संविधान सारथी: अपनी राजव्यवस्था की पकड़ मजबूत करें
नमस्कार, भावी लोक सेवकों! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्या आप अपनी संवैधानिक समझ को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इस विशेष क्विज के साथ अपनी पॉलिटी की तैयारी को एक नई दिशा दें और अवधारणाओं की स्पष्टता को परखा जाए!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्य को ऐसी सहायता देने की अनुज्ञा देता है जो असमानता को कम करने के लिए आवश्यक हो?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15(4)
- अनुच्छेद 16(4)
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15(4) के अनुसार, राज्य किसी भी सामाजिक या शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के नागरिकों के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए, विशेष प्रावधान बना सकता है। यह उन प्रावधानों को बनाने की अनुज्ञा देता है जो वास्तव में असमानता को कम करने के लिए आवश्यक हों।
- संदर्भ और विस्तार: यह उप-अनुच्छेद सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और संविधान के निर्माताओं के उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए जोड़ा गया था, जिसके तहत समाज के कमजोर वर्गों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए जा सकें।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है; अनुच्छेद 16(4) लोक नियोजन में अवसर की समानता के तहत पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है, लेकिन 15(4) विशेष प्रावधानों की व्यापक अनुज्ञा देता है; अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के उन्मूलन से संबंधित है।
प्रश्न 2: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- गृह मंत्रालय
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश पर भारत के राष्ट्रपति
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अधिनियम, 1993 की धारा 4(1) के अनुसार, NHRC के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है। इस समिति में लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनकी सिफारिश पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रावधान आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए है, ताकि नियुक्ति प्रक्रिया राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रहे।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति अकेले नियुक्ति नहीं करते; मुख्य न्यायाधीश की भूमिका केवल समिति का हिस्सा होना है, नियुक्ति का नहीं; गृह मंत्रालय की प्रत्यक्ष नियुक्ति में भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है?
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)
- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16 (लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता) केवल भारतीय नागरिकों को उपलब्ध है। इसका अर्थ है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के संबंध में कोई भी नागरिक राज्य द्वारा विभेद का शिकार नहीं होगा।
- संदर्भ और विस्तार: विदेशी नागरिक इस अधिकार का लाभ नहीं उठा सकते। यह सुनिश्चित करता है कि देश के संसाधनों का लाभ देश के नागरिकों को प्राथमिकता से मिले।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 15 और 21 सभी नागरिकों और गैर-नागरिकों (विदेशियों) दोनों के लिए उपलब्ध हैं।
प्रश्न 4: भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India) किसके प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- विधि मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76(4) के अनुसार, महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करता है। इसका अर्थ है कि राष्ट्रपति उसे किसी भी समय पद से हटा सकते हैं, हालांकि व्यवहार में यह सरकार की सलाह पर होता है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- गलत विकल्प: महान्यायवादी सीधे तौर पर प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश या विधि मंत्री के प्रसाद पर्यंत पद धारण नहीं करता।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना में तीन नए शब्द जोड़े: ‘समाजवादी’ (Socialist), ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular), और ‘अखंडता’ (Integrity)।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ना भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जिसने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता पर भारतीय राज्य के झुकाव को मजबूत किया। ‘पंथनिरपेक्ष’ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को रेखांकित करता है।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार से संबंधित है; 52वां संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है; 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित है।
प्रश्न 6: भारत के संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज से संबंधित है?
- भाग IX
- भाग IX-A
- भाग X
- भाग VIII
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है। इसे 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह भाग पंचायतों के गठन, उनकी शक्तियों, प्राधिकार और जिम्मेदारियों, राज्य विधानमंडलों द्वारा पंचायतों को सौंपे जाने वाले स्व-शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने हेतु अनिवार्य प्रावधानों को निर्धारित करता है।
- गलत विकल्प: भाग IX-A नगरपालिकाओं से संबंधित है; भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है; भाग VIII संघ राज्य क्षेत्रों से संबंधित है।
प्रश्न 7: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council) का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक गैर-संवैधानिक निकाय है, जिसका गठन 1952 में हुआ था। इसके पदेन अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम स्वीकृति प्रदान करती है और राष्ट्रीय विकास से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श करती है। इसमें केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति, नीति आयोग के उपाध्यक्ष या वित्त मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष नहीं होते।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों के निर्माण या वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 4
- अनुच्छेद 1
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3 संसद को यह शक्ति देता है कि वह किसी राज्य में से उसका क्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर नए राज्य का निर्माण कर सके, या किसी राज्य के क्षेत्र को बढ़ा सके, या घटा सके, या किसी राज्य की सीमाओं में परिवर्तन कर सके, या किसी राज्य के नाम में परिवर्तन कर सके।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद संसद को भारतीय संघ की पुनर्संरचना करने की महत्वपूर्ण शक्ति प्रदान करता है। हालाँकि, किसी भी राज्य की सीमा या नाम बदलने के लिए उस राज्य विधानमंडल की राय प्राप्त करना आवश्यक होता है, लेकिन वह राय संसद के लिए बाध्यकारी नहीं होती।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत को ‘राज्यों का संघ’ घोषित करता है; अनुच्छेद 2 नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना से संबंधित है (जो भारत संघ का हिस्सा नहीं हैं); अनुच्छेद 4 स्पष्ट करता है कि ऐसे परिवर्तन अनुच्छेद 368 के तहत ‘संशोधन’ नहीं माने जाएंगे।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का एक ‘अभिन्न अंग’ है?
