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संविधान मंथन: आज की सबसे कठिन राजव्यवस्था चुनौती

संविधान मंथन: आज की सबसे कठिन राजव्यवस्था चुनौती

लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। क्या आपकी भारतीय राजव्यवस्था की अवधारणाएं उतनी ही मजबूत हैं जितनी होनी चाहिए? आइए, आज के इस विशेष क्विज़ के साथ अपनी वैचारिक स्पष्टता का परीक्षण करें और अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संविधान की प्रस्तावना के संबंध में सही नहीं है?

  1. यह संविधान का एक हिस्सा है, लेकिन अन्य भागों के समान कानूनी प्रभाव नहीं रखता है।
  2. यह संविधान की व्याख्या में सहायक है।
  3. यह न तो शक्ति का स्रोत है और न ही शक्तियों का निषेध।
  4. सर्वोच्च न्यायालय ने ‘बेरुबारी यूनियन’ मामले में कहा कि यह संविधान का एक हिस्सा नहीं है, जबकि ‘केशवानंद भारती’ मामले में कहा कि यह संविधान का एक अभिन्न अंग है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है, लेकिन यह न्यायालयों द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है (अनुच्छेद 37)। हालाँकि, यह संविधान की व्याख्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केशवानंद भारती मामले (1973) में, सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है, जबकि बेरुबारी यूनियन मामले (1960) में इसे संविधान का हिस्सा नहीं माना गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के उद्देश्य, दर्शन और आकांक्षाओं का सार प्रस्तुत करती है। यह प्रत्यक्ष रूप से लागू नहीं की जा सकती, लेकिन संविधान की शक्तियों को सीमित या विस्तारित नहीं करती।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि केशवानंद भारती मामले के बाद, यह माना जाता है कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है और अन्य भागों के समान ही महत्वपूर्ण है, यद्यपि यह स्वयं में प्रत्यक्ष रूप से प्रवर्तनीय नहीं है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
  3. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
  4. प्रेस की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण), और अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता शामिल है) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों) को प्राप्त हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (c) और (d) में उल्लिखित अधिकार सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं, न कि केवल भारतीय नागरिकों के लिए।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा ‘समानता का अधिकार’ (अनुच्छेद 14-18) में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए?

  1. 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 97वाँ संशोधन अधिनियम, 2011

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने डीपीएसपी (राज्य के नीति निर्देशक तत्व) के तहत अनुच्छेद 39 (C) को संशोधित किया, जिसने अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार और अनुच्छेद 15 के तहत गैर-भेदभाव के साथ-साथ कुछ अन्य मौलिक अधिकारों को भी डीपीएसपी के साथ वरीयता दी। हालांकि, प्रत्यक्ष रूप से अनुच्छेद 14-18 में सीधा संशोधन 42वें संशोधन से नहीं हुआ, बल्कि कुछ प्रावधानों की व्याख्या और डीपीएसपी के साथ उनके संबंध को प्रभावित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: 42वें संशोधन ने प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े, तथा कुछ निर्देशक तत्वों को मौलिक अधिकारों पर वरीयता दी।
  • गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया। 73वें और 97वें संशोधनों ने क्रमशः पंचायती राज और सहकारी समितियों से संबंधित प्रावधानों को शामिल किया।

प्रश्न 4: निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. भारत के राष्ट्रपति के कार्यकाल की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
  2. राष्ट्रपति के चुनाव के लिए जमानत राशि ₹15,000 है।
  3. राष्ट्रपति, भारत का नागरिक होना चाहिए, 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो और लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के योग्य हो।
  4. राष्ट्रपति पद के लिए किसी व्यक्ति का निर्वाचन, उसके निर्वाचन की तारीख से एक वर्ष के भीतर ही किया जाना चाहिए, यदि पद रिक्त हो जाता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: कथन (c) अनुच्छेद 58 में राष्ट्रपति की योग्यताओं का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत का कोई भी नागरिक जो 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है और लोकसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य है, राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है। राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, और वे पुनः चुनाव के लिए पात्र हैं।
  • गलत विकल्प: कथन (a) गलत है क्योंकि यद्यपि अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन अनुच्छेद 57 पुनः निर्वाचन की पात्रता का उल्लेख करता है। कथन (b) गलत है, जमानत राशि ₹1500 है, ₹15,000 नहीं। कथन (d) गलत है; यदि पद रिक्त होता है, तो चुनाव 6 महीने के भीतर होना चाहिए (अनुच्छेद 62)।

प्रश्न 5: भारत में संसदीय प्रणाली की प्रमुख विशेषता क्या है?

  1. विधायिका का कार्यपालिका पर पूर्ण नियंत्रण
  2. कार्यपालिका का विधायिका के प्रति उत्तरदायित्व
  3. न्यायपालिका का विधायिका के प्रति उत्तरदायित्व
  4. कार्यपालिका का स्वतंत्र अस्तित्व

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संसदीय प्रणाली की प्रमुख विशेषता यह है कि कार्यपालिका (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है। यह सिद्धांत अनुच्छेद 75(3) में निहित है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि मंत्रिपरिषद संसद का विश्वास खोने पर सत्ता में नहीं रह सकती। यह ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली से प्रेरित है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि कार्यपालिका का विधायिका पर पूर्ण नियंत्रण नहीं होता, बल्कि जवाबदेही होती है। विकल्प (c) और (d) भारत की शक्ति पृथक्करण की सिद्धांत के विपरीत हैं, जहाँ न्यायपालिका और कार्यपालिका स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति प्रधानमंत्री के पास होती है, लेकिन राष्ट्रपति के पास नहीं?

