संविधान मंथन: क्या आप तैयार हैं?
भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा के लिए अनिवार्य है। अपनी संकल्पनात्मक स्पष्टता को परखने और संविधान की बारीकियों में महारत हासिल करने के लिए हमारे दैनिक अभ्यास सत्र में आपका स्वागत है। आइए, आज संविधान मंथन करें और अपनी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- भारत के किसी भी भाग में आने-जाने और बसने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत आने-जाने की स्वतंत्रता, बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक एकत्र होने की स्वतंत्रता, संघ बनाने की स्वतंत्रता, कहीं भी बसने की स्वतंत्रता, और कोई भी पेशा अपनाने या व्यवसाय करने की स्वतंत्रता केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: ये अधिकार भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, शिष्टाचार या नैतिकता के अधीन हैं। अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) जैसे अधिकार भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों, जिनमें विदेशी भी शामिल हैं, को प्राप्त हैं। अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21 और 25 सभी व्यक्तियों के लिए हैं, न कि केवल नागरिकों के लिए। इसलिए, विकल्प (a), (b) और (c) गलत हैं।
प्रश्न 2: भारत के राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 53
- अनुच्छेद 74
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 61 में राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया का उल्लेख है। महाभियोग संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू किया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग का आधार ‘संविधान का अतिक्रमण’ माना गया है। महाभियोग चलाने के लिए सदन के एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक लिखित सूचना दी जानी चाहिए, जो कम से कम 14 दिन पूर्व राष्ट्रपति को दी जानी चाहिए। प्रस्ताव को सदन की कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है, अनुच्छेद 53 संघ की कार्यपालिका शक्ति से संबंधित है, और अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद के प्रावधान से संबंधित है।
प्रश्न 3: ‘नीति निदेशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, जिसमें अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल हैं, राज्य के नीति निदेशक तत्वों का वर्णन करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व न्यायोचित नहीं हैं, अर्थात् इन्हें न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता, लेकिन ये देश के शासन के लिए मौलिक हैं और कानून बनाने में राज्य का कर्तव्य होगा कि वे इन सिद्धांतों को लागू करें। ये आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है, भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है, और भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका से संबंधित है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘केशवानंद भारती’ मामले में मूल संरचना सिद्धांत (Basic Structure Doctrine) का प्रतिपादन किया?
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
- ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 1973 के ऐतिहासिक ‘केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य’ मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है, लेकिन वह उसकी ‘मूल संरचना’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: मूल संरचना में संविधान की सर्वोच्चता, गणतंत्रात्मक और लोकतांत्रिक स्वरूप, धर्मनिरपेक्ष चरित्र, संघवाद, शक्तियों का पृथक्करण, न्यायिक स्वतंत्रता आदि शामिल हैं। इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति पर महत्वपूर्ण सीमाएं लगाईं।
- गलत विकल्प: गोलकनाथ मामले (1967) में कहा गया था कि संसद मौलिक अधिकारों को सीमित या समाप्त नहीं कर सकती। मेनका गांधी मामले (1978) ने अनुच्छेद 21 के दायरे का विस्तार किया। ए.के. गोपालन मामला (1950) अनुच्छेद 21 की व्याख्या को सीमित करता था।
प्रश्न 5: भारतीय संसद का कौन सा अंग भारत के राष्ट्रपति को चुनता है?
- लोकसभा
- राज्यसभा
- दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
- भाग III
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 54 के तहत एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इस निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य सीधे तौर पर चुनाव में भाग लेते हैं। मनोनीत सदस्य और राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति का चुनाव केवल लोकसभा या राज्यसभा द्वारा नहीं होता। वे संसद के अभिन्न अंग हैं, लेकिन चुनाव प्रक्रिया में विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भी शामिल होते हैं।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी संवैधानिक संस्था भारतीय गणराज्य की संचित निधि (Consolidated Fund of India) से व्यय की जाने वाली राशियों पर लेखा-परीक्षा (Audit) करती है?
