संवैधानिक ज्ञान का महासंग्राम: दैनिक अभ्यास
नमस्कार, भावी आईएएस/पीसीएस अधिकारीगण! भारतीय लोकतंत्र की नींव और शासन के सिद्धांतों की अपनी समझ को धार देने के लिए तैयार हो जाइए। आज की प्रश्नोत्तरी आपको भारतीय राजव्यवस्था के विविध पहलुओं में गहराई तक ले जाएगी। अपनी अवधारणाओं को परखें, ज्ञान की सीमाओं का विस्तार करें और सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाएं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का आदर्श किस रूप में सुनिश्चित किया गया है?
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
- कानूनी, सामाजिक और वित्तीय
- आर्थिक, सामाजिक और नागरिक
- राजनीतिक, न्यायिक और सांस्कृतिक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना स्पष्ट रूप से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने का संकल्प लेती है। यह प्रस्तावना के प्रारंभिक शब्दों में ही निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तीनों प्रकार के न्याय सुनिश्चित करने का लक्ष्य भारतीय संविधान के मूल ढाँचे का हिस्सा हैं। सामाजिक न्याय का अर्थ है कि कोई भी नागरिक जाति, लिंग, धर्म या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का शिकार नहीं होगा। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन, आय और संपत्ति के समान वितरण से संबंधित है। राजनीतिक न्याय का अर्थ है कि सभी नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रियाओं में समान पहुँच प्राप्त होगी, जिसमें मतदान का अधिकार और सार्वजनिक पद प्राप्त करने का अधिकार शामिल है।
- गलत विकल्प: विकल्प (b), (c) और (d) न्याय के आदर्शों को गलत या अपूर्ण रूप से प्रस्तुत करते हैं, जैसे ‘कानूनी’, ‘वित्तीय’, ‘नागरिक’ या ‘सांस्कृतिक’ न्याय का विशेष उल्लेख प्रस्तावना में नहीं है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी रिट (writ) किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में रखने के मामले में जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह वह रिट है जो किसी भी व्यक्ति को, जिसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है, उसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देती है। सर्वोच्च न्यायालय इसे अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालय इसे अनुच्छेद 226 के तहत जारी कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस रिट का उद्देश्य व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना और मनमानी गिरफ्तारी या कारावास को रोकना है। यह रिट लोक प्राधिकरणों के साथ-साथ निजी व्यक्तियों के विरुद्ध भी जारी की जा सकती है।
- गलत विकल्प: ‘परमादेश’ किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश देता है। ‘अधिकार-पृच्छा’ किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद धारण करने की वैधता को चुनौती देने के लिए जारी की जाती है। ‘उत्प्रेषण’ किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का सिद्धांत उल्लिखित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 39 (घ)
- अनुच्छेद 42
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 39 (घ) राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, जो यह निर्देश देता है कि राज्य यह सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास करेगा कि पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान कार्य का समान वेतन हो।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि यह एक नीति निदेशक तत्व है और न्यायालयों द्वारा सीधे लागू योग्य नहीं है, सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के साथ जोड़कर इसे लागू करने का प्रयास किया है। यह लैंगिक समानता और आर्थिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 42 काम की न्यायसंगत और मानवीय दशाओं तथा मातृत्व सहायता के लिए उपबंध करता है।
प्रश्न 4: भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल में कौन शामिल नहीं होता है?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- दिल्ली और पुडुचेरी के विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य
- राज्य विधान परिषदों के सदस्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन अनुच्छेद 54 के तहत एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं (विधानमंडलों) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। 70वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के तहत दिल्ली और पुडुचेरी (अब पुडुचेरी) संघ राज्य क्षेत्रों की विधानसभाओं के सदस्यों को भी शामिल किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: राज्य विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल का हिस्सा नहीं होते हैं, क्योंकि वे अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं और द्विसदनीय प्रणाली वाले राज्यों में विधानमंडल का ऊपरी सदन होते हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (c) राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल के सही सदस्य हैं।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?
- राजस्थानी
- संथाली
- डोगरी
- बोडो
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त भाषाओं का उल्लेख है। मूल रूप से इसमें 14 भाषाएँ थीं, जिन्हें बाद में कई संशोधनों द्वारा जोड़ा गया। राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है, हालाँकि इसे एक प्रमुख भारतीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसके लिए काफी राजनीतिक मांग भी है।
- संदर्भ और विस्तार: संथाली को 92वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा जोड़ा गया था। डोगरी और बोडो को भी इसी संशोधन द्वारा शामिल किया गया था। वर्तमान में आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ हैं।
- गलत विकल्प: संथाली, डोगरी और बोडो सभी 92वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई भाषाएँ हैं और इसलिए आठवीं अनुसूची का हिस्सा हैं।
प्रश्न 6: भारतीय संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) का अध्यक्ष कौन होता है?
