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संवैधानिक महारत: आज की राजव्यवस्था की परीक्षा

संवैधानिक महारत: आज की राजव्यवस्था की परीक्षा

भारतीय लोकशाही की नींव को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्या आप अपने संवैधानिक ज्ञान की गहराई को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, आज की इस विस्तृत प्रश्नोत्तरी के माध्यम से अपनी वैचारिक स्पष्टता को और निखारें और राजव्यवस्था के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारत के संविधान की प्रस्तावना का कौन सा शब्द भारतीय गणराज्य की सर्वोच्चता को दर्शाता है?

  1. लोकतंत्रात्मक
  2. गणराज्य
  3. संप्रभु
  4. पंथनिरपेक्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘संप्रभु’ (Sovereign) शब्द का अर्थ है कि भारत न तो किसी अन्य राज्य पर निर्भर है और न ही किसी विदेशी शक्ति का उपनिवेश है। यह अपने आंतरिक और बाह्य मामलों में स्वतंत्र है। यह शब्द गणराज्य की सर्वोच्चता का प्रतीक है, जिसका अर्थ है कि सर्वोच्च शक्ति जनता के प्रतिनिधियों में निहित है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द यह बताता है कि राज्य का प्रमुख वंशानुगत नहीं होता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित होता है (राष्ट्रपति)। ‘लोकतंत्रात्मक’ (Democratic) लोगों के शासन को इंगित करता है। ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) राज्य के किसी विशिष्ट धर्म को राजकीय धर्म न मानने की विशेषता को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: ‘लोकतंत्रात्मक’ शासन प्रणाली को दर्शाता है, न कि सीधे सर्वोच्चता को। ‘गणराज्य’ राज्य के स्वरूप को बताता है। ‘पंथनिरपेक्ष’ धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित है, न कि संप्रभुता से।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
  4. किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही उसके प्राण या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, 16, 19, 20, 21, 21A, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28 केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 15 (धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध) केवल नागरिकों को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) किसी भी व्यक्ति (नागरिक और विदेशी दोनों) को प्राप्त हैं। प्रश्न के विकल्प (d) में दिया गया वाक्य अनुच्छेद 21 का ही हिस्सा है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) और (b) (जो विकल्प (d) से संबंधित है) सभी व्यक्तियों को प्राप्त हैं। इसलिए, केवल नागरिकों के लिए उपलब्ध अधिकार (c) सही उत्तर है।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को विधि द्वारा किसी नागरिक की नागरिकता का अवसान करने की शक्ति दी गई है?

  1. अनुच्छेद 9
  2. अनुच्छेद 10
  3. अनुच्छेद 11
  4. अनुच्छेद 12

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 11 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह नागरिकता के अर्जन और समाप्ति, तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में विधि बना सके। इसी अनुच्छेद के तहत ‘नागरिकता अधिनियम, 1955’ पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 9 कहता है कि यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता अर्जित कर लेता है, तो वह भारत का नागरिक नहीं रह जाएगा। अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों के जारी रहने का प्रावधान करता है, जब तक कि संसद द्वारा विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न किया जाए। अनुच्छेद 12 राज्य की परिभाषा देता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 9 नागरिकता के अर्जन के संदर्भ में है, न कि समाप्ति की शक्ति देने के। अनुच्छेद 10 नागरिकता अधिकारों की निरंतरता पर है। अनुच्छेद 12 राज्य की परिभाषा देता है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान नहीं कर सकता?

  1. लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
  2. राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
  3. दिल्ली और पुडुचेरी विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य
  4. सभी राज्य विधान परिषदों के सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं (अनुच्छेद 54)। राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य इस निर्वाचक मंडल का हिस्सा नहीं होते।
  • संदर्भ और विस्तार: दिल्ली और पुडुचेरी (अब पांडिचेरी) विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों को 70वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया था।
  • गलत विकल्प: लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य (विकल्प a और b) राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं। दिल्ली और पुडुचेरी विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य भी (विकल्प c) भाग लेते हैं। इसलिए, राज्य विधान परिषदों के सदस्य (विकल्प d) सही उत्तर हैं, जो मतदान नहीं करते।

प्रश्न 5: भारतीय संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. राज्यसभा का सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 118(4) के अनुसार, लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker) संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: संयुक्त अधिवेशन बुलाने का अधिकार राष्ट्रपति का होता है (अनुच्छेद 108), लेकिन अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है। यदि लोकसभा अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोकसभा का उपाध्यक्ष और उसके भी अनुपस्थित रहने पर राज्यसभा का उपाध्यक्ष (और यदि वह भी अनुपस्थित हो, तो संसद के दोनों सदनों द्वारा अवधारित कोई अन्य व्यक्ति) अध्यक्षता करता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति संयुक्त अधिवेशन बुलाते हैं, अध्यक्षता नहीं करते। उपराष्ट्रपति, जो राज्यसभा का सभापति भी होता है, संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता नहीं करता।

