संविधान महारथी: आज ही अपनी पॉलिटी की तैयारी को मजबूत करें!
नमस्कार, भविष्य के प्रशासनिक अधिकारियों! भारतीय लोकतंत्र की नींव को समझने और अपनी संवैधानिक समझ को परखने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता। आज हम आपके लिए लाए हैं भारतीय राजव्यवस्था और संविधान पर आधारित 25 चुनिंदा वस्तुनिष्ठ प्रश्न, जो आपकी तैयारी के स्तर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। तो चलिए, अपनी अवधारणाओं को परखें और संवैधानिक महारथी बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ाएं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ शब्द का क्या अर्थ है?
- भारत एक निर्वाचित राष्ट्राध्यक्ष द्वारा शासित होगा।
- भारत में वंशानुगत शासन व्यवस्था होगी।
- भारत एक एकात्मक राज्य होगा।
- भारत एक संघ शासित प्रदेश होगा।
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख, अर्थात राष्ट्रपति, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है। यह पद वंशानुगत नहीं होता। प्रस्तावना में ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य’ शब्दों से भारत की प्रकृति का वर्णन किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 54 के अनुसार, भारत का राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्यों और राज्य विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा एक निर्वाचक मंडल के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है।
- गलत विकल्प: (b) गलत है क्योंकि गणराज्य में वंशानुगत शासन नहीं होता। (c) एकात्मक राज्य का अर्थ है कि सारी शक्ति केंद्र में निहित होती है, जो गणराज्य का आवश्यक तत्व नहीं है। (d) संघ शासित प्रदेश भारत गणराज्य का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन यह गणराज्य का अर्थ नहीं है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारत के नागरिकों को ही प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 26)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकार दिए गए हैं। अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, और 30 केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव का निषेध करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 26 (धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता) भी कुछ हद तक विदेशियों पर लागू हो सकता है, लेकिन अनुच्छेद 15 विशेष रूप से नागरिकों को भेदभाव से सुरक्षा प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: (a) अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों के लिए है। (b) अनुच्छेद 26 धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित है, जिसके दायरे में विदेशियों के अधिकार भी कुछ सीमा तक आते हैं। (c) अनुच्छेद 21 सभी व्यक्तियों के लिए है।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 112
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72, भारतीय संविधान के भाग V, अध्याय I (कार्यपालिका) के अंतर्गत, राष्ट्रपति को क्षमादान, दंड को कम करने, या कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन या परिहार करने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को युद्ध अपराधों, नौसेना, वायु सेना के कानूनों के उल्लंघन से संबंधित दंडों पर भी लागू होती है। हालाँकि, राज्यपाल को भी अनुच्छेद 161 के तहत समान शक्ति प्राप्त है, लेकिन राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का दायरा राज्यपाल से अधिक व्यापक है, विशेष रूप से मृत्युदंड के मामले में।
- गलत विकल्प: (b) अनुच्छेद 111, राष्ट्रपति की वीटो शक्ति से संबंधित है। (c) अनुच्छेद 123, राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। (d) अनुच्छेद 112, केंद्रीय बजट (वार्षिक वित्तीय विवरण) से संबंधित है।
प्रश्न 4: भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव किसके द्वारा किया जाता है?
- संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों द्वारा
- लोकसभा के सभी सदस्यों द्वारा
- राज्यसभा के सभी सदस्यों द्वारा
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 66, संविधान के अनुसार, भारत का उपराष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों (मनोनीत सदस्यों सहित) से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल द्वारा, आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा चुना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं, चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत। यह राष्ट्रपति के चुनाव से भिन्न है, जहां केवल निर्वाचित सदस्य ही भाग लेते हैं।
- गलत विकल्प: (b) और (c) केवल एक सदन के सदस्यों को शामिल करते हैं। (d) मनोनीत सदस्यों को बाहर रखता है, जो गलत है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन भारत के प्रधानमंत्री को पद की शपथ दिलाता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 75(4) के अनुसार, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रधानमंत्री, सरकार का मुखिया होता है और राष्ट्रपति, संघ की कार्यपालिका का मुखिया होता है। यह शपथ यह सुनिश्चित करती है कि प्रधानमंत्री और मंत्री अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करें।
- गलत विकल्प: (b) भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख होते हैं। (c) उपराष्ट्रपति संवैधानिक पद पर होते हैं लेकिन शपथ राष्ट्रपति दिलाते हैं। (d) लोकसभा अध्यक्ष सदन के कामकाज का संचालन करते हैं।
प्रश्न 6: लोकसभा में, कोरम (गणपूर्ति) के लिए सदस्यों की न्यूनतम संख्या कितनी होनी चाहिए?
