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संविधान सारथी: आज का महा-क्विज

संविधान सारथी: आज का महा-क्विज

नमस्कार, संवैधानिक महारथियों! आज के इस महा-क्विज में आपका स्वागत है। भारतीय लोकतंत्र की जटिलताओं और संविधान की गहराईयों को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए, अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखें और जानें कि आप इस महत्वपूर्ण विषय में कितने पारंगत हैं। तैयार हो जाइए, यह सिर्फ एक क्विज नहीं, बल्कि आपकी तैयारी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का आदर्श किस भावना को सुनिश्चित करता है?

  1. राष्ट्रीय एकता और अखंडता
  2. व्यक्ति की गरिमा
  3. सभी नागरिकों के लिए न्याय
  4. स्वतंत्रता और समानता

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का आदर्श ‘व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता’ सुनिश्चित करने की बात करता है। यह बंधुत्व की भावना को न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ावा देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना का यह भाग यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक एक-दूसरे के प्रति भाईचारे की भावना रखें, जिससे राष्ट्र की एकता और अखंडता बनी रहे। यह व्यक्ति की गरिमा को भी सुनिश्चित करता है, यह मानते हुए कि बंधुत्व ही वह आधार है जिस पर व्यक्ति की गरिमा टिकी होती है।
  • गलत विकल्प: ‘व्यक्ति की गरिमा’ एक अलग आदर्श है, हालांकि बंधुत्व से जुड़ी है। ‘सभी नागरिकों के लिए न्याय’ (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक) और ‘स्वतंत्रता’ (विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की) प्रस्तावना के अन्य महत्वपूर्ण आदर्श हैं, लेकिन सीधे तौर पर ‘बंधुत्व’ का वह प्रमुख अर्थ नहीं हैं जैसा कि एकता और अखंडता से जुड़ा है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी याचिका किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में रखने पर उसके विरुद्ध जारी की जाती है?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
  3. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  4. उत्प्रेषण (Certiorari)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है “शरीर प्रस्तुत करो”। यह याचिका किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में रखने के विरुद्ध जारी की जाती है, जिसमें अदालत हिरासत में रखे गए व्यक्ति को अदालत में पेश करने का आदेश देती है। यह अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस याचिका का उद्देश्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करना है। यह किसी भी व्यक्ति को, या उसके द्वारा किसी अन्य को, किसी भी सरकारी अधिकारी या निजी व्यक्ति के विरुद्ध जारी किया जा सकता है जो किसी को अवैध रूप से बंदी बनाए हुए है।
  • गलत विकल्प: ‘परमादेश’ (Mandamus) का अर्थ है “हम आदेश देते हैं” और यह किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसका कर्तव्य करने के लिए जारी किया जाता है। ‘अधिकार-पृच्छा’ (Quo Warranto) का अर्थ है “किस अधिकार से” और यह किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से दावा करने पर जारी की जाती है। ‘उत्प्रेषण’ (Certiorari) का अर्थ है “प्रमाणित करना” और यह किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।

प्रश्न 3: भारत में संसदीय प्रणाली किस देश की संसदीय प्रणाली से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. यूनाइटेड किंगडम

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में संसदीय प्रणाली, जिसमें सरकार की कार्यकारी शाखा विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है, यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) की संसदीय प्रणाली से काफी हद तक प्रेरित है। हालाँकि, भारतीय प्रणाली ब्रिटिश प्रणाली से थोड़ी भिन्न है, जैसे भारत का राष्ट्रपति ब्रिटिश सम्राट की तरह राज्य का प्रमुख (नाममात्र का) होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख (वास्तविक) होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान में प्रत्यक्ष रूप से किसी देश के मॉडल का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन संसदीय सरकार की अवधारणा (जैसे मंत्रिपरिषद की सामूहिक उत्तरदायित्व) ब्रिटिश वेस्टमिंस्टर मॉडल से ली गई है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में अध्यक्षात्मक प्रणाली है, जहाँ राष्ट्रपति राज्य और सरकार दोनों का प्रमुख होता है और विधायिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होता। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसी देशों में भी संसदीय प्रणाली है, लेकिन भारत की प्रणाली पर ब्रिटिश मॉडल का प्रभाव अधिक प्रत्यक्ष है।