प्रश्न 6: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 32
  2. अनुच्छेद 35
  3. अनुच्छेद 226
  4. अनुच्छेद 13

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) डॉ. बी. आर. अम्बेडकर द्वारा संविधान का ‘हृदय और आत्मा’ कहा गया है। यह अधिकार नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने का अवसर देता है। सर्वोच्च न्यायालय यहाँ रिट जारी कर सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को भी रिट जारी करने की शक्ति देता है, लेकिन यह शक्ति अनुच्छेद 32 से कुछ भिन्न है। अनुच्छेद 13 मौलिक अधिकारों से असंगत विधियों को शून्य घोषित करता है। अनुच्छेद 35 संसद को कुछ मौलिक अधिकारों के संबंध में कानून बनाने की शक्ति देता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों से संबंधित है। अनुच्छेद 13 विधियों की असंगति से संबंधित है। अनुच्छेद 35 संसद की शक्ति से संबंधित है। इसलिए, अनुच्छेद 32 सही उत्तर है।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर बने रहने की वैधता की जाँच के लिए जारी की जाती है?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. उत्प्रेषण (Certiorari)
  3. प्रतिषेध (Prohibition)
  4. अधिकार-पृच्छा (Quo-Warranto)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार-पृच्छा (Quo-Warranto) का शाब्दिक अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह रिट किसी ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जाती है जो किसी सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से कब्जा कर लेता है। इसके द्वारा यह पूछा जाता है कि वह किस अधिकार से उस पद पर बना हुआ है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: परमादेश (Mandamus) किसी लोक प्राधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्यों का पालन करने का आदेश है। उत्प्रेषण (Certiorari) किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण के किसी निर्णय या आदेश को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है। प्रतिषेध (Prohibition) किसी अधीनस्थ न्यायालय को ऐसा कार्य करने से रोकने के लिए जारी किया जाता है जो उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर हो।
  • गलत विकल्प: परमादेश (a) कर्तव्य पालन से संबंधित है, पद की वैधता से नहीं। उत्प्रेषण (b) किसी आदेश को रद्द करने के लिए है। प्रतिषेध (c) किसी कार्यवाही को रोकने के लिए है।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा विषय समवर्ती सूची (Concurrent List) के अंतर्गत आता है?

  1. रेलवे
  2. डाक, तार, फैक्स, टेलीफोन और अन्य संचार
  3. जन स्वास्थ्य
  4. विनिमय बैंक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और संविधानिक प्रावधान: समवर्ती सूची (सातवीं अनुसूची का विषय) में ऐसे विषय शामिल होते हैं जिन पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं। ‘जन स्वास्थ्य’ (Public Health) समवर्ती सूची का विषय है।
  • संदर्भ और विस्तार: रेलवे (Union List), डाक, तार, फैक्स, टेलीफोन और अन्य संचार (Union List), और विनिमय बैंक (Union List) संघ सूची के विषय हैं, जिन पर केवल संसद कानून बना सकती है। समवर्ती सूची के विषयों पर यदि कोई असंगति होती है, तो संसद द्वारा बनाया गया कानून प्रभावी होता है (अनुच्छेद 254)।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) संघ सूची के विषय हैं, न कि समवर्ती सूची के।

प्रश्न 9: भारत में ‘वित्तीय आपातकाल’ का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 में भारत में वित्तीय आपातकाल का प्रावधान है। यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे भारत का वित्तीय स्थायित्व या साख संकट में है, तो वह वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है, अनुच्छेद 356 राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन) से संबंधित है, और अनुच्छेद 365 राज्यों को संघ के निर्देशों का पालन न करने पर आपातकाल लगाने से संबंधित है। वित्तीय आपातकाल की घोषणा के बाद, राष्ट्रपति राज्य सरकारों को वित्तीय प्रस्तावों पर विचार करने के लिए निर्देश दे सकते हैं और धन से संबंधित सभी विधेयकों को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित करने का निर्देश भी दे सकते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352, 356, और 365 अन्य प्रकार के आपातकालों से संबंधित हैं, न कि वित्तीय आपातकाल से।

प्रश्न 10: भारतीय संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) किस भाग में वर्णित हैं?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और संविधानिक प्रावधान: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं। ये तत्व सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है (जो 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया)। भाग V संघ की कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकार हैं। भाग IV-A मौलिक कर्तव्य हैं। भाग V संघ सरकार की संरचना का वर्णन करता है।

