स्थापना संविधान के प्रावधानों के अनुसार होती है। सांविधिक निकाय वे होते हैं जिन्हें किसी विशेष अधिनियम (कानून) द्वारा स्थापित किया जाता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनके संबंधित अनुच्छेदों का उल्लेख ऊपर किया गया है।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का उल्लेख है?
- भाग IV
- भाग III
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में मूलभूत हैं। इनका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है। आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर इन्हें भारतीय संविधान में शामिल किया गया है।
- गलत विकल्प: भाग III में मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35) हैं। भाग IV-A में मौलिक कर्तव्य (अनुच्छेद 51-A) हैं। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 7: किस संशोधन अधिनियम ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वाँ संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (Gram Panchayats, Block Panchayats, Zila Panchayats) को संवैधानिक दर्जा दिया गया। इसी संशोधन ने 11वीं अनुसूची भी जोड़ी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज को अधिक प्रभावी और स्वायत्त बनाना था, जिससे त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- गलत विकल्प: 74वाँ संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएँ) से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन विधेयक, जो क्रमशः पंचायती राज और नगर पालिकाओं से संबंधित थे, संसद में पारित नहीं हो सके थे।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति’ से संबंधित है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 73
- अनुच्छेद 161
- अनुच्छेद 123
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को क्षमादान (Pardon), दण्ड-लघुकरण (Commutation), परिहार (Remission), विराम (Reprieve) और प्रविलंबन (Respite) की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को उन सभी मामलों में लागू होती है जहाँ दंड या दण्डादेश किसी कानून के विरुद्ध अपराध के लिए दिया गया हो, जो संघ की कार्यपालिका शक्ति की सीमा के भीतर आता हो; या वह दण्ड-आदेश किसी कोर्ट-मार्शल द्वारा दिया गया हो; या वह दण्ड-आदेश मृत्युदण्ड का हो। सर्वोच्च न्यायालय ने ‘शमशेर सिंह बनाम पंजाब राज्य’ मामले में स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति को अपने क्षमादान की शक्ति का प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर करना चाहिए।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 73 संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है। अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 9: ‘मूल संरचना सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) का प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालय ने किस ऐतिहासिक मामले में किया?
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘मूल संरचना सिद्धांत’ का प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में किया था। इस निर्णय ने यह स्थापित किया कि संसद संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान की ‘मूल संरचना’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: मूल संरचना में प्रस्तावना, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, शक्तियों का पृथक्करण, कल्याणकारी राज्य, धर्मनिरपेक्षता, संसदीय प्रणाली आदि जैसे तत्व शामिल हैं। इस सिद्धांत ने संविधान की सर्वोच्चता और लचीलेपन के बीच संतुलन स्थापित किया।
- गलत विकल्प: मेनका गांधी (अनुच्छेद 21), गोलकनाथ (संशोधन शक्ति पर रोक), और ए. के. गोपालन (अनुच्छेद 21 की संकीर्ण व्याख्या) अन्य महत्वपूर्ण मामले हैं, लेकिन मूल संरचना सिद्धांत का प्रतिपादन केशवानंद भारती मामले में हुआ।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से किस निकाय का उल्लेख संविधान में नहीं है?
- लोकपाल
- नीति आयोग
- राष्ट्रीय विकास परिषद
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोकपाल, नीति आयोग (योजना आयोग का उत्तराधिकारी) और राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) तीनों ही गैर-संवैधानिक और गैर-सांविधिक निकाय हैं। इनका उल्लेख भारतीय संविधान में नहीं किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: लोकपाल एक भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल संस्था है, जिसे लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत स्थापित किया गया है। नीति आयोग को 1 जनवरी 2015 को भारत सरकार द्वारा एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से स्थापित किया गया था। राष्ट्रीय विकास परिषद को 1952 में भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया था।
- गलत विकल्प: चूंकि तीनों ही निकाय असंवैधानिक हैं, इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान के अनुसार, ‘कानून के समक्ष समानता’ किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14 भारत के राज्यक्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को ‘कानून के समक्ष समानता’ (Equality before the law) और ‘कानूनों का समान संरक्षण’ (Equal protection of the laws) प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘कानून के समक्ष समानता’ ब्रिटिश अवधारणा है जो नकारात्मक है (किसी विशेष विशेषाधिकार से वंचित करना), जबकि ‘कानूनों का समान संरक्षण’ अमेरिकी अवधारणा है जो सकारात्मक है (समान परिस्थितियों में समान व्यवहार)। यह सिद्धांत विधि के शासन (Rule of Law) की आधारशिला है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता का उपबंध करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत का उपबंध करता है।
प्रश्न 12: राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र किसे सौंपता है?