- बेरुबारी वाद (1960)
- केशवानंद भारती वाद (1973)
- गोलकनाथ वाद (1967)
- मिनर्वा मिल्स वाद (1980)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक वाद में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का ‘अभिन्न अंग’ है, न कि केवल एक पूरक।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने प्रस्तावना के महत्व को स्थापित किया और यह भी निर्धारित किया कि संसद प्रस्तावना सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है, बशर्ते कि वह ‘संविधान के मूल ढांचे’ (Basic Structure) को नष्ट न करे। बेरुबारी वाद में प्रस्तावना को संविधान का अंग नहीं माना गया था।
- गलत विकल्प: बेरुबारी वाद में प्रस्तावना को अंग नहीं माना गया; गोलकनाथ वाद में संसद के संशोधन की शक्ति को सीमित किया गया; मिनर्वा मिल्स वाद ने मूल ढांचे के सिद्धांत को और मजबूत किया।
प्रश्न 10: भारतीय संसद का कौन सा सदन ‘लोकसभा’ के साथ संयुक्त रूप से भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया में भाग लेता है?
- केवल राज्यसभा
- केवल लोकसभा
- राज्यसभा और लोकसभा दोनों
- कोई भी नहीं, राष्ट्रपति पर महाभियोग केवल सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चलाया जाता है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया अनुच्छेद 61 में वर्णित है। महाभियोग का आरोप किसी भी सदन द्वारा लगाया जा सकता है, लेकिन आरोप लगाने वाले सदन को दूसरे सदन से जांच करानी होती है। आरोप का प्रस्ताव एक सदन के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए और उस सदन के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा प्रस्तावित होना चाहिए। आरोप पत्र की सूचना राष्ट्रपति को 14 दिन पूर्व देनी होती है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया में केवल निर्वाचित सदस्य ही नहीं, बल्कि मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं। चूंकि राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के स्पीकर को मनोनीत करते हैं, इसलिए अनुच्छेद 61(1) के तहत, आरोप लगने वाले सदन (जहां से आरोप शुरू हुआ) के अलावा, दूसरा सदन (जो जांच करता है) राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया में भाग लेता है। चूंकि आरोप प्रथम बार लोकसभा या राज्यसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है, इसलिए दूसरा सदन (राज्यसभा, यदि आरोप लोकसभा में शुरू हुआ है, या लोकसभा, यदि आरोप राज्यसभा में शुरू हुआ है) जांच और मतदान में भाग लेता है। हालाँकि, प्रश्न ‘संयुक्त रूप से भाग लेता है’ पूछ रहा है, जिसका अर्थ है कि जिस सदन में आरोप शुरू नहीं हुआ, वह जांच और अगले चरण में भाग लेता है। इसलिए, यदि आरोप लोकसभा में है, तो राज्यसभा जांच करती है और यदि आरोप राज्यसभा में है, तो लोकसभा जांच करती है। यह एक प्रकार का संयुक्त कार्यवाही का संकेत है। लेकिन, महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल संसद के सदस्य (जो राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते) महाभियोग में भाग लेते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति पर महाभियोग संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा मिलकर चलाया जाता है, न कि केवल एक सदन द्वारा।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?