- वित्त मंत्रालय
- भारतीय रिजर्व बैंक
- भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG)
- नीति आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है। CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी खातों का लेखा-परीक्षा करता है, और उसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी जाती है, जो उसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखवाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: CAG का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत की संचित निधि से किया गया प्रत्येक व्यय विधि के अनुसार है या नहीं। यह सार्वजनिक धन के संरक्षक के रूप में कार्य करता है।
- गलत विकल्प: वित्त मंत्रालय नीति-निर्माण करता है, RBI मौद्रिक नीति देखता है, और नीति आयोग एक सलाहकार निकाय है; इनमें से कोई भी संचित निधि पर लेखा-परीक्षा का कार्य नहीं करता।
प्रश्न 7: संविधान की प्रस्तावना (Preamble) में ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्दों को किस संवैधानिक संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वाँ संशोधन अधिनियम, 2002
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा, प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’ जैसे तीन महत्वपूर्ण शब्दों को जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान पारित हुआ था और इसे ‘लघु-संविधान’ भी कहा जाता है। इसने प्रस्तावना को संविधान का एक अभिन्न अंग माना, जिसमें संशोधन किया जा सकता है, बशर्ते कि उसकी मूल संरचना को कोई क्षति न पहुंचे (जैसा कि केशवानंद भारती मामले में स्पष्ट किया गया)।
- गलत विकल्प: 44वाँ संशोधन मौलिक अधिकारों को अधिक महत्व देता है, 73वाँ संशोधन पंचायती राज से संबंधित है, और 86वाँ संशोधन शिक्षा के अधिकार से संबंधित है।
प्रश्न 8: राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission), 1953 की रिपोर्ट के आधार पर, राज्यों का पुनर्गठन किस आधार पर किया गया?
- भाषाई आधार
- प्रशासनिक सुविधा
- ऐतिहासिक महत्व
- सांस्कृतिक एकता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य पुनर्गठन आयोग, 1953 (फजल अली आयोग) ने अपनी रिपोर्ट 1955 में सौंपी, और उसकी सिफारिशों के आधार पर, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 पारित किया गया। इस अधिनियम ने राज्यों का पुनर्गठन मुख्य रूप से भाषाई आधार पर किया।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि आयोग ने भाषाई आधार को स्वीकार किया, लेकिन यह भी कहा कि भाषा ही एकमात्र आधार नहीं होना चाहिए, बल्कि प्रशासनिक सुविधा, राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा जैसे कारकों पर भी विचार किया जाना चाहिए। इस अधिनियम ने देश को 14 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया।
- गलत विकल्प: हालांकि प्रशासनिक सुविधा और सांस्कृतिक एकता अप्रत्यक्ष रूप से कारक थे, भाषाई आधार प्राथमिक आधार था। ऐतिहासिक महत्व सीधे तौर पर पुनर्गठन का आधार नहीं था।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) को ‘संविधान की आत्मा और हृदय’ कहा?
- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
- जवाहरलाल नेहरू
- सर आइवर जेनिंग्स
- एम.सी. सीतलवाड
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 32, जो संवैधानिक उपचारों का अधिकार प्रदान करता है, को ‘संविधान की आत्मा और हृदय’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। सर्वोच्च न्यायालय रिट जारी करने की शक्ति रखता है (हेवियस कॉर्पस, मैंडेमस, प्रोहिबिशन, सर्टिओरारी, और क्वो वारंटो)। इस अधिकार के बिना, अन्य मौलिक अधिकार अर्थहीन हो जाते।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे, सर आइवर जेनिंग्स एक ब्रिटिश संवैधानिक विशेषज्ञ थे, और एम.सी. सीतलवाड भारत के प्रथम महान्यायवादी थे। इन व्यक्तियों ने संविधान की बहुत सराहना की, लेकिन ‘आत्मा और हृदय’ वाला कथन विशेष रूप से डॉ. अम्बेडकर का है।
प्रश्न 10: केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) का गठन किस अधिनियम के तहत किया गया है?
- सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
- लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013
- सूचना का अधिकार अधिनियम, 2001
- सूचना का अधिकार अधिनियम, 1999
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) का गठन सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act, 2005) की धारा 12 के तहत किया गया है। यह एक वैधानिक निकाय (statutory body) है।
- संदर्भ और विस्तार: CIC सूचना आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा, प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (प्रधानमंत्री द्वारा नामित) की समिति की सिफारिश पर की जाती है। यह अधिनियम सरकारी सूचना तक नागरिकों की पहुंच सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: अन्य अधिनियम सूचना के अधिकार से सीधे संबंधित नहीं हैं, या उनका वर्ष गलत है।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी मामले पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति देता है?
