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संविधान मंथन: राजव्यवस्था का गहन अभ्यास

संविधान मंथन: राजव्यवस्था का गहन अभ्यास

नमस्कार, भावी लोकसेवकों! भारतीय लोकतंत्र की मजबूत नींव को समझना आपकी यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखने और परीक्षा के लिए तैयार रहने का यह एक शानदार अवसर है। आइए, आज के 25 चुनिंदा प्रश्नों के साथ अपने ज्ञान की गहराइयों में उतरें और अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सी रिट, जिसका अर्थ है ‘हम आज्ञा देते हैं’, किसी लोक अधिकारी को उसका सार्वजनिक कर्तव्य करने के लिए जारी की जाती है?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. प्रतिषेध (Prohibition)
  4. उत्प्रेषण (Certiorari)

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus) रिट का अर्थ है ‘हम आज्ञा देते हैं’। यह रिट किसी उच्च न्यायालय द्वारा किसी निम्न न्यायालय, न्यायाधिकरण या लोक अधिकारी को उसके सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य को करने के लिए जारी की जाती है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह किसी भी व्यक्ति या निकाय के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती जो सार्वजनिक पद धारण नहीं करता है, न ही यह राष्ट्रपति या राज्यपाल के विरुद्ध जारी की जा सकती है, जब तक कि वे अपने कार्यालय की शक्तियों का प्रयोग या निर्वहन करते समय कार्य कर रहे हों।
  • गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ किसी व्यक्ति को न्यायालय में प्रस्तुत करने से संबंधित है। ‘प्रतिषेध’ किसी निचली अदालत को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए है। ‘उत्प्रेषण’ किसी निचली अदालत के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।

प्रश्न 2: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. वह भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है।
  2. उसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  3. उसे भारत के किसी भी न्यायालय में सुनवाई का अधिकार है।
  4. वह भारत की संचित निधि से वेतन प्राप्त करता है।

उपरोक्त में से कौन से कथन सत्य हैं?

  1. केवल 1, 2 और 3
  2. केवल 1, 2 और 4
  3. केवल 1, 3 और 4
  4. 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है (अनुच्छेद 76)। उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है (अनुच्छेद 76(1))। उसे भारत के किसी भी न्यायालय में सुनवाई का अधिकार प्राप्त है (अनुच्छेद 76(2))।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि, महान्यायवादी का वेतन राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया जाता है और वह भारत की संचित निधि से सीधे प्राप्त नहीं करता, बल्कि राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक प्राप्त करता है। उसका कार्यकाल राष्ट्रपति की मर्जी तक रहता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (d) गलत है क्योंकि महान्यायवादी का वेतन भारत की संचित निधि से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक होता है।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का क्या अर्थ है?

  1. सभी नागरिकों के लिए समान राजनीतिक अधिकार।
  2. नागरिकों के बीच एकता और एकजुटता की भावना।
  3. सभी के लिए न्याय – सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक।
  4. राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करना।

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द नागरिकों के बीच एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देने के लिए है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिक एक परिवार के सदस्य की तरह रहें।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना यह भी सुनिश्चित करती है कि यह बंधुत्व व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता के आश्वासन के साथ हो। बंधुत्व की भावना सामाजिक न्याय और समानता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: (a) समान राजनीतिक अधिकार ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ से संबंधित हैं। (c) न्याय का आश्वासन प्रस्तावना का एक अलग उद्देश्य है। (d) राष्ट्र की एकता और अखंडता बंधुत्व का परिणाम है, न कि उसका सीधा अर्थ।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी समिति ‘संसदीय समिति’ नहीं है?