- कुल सदस्यों का दसवां हिस्सा
- कुल सदस्यों का बीसवां हिस्सा
- कुल सदस्यों का पंद्रहवां हिस्सा
- कुल सदस्यों का पांचवां हिस्सा
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 100(3) के अनुसार, किसी भी सदन की बैठक की कार्यवाहियाँ, बैठक में उपस्थित सदस्यों की कुल संख्या के दसवें हिस्से (Coreum) के बराबर कोरम के अभाव में नहीं हो सकती।
- संदर्भ और विस्तार: कोरम यह सुनिश्चित करता है कि बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए पर्याप्त संख्या में सदस्य उपस्थित हों। लोकसभा के लिए, 552 की कुल सदस्य संख्या का दसवां हिस्सा 55 होता है।
- गलत विकल्प: (b), (c), और (d) अन्य प्रतिशत हैं जो कोरम की संवैधानिक आवश्यकता को पूरा नहीं करते।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा विषय समवर्ती सूची (Concurrent List) में शामिल है?
- रेलवे
- कृषि
- जन स्वास्थ्य
- जनरल इंटेलिजेंस (सामान्य ज्ञान) – (यह सूची का भाग नहीं है)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची का वर्णन है। समवर्ती सूची में ऐसे विषय हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं। ‘जन स्वास्थ्य’ (Public Health) समवर्ती सूची की प्रविष्टि 20 है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि समवर्ती सूची के किसी विषय पर केंद्र और राज्य द्वारा बनाए गए कानूनों में टकराव होता है, तो केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून मान्य होता है, बशर्ते कि राष्ट्रपति ने राज्य के कानून को उस पर विचार के लिए आरक्षित किया हो और उसे मंजूरी दे दी हो।
- गलत विकल्प: (a) ‘रेलवे’ संघ सूची में है। (b) ‘कृषि’ राज्य सूची में है। (d) यह एक काल्पनिक विकल्प है।
प्रश्न 8: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) निम्नलिखित में से किसके प्रति उत्तरदायी होता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- संसद
- वित्त मंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 के तहत एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है। CAG अपनी ऑडिट रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जिसे राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखता है (अनुच्छेद 151)।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रकार, CAG सीधे संसद के प्रति उत्तरदायी होता है क्योंकि वही CAG की रिपोर्टों पर विचार करती है और सरकारी खर्च की जांच करती है।
- गलत विकल्प: (a) और (d) कार्यकारी शाखा के हिस्से हैं। (b) राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी जाती है, लेकिन उत्तरदायित्व संसद के प्रति होता है।
प्रश्न 9: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज से संबंधित प्रावधान शामिल हैं, और ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी गई।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को एक संवैधानिक दर्जा प्रदान किया, जिससे उन्हें स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में मान्यता मिली और उनके कार्यों तथा शक्तियों को परिभाषित किया गया।
- गलत विकल्प: (b) 74वां संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं) से संबंधित है। (c) और (d) पंचायती राज से संबंधित पिछले प्रयास थे लेकिन अधिनियमित नहीं हुए।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ की घोषणा से संबंधित है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 370
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352, संविधान के भाग XVIII (आपात उपबंध) के अंतर्गत, राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने की शक्ति देता है, यदि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे, युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से संतुष्ट हो।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, संघ की कार्यपालिका शक्तियाँ राज्य सरकारों को निर्देश देने तक विस्तृत हो जाती हैं, और मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) को निलंबित किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: (b) अनुच्छेद 356 ‘राज्य आपातकाल’ (संवैधानिक मशीनरी की विफलता) से संबंधित है। (c) अनुच्छेद 360 ‘वित्तीय आपातकाल’ से संबंधित है। (d) अनुच्छेद 370, जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था (अब निरस्त)।
प्रश्न 11: किसी राज्य की विधान परिषद का सभापति (Chairman) किसके द्वारा चुना जाता है?