  1. संसदीय सत्र बुलाना
  2. मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता करना
  3. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति करना
  4. किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं (यह कार्यपालिका के सुचारू संचालन का हिस्सा है)। राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष होते हैं, लेकिन कार्यकारी प्रमुख के तौर पर प्रधानमंत्री ही मंत्रिमंडल की बैठकों का नेतृत्व करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया के रूप में सभी महत्वपूर्ण सरकारी निर्णयों में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं, जिसमें मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता करना भी शामिल है।
  • गलत विकल्प: संसदीय सत्र बुलाने (अनुच्छेद 85) और स्थगित करने की शक्ति राष्ट्रपति के पास है, हालांकि वे प्रधानमंत्री की सलाह पर कार्य करते हैं। CAG की नियुक्ति (अनुच्छेद 148) और राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) की शक्ति राष्ट्रपति के पास है।

प्रश्न 7: भारत में ‘संसद के सदन’ से संबंधित निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?

  1. लोकसभा को ‘जनता का सदन’ कहा जाता है।
  2. राज्यसभा को ‘द्वितीय सदन’ के रूप में जाना जाता है।
  3. लोकसभा का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है।
  4. राज्यसभा एक स्थायी सदन है, जिसे भंग नहीं किया जा सकता।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, न कि 6 वर्ष। यह अनुच्छेद 83(2) में उल्लिखित है।
  • संदर्भ और विस्तार: लोकसभा प्रत्यक्ष रूप से चुनी जाती है और इसे ‘जनता का सदन’ कहा जाता है। राज्यसभा अप्रत्यक्ष रूप से चुनी जाती है और यह एक स्थायी सदन है, जिसके एक-तिहाई सदस्य हर दो साल में सेवानिवृत्त होते हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (c) गलत है क्योंकि लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। अन्य विकल्प सही हैं।

प्रश्न 8: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर
  2. राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की सलाह पर
  3. प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की सलाह पर
  4. राष्ट्रपति, कोलेजियम की सिफारिश पर

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा, कॉलेजियम की सिफारिश पर की जाती है। यह व्यवस्था ‘न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम, 2014’ को रद्द करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों (जैसे ‘तीसरा न्यायाधीश मामला’) से विकसित हुई है।
  • संदर्भ और विस्तार: कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। राष्ट्रपति को नियुक्ति से पहले कॉलेजियम की सलाह लेनी अनिवार्य होती है।
  • गलत विकल्प: केवल राष्ट्रपति या केवल प्रधानमंत्री की सलाह पर्याप्त नहीं है, और न ही केवल CJI की सलाह। नियुक्ति प्रक्रिया कोलेजियम प्रणाली पर आधारित है।

प्रश्न 9: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम से संबंधित विशेष प्रावधानों का उल्लेख करती है?

  1. पांचवीं अनुसूची
  2. छठी अनुसूची
  3. सातवीं अनुसूची
  4. दसवीं अनुसूची

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान की छठी अनुसूची (अनुच्छेद 244(2) और 275(1)) असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित विशेष प्रावधानों का उल्लेख करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसमें इन क्षेत्रों के लिए स्वायत्त जिला परिषदों (Autonomous District Councils) के गठन का प्रावधान है, जो विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शक्तियाँ रखती हैं।
  • गलत विकल्प: पांचवीं अनुसूची अन्य अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित है। सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित है। दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है।

प्रश्न 10: भारतीय संविधान में ‘संघवाद’ (Federalism) की विशेषता निम्नलिखित में से किस देश के संविधान से प्रभावित है?

  1. यूनाइटेड किंगडम
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. कनाडा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संघवाद की अवधारणा, विशेष रूप से ‘अवशिष्ट शक्तियों’ (Residuary Powers) का संघ में निहित होना, कनाडा के संविधान से प्रेरित है। हालांकि, संघवाद का मूल ढाँचा और राज्यों की शक्तियों का विभाजन संयुक्त राज्य अमेरिका के मॉडल से भी प्रभावित है। यहाँ प्रश्न ‘संघवाद’ की सामान्य विशेषता पूछ रहा है, जिसमें शक्ति का विभाजन महत्वपूर्ण है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत में एक मजबूत केंद्र के साथ अर्ध-संघीय (Quasi-federal) व्यवस्था है। संघवाद का अर्थ है शक्ति का केंद्र और राज्यों के बीच विभाजन।
  • गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम में एकात्मक प्रणाली है। ऑस्ट्रेलिया से प्रस्तावना की भाषा और समवर्ती सूची का प्रावधान लिया गया है। कनाडा से अवशिष्ट शक्तियों का संघ में निहित होना लिया गया है, जो संघवाद का एक पहलू है। हालाँकि, प्रश्न सामान्य संघवाद की बात कर रहा है, जिसके लिए US का मॉडल एक प्रमुख प्रेरणा है। (पुनर्विचार: प्रश्न में ‘संघवाद’ की विशेषता पूछ रहा है, जिसके लिए US अधिक प्रत्यक्ष प्रेरणा है, जबकि अवशिष्ट शक्तियाँ कनाडा से ली गई हैं। संदर्भों को ध्यान में रखते हुए, US अधिक उपयुक्त उत्तर है।)

प्रश्न 11: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) निम्नलिखित में से किस समिति का मार्गदर्शन करता है?