  1. लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee)
  2. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
  3. विदेशी संप्रभुता समिति (Committee on Foreign Sovereignty)
  4. सरकारी उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और संदर्भ: लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति और सरकारी उपक्रम समिति सभी स्थायी संसदीय समितियाँ हैं। ये समितियाँ संसद के नियंत्रण को सुनिश्चित करने और कार्यपालिका की जवाबदेही तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘विदेशी संप्रभुता समिति’ (Committee on Foreign Sovereignty) भारतीय संसदीय प्रणाली में किसी भी स्थापित या मान्यता प्राप्त समिति का नाम नहीं है। ऐसी समितियाँ आमतौर पर राष्ट्रीय हितों या संप्रभुता से संबंधित मुद्दों पर सरकार की सलाह देने के लिए होती हैं, लेकिन वे सीधे संसदीय समिति के रूप में काम नहीं करतीं।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (d) भारतीय संसद की महत्वपूर्ण समितियाँ हैं।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद स्पष्टता से यह प्रावधान करता है कि राज्य देश के किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता या कानूनों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 17

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14 राज्य को भारत के क्षेत्र के भीतर किसी भी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता या विधियों के समान संरक्षण से वंचित करने से रोकता है। यह एक मौलिक अधिकार है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘विधि के समक्ष समता’ (Equality before law) एक ब्रिटिश सिद्धांत है जो मानता है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह उच्च हो या निम्न, कानून से ऊपर नहीं है। ‘विधियों का समान संरक्षण’ (Equal protection of laws) अमेरिकी सिद्धांत है जो समान परिस्थितियों में समान व्यवहार का आश्वासन देता है। सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में इन दोनों सिद्धांतों की व्याख्या और अनुप्रयोग को विस्तृत किया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समता से संबंधित है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान के भाग IV-A, जो मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है, को किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था?

  1. 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। इस संशोधन ने संविधान में एक नया भाग, भाग IV-A, और एक नया अनुच्छेद, अनुच्छेद 51-A, जोड़ा।
  • संदर्भ और विस्तार: सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर इन कर्तव्यों को जोड़ा गया था। वर्तमान में, अनुच्छेद 51-A के तहत नागरिकों के लिए 11 मौलिक कर्तव्य निर्धारित हैं।
  • गलत विकल्प: 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985 ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा। 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया में भाग लेता है?

  1. लोकसभा के सभी सदस्य
  2. राज्यसभा के सभी सदस्य
  3. संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
  4. संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग अनुच्छेद 61 के तहत चलाया जाता है। इस प्रक्रिया में संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा, के सभी सदस्य भाग लेते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: महाभियोग का आरोप संसद के किसी भी सदन द्वारा लगाया जा सकता है। आरोप लगाने वाला सदन एक जांच समिति नियुक्त करता है। राष्ट्रपति को सुनवाई का अवसर दिया जाता है। आरोप को दूसरे सदन द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित करने पर ही राष्ट्रपति को पद से हटाया जाता है।
  • गलत विकल्प: (a), (b) और (c) गलत हैं क्योंकि राष्ट्रपति के महाभियोग में केवल निर्वाचित सदस्य ही नहीं, बल्कि संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य (मनोनीत सहित) भाग लेते हैं, जो राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग नहीं लेते।

प्रश्न 8: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘राज्य के नीति निदेशक तत्वों’ (Directive Principles of State Policy) से संबंधित है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IVA
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है। ये तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और कानून बनाने में राज्य इनका उपयोग करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: DPSP को आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर भारतीय संविधान में शामिल किया गया था। ये वाद योग्य नहीं हैं, अर्थात् इनके उल्लंघन पर किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। हालांकि, ये सरकार की नीतियों और कानूनों के निर्माण में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IVA मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका से संबंधित है।

प्रश्न 9: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पद से हटाने के लिए संसद के प्रत्येक सदन द्वारा विशेष बहुमत से पारित संकल्प की आवश्यकता होती है। इस संकल्प को _________ द्वारा प्रस्तावित किया जा सकता है।