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 142
- अनुच्छेद 137
- अनुच्छेद 123
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सार्वजनिक महत्व के किसी भी कानूनी या तथ्यात्मक मामले के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई सलाह राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं होती है। इस अनुच्छेद के तहत दायर किए गए मामलों को ‘सलाहकारी क्षेत्राधिकार’ (Advisory Jurisdiction) कहा जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 142 ‘सर्वोच्च न्यायालय की डिक्री’ से संबंधित है, अनुच्छेद 137 ‘पुनरीक्षण की शक्ति’ (Review Jurisdiction) से संबंधित है, और अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 12: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्य के विधानमंडल को उपाधियों का अंत करने का प्रावधान है?
- अनुच्छेद 18
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 18 ‘उपाधियों के अंत’ से संबंधित है। यह राज्य को कोई भी उपाधि प्रदान करने से रोकता है, सिवाय शैक्षणिक या सैन्य उपाधियों के। साथ ही, यह भारतीय नागरिकों को विदेशी राज्यों से कोई उपाधि स्वीकार करने से भी रोकता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 18 का उद्देश्य समानता के सिद्धांत को बढ़ावा देना है और किसी भी प्रकार के विशेषाधिकार वाली उपाधियों को समाप्त करना है, जिससे सामाजिक समानता सुनिश्चित हो सके।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण सुनिश्चित करता है। अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ का अंत करता है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) को 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर स्थापित किया गया था। यह एक कार्यकारी प्रस्ताव (executive resolution) के माध्यम से गठित किया गया था और यह एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग भारत सरकार का एक थिंक-टैंक है जो भारत के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत और तकनीकी सलाह प्रदान करता है। इसके विपरीत, भारत का चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनका उल्लेख सीधे संविधान में है।
- गलत विकल्प: भारत का चुनाव आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और वित्त आयोग तीनों ही संवैधानिक निकाय हैं, जिनका उल्लेख संविधान में स्पष्ट रूप से किया गया है।
प्रश्न 14: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वाँ संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जो पंचायती राज से संबंधित है, और अनुसूची 11 को शामिल किया। यह पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने वाला सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने देश में त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली (ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर और जिला परिषद) की स्थापना को अनिवार्य किया। यह सुनिश्चित करता है कि पंचायती राज संस्थाएं स्व-शासित इकाइयों के रूप में कार्य करें।
- गलत विकल्प: 74वाँ संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन प्रस्तावों को पारित नहीं किया जा सका था।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी रिट तब जारी की जाती है जब कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक पद को अवैध रूप से धारण करता है?
- Quo Warranto (क्यों वारंटो)
- Mandamus (मैंडेमस)
- Certiorari (सर्टिओरारी)
- Habeas Corpus (हेवियस कॉर्पस)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘क्यों वारंटो’ (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस वारंट द्वारा’। यह रिट तब जारी की जाती है जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे सार्वजनिक पद को धारण करता है जिसके लिए वह योग्य नहीं है, या उसे अवैध रूप से धारण करता है। यह अदालतों द्वारा उस व्यक्ति को पद से हटाने के लिए जारी की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
- गलत विकल्प: मैंडेमस का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’ और यह किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने के लिए जारी किया जाता है। सर्टिओरारी का अर्थ है ‘प्रमाणित करना’ और यह किसी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है। हेवियस कॉर्पस का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’ और यह किसी अवैध रूप से बंदी बनाए गए व्यक्ति को अदालत के समक्ष पेश करने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 16: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं यदि उन्हें यह विश्वास हो कि युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत की या उसके किसी भाग की सुरक्षा को खतरा है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा संसद द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए। इसके मूल प्रावधानों में यह अवधि दो महीने थी, जिसे 44वें संशोधन 1978 द्वारा बदला गया। यह आपातकाल पूरे देश या उसके किसी भाग पर लागू हो सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है, और अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 का संबंध उन राज्यों से है जो संघ के निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं।
प्रश्न 17: मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) को भारतीय संविधान में किस संशोधन द्वारा शामिल किया गया?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 86वाँ संशोधन अधिनियम, 2002
- 97वाँ संशोधन अधिनियम, 2011
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा, भारतीय संविधान में एक नया भाग (भाग IV-A) जोड़ा गया, जिसमें अनुच्छेद 51-A के तहत दस मौलिक कर्तव्यों को शामिल किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इन कर्तव्यों को स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर शामिल किया गया था। बाद में, 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा एक और मौलिक कर्तव्य (शिक्षा से संबंधित) जोड़ा गया, जिससे इनकी संख्या 11 हो गई।
- गलत विकल्प: 44वाँ संशोधन मौलिक अधिकारों में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया, 86वाँ संशोधन शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21-A) और एक मौलिक कर्तव्य बनाता है, और 97वाँ संशोधन सहकारी समितियों से संबंधित है।
प्रश्न 18: किस संशोधन ने अनुच्छेद 21A को जोड़कर 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया?
