संविधान मंथन: आपके ज्ञान की अग्निपरीक्षा
भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्या आप अपनी राजव्यवस्था और संविधान संबंधी अवधारणाओं की गहराई को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इस गहन अभ्यास सत्र में उतरें और अपने ज्ञान की धार को तेज करें!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता की गारंटी देता है?
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 18
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16, भारतीय संविधान का वह अनुच्छेद है जो ‘लोक नियोजन के विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता’ की गारंटी देता है। इसका अर्थ है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के संबंध में किसी भी नागरिक के साथ धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह अनुच्छेद भारतीय संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) के अंतर्गत आता है। हालांकि, अनुच्छेद 16(3) संसद को कुछ मामलों में निवास के संबंध में विशेष उपबंध करने की शक्ति देता है। इसके अतिरिक्त, अनुच्छेद 16(4) पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान भी करता है।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है, जो अवसर की समानता से व्यापक है लेकिन सीधे लोक नियोजन से संबंधित नहीं है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है, और अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।
प्रश्न 2: किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े गए?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976 को ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इसी अधिनियम द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में तीन नए शब्द ‘समाजवादी’ (Socialist), ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) जोड़े गए थे।
- संदर्भ एवं विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय राज्य के स्वरूप को स्पष्ट करना था। ‘समाजवादी’ शब्द आर्थिक और सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है, ‘धर्मनिरपेक्ष’ राज्य का किसी विशेष धर्म के प्रति झुकाव न होना दर्शाता है, और ‘अखंडता’ राष्ट्र की एकता और अक्षुण्णता पर बल देती है। केशवानंद भारती मामले (1973) के बाद यह संशोधन हुआ, जिसने संसद को संविधान के मूल ढांचे को न बदलने की शर्त के साथ संशोधन की शक्ति दी।
- अincorrect विकल्प: 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया। 52वां संशोधन अधिनियम, 1985 दलबदल विरोधी कानून (10वीं अनुसूची) से संबंधित है। 61वां संशोधन अधिनियम, 1989 ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 124
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72, भारतीय संविधान के तहत भारत के राष्ट्रपति को क्षमा, लघुकरण, परिहार, प्रविलंबन या विराम देने की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति उन्हें उन अपराधों के लिए प्राप्त है जो संघ की कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र के अधीन हैं, या जो मार्शल लॉ द्वारा दंडनीय हैं, या जो मृत्युदंड में परिणत हुए हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह न्यायिक निर्णयों की समीक्षा की एक अतिरिक्त प्रक्रिया प्रदान करती है। राष्ट्रपति इस शक्ति का प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर करते हैं, लेकिन यह निर्णय लेने में वे पूर्णतः बाध्य नहीं होते।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्ति से संबंधित है, जिसमें विधेयकों पर अनुमति देना या न देना शामिल है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी याचिका किसी व्यक्ति को गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखने के मामले में जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) का शाब्दिक अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह याचिका किसी व्यक्ति को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने की मांग करती है, जब उसे यह लगता है कि उसे गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। यह मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 32 और 226) के उल्लंघन के खिलाफ एक प्रभावी उपाय है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह याचिका किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) द्वारा जारी की जा सकती है। यह याचिका केवल सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध ही नहीं, बल्कि निजी व्यक्तियों के विरुद्ध भी जारी की जा सकती है, यदि वे किसी व्यक्ति को अवैध रूप से बंदी बनाए हुए हों।
- अincorrect विकल्प: परमादेश किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य निभाने का आदेश है। उत्प्रेषण किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण के किसी मामले को उच्च न्यायालय में भेजने का आदेश है, ताकि उसकी वैधता जांची जा सके। प्रतिषेध किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्यवाही करने से रोकने का आदेश है।
प्रश्न 5: भारतीय संसद किनसे मिलकर बनती है?
- राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा
- प्रधानमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा
- केवल लोकसभा और राज्यसभा
- राष्ट्रपति और लोकसभा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 79, भारतीय संविधान के अनुसार, भारत की संसद राष्ट्रपति, और दो सदनों, जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्यसभा) और लोगों का सदन (लोकसभा) कहा जाता है, से मिलकर बनेगी।
- संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति संसद का अविभाज्य अंग हैं, हालांकि वे न तो लोकसभा के सदस्य होते हैं और न ही राज्यसभा के। विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की अनुमति आवश्यक होती है। लोकसभा जनता का सदन है, जिसके सदस्य प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं, जबकि राज्यसभा राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है, जिसके सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।
- अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, न कि संसद के अभिन्न अंग के रूप में। लोकसभा और राज्यसभा स्वयं संसद का निर्माण करती हैं, लेकिन राष्ट्रपति की सहमति के बिना कोई भी विधेयक कानून नहीं बन सकता, इसलिए राष्ट्रपति भी संसद का एक अनिवार्य हिस्सा हैं।
प्रश्न 6: राज्यों के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) को किस देश के संविधान से लिया गया है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- संयुक्त राज्य कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
- आयरलैंड
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV में उल्लिखित राज्यों के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) को आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर ग्रहण किया गया है।
- संदर्भ एवं विस्तार: DPSP सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं। ये तत्व अदालतों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन राष्ट्र के शासन में मूलभूत माने जाते हैं और कानून बनाते समय राज्य द्वारा इन तत्वों को लागू करने का प्रयास किया जाएगा (अनुच्छेद 37)।
- अincorrect विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार लिए गए हैं। कनाडा से संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत लिया गया है। ऑस्ट्रेलिया से प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची और संयुक्त बैठक का प्रावधान लिया गया है।
प्रश्न 7: भारत में दल-बदल के आधार पर अयोग्यता का प्रावधान किस अनुसूची में है?
- सातवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
- बारहवीं अनुसूची
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: दल-बदल के आधार पर संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अयोग्यता का प्रावधान भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में किया गया है। इस अनुसूची को 52वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: दसवीं अनुसूची का मुख्य उद्देश्य विधायकों को दल-बदल करने से रोकना था, जिससे राजनीतिक अस्थिरता को कम किया जा सके। इस अनुसूची के तहत, कोई सदस्य जो किसी राजनीतिक दल के टिकट पर चुना गया है, यदि वह स्वेच्छा से उस दल की सदस्यता छोड़ देता है, या सदन में दल के निर्देश के विरुद्ध मतदान करता है, तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
- अincorrect विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन से संबंधित है, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से छूट दी गई है। बारहवीं अनुसूची पंचायतों की शक्तियों, प्राधिकार और उत्तरदायित्वों से संबंधित है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन भारत का प्रथम नागरिक माना जाता है?
- प्रधानमंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
- राष्ट्रपति
- लोकसभा का अध्यक्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं संदर्भ: प्रोटोकॉल के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक माना जाता है। यह एक परंपरा और राजकीय शिष्टाचार का मामला है, न कि किसी विशिष्ट संवैधानिक प्रावधान का।
- संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति देश के राष्ट्राध्यक्ष होते हैं और देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रोटोकॉल सूची में उनका स्थान सबसे ऊपर होता है, इसलिए उन्हें प्रथम नागरिक कहा जाता है। इसके बाद उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल (अपने राज्य के भीतर), पूर्व राष्ट्रपति, उप-प्रधानमंत्री, प्रधान न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष आदि का स्थान आता है।
- अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं और देश के कार्यकारी प्रमुख होते हैं, लेकिन प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति के बाद उनका स्थान आता है। सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का प्रमुख होता है। लोकसभा का अध्यक्ष विधायी निकाय का प्रमुख होता है।
प्रश्न 9: किस अनुच्छेद के तहत संसद विधि द्वारा कुछ वर्गों के लिए विशेष प्रावधान कर सकती है, भले ही वे समानता के अधिकार का उल्लंघन करते प्रतीत हों?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16(4) स्पष्ट रूप से कहता है कि इस अनुच्छेद में किसी बात के लिए यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह राज्य को, भारत के राज्यक्षेत्र में किसी भी पिछड़े हुए नागरिक वर्ग के पक्ष में, जिसका राज्य की राय में, राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, नियुक्ति या पदों के आरक्षण के लिए कोई उपबंध करने से निवारित करता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह उपबंध सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और ऐतिहासिक रूप से वंचित समुदायों को मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से आरक्षण की व्यवस्था को संवैधानिक वैधता प्रदान करता है। यह अनुच्छेद, हालांकि अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) के सामान्य सिद्धांत से भिन्न प्रतीत होता है, लेकिन यह सकारात्मक कार्रवाई (affirmative action) का एक महत्वपूर्ण साधन है।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता की बात करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है। हालांकि ये सभी समानता से संबंधित हैं, लेकिन विशेष प्रावधान (आरक्षण) के लिए अनुच्छेद 16(4) विशिष्ट है।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के विभाजन से संबंधित है?
