संविधान मंथन: आपकी तैयारी का अंतिम पड़ाव
साथियों, भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की गहरी समझ हमारे प्रशासनिक सपनों की नींव है। क्या आप अपनी अवधारणाओं को परखने और अपनी तैयारी को धार देने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इस विशेष प्रश्नोत्तरी सत्र में गोता लगाएँ और देखें कि आप भारतीय लोकतंत्र के इस आधार स्तंभ को कितनी सटीकता से समझते हैं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का अर्थ क्या है? इसका उद्देश्य भारतीय संविधान में क्या सुनिश्चित करना है?
- सभी नागरिकों के बीच एकता और अखंडता
- राष्ट्र की एकता और अखंडता
- देश के सभी वर्गों में भाईचारा
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) का अर्थ व्यक्तियों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना है, जिसका उद्देश्य राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करना है। प्रस्तावना स्पष्ट रूप से कहता है कि यह ‘व्यक्तियों की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता’ सुनिश्चित करने वाली बंधुता को बढ़ावा देगा।
- संदर्भ और विस्तार: बंधुत्व की भावना न केवल व्यक्तिगत गरिमा को बनाए रखती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि भारत एक एकीकृत राष्ट्र बना रहे। यह नागरिकों के बीच एकता को बढ़ावा देता है, किसी भी अलगाववादी प्रवृत्ति को रोकता है और सामूहिक पहचान को मजबूत करता है।
- गलत विकल्प: (b) यद्यपि राष्ट्र की एकता और अखंडता बंधुत्व का एक परिणाम है, ‘बंधुत्व’ का सीधा अर्थ ‘सभी नागरिकों के बीच एकता और अखंडता’ को बढ़ावा देना है। (c) ‘भाईचारा’ एक सामान्य अर्थ है, जबकि संविधान में इसका विशिष्ट अर्थ ‘बंधुत्व’ के रूप में है जो राष्ट्रीय एकता से भी जुड़ा है। (d) व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता मौलिक अधिकार हैं, बंधुत्व उनसे भिन्न है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राज्य को ग्राम पंचायतों के गठन का निर्देश देता है?
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 48
- अनुच्छेद 51
- अनुच्छेद 44
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 40 राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है और इसमें कहा गया है कि “राज्य, ग्राम पंचायतों के संगठन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्व-शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हों।”
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद भारत में पंचायती राज व्यवस्था की नींव रखता है, जिसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देना है। 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा इस सिद्धांत को संवैधानिक मान्यता दी गई और भाग IX में पंचायती राज संस्थाओं को शामिल किया गया।
- गलत विकल्प: (b) अनुच्छेद 48 कृषि और पशुपालन के संगठन से संबंधित है। (c) अनुच्छेद 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित है। (d) अनुच्छेद 44 सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) से संबंधित है।
प्रश्न 3: किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है?
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
- ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक ऐतिहासिक पीठ ने यह निर्णय दिया कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न अंग है। न्यायालय ने यह भी कहा कि प्रस्तावना संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है और संसद इसमें संशोधन कर सकती है, लेकिन मूल संरचना को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने संविधान की व्याख्या में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया, जिसने संसद की संशोधन शक्ति को कुछ सीमाओं के अधीन किया और प्रस्तावना की संवैधानिक स्थिति को मजबूत किया।
- गलत विकल्प: (b) एस. आर. बोम्मई मामले ने राष्ट्रपति शासन और धर्मनिरपेक्षता के संबंध में महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए। (c) मेनका गांधी मामले ने अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का दायरा विस्तृत किया। (d) ए. के. गोपालन मामले में, न्यायालय ने अनुच्छेद 21 की संकीर्ण व्याख्या की थी।
प्रश्न 4: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
- संसदीय समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि अनुच्छेद 76 (1) में प्रावधानित है। महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी को वही योग्यताएँ पूरी करनी चाहिए जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए आवश्यक हैं। वह सरकारी पदों पर रहते हुए निजी प्रैक्टिस कर सकता है, जब तक कि यह कानून के हित में न हो।
- गलत विकल्प: (b) प्रधानमंत्री सलाह दे सकते हैं, लेकिन अंतिम नियुक्ति राष्ट्रपति ही करते हैं। (c) सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया महान्यायवादी से भिन्न होती है। (d) संसदीय समिति की इसमें कोई भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता ब्रिटिश संविधान से नहीं ली गई है?
