संविधान मंथन: 25 प्रश्न, 25 सबक
नमस्कार, भविष्य के कर्णधारों! भारतीय लोकतंत्र की नींव और शासन की बारीकियों को समझना किसी भी प्रतिस्पर्धी परीक्षा में सफलता की कुंजी है। आज के विशेष सत्र में, हम आपके संवैधानिक ज्ञान की गहराई को परखेंगे। आइए, इन 25 चुनिंदा प्रश्नों के साथ अपनी समझ को मजबूत करें और विश्लेषण करें कि आप भारत की राजव्यवस्था के कितने बड़े ज्ञाता हैं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) के तहत आता है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 32, ‘संवैधानिक उपचारों के अधिकार’ का प्रावधान करता है, जिसे डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है। यह अनुच्छेद नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। सर्वोच्च न्यायालय पाँच प्रकार की रिट जारी कर सकता है: बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण और अधिकार-पृच्छा। इसलिए, उपरोक्त सभी रिटें संवैधानिक उपचारों के अधिकार के अंतर्गत आती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये रिटें मौलिक अधिकारों के संरक्षक के रूप में कार्य करती हैं। अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय और अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय इन रिटों को जारी करने के लिए सशक्त हैं।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प (a), (b), और (c) व्यक्तिगत रूप से सही हैं, लेकिन प्रश्न उन सभी के बारे में पूछ रहा है जो संवैधानिक उपचारों के अधिकार के तहत आते हैं।
प्रश्न 2: भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें निम्नलिखित में से कौन शामिल होता है?
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
- राज्य विधानमंडलों के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
- संघ राज्य क्षेत्रों (दिल्ली और पुडुचेरी) की विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित है। इसके अनुसार, राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह मंडल किसी भी राज्य की विधान परिषद के सदस्यों या संसद और राज्य विधानमंडलों के मनोनीत सदस्यों को शामिल नहीं करता है। 70वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अनुसार, दिल्ली और पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्रों के निर्वाचित सदस्यों को भी राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया है, लेकिन प्रश्न के विकल्पों में यह स्पष्ट नहीं है कि ‘राज्य विधानमंडलों’ में विधानसभाएं शामिल हैं या नहीं। हालांकि, अनुच्छेद 54 में केवल संसद के निर्वाचित सदस्यों का स्पष्ट उल्लेख है।
- गलत विकल्प: विकल्प (b) और (c) गलत हैं क्योंकि राज्य विधानमंडल के सदस्य (चाहे वे विधानसभा के हों या विधान परिषद के) राष्ट्रपति के निर्वाचन में सीधे भाग नहीं लेते हैं।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘मूल ढाँचा सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) का प्रतिपादन किया?
- शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ (1951)
- सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य (1965)
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘मूल ढाँचा सिद्धांत’ का ऐतिहासिक फैसला केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में सर्वोच्च न्यायालय की 13 जजों की बेंच द्वारा सुनाया गया था। इस सिद्धांत के अनुसार, संसद संविधान के किसी भी हिस्से को, जिसमें मौलिक अधिकार भी शामिल हैं, संशोधित कर सकती है, लेकिन ऐसे संशोधन से संविधान का ‘मूल ढाँचा’ विकृत नहीं होना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: इस फैसले ने संविधान की सर्वोच्चता और संसद की संशोधन शक्ति के बीच संतुलन स्थापित किया। इसने संविधान की व्याख्या में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया।
- गलत विकल्प: शंकर प्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) के मामलों में, न्यायालय ने माना था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित कर सकती है। गोलकनाथ (1967) मामले में, न्यायालय ने यह माना कि संसद मौलिक अधिकारों को छीन या सीमित नहीं कर सकती, लेकिन केशवानंद भारती मामले में इस फैसले को पलट दिया गया और मूल ढाँचा सिद्धांत पेश किया गया।
प्रश्न 4: भारत में ‘नीति निर्देशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- ये किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं।
- ये देश के शासन में मूलभूत हैं।
- राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह इन तत्वों को विधि निर्माण में लागू करे।
- उपरोक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV में नीति निर्देशक तत्वों का वर्णन है (अनुच्छेद 36 से 51)। अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से कहता है कि ये सिद्धांत किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे, लेकिन “ये सिद्धांत देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि के निर्माण में इस राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह इन सिद्धांतों को लागू करे।”
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना का लक्ष्य रखते हैं और शासन के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करते हैं। यद्यपि इन्हें न्यायालय द्वारा लागू नहीं किया जा सकता, ये सरकार की नीतियों और कानूनों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- गलत विकल्प: चूंकि तीनों कथन अनुच्छेद 37 से सीधे संबंधित हैं, इसलिए सभी कथन सत्य हैं।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय’ का विचार किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- संयुक्त अधिराज्य (यूके)
- सोवियत संघ (रूस)
- आयरलैंड