- राज्य की विधानसभा के सदस्यों द्वारा
- राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा
- राज्य विधान परिषद के सदस्यों द्वारा
- राज्य के राज्यपाल द्वारा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान विधान परिषदों के लिए सभापति और उप-सभापति के चुनाव का प्रावधान करता है। विधान परिषद अपने सदस्यों में से एक सभापति और एक उप-सभापति का चुनाव करती है, जो परिषद के सदस्यों में से ही चुने जाते हैं (संविधान के भाग VI, अध्याय III के तहत)।
- संदर्भ और विस्तार: यह चुनाव विधानसभा के सभापति/अध्यक्ष के चुनाव से भिन्न है, जो विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुना जाता है।
- गलत विकल्प: (a) विधानसभा के सदस्य विधान परिषद के सभापति का चुनाव नहीं करते। (b) केवल परिषद के सदस्य ही चुनाव करते हैं। (d) राज्यपाल का चुनाव में कोई भूमिका नहीं है।
प्रश्न 12: ‘संविधान की आत्मा’ किस केस में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा माना गया?
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
- शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
- ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: हालांकि प्रस्तावना को ‘संविधान की आत्मा’ कहा जाता है, लेकिन ‘संविधान की आत्मा’ वाक्यांश का प्रयोग सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में किया था, यह कहते हुए कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है और यह सर्वोच्च है।
- संदर्भ और विस्तार: इस मामले में, न्यायालय ने ‘मूल संरचना सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) का प्रतिपादन किया, जिसने संसद की संविधान को संशोधित करने की शक्ति को सीमित कर दिया।
- गलत विकल्प: (b) मेनका गांधी मामले ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के दायरे का विस्तार किया। (c) शंकर प्रसाद मामले में संसद की संविधान संशोधन शक्ति को सही ठहराया गया था। (d) ए.के. गोपालन मामले ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों को बरकरार रखा था।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन भारत में ‘लोकपाल’ के पद से संबंधित है?
- संविधान का भाग IV
- संविधान का भाग III
- संविधान का भाग VA
- लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: लोकपाल एक वैधानिक निकाय है, न कि संवैधानिक। इसका प्रावधान लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना है।
- संदर्भ और विस्तार: जबकि संविधान के भाग IV (नीति निदेशक तत्व) में नागरिकों के कल्याण और सार्वजनिक कल्याण से संबंधित सामान्य सिद्धांत हैं, लोकपाल जैसी संस्था का प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं है। भाग III मौलिक अधिकार और भाग VA संघ की कार्यपालिका से संबंधित है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) संविधान के हिस्से हैं जो लोकपाल की स्थापना का प्रत्यक्ष प्रावधान नहीं करते।
प्रश्न 14: भारत में, वित्तीय आपातकाल की घोषणा निम्नलिखित में से किसके द्वारा की जा सकती है?
- वित्त मंत्री
- प्रधानमंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- सर्वोच्च न्यायालय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 के तहत, भारत का राष्ट्रपति यह घोषणा कर सकता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें भारत की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा है।
- संदर्भ और विस्तार: वित्तीय आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होने के बाद दो महीने की अवधि के लिए लागू रहती है। इस दौरान, राष्ट्रपति राज्यों को वित्तीय औचित्य के मानकों को बनाए रखने के लिए निर्देश दे सकते हैं, और केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्ते कम किए जा सकते हैं। भारत ने आज तक कभी भी वित्तीय आपातकाल का अनुभव नहीं किया है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) के पास यह संवैधानिक शक्ति नहीं है।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को सार्वजनिक कार्यालय धारण करने के लिए अवैध होने पर जारी की जाती है?