प्रश्न 4: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. वित्त मंत्री
  4. नीति आयोग के उपाध्यक्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) भारत में एक महत्वपूर्ण गैर-संवैधानिक और गैर-सांविधिक निकाय है। इसके पदेन अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC की स्थापना 1952 में पंचवर्षीय योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए की गई थी। यह भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य भी इसमें शामिल होते हैं। इसका मुख्य कार्य पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देना और उनके कार्यान्वयन की समीक्षा करना है।
  • गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख होते हैं, सरकार के नहीं। वित्त मंत्री या नीति आयोग के उपाध्यक्ष NDC के पदेन अध्यक्ष नहीं होते, हालांकि वे इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद “अवशिष्ट विधायी शक्तियों” (Residuary Legislative Powers) से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 246
  2. अनुच्छेद 248
  3. अनुच्छेद 249
  4. अनुच्छेद 250

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 248 अवशिष्ट विधायी शक्तियों से संबंधित है। इसका अर्थ है कि वे सभी विषय जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल नहीं हैं, उन पर कानून बनाने की शक्ति संसद के पास है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति भारतीय संघवाद की प्रकृति को दर्शाती है, जो कनाडा जैसे संघवाद से प्रभावित है। अनुच्छेद 246 सूचियों (संघ, राज्य, समवर्ती) में विधायी शक्तियों के वितरण की बात करता है। अनुच्छेद 249 और 250 राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान या राष्ट्रीय हित में संसद को राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति देते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 246 विधायी शक्तियों के वितरण को परिभाषित करता है। अनुच्छेद 249 और 250 विशेष परिस्थितियों में संसद को राज्य सूची पर विधायी शक्ति देते हैं, न कि अवशिष्ट शक्तियों पर।

प्रश्न 6: ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का सिद्धांत भारतीय संविधान के किस भाग में वर्णित है?

  1. मौलिक अधिकार (भाग III)
  2. राज्य के नीति निदेशक तत्व (भाग IV)
  3. मौलिक कर्तव्य (भाग IV-A)
  4. प्रस्तावना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का सिद्धांत भारतीय संविधान के भाग IV में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) के अनुच्छेद 39(d) में शामिल है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 39(d) राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता है कि पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान कार्य का समान वेतन हो। यह एक न्यायोचित सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था स्थापित करने का एक प्रमुख सिद्धांत है। हालांकि यह एक गैर-न्यायिक अधिकार है (अर्थात, इसे सीधे अदालत में लागू नहीं किया जा सकता), फिर भी यह सरकार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत है।
  • गलत विकल्प: मौलिक अधिकार (भाग III) सीधे तौर पर लागू किए जा सकते हैं, लेकिन यह सिद्धांत DPSP में है। मौलिक कर्तव्य (भाग IV-A) नागरिकों के कर्तव्य हैं। प्रस्तावना संविधान के मूल दर्शन को दर्शाती है, लेकिन विशिष्ट सिद्धांत DPSP में पाए जाते हैं।

प्रश्न 7: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

  1. वह भारत के संचित निधि से सभी व्यय की लेखा-परीक्षा करता है।
  2. उसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  3. उसकी सेवा-शर्तें संसद द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
  4. वह संसद के विशेषाधिकारों के अधीन कार्य करता है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का उल्लेख संविधान के भाग V, अध्याय V में अनुच्छेद 148 से 151 तक है। CAG भारत के संचित निधि से किए गए सभी व्यय की लेखा-परीक्षा करता है (अनुच्छेद 149), उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है (अनुच्छेद 148), और उसकी सेवा-शर्तें संसद द्वारा निर्धारित की जाती हैं (अनुच्छेद 148(3))। CAG एक स्वतंत्र निकाय है, न कि संसद के विशेषाधिकारों के अधीन।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG का मुख्य कार्य केंद्र और राज्य सरकारों के खातों का ऑडिट करना और संसद में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन का व्यय विधि और नियमों के अनुसार हुआ है।
  • गलत विकल्प: CAG एक संवैधानिक प्राधिकरण है जिसका अपना स्वतंत्र अधिकार क्षेत्र है, और वह संसद के विशेषाधिकारों के अधीन नहीं है, बल्कि संसद को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से किस अधिनियम ने भारत में संघीय न्यायालय की स्थापना का प्रावधान किया?