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित ‘सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय’ का विचार, जो एक आदर्श समाज की स्थापना का प्रतीक है, 1917 की रूसी क्रांति से प्रेरित है और सोवियत संघ के संविधान से प्रभावित है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में उल्लिखित ये आदर्श, एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के विचार लिए गए हैं। यूके से संसदीय प्रणाली ली गई है। आयरलैंड से राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के सिद्धांत (DPSP) और राष्ट्रपति के चुनाव की प्रणाली ली गई है।
प्रश्न 6: भारत का प्रधानमंत्री अपना त्यागपत्र किसे संबोधित करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- लोकसभा अध्यक्ष
- उपराष्ट्रपति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75(2) के अनुसार, प्रधानमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और वे राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करते हैं। इसका अर्थ यह भी है कि प्रधानमंत्री अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को संबोधित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रधानमंत्री सरकार का मुखिया होता है और राष्ट्रपति, देश का मुखिया। यह औपचारिक संबंध महत्वपूर्ण है, क्योंकि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को नियुक्त करता है और प्रधानमंत्री उसकी भूमिकाओं में राष्ट्रपति को रिपोर्ट करता है।
- गलत विकल्प: लोकसभा अध्यक्ष सदन का प्रमुख होता है, मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का, और उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति का स्थान लेता है। ये प्रधानमंत्री के कार्यकाल या त्यागपत्र से सीधे संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘संसद के सत्रावसान’ (Prorogation) के बारे में सत्य है?
- यह सत्र की समाप्ति है और इसे अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।
- यह सत्र की समाप्ति है और इसे राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
- यह केवल उप-समितियों को भंग करने के लिए होता है।
- यह सत्र के स्थगन (Adjournment) के समान है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: किसी सत्र के अंत को ‘सत्रावसान’ (Prorogation) कहते हैं। यह राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है, जबकि ‘सत्र के स्थगन’ (Adjournment) का अर्थ है कि बैठक को कुछ समय के लिए (घंटों, दिनों या हफ्तों के लिए) स्थगित करना, जो सभापति या अध्यक्ष द्वारा किया जाता है। सत्रावसान के साथ ही सत्र समाप्त हो जाता है और इससे किसी भी लंबित विधेयक या प्रस्ताव पर असर नहीं पड़ता, वे अगले सत्र में भी जारी रह सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सत्रावसान के बाद, सत्र की बैठकें अनिश्चित काल तक बंद हो जाती हैं। यह एक औपचारिक प्रक्रिया है जो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से होती है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि सत्रावसान अध्यक्ष नहीं, बल्कि राष्ट्रपति करता है। विकल्प (c) गलत है क्योंकि सत्रावसान का उप-समितियों से कोई संबंध नहीं है। विकल्प (d) गलत है क्योंकि स्थगन सत्र को पूरी तरह समाप्त नहीं करता, जबकि सत्रावसान करता है।
प्रश्न 8: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने पर, किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 256
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 356, किसी राज्य में “संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने” (Failure of Constitutional Machinery) की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रावधान करता है। इसे अक्सर ‘राज्य आपातकाल’ भी कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है, जबकि अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से। अनुच्छेद 256 राज्यों को केंद्र के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य करता है, लेकिन सीधे राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रावधान नहीं करता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 और 360 राष्ट्रीय और वित्तीय आपातकाल के लिए हैं, जबकि अनुच्छेद 256 का इस संदर्भ में सीधा संबंध नहीं है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG)
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- निर्वाचन आयोग (ECI)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 में, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अनुच्छेद 315 में, और निर्वाचन आयोग (ECI) अनुच्छेद 324 में वर्णित हैं। ये सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि इनके प्रावधानों का उल्लेख सीधे संविधान में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था। इसके प्रावधान संविधान में नहीं, बल्कि एक अधिनियम में हैं।
- गलत विकल्प: CAG, UPSC और ECI तीनों ही संवैधानिक निकाय हैं, इसलिए वे गलत उत्तर हैं। NHRC संवैधानिक निकाय नहीं है।
प्रश्न 10: ‘विधि के समक्ष समानता’ (Equality Before Law) का सिद्धांत भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 ‘विधि के समक्ष समानता’ (Equality Before Law) और ‘विधियों का समान संरक्षण’ (Equal Protection of Laws) के सिद्धांत की गारंटी देता है। यह सभी व्यक्तियों के लिए कानून के सामने समान व्यवहार सुनिश्चित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘विधि के समक्ष समानता’ का विचार ब्रिटिश मूल का है, जिसका अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। ‘विधियों का समान संरक्षण’ का विचार अमेरिकी संविधान से लिया गया है, जिसका अर्थ है कि समान परिस्थितियों में सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की बात करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है।
प्रश्न 11: ग्राम सभा का क्या अर्थ है?