- 86वाँ संशोधन अधिनियम, 2002
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 97वाँ संशोधन अधिनियम, 2011
- 101वाँ संशोधन अधिनियम, 2016
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 ने संविधान के अनुच्छेद 21A को जोड़ा, जिसने 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा को एक मौलिक अधिकार बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने अनुच्छेद 45 (नीति निदेशक तत्व) में भी परिवर्तन किया और कहा कि राज्य 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों की प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा के लिए प्रयास करेगा। साथ ही, अनुच्छेद 51A(k) में एक नया मौलिक कर्तव्य भी जोड़ा गया कि माता-पिता या संरक्षक अपने बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प अन्य महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधनों से संबंधित हैं, न कि शिक्षा के अधिकार से।
प्रश्न 19: भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India) किस अनुच्छेद के तहत नियुक्त किया जाता है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 148
- अनुच्छेद 165
- अनुच्छेद 324
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी के पद का प्रावधान करता है। राष्ट्रपति, भारत सरकार की सलाह पर, एक ऐसे व्यक्ति को महान्यायवादी नियुक्त करता है जो उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के योग्य हो।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। वह निजी प्रैक्टिस भी कर सकता है, बशर्ते कि वह सरकार के हितों के विरुद्ध न हो।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) से संबंधित है, अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General) से संबंधित है, और अनुच्छेद 324 भारत के चुनाव आयोग की शक्तियों से संबंधित है।
प्रश्न 20: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तीनों के कार्यकाल की अवधि कितनी होती है?
- 5 वर्ष
- 6 वर्ष
- 4 वर्ष
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए 5 वर्ष, प्रधानमंत्री के लिए अनिश्चित
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का कार्यकाल अनुच्छेद 56 के तहत पद ग्रहण करने की तारीख से पाँच वर्ष होता है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल अनुच्छेद 67 के तहत पाँच वर्ष होता है। प्रधानमंत्री का कार्यकाल सीधे तौर पर निश्चित नहीं होता, लेकिन वह तब तक पद पर बना रहता है जब तक उसे लोकसभा में बहुमत का विश्वास प्राप्त है। हालांकि, व्यावहारिक रूप से, जब तक वह सदन में बहुमत रखता है, उसका कार्यकाल भी अधिकतम पाँच वर्षों तक ही चल सकता है, क्योंकि पाँच वर्ष में चुनाव होने हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझना महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री का कार्यकाल निश्चित नहीं है, बल्कि यह लोकसभा में बहुमत के विश्वास पर निर्भर करता है। लेकिन प्रश्नों के संदर्भ में, जहां समान विकल्प दिए गए हैं, 5 वर्ष सामान्यतः लागू होता है।
- गलत विकल्प: उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 6 वर्ष नहीं होता। प्रधानमंत्री का कार्यकाल अनिश्चित होता है, लेकिन जब तक वह बहुमत में है, तब तक उसका कार्यकाल चलता है, जो चुनाव चक्र के अनुसार अधिकतम 5 वर्ष हो सकता है।
प्रश्न 21: ‘संवैधानिक सरकार’ (Constitutional Government) का अर्थ क्या है?
- एक सरकार जो लोगों द्वारा चुनी जाती है
- एक सरकार जो संविधान के प्रावधानों द्वारा सीमित होती है
- एक सरकार जिसका प्रमुख राजा या रानी होता है
- एक सरकार जिसमें शक्तियों का केंद्रीकरण होता है
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संवैधानिक सरकार वह सरकार होती है जिसकी शक्तियाँ संविधान द्वारा परिभाषित और सीमित होती हैं। यह सरकार मनमानी सत्ता का प्रयोग नहीं कर सकती, बल्कि कानून के शासन (Rule of Law) का पालन करती है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत एक संवैधानिक सरकार का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जहाँ संविधान सर्वोच्च है और सरकार के सभी अंग (कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका) संविधान के अधीन कार्य करते हैं।
- गलत विकल्प: लोगों द्वारा चुनी जाना (लोकतंत्र), राजशाही (राजतंत्र), या शक्तियों का केंद्रीकरण (अधिनायकवाद) संवैधानिक सरकार के आवश्यक या पूर्ण अर्थ नहीं हैं। ये केवल सरकार के रूप या विशेषताएं हो सकती हैं, लेकिन संवैधानिक सरकार का मूल सिद्धांत संविधान द्वारा सीमाबद्धता है।
प्रश्न 22: भारत में ‘संघवाद’ (Federalism) की प्रकृति कैसी है?