- संसदीय सरकार
- विधि का शासन
- एकल नागरिकता
- द्विसदनीय विधानमंडल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में एकल नागरिकता की अवधारणा का स्रोत ब्रिटिश संविधान नहीं है, बल्कि यह कनाडा के संविधान से प्रेरित है। कनाडा में भी संघीय व्यवस्था के साथ एकल नागरिकता है।
- संदर्भ और विस्तार: संसदीय सरकार (Great Britain), विधि का शासन (Great Britain) और द्विसदनीय विधानमंडल (Great Britain) जैसी प्रमुख विशेषताएँ ब्रिटिश संविधान से ली गई हैं। एकल नागरिकता सुनिश्चित करती है कि भारत के सभी नागरिक, चाहे वे किसी भी राज्य में रहते हों, नागरिकता के समान अधिकारों और विशेषाधिकारों का आनंद लेते हैं।
- गलत विकल्प: (a) संसदीय सरकार की प्रणाली भारत में ब्रिटिश मॉडल पर आधारित है। (b) विधि का शासन (Rule of Law) ब्रिटिश संवैधानिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है और भारत के संविधान में भी इसे अपनाया गया है। (d) द्विसदनीय विधानमंडल, यानी लोकसभा और राज्यसभा, ब्रिटिश संसद के समान है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- किसी भी व्यक्ति को प्राण और दैहिक स्वतंत्रता की रक्षा (अनुच्छेद 21)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के विरुद्ध विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) जैसे अधिकार नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्राप्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 15, 16 (लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता), 19 (वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि), 29 (अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण) और 30 (शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यकों का अधिकार) केवल नागरिकों के लिए हैं।
- गलत विकल्प: (a) विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14) और (c) जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21) दोनों ही विदेशियों के लिए भी उपलब्ध हैं। (d) यह भी अनुच्छेद 21 का ही हिस्सा है, जो विदेशियों को प्राप्त है।
प्रश्न 7: किस संविधान संशोधन द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर एक विधिक अधिकार बना दिया गया?
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 31) के रूप में समाप्त कर दिया और इसे संविधान के भाग XII में अनुच्छेद 300A के तहत एक ‘विधिक अधिकार’ (Legal Right) के रूप में शामिल किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने जनता पार्टी (सेक्युलर) की सरकार के दौरान संपत्ति के अधिकार की प्रकृति को बदला, ताकि सामाजिक-आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए भूमि सुधारों और अन्य आर्थिक नीतियों के कार्यान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके।
- गलत विकल्प: (b) 42वें संशोधन ने प्रस्तावना सहित संविधान के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को संशोधित किया, लेकिन संपत्ति के अधिकार को नहीं। (c) 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित है। (d) 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है।
प्रश्न 8: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव निम्नलिखित में से किसके द्वारा गठित निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है?
- संसद के दोनों सदनों के केवल निर्वाचित सदस्य
- संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
- लोकसभा के सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य
- राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों (निर्वाचित और मनोनीत) से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जैसा कि अनुच्छेद 66 (1) में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह राष्ट्रपति के चुनाव से भिन्न है, जहाँ केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। उपराष्ट्रपति के चुनाव में किसी भी राज्य की विधानसभा के सदस्य भाग नहीं लेते हैं।
- गलत विकल्प: (a) संसद के दोनों सदनों के मनोनीत सदस्य भी निर्वाचक मंडल का हिस्सा होते हैं। (c) राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते। (d) राज्यों की विधान परिषदों के सदस्यों का भी इसमें कोई योगदान नहीं होता।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के प्रधानमंत्री के संबंध में सत्य नहीं है?