- हेवियस कॉर्पस
- मेंडमस
- प्रोहिबिशन
- क्यू वारंटो
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘क्यू वारंटो’ (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस वारंट द्वारा’। यह रिट किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ जारी की जाती है जो सार्वजनिक पद को अवैध रूप से धारण कर रहा हो, ताकि यह पूछा जा सके कि वह किस अधिकार या वारंट के तहत उस पद पर है। यह अधिकार क्षेत्र अनुच्छेद 32 (सुप्रीम कोर्ट) और 226 (हाई कोर्ट) के तहत आता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस रिट के माध्यम से, न्यायालय उस व्यक्ति को उस पद से हटा सकता है यदि वह पद धारण करने के लिए योग्य न हो।
- गलत विकल्प: (a) हेवियस कॉर्पस, अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ है। (b) मेंडमस, किसी लोक प्राधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश है। (c) प्रोहिबिशन, किसी निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए है।
प्रश्न 16: संसद द्वारा पारित किस अधिनियम ने पहली बार भारत में सांप्रदायिक निर्वाचन का सिद्धांत पेश किया?
- भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
- भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
- भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 (मॉर्ले-मिंटो सुधार)
- भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय परिषद अधिनियम, 1909, जिसे मॉर्ले-मिंटो सुधार के नाम से भी जाना जाता है, ने भारत में पहली बार सांप्रदायिक निर्वाचन (Separate Electorate) की शुरुआत की। इसने मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र और अलग मतदाता मंडल का प्रावधान किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने भारत में ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति की शुरुआत की, जिसने बाद में भारतीय समाज में सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: (a) 1861 के अधिनियम ने भारतीयों को विधान परिषदों में शामिल करने की शुरुआत की। (b) 1892 के अधिनियम ने अप्रत्यक्ष चुनाव की शुरुआत की और परिषदों के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया। (d) 1919 के अधिनियम ने सांप्रदायिक निर्वाचन का विस्तार अन्य समुदायों तक किया।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा कथन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के बारे में सही नहीं है?
- इसका अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश होता है।
- यह एक संवैधानिक निकाय है।
- यह मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच कर सकता है।
- यह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक वैधानिक निकाय है, न कि एक संवैधानिक निकाय। इसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: आयोग का अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश होता है, और सदस्यों का चयन राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर किया जाता है। यह आयोग मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच कर सकता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जिसे संसद के समक्ष रखा जाता है।
- गलत विकल्प: (a), (c), और (d) सभी सही कथन हैं। (b) गलत है क्योंकि NHRC एक संवैधानिक निकाय नहीं है।
प्रश्न 18: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘ बंधुत्व’ (Fraternity) का अर्थ क्या है?