  1. अध्यक्ष/सभापति
  2. कम से कम पचास सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस
  3. कम से कम दस सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस
  4. लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को कदाचार या अक्षमता के आधार पर पद से हटाने की प्रक्रिया अनुच्छेद 124(4) में वर्णित है। इसके लिए संसद के प्रत्येक सदन द्वारा एक विशेष बहुमत (कुल सदस्यता का बहुमत और उपस्थित तथा मतदान करने वाले सदस्यों का दो-तिहाई) से पारित संकल्प की आवश्यकता होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: संकल्प का प्रस्ताव लोकसभा में कम से कम पचास सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस द्वारा या राज्यसभा में कम से कम तीस सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस द्वारा ही किया जा सकता है। इस नोटिस को अध्यक्ष/सभापति द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होती है।
  • गलत विकल्प: (a) केवल अध्यक्ष/सभापति प्रस्ताव नहीं कर सकते, बल्कि सदस्यों की संख्या आवश्यक है। (d) दोनों सदनों के अध्यक्ष/सभापति का संयुक्त प्रस्ताव आवश्यक नहीं है।

प्रश्न 10: भारत में ‘संसदीय सरकार’ (Parliamentary Government) का मॉडल किस देश के संविधान से लिया गया है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ग्रेट ब्रिटेन
  4. फ्रांस

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संसदीय प्रणाली का मॉडल ग्रेट ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) की संसदीय प्रणाली से लिया गया है। इसमें राष्ट्रपति/सम्राट राज्य का मुखिया होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का मुखिया होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत में ‘संसद के प्रति उत्तरदायी’ सरकार है, जिसका अर्थ है कि मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है। इसी तरह, लोकसभा का विघटन हो सकता है। यह मॉडल ब्रिटेन में ‘वेस्टमिंस्टर मॉडल’ के नाम से जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति प्रणाली है, जहाँ कार्यपालिका और विधायिका पृथक होते हैं। कनाडा में भी संसदीय प्रणाली है, लेकिन यह ब्रिटिश मॉडल से थोड़ी भिन्न है। फ्रांस में अर्ध-राष्ट्रपति प्रणाली है।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?

  1. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  2. भारत का चुनाव आयोग (ECI)
  3. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)
  4. वित्त आयोग (Finance Commission)

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), भारत का चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनका उल्लेख सीधे संविधान में किया गया है और उनके गठन, शक्तियाँ व कार्य संविधान में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है, जिसका गठन संसद द्वारा पारित एक अधिनियम, ‘मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ के तहत किया गया है। इसका उल्लेख संविधान में सीधे नहीं है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (d) सभी सीधे संविधान में उल्लिखित हैं और इसलिए संवैधानिक निकाय हैं।

प्रश्न 12: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 में किया गया है। यह युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू किया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 के बाद, राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा केवल ‘सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर की जा सकती है, न कि ‘आंतरिक अशांति’ के आधार पर। राष्ट्रपति इस उद्घोषणा को दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होने पर ही जारी रख सकते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365, राज्यों द्वारा संघ के निर्देशों का पालन न करने पर लागू होता है, जो अक्सर अनुच्छेद 356 के प्रयोग का आधार बनता है।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?

  1. अनुच्छेद 52 – भारत के राष्ट्रपति
  2. अनुच्छेद 79 – संसद का गठन
  3. अनुच्छेद 110 – धन विधेयक
  4. अनुच्छेद 165 – राज्य के महाधिवक्ता

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 52 भारत के राष्ट्रपति से संबंधित है। अनुच्छेद 79 संसद के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 110 धन विधेयकों की परिभाषा से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General for the State) से संबंधित है, न कि महान्यायवादी से। महान्यायवादी से संबंधित अनुच्छेद 76 है। प्रश्न में राज्य के महाधिवक्ता का उल्लेख सही है, इसलिए यह युग्म सुमेलित है। (प्रश्न का मूल अर्थ यह है कि कौन सा अनुच्छेद किससे *संबंधित* है, और यहाँ अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता से ही संबंधित है। यदि प्रश्न होता “किस अनुच्छेद में महान्यायवादी का वर्णन है”, तो 76 उत्तर होता। यहाँ प्रश्न सुमेलित नहीं युग्म पूछ रहा है, और 165 राज्य के महाधिवक्ता के लिए सही है।)
  • पुनः जांच: प्रश्न में दिए गए विकल्प (a), (b), (c) और (d) सभी सही सुमेलन प्रस्तुत करते हैं। शायद प्रश्न में ही कुछ त्रुटि है, या मैं किसी सूक्ष्म बिंदु को चूक रहा हूँ। एक बार फिर से देखूं। अनुच्छेद 52-President, 79-Parliament, 110-Money Bill, 165-Advocate General. सभी सही हैं।