- छठी अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नवीं अनुसूची
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है। इसमें तीन सूचियाँ हैं: संघ सूची (Union List), राज्य सूची (State List), और समवर्ती सूची (Concurrent List)।
- संदर्भ एवं विस्तार: संघ सूची में ऐसे विषय हैं जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है (जैसे रक्षा, विदेशी मामले, रेलवे)। राज्य सूची में ऐसे विषय हैं जिन पर राज्य सरकारें कानून बना सकती हैं (जैसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, कृषि)। समवर्ती सूची में ऐसे विषय हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन यदि कोई विरोध उत्पन्न होता है, तो केंद्र का कानून प्रभावी होता है।
- अincorrect विकल्प: छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है। आठवीं अनुसूची भारत की आधिकारिक भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची कुछ केंद्रीय और राज्य कानूनों के सत्यापन से संबंधित है, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से सुरक्षा प्रदान की गई है।
प्रश्न 11: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत की जा सकती है। यह तब लागू होता है जब भारत की सुरक्षा को युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण खतरा हो।
- संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन यह केवल मंत्रिपरिषद की लिखित सिफारिश पर ही की जा सकती है। इस उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। यह देश के संघीय ढांचे को एकात्मक में बदल देता है और मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) को निलंबित कर सकता है।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। इसलिए, केवल राष्ट्रीय आपातकाल के लिए अनुच्छेद 352 लागू होता है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन एक संवैधानिक निकाय नहीं है?
- चुनाव आयोग (Election Commission of India)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) एक संवैधानिक निकाय नहीं है। यह भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2015 को स्थापित एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से बनाया गया एक थिंक टैंक है, जिसने योजना आयोग का स्थान लिया।
- संदर्भ एवं विस्तार: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148) भारतीय संविधान में स्पष्ट रूप से प्रावधानित संवैधानिक निकाय हैं। इनका गठन और शक्तियां संविधान में निर्धारित हैं। नीति आयोग का उद्देश्य सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना और भारत के विकास के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान, नवाचार, उद्यमिता और नीति निर्माण को बढ़ावा देना है।
- अincorrect विकल्प: चुनाव आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक सभी का उल्लेख भारतीय संविधान में है और वे संवैधानिक निकाय हैं। नीति आयोग की स्थापना किसी संवैधानिक प्रावधान के तहत नहीं हुई है, बल्कि यह एक कार्यकारी निकाय है।
प्रश्न 13: ग्राम सभा का क्या अर्थ है?
- ग्राम पंचायत का स्तर
- गाँव के सभी वयस्क मतदाता
- केवल ग्राम पंचायत के सदस्य
- गाँव का सरपंच
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया। ग्राम सभा, पंचायती राज व्यवस्था की आधारशिला है। ग्राम सभा का अर्थ है एक गाँव स्तर पर पंचायत के क्षेत्र के भीतर समाहित किसी ग्राम के लिए निर्वाचक नामावली में पंजीकृत व्यक्तियों से मिलकर बनी संस्था। (यह 73वें संशोधन से प्रेरित है, विशेष रूप से अनुच्छेद 243(a) में ग्राम सभा की परिभाषा से)।
- संदर्भ एवं विस्तार: ग्राम सभा पंचायत के कामकाज की निगरानी करती है और ग्राम स्तर पर विकास योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह पंचायती राज की विकेंद्रीकृत शासन प्रणाली का मूल तत्व है, जो सीधे लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करता है।
- अincorrect विकल्प: ग्राम पंचायत एक निर्वाचित निकाय है, जबकि ग्राम सभा में उस पंचायत क्षेत्र के सभी पंजीकृत मतदाता शामिल होते हैं। ग्राम पंचायत के सदस्य ग्राम सभा के सदस्य होते हैं, लेकिन ग्राम सभा स्वयं केवल सदस्यों तक सीमित नहीं है। गाँव का सरपंच ग्राम पंचायत का मुखिया होता है, लेकिन ग्राम सभा का सदस्य होना उसके पद का पर्याय नहीं है।
प्रश्न 14: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)
- भारत के राष्ट्रपति