- प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker)
- राज्यसभा का सभापति (Chairman)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संसद की लोक लेखा समिति (PAC) के अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है। परंपरा के अनुसार, यह पद विपक्ष के किसी वरिष्ठ सदस्य को दिया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: लोक लेखा समिति का मुख्य कार्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तुत विनियोग लेखाओं (Appropriation Accounts) और वित्त लेखाओं (Finance Accounts) तथा लोक उपक्रमों पर CAG की रिपोर्ट की जांच करना है। यह समिति भारत की संचित निधि से किए गए व्यय की प्रामाणिकता और औचित्य की जाँच करती है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है। वित्त मंत्री सरकारी वित्त का प्रबंधन करता है। राज्यसभा का सभापति (उपराष्ट्रपति) राज्यसभा का पीठासीन अधिकारी होता है, न कि PAC का अध्यक्ष।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार ‘During the time of Emergency’ (आपातकाल के दौरान) भी निलंबित नहीं किया जा सकता?
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) किसी भी परिस्थिति में, यहाँ तक कि आपातकाल के दौरान भी, निलंबित नहीं किए जा सकते। यह 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा सुनिश्चित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19 के तहत आने वाले मौलिक अधिकारों को राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के दौरान निलंबित किया जा सकता है, जब तक कि आपातकाल का उद्घोषणा युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर न की गई हो। राष्ट्रपति, राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर किसी भी मौलिक अधिकार के प्रवर्तन के लिए किसी भी न्यायालय में जाने के अधिकार को स्थगित कर सकते हैं (अनुच्छेद 359)।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) को निलंबित किया जा सकता है। अनुच्छेद 15 (भेदभाव के विरुद्ध अधिकार) और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान स्थगित किए जा सकते हैं, क्योंकि वे अनुच्छेद 20 और 21 के दायरे में नहीं आते।
प्रश्न 8: भारत में ‘सर्वोच्च न्यायालय’ का गठन किस अनुच्छेद के तहत किया गया है?
- अनुच्छेद 124
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 131
- अनुच्छेद 226
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 124 (1) यह प्रावधान करता है कि भारत का एक सर्वोच्च न्यायालय होगा, जिसमें प्रधान न्यायाधीश और, संसद द्वारा विधि द्वारा, न्यायाधीशों की ऐसी संख्या होगी जो राष्ट्रपति समय-समय पर निश्चित करे, अब यह संख्या 34 है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद भारत की सर्वोच्च न्यायिक संस्था की स्थापना और संरचना का आधार है, जो संविधान का संरक्षक और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का रक्षक है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने की शक्ति देता है।
प्रश्न 9: संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है?
- भाग IV
- भाग IX
- भाग IVA
- भाग VII
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX (नौ) पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है। यह भाग 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था, जिसने भारत में पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस भाग में अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं के गठन, शक्तियों, कार्यकाल, सीटों के आरक्षण आदि का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसने देश में त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: भाग IV में राज्य के नीति निदेशक तत्व हैं। भाग IVA में मौलिक कर्तव्य हैं। भाग VII को सातवें संशोधन द्वारा निरस्त कर दिया गया था।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक निकाय नहीं है?
- चुनाव आयोग (Election Commission of India)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिनका उल्लेख संविधान में ही किया गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक वैधानिक निकाय है, जिसका गठन संसद द्वारा पारित ‘मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ के तहत किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में होता है, जबकि वैधानिक निकाय संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाए जाते हैं। NHRC मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए जिम्मेदार है।
- गलत विकल्प: अन्य सभी विकल्प (a), (b), और (d) संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 11: संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द क्या इंगित करता है?
- भारत में वंशानुगत शासन होगा।
- भारत का प्रमुख वंशानुगत नहीं होगा, बल्कि निर्वाचित होगा।
- भारत पूर्णतः संप्रभु राष्ट्र होगा।
- भारत में सभी धर्मों को समान माना जाएगा।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख वंशानुगत नहीं होता, बल्कि एक निश्चित अवधि के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है। भारत में, राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है और वह निर्वाचित होता है (अनुच्छेद 54)।
- संदर्भ और विस्तार: यह राजशाही (Monarchy) के विपरीत है जहाँ राज्य का प्रमुख वंशानुगत होता है। भारत एक ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ है।
- गलत विकल्प: (a) वंशानुगत शासन गणराज्य के विपरीत है। (c) ‘संप्रभु’ शब्द भारत की स्वतंत्रता को इंगित करता है, न कि गणराज्य के अर्थ को। (d) ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द धर्मों की समानता को इंगित करता है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया?