    Revised interpretation of the original intention: Assuming the intent was to test common confusions or incorrect associations. If the question was *intended* to have one incorrect pair, then there might be a subtle error in my understanding of the question’s framing or a typo. However, based on direct constitutional provisions:
    * Art 52: President of India. Correct.
    * Art 79: Constitution of Parliament. Correct.
    * Art 110: Definition of Money Bills. Correct.
    * Art 165: Advocate General for States. Correct.

    Since I must choose one incorrect pair, and all seem correct based on standard knowledge, I will *assume* there might be a less obvious error in one or a confusion point the question aims to highlight. Let’s re-evaluate potential confusions.

    Perhaps the confusion lies in the *extent* of the definition or related powers. However, that’s speculative.

    Let me re-read the prompt: “निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?” (Which of the following pairs is NOT matched correctly?)

    Given all options appear correct, I will proceed with the most straightforward interpretation. If this were a real test and all options are correct, it would be an invalid question. For the purpose of generating a *new* quiz, I should create a question that *does* have a clearly incorrect option.

    Correction for generating a new question: I will create a new question that has a definite incorrect pair.

    *New Question Idea:* Something that links a Part with its subject matter incorrectly, or an article with a wrong concept.

    Let’s replace question 13 with a new one.

    प्रश्न 13: भारत में निम्नलिखित में से किस प्रकार की न्यायपालिका कार्यरत है?

    1. एकल/एकीकृत न्यायपालिका
    2. दोहरी न्यायपालिका
    3. एकात्मक न्यायपालिका
    4. संघीय न्यायपालिका

    उत्तर: (a)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सटीकता और संदर्भ: भारत में एक एकीकृत (Integrated) या एकल (Single) न्यायपालिका कार्यरत है, जिसका अर्थ है कि देश में कानूनों को लागू करने के लिए एक पदानुक्रमित संरचना में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों की एक ही प्रणाली है।
    • संदर्भ और विस्तार: अमेरिका जैसी संघीय व्यवस्था में, जहां केंद्र और राज्यों के लिए अलग-अलग न्यायपालिकाएं होती हैं, भारत में ऐसा नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था है, और इसके नीचे उच्च न्यायालय और फिर अधीनस्थ न्यायालय हैं, जो सभी एक ही प्रणाली का हिस्सा हैं।
    • गलत विकल्प: ‘दोहरी न्यायपालिका’ (Dual judiciary) की व्यवस्था अमेरिका में है। ‘एकात्मक न्यायपालिका’ (Unitary judiciary) का अर्थ है जहाँ न्यायपालिका एकात्मक सरकार में कार्य करती है, लेकिन एकीकृत न्यायपालिका का अर्थ अधिक विशिष्ट है। ‘संघीय न्यायपालिका’ (Federal judiciary) आमतौर पर उस प्रणाली को संदर्भित करती है जहां केंद्र और राज्य के अपने अलग-अलग न्यायपालिका तंत्र हों।

    प्रश्न 14: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति (Power of Pardon) संविधान के किस अनुच्छेद में निहित है?

    1. अनुच्छेद 72
    2. अनुच्छेद 161
    3. अनुच्छेद 123
    4. अनुच्छेद 143

    उत्तर: (a)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति, जिसमें क्षमा, लघुकरण, परिहार, प्रतिहार और प्रविलंबन शामिल हैं, संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत प्रदान की गई है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को उन व्यक्तियों को राहत प्रदान करने की अनुमति देती है जिन्हें किसी संघ विधि के विरुद्ध अपराधों के लिए दंडित किया गया है। यह शक्ति पूर्ण नहीं है और न्यायिक समीक्षा के अधीन हो सकती है।
    • गलत विकल्प: अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 123 अध्यादेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की उच्चतम न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति से संबंधित है।

    प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privilege) का एक उदाहरण है?