- कानून मंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से परामर्श करने के पश्चात्, और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में, उच्चतम न्यायालय के तथा राज्यों के उच्च न्यायालयों के ऐसे अन्य न्यायाधीशों से परामर्श करने के पश्चात्, जैसा कि राष्ट्रपति, न्यायिक नियुक्तियों के लिए आवश्यक समझे, न्यायाधीशों की नियुक्ति करेंगे।
- संदर्भ एवं विस्तार: हालांकि नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया ‘कॉलेजियम प्रणाली’ पर आधारित है, जिसमें वरिष्ठ न्यायाधीशों की सलाह अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति की जाती है, परंतु यह नियुक्ति मंत्रिपरिषद (विशेषकर प्रधानमंत्री) की सलाह पर होती है, जो मुख्य न्यायाधीश की सलाह को महत्व देती है।
- अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया हैं और राष्ट्रपति को सलाह देते हैं, लेकिन सीधे नियुक्ति नहीं करते। मुख्य न्यायाधीश की भूमिका परामर्श देने की है। कानून मंत्री का कार्य केवल राष्ट्रपति को सलाह देना होता है।
प्रश्न 15: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 316(1) में प्रावधानित है।
- संदर्भ एवं विस्तार: UPSC एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है जो अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सेवाओं और केंद्रीय संवर्ग सेवाओं में भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करता है। अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है। राष्ट्रपति उनके निष्कासन की प्रक्रिया को भी नियंत्रित करते हैं।
- अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं और राष्ट्रपति को सलाह देते हैं। लोकसभा अध्यक्ष विधायी निकाय के प्रमुख हैं। राज्यसभा के सभापति उप-राष्ट्रपति होते हैं। इनमें से कोई भी UPSC के अध्यक्ष या सदस्यों की सीधे नियुक्ति नहीं करता है।
प्रश्न 16: भारत में ‘एकात्मकता की ओर झुकाव वाली संघात्मक व्यवस्था’ (Federal system with a tendency towards unitaryism) की अवधारणा किस कारण से उत्पन्न होती है?
- मजबूत केंद्र सरकार
- कमजोर राज्य सरकारें
- दोनों (a) और (b)
- केवल राष्ट्रीय आपातकाल की व्यवस्था
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं संदर्भ: भारतीय संविधान एक ‘संघ’ (Federation) की स्थापना करता है, लेकिन इसमें एकात्मकता की ओर स्पष्ट झुकाव है। इसे अक्सर ‘अर्द्ध-संघीय’ (Quasi-federal) व्यवस्था भी कहा जाता है। यह मजबूत केंद्र सरकार और कुछ संदर्भों में कमजोर या अधिक निर्भर राज्य सरकारों के कारण उत्पन्न होता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: मजबूत केंद्र के लक्षणों में एकल नागरिकता, एकल संविधान, एकीकृत न्यायपालिका, राष्ट्रपति शासन की शक्ति (अनुच्छेद 356), राष्ट्रीय आपातकाल की शक्ति (अनुच्छेद 352), राज्यों के निर्माण या सीमाओं में परिवर्तन की संसद की शक्ति, और समवर्ती सूची पर केंद्र का प्रभुत्व शामिल हैं। जबकि राज्य सरकारों को भी अपनी शक्तियां प्राप्त हैं, केंद्र के पास अधिक शक्तियां और नियंत्रण होता है।
- अincorrect विकल्प: केवल मजबूत केंद्र सरकार या केवल कमजोर राज्य सरकारें इस झुकाव का पूरा कारण नहीं हैं, बल्कि दोनों का संयोजन ही भारतीय व्यवस्था की इस विशिष्ट प्रकृति को जन्म देता है। राष्ट्रीय आपातकाल की व्यवस्था एकात्मकता की ओर झुकाव को प्रदर्शित करती है, लेकिन यह ही एकमात्र कारण नहीं है; यह व्यवस्था की अंतर्निहित प्रकृति का एक परिणाम है।
प्रश्न 17: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) को कौन नियुक्त करता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- कानून मंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 76(1) के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ एवं विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है। वह भारत सरकार को विधि संबंधी मामलों पर सलाह देता है और उन विधिक कर्तव्यों का पालन करता है जो राष्ट्रपति द्वारा उसे सौंपे जाते हैं। वह भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है और उसे संसद के दोनों सदनों में बोलने का अधिकार है, हालांकि वह मतदान नहीं कर सकता।
- अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया के तौर पर राष्ट्रपति को सलाह दे सकते हैं, लेकिन नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा ही की जाती है। कानून मंत्री कानूनी मामलों के प्रमुख मंत्री होते हैं, पर नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति का है। मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख हैं और उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, न कि वे महान्यायवादी की नियुक्ति करते हैं।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति भारत के राष्ट्रपति के पास **नहीं** है?