- वह राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- उसे लोकसभा में बहुमत प्राप्त होना चाहिए।
- वह किसी भी सदन का सदस्य हो सकता है।
- वह अपने पद से कभी भी इस्तीफा दे सकता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है (अनुच्छेद 75(1)), और प्रधानमंत्री को सामान्यतः लोकसभा में बहुमत प्राप्त होना चाहिए, लेकिन यह एक ‘सत्य’ कथन नहीं है बल्कि एक ‘व्यावहारिक आवश्यकता’ है। हालांकि, प्रधानमंत्री किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) का सदस्य हो सकता है। प्रधानमंत्री अपने पद से कभी भी राष्ट्रपति को संबोधित कर इस्तीफा दे सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि लोकसभा में बहुमत होना प्रधानमंत्री के बने रहने के लिए आवश्यक है, लेकिन यह उसकी नियुक्ति की शर्त नहीं है, बल्कि पद पर बने रहने की शर्त है। यदि प्रधानमंत्री बहुमत खो देता है, तो उसे इस्तीफा देना पड़ सकता है या राष्ट्रपति उसे बर्खास्त कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: (a) प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति ही करता है। (c) यह सत्य है कि प्रधानमंत्री राज्यसभा का सदस्य भी हो सकता है (जैसे इंदिरा गांधी या मनमोहन सिंह)। (d) यह भी सत्य है कि प्रधानमंत्री किसी भी समय राष्ट्रपति को त्यागपत्र दे सकता है। इसलिए, (b) सबसे सटीक उत्तर है जो ‘सत्य नहीं है’ के प्रश्न के संदर्भ में आता है, क्योंकि बहुमत होना ‘नियुक्ति’ का सीधा नियम नहीं है, बल्कि ‘पद पर बने रहने’ का नियम है।
प्रश्न 10: संसद के एक सत्र की दो बैठकों के बीच अधिकतम कितना अंतराल हो सकता है?
- तीन महीने
- चार महीने
- छह महीने
- अनिश्चित काल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 85(1) के अनुसार, संसद के एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की पहली बैठक के बीच छह महीने से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: इसका तात्पर्य है कि संसद को वर्ष में कम से कम दो बार मिलना चाहिए। व्यवहार में, भारतीय संसद तीन सत्रों में मिलती है: बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र।
- गलत विकल्प: (a), (b), (d) ये सभी विकल्प छह महीने की संवैधानिक सीमा का उल्लंघन करते हैं।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संसद की सबसे महत्वपूर्ण शक्तियों में से एक है?