    1. सदस्यों को किसी भी आपराधिक मामले में गिरफ्तारी से छूट।
    2. संसद के बाहर दिए गए किसी भी भाषण या वोट के लिए सदस्यों को उन्मुक्ति।
    3. संसद में किसी भी कार्यवाही की जाँच के लिए अदालतों को अधिकार।
    4. सत्र के दौरान सदस्यों को गिरफ्तारी से छूट, सिवाय गंभीर आपराधिक मामलों के।

    उत्तर: (d)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकारों को संविधान के अनुच्छेद 105 में उल्लिखित किया गया है। इसके अनुसार, संसद के प्रत्येक सदन को, सदस्यों को, और समितियों को उन शक्तियों, विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों का उपभोग होगा जो वह समय-समय पर विधान द्वारा परिभाषित करे।
    • संदर्भ और विस्तार: विशेषाधिकारों में से एक महत्वपूर्ण विशेषाधिकार यह है कि संसद के सत्र के दौरान, सदस्यों को सत्र शुरू होने से 40 दिन पहले से सत्र समाप्त होने के 40 दिन बाद तक किसी भी दीवानी मामले में गिरफ्तारी से छूट प्राप्त होती है। हालांकि, उन्हें आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किया जा सकता है।
    • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि यह छूट केवल दीवानी मामलों में है, आपराधिक मामलों में नहीं। (b) गलत है क्योंकि सदस्यों को संसद के बाहर दिए गए भाषणों या वोट के लिए उन्मुक्ति प्राप्त नहीं है, वे केवल संसद के भीतर की कार्यवाही के लिए उन्मुक्त हैं। (c) गलत है क्योंकि अदालतें संसद की कार्यवाही की जाँच नहीं कर सकतीं, यह विशेषाधिकार का हनन होगा।

    प्रश्न 16: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) शब्द का उल्लेख निम्नलिखित किस रूप में किया गया है?

    1. केवल सामाजिक और राजनीतिक न्याय
    2. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय
    3. केवल आर्थिक और सामाजिक न्याय
    4. केवल राजनीतिक न्याय

    उत्तर: (b)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करती है। यह न्याय का एक व्यापक रूप है जो समाज के सभी वर्गों के उत्थान और समान अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखता है।
    • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव न करना। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और आय का समान वितरण। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने का समान अवसर।
    • गलत विकल्प: (a), (c), और (d) प्रस्तावना में उल्लिखित न्याय के सभी तीनों आयामों को शामिल नहीं करते हैं।

    प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के उपराष्ट्रपति के बारे में असत्य है?

    1. वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
    2. वह अपनी पदावधि के दौरान, किसी भी सदन या विधानमंडल की सदस्यता का सदस्य नहीं रहेगा।
    3. वह राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है जब राष्ट्रपति का पद रिक्त हो।
    4. वह लाभ का पद धारण नहीं कर सकता।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत व्याख्या:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उपराष्ट्रपति का पद अनुच्छेद 63 में वर्णित है। वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है (अनुच्छेद 64)। वह राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है (अनुच्छेद 65) और लाभ का पद धारण नहीं कर सकता।
    • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 66(2) के अनुसार, उपराष्ट्रपति, पद धारण करने पर, किसी भी सदन या राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं रहेगा। यह कथन सत्य है। (यहां मैं फिर से कुछ गलत समझ रहा हूँ या प्रश्न के निर्माण में त्रुटि है, क्योंकि (b) भी सही है।)

      Let’s assume the question setter intended one of these to be subtly incorrect or commonly misunderstood, or I need to identify a statement that is *not directly implied* or *less accurate* than others.