- अध्यादेश जारी करने की शक्ति
- वीटो शक्ति
- सैन्य बलों की कमान
- न्यायिक नियुक्तियों में सलाहकारी भूमिका
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति के पास अध्यादेश जारी करने की शक्ति (अनुच्छेद 123), वीटो शक्ति (अनुच्छेद 111) और तीनों सैन्य बलों (थल सेना, नौसेना, वायु सेना) की कमान (अनुच्छेद 53) है। हालांकि, न्यायिक नियुक्तियों में उनकी भूमिका मुख्य रूप से सलाहकारी (मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों से परामर्श के पश्चात्) होती है, न कि वे स्वयं स्वतंत्र रूप से निर्णय लेते हैं। राष्ट्रपति की भूमिका संवैधानिक अनुसार मंत्रिपरिषद और मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर आधारित होती है। ‘सलाहकारी भूमिका’ शब्द का प्रयोग यहाँ राष्ट्रपति की **स्वतंत्र** निर्णय लेने की शक्ति के विपरीत है, जो अन्य विकल्पों में स्पष्ट रूप से व्यक्त शक्तियों से भिन्न है।
- संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं और संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हैं। अध्यादेश जारी करने की शक्ति उन्हें तब प्राप्त होती है जब संसद का सत्र न चल रहा हो। वीटो शक्ति उन्हें विधेयकों को कानून बनने से रोकने की शक्ति देती है। सैन्य बलों की कमान भारत की सुरक्षा और शासन व्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- अincorrect विकल्प: राष्ट्रपति की भूमिका न्यायिक नियुक्तियों में ‘सलाहकारी’ अधिक है, वे स्वयं स्वतंत्र रूप से नियुक्तियाँ नहीं करते। जबकि अन्य सभी विकल्प राष्ट्रपति की ठोस संवैधानिक शक्तियाँ हैं। इसलिए, ‘न्यायिक नियुक्तियों में सलाहकारी भूमिका’ को उस प्रकार की शक्ति के रूप में नहीं देखा जा सकता जो राष्ट्रपति की अपनी निर्णायक शक्ति के रूप में हो, बल्कि यह परामर्श की प्रक्रिया है।
प्रश्न 19: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 70वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 71वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1993
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 (जो 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ) द्वारा भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा गया और पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस अधिनियम ने पंचायती राज को एक स्व-शासित संस्था के रूप में मान्यता दी और त्रि-स्तरीय संरचना (ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती पंचायत, जिला पंचायत) की स्थापना को अनिवार्य बनाया। इसने पंचायती राज संस्थाओं के लिए नियमित चुनाव, सीटों का आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए) और वित्तीय संसाधनों के आवंटन का भी प्रावधान किया।
- अincorrect विकल्प: 70वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित नहीं है। 71वां संशोधन आठवीं अनुसूची में कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषाओं को शामिल करने से संबंधित है। 74वां संशोधन अधिनियम, 1993 शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिका) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का क्या अर्थ है?
- केवल राजनीतिक न्याय
- केवल आर्थिक न्याय
- केवल सामाजिक और आर्थिक न्याय
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ शब्द तीन प्रकार के न्याय को सम्मिलित करता है: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक।
- संदर्भ एवं विस्तार: ‘सामाजिक न्याय’ का अर्थ है जाति, वर्ग, लिंग, धर्म आदि के आधार पर भेदभाव की समाप्ति और सभी के लिए समान व्यवहार। ‘आर्थिक न्याय’ का अर्थ है धन, संपत्ति और आय के असमान वितरण को कम करना और सभी के लिए जीविका के समान अवसर सुनिश्चित करना। ‘राजनीतिक न्याय’ का अर्थ है सभी नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने का समान अधिकार, जिसमें वोट देना और चुनाव लड़ना शामिल है। यह तीनों मिलकर भारतीय समाज में एक न्यायपूर्ण व्यवस्था की स्थापना का लक्ष्य रखते हैं।
- अincorrect विकल्प: केवल एक या दो प्रकार के न्याय का उल्लेख प्रस्तावना में नहीं है; बल्कि तीनों का एक साथ उल्लेख किया गया है।
प्रश्न 21: अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन की प्रक्रिया को किस देश के संविधान से प्रेरित माना जाता है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- दक्षिण अफ्रीका
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया (अनुच्छेद 368) दक्षिण अफ्रीका के संविधान से प्रेरित है।
- संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 368 संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्रदान करता है। संविधान संशोधन के तीन तरीके हैं: साधारण बहुमत द्वारा संशोधन, विशेष बहुमत द्वारा संशोधन, और विशेष बहुमत के साथ-साथ कम से कम आधे राज्यों के विधानमंडलों की सहमति से संशोधन। दक्षिण अफ्रीका से हमने न केवल संशोधन की प्रक्रिया ली है, बल्कि यह भी कि संशोधन के लिए कुछ प्रावधानों को राज्यों की सहमति की आवश्यकता होती है।
- अincorrect विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में संविधान संशोधन की प्रक्रिया बहुत कठोर है और वहां विशेष बहुमत के साथ-साथ राज्यों के बड़े हिस्से की सहमति आवश्यक है। यूनाइटेड किंगडम में अलिखित संविधान है, जहाँ संशोधन की प्रक्रिया संवैधानिक परंपराओं और संसद के सामान्य विधायी कार्यों द्वारा होती है। कनाडा में भी संशोधन के कई तरीके हैं, जो अधिक जटिल हैं।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायतों से संबंधित है?