- संविधान में संशोधन करना
- न्यायिक पुनर्विलोकन करना
- राष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा हटाना
- न्यायाधीशों को हटाना
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संसद के पास संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संविधान में संशोधन करने की शक्ति है, जो इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण शक्ति प्रदान करती है।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि संसद के पास न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) को सीमित करने की शक्ति (जैसे 42वें संशोधन द्वारा किया गया था) और राष्ट्रपति व न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया में भाग लेने की शक्ति है, लेकिन संविधान को बदलने की शक्ति (मूल संरचना को छोड़कर) इसे अन्य शक्तियों से ऊपर रखती है।
- गलत विकल्प: (b) न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति मुख्य रूप से न्यायपालिका के पास है। (c) राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया संसद के दोनों सदनों द्वारा की जाती है, लेकिन ‘हटाने’ की प्रक्रिया का यह एक हिस्सा है। (d) न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया भी जटिल है और यह संसद की शक्ति का एक विशिष्ट पहलू है।
प्रश्न 12: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर
- राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश और राज्यों के राज्यपालों की सलाह पर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की ‘सलाह’ पर की जाती है (अनुच्छेद 124(2))। यह ‘सलाह’ कॉलेजियम प्रणाली के माध्यम से दी जाती है, जिसमें CJI और चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कॉलेजियम प्रणाली (जिसे ‘न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए न्यायिक नियुक्तियों के लिए राष्ट्रीय आयोग’ (NJAC) को असंवैधानिक ठहराने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने पुनर्जीवित किया) यह सुनिश्चित करती है कि नियुक्तियों में निष्पक्षता और योग्यता को प्राथमिकता मिले।
- गलत विकल्प: (a) राष्ट्रपति अकेले नियुक्ति नहीं करते, बल्कि CJI की सलाह लेते हैं। (b) मुख्य न्यायाधीश नियुक्ति नहीं करते, बल्कि परामर्श देते हैं। (d) राज्यों के राज्यपालों की सलाह की आवश्यकता नहीं होती है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘पंचाट’ (Writ) केवल प्रशासनिक प्राधिकरणों के विरुद्ध जारी किया जा सकता है, व्यक्तिगत नागरिकों के विरुद्ध नहीं?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: परमादेश (Mandamus) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी निम्न न्यायालय, न्यायाधिकरण, या सार्वजनिक प्राधिकारी को उनके सार्वजनिक या वैधानिक कर्तव्य का पालन करने के लिए जारी किया जाता है। यह एक ‘सार्वजनिक कर्तव्य’ से संबंधित है, इसलिए यह केवल उन अधिकारियों या निकायों के विरुद्ध जारी किया जा सकता है जो सार्वजनिक या वैधानिक भूमिका निभा रहे हों, न कि व्यक्तिगत नागरिकों के विरुद्ध।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) इन रिटों को जारी करने की शक्ति प्रदान करते हैं। यह रिट केवल सार्वजनिक कर्तव्य निभाने में विफलता पर लागू होता है, न कि किसी निजी व्यक्ति के निजी कर्तव्यों पर।
- गलत विकल्प: (a) बंदी प्रत्यक्षीकरण अवैध निरोध से मुक्ति के लिए किसी भी व्यक्ति या प्राधिकरण के विरुद्ध जारी किया जा सकता है। (b) अधिकार पृच्छा किसी व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से धारित सार्वजनिक पद को चुनौती देने के लिए जारी किया जाता है, जो किसी प्राधिकरण या व्यक्ति के विरुद्ध हो सकता है। (d) उत्प्रेषण (Certiorari) किसी निम्न न्यायालय या प्राधिकरण के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है, जो प्रशासनिक या न्यायिक हो सकता है।
प्रश्न 14: ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) अपनी रिपोर्ट किसे प्रस्तुत करता है?
- प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- राष्ट्रपति
- संसदीय समिति
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अपनी रिपोर्ट भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जैसा कि अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित CAG की भूमिका और अनुच्छेद 151 के तहत रिपोर्टिंग के प्रावधानों से स्पष्ट है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति इन रिपोर्टों को संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखते हैं। तत्पश्चात, लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) इन रिपोर्टों की जांच करती है। CAG भारत के सार्वजनिक वित्त का संरक्षक होता है।
- गलत विकल्प: (a) प्रधानमंत्री, (b) वित्त मंत्री और (d) संसदीय समिति CAG की रिपोर्ट को सीधे प्राप्त नहीं करते, बल्कि राष्ट्रपति के माध्यम से या PAC की प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
प्रश्न 15: ‘अंतर्राज्यीय परिषद’ (Inter-State Council) का गठन कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- केंद्रीय गृह मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अंतर्राज्यीय परिषद का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 263 के तहत किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच या राज्यों के आपस में हितों के सामंजस्य के लिए एक ऐसी परिषद स्थापित करना है, जो सार्वजनिक महत्व के विषयों पर विचार-विमर्श करे।
- संदर्भ और विस्तार: इस परिषद की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं, लेकिन इसका गठन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। यह एक संवैधानिक निकाय है जिसका उद्देश्य भारत में संघीय ढांचे को मजबूत करना और केंद्र-राज्य संबंधों में समन्वय स्थापित करना है।
- गलत विकल्प: (a) प्रधानमंत्री परिषद की अध्यक्षता करते हैं, लेकिन गठन नहीं करते। (c) लोकसभा अध्यक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं होती। (d) केंद्रीय गृह मंत्री अध्यक्ष हो सकते हैं, लेकिन गठन राष्ट्रपति ही करते हैं।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सी जोड़ी सही सुमेलित नहीं है?