- एक ग्राम पंचायत का मुखिया
- ग्राम स्तर पर पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों में से किसी एक के निर्वाचक नामावली में पंजीकृत व्यक्ति
- किसी जिले का कलेक्टर
- ग्रामीण विकास के लिए नियुक्त सरकारी अधिकारी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IX (पंचायती राज) में ग्राम सभा को परिभाषित किया गया है। 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में जोड़े गए अनुच्छेद 243(b) के अनुसार, ग्राम सभा से तात्पर्य उस सभा से है जिसमें एक पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों के निर्वाचक नामावली में पंजीकृत व्यक्ति शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा, ग्राम स्तर पर एक मूलभूत लोकतांत्रिक इकाई है। यह सीधे लोगों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करती है।
- गलत विकल्प: ग्राम पंचायत का मुखिया सरपंच कहलाता है। जिले का कलेक्टर कार्यकारी अधिकारी है। ग्रामीण विकास अधिकारी सरकारी कर्मचारी है। ये ग्राम सभा के सदस्य नहीं हैं।
प्रश्न 12: संसद में ‘शून्य काल’ (Zero Hour) का क्या अर्थ है?
- जब सदन में मतदान का कार्य होता है।
- जब अध्यक्ष प्रश्नकाल को अगले दिन के लिए स्थगित कर देते हैं।
- संसदीय कार्यवाही के दिन का वह समय जब सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य बिना पूर्व सूचना के महत्वपूर्ण मामलों को उठा सकते हैं।
- जब कोई विधेयक पारित किया जाता है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: शून्य काल (Zero Hour) भारतीय संसदीय प्रक्रिया का एक नवाचार है, जो प्रश्नकाल (Question Hour) के ठीक बाद शुरू होता है और दिन के विधायी कार्यों (legislative business) के शुरू होने से पहले तक चलता है। यह वह समय है जब सदस्य बिना किसी पूर्व सूचना के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को उठा सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी शुरुआत 1962 में हुई थी। यह आमतौर पर दोपहर 12 बजे से शुरू होता है, इसलिए इसे ‘शून्य काल’ कहा जाता है। यह प्रक्रिया भारत की देन है और किसी भी अन्य देश की संसदीय प्रणाली में यह नहीं पाई जाती।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (d) संसदीय कार्यवाही के अन्य हिस्सों का वर्णन करते हैं, न कि शून्य काल का।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन भारत की ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) का विषय है?
- रेलवे
- शेयर बाजार
- वन
- कृषि
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ सूची (Union List), राज्य सूची (State List) और समवर्ती सूची (Concurrent List) का उल्लेख है। समवर्ती सूची के विषयों पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन यदि दोनों द्वारा बनाए गए कानूनों में कोई टकराव होता है, तो केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून मान्य होगा (अनुच्छेद 254)। ‘वन’ (Forests) समवर्ती सूची का विषय है (प्रविष्टि 17A)।
- संदर्भ और विस्तार: वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 जैसे कानून भारत सरकार द्वारा बनाए गए हैं, जो समवर्ती सूची के विषयों पर संसद की विधायी शक्ति को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: रेलवे (प्रविष्टि 25) संघ सूची का विषय है। शेयर बाजार (प्रविष्टि 48) संघ सूची का विषय है। कृषि (प्रविष्टि 46) राज्य सूची का विषय है।
प्रश्न 14: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा निम्नलिखित में से किसकी सलाह पर की जाती है?