- शुद्ध संघवाद
- एकीकृत संघवाद
- सहयोगी संघवाद
- अकर्मण्य संघवाद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संघवाद को अक्सर ‘सहयोगी संघवाद’ (Cooperative Federalism) कहा जाता है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोग करती हैं। संविधान में शक्तियों का विभाजन (सातवीं अनुसूची) स्पष्ट है, लेकिन सहयोग की भावना पर बल दिया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि संविधान में केंद्र की ओर झुकाव (tendency towards centralisation) है, जैसे कि आपातकालीन प्रावधान, एकीकृत न्यायपालिका, अखिल भारतीय सेवाएं आदि, फिर भी राज्यों को अपनी विशिष्ट भूमिकाएँ सौंपी गई हैं। इसलिए, यह न तो शुद्ध संघवाद (जैसे अमेरिका) है और न ही एकात्मक (जैसे ब्रिटेन)।
- गलत विकल्प: ‘शुद्ध संघवाद’ (Pure Federalism) या ‘एकीकृत संघवाद’ (Integrated Federalism) भारत की प्रकृति का सटीक वर्णन नहीं करते। ‘अकर्मण्य संघवाद’ (Passive Federalism) एक मान्य शब्द नहीं है।
प्रश्न 23: भारत के संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन से मूल अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त हैं?
- अनुच्छेद 14, 15, 16
- अनुच्छेद 20, 21, 22
- अनुच्छेद 23, 24, 25
- अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, 30
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में कुछ मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं। ये हैं: अनुच्छेद 15 (धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध), अनुच्छेद 16 (लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समता), अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आदि), अनुच्छेद 29 (अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण) और अनुच्छेद 30 (शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन अल्पसंख्यकों द्वारा)।
- संदर्भ और विस्तार: अन्य सभी मौलिक अधिकार (जैसे अनुच्छेद 14, 20, 21, 22, 25, 26, 27, 28) भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) में दिए गए अनुच्छेद नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए उपलब्ध हैं।
प्रश्न 24: ‘लोकसभा’ को ‘निचला सदन’ (Lower House) क्यों कहा जाता है?
- क्योंकि इसके सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं
- क्योंकि यह स्थायी सदन है
- क्योंकि इसके सदस्य सीधे राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं
- क्योंकि यह कभी भंग नहीं होती
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: लोकसभा को ‘निचला सदन’ कहा जाता है क्योंकि इसके सदस्य सीधे सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर, यानी जनता द्वारा सीधे चुने जाते हैं (अनुच्छेद 81)।
- संदर्भ और विस्तार: इसके विपरीत, राज्यसभा को ‘उच्च सदन’ कहा जाता है क्योंकि इसके सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से, राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं (अनुच्छेद 80)। लोकसभा के सदस्य 5 वर्ष के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं और राष्ट्रपति इसे भंग कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: सीधे जनता द्वारा चुना जाना लोकसभा की विशेषता है। राज्यसभा एक स्थायी सदन है (कभी भंग नहीं होती)। राष्ट्रपति मनोनीत सदस्य (12) राज्यसभा में होते हैं, लोकसभा में नहीं (हालांकि 2 आंग्ल-भारतीय समुदाय के मनोनीत किए जा सकते थे, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है)।
प्रश्न 25: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) का उल्लेख किस रूप में किया गया है?
- केवल सामाजिक और राजनीतिक न्याय
- केवल आर्थिक और राजनीतिक न्याय
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय
- सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक न्याय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने की बात करती है। यह न्याय का एक व्यापक दृष्टिकोण है, जो समाज में व्याप्त असमानताओं को दूर करने और सभी को समान अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखता है।
- संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव न होना। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और आय का समान वितरण। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार, जैसे वोट देने का अधिकार, पद धारण करने का अधिकार आदि।
- गलत विकल्प: प्रस्तावना में ‘धार्मिक न्याय’ या ‘सांस्कृतिक न्याय’ जैसे शब्दों का सीधा उल्लेख नहीं है, जबकि धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28) प्रदान किया गया है। विकल्प (a), (b), और (d) न्याय के सभी तीन आयामों को शामिल नहीं करते जैसा कि प्रस्तावना में है।