संविधान मंथन: करें अपने ज्ञान का परीक्षण!
नमस्कार, भावी अधिकारियों! भारतीय लोकतंत्र के स्तंभों को समझना परीक्षा की तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपनी संवैधानिक समझ को परखने और उसे और मज़बूत करने के लिए तैयार हो जाइए। आज के इस गहन अभ्यास सत्र में हम भारतीय राजव्यवस्था और संविधान के 25 चुनिंदा प्रश्नों के साथ आपके ज्ञान की कसौटी करेंगे। आइए, इस संवैधानिक मंथन में गोता लगाएं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार शामिल है?
- अनुच्छेद 14-18
- अनुच्छेद 19-22
- अनुच्छेद 23-24
- अनुच्छेद 25-28
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग III (मौलिक अधिकार) अनुच्छेद 25 से 28 तक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 25 सभी व्यक्तियों के लिए अंतःकरण की स्वतंत्रता और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों के लिए उपलब्ध है। इसमें सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन अंतःकरण की स्वतंत्रता, धार्मिक कार्यों का प्रबंधन, किसी विशेष धर्म को बढ़ावा देने के लिए करों के भुगतान से स्वतंत्रता, और कुछ शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या पूजा में भाग लेने की स्वतंत्रता शामिल है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14-18 समता का अधिकार, अनुच्छेद 19-22 स्वतंत्रता का अधिकार (कुछ स्वतंत्रताओं को छोड़कर), और अनुच्छेद 23-24 शोषण के विरुद्ध अधिकार से संबंधित हैं।
प्रश्न 2: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?
- यह शक्ति अनुच्छेद 72 के तहत प्रदान की गई है।
- यह शक्ति केवल संघ सूची के विषयों से संबंधित अपराधों पर लागू होती है।
- राष्ट्रपति इसे मंत्रिपरिषद की सलाह पर प्रयोग कर सकते हैं।
- राष्ट्रपति कोर्ट मार्शल द्वारा दी गई सजा को भी माफ कर सकते हैं।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 में किया गया है। यह शक्ति उन्हें संसद द्वारा पारित किसी कानून के अधीन किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को क्षमा करने, दंडादेश को निलंबित करने, कम करने या क्षमा करने की शक्ति प्रदान करती है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की यह शक्ति केवल संघ सूची के विषयों से संबंधित अपराधों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह उन सभी मामलों पर लागू होती है जहां सजा या दंडादेश किसी ऐसे कानून के तहत दिया गया है जो संघ की कार्यकारी शक्ति का विस्तार करता है। इसके अतिरिक्त, यह उन सभी मामलों पर भी लागू होती है जहां सजा या दंडादेश सैन्य न्यायालय (कोर्ट मार्शल) द्वारा दिया गया हो। राष्ट्रपति यह शक्ति स्वविवेक से नहीं, बल्कि मंत्रिपरिषद की सलाह पर प्रयोग करते हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (b) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति केवल संघ सूची के विषयों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य सूची के विषयों से संबंधित उन सभी अपराधों पर भी लागू होती है जहां सजा या दंडादेश राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्ति के दायरे में आता है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी एक विशेषता भारतीय संघवाद की नहीं है?
- लिखित संविधान
- शक्तियों का विभाजन
- एकल नागरिकता
- स्वतंत्र न्यायपालिका
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान एक लिखित, अलिखित और कठोर संविधान है। शक्तियों का विभाजन (केंद्र और राज्यों के बीच) संविधान के भाग XI (अनुच्छेद 245-293) में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है। स्वतंत्र न्यायपालिका का प्रावधान हमारे संविधान की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जो न्यायिक समीक्षा के माध्यम से संवैधानिक सर्वोच्चता सुनिश्चित करती है।
- संदर्भ और विस्तार: एकल नागरिकता (Single Citizenship) भारतीय संघवाद की विशेषता नहीं है, बल्कि यह एकात्मक (Unitary) व्यवस्था की ओर झुकाव का सूचक है। कनाडा जैसे कुछ संघीय देशों में दोहरी नागरिकता होती है (संघीय और प्रांतीय)। भारत में, अनुच्छेद 9 के तहत, यह प्रावधान है कि जो कोई भी स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, वह भारत का नागरिक नहीं रह जाएगा। यह एकात्मकता को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: लिखित संविधान (भाग XX, अनुच्छेद 395) और शक्तियों का विभाजन (भाग XI) संघीय व्यवस्था की आवश्यक विशेषताएं हैं। स्वतंत्र न्यायपालिका (भाग V, अध्याय IV) भी संघीय संरचना को बनाए रखने में सहायक है।
प्रश्न 4: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1988
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को भारतीय संविधान में भाग IX (अनुच्छेद 243 से 243-O तक) जोड़कर संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। इसने संविधान में एक नई ग्यारहवीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं के 29 विषय शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को अधिक शक्तियां और स्वायत्तता प्रदान करना था ताकि वे स्थानीय स्वशासन के रूप में प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें। इसके तहत पंचायतों के तीन-स्तरीय ढांचे (ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती पंचायत और जिला परिषद) का प्रावधान किया गया।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं) से संबंधित है। 42वां संशोधन अधिनियम, जिसे ‘मिनी-संविधान’ भी कहा जाता है, ने प्रस्तावना में समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और अखंडता शब्द जोड़े। 61वां संशोधन अधिनियम ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण’ से संबंधित है?