      Re-evaluating option (b): “वह अपनी पदावधि के दौरान, किसी भी सदन या विधानमंडल की सदस्यता का सदस्य नहीं रहेगा।” (During his term of office, he shall not be a member of any House or Legislature.) This statement is actually TRUE based on Article 66(2).

      Let’s re-examine all options:
      * (a) Chairman of Rajya Sabha: True (Art 64)
      * (b) Shall not be a member of any House: True (Art 66(2))
      * (c) Act as President when vacancy: True (Art 65)
      * (d) Shall not hold office of profit: True. An office of profit disqualifies a person from being elected VP, and the VP’s office itself is not considered an office of profit in relation to their official duties. The implication here is that the VP *cannot* hold another office of profit.

      If the question asks which statement is FALSE, and all appear TRUE, there is an error in the question.

      Revised Question: Let’s create a question where one option is clearly FALSE. For example, about the Vice President’s election.

      *New Question Idea:* “Which statement about the Vice President is FALSE?”

      Let’s use the options for a new, valid question.

      प्रश्न 17: भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा असत्य है?

      1. इसके चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य शामिल होते हैं।
      2. निर्वाचित सदस्यों के मुकाबले मनोनीत सदस्यों का मत अधिक महत्व रखता है।
      3. यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत आयोजित किया जाता है।
      4. चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।

      उत्तर: (b)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उपराष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 66 के तहत होता है। चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत दोनों) शामिल होते हैं। उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए (अनुच्छेद 66(3)(ख))।
      • संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति के चुनाव में, निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों के मतों का कोई अलग महत्व नहीं होता; सभी सदस्यों के मत समान मूल्य के होते हैं। राष्ट्रपति के चुनाव के विपरीत, जहाँ निर्वाचक मंडल में केवल निर्वाचित सदस्य होते हैं और मनोनीत सदस्य भाग नहीं लेते, उपराष्ट्रपति के चुनाव में मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं।
      • गलत विकल्प: (b) असत्य है क्योंकि उपराष्ट्रपति के चुनाव में सभी सदस्यों (निर्वाचित और मनोनीत) के मतों का समान मूल्य होता है, किसी एक वर्ग को अधिक महत्व नहीं दिया जाता।

      प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार’ (Right to Life and Personal Liberty) के अंतर्गत आता है?

      1. निजता का अधिकार (Right to Privacy)
      2. अस्पृश्यता का उन्मूलन (Abolition of Untouchability)
      3. शिक्षा का अधिकार (Right to Education)
      4. भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (Right against Discrimination)

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21, ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार’, एक व्यापक मौलिक अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विभिन्न निर्णयों में निजता के अधिकार को इस अनुच्छेद के अंतर्गत एक अभिन्न अंग माना है (उदाहरण: के.एस. पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ, 2017)।
      • संदर्भ और विस्तार: जीवन के अधिकार में सम्मान के साथ जीने का अधिकार, आश्रय का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, चिकित्सा सहायता का अधिकार आदि शामिल हैं। निजता का अधिकार व्यक्ति के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
      • गलत विकल्प: अस्पृश्यता का उन्मूलन अनुच्छेद 17 के तहत आता है। शिक्षा का अधिकार अनुच्छेद 21A के तहत आता है। भेदभाव के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद 14, 15, 16 आदि के तहत आते हैं।

      प्रश्न 19: भारतीय संविधान में ‘सर्वोच्चता’ (Supremacy) का सिद्धांत किस पर लागू होता है?

      1. संसद
      2. संविधान
      3. न्यायपालिका
      4. कार्यपालिका

      उत्तर: (b)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान ‘लिखित संविधान’ है और यह सर्वोच्च कानून है। संसद द्वारा बनाए गए कानून या कार्यपालिका द्वारा उठाए गए कदम संविधान के प्रावधानों के अनुरूप होने चाहिए।
      • संदर्भ और विस्तार: न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय, संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करती है और न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) के माध्यम से यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी कानून या सरकारी कार्य संविधान का उल्लंघन न करे। यदि ऐसा होता है, तो उसे असंवैधानिक घोषित किया जा सकता है।
      • गलत विकल्प: भारत में संसद की सर्वोच्चता नहीं है, बल्कि संविधान की सर्वोच्चता है। अमेरिका में, जहाँ ‘संसदीय संप्रभुता’ (Parliamentary Sovereignty) का सिद्धांत है, वहाँ संसद सर्वोच्च है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है।

      प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन एक ‘संवैधानिक संशोधन’ (Constitutional Amendment) के लिए पहल कर सकता है?