  1. भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
  2. भारत सरकार अधिनियम, 1919
  3. भारत सरकार अधिनियम, 1935
  4. भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने भारत में एक संघीय न्यायालय (Federal Court) की स्थापना का प्रावधान किया, जो 1937 में स्थापित हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जिसने भारत को एक संघ बनाने और केंद्र व इकाइयों के बीच शक्तियों के वितरण की रूपरेखा तैयार की। संघीय न्यायालय का कार्य केंद्र और राज्यों के बीच विवादों को हल करना और संविधान की व्याख्या करना था।
  • गलत विकल्प: 1892 का अधिनियम विधान परिषदों का विस्तार करता था। 1919 का अधिनियम द्वैध शासन (dyarchy) लाया। 1947 का अधिनियम भारत को स्वतंत्रता प्रदान करता था और भारत के विभाजन का प्रावधान करता था, न कि संघीय न्यायालय की स्थापना का।

प्रश्न 9: भारत के उपराष्ट्रपति के पद के लिए न्यूनतम आयु क्या है?

  1. 25 वर्ष
  2. 30 वर्ष
  3. 35 वर्ष
  4. 40 वर्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66(3)(b) के अनुसार, भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में चुनाव के लिए उम्मीदवार की आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
  • संदर्भ और विस्तार: यही न्यूनतम आयु राष्ट्रपति पद के लिए भी निर्धारित है (अनुच्छेद 58)। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है, और उस पद के लिए भी यह आयु सीमा उपयुक्त मानी गई है।
  • गलत विकल्प: 25 वर्ष न्यूनतम आयु लोकसभा सदस्य या विधानसभा सदस्य के लिए है। 30 वर्ष राज्यसभा सदस्य या विधान परिषद सदस्य के लिए है। 40 वर्ष का कोई विशेष संवैधानिक पद के लिए न्यूनतम आयु निर्धारण नहीं है।

प्रश्न 10: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत किसी व्यक्ति को विधि की सम्यक प्रक्रिया (Due Process of Law) से वंचित नहीं किया जाएगा?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 20
  3. अनुच्छेद 21
  4. अनुच्छेद 22

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 यह प्रावधान करता है कि “किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं।” सर्वोच्च न्यायालय ने ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ (Procedure established by law) की व्याख्या को ‘विधि की सम्यक प्रक्रिया’ (Due Process of Law) के समान व्यापक अर्थ में किया है, जिसमें निष्पक्षता, न्यायसंगतता और औचित्य शामिल है।
  • संदर्भ और विस्तार: मेनका गांधी मामले (1978) में, सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 के दायरे का विस्तार किया और कहा कि ऐसी कोई भी विधि जो किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करती है, वह निष्पक्ष, तर्कसंगत और न्यायसंगत होनी चाहिए।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण की बात करता है। अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान करता है।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन भारत का एकमात्र उच्च न्यायालय है जो एक से अधिक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए है?

  1. दिल्ली उच्च न्यायालय
  2. मुंबई उच्च न्यायालय
  3. गुवाहाटी उच्च न्यायालय
  4. कोलकाता उच्च न्यायालय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: गुवाहाटी उच्च न्यायालय (High Court of Assam, Nagaland, Mizoram and Arunachal Pradesh) सात उत्तर-पूर्वी राज्यों में से चार (अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम और नागालैंड) का न्यायक्षेत्र देखता है। इसका मुख्य पीठ गुवाहाटी में है।
  • संदर्भ और विस्तार: ऐसे न्यायालयों की स्थापना प्रशासकीय सुगमता के लिए की जाती है, खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहां अलग-अलग उच्च न्यायालय स्थापित करना संभव या आवश्यक न हो।
  • गलत विकल्प: दिल्ली उच्च न्यायालय केवल दिल्ली के लिए है। मुंबई उच्च न्यायालय महाराष्ट्र, गोवा, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के लिए है (लेकिन यह भी एक से अधिक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लिए है, हालांकि गुवाहाटी अधिक विशिष्ट उदाहरण है)। कोलकाता उच्च न्यायालय केवल पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए है।

प्रश्न 12: भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा अनुच्छेद 35A को जोड़ा गया था?