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 20
- अनुच्छेद 21
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा, इसकी गारंटी देता है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस अधिकार की व्यापक व्याख्या की है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 21 में जीवन के अधिकार में आश्रय का अधिकार, आजीविका का अधिकार, गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, निजता का अधिकार आदि शामिल हैं। यह अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों) के लिए उपलब्ध है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 केवल लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समता प्रदान करता है। अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है।
प्रश्न 6: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के लोक वित्त का संरक्षक होता है। वह संसद के दोनों सदनों के समक्ष राष्ट्रपति द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्टें तैयार करता है। CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होता है। यह एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, लेकिन CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति क्रमशः संसद के सदनों के पीठासीन अधिकारी होते हैं और उनकी नियुक्ति में सीधे तौर पर CAG की नियुक्ति का कोई अधिकार नहीं होता।
प्रश्न 7: ‘संसदीय संप्रभुता’ की अवधारणा किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- यूनाइटेड किंगडम
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में, ‘संसदीय संप्रभुता’ की अवधारणा (Parliamentary Sovereignty) यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के संविधान से प्रभावित है। हालांकि, भारत में संसदीय संप्रभुता पूर्ण नहीं है, क्योंकि यह लिखित संविधान, मौलिक अधिकारों और न्यायिक समीक्षा से सीमित है।
- संदर्भ और विस्तार: ब्रिटेन में, संसद सर्वोच्च है और वह कोई भी कानून बना सकती है, जिसमें संविधान में परिवर्तन भी शामिल है। भारत में, संसद कानून बना सकती है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय को यह समीक्षा करने का अधिकार है कि क्या वे संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करते हैं। फिर भी, कई मायनों में, संसद को कानून बनाने की प्रक्रिया में सर्वोच्चता प्राप्त है।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में, संविधान सर्वोच्च है और शक्तियों का पृथक्करण (Separation of Powers) और नियंत्रण एवं संतुलन (Checks and Balances) महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया भी संघीय देश हैं जहाँ संविधान की सर्वोच्चता होती है, हालांकि उनकी अपनी विशिष्टताएं हैं।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन से अनुच्छेद राज्यों को उच्च न्यायालयों की स्थापना से संबंधित हैं?
- अनुच्छेद 124
- अनुच्छेद 214
- अनुच्छेद 233
- अनुच्छेद 241
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 214 यह प्रावधान करता है कि प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा। अनुच्छेद 214 से 231 तक उच्च न्यायालयों की संरचना, अधिकार क्षेत्र और शक्तियों से संबंधित प्रावधान हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 231 यह भी प्रावधान करता है कि संसद विधि द्वारा दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय स्थापित कर सकती है। वर्तमान में, भारत में 25 उच्च न्यायालय हैं, जिनमें से कुछ एक से अधिक राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कार्य करते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 233 जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 241 संसद को केंद्र शासित प्रदेशों के लिए उच्च न्यायालय स्थापित करने की शक्ति देता है।
प्रश्न 9: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का क्या अर्थ है?