- 42वाँ संशोधन, 1976
- 44वाँ संशोधन, 1978
- 52वाँ संशोधन, 1985
- 61वाँ संशोधन, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के संविधान में मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित था।
- संदर्भ और विस्तार: इन कर्तव्यों को संविधान के भाग IVA में अनुच्छेद 51A के तहत शामिल किया गया है। ये कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्र के प्रति उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वें संशोधन ने दल-बदल विरोधी उपबंधों को शामिल किया। 61वें संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
प्रश्न 13: भारत में किसी भी राज्य में विधान परिषद (Legislative Council) का गठन या उसे समाप्त करना किस अनुच्छेद के तहत किया जाता है?
- अनुच्छेद 169
- अनुच्छेद 170
- अनुच्छेद 171
- अनुच्छेद 168
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 169 संसद को यह शक्ति देता है कि वह विधान परिषद का गठन या किसी राज्य में उसके अस्तित्व को समाप्त कर सकती है, बशर्ते संबंधित राज्य की विधान सभा ऐसा करने के लिए एक संकल्प पारित करे।
- संदर्भ और विस्तार: वर्तमान में भारत के केवल छह राज्यों (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) में विधान परिषदें हैं। अनुच्छेद 170 विधानमंडलों की संरचना से संबंधित है, अनुच्छेद 171 विधान परिषदों की संरचना से संबंधित है, और अनुच्छेद 168 राज्यों में विधानमंडलों के गठन से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अन्य अनुच्छेद विधान परिषद के गठन या समाप्ति की प्रक्रिया से सीधे संबंधित नहीं हैं, जैसे अनुच्छेद 169 करता है।
प्रश्न 14: भारतीय संविधान में ‘अध्यादेश’ (Ordinance) जारी करने की शक्ति किसके पास है?
- केवल राष्ट्रपति
- केवल राज्यपाल
- राष्ट्रपति और राज्यपाल दोनों
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 123 के तहत, राष्ट्रपति को उस अवधि के दौरान अध्यादेश जारी करने की शक्ति है जब संसद का कोई भी सदन सत्र में न हो। इसी प्रकार, अनुच्छेद 213 के तहत, राज्यपाल को भी राज्य विधानमंडल के सत्र में न होने पर अध्यादेश जारी करने की शक्ति है।
- संदर्भ और विस्तार: अध्यादेशों का प्रभाव संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा पारित अधिनियम के समान होता है, लेकिन वे अस्थायी होते हैं और उन्हें संबंधित विधानमंडल के सत्र की शुरुआत के छह सप्ताह के भीतर अनुमोदित कराना होता है, अन्यथा वे अप्रभावी हो जाते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, लेकिन अध्यादेश जारी करने की संवैधानिक शक्ति राष्ट्रपति या राज्यपाल के पास होती है।
प्रश्न 15: ‘धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध’ भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 15 नागरिकों के साथ धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। यह मौलिक अधिकारों में समावेशन के अधिकार (Right to Equality) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सुनिश्चित करता है कि राज्य किसी भी नागरिक के साथ इन आधारों पर भेदभाव नहीं करेगा, और यह भी प्रावधान करता है कि राज्य नागरिकों के किन्हीं दो वर्गों के बीच केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की गारंटी देता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता (छुआछूत) का अंत करता है।
प्रश्न 16: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
- 5 वर्ष
- 6 वर्ष
- 65 वर्ष की आयु तक
- 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के पद का प्रावधान है। CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है, इनमें से जो भी पहले हो।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है और सार्वजनिक धन का संरक्षक माना जाता है। उनके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टें संसद की लोक लेखा समिति द्वारा जाँची जाती हैं।
- गलत विकल्प: 5 वर्ष, 6 वर्ष (बिना आयु सीमा के), या केवल 65 वर्ष की आयु तक, ये विकल्प CAG के कार्यकाल की पूरी और सही जानकारी नहीं देते हैं।
प्रश्न 17: किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में ‘पंचवर्षीय योजना’ का प्रारंभ हुआ?