      1. केवल भारत का राष्ट्रपति
      2. केवल संसद
      3. केवल राज्यों की विधायिकाएँ
      4. भारत का राष्ट्रपति या संसद का कोई भी सदन

      उत्तर: (b)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया अनुच्छेद 368 में उल्लिखित है। इस प्रक्रिया को शुरू करने की पहल केवल संसद (Lok Sabha या Rajya Sabha) द्वारा ही की जा सकती है, राष्ट्रपति या किसी राज्य विधायिका द्वारा नहीं।
      • संदर्भ और विस्तार: संशोधन विधेयक संसद के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है। इसे विशेष बहुमत से पारित होना चाहिए, और कुछ मामलों में, आधे से अधिक राज्यों की विधायिकाओं द्वारा अनुसमर्थन की भी आवश्यकता होती है।
      • गलत विकल्प: (a) और (c) गलत हैं क्योंकि राष्ट्रपति या राज्य विधायिकाएँ सीधे संवैधानिक संशोधन प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकतीं। (d) भी गलत है क्योंकि यह पहल केवल संसद कर सकती है, न कि राष्ट्रपति।

      प्रश्न 21: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत, राज्य का कर्तव्य है कि वह ग्राम पंचायतों के गठन के लिए कदम उठाए और उन्हें ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करे जो वे स्वशासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक समझता है?

      1. अनुच्छेद 40
      2. अनुच्छेद 44
      3. अनुच्छेद 48
      4. अनुच्छेद 51A

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 40 राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) में शामिल है और यह प्रावधान करता है कि ‘राज्य, ग्राम पंचायतों के गठन के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करेगा जो वे स्वशासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक समझे।’
      • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद महात्मा गांधी के उस विचार को दर्शाता है जिसमें उन्होंने स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने पर बल दिया था। 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान करके इस प्रावधान को और अधिक प्रभावी बनाया।
      • गलत विकल्प: अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता से संबंधित है। अनुच्छेद 48 कृषि और पशुपालन के संगठन से संबंधित है। अनुच्छेद 51A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है।

      प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म ‘संसद की वित्तीय समितियों’ का सही प्रतिनिधित्व करता है?

      1. लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति, सरकारी उपक्रम समिति
      2. लोक लेखा समिति, लोक उपक्रमों पर समिति, विशेषाधिकार समिति
      3. प्राक्कलन समिति, वित्तीय सलाहकार समिति, लोक लेखा समिति
      4. वित्तीय समिति, सार्वजनिक उपक्रमों पर समिति, लोक लेखा समिति

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संसद की तीन मुख्य वित्तीय समितियाँ हैं: लोक लेखा समिति (PAC), प्राक्कलन समिति (Estimates Committee), और सरकारी उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)। ये समितियाँ संसद के वित्तीय नियंत्रण के महत्वपूर्ण उपकरण हैं।
      • संदर्भ और विस्तार: लोक लेखा समिति भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्टों की जाँच करती है। प्राक्कलन समिति सरकारी व्यय की जांच करके मितव्ययिता और दक्षता में सुधार के उपाय सुझाती है। सरकारी उपक्रम समिति सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रदर्शन और वित्तीय मामलों की समीक्षा करती है।
      • गलत विकल्प: (b) में ‘विशेषाधिकार समिति’ वित्तीय समिति नहीं है। (c) में ‘वित्तीय सलाहकार समिति’ एक सामान्य शब्द है, और (d) में ‘वित्तीय समिति’ एक सटीक नाम नहीं है।

      प्रश्न 23: राज्य सूची (State List) के किसी विषय पर कानून बनाने की संसद की शक्ति, अनुच्छेद 249 के तहत, सामान्यतः कितने समय के लिए प्रभावी रहती है?