- भाईचारे की भावना
- एकता और अखंडता
- सामाजिक समानता
- आर्थिक न्याय
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का अर्थ नागरिकों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिक आपस में भाई-भाई के रूप में रहें।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में उल्लिखित बंधुत्व, ‘एकता और अखंडता’ (Unity and Integrity) की गारंटी के साथ जुड़ा हुआ है। इसका उद्देश्य ऐसी भावना को बढ़ावा देना है जो राष्ट्र की एकता को बनाए रखती है। इसका अर्थ है लोगों के बीच सहयोग और एकजुटता की भावना।
- गलत विकल्प: सामाजिक समानता (अनुच्छेद 14, 15) और आर्थिक न्याय (DPSP में उल्लिखित) अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, लेकिन ‘बंधुत्व’ का प्राथमिक अर्थ भाईचारे की भावना है।
प्रश्न 10: संविधान का कौन सा भाग राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) से संबंधित है?
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51) राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत न्यायोचित नहीं हैं, अर्थात इनके उल्लंघन पर कोई भी व्यक्ति न्यायालय की शरण नहीं ले सकता। ये सिद्धांत देश के शासन में मूलभूत हैं और कानून बनाने में राज्य को इन सिद्धांतों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा। ये सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के उद्देश्य से हैं।
- गलत विकल्प: भाग II नागरिकता (अनुच्छेद 5-11) से संबंधित है। भाग III मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 12-35) से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका (अनुच्छेद 52-78) से संबंधित है।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने की शक्ति प्रदान करता है। यह उद्घोषणा तब की जा सकती है जब भारत की सुरक्षा, चाहे वह युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण खतरे में हो।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति केवल मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश पर ही कर सकता है। इस उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। एक बार अनुमोदित होने के बाद, यह छह महीने तक लागू रहती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर राष्ट्रपति शासन से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 उन मामलों में लागू होता है जहां राज्य, संघ के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी की जाने वाली रिट नहीं है?
- हेबियस कॉर्पस
- मैंडेमस
- प्रोहिबिशन
- रिट ऑफ इंक्वायरी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 32 सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को भी ऐसी शक्तियां प्रदान करता है। पाँच प्रकार की रिटें हैं: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), परमादेश (Mandamus), प्रतिषेध (Prohibition), अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) और उत्प्रेषण (Certiorari)।
- संदर्भ और विस्तार: ‘रिट ऑफ इंक्वायरी’ (Writ of Inquiry) नामक कोई विशिष्ट रिट जारी नहीं की जाती है। हेबियस कॉर्पस का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’, मैंडेमस का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’, प्रोहिबिशन का अर्थ है ‘रोकना’। ये रिटें क्रमशः अवैध गिरफ्तारी, सार्वजनिक अधिकारी द्वारा कर्तव्य पालन में कोताही और अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अधिकार क्षेत्र के उल्लंघन को रोकने के लिए जारी की जाती हैं।
- गलत विकल्प: हेबियस कॉर्पस, मैंडेमस और प्रोहिबिशन सभी मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए जारी की जा सकने वाली मान्य रिटें हैं।
प्रश्न 13: भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?
- उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- वह किसी भी न्यायालय में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।
- उन्हें केवल सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई का अधिकार है।
- वे संसद की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं लेकिन मत नहीं दे सकते।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है। वे भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखते हैं, न कि केवल सर्वोच्च न्यायालय में। वे संसद के किसी भी सदन या उसकी समितियों की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं और बोल सकते हैं, लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता है (अनुच्छेद 88)।
- गलत विकल्प: विकल्प (c) गलत है क्योंकि महान्यायवादी को भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार होता है।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संविधान के अभिभावक’ के रूप में जानी जाती है?