- लोगों के बीच भाईचारे की भावना
- सभी वर्गों का समान प्रतिनिधित्व
- राज्य का हस्तक्षेप न करना
- कानून के सामने सभी समान होंगे
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का अर्थ है लोगों के बीच भाईचारे की भावना। यह व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिक एक-दूसरे के साथ सम्मान और सद्भाव से रहें, जिससे समाज में एकता बनी रहे।
- गलत विकल्प: (b) यह समानता की भावना से जुड़ा है। (c) यह ‘अहस्तक्षेप’ या ‘स्वतंत्रता’ से अधिक संबंधित है। (d) यह ‘समानता’ (Equality) के सिद्धांत को दर्शाता है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों का निर्माण करने या मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों को बदलने की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 4
- अनुच्छेद 1
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3, संविधान के भाग I (संघ और उसका राज्यक्षेत्र) के अंतर्गत, संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह विधि द्वारा, भारत संघ में नए राज्य को प्रवेश कर सके या नए राज्यों की स्थापना कर सके, किसी भी राज्य के क्षेत्र को बढ़ा सके, किसी राज्य के क्षेत्र को घटा सके, किसी राज्य की सीमाओं में परिवर्तन कर सके, या किसी राज्य के नाम में परिवर्तन कर सके।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रकार के परिवर्तन के लिए राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है, और संबंधित राज्य विधानमंडल की राय जानने के लिए उस राज्य के विधानमंडल को एक निश्चित अवधि के लिए विधेयक भेजा जाता है। हालाँकि, संसद उस राय से बाध्य नहीं होती।
- गलत विकल्प: (a) अनुच्छेद 2, संघ में नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना से संबंधित है, लेकिन यह भारत के भीतर मौजूदा राज्यों के पुनर्गठन के बारे में नहीं है। (c) अनुच्छेद 4, यह प्रावधान करता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संशोधन नहीं माने जाएंगे। (d) अनुच्छेद 1, भारत को ‘राज्यों का संघ’ घोषित करता है।
प्रश्न 20: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) को निम्नलिखित में से कौन पद से हटा सकता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद
- संसद के दोनों सदन महाभियोग प्रक्रिया के माध्यम से
- सर्वोच्च न्यायालय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों को संविधान के अनुच्छेद 324(5) के तहत राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। उन्हें केवल दुर्व्यवहार या असमर्थता के आधार पर, उसी प्रक्रिया द्वारा हटाया जा सकता है जैसे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रक्रिया संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) द्वारा विशेष बहुमत से एक प्रस्ताव पारित करने के माध्यम से होती है, जिसमें साबित कदाचार या असमर्थता का आधार हो। यह प्रक्रिया महाभियोग (Impeachment) के समान है।
- गलत विकल्प: (a) राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं, लेकिन हटाते नहीं। (b) प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की इसमें सीधे भूमिका नहीं होती। (d) सर्वोच्च न्यायालय स्वतः हटा नहीं सकता, बल्कि उस प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है।
प्रश्न 21: भारतीय संविधान की ‘जमीनी आत्मा’ (Grassroot Soul) के रूप में किसे जाना जाता है?
- मौलिक अधिकार
- नीति निदेशक तत्व
- पंचायती राज संस्थाएं
- प्रस्तावना
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: पंचायती राज संस्थाओं को अक्सर भारतीय संविधान की ‘जमीनी आत्मा’ कहा जाता है क्योंकि ये सीधे गांवों और स्थानीय समुदायों के स्तर पर शासन और विकास में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: 73वें संविधान संशोधन ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देकर विकेंद्रीकृत शासन को मजबूत किया, जिससे स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा मिला।
- गलत विकल्प: (a) मौलिक अधिकार नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा करते हैं। (b) नीति निदेशक तत्व राज्य के लिए सामाजिक-आर्थिक न्याय के मार्गदर्शक सिद्धांत हैं। (d) प्रस्तावना संविधान के लक्ष्यों और आदर्शों का परिचय देती है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन भारत के संघीय ढांचे (Federal Structure) के विरुद्ध है?
- यह सभी राज्यों के लिए समान न्याय प्रदान करता है।
- यह राज्यों को अपने विधायी अधिकार प्रदान करता है।
- यह एकल नागरिकता प्रदान करता है।
- यह एक मजबूत केंद्र की स्थापना करता है।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संघीय ढांचे में, एकल नागरिकता (Single Citizenship) की अवधारणा, जहां देश में केवल एक ही नागरिकता होती है, कई अन्य संघीय देशों (जैसे अमेरिका) की दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship – राष्ट्रीय और राज्य) के विपरीत है। एकल नागरिकता को अक्सर भारत के अर्ध-संघीय (Quasi-federal) या एकात्मक झुकाव वाले संघीय ढांचे का हिस्सा माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: जबकि अन्य विकल्प (a, b, d) संघीय ढांचे के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं (जैसे विधायी अधिकार, राज्यों का अस्तित्व, और केंद्र-राज्य संबंध), एकल नागरिकता की अवधारणा भारत को अधिक एकात्मक चरित्र प्रदान करती है।
- गलत विकल्प: (a) न्यायिक व्यवस्था (एकल एकीकृत न्यायपालिका) समान न्याय की ओर ले जाती है, जो संघीय व्यवस्था के लिए हानिकारक नहीं है। (b) राज्यों को विधायी अधिकार देना संघीय ढांचे का एक महत्वपूर्ण तत्व है। (d) एक मजबूत केंद्र का होना भारत के संघीय मॉडल की एक विशिष्टता है, लेकिन यह पूरी तरह से ढांचे के विरुद्ध नहीं है।
प्रश्न 23: राष्ट्रपति किसी विधेयक को संसद को पुनर्विचार के लिए कब लौटा सकता है?