प्रश्न 11: ‘प्रिंसिपल ऑफ़ कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी’ (Principle of Collective Responsibility) का अर्थ है कि मंत्रिपरिषद:

  1. व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी है।
  2. सामूहिक रूप से केवल लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है।
  3. व्यक्तिगत रूप से संसद के प्रत्येक सदन के प्रति उत्तरदायी है।
  4. सामूहिक रूप से संसद के प्रत्येक सदन के प्रति उत्तरदायी है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है। इसका अर्थ है कि पूरी मंत्रिपरिषद इस्तीफा दे देती है यदि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित करती है। यह सिद्धांत अनुच्छेद 75(3) में निहित है।
  • संदर्भ और विस्तार: व्यक्तिगत रूप से, प्रत्येक मंत्री राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होता है (अनुच्छेद 75(2)), लेकिन राष्ट्रपति अपने विवेकाधिकार से कार्य नहीं करते, बल्कि प्रधानमंत्री की सलाह पर कार्य करते हैं। चूँकि लोकसभा सरकार की नीतियों को नियंत्रित करती है, इसलिए सामूहिक उत्तरदायित्व लोकसभा के प्रति होता है।
  • गलत विकल्प: मंत्रिपरिषद व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होती है, न कि सीधे संसद के प्रति। वे केवल सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक संस्था’ नहीं है?

  1. निर्वाचन आयोग (Election Commission)
  2. संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
  3. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission)
  4. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक ‘सांविधिक संस्था’ (Statutory Body) है, जिसका गठन संसद द्वारा पारित एक अधिनियम, ‘मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ के तहत किया गया था। इसलिए, यह एक संवैधानिक संस्था नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) (अनुच्छेद 148) संविधान में विशेष अनुच्छेदों द्वारा स्थापित ‘संवैधानिक संस्थाएँ’ हैं।
  • गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग (a), संघ लोक सेवा आयोग (b), और CAG (d) संवैधानिक संस्थाएँ हैं क्योंकि उनका उल्लेख सीधे संविधान में है और उनके लिए अनुच्छेद दिए गए हैं।

प्रश्न 13: भारत में ‘पंचायती राज’ का त्रि-स्तरीय ढांचा किस समिति की सिफारिशों पर आधारित है?

  1. अशोक मेहता समिति
  2. बलवंत राय मेहता समिति
  3. एल. एम. सिंघवी समिति
  4. जी. वी. के. राव समिति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और ऐतिहासिक संदर्भ: बलवंत राय मेहता समिति (1957) ने पंचायती राज के लिए त्रि-स्तरीय संरचना (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद) की सिफारिश की थी, जिसे भारत में अपनाया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: अशोक मेहता समिति (1977) ने त्रि-स्तरीय के बजाय द्वि-स्तरीय पंचायती राज की सिफारिश की थी। एल. एम. सिंघवी समिति (1986) ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने की सिफारिश की थी, जिसके परिणामस्वरूप 73वां संविधान संशोधन हुआ। जी. वी. के. राव समिति (1985) ने पंचायती राज संस्थाओं को अधिक सशक्त बनाने पर जोर दिया था।
  • गलत विकल्प: अन्य समितियाँ पंचायती राज से संबंधित महत्वपूर्ण सिफारिशें देती हैं, लेकिन त्रि-स्तरीय ढांचे की नींव बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशों पर रखी गई थी।

प्रश्न 14: किस संविधान संशोधन अधिनियम ने मौलिक कर्तव्यों को भारतीय संविधान में शामिल किया?

  1. 42वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और संविधानिक प्रावधान: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 ने भारतीय संविधान के भाग IV-A के रूप में सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर मौलिक कर्तव्यों को शामिल किया। इसके तहत अनुच्छेद 51A जोड़ा गया।
  • संदर्भ और विस्तार: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है। 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
  • गलत विकल्प: अन्य संशोधन विभिन्न महत्वपूर्ण प्रावधानों से संबंधित हैं, लेकिन मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था।