- जवाहरलाल नेहरू
- लाल बहादुर शास्त्री
- इंदिरा गांधी
- मोरारजी देसाई
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारत की पहली पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल 1951 को शुरू हुई थी, और उस समय देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। योजना आयोग की स्थापना भी 1950 में हुई थी, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते थे।
- संदर्भ और विस्तार: पंचवर्षीय योजनाएँ सोवियत संघ के मॉडल पर आधारित थीं और इनका उद्देश्य देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाना था। 2015 में योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया और इसके स्थान पर नीति आयोग का गठन किया गया।
- गलत विकल्प: अन्य प्रधानमंत्री बाद के प्रधानमंत्रियों की सूची में आते हैं जब पंचवर्षीय योजनाएँ चल रही थीं, लेकिन प्रारंभ पंडित नेहरू के कार्यकाल में हुआ।
प्रश्न 18: ‘निवारक निरोध’ (Preventive Detention) से संबंधित प्रावधान भारतीय संविधान के किन अनुच्छेदों में पाए जाते हैं?
- अनुच्छेद 20 और 21
- अनुच्छेद 22
- अनुच्छेद 23 और 24
- अनुच्छेद 17 और 18
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 22 ‘कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण’ प्रदान करता है। इसके खंड (1) और (2) किसी भी गिरफ्तार व्यक्ति के अधिकारों (जैसे 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना) से संबंधित हैं, जबकि इसके खंड (3), (4), (5), (6) और (7) ‘निवारक निरोध’ (Preventive Detention) से संबंधित विशेष प्रावधान करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: निवारक निरोध का अर्थ है किसी व्यक्ति को अपराध करने से रोकने के लिए उसे हिरासत में लेना, न कि अपराध करने के बाद सजा देना। अनुच्छेद 22(7) संसद को निवारक निरोध के लिए कानून बनाने की शक्ति देता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण देता है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। अनुच्छेद 23 मानव के दुर्व्यापार और बेगार का प्रतिषेध करता है, और अनुच्छेद 24 कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है और अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।
प्रश्न 19: भारत में ‘केंद्र-राज्य संबंध’ (Centre-State Relations) को सुचारू बनाने के लिए किस आयोग का गठन किया गया था?
- सरकारी आयोग
- राजमन्नार समिति
- इंद्रजीत गुप्ता समिति
- शारदा अधिनियम
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारत में केंद्र-राज्य संबंधों की समीक्षा के लिए 1983 में न्यायमूर्ति आर.एस. सरकारीया की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था। इसे ‘सरकारीया आयोग’ के नाम से जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: आयोग ने केंद्र-राज्य संबंधों के विभिन्न पहलुओं जैसे विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंधों पर विस्तार से विचार किया और अपनी रिपोर्ट 1988 में प्रस्तुत की। आयोग ने केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें कीं, जिनमें से कुछ को अपनाया गया।
- गलत विकल्प: राजमन्नार समिति तमिलनाडु सरकार द्वारा गठित की गई थी और इसके सुझावों को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। इंद्रजीत गुप्ता समिति चुनाव सुधारों से संबंधित थी। शारदा अधिनियम बाल विवाह को रोकने से संबंधित था।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का क्या अर्थ है?
- सबकी एकता और राष्ट्र के प्रति निष्ठा
- सभी नागरिकों के बीच आपसी भाईचारे की भावना
- सरकार के सभी अंगों में सामंजस्य
- लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का अर्थ है सभी नागरिकों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना, जिससे राष्ट्र की एकता और अखंडता बनी रहे। प्रस्तावना में यह भी कहा गया है कि बंधुत्व ‘व्यक्ति की गरिमा’ और ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता’ को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शब्द सामाजिक एकता और सद्भाव को बढ़ावा देता है, जो एक लोकतांत्रिक समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- गलत विकल्प: (a) राष्ट्र के प्रति निष्ठा ‘कर्तव्य’ से अधिक जुड़ी है। (c) सरकार के अंगों में सामंजस्य ‘विधायिका’, ‘कार्यपालिका’ और ‘न्यायपालिका’ के पृथक्करण और संतुलन से संबंधित है। (d) लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन ‘लोकतंत्र’ शब्द का अर्थ है।
प्रश्न 21: किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया कि प्रस्तावना संविधान का ‘मूल ढाँचा’ (Basic Structure) है?
- शंकरप्रसाद बनाम भारत संघ
- सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ ने यह अभिनिर्धारित किया कि संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने की शक्ति है, परंतु वह संविधान के ‘मूल ढाँचे’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती। प्रस्तावना को संविधान का मूल ढाँचा माना गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने संसदीय संशोधन शक्ति को सीमित किया और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखा। इसने भारतीय संवैधानिक कानून में एक युगांतरकारी परिवर्तन लाया।
- गलत विकल्प: शंकरप्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) के मामलों में न्यायालय ने माना कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है। गोलकनाथ (1967) के मामले में, न्यायालय ने कहा कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। केशवानंद भारती मामले ने इस स्थिति को स्पष्ट और संशोधित किया।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संघीय प्रणाली की विशेषता **नहीं** है?
- संविधान सर्वोच्च है।
- शक्तियों का विभाजन केंद्र और राज्यों के बीच किया गया है।
- दोहरी सरकार (केंद्र और राज्य)।
- एकल नागरिकता।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: एक संघीय प्रणाली की मुख्य विशेषताएं हैं: संविधान की सर्वोच्चता, शक्तियों का स्पष्ट विभाजन (केंद्र और राज्यों के बीच), दोहरी सरकार (केंद्र और राज्य सरकारें), और स्वतंत्र न्यायपालिका। एकल नागरिकता (Single Citizenship) भारतीय संघीय प्रणाली की विशेषता **नहीं** है; यह एकात्मक (Unitary) प्रणाली की विशेषता है। भारत में, नागरिकता एकल है, जबकि अमेरिका जैसे देशों में दोहरी नागरिकता (संघीय और राज्य) होती है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान ने संघीय ढांचे को अपनाया है, लेकिन इसकी एकात्मक प्रवृत्तियाँ भी हैं, जैसे एकल नागरिकता, एकल न्यायपालिका, और आपातकाल के दौरान एकात्मक झुकाव।
- गलत विकल्प: (a), (b) और (c) भारतीय संघीय प्रणाली की सही विशेषताएं हैं।
प्रश्न 23: भारत में ‘नगरपालिका’ (Municipalities) के संबंध में संविधान के किस भाग में प्रावधान है?
- भाग IX-A
- भाग VII
- भाग VIII
- भाग IX-B
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX-A (नौ-क), जिसे 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था, देश में शहरी स्थानीय निकायों, अर्थात नगर पालिकाओं से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस भाग में अनुच्छेद 243P से 243-ZG तक नगर पालिकाओं के विभिन्न प्रकारों, उनके गठन, सदस्यों के निर्वाचन, शक्तियों, कार्यों और वित्त आदि का विस्तृत प्रावधान है। इसने शहरी स्थानीय स्वशासन को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- गलत विकल्प: भाग IX पंचायती राज से संबंधित है। भाग VII को सातवें संशोधन द्वारा निरस्त कर दिया गया था। भाग VIII संघ राज्य क्षेत्रों से संबंधित है। भाग IX-B सहकारी समितियों से संबंधित है।
प्रश्न 24: भारत में ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ (National Emergency) का उद्घोषणा कौन कर सकता है?
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा
- राष्ट्रपति
- मंत्रिमंडल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ की उद्घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जा सकती है। यह उद्घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: 44वें संविधान संशोधन, 1978 के बाद, राष्ट्रपति केवल मंत्रिमंडल की ‘लिखित’ सिफारिश पर ही राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा कर सकते हैं। यह उद्घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख है, लेकिन उद्घोषणा करने की संवैधानिक शक्ति राष्ट्रपति की है। लोकसभा या मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव पारित किया जा सकता है, लेकिन अंतिम हस्ताक्षर राष्ट्रपति का होता है।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को ‘संवैधानिक सलाहकार’ (Constitutional Advisor) के रूप में भी देखा जाता है, जब वह राष्ट्रपति को सलाह देता है?
- अनुच्छेद 131
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 132
- अनुच्छेद 72
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 ‘सलाहकारी क्षेत्राधिकार’ (Advisory Jurisdiction) से संबंधित है। इसके अनुसार, यदि किसी समय राष्ट्रपति को यह प्रतीत होता है कि विधि या तथ्य का कोई ऐसा प्रश्न उत्पन्न हुआ है या हो सकता है जिस पर मौलिक विधि या सार्वजनिक महत्व के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय की राय लेना आवश्यक है, तो वह उस प्रश्न को न्यायालय को निर्देशित कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रकार, राष्ट्रपति के कहने पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई सलाह, भले ही वह बाध्यकारी न हो, एक महत्वपूर्ण ‘संवैधानिक सलाहकार’ की भूमिका निभाती है, जिससे राष्ट्रपति को अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में सहायता मिलती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 132 अपीलीय क्षेत्राधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति से संबंधित है।