      1. एक वर्ष
      2. छह महीने
      3. दो वर्ष
      4. अनिश्चित काल के लिए

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 249 के अनुसार, यदि राज्यसभा राष्ट्रहित में यह घोषणा करती है कि राज्य सूची के किसी विषय पर संसद को विधि बनाने की आवश्यकता है, तो संसद उस विषय पर कानून बना सकती है।
      • संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के तहत बनाया गया कानून, घोषणा के लागू रहने की अवधि तक, अर्थात् एक वर्ष तक, प्रभावी रहता है। यह कानून इस अवधि के बाद उस सीमा तक अप्रवर्तनीय हो जाता है जहाँ तक वह राज्य सूची के किसी विषय पर है।
      • गलत विकल्प: (b), (c), और (d) गलत हैं क्योंकि अनुच्छेद 249 के तहत संसद द्वारा राज्य सूची के विषय पर बनाया गया कानून अधिकतम एक वर्ष के लिए प्रभावी रहता है।

      प्रश्न 24: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure of the Constitution) का सिद्धांत प्रतिपादित किया?

      1. शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ (1951)
      2. सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य (1965)
      3. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
      4. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)

      उत्तर: (d)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सटीकता और संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि संसद के पास संविधान के किसी भी भाग को संशोधित करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान की ‘मूल संरचना’ को नहीं बदल सकती।
      • संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने संसदीय सर्वोच्चता को सीमित कर दिया और संविधान की सर्वोच्चता को स्थापित किया। मूल संरचना के तत्वों में संविधान की सर्वोच्चता, गणराज्य का स्वरूप, धर्मनिरपेक्षता, शक्तियों का पृथक्करण, न्यायिक समीक्षा, संघवाद आदि शामिल हैं, जैसा कि बाद के विभिन्न न्यायालयी निर्णयों में स्पष्ट किया गया है।
      • गलत विकल्प: (a), (b) और (c) में न्यायालय ने यह माना था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित कर सकती है। गोलकनाथ मामले में, न्यायालय ने यह भी कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों को कम या समाप्त नहीं कर सकती।

      प्रश्न 25: ‘कानून का शासन’ (Rule of Law) भारतीय संविधान की किस विशेषता से सबसे अधिक निकटता से जुड़ा हुआ है?

      1. मौलिक अधिकार
      2. संघवाद
      3. संसदीय संप्रभुता
      4. गणतंत्र

      उत्तर: (a)

      विस्तृत व्याख्या:

      • सटीकता और संदर्भ: ‘कानून का शासन’ एक मौलिक सिद्धांत है जो सुनिश्चित करता है कि सभी व्यक्ति, सरकार सहित, कानून के अधीन हैं और कानून के समक्ष समान हैं। यह अधिकार भारत के संविधान के भाग III में उल्लिखित मौलिक अधिकारों, विशेषकर अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता और कानूनों का समान संरक्षण) में निहित है।
      • संदर्भ और विस्तार: कानून का शासन यह भी सुनिश्चित करता है कि सरकार मनमाने ढंग से कार्य न करे, बल्कि स्थापित प्रक्रियाओं और कानूनों का पालन करे। यह सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि शक्ति का प्रयोग कानून के अनुसार हो, न कि किसी व्यक्ति की मर्जी से।
      • गलत विकल्प: संघवाद (b) केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित है। संसदीय संप्रभुता (c) संसद की सर्वोच्चता का सिद्धांत है, जो भारत में पूर्ण रूप से लागू नहीं होता। गणतंत्र (d) राज्य के मुखिया के चुनाव से संबंधित है। मौलिक अधिकार ‘कानून के शासन’ के विचार को सबसे सीधे तौर पर मूर्त रूप देते हैं।

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