  1. 100वां संशोधन
  2. 101वां संशोधन
  3. 35वां संशोधन
  4. 27वां संशोधन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 35A, जिसे 1954 के राष्ट्रपति के आदेश द्वारा जोड़ा गया था, भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया। यह जम्मू और कश्मीर राज्य को अपने स्थायी निवासियों को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार व विशेषाधिकार प्रदान करने की अनुमति देता था। इसे ’35वां संशोधन’ के रूप में जाना जाता है, हालांकि यह सीधे तौर पर अनुच्छेद 370 के तहत राष्ट्रपति के आदेश द्वारा लागू किया गया था, जो संविधान में संशोधन का एक रूप है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 35A ने जम्मू और कश्मीर के निवासियों को विशेष अधिकार दिए, जैसे कि अचल संपत्ति खरीदने, सरकारी नौकरी पाने आदि के अधिकार। हालाँकि, 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ, अनुच्छेद 35A भी अप्रभावी हो गया।
  • गलत विकल्प: 100वां, 101वां और 27वां संशोधन अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों से संबंधित हैं (जैसे भूमि सीमा समझौता, GST, पूर्वोत्तर राज्य)।

प्रश्न 13: राज्य विधानमंडल के सत्र का सत्रावसान (prorogation) कौन करता है?

  1. विधानसभा का अध्यक्ष
  2. राज्य का मुख्यमंत्री
  3. राज्य का राज्यपाल
  4. विधान परिषद का सभापति (यदि लागू हो)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य विधानमंडल के सत्र का सत्रावसान (session) राज्य का राज्यपाल करता है। यह अनुच्छेद 174(1) के तहत राज्यपाल की शक्ति है कि वह समय-समय पर सदन या सदनों का सत्र आहूत (convene) करे और उसका सत्रावसान (prorogue) करे।
  • संदर्भ और विस्तार: सत्रावसान का अर्थ है सत्र का अंत। जब सत्र का सत्रावसान किया जाता है, तो सभी लंबित विधायी कार्य (जैसे, लंबित विधेयक, प्रस्ताव) समाप्त हो जाते हैं। अध्यक्ष (Speaker) या सभापति (Chairman) सदन को स्थगन (adjournment) कर सकते हैं, लेकिन सत्रावसान राज्यपाल का कार्य है।
  • गलत विकल्प: विधानसभा का अध्यक्ष या विधान परिषद का सभापति केवल सदन की कार्यवाही को स्थगित (adjourn) कर सकते हैं, न कि सत्र का सत्रावसान। मुख्यमंत्री केवल सलाह दे सकता है, अंतिम निर्णय राज्यपाल का होता है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान में मौलिक कर्तव्य के रूप में सूचीबद्ध नहीं है?

  1. संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों का सम्मान करना।
  2. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना और हिंसा से दूर रहना।
  3. 6 से 14 वर्ष की आयु के अपने बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना।
  4. हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का परिरक्षण करना।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51A के तहत मौलिक कर्तव्यों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें से विकल्प (a), (b) और (d) मौलिक कर्तव्यों में शामिल हैं। विकल्प (c), “6 से 14 वर्ष की आयु के अपने बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना,” यह **मौलिक कर्तव्य** नहीं है, बल्कि यह **मौलिक अधिकार** (अनुच्छेद 21A) का पूरक है और राज्य का नीति निदेशक तत्व (DPSP) भी है।
  • संदर्भ और विस्तार: 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया (अनुच्छेद 21A) और यह भी कहा कि माता-पिता का यह कर्तव्य है कि वे अपने 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करें। लेकिन इसे सीधे तौर पर मौलिक कर्तव्य (Part IV-A, Article 51A) के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया था, जैसे अन्य कर्तव्य हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प a, b, और d सीधे तौर पर अनुच्छेद 51A में उल्लिखित हैं।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को ‘समीक्षा का अधिकार’ (Power of Judicial Review) प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 13
  2. अनुच्छेद 145
  3. अनुच्छेद 137
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में ‘न्यायिक समीक्षा’ (Judicial Review) शब्द का प्रयोग प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया गया है, लेकिन यह संविधान का एक अंतर्निहित (inherent) हिस्सा है। सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 13, अनुच्छेद 32, अनुच्छेद 145, अनुच्छेद 147, अनुच्छेद 226 और अनुच्छेद 227 के तहत न्यायिक समीक्षा की शक्ति प्राप्त है। अनुच्छेद 13 विशेष रूप से मौलिक अधिकारों के असंगत कानूनों को शून्य घोषित करने की शक्ति देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: न्यायिक समीक्षा का अर्थ है कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय किसी भी कानून या कार्यकारी कार्रवाई की संवैधानिकता की जांच कर सकते हैं। यदि कोई कानून या कार्रवाई संविधान का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो उसे असंवैधानिक और शून्य घोषित किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: केवल एक अनुच्छेद का उल्लेख करना अपूर्ण होगा क्योंकि यह शक्ति कई अनुच्छेदों के माध्यम से लागू होती है। अनुच्छेद 13, 145 (अपने निर्णयों की समीक्षा) और 137 (निर्णयों की समीक्षा) सभी अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से इस शक्ति से संबंधित हैं।

प्रश्न 16: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द क्या इंगित करता है?