- भारत के उपराष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- लोकसभा अध्यक्ष
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 56(1)(a) के अनुसार, भारत का राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को सौंपेगा।
- संदर्भ और विस्तार: जब राष्ट्रपति त्यागपत्र देता है, तो यह माना जाता है कि वह तत्काल प्रभावी हो गया है। उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के त्यागपत्र की सूचना तुरंत लोकसभा अध्यक्ष को देगा।
- गलत विकल्प: भारत के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाते हैं, लेकिन त्यागपत्र स्वीकार नहीं करते। लोकसभा अध्यक्ष राष्ट्रपति के त्यागपत्र से अवगत कराया जाता है, लेकिन राष्ट्रपति उसे संबोधित नहीं करता। प्रधानमंत्री राष्ट्रपति की परिषद का प्रमुख होता है, लेकिन राष्ट्रपति सीधे उन्हें त्यागपत्र नहीं देता।
प्रश्न 13: भारत में ”, **’**”, **’**” (Sovereign, Socialist, Secular, Democratic Republic) की व्यवस्था का उल्लेख किसमें है?
- प्रस्तावना
- मूल अधिकार
- नीति निदेशक तत्व
- संविधान की अनुसूची
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत को एक ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ (Sovereign, Socialist, Secular, Democratic Republic) घोषित किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान का सार है और उसके उद्देश्यों को स्पष्ट करती है। ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द 42वें संशोधन, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। ये शब्द भारत की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था के मूलभूत आधार हैं।
- गलत विकल्प: मूल अधिकार और नीति निदेशक तत्व नागरिकों के अधिकार और राज्य के कर्तव्य बताते हैं, न कि देश की व्यवस्था का समग्र वर्णन करते हैं। अनुसूचियाँ विशिष्ट विषयों से संबंधित हैं, न कि प्रस्तावना की तरह देश की प्रकृति का वर्णन करती हैं।
प्रश्न 14: उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति को सलाह लेने की शक्ति किस अनुच्छेद में दी गई है?
- अनुच्छेद 124(2)
- अनुच्छेद 124(1)
- अनुच्छेद 129
- अनुच्छेद 143
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 124(2) के अनुसार, राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति, उच्चतम न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों के ऐसे न्यायाधीशों से परामर्श करने के पश्चात् करेगा, जिन्हें वह ऐसे परामर्श के लिए नियुक्त करना आवश्यक समझे। (कॉलेजियम प्रणाली का आधार)।
- संदर्भ और विस्तार: ‘प्रथम न्यायाधीश मामले’ (1981) के बाद, परामर्श का अर्थ केवल राय लेना रह गया था, लेकिन ‘द्वितीय न्यायाधीश मामले’ (1993) में सर्वोच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी कि प्रधान न्यायाधीश का परामर्श ‘बाध्यकारी’ होगा। ‘तृतीय न्यायाधीश मामले’ (1998) में कॉलेजियम प्रणाली को और मजबूत किया गया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 124(1) उच्चतम न्यायालय की स्थापना से संबंधित है। अनुच्छेद 129 उच्चतम न्यायालय को एक अभिलेख न्यायालय (Court of Record) के रूप में वर्णित करता है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को उच्चतम न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति देता है (सलाहकारी अधिकार क्षेत्र)।
प्रश्न 15: संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किस अनुसूची में किया गया है?