- केवल भारत के मुख्य न्यायाधीश
- भारत के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
- भारत के मुख्य न्यायाधीश, संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल
- भारत के मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों (कॉलेजियम प्रणाली)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति अनुच्छेद 124(2) के तहत राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन यह नियुक्ति ‘कॉलेजियम प्रणाली’ के माध्यम से होती है। कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। यह प्रणाली 1993 के ‘द्वितीय न्यायाधीश मामले’ (Second Judges Case) के बाद विकसित हुई।
- संदर्भ और विस्तार: कॉलेजियम प्रणाली का उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखना है। इस प्रणाली के तहत, न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
- गलत विकल्प: केवल मुख्य न्यायाधीश की सलाह (a) पर्याप्त नहीं है। (b) और (c) में संबंधित उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और राज्यपाल की सलाह का उल्लेख है, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रासंगिक है, न कि सर्वोच्च न्यायालय के।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी लोक प्राधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य को करने के लिए जारी की जाती है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: परमादेश (Mandamus) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह रिट किसी सार्वजनिक प्राधिकारी, किसी निगम, किसी अवर न्यायालय या ट्रिब्यूनल या सरकार को उसके द्वारा निभाए जाने वाले सार्वजनिक या कानूनी कर्तव्य को करने का आदेश देने के लिए जारी की जाती है। यह अनुच्छेद 32 और 226 के तहत जारी की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी सार्वजनिक पदधारी अपने कर्तव्यों के निर्वहन से बच न सके।
- गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) अवैध हिरासत से रिहाई के लिए है। उत्प्रेषण (Certiorari) किसी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए है। अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) किसी व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से धारण किए गए सार्वजनिक पद को खाली कराने के लिए है।
प्रश्न 16: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का अध्यक्ष कौन होता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- नीति आयोग का उपाध्यक्ष
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) एक गैर-संवैधानिक निकाय है, जिसे 1952 में स्थापित किया गया था। इसके अध्यक्ष स्वयं भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं के अनुमोदन, पंचवर्षीय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने और राष्ट्रीय विकास से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें केंद्रीय मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति राष्ट्र का मुखिया है, न कि सरकारी कामकाज का। वित्त मंत्री और नीति आयोग का उपाध्यक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन वे अध्यक्ष नहीं होते।
प्रश्न 17: किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर एक सामान्य कानूनी अधिकार बना दिया गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 31) की श्रेणी से हटाकर संविधान के भाग XII में एक नए अनुच्छेद 300-A के तहत एक सामान्य कानूनी अधिकार बना दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इससे पहले, संपत्ति का अधिकार एक मौलिक अधिकार था, जिससे सरकार को सार्वजनिक उद्देश्य के लिए संपत्ति का अधिग्रहण करने में कठिनाई हो रही थी। इस संशोधन ने इस प्रक्रिया को सरल बनाया।
- गलत विकल्प: 42वां संशोधन (मिनी-संविधान) ने प्रस्तावना और अन्य कई अनुच्छेदों में महत्वपूर्ण बदलाव किए। 52वां संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है, और 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन भारत में ‘महान्यायवादी’ (Attorney General for India) की नियुक्ति करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- कानून मंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76(1) के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी बनने के लिए वही योग्यताएं होनी चाहिए जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने के लिए आवश्यक हैं। वे राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया होते हैं, कानून मंत्री संबंधित मंत्रालय के प्रमुख होते हैं, और मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख होते हैं। ये तीनों सीधे तौर पर महान्यायवादी की नियुक्ति नहीं करते, बल्कि राष्ट्रपति ही यह कार्य करते हैं।
प्रश्न 19: ‘पंचशील समझौता’ (Panchsheel Agreement) भारत और किस देश के बीच हुआ था?
- पाकिस्तान
- नेपाल
- चीन
- म्यांमार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: पंचशील समझौता, या पाँच सिद्धांतों का समझौता, 29 अप्रैल 1954 को भारत और चीन के बीच तिब्बत क्षेत्र के संबंध में हुआ था। इसके सिद्धांत आपसी सम्मान, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता, गैर-आक्रामकता, गैर-हस्तक्षेप और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण आधारशिला रहा है, भले ही बाद में चीन के साथ संबंधों में तनाव आया।
- गलत विकल्प: यह समझौता पाकिस्तान, नेपाल या म्यांमार के साथ नहीं हुआ था।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सी समिति ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee) की जुड़वाँ बहन’ कहलाती है?
- प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
- सरकारी उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
- तदर्थ समितियाँ (Ad hoc Committees)
- विशेषाधिकार समिति (Committee of Privileges)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) और प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) दोनों संसदीय समितियां हैं जो वित्तीय नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्राक्कलन समिति को अक्सर लोक लेखा समिति की ‘जुड़वाँ बहन’ कहा जाता है क्योंकि दोनों ही वित्तीय मामलों की जांच करती हैं। PAC भारत के CAG की रिपोर्टों की जांच करती है, जबकि प्राक्कलन समिति सरकारी खर्चों की दक्षता और अर्थव्यवस्था की जांच करती है।
- संदर्भ और विस्तार: PAC में 22 सदस्य होते हैं (15 लोकसभा से, 7 राज्यसभा से), जबकि प्राक्कलन समिति में केवल 30 सदस्य होते हैं, जो सभी लोकसभा से होते हैं।
- गलत विकल्प: सरकारी उपक्रम समिति (COU) भी एक महत्वपूर्ण समिति है, लेकिन PAC की ‘जुड़वाँ बहन’ के रूप में प्राक्कलन समिति अधिक प्रसिद्ध है। तदर्थ समितियाँ और विशेषाधिकार समितियाँ अलग-अलग उद्देश्यों के लिए होती हैं।
प्रश्न 21: भारत में ‘दल-बदल’ (Defection) के आधार पर किसी सदस्य की अयोग्यता से संबंधित प्रावधान संविधान की किस अनुसूची में है?