- भाग IV: राज्य के नीति निदेशक तत्व
- भाग III: मूल अधिकार
- भाग II: नागरिकता
- भाग V: संसद
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में, भाग V ‘संघ’ (The Union) से संबंधित है, जिसमें कार्यपालिका, संसद, संघ की न्यायपालिका आदि शामिल हैं। संसद का उल्लेख भाग V के अध्याय II (अनुच्छेद 79-122) में है।
- संदर्भ और विस्तार: अन्य सभी विकल्प सही सुमेलित हैं: भाग IV में राज्य के नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 36-51), भाग III में मूल अधिकार (अनुच्छेद 12-35) और भाग II में नागरिकता (अनुच्छेद 5-11) हैं।
- गलत विकल्प: भाग V सीधे ‘संसद’ का नाम नहीं है, बल्कि ‘संघ’ का है, जिसमें संसद, कार्यपालिका, न्यायपालिका आदि शामिल हैं। लेकिन यह प्रश्न के संदर्भ में सबसे सटीक उत्तर है क्योंकि भाग V का एक बड़ा हिस्सा संसद से संबंधित है। यदि विकल्प में ‘संघ’ होता, तो वह अधिक सटीक होता। यहाँ ‘संसद’ को उस भाग से संबंधित माना गया है। (यह प्रश्न थोड़ा भ्रामक हो सकता है, लेकिन परीक्षा में ऐसे प्रश्न आ सकते हैं जहाँ सबसे उचित उत्तर चुनना होता है।)
प्रश्न 12: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सरकारी लेखाओं की लेखापरीक्षा करने वाला एक महत्वपूर्ण संवैधानिक प्राधिकरण है। वह सरकार के खर्चों की वैधता और कुशलता की जांच करता है और अपनी रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत करता है।
- गलत विकल्प: CAG की नियुक्ति में प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान में ‘अवशिष्ट शक्तियों’ (Residuary Powers) का प्रावधान किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- यूनाइटेड किंगडम
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में अवशिष्ट शक्तियों का प्रावधान कनाडा के संविधान से प्रेरित है। अनुच्छेद 248 के अनुसार, संसद के पास उन सभी विषयों के संबंध में, जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल नहीं हैं, विधि बनाने की अनन्य शक्ति है।
- संदर्भ और विस्तार: कनाडा में भी, अवशिष्ट शक्तियाँ संघीय सरकार के पास हैं, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में, अवशिष्ट शक्तियाँ राज्यों के पास हैं। भारत ने कनाडा के संघीय मॉडल का अनुसरण किया है, जहाँ केंद्र सरकार को मजबूत बनाने पर जोर था।
- गलत विकल्प: अमेरिका में अवशिष्ट शक्तियाँ राज्यों के पास हैं; यूके में संसदीय संप्रभुता का सिद्धांत है; ऑस्ट्रेलिया में शक्तियों का विभाजन है, लेकिन अवशिष्ट शक्तियों की अवधारणा भिन्न है।
प्रश्न 14: किसी व्यक्ति को किसी लोक पद पर गैर-कानूनी रूप से कब्जा करने से रोकने के लिए कौन सा रिट जारी किया जाता है?
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘अधिकार-पृच्छा’ (Quo Warranto) का शाब्दिक अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह रिट किसी व्यक्ति को उस सार्वजनिक पद पर आसीन होने से रोकता है, जिसके लिए वह वैध रूप से हकदार नहीं है। यह अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत जारी की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: इस रिट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक पद पर केवल योग्य व्यक्ति ही आसीन हों और कोई भी गैर-कानूनी तरीके से पद प्राप्त न करे।
- गलत विकल्प: परमादेश किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है; प्रतिषेध निचली अदालत को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकता है; उत्प्रेषण निचली अदालत के किसी निर्णय को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की उद्घोषणा का आधार नहीं हो सकती?
- युद्ध
- बाह्य आक्रमण
- सशस्त्र विद्रोह
- आर्थिक दिवालियापन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा कर सकते हैं यदि उन्हें यह विश्वास हो जाए कि ‘युद्ध’ (war), ‘बाह्य आक्रमण’ (external aggression) या ‘सशस्त्र विद्रोह’ (armed rebellion) के कारण भारत की सुरक्षा को खतरा है।
- संदर्भ और विस्तार: 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 ने ‘आंतरिक अशांति’ (internal disturbance) शब्द को बदलकर ‘सशस्त्र विद्रोह’ कर दिया, ताकि इस आधार का दुरुपयोग न हो सके। आर्थिक दिवालियापन राष्ट्रीय आपातकाल का आधार नहीं है।
- गलत विकल्प: युद्ध, बाह्य आक्रमण और सशस्त्र विद्रोह तीनों अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल के वैध आधार हैं।
प्रश्न 16: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत कितने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों का गठन किया गया था?