  1. सत्ता का वंशानुगत हस्तांतरण
  2. सत्ता का निर्वाचन द्वारा हस्तांतरण
  3. संसद की सर्वोच्चता
  4. न्यायपालिका की सर्वोच्चता

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि भारत का राष्ट्राध्यक्ष (राष्ट्रपति) अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुना जाता है, न कि वंशानुगत आधार पर। यह ब्रिटेन जैसे राजतंत्र (Monarchy) के विपरीत है, जहाँ राजा या रानी वंशानुगत होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत एक गणतंत्र है, जिसका अर्थ है कि राज्य का प्रमुख, अर्थात् राष्ट्रपति, एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा होता है (हमारे मामले में अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा)।
  • गलत विकल्प: (a) सत्ता का वंशानुगत हस्तांतरण राजतंत्र का प्रतीक है, गणराज्य का नहीं। (c) और (d) सर्वोच्चता के अलग-अलग सिद्धांत हैं, जिनका सीधा संबंध ‘गणराज्य’ शब्द से नहीं है।

प्रश्न 17: अनुच्छेद 368 के तहत संसद को संविधान में संशोधन की शक्ति के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. संसद संविधान के किसी भी भाग का संशोधन कर सकती है।
  2. संसद साधारण बहुमत से संविधान में संशोधन कर सकती है।
  3. संसद विशेष बहुमत से संविधान में संशोधन कर सकती है।
  4. संसद, विशेष बहुमत और राज्यों की सहमति से, संविधान के कुछ भागों का संशोधन कर सकती है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 368 संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्रदान करता है। इस शक्ति की प्रकृति और सीमा केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित ‘मूल संरचना सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) द्वारा सीमित है। संसद साधारण बहुमत (Simple Majority) से केवल कुछ ही मामूली संशोधन कर सकती है (जैसे अनुच्छेद 368(2) के तहत कुछ विशेष मामले), लेकिन अधिकांश महत्वपूर्ण संशोधनों के लिए विशेष बहुमत (Special Majority) या विशेष बहुमत और आधे राज्यों की सहमति की आवश्यकता होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: केशवानंद भारती मामले ने स्थापित किया कि संसद संविधान के ‘मूल ढांचे’ को नहीं बदल सकती। संशोधन तीन प्रकार के होते हैं: साधारण बहुमत द्वारा, विशेष बहुमत द्वारा, और विशेष बहुमत व आधे राज्यों की सहमति द्वारा।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b) गलत है क्योंकि अधिकांश संविधान संशोधन साधारण बहुमत से नहीं, बल्कि विशेष बहुमत से होते हैं। विकल्प (a) सही है कि संसद किसी भी भाग का संशोधन कर सकती है, बशर्ते कि वह मूल ढांचे को न बदले। (c) और (d) संशोधन की विधियों का सही वर्णन करते हैं।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं है?

  1. संथाली
  2. बोडो
  3. डोगरी
  4. राजस्थानी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है। संथाली (52वां संशोधन), बोडो (92वां संशोधन) और डोगरी (92वां संशोधन) इन 22 भाषाओं में शामिल हैं। राजस्थानी भाषा को वर्तमान में 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: 8वीं अनुसूची का उद्देश्य इन भाषाओं के विकास को बढ़ावा देना है। इसमें समय-समय पर नई भाषाओं को जोड़ा गया है।
  • गलत विकल्प: संथाली, बोडो और डोगरी 8वीं अनुसूची में शामिल हैं। राजस्थानी को शामिल करने की मांग लंबे समय से चल रही है।

प्रश्न 19: भारत में पहली बार पंचायती राज व्यवस्था किस वर्ष में लागू की गई?