- अनुच्छेद 52 – भारत का राष्ट्रपति
- अनुच्छेद 76 – भारत का महान्यायवादी
- अनुच्छेद 110 – धन विधेयक की परिभाषा
- अनुच्छेद 148 – लोक लेखा समिति
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के पद से संबंधित है, न कि लोक लेखा समिति से। लोक लेखा समिति का उल्लेख संविधान के अनुच्छेदों में स्पष्ट रूप से नहीं है, बल्कि यह संसदीय नियमों और परंपराओं के तहत गठित एक समिति है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 52 भारत के राष्ट्रपति का पद, अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी का पद, और अनुच्छेद 110 धन विधेयक को परिभाषित करता है। ये सभी सुमेलित हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), (c) तीनों अनुच्छेद सही ढंग से उनके संबंधित प्रावधानों से मेल खाते हैं। (d) अनुच्छेद 148 CAG से संबंधित है, लोक लेखा समिति से नहीं।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन प्रावधान’ किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- जर्मनी (वायमर गणराज्य)
- फ्रांस
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधान, विशेष रूप से राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन, अनुच्छेद 356) और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) का स्रोत जर्मनी का वायमर गणराज्य का संविधान है।
- संदर्भ और विस्तार: जर्मनी के संविधान ने युद्ध, विद्रोह या राष्ट्रीय संकट के समय सरकार की शक्तियों को निलंबित करने की व्यवस्था की थी। भारतीय संविधान निर्माताओं ने भारत की विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन प्रावधानों को अपनाया।
- गलत विकल्प: (a) अमेरिका से न्यायिक पुनर्विलोकन, मौलिक अधिकार आदि लिए गए हैं। (b) कनाडा से संघात्मक व्यवस्था, अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत आदि लिए गए हैं। (d) फ्रांस से स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व के आदर्श लिए गए हैं।
प्रश्न 18: ‘लोकसभा’ में गणपूर्ति (Quorum) के लिए कितने सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक है?
- कुल सदस्यों का दसवां भाग
- कुल सदस्यों का ग्यारहवां भाग
- कुल सदस्यों का बारहवां भाग
- कुल सदस्यों का पाँचवां भाग
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 100(3) के अनुसार, किसी भी सदन की बैठक के लिए गणपूर्ति (Quorum) उस सदन के कुल सदस्यों का दसवां भाग (1/10) होती है।
- संदर्भ और विस्तार: गणपूर्ति यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी बैठक में वैध रूप से निर्णय लिया जा सके। यदि बैठक शुरू होने के समय या उसके दौरान गणपूर्ति नहीं होती है, तो पीठासीन अधिकारी बैठक को स्थगित कर देता है।
- गलत विकल्प: (b), (c), (d) ये सभी विकल्प गलत हैं क्योंकि गणपूर्ति के लिए आवश्यक संख्या कुल सदस्यों का दसवां भाग है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक निकाय नहीं है?