प्रश्न 15: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council) का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. भारत के प्रधानमंत्री
  4. नीति आयोग का उपाध्यक्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और ऐतिहासिक संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक कार्यकारी निकाय है जिसे 1952 में स्थापित किया गया था। इसके पदेन अध्यक्ष (ex-officio Chairman) भारत के प्रधान मंत्री होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC में केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक और नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) के सदस्य शामिल होते हैं। यह पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम मंजूरी देता है।
  • गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति (a) राष्ट्राध्यक्ष होते हैं, लेकिन NDC के अध्यक्ष नहीं। उपराष्ट्रपति (b) राज्यसभा के सभापति होते हैं। नीति आयोग का उपाध्यक्ष (d) नीति आयोग का प्रशासनिक प्रमुख होता है, लेकिन NDC का पदेन अध्यक्ष नहीं।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’, और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वाँ संशोधन
  2. 44वाँ संशोधन
  3. 52वाँ संशोधन
  4. 70वाँ संशोधन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और संविधानिक प्रावधान: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 ने प्रस्तावना में तीन नए शब्द जोड़े: ‘समाजवादी’ (Socialist), ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular), और ‘अखंडता’ (Integrity)।
  • संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने से भारत की एक समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, और अखंड गणराज्य के रूप में पहचान को सुदृढ़ किया गया।
  • गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को बदला। 52वें संशोधन ने दल-बदल कानून जोड़ा। 70वें संशोधन ने दिल्ली और पुडुचेरी के निर्वाचित सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में शामिल किया।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सी जोड़ी सही सुमेलित नहीं है?

  1. भाग IX – पंचायतें
  2. भाग IX-A – नगर पालिकाओं
  3. भाग VIII – राज्य क्षेत्र
  4. भाग X – अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और संविधानिक प्रावधान: भारतीय संविधान में भाग VIII संघ राज्य क्षेत्रों (Union Territories) से संबंधित है, न कि केवल ‘राज्य क्षेत्र’ से। ‘राज्य क्षेत्र’ एक बहुत व्यापक शब्द है।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग IX पंचायतों (73वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया), भाग IX-A नगर पालिकाओं (74वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया), और भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों (Scheduled and Tribal Areas) से संबंधित हैं। ये सभी सूचियां सही हैं।
  • गलत विकल्प: भाग VIII संघ राज्य क्षेत्रों से संबंधित है, इसलिए विकल्प (c) गलत सुमेलित है।

प्रश्न 18: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. लोकसभा अध्यक्ष
  3. भारत के राष्ट्रपति
  4. वित्त मंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सभी सार्वजनिक वित्त का संरक्षक होता है। यह केंद्र और राज्यों के खातों की लेखा परीक्षा करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति या संबंधित राज्य के राज्यपाल को प्रस्तुत करता है, जो संसद या राज्य विधानमंडल के पटल पर रखी जाती है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री (a) सरकार के प्रमुख होते हैं। लोकसभा अध्यक्ष (b) सदन के पीठासीन अधिकारी होते हैं। वित्त मंत्री (d) वित्तीय मामलों के मंत्री होते हैं।

प्रश्न 19: किसी विधेयक को धन विधेयक (Money Bill) के रूप में प्रमाणित करने की अंतिम शक्ति किसके पास होती है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. वित्त मंत्रालय
  4. लोकसभा का अध्यक्ष

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 110(1)(a) के अनुसार, लोकसभा का अध्यक्ष किसी विधेयक को धन विधेयक के रूप में प्रमाणित करने का अंतिम प्राधिकारी होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: एक बार जब लोकसभा अध्यक्ष किसी विधेयक को धन विधेयक घोषित कर देते हैं, तो यह निर्णय अंतिम होता है और इसे किसी भी न्यायालय या सदन द्वारा चुनौती नहीं दी जा सकती। धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है। राज्यसभा इसे केवल 14 दिनों के लिए रोक सकती है या संशोधन के साथ या उसके बिना वापस कर सकती है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति (a) विधेयक को प्रमाणित नहीं करते, बल्कि इसकी प्रक्रिया का हिस्सा हैं। उपराष्ट्रपति (b) का इस मामले में कोई अधिकार नहीं है। वित्त मंत्रालय (c) विधेयक का मसौदा तैयार कर सकता है, लेकिन प्रमाणन का अधिकार अध्यक्ष का है।

प्रश्न 20: संविधान का कौन सा संशोधन पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है?