- जब विधेयक धन विधेयक हो
- जब विधेयक संविधान संशोधन विधेयक हो
- जब विधेयक सामान्य (गैर-धन) विधेयक हो और वह राज्य विधानमंडल द्वारा पारित किया गया हो
- जब विधेयक सामान्य (गैर-धन) विधेयक हो और वह संसद द्वारा पारित किया गया हो
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 111 के अनुसार, राष्ट्रपति किसी भी गैर-धन विधेयक (Non-Money Bill) को, उस पर हस्ताक्षर करने या उसे अस्वीकार करने के अलावा, विधेयक को संसद के पुनर्विलोकन के लिए लौटा सकते हैं (यदि वह विधेयक किसी भी सदन द्वारा विचाराधीन है)।
- संदर्भ और विस्तार: यदि संसद विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा सुझाए गए संशोधनों के साथ या बिना संशोधनों के पुनः पारित करती है और राष्ट्रपति के पास प्रस्तुत करती है, तो राष्ट्रपति को उस पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होता है। राष्ट्रपति धन विधेयकों (Money Bills) या संविधान संशोधन विधेयकों को पुनर्विचार के लिए नहीं लौटा सकते।
- गलत विकल्प: (a) धन विधेयकों को राष्ट्रपति पुनर्विचार के लिए नहीं लौटा सकते। (b) संविधान संशोधन विधेयकों को भी नहीं लौटा सकते। (c) राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयक सीधे राष्ट्रपति के पास पुनर्विचार के लिए नहीं आते।
प्रश्न 24: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है।
- इसका पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।
- इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देना और उनका अनुमोदन करना है।
- यह नीति आयोग के समान ही एक वैधानिक निकाय है।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक गैर-संवैधानिक, गैर-वैधानिक निकाय है, जिसे 1952 में प्रशासनिक निर्णय द्वारा स्थापित किया गया था। इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देना और उनका अनुमोदन करना है।
- संदर्भ और विस्तार: NDC में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक या प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य पंचवर्षीय योजनाओं के निर्माण में राज्यों के सहयोग को सुनिश्चित करना है।
- गलत विकल्प: (a) यह एक संवैधानिक निकाय नहीं है और अनुच्छेद 280 वित्त आयोग से संबंधित है। (b) जबकि प्रधानमंत्री अध्यक्ष होते हैं, यह वाक्य (c) के साथ मिलकर सही होगा। (d) नीति आयोग एक वैधानिक निकाय नहीं है, बल्कि एक थिंक-टैंक के रूप में स्थापित हुआ है, और NDC का उद्देश्य कुछ अलग है।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से किस वर्ष भारत में पहली बार ‘अविश्वास प्रस्ताव’ (No-Confidence Motion) पारित हुआ था?
- 1961
- 1963
- 1971
- 1979
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारत के संसदीय इतिहास में, जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान, 1963 में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ था। यह आचार्य कृपलानी द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: अविश्वास प्रस्ताव, लोकसभा में सरकार के प्रति बहुमत का विश्वास न होने पर पेश किया जाता है। यदि यह पारित हो जाता है, तो प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है।
- गलत विकल्प: अन्य वर्ष वे थे जब अविश्वास प्रस्ताव लाए गए थे, लेकिन पारित पहली बार 1963 में हुआ था।