- चुनाव आयोग (Election Commission)
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) तीनों ही भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक **संवैधानिक निकाय नहीं** है; यह मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित एक **सांविधिक निकाय** (Statutory Body) है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में होता है और उनके गठन, शक्ति और कार्य संविधान में वर्णित होते हैं। सांविधिक निकाय संसद द्वारा पारित किसी विशेष अधिनियम के तहत बनाए जाते हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), (d) ये सभी निकाय संविधान में वर्णित हैं और इसलिए संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 20: ‘सर्वोच्च न्यायालय’ की अपीलीय अधिकारिता (Appellate Jurisdiction) के अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन सा मामला नहीं आता है?
- संवैधानिक मामले
- दीवानी मामले
- फौजदारी मामले
- अंतर्राज्यीय जल विवाद
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय की अपीलीय अधिकारिता के तहत संवैधानिक मामले (अनुच्छेद 132), दीवानी मामले (अनुच्छेद 133) और फौजदारी मामले (अनुच्छेद 134) आते हैं, जिनमें विशेष अनुमति या प्रमाणित होने पर अपील की जा सकती है। अंतर्राज्यीय जल विवाद (अनुच्छेद 262) सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार (Original Jurisdiction) के तहत आते हैं, और इसमें सीधे अपील का प्रावधान नहीं है; बल्कि ऐसे मामलों के लिए संसद द्वारा एक विशेष कानून (अंतर्राज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956) के तहत न्यायाधिकरणों की स्थापना की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय का मूल क्षेत्राधिकार उन मामलों से संबंधित है जो सीधे उसके पास आते हैं, जैसे राष्ट्रपति/उपराष्ट्रपति चुनाव विवाद और अंतर्राज्यीय जल विवाद। अपीलीय क्षेत्राधिकार उन मामलों से संबंधित है जो निचली अदालतों से उच्च न्यायालय के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय तक आते हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), (c) ये सभी सर्वोच्च न्यायालय की अपीलीय अधिकारिता के प्रमुख क्षेत्र हैं। (d) अंतर्राज्यीय जल विवाद मूल क्षेत्राधिकार का मामला है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) का आवश्यक तत्व नहीं है?
- कानून के समक्ष समानता
- मनमाना शक्ति का अभाव
- कानून का निष्पादन
- एक शक्तिशाली विधानमंडल
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) के प्रमुख तत्व हैं: कानून के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14), मनमाना शक्ति का अभाव (Arbitrariness), और कानून का निष्पक्ष/समान निष्पादन। एक शक्तिशाली विधानमंडल का होना ‘विधि का शासन’ का सीधा तत्व नहीं है, बल्कि यह विधायी शक्ति का एक पहलू है।
- संदर्भ और विस्तार: विधि का शासन यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति, यहाँ तक कि सरकार भी, कानून से ऊपर नहीं है और कानून का शासन सभी पर समान रूप से लागू होता है।
- गलत विकल्प: (a) कानून के समक्ष समानता एक मुख्य तत्व है। (b) मनमाना शक्ति का अभाव (Absence of Arbitrary Power) भी एक महत्वपूर्ण तत्व है। (c) कानून का निष्पक्ष निष्पादन (Fair Enforcement of Law) सुनिश्चित करता है कि कानून का पालन निष्पक्ष तरीके से हो। (d) एक शक्तिशाली विधानमंडल विधायी प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह सीधे तौर पर ‘विधि के शासन’ की गारंटी नहीं देता।
प्रश्न 22: पंचायती राज संस्थाओं में त्रि-स्तरीय प्रणाली की सिफारिश किस समिति ने की थी?
- बलवंत राय मेहता समिति
- अशोक मेहता समिति
- एल. एम. सिंघवी समिति
- जी. वी. के. राव समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: बलवंत राय मेहता समिति, 1957 में गठित, ने पंचायती राज के लिए त्रि-स्तरीय प्रणाली (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, और जिला परिषद) की सिफारिश की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही भारत में पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक मान्यता मिलने से पहले लागू करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। अशोक मेहता समिति ने द्वि-स्तरीय प्रणाली की सिफारिश की थी।
- गलत विकल्प: (b) अशोक मेहता समिति ने द्वि-स्तरीय प्रणाली की सिफारिश की थी। (c) एल. एम. सिंघवी समिति ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने की वकालत की थी। (d) जी. वी. के. राव समिति ने जिला स्तर पर योजना और विकास के लिए ‘जिला विकास परिषद’ के गठन की सिफारिश की थी।
प्रश्न 23: संविधान के अनुसार, संसद के दोनों सदनों का सत्रावसान (Adjournment) कौन कर सकता है?