  1. 73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 65वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और संविधानिक प्रावधान: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा, सुरक्षा और विस्तार प्रदान किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को देश की त्रि-स्तरीय शासन व्यवस्था का एक अनिवार्य अंग बना दिया।
  • गलत विकल्प: 74वाँ संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन पंचायती राज और आदिवासी क्षेत्रों से संबंधित थे लेकिन वे पारित नहीं हुए थे।

प्रश्न 21: सर्वोच्च न्यायालय की परामर्शदात्री अधिकारिता (Advisory Jurisdiction) का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 131
  2. अनुच्छेद 132
  3. अनुच्छेद 143
  4. अनुच्छेद 144

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह सार्वजनिक महत्व के किसी भी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श मांग सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया परामर्श राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं होता। यह अधिकारिता सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र (अनुच्छेद 131) और अपीलीय अधिकार क्षेत्र (अनुच्छेद 132, 133, 134) से भिन्न है। अनुच्छेद 144 सभी प्राधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय की सहायता के लिए कार्य करने का निर्देश देता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। अनुच्छेद 132 अपीलीय अधिकार क्षेत्र (संवैधानिक मामलों में) से संबंधित है। अनुच्छेद 144 न्यायालय की सहायता के लिए कार्य करने का निर्देश देता है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन भारत में ‘राज्य का मुखिया’ (Head of the State) होता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राष्ट्रपति
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. भारत का मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और पद की परिभाषा: भारतीय संविधान के अनुसार, भारत में ‘राज्य का मुखिया’ (Head of the State) राष्ट्रपति होता है। वह भारत का प्रथम नागरिक भी है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति नाममात्र का कार्यकारी (Nominal Executive) होता है, जबकि प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यकारी (Real Executive) होता है। राष्ट्रपति राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा का प्रतीक है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री (a) सरकार का मुखिया होता है और वास्तविक कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करता है। लोकसभा का अध्यक्ष (c) संसद का पीठासीन अधिकारी होता है। भारत का मुख्य न्यायाधीश (d) न्यायपालिका का प्रमुख होता है।

प्रश्न 23: भारतीय संविधान के अनुसार, ‘नियोजित अर्थव्यवस्था’ (Planned Economy) का प्रावधान किस सूची में शामिल है?

  1. संघ सूची
  2. राज्य सूची
  3. समवर्ती सूची
  4. उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और संविधानिक संदर्भ: ‘आर्थिक और सामाजिक योजना’ (Economic and Social Planning) का विषय भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में समवर्ती सूची (Concurrent List) के अंतर्गत आता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि इस विषय पर कानून बनाने का अधिकार संसद और राज्य विधानमंडल दोनों को है। हालाँकि, यदि दोनों के कानूनों में कोई टकराव होता है, तो संसद द्वारा बनाया गया कानून प्रभावी होगा। पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण एक उदाहरण है जहाँ यह दोनों के सहयोग से होता है।
  • गलत विकल्प: संघ सूची (a) में राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं, जबकि राज्य सूची (b) में प्रादेशिक महत्व के। ‘नियोजित अर्थव्यवस्था’ या ‘योजना’ एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ दोनों स्तरों के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है, इसलिए यह समवर्ती सूची में है।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा के लिए आधार नहीं हो सकती?

  1. युद्ध
  2. बाह्य आक्रमण
  3. सशस्त्र विद्रोह
  4. राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा युद्ध (War), बाह्य आक्रमण (External Aggression) या सशस्त्र विद्रोह (Armed Rebellion) के आधार पर की जा सकती है। 1978 के 44वें संशोधन से ‘आंतरिक अशांति’ (Internal Disturbance) शब्द को बदलकर ‘सशस्त्र विद्रोह’ कर दिया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर अनुच्छेद 356 के तहत आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) की घोषणा की जाती है, न कि राष्ट्रीय आपातकाल की।
  • गलत विकल्प: युद्ध (a), बाह्य आक्रमण (b), और सशस्त्र विद्रोह (c) राष्ट्रीय आपातकाल के आधार हैं। राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (d) अनुच्छेद 356 के तहत आती है।

प्रश्न 25: भारत के किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure) का सिद्धांत प्रतिपादित किया?

  1. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
  2. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)
  3. मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978)
  4. एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ (1994)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और ऐतिहासिक निर्णय: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक बड़ी बेंच ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है, लेकिन वह संविधान की ‘मूल संरचना’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती।
  • संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति को कुछ सीमाओं में रखा और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखा। गोलकनाथ मामले (1967) ने संसद की मौलिक अधिकारों में संशोधन करने की शक्ति को सीमित करने का प्रयास किया था, लेकिन केशवानंद भारती मामले ने इस सिद्धांत को व्यापक रूप दिया। मेनका गांधी मामले ने जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के दायरे का विस्तार किया। एस. आर. बोम्मई मामला राष्ट्रपति शासन से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: गोलकनाथ (a) ने पहले सीमित संशोधन शक्ति की बात कही थी, लेकिन केशवानंद भारती (b) ने मूल संरचना का सिद्धांत दिया। मेनका गांधी (c) व्यक्तिगत स्वतंत्रता का विस्तार है। एस. आर. बोम्मई (d) केंद्र-राज्य संबंध और राष्ट्रपति शासन से है।

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