- सातवीं अनुसूची
- पहली अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची संघ (केंद्र) और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों के वितरण से संबंधित है। यह तीन सूचियाँ प्रदान करती है: संघ सूची (Union List), राज्य सूची (State List) और समवर्ती सूची (Concurrent List)।
- संदर्भ और विस्तार: सातवीं अनुसूची अनुच्छेद 246 पर आधारित है। संघ सूची के विषयों पर कानून बनाने का विशेष अधिकार संसद को है। राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार राज्यों की विधानमंडल को है (कुछ अपवादों के साथ)। समवर्ती सूची के विषयों पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन यदि कोई टकराव होता है तो संसद का कानून मान्य होता है।
- गलत विकल्प: पहली अनुसूची राज्यों और उनके भू-भागों का वर्णन करती है। आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं से संबंधित है। दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 56वाँ संशोधन अधिनियम, 1987
- 61वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत 10 मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया था। बाद में, 86वें संशोधन, 2002 द्वारा एक और मौलिक कर्तव्य (शिक्षा का अधिकार) जोड़ा गया, जिससे उनकी कुल संख्या 11 हो गई।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्यों को सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर जोड़ा गया था। ये नागरिकों के प्रति राज्य के कर्तव्यों के पूरक हैं और नागरिकों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 56वें संशोधन ने गोवा को राज्य का दर्जा दिया। 61वें संशोधन ने मतदान की आयु 18 वर्ष कर दी।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘संविधान का मैग्ना कार्टा’ कहलाता है?
- भाग III (मौलिक अधिकार)
- भाग IV (राज्य के नीति निदेशक तत्व)
- भाग IV-A (मौलिक कर्तव्य)
- भाग II (नागरिकता)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग III, जिसमें मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35) वर्णित हैं, को ‘संविधान का मैग्ना कार्टा’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: जिस प्रकार इंग्लैंड में 1215 का मैग्ना कार्टा राजा की शक्तियों को सीमित करता था और नागरिकों को कुछ अधिकार देता था, उसी प्रकार भारतीय संविधान का भाग III नागरिकों को राज्य के विरुद्ध कुछ गारंटीकृत अधिकार प्रदान करता है। ये अधिकार पूर्ण नहीं हैं और उन पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
- गलत विकल्प: भाग IV नीतिगत निर्देशक तत्व बताता है, जो गैर-प्रवर्तनीय हैं। भाग IV-A मौलिक कर्तव्य बताता है। भाग II नागरिकता से संबंधित है।
प्रश्न 18: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ (Parliamentary System) किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- ब्रिटेन
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में संसदीय प्रणाली, सरकार की व्यवस्था, मंत्रिमंडलीय व्यवस्था (Cabinet system), प्रधानमंत्री का पद, अध्यक्षीय प्रणाली (Speaker’s role) आदि की प्रेरणा ब्रिटेन के संविधान से ली गई है।
- संदर्भ और विस्तार: संसदीय प्रणाली की मुख्य विशेषताएं हैं: राष्ट्रपति (राज्य का प्रमुख) नाममात्र का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री (सरकार का प्रमुख) वास्तविक कार्यकारी होता है। मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
- गलत विकल्प: अमेरिका में अध्यक्षात्मक प्रणाली है। कनाडा में संसदीय प्रणाली है लेकिन वह भारत से कुछ भिन्न है (जैसे ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ केंद्र के पास)। ऑस्ट्रेलिया में भी संसदीय प्रणाली है।
प्रश्न 19: ‘अनुच्छेद 370’ जिसे हाल ही में निरस्त किया गया, किस राज्य से संबंधित था?
- जम्मू और कश्मीर
- पंजाब
- नागालैंड
- असम
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था जिसने जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्तता प्रदान की थी। इसे 5 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति के आदेश द्वारा और 6 अगस्त 2019 को संसद द्वारा एक प्रस्ताव पारित कर निरस्त किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू और कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर, तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, जम्मू और कश्मीर राज्य पर भारतीय संविधान के सभी प्रावधान लागू हो गए।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 370 किसी अन्य राज्य से संबंधित नहीं था।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान के अनुसार, ‘राज्य’ की परिभाषा किस अनुच्छेद में दी गई है?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12 मौलिक अधिकारों के संदर्भ में ‘राज्य’ की परिभाषा प्रदान करता है। इसके अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और सभी स्थानीय प्राधिकारी या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह परिभाषा अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि मौलिक अधिकार राज्य के विरुद्ध नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। ‘अन्य प्राधिकारी’ की व्याख्या सर्वोच्च न्यायालय ने व्यापक रूप से की है, जिसमें सरकारी कंपनियाँ, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSUs), और अन्य ऐसे संगठन शामिल हो सकते हैं जो सरकारी नियंत्रण या प्रभाव में कार्य करते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 कानूनों की परिभाषा और असंगत कानूनों को शून्य घोषित करने से संबंधित है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता देता है। अनुच्छेद 15 विभेद का प्रतिषेध करता है।
प्रश्न 21: भारत में ”, **’**” (Right to Equality) का अधिकार किन अनुच्छेदों में शामिल है?