- कार्यपालिका
- विधायिका
- न्यायपालिका
- निर्वाचन आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय, को ‘संविधान का संरक्षक’ या ‘अभिभावक’ (Guardian of the Constitution) कहा जाता है। यह कार्यपालिका और विधायिका द्वारा संविधान के अतिक्रमण को रोकने और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखने के लिए न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) की शक्ति का प्रयोग करती है।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायिक समीक्षा के माध्यम से, न्यायपालिका यह तय करती है कि विधायिका द्वारा पारित कानून या कार्यपालिका द्वारा उठाए गए कदम संविधान के प्रावधानों के अनुरूप हैं या नहीं। यदि वे संविधान के विरुद्ध पाए जाते हैं, तो उन्हें असंवैधानिक घोषित किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: कार्यपालिका (Executive) कानूनों को लागू करती है, विधायिका (Legislature) कानून बनाती है, और निर्वाचन आयोग (Election Commission) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करता है। हालांकि ये सभी संवैधानिक संस्थाएं हैं, संविधान की व्याख्या और संरक्षण का प्राथमिक कार्य न्यायपालिका का है।
प्रश्न 15: राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति संविधान के किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 213
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 142
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश (Ordinance) जारी करने की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति केवल तभी प्रयोग की जा सकती है जब संसद का कोई एक सदन (या दोनों सदन) सत्र में न हो और ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाए कि तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता हो।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया अध्यादेश संसद के सत्र में आने के छह सप्ताह के भीतर दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होना आवश्यक है, अन्यथा वह अप्रवर्तनीय हो जाता है। यह एक अस्थायी कानून की तरह कार्य करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 213 राज्यपाल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को महत्वपूर्ण मामलों में सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 142 सर्वोच्च न्यायालय को अपने निर्णयों को लागू करने के लिए उचित प्रक्रिया का आदेश देने की शक्ति देता है।
प्रश्न 16: भारत में ‘मौलिक कर्तव्य’ किस समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं?
- एल.एम. सिंघवी समिति
- सरकारी आयोग
- स्वर्ण सिंह समिति
- ठाकुर प्रसाद समिति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के भाग IV-A (अनुच्छेद 51-A) में जोड़ा गया था। यह स्वर्ण सिंह समिति (Swaran Singh Committee) की सिफारिशों पर आधारित था।
- संदर्भ और विस्तार: मूल संविधान में मौलिक कर्तव्यों का कोई उल्लेख नहीं था। स्वर्ण सिंह समिति ने संविधान में कुछ कर्तव्यों को शामिल करने की सिफारिश की थी, जिनमें से कुछ को सरकार ने स्वीकार किया और 42वें संशोधन के माध्यम से संविधान में जोड़ा। अब कुल 11 मौलिक कर्तव्य हैं, जिनमें से अंतिम 11वां कर्तव्य 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया।
- गलत विकल्प: एल.एम. सिंघवी समिति ने पंचायती राज की संवैधानिक व्यवस्था की सिफारिश की थी। सरकारी आयोग केंद्र-राज्य संबंधों से संबंधित था। ठाकुर प्रसाद समिति का संबंध संसदीय विशेषाधिकारों से था।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन ‘संसद का अंग’ नहीं है?
- राष्ट्रपति
- लोकसभा
- राज्यसभा
- भारत का महान्यायवादी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार, भारत की संसद राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा से मिलकर बनेगी। इसलिए, राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा संसद के अंग हैं।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि भारत का महान्यायवादी (Attorney General for India) संसद की कार्यवाही में भाग ले सकता है और बोल सकता है (अनुच्छेद 88), वह संसद का सदस्य नहीं होता है और न ही वह संसद का अंग है। वह सरकार का कानूनी सलाहकार होता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति (अनुच्छेद 52) संसद का अभिन्न अंग हैं क्योंकि उनके हस्ताक्षर के बिना कोई भी विधेयक अधिनियम नहीं बन सकता। लोकसभा और राज्यसभा संसद के सदन हैं।
प्रश्न 18: किस संविधान संशोधन के द्वारा ‘शिक्षा’ को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में स्थानांतरित किया गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 ने पांच विषयों को राज्य सूची (सातवीं अनुसूची के विषय 25) से हटाकर समवर्ती सूची (सातवीं अनुसूची के विषय 17) में स्थानांतरित कर दिया। इन विषयों में ‘शिक्षा’ भी शामिल थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन के बाद, शिक्षा से संबंधित कानून बनाने का अधिकार संसद और राज्य विधानमंडलों दोनों के पास है। हालाँकि, जब समवर्ती सूची में किसी विषय पर दोनों द्वारा बनाए गए कानूनों में टकराव होता है, तो संसद द्वारा बनाया गया कानून प्रभावी होता है।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन अधिनियम संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21A) बनाया और इसे 6-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए अनिवार्य किया।