  1. 1957
  2. 1959
  3. 1961
  4. 1973

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में पंचायती राज व्यवस्था की नींव 1957 में बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशों पर रखी गई थी, जिसने त्रि-स्तरीय पंचायती राज की सिफारिश की थी। प्रत्यक्षतः, यह व्यवस्था सबसे पहले **2 अक्टूबर 1959** को राजस्थान के नागौर जिले में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लागू की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसके बाद आंध्र प्रदेश भी इस व्यवस्था को अपनाने वाला दूसरा राज्य बना। 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
  • गलत विकल्प: 1957 बलवंत राय मेहता समिति की रिपोर्ट का वर्ष है। 1961 में पश्चिम बंगाल ने पंचायती राज अधिनियम पारित किया। 1973 में अशोक मेहता समिति का गठन हुआ।

प्रश्न 20: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति को किसी बिल को पुनर्विचार के लिए लौटाने की शक्ति प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 111
  2. अनुच्छेद 108
  3. अनुच्छेद 107
  4. अनुच्छेद 109

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की ‘वीटो’ (Veto) शक्ति से संबंधित है। यह राष्ट्रपति को संसद द्वारा पारित किसी विधेयक को (साधारण विधेयक के मामले में) पुनर्विचार के लिए लौटाने की शक्ति देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यदि संसद विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा सुझाए गए संशोधनों के साथ या उसके बिना पुनः पारित करती है, तो राष्ट्रपति को उस पर अपनी स्वीकृति देनी होती है। हालाँकि, धन विधेयकों (Money Bills) के मामले में, राष्ट्रपति केवल स्वीकृति दे सकता है या अस्वीकृत कर सकता है; वह उन्हें पुनर्विचार के लिए नहीं लौटा सकता।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 108 संयुक्त बैठक से संबंधित है। अनुच्छेद 107 विधेयकों की पुरःस्थापना और पारित करने की प्रक्रिया से संबंधित है। अनुच्छेद 109 धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रियाओं से संबंधित है।

प्रश्न 21: भारत में ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee) के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?

  1. इसमें 22 सदस्य होते हैं, जिनमें से 15 लोकसभा से और 7 राज्यसभा से चुने जाते हैं।
  2. यह सार्वजनिक व्यय की लेखा-परीक्षा से संबंधित है।
  3. यह समिति के सदस्यों को किसी भी सरकारी विभाग में नियुक्त होने की अनुमति नहीं देती है।
  4. समिति का अध्यक्ष परंपरातः विपक्षी दल का होता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) एक महत्वपूर्ण संसदीय समिति है। इसके सदस्यों की कुल संख्या 22 होती है, जिसमें 15 सदस्य लोकसभा से और 7 सदस्य राज्यसभा से आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा चुने जाते हैं। यह समिति भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तुत लेखा-परीक्षा रिपोर्टों की जांच करती है, जो सार्वजनिक व्यय की वैधता और दक्षता सुनिश्चित करती है। समिति का अध्यक्ष परंपरातः विपक्षी दल का वरिष्ठ सदस्य होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: समिति का मुख्य कार्य CAG की रिपोर्टों की जांच करना है। यह सरकारी खर्चों की मितव्ययिता और औचित्य की जांच करती है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (c) गलत है। समिति के सदस्यों को किसी भी सरकारी विभाग में नियुक्त होने की अनुमति नहीं होती है, यह **सही** कथन है। प्रश्न में गलत कथन पूछा गया था। इसलिए, यहाँ प्रश्न या विकल्प में कुछ अस्पष्टता हो सकती है। यदि प्रश्न पूछता है कि कौन सा कथन PAC के संदर्भ में “सही नहीं है”, तो दिए गए विकल्पों में से सभी (a), (b), (d) सही हैं। यदि विकल्प (c) का अर्थ है कि “समिति सदस्यों को सरकारी विभाग में नियुक्त होने की अनुमति **देती** है”, तो वह गलत होगा। स्पष्टीकरण के अनुसार, PAC का कार्यCAG की रिपोर्टों की जांच करना है।

प्रश्न 22: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में “ग्राम सभा” की व्यवस्था का प्रावधान है?