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा का अध्यक्ष
- राज्यसभा का सभापति
- संसद का पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष/सभापति)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘सत्रावसान’ (Adjournment) का अर्थ है किसी सत्र के दौरान बैठक को कुछ समय के लिए (घंटों, दिनों या हफ्तों के लिए) निलंबित करना। यह कार्य सदन के पीठासीन अधिकारी (लोकसभा के अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति) द्वारा किया जाता है। ‘सत्र का अवसान’ (Prorogation) राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: सत्रावसान केवल बैठक को स्थगित करता है, जबकि सत्र का अवसान पूरे सत्र को समाप्त करता है और सभी लंबित कार्य (जैसे बिल) समाप्त हो जाते हैं।
- गलत विकल्प: (a) प्रधानमंत्री सत्रावसान की सलाह दे सकते हैं, लेकिन सीधे नहीं करते। (b) लोकसभा अध्यक्ष केवल लोकसभा का सत्रावसान कर सकते हैं। (c) राज्यसभा के सभापति केवल राज्यसभा का सत्रावसान कर सकते हैं। (d) संसद का पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष या सभापति) अपने-अपने सदन का सत्रावसान करता है।
प्रश्न 24: भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ का जनक किसे माना जाता है?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड रिपन
- वारेन हेस्टिंग्स
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लॉर्ड रिपन को भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ का जनक माना जाता है। उन्होंने 1882 में एक प्रस्ताव पेश किया था जिसने स्थानीय निकायों को अधिकार और जिम्मेदारी सौंपने का प्रयास किया था।
- संदर्भ और विस्तार: उनके प्रस्ताव ने विकेन्द्रीकरण पर जोर दिया और जिला स्तर पर निर्वाचित और गैर-सरकारी अध्यक्षों के साथ स्थानीय बोर्डों की स्थापना का सुझाव दिया। हालांकि उनके प्रयास सीमित थे, लेकिन यह स्थानीय स्वशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
- गलत विकल्प: (a) लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था। (b) लॉर्ड डलहौजी व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। (d) वारेन हेस्टिंग्स ने कंपनी शासन को मजबूत किया था।
प्रश्न 25: भारत के संविधान में ‘गणतंत्र’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- भारत में राजा का पद वंशानुगत है।
- भारत का राष्ट्रप्रमुख निर्वाचित होता है।
- भारत में जनता संप्रभु है।
- भारत एक संघ है।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणतंत्र’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (जैसे राष्ट्रपति) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है, न कि वंशानुगत होता है। भारत में, राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा चुने जाते हैं। यह शब्द प्रस्तावना में उल्लिखित है।
- संदर्भ और विस्तार: एक गणतंत्र में, राज्य के सभी पद, विशेष रूप से राज्य का प्रमुख, सार्वजनिक होते हैं और योग्यता के आधार पर भरे जाते हैं। यह तानाशाही या राजशाही के विपरीत है जहाँ प्रमुख पद वंशानुगत होते हैं।
- गलत विकल्प: (a) यह गणतंत्र के विपरीत है। (c) ‘जनता संप्रभु है’ यह ‘लोकतंत्र’ का अर्थ है, न कि विशेष रूप से ‘गणतंत्र’ का, हालांकि गणतंत्र लोकतंत्र का एक रूप है। (d) ‘भारत एक संघ है’ यह अनुच्छेद 1 में कहा गया है, लेकिन यह ‘गणतंत्र’ का अर्थ नहीं है।