- 14 राज्य और 5 केन्द्रशासित प्रदेश
- 15 राज्य और 6 केन्द्रशासित प्रदेश
- 13 राज्य और 7 केन्द्रशासित प्रदेश
- 16 राज्य और 6 केन्द्रशासित प्रदेश
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 ने भारत को भाषाई आधार पर पुनर्गठित किया, जिसके परिणामस्वरूप 14 राज्यों और 6 केन्द्रशासित प्रदेशों का निर्माण हुआ। (कुछ स्रोत 5 केन्द्रशासित प्रदेश बताते हैं, लेकिन मुख्य गठन 14 राज्य और 6 केन्द्रशासित प्रदेश का था, जिसमें दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, और लक्षद्वीप, मिनिकॉय और अमीनदीवी द्वीपसमूह शामिल थे)। यह ध्यान देने योग्य है कि संघ राज्य क्षेत्रों की संख्या में भिन्नता पाई जाती है। सबसे आम व्याख्या 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश है। (कृपया ध्यान दें कि कुछ स्रोत 5 केंद्र शासित प्रदेश बताते हैं, लेकिन 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश अधिक स्वीकार्य है। यदि प्रश्न विकल्प में 6 नहीं है, तो 5 को सही माना जा सकता है।)
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम फजल अली आयोग की सिफारिशों पर आधारित था, जिसने भाषा को पुनर्गठन का आधार बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन इसने ‘एक भाषा-एक राज्य’ के सिद्धांत को पूरी तरह से नहीं अपनाया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की सही संख्या नहीं बताते हैं।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान का कौन सा संशोधन ‘शिक्षा के अधिकार’ को मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित करता है?
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
- 91वां संशोधन अधिनियम, 2003
- 97वां संशोधन अधिनियम, 2011
- 101वां संशोधन अधिनियम, 2016
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 ने अनुच्छेद 21A को जोड़ा, जिसने 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने डीपीएसपी के अनुच्छेद 45 को भी संशोधित किया, जिसमें कहा गया है कि राज्य 6 वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करेगा।
- गलत विकल्प: 91वां, 97वां और 101वां संशोधन क्रमशः मंत्रिपरिषद के आकार, सहकारी समितियों और वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित हैं।
प्रश्न 18: अनुच्छेद 324 भारतीय संविधान के किस पहलू से संबंधित है?
- संघ लोक सेवा आयोग
- भारत का निर्वाचन आयोग
- वित्त आयोग
- राजभाषा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 324 में भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) की स्थापना, संरचना, शक्तियाँ और कार्यों का प्रावधान है।
- संदर्भ और विस्तार: निर्वाचन आयोग भारत में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार एक संवैधानिक निकाय है। यह राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और संसद तथा राज्य विधानमंडलों के चुनावों का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करता है।
- गलत विकल्प: संघ लोक सेवा आयोग अनुच्छेद 315 में है; वित्त आयोग अनुच्छेद 280 में है; राजभाषा के प्रावधान भाग 17 में हैं।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान के मूल ढांचे’ (Basic Structure) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया?
- शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ (1951)
- सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य (1965)
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है, लेकिन वह ‘संविधान के मूल ढांचे’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत संविधान की सर्वोच्चता और उसके मौलिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इस सिद्धांत के तहत, कुछ मौलिक तत्व जैसे लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, न्यायिक समीक्षा, विधि का शासन आदि को संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा माना गया है।
- गलत विकल्प: शंकर प्रसाद और सज्जन सिंह वादों में केशों की शक्ति को बरकरार रखा गया था; गोलकनाथ वाद ने मूल ढांचे के सिद्धांत का अप्रत्यक्ष रूप से बीज बोया, लेकिन इसे केशवानंद वाद में स्थापित और स्पष्ट किया गया।
प्रश्न 20: भारत में ‘प्रभावी पुनरीक्षण’ (Effective Revision) की अवधारणा किस न्यायिक सिद्धांत से संबंधित है?
- न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review)
- कानून की उचित प्रक्रिया (Due Process of Law)
- विशेषाधिकार प्राप्त रिट (Writ of Privilege)
- लोक उपास्थापन (Public Interest Litigation – PIL)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: ‘प्रभावी पुनरीक्षण’ (Effective Revision) की अवधारणा ‘न्यायिक पुनरावलोकन’ (Judicial Review) का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह न्यायालय की उस शक्ति को दर्शाता है जिसके द्वारा वह कार्यपालिका या विधायिका द्वारा किए गए किसी भी कार्य की संवैधानिकता की जांच कर सकती है और यदि वह असंवैधानिक पाया जाता है तो उसे रद्द कर सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार ही कार्य करे। यह अनुच्छेद 13, 32 और 226 के तहत सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को प्राप्त है।
- गलत विकल्प: कानून की उचित प्रक्रिया अमेरिकी संविधान से ली गई है; विशेषाधिकार प्राप्त रिट कोई स्थापित शब्द नहीं है; PIL सार्वजनिक हित में न्याय तक पहुँच को सुगम बनाता है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेता है?
- राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
- राज्य विधान परिषदों के निर्वाचित सदस्य
- दिल्ली और पुडुचेरी के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
- लोकसभा के मनोनीत सदस्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 54 के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों और राज्य विधानमंडलों (विधानसभाओं) के निर्वाचित सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचकगण द्वारा किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि राज्य विधान परिषदों के सदस्य (चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत) और संसद के मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं। दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य 70वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा शामिल किए गए।
- गलत विकल्प: राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली/पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेते हैं। राज्य विधान परिषदों के सदस्य भाग नहीं लेते, लेकिन विकल्प (d) अधिक स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्यक्ष भागीदार नहीं होने वाले समूह को दर्शाता है।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘विधि के समक्ष समानता’ (Equality before law) की गारंटी दी गई है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14 कहता है कि राज्य किसी भी व्यक्ति को भारत के राज्यक्षेत्र में विधि के समक्ष समानता या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: ‘विधि के समक्ष समानता’ (Rule of Law) का विचार ब्रिटिश मूल का है, जिसका अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी ऊंचा क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। ‘विधियों का समान संरक्षण’ (Equal protection of laws) अमेरिकी संविधान से प्रेरित है, जिसका अर्थ है कि समान परिस्थितियों में सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 विभेद का प्रतिषेध करता है; अनुच्छेद 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता देता है; अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privilege) का एक उदाहरण है?
- सदस्यों को सदन में उनकी कही गई बात के लिए गिरफ़्तारी से छूट
- सदन में मतदान करने की स्वतंत्रता
- सदन की कार्यवाही को मीडिया में प्रकाशित करने का अधिकार
- संसद के बाहर विशेषाधिकारों का प्रयोग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकारों में से एक है कि संसद के किसी भी सदन में कही गई किसी भी बात या दिए गए किसी भी वोट के संबंध में किसी भी सदस्य को किसी भी न्यायालय में किसी भी कार्यवाही के अधीन नहीं किया जाएगा (अनुच्छेद 105)। इसमें दीवानी और फौजदारी दोनों मामलों में कुछ मामलों में गिरफ़्तारी से छूट शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: यह विशेषाधिकार सदस्यों को बिना किसी भय के अपने विचार व्यक्त करने और संसद के कार्यों को कुशलतापूर्वक संचालित करने में सक्षम बनाता है।
- गलत विकल्प: सदन में मतदान की स्वतंत्रता एक विशेषाधिकार है, लेकिन गिरफ़्तारी से छूट अधिक प्रत्यक्ष उदाहरण है; सदन की कार्यवाही को प्रकाशित करने का अधिकार विशेषाधिकार का उल्लंघन हो सकता है यदि वह अनधिकृत हो; संसद के बाहर विशेषाधिकारों का प्रयोग सीमित होता है।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत किसी भी नागरिक के लिए धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का प्रतिषेध किया गया है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 18
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य किसी भी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सार्वजनिक स्थानों पर समान पहुँच की गारंटी देता है और सार्वजनिक जीवन में किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोकता है, जो भारतीय समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है; अनुच्छेद 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता प्रदान करता है; अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।
प्रश्न 25: भारत में ‘संघ राज्य क्षेत्र’ (Union Territory) की अवधारणा का उल्लेख संविधान के किस भाग में है?
- भाग VI
- भाग VII
- भाग VIII
- भाग IX
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग VIII संघ राज्य क्षेत्रों (Union Territories) से संबंधित है, जिसके अंतर्गत अनुच्छेद 239 से 242 तक के प्रावधान शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये अनुच्छेद संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन, उनके लिए विशेष विधानमंडल बनाने की शक्ति और राष्ट्रपति की भूमिका को परिभाषित करते हैं। उदाहरण के लिए, अनुच्छेद 239A दिल्ली के लिए विशेष प्रावधान करता है।
- गलत विकल्प: भाग VI राज्यों से संबंधित है; भाग VII अब निरस्त है; भाग IX पंचायती राज से संबंधित है।