प्रश्न 19: भारत में ‘संविधान की सर्वोच्चता’ का अर्थ है:
- संसद ही सर्वोच्च है।
- न्यायपालिका ही सर्वोच्च है।
- संविधान ही सर्वोच्च है और सभी अंग उसी के अधीन हैं।
- प्रधानमंत्री ही सर्वोच्च हैं।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘संविधान की सर्वोच्चता’ (Supremacy of the Constitution) भारतीय राजनीतिक व्यवस्था का एक केंद्रीय सिद्धांत है। इसका अर्थ है कि भारत का संविधान सर्वोच्च कानून है और सरकार के तीनों अंग – विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका – उसी के अधीन कार्य करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: संविधान में सभी शक्तियों का स्रोत है और यह सरकार के प्रत्येक अंग के अधिकार क्षेत्र और सीमाओं को परिभाषित करता है। यदि सरकार का कोई भी अंग संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो न्यायपालिका (न्यायिक समीक्षा के माध्यम से) उस कार्य को अमान्य कर सकती है।
- गलत विकल्प: भारत में न तो संसद, न न्यायपालिका और न ही प्रधानमंत्री सर्वोच्च हैं, बल्कि संविधान सर्वोच्च है। यह ब्रिटेन के विपरीत है जहाँ संसदीय संप्रभुता है, या अमेरिका के विपरीत जहाँ राष्ट्रपति पद बहुत शक्तिशाली है।
प्रश्न 20: किस अनुच्छेद के तहत कोई भी नागरिक इस आधार पर चुनौती नहीं दे सकता कि उसे सार्वजनिक सेवाओं में नियुक्तियों के संबंध में कुछ आधारों पर विभेद किया गया है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 ‘लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समता’ का अधिकार प्रदान करता है। यह कहता है कि राज्य के अधीन किसी भी कार्यालय की नियुक्ति के संबंध में सभी नागरिकों को अवसर की समता होगी।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, अनुच्छेद 16(2) स्पष्ट करता है कि राज्य किसी भी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान, निवास स्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा। लेकिन, यह किसी भी नागरिक को इस आधार पर चुनौती देने से नहीं रोकता कि उसे सार्वजनिक सेवाओं में नियुक्तियों के संबंध में कुछ आधारों पर विभेद किया गया है, बशर्ते वह आधार धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान, निवास या इनमें से कोई भी न हो। यहाँ प्रश्न का मूल अर्थ यह है कि किस आधार पर विभेद निषिद्ध है, जो कि अनुच्छेद 16(2) में उल्लिखित है, और उस आधार पर नियुक्ति के मामले में चुनौती दी जा सकती है। प्रश्न की भाषा थोड़ी भ्रामक है, लेकिन इसका सामान्य आशय अवसर की समता के अधिकार से है, जो अनुच्छेद 16 में है। यदि प्रश्न यह पूछता कि किस आधार पर विभेद निषिद्ध है, तो उत्तर अनुच्छेद 16(2) होता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 समता का सामान्य अधिकार देता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है (यह सार्वजनिक सेवाओं तक सीमित नहीं है)। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत से संबंधित है।
प्रश्न 21: ‘राज्यों के भाषाई पुनर्गठन’ का सिद्धांत पहली बार कब और किस आयोग द्वारा प्रतिपादित किया गया?
- 1948, राजभाषा आयोग
- 1955, फजल अली आयोग
- 1953, धर आयोग
- 1966, साईमन आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्यों के भाषाई पुनर्गठन का मुद्दा भारत की स्वतंत्रता के बाद एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक प्रश्न था। पहली बार 1948 में, संविधान सभा द्वारा भाषाई प्रांत आयोग (States Reorganisation Commission – SRC) का गठन किया गया, जिसकी अध्यक्षता एस. के. धर (S. K. Dhar) ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: धर आयोग ने सुझाव दिया कि राज्यों का पुनर्गठन मुख्य रूप से भाषाई आधार पर नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुविधा पर आधारित होना चाहिए। इस रिपोर्ट के विरोध में, तेलुगु भाषी क्षेत्रों में बड़े आंदोलन हुए, जिसके कारण 1953 में फजल अली की अध्यक्षता में राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission – SRC) का गठन किया गया। इस आयोग ने राज्यों के पुनर्गठन के लिए भाषाई आधार को स्वीकार किया और इसके परिणामस्वरूप 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम पारित किया गया।
- गलत विकल्प: राजभाषा आयोग (1955) हिंदी को संघ की राजभाषा बनाने के संबंध में था। फजल अली आयोग (1953) ने अंततः भाषाई पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त किया, लेकिन सिद्धांत पहली बार धर आयोग (1948) के समक्ष आया। साईमन आयोग (1927-29) ब्रिटिश काल में संवैधानिक सुधारों से संबंधित था।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची ‘शपथ या प्रतिज्ञान’ के प्रारूप से संबंधित है?
- दूसरी अनुसूची
- तीसरी अनुसूची
- चौथी अनुसूची
- पांचवी अनुसूची
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की तीसरी अनुसूची (Third Schedule) संघ और राज्य के मंत्रियों, संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) आदि के लिए पद की शपथ या प्रतिज्ञान के प्रारूप से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: शपथ का उद्देश्य ईमानदारी और निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करना सुनिश्चित करना है। इसमें भारत के संविधान और देश की संप्रभुता व अखंडता को बनाए रखने की शपथ भी शामिल होती है।
- गलत विकल्प: दूसरी अनुसूची राष्ट्रपति, राज्यपालों, लोकसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति, उपसभापति, राज्यों की विधान परिषदों के सभापति, उपसभापति, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और CAG के वेतन से संबंधित है। चौथी अनुसूची राज्यसभा में सीटों के आवंटन से संबंधित है। पांचवी अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन केंद्रीय मंत्रिपरिषद का ‘मुख्य वास्तुकार’ माना जाता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- मंत्री परिषद
- कैबिनेट सचिव
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रधानमंत्री (Prime Minister) केंद्रीय मंत्रिपरिषद के ‘मुख्य वास्तुकार’ (Chief Architect) माने जाते हैं। अनुच्छेद 75(1) के अनुसार, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं और प्रधानमंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: प्रधानमंत्री अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों का चयन करते हैं, उन्हें विभागों का आवंटन करते हैं, और यदि आवश्यक हो तो उनमें फेरबदल कर सकते हैं। वे मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं और सरकार की नीतियों को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति औपचारिक मुखिया होते हैं। मंत्री परिषद सामूहिक रूप से कार्य करती है। कैबिनेट सचिव प्रशासनिक मुखिया होता है, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व प्रधानमंत्री का होता है।
प्रश्न 24: भारत में ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee) के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- इसमें 20 सदस्य होते हैं, जिनमें से 15 लोकसभा से और 5 राज्यसभा से होते हैं।
- इसका कार्यकाल 2 वर्ष का होता है।
- समिति का अध्यक्ष आमतौर पर सत्ताधारी दल का होता है।
- यह CAG द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों की जांच करती है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) संसद की एक महत्वपूर्ण समिति है जो भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा भारत की संचित निधि से किए गए खर्चों से संबंधित रिपोर्टों (जैसे विनियोग लेखाओं पर लेखा परीक्षा रिपोर्ट और वित्तीय लेखा पर लेखा परीक्षा रिपोर्ट) की जांच करती है।
- संदर्भ और विस्तार: PAC में कुल 22 सदस्य होते हैं, जिनमें से 15 लोकसभा से और 7 राज्यसभा से चुने जाते हैं। इनका कार्यकाल 1 वर्ष का होता है। परंपरागत रूप से, PAC का अध्यक्ष विपक्ष का होता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सरकार के खर्चों की निष्पक्ष जांच हो।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि सदस्यों की संख्या 22 है (15+7)। विकल्प (b) गलत है क्योंकि कार्यकाल 1 वर्ष का होता है। विकल्प (c) गलत है क्योंकि अध्यक्ष आमतौर पर विपक्ष से होता है।
प्रश्न 25: ‘संविधान संशोधन’ की प्रक्रिया का उल्लेख भारतीय संविधान के किस भाग में किया गया है?
- भाग XV
- भाग XVI
- भाग XX
- भाग XXII
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग XX (Part XX) में अनुच्छेद 368 (Article 368) में संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 368 के तहत, संसद के पास भारतीय संविधान में संशोधन करने की शक्ति है। यह संशोधन तीन प्रकार से हो सकते हैं: (1) संसद के साधारण बहुमत द्वारा, (2) संसद के विशेष बहुमत द्वारा, और (3) संसद के विशेष बहुमत और आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों के अनुसमर्थन द्वारा।
- गलत विकल्प: भाग XV निर्वाचन (Elections) से संबंधित है (अनुच्छेद 324-329)। भाग XVI कुछ वर्गों से संबंधित विशेष प्रावधान (Special Provisions relating to Certain Classes) (अनुच्छेद 330-342) से संबंधित है। भाग XXII संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, प्राधिकार और निरसन (Short title, commencement, authority and text) से संबंधित है।