- अनुच्छेद 14-18
- अनुच्छेद 19-22
- अनुच्छेद 23-24
- अनुच्छेद 25-28
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग III (मौलिक अधिकार) अनुच्छेद 14 से 18 तक ‘समानता के अधिकार’ (Right to Equality) की गारंटी देता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें कानून के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14), धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15), लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता (अनुच्छेद 16), अस्पृश्यता का अंत (अनुच्छेद 17) और उपाधियों का अंत (अनुच्छेद 18) शामिल हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19-22 स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित हैं। अनुच्छेद 23-24 शोषण के विरुद्ध अधिकार से संबंधित हैं। अनुच्छेद 25-28 धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित हैं।
प्रश्न 22: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है?
- संसद के दोनों सदनों के सदस्य
- लोकसभा के सदस्य
- राज्यसभा के सदस्य
- राज्य विधानमंडल के सदस्य
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 66 के अनुसार, भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इस निर्वाचक मंडल में केवल ‘संसद के सदस्य’ (Members of Parliament) शामिल होते हैं, न कि विधानमंडलों के सदस्य।
- संदर्भ और विस्तार: यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है।
- गलत विकल्प: केवल लोकसभा या केवल राज्यसभा के सदस्य नहीं, बल्कि दोनों सदनों के सदस्य मिलकर चुनाव करते हैं। राज्य विधानमंडल के सदस्य उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते।
प्रश्न 23: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) का प्रावधान भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 में है। यह युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू किया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इसकी अवधि एक महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होनी चाहिए, और अनुमोदन के बाद यह छह महीने तक प्रभावी रहता है। इसे बार-बार बढ़ाया जा सकता है। मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) आपातकाल के दौरान निलंबित किए जा सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 राज्यों को संघ के निर्देशों का पालन करने में विफलता से संबंधित है।
प्रश्न 24: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की स्थापना किस समिति की सिफारिश पर की गई थी?
- संथानम समिति
- सरकारिया आयोग
- स्वामीनाथन आयोग
- द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की स्थापना 1964 में संथानम समिति (Committee on Prevention of Corruption) की सिफारिशों के आधार पर की गई थी। CVC एक वैधानिक (Statutory) निकाय है, जिसे CVC अधिनियम, 2003 के तहत शक्तियाँ प्राप्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: CVC का मुख्य कार्य केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में भ्रष्टाचार की रोकथाम और जाँच करना है। यह एक स्वतंत्र संस्था है जो भारत सरकार के अधीक्षण के अधीन किसी भी ऐसे अपराध से संबंधित लोक सेवकों की जाँच करती है जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दंडनीय हो।
- गलत विकल्प: सरकारिया आयोग केंद्र-राज्य संबंधों के अध्ययन के लिए था। स्वामीनाथन आयोग कृषि से संबंधित था। द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग सार्वजनिक प्रशासन में सुधार के लिए था।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान की कौन सी विशेषता ‘एकल नागरिकता’ (Single Citizenship) को बढ़ावा देती है?
- संघीय ढाँचा
- संसदीय सर्वोच्चता
- एकात्मक विशेषताएँ
- न्यायिक पुनर्विलोकन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: यद्यपि भारत का संविधान एक संघीय ढाँचा प्रदान करता है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के अपने-अपने अधिकार क्षेत्र हैं, तथापि इसने ‘एकल नागरिकता’ की व्यवस्था को अपनाया है। यह भारत की एकात्मक विशेषताओं (Unitary features) में से एक है, जिसका अर्थ है कि सभी भारतीय नागरिक भारत के नागरिक हैं, न कि किसी विशेष राज्य के। संविधान के भाग II में नागरिकता के प्रावधान हैं।
- संदर्भ और विस्तार: एकल नागरिकता की व्यवस्था ने देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमेरिका जैसे संघीय देशों में दोहरी नागरिकता (संघीय और राज्य) का प्रावधान है।
- गलत विकल्प: संघीय ढाँचा (a) द्वैधता का संकेत दे सकता है, एकल नागरिकता इसकी एकात्मक विशेषता है। संसदीय सर्वोच्चता (b) और न्यायिक पुनर्विलोकन (d) नागरिकता की प्रकृति को सीधे प्रभावित नहीं करते।