- दूसरी अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
- बारहवीं अनुसूची
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद/अनुसूची संदर्भ: दल-बदल के आधार पर संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित प्रावधान भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) में हैं। इस अनुसूची को 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य राजनीतिक स्थिरता बनाए रखना और सांसदों/विधायकों को पार्टी बदलने के लिए प्रोत्साहन को हतोत्साहित करना है।
- गलत विकल्प: दूसरी अनुसूची राष्ट्रपति, राज्यपाल, अध्यक्ष, न्यायाधीशों आदि के वेतन और भत्तों से संबंधित है। सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। बारहवीं अनुसूची नगर पालिकाओं से संबंधित है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत राज्य को शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में सुनिश्चित करना अनिवार्य है?
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 21A
- अनुच्छेद 22
- अनुच्छेद 23
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 ने भारतीय संविधान में अनुच्छेद 21A जोड़ा, जिसमें कहा गया है कि “राज्य छह से चौदह वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेगा, जैसा कि राज्य विधि द्वारा निर्धारित कर सकता है।”
- संदर्भ और विस्तार: यह शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाता है और इसका उद्देश्य सभी बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है। अनुच्छेद 22 कुछ मामलों में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 23 मानव तस्करी और बेगार का प्रतिषेध करता है।
प्रश्न 23: भारतीय संविधान में ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ (Procedure Established by Law) की अवधारणा किस देश से ली गई है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- संयुक्त अधिराज्य (यूके)
- जापान
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ (Procedure Established by Law) की अवधारणा भारतीय संविधान में जापान के संविधान से प्रेरित है। इसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता को केवल उस प्रक्रिया के अनुसार ही छीना जा सकता है जो कानून द्वारा स्थापित की गई हो।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत अनुच्छेद 21 में उल्लिखित है। संयुक्त राज्य अमेरिका से ‘विधि की उचित प्रक्रिया’ (Due Process of Law) की अवधारणा ली गई है, जो अधिक व्यापक है और इसमें यह भी शामिल है कि स्थापित विधि स्वयं उचित और न्यायसंगत होनी चाहिए।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से ‘विधि की उचित प्रक्रिया’ ली गई है। यूके से संसदीय प्रणाली और कानून का शासन लिया गया है। कनाडा से अर्ध-संघीय प्रणाली और अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत लिया गया है।
प्रश्न 24: भारत के संविधान का कौन सा भाग ‘पंचायतों’ से संबंधित है?
- भाग VII
- भाग VIII
- भाग IX
- भाग X
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, अनुच्छेद 243 से 243-O तक, पंचायतों (ग्राम स्तर पर स्थानीय स्वशासन) से संबंधित है। इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस भाग में पंचायतों की संरचना, उनके सदस्यों का चुनाव, उनकी शक्तियां, प्राधिकार और जिम्मेदारियां, कराधान शक्तियां और वित्तीय प्रावधानों का विस्तृत वर्णन है।
- गलत विकल्प: भाग VII को निरस्त कर दिया गया है। भाग VIII संघ राज्य क्षेत्रों से संबंधित है। भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है।
प्रश्न 25: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक’ (Comptroller and Auditor General of India – CAG) के पद का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 147
- अनुच्छेद 148
- अनुच्छेद 149
- अनुच्छेद 150
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के पद का प्रावधान करता है। यह अनुच्छेद CAG की नियुक्ति, पद की शपथ और उसके कर्तव्यों की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के लेखा-जोखा की जाँच करता है और राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है, जो संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखी जाती है। वह सार्वजनिक धन का संरक्षक माना जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 147 में ‘व्याख्या’ (Interpretation) से संबंधित प्रावधान हैं। अनुच्छेद 149 CAG के कर्तव्यों और शक्तियों का वर्णन करता है। अनुच्छेद 150 लेखाओं को संघ या राज्यों द्वारा किस रूप में रखा जाएगा, इसका वर्णन करता है।