  1. लोक लेखा समिति (PAC)
  2. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
  3. सरकारी आश्वासन समिति (Committee on Government Assurances)
  4. विशेषाधिकार समिति (Committee of Privileges)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) लोक लेखा समिति (PAC) का ‘मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक’ के रूप में कार्य करता है। CAG की नियुक्ति अनुच्छेद 148 के तहत होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत की संचित निधि से निकाले गए व्यय की लेखापरीक्षा करता है और उसकी रिपोर्टें PAC को सौंपी जाती हैं। PAC इन रिपोर्टों की जांच करती है और सरकार के व्यय में वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
  • गलत विकल्प: प्राक्कलन समिति व्यय की मितव्ययिता और भारतीय लोक प्रशासन में क्या सुधार किया जा सकता है, इसकी जांच करती है, और CAG उसकी मदद नहीं करता। अन्य समितियाँ भी CAG के सीधे मार्गदर्शन में कार्य नहीं करतीं।

प्रश्न 12: भारतीय संविधान के किस भाग में पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) से संबंधित प्रावधान हैं?

  1. भाग VIII
  2. भाग IX
  3. भाग IX-A
  4. भाग X

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IX में पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। यह भाग 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज की संरचना, शक्तियाँ, प्राधिकार और जिम्मेदारियों को परिभाषित किया गया है।
  • गलत विकल्प: भाग VIII संघ राज्य क्षेत्रों से संबंधित है। भाग IX-A शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है (74वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया)। भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी एक संवैधानिक संस्था नहीं है?

  1. चुनाव आयोग
  2. संघ लोक सेवा आयोग
  3. वित्त आयोग
  4. नीति आयोग

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) एक गैर-संवैधानिक निकाय है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को भारत सरकार के प्रस्ताव द्वारा किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग भारत सरकार का एक नीति थिंक-टैंक है, जिसका उद्देश्य केंद्र और राज्यों के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर एक ‘टॉप-डाउन’ और ‘बॉटम-अप’ दोनों तरह की रणनीति विकसित करना है।
  • गलत विकल्प: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) सभी संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं।

प्रश्न 14: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के दौरान, निम्नलिखित में से कौन से मौलिक अधिकार निलंबित नहीं किए जा सकते?

  1. व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवन का अधिकार (अनुच्छेद 20 और 21)
  2. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
  4. समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 के अनुसार, राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान भी अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) को निलंबित नहीं किया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19 के तहत अधिकार, युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर लगाए गए आपातकाल के दौरान निलंबित किए जा सकते हैं। आंतरिक अशांति के आधार पर लगाए गए आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 19 को निलंबित नहीं किया जा सकता।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b), (c) और (d) के अधिकांश प्रावधान या तो निलंबित किए जा सकते हैं या आपातकाल की प्रकृति के अनुसार अप्रभावित रहते हैं, लेकिन अनुच्छेद 20 और 21 ऐसे मौलिक अधिकार हैं जो किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं किए जा सकते।

प्रश्न 15: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) की अवधारणा भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में अप्रत्यक्ष रूप से निहित है?

  1. अनुच्छेद 105
  2. अनुच्छेद 118
  3. अनुच्छेद 194
  4. अनुच्छेद 122

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद और उसके सदस्यों को विशेषाधिकार प्रदान करता है। यह प्रावधान संसद की शक्तियों और उन्मुक्तियों को परिभाषित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इनमें सदस्यों का भाषण की स्वतंत्रता (विधायी कार्य के संबंध में), और सदन के बाहर उनकी गिरफ्तारी से छूट (कुछ मामलों को छोड़कर) शामिल है। ये विशेषाधिकार ‘संसदीय विशेषाधिकार’ कहलाते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 118 सदन की प्रक्रिया संबंधी नियम बनाने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 194 राज्य विधानमंडलों और उनके सदस्यों के विशेषाधिकारों से संबंधित है। अनुच्छेद 122 कहता है कि न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाही की जांच नहीं की जाएगी।

प्रश्न 16: भारत के राष्ट्रपति को हटाया जा सकता है:

  1. केवल महाभियोग द्वारा
  2. केवल अविश्वास प्रस्ताव द्वारा
  3. संसद के दोनों सदनों द्वारा मतदान द्वारा
  4. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को केवल ‘महाभियोग’ (Impeachment) की प्रक्रिया द्वारा ही हटाया जा सकता है, जैसा कