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संवैधानिक ज्ञान का महासंग्राम: आज की परीक्षा!

संवैधानिक ज्ञान का महासंग्राम: आज की परीक्षा!

नमस्कार, भावी अधिकारियों! भारतीय संविधान और राजव्यवस्था के विशाल सागर में अपनी नौका को पारंगत करने का समय आ गया है। आज हम आपके लिए लाए हैं 25 प्रश्नों का एक अनूठा संकलन, जो आपकी अवधारणात्मक स्पष्टता को परखेंगे और आपके ज्ञान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। आइए, इस दैनिक अभ्यास के साथ अपने लोकतांत्रिक ढांचे की गहरी समझ विकसित करें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्दों को किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (धर्मनिरपेक्ष) और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह मिनी-संविधान के रूप में भी जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत के सामाजिक और राजनीतिक दर्शन को और अधिक स्पष्ट करना था। ‘समाजवादी’ सामाजिक-आर्थिक समानता पर जोर देता है, ‘पंथनिरपेक्ष’ सभी धर्मों के प्रति राज्य की तटस्थता सुनिश्चित करता है, और ‘अखंडता’ देश की एकता को बनाए रखने का प्रतीक है।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) ने दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित दसवीं अनुसूची को जोड़ा। 73वां संशोधन (1992) ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय ‘संवैधानिक सलाहकार’ के रूप में कार्य करता है?

  1. अनुच्छेद 131
  2. अनुच्छेद 132
  3. अनुच्छेद 143
  4. अनुच्छेद 147

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सार्वजनिक महत्व के किसी भी प्रश्न पर या किसी विशेष मामले पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति प्रदान करता है। यह राष्ट्रपति की ‘संवैधानिक सलाहकार’ की भूमिका को दर्शाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई सलाह राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं होती है। इस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति किसी भी ऐसे मामले पर राय मांग सकता है जो अनुच्छेद 131 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र में न आता हो।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। अनुच्छेद 132 अपीलीय अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। अनुच्छेद 147 संविधान के अर्थ-निर्धारण से संबंधित मामलों की व्याख्या करता है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संसद की वित्तीय शक्तियों के संबंध में असत्य है?

  1. संसद किसी भी कर को केवल सरकारी राजपत्र में अधिसूचना द्वारा लगा सकती है।
  2. बजट को पारित करने के लिए संसद की सहमति आवश्यक है।
  3. संचित निधि से धन निकालने के लिए संसद की स्वीकृति अनिवार्य है।
  4. संसद वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) को संशोधित कर सकती है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद किसी भी कर को केवल सरकारी राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नहीं लगा सकती। किसी भी कर को लगाने, संशोधित करने या समाप्त करने के लिए संसद द्वारा कानून पारित करना आवश्यक है। यह विधायी प्रक्रिया का पालन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 113 के तहत, भारत की संचित निधि पर प्रभारित व्यय के अलावा, अन्य सभी व्यय के विनियोग के लिए संसद की स्वीकृति की आवश्यकता होती है। बजट (वार्षिक वित्तीय विवरण) को पारित करने के लिए संसद की मंजूरी नितांत आवश्यक है। संसद के पास बजट में संशोधन करने का अधिकार है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b), (c), और (d) सत्य हैं। बजट के पारित होने और संचित निधि से धन निकालने के लिए संसद की स्वीकृति अनुच्छेद 114 के तहत ‘विनियोग विधेयक’ के पारित होने से सुनिश्चित होती है।

प्रश्न 4: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का उल्लेख किस प्रकार किया गया है?

  1. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
  2. केवल राजनीतिक और आर्थिक
  3. केवल सामाजिक और राजनीतिक
  4. सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में न्याय को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आयामों के रूप में वर्णित किया गया है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को समान अवसर मिलें और कोई भी भेदभाव न हो।
  • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, लिंग, वर्ग आदि के आधार पर कोई भेदभाव न होना। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और संपत्ति के वितरण में असमानताओं को कम करना। राजनीतिक न्याय का अर्थ है कि सभी नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने का समान अधिकार हो।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना में केवल तीन प्रकार के न्याय का उल्लेख है, धार्मिक न्याय का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, हालांकि धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत परोक्ष रूप से इसे कवर करता है।

प्रश्न 5: राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission) की स्थापना कब हुई थी?

  1. 1950
  2. 1953
  3. 1955
  4. 1956

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission – SRC), जिसे फजल अली आयोग के नाम से भी जाना जाता है, की स्थापना 1953 में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत सरकार ने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की जांच के लिए 1953 में इसकी नियुक्ति की थी। आयोग ने 1955 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके सुझावों के आधार पर, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 पारित किया गया, जिसने भारत में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सीमाएं निर्धारित कीं।
  • गलत विकल्प: 1950 में संविधान लागू हुआ। 1955 में रिपोर्ट आई और 1956 में अधिनियम लागू हुआ। 1953 सही वर्ष है जब आयोग का गठन हुआ था।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति क्षमादान की शक्ति का प्रयोग करते हैं?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 74
  3. अनुच्छेद 75
  4. अनुच्छेद 76

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत, किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति के लिए दंड को क्षमा, उसकी अवधि या उसके स्वरूप को बदलना, या सज़ा को कम करना आदि की शक्ति रखते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस शक्ति में क्षमा (Pardon), लघुकरण (Commutation), परिहार (Remission), प्रविलंबन (Reprieve) और विराम (Respite) शामिल हैं। यह शक्ति न्यायपालिका द्वारा दिए गए दंड को निरस्त करने या बदलने की है, न कि विधायी शक्ति।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सलाह और सहायता के लिए मंत्रिपरिषद का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति और उनके उत्तरदायित्व से संबंधित है। अनुच्छेद 76 भारत का महान्यायवादी (Attorney General) से संबंधित है।

प्रश्न 7: भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का वर्णन है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, जिसमें अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल हैं, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये तत्व आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं। ये निदेशक तत्व सरकार को कानून बनाते और नीतियां बनाते समय लागू करने के लिए मार्गदर्शन के रूप में कार्य करते हैं। हालाँकि, ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं (गैर-न्यायिक)।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका से संबंधित है।

प्रश्न 8: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) निम्नलिखित में से किसके प्रति उत्तरदायी होता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राष्ट्रपति
  3. लोकसभा
  4. राज्यसभा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण है, जिसे अनुच्छेद 148 के तहत नियुक्त किया जाता है। CAG अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जो इसे संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG की मुख्य भूमिका केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए गए व्यय का लेखा-परीक्षण करना और यह सुनिश्चित करना है कि खर्च संवैधानिक और विधायी प्रावधानों के अनुसार हुआ है। यह सार्वजनिक धन का संरक्षक माना जाता है।
  • गलत विकल्प: CAG सीधे तौर पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट करता है, जो इसे संसद के समक्ष रखते हैं। CAG की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए उसे किसी राजनीतिक कार्यकारी के प्रति उत्तरदायी नहीं बनाया गया है।

प्रश्न 9: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन भारत का ‘प्रथम नागरिक’ माना जाता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय
  3. राष्ट्रपति
  4. लोकसभा अध्यक्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय प्रोटोकॉल और परंपरा के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति को देश का ‘प्रथम नागरिक’ माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रथम नागरिक का पद औपचारिक होता है और यह राष्ट्र के सर्वोच्च पद और उसके प्रतिनिधित्व को दर्शाता है। राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता का प्रतीक होता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, लेकिन राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है। मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का प्रमुख होता है, और लोकसभा अध्यक्ष विधायी शाखा का प्रमुख होता है।

प्रश्न 10: किस संशोधन अधिनियम ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?

  1. 71वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 75वां संशोधन अधिनियम, 1994

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 (जो 1993 में लागू हुआ) ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा और अनुच्छेद 243 से 243-O तक का प्रावधान किया, जिसने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को स्थानीय स्वशासन की एक इकाई के रूप में स्थापित किया, जिसमें ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर और जिला स्तर पर पंचायतों की संरचना, शक्तियां, कार्य और वित्तपोषण का प्रावधान है।
  • गलत विकल्प: 71वां संशोधन (1992) ने कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को आठवीं अनुसूची में जोड़ा। 74वां संशोधन (1992) ने शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा दिया। 75वां संशोधन (1994) ट्रिब्यूनल से संबंधित है।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
  2. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  3. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  4. अभिभावकों, उपाधियों के अंत का अधिकार (अनुच्छेद 18)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 18, जो उपाधियों के अंत से संबंधित है, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। इसके तहत राज्य किसी भी नागरिक को विदेशी राज्य से कोई उपाधि स्वीकार करने से रोकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार), और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार) जैसे मौलिक अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) उन मौलिक अधिकारों के उदाहरण हैं जो सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं, न कि केवल भारतीय नागरिकों के लिए।

प्रश्न 12: राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में विवादों का निर्णय कौन करता है?

  1. भारत का उपराष्ट्रपति
  2. भारत का महान्यायवादी
  3. सर्वोच्च न्यायालय
  4. प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव की वैधता से संबंधित सभी विवादों की जांच और निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है, जिसका निर्णय अंतिम होता है। यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद 71 के तहत आता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 71 (1) यह स्पष्ट करता है कि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित कोई भी प्रश्न सर्वोच्च न्यायालय में ही उठाया जाएगा। किसी भी चुनाव की घोषणा तब तक नहीं की जा सकती जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ऐसे प्रश्न का निर्णय नहीं कर दिया जाता।
  • गलत विकल्प: उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति का पद सभापति होता है लेकिन चुनाव विवादों का निर्णय नहीं करता। महान्यायवादी कानूनी सलाहकार होता है। प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद कार्यपालिका का हिस्सा हैं और इस मामले में निर्णयकर्ता नहीं हैं।

प्रश्न 13: भारत में ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 में है। यह तब लागू किया जा सकता है जब युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन यह केवल केंद्रीय मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश पर ही की जा सकती है। इसकी उद्घोषणा के बाद, इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 राज्यों द्वारा केंद्र के निर्देशों का पालन न करने की स्थिति से संबंधित है, जो अक्सर अनुच्छेद 356 के तहत कार्रवाई का आधार बनता है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?

  1. चुनाव आयोग
  2. संघ लोक सेवा आयोग
  3. नीति आयोग
  4. वित्त आयोग

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) एक कार्यकारी आदेश द्वारा 1 जनवरी 2015 को स्थापित एक गैर-संवैधानिक (non-constitutional) और गैर-वैधानिक (non-statutory) निकाय है। यह योजना आयोग का स्थान लिया।
  • संदर्भ और विस्तार: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) सभी भारतीय संविधान के तहत स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिनके गठन, शक्तियां और कार्य संविधान में निर्दिष्ट हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनके प्रावधान सीधे संविधान में दिए गए हैं। नीति आयोग का कोई संवैधानिक आधार नहीं है; यह एक थिंक-टैंक और नीतिगत सलाहकार निकाय है।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समानता’ का अधिकार किन तीन आयामों में सुनिश्चित किया गया है?

  1. आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक
  2. सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक
  3. राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षिक
  4. सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना सभी नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता सुनिश्चित करती है। यह मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 14-18) और राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) में भी परिलक्षित होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक समानता का अर्थ है जन्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर कोई विशेषाधिकार न होना। आर्थिक समानता का अर्थ है धन और संपत्ति के वितरण में समानता और अवसर की समानता। राजनीतिक समानता का अर्थ है सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के मतदान और सार्वजनिक पदों के लिए चुने जाने का समान अधिकार।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना में धार्मिक समानता का प्रत्यक्ष उल्लेख ‘समानता’ के स्तंभ के रूप में नहीं है, हालांकि ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द धर्म की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है। शैक्षिक समानता का विशेष रूप से प्रस्तावना में उल्लेख नहीं है।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से किस रीट (Writ) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’?

  1. हेबियस कॉर्पस (Habeas Corpus)
  2. क्यो वारंटो (Quo Warranto)
  3. मैंडमस (Mandamus)
  4. प्रोहिबिशन (Prohibition)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मैंडमस (Mandamus) लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय, न्यायाधिकरण या सार्वजनिक प्राधिकारी को सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य करने के लिए जारी किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रीट सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत जारी की जाती है। इसका उद्देश्य किसी लोक सेवक को उसके विधितः सौंपे गए कर्तव्य का पालन करवाना है।
  • गलत विकल्प: हेबियस कॉर्पस का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’, जो अवैध हिरासत से मुक्ति के लिए है। क्यो वारंटो का अर्थ है ‘किस अधिकार से’, जो किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद के अनधिकृत रूप से धारण करने को चुनौती देने के लिए है। प्रोहिबिशन का अर्थ है ‘प्रतिषेध’, जो निम्न न्यायालयों को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए है।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद अस्पृश्यता (Untouchability) का उन्मूलन करता है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 16
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 18

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है और किसी भी रूप में इसके आचरण को दंडनीय बनाता है। संसद ने इसके लिए ‘अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955’ पारित किया था, जिसे बाद में ‘नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955’ के रूप में संशोधित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 17 एक निरपेक्ष अधिकार है, जिसका अर्थ है कि राज्य इसे किसी भी तरह से सीमित नहीं कर सकता। यह छुआछूत को समाप्त करके सामाजिक समानता के सिद्धांत को लागू करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता से संबंधित है। अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत से संबंधित है।

प्रश्न 18: भारत में ‘आपातकालीन स्थिति’ में भी निलंबित नहीं किए जा सकने वाले मौलिक अधिकार कौन से हैं?

  1. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
  2. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
  3. भेदभाव के विरुद्ध अधिकार
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) को अनुच्छेद 359 के तहत आपातकाल के दौरान निलंबित नहीं किया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि नागरिक किसी भी परिस्थिति में मनमानी गिरफ्तारी या अत्यधिक दमन से सुरक्षित रहें। यह देश में कानून के शासन को बनाए रखता है, भले ही राष्ट्रीय आपातकाल लागू हो।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प (धर्म की स्वतंत्रता, भेदभाव के विरुद्ध अधिकार) राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 358 (अनुच्छेद 19 का निलंबन) या अनुच्छेद 359 (अन्य मौलिक अधिकारों का निलंबन) के तहत निलंबित किए जा सकते हैं।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक संशोधन’ करने की शक्ति रखता है?

  1. केवल संसद
  2. संसद और राष्ट्रपति
  3. संसद और सर्वोच्च न्यायालय
  4. संसद, राष्ट्रपति और राज्य विधानमंडल

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में संशोधन करने की एकमात्र शक्ति संसद के पास है, जैसा कि अनुच्छेद 368 में उल्लिखित है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 368 के अनुसार, संसद अपनी विधायी शक्तियों के माध्यम से संविधान के किसी भी प्रावधान को प्रस्तावित, संशोधित या निरस्त कर सकती है। हालाँकि, कुछ संशोधनों के लिए संसद के विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों का अनुसमर्थन भी आवश्यक है (संघीय संरचना से संबंधित)।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति या सर्वोच्च न्यायालय संविधान में संशोधन नहीं कर सकते। राष्ट्रपति विधेयक पर हस्ताक्षर करते हैं, लेकिन वह संशोधन का प्रस्ताव या उसे अंतिम रूप नहीं दे सकते। सर्वोच्च न्यायालय न्यायिक समीक्षा कर सकता है, लेकिन संशोधन नहीं।

प्रश्न 20: भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन किसके द्वारा किया जाता है?

  1. केवल राज्यसभा के सदस्य
  2. केवल लोकसभा के सदस्य
  3. संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
  4. संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों (निर्वाचित और मनोनीत) से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। यह प्रावधान अनुच्छेद 66 में है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह राष्ट्रपति के निर्वाचन से भिन्न है, जिसमें केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) गलत हैं क्योंकि उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य, चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत, भाग लेते हैं।

प्रश्न 21: किस संविधान संशोधन ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 61वें संशोधन अधिनियम, 1989 ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन किया, जिसने लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों में मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में अधिक भागीदारी देना और उनकी लोकतांत्रिक आवाज को मजबूत करना था।
  • गलत विकल्प: 42वां संशोधन (1976) ने प्रस्तावना में शब्द जोड़े। 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार से संबंधित महत्वपूर्ण बदलाव किए। 86वां संशोधन (2002) ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन संघीय प्रणाली की विशेषता नहीं है?

  1. लिखित संविधान
  2. शक्ति का विभाजन
  3. एकल नागरिकता
  4. स्वतंत्र न्यायपालिका

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: एकल नागरिकता (Single Citizenship) संघीय प्रणाली की विशेषता नहीं है, बल्कि एकात्मक प्रणाली की विशेषता है। भारत में, भले ही संघीय ढांचा है, एकल नागरिकता है, जो इसे कनाडा जैसी एकात्मक प्रवृत्तियों वाले संघीय देशों से अलग करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: एक मजबूत संघीय प्रणाली में आमतौर पर दोहरी नागरिकता (एक केंद्र की और एक राज्य की) होती है, जैसा कि अमेरिका में है। लिखित संविधान, शक्ति का विभाजन (केंद्र और राज्यों के बीच) और स्वतंत्र न्यायपालिका (जो केंद्र और राज्यों के बीच विवादों को सुलझाती है) संघीय प्रणाली की आवश्यक विशेषताएं हैं।
  • गलत विकल्प: (a) लिखित संविधान, (b) शक्ति का विभाजन, और (d) स्वतंत्र न्यायपालिका, ये सभी संघीय प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं हैं।

प्रश्न 23: ‘बंधुत्व’ (Fraternity) की भावना भारतीय संविधान में कहाँ उल्लिखित है?

  1. प्रस्तावना में
  2. मौलिक अधिकारों में
  3. नीति निदेशक तत्वों में
  4. मौलिक कर्तव्यों में

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) की भावना का उल्लेख है, जो नागरिकों के बीच भाईचारे और एकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना यह भी सुनिश्चित करने का संकल्प लेती है कि बंधुत्व ‘व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता’ को सुनिश्चित करे। यह भारतीय समाज की विविधता में एकता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: जबकि बंधुत्व का सिद्धांत अन्य भागों में भी परिलक्षित हो सकता है, इसका प्रत्यक्ष और प्रमुख उल्लेख प्रस्तावना में है, जो संविधान के मुख्य आदर्शों को दर्शाता है।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘सार्वजनिक खातों की समिति’ (Public Accounts Committee) की देख-रेख करती है?

  1. वित्त मंत्रालय
  2. लोकसभा
  3. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
  4. नीति आयोग

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: सार्वजनिक खातों की समिति (PAC) संसद की एक समिति है, जिसका गठन मुख्य रूप से लोकसभा के नियमों के तहत किया जाता है। यह भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तुत की गई लेखा-परीक्षा रिपोर्टों की जांच करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: PAC की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक धन का खर्च विधायी मंज़ूरी और वित्तीय नियमों के अनुसार हुआ है। CAG की रिपोर्टें PAC के लिए आधार बनती हैं, और PAC अपनी सिफारिशें लोकसभा में प्रस्तुत करती है।
  • गलत विकल्प: वित्त मंत्रालय प्रशासनिक निकाय है। CAG रिपोर्ट प्रस्तुत करता है, लेकिन जांच PAC करती है। नीति आयोग का इस समिति से कोई सीधा संबंध नहीं है।

प्रश्न 25: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 368 किस विषय से संबंधित है?

  1. अल्पसंख्यकों के अधिकार
  2. संवैधानिक संशोधन की प्रक्रिया
  3. आपातकालीन प्रावधान
  4. नागरिकता

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 368 संविधान के संशोधन की प्रक्रिया और शक्तियों से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद संसद को संविधान के किसी भी प्रावधान को जोड़ने, संशोधित करने या निरस्त करने की शक्ति प्रदान करता है, जिसमें संशोधन के तरीके भी बताए गए हैं। यह भारत को एक ‘सुधरणीय’ (amendable) संविधान प्रदान करता है।
  • गलत विकल्प: अल्पसंख्यकों के अधिकार अनुच्छेद 29-30 में, आपातकालीन प्रावधान अनुच्छेद 352, 356, 360 में, और नागरिकता भाग II (अनुच्छेद 5-11) में वर्णित है।

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