  1. अनुच्छेद 243 (D)
  2. अनुच्छेद 243 (A)
  3. अनुच्छेद 243 (B)
  4. अनुच्छेद 243 (C)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IX के अनुच्छेद 243 (A) में स्पष्ट रूप से ग्राम सभा की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। ग्राम सभा, पंचायत के क्षेत्र में ग्राम स्तर पर गठित एक निकाय है, जिसमें उस ग्राम के पंजीकृत मतदाता शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा दिया और ग्राम सभा को पंचायत के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में स्थापित किया, जो ग्राम स्तर पर योजना बनाने और शासन में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 243(D) पंचायतों के लिए सीटों के आरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 243(B) पंचायतों के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 243(C) पंचायतों की संरचना से संबंधित है।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी सरकारी अधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करने का आदेश देती है?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
  3. निषेध (Prohibition)
  4. परमादेश (Mandamus)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus) रिट का अर्थ है “हम आदेश देते हैं”। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी निचली अदालत, न्यायाधिकरण, या सार्वजनिक अधिकारी को उसके सार्वजनिक या विधायी कर्तव्य का पालन करने का निर्देश देने के लिए जारी की जाती है। यह अनुच्छेद 32 और 226 के तहत उपलब्ध है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रिट तब जारी की जाती है जब कोई सार्वजनिक अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन करने से इनकार करता है या उसमें विफल रहता है, और उसका वह कर्तव्य गैर-विवेकाधीन (non-discretionary) होता है।
  • गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ अवैध हिरासत से संबंधित है। ‘अधिकार-पृच्छा’ सार्वजनिक पद के अवैध दावे से संबंधित है। ‘निषेध’ किसी निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है।

प्रश्न 24: राष्ट्रीय आपातकाल (Article 352) के दौरान, निम्नलिखित में से कौन से मौलिक अधिकार निलंबित नहीं किए जा सकते?

  1. अनुच्छेद 20 और 21
  2. अनुच्छेद 14, 19, 20 और 21
  3. अनुच्छेद 14 और 19
  4. अनुच्छेद 21

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 358 यह प्रावधान करता है कि जब अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा की जाती है, तो अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार स्वतः निलंबित हो जाते हैं। अनुच्छेद 359 के तहत, राष्ट्रपति किसी भी समय अन्य मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन को निलंबित करने का आदेश जारी कर सकता है, सिवाय उन अधिकारों के जो अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) के तहत प्रदत्त हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर लगाए गए आपातकाल के दौरान भी, नागरिकों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार या दंडित नहीं किया जा सकता।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 और 19 (विकल्प c) को निलंबित किया जा सकता है (अनुच्छेद 19 स्वतः, अनुच्छेद 14 भी 359 के तहत)। अनुच्छेद 21 को कभी भी निलंबित नहीं किया जा सकता। इसलिए, केवल अनुच्छेद 20 और 21 ही वे मौलिक अधिकार हैं जिन्हें राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान भी निलंबित नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन भारत में ‘आम चुनाव’ (General Elections) की व्याख्या करता है?

  1. लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव।
  2. लोकसभा के लिए नियमित अवधि के बाद होने वाले चुनाव।
  3. सभी संसदीय और राज्य विधानसभा सीटों के लिए एक साथ चुनाव।
  4. किसी भी स्तर पर, किसी भी सरकार के चुनाव।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘आम चुनाव’ (General Elections) शब्द का प्रयोग आमतौर पर लोकसभा के लिए एक निश्चित कार्यकाल (5 वर्ष) के बाद होने वाले नियमित चुनावों के लिए किया जाता है। हालाँकि, यह शब्द राज्य विधानसभाओं के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है, जब उनकी अवधि समाप्त हो जाती है। इसका अर्थ केवल लोकसभा या सिर्फ राज्य विधानसभाओं के चुनाव से हो सकता है, लेकिन सबसे सामान्य अर्थ लोकसभा के नियमित चुनावों से है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये चुनाव भारत के चुनाव आयोग (ECI) द्वारा आयोजित किए जाते हैं, जो अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। आम चुनाव देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • गलत विकल्प: (a) और (c) हमेशा एक साथ नहीं होते; राज्य विधानसभाओं के चुनाव आम तौर पर लोकसभा के साथ नहीं होते। (d) एक बहुत ही सामान्य परिभाषा है जो आम चुनाव के विशिष्ट अर्थ को नहीं पकड़ती। आम चुनाव का तात्पर्य देश की मुख्य विधायी संस्था (संसद) के लिए नियमित अंतराल पर होने वाले चुनाव से है।

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