- भाग VIII
- भाग IX
- भाग X
- भाग XI
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX पंचायतों से संबंधित है। यह भाग 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल हैं, जो पंचायतों के गठन, संरचना, सीटों के आरक्षण, कार्यकाल, शक्तियों, प्राधिकारों और उत्तरदायित्वों से संबंधित प्रावधानों को निर्धारित करते हैं। इसने पंचायती राज संस्थाओं को एक स्व-शासित इकाई का दर्जा दिया।
- अincorrect विकल्प: भाग VIII संघ शासित क्षेत्रों से संबंधित है। भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है। भाग XI संघ और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों से संबंधित है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक’ है?
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 280 में किया गया है।
- संदर्भ एवं विस्तार: वित्त आयोग केंद्र सरकार और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण तथा राज्यों के बीच ऐसे संसाधनों के आवंटन की सिफारिशें करता है। इसका गठन प्रत्येक पांचवें वर्ष या राष्ट्रपति द्वारा आवश्यक समझे जाने पर किया जाता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक सांविधिक (statutory) निकाय है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत हुआ। नीति आयोग एक कार्यकारी निकाय है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) एक पुलिस संगठन है, जिसे दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के तहत स्थापित किया गया है।
- अincorrect विकल्प: NHRC एक सांविधिक निकाय है। नीति आयोग एक गैर-संवैधानिक, गैर-सांविधिक कार्यकारी निकाय है। CBI एक पुलिस बल है। वित्त आयोग ही एकमात्र संवैधानिक निकाय है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी रिट ‘कानूनी प्राधिकार को चुनौती देने’ के लिए जारी की जाती है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) का शाब्दिक अर्थ है ‘किस अधिकार से?’। यह याचिका किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद पर धारण किए गए अधिकार की वैधता को चुनौती देने के लिए जारी की जाती है। यह अनुच्छेद 32 और 226 के तहत सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों द्वारा जारी की जा सकती है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह रिट सुनिश्चित करती है कि सार्वजनिक पद पर केवल वही व्यक्ति बैठे जो विधि के अनुसार योग्य हो। यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से किसी पद पर आसीन होता है, तो उसे उस पद से हटा दिया जाता है। यह अनधिकृत रूप से सार्वजनिक पद पर काबिज होने से रोकता है।
- अincorrect विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण अवैध हिरासत से मुक्ति के लिए है। परमादेश किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश है। उत्प्रेषण किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए है।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान में ‘एकल नागरिकता’ का प्रावधान किस देश से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- यूनाइटेड किंगडम
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं संदर्भ: भारतीय संविधान में एकल नागरिकता (Single Citizenship) का प्रावधान यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के संविधान से प्रेरित है।
- संदर्भ एवं विस्तार: भले ही भारत एक संघीय देश है, लेकिन यहां दोहरी नागरिकता (जैसे अमेरिका में होती है, जहाँ संघीय और राज्य नागरिकता दोनों होती हैं) के बजाय एकल नागरिकता का प्रावधान है। इसका अर्थ है कि भारत का प्रत्येक नागरिक, चाहे वह किसी भी राज्य में रहता हो, केवल भारतीय नागरिक है। यह प्रावधान देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने में सहायक है।
- अincorrect विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में दोहरी नागरिकता (संघीय और राज्य) का प्रावधान है। कनाडा में भी एकल नागरिकता है, लेकिन यह भारतीय मॉडल से थोड़ा भिन्न है। ऑस्ट्रेलिया में भी एकल नागरिकता है। हालांकि, भारतीय व्यवस्था पर ब्रिटिश मॉडल का प्रभाव अधिक प्रत्यक्ष और महत्वपूर्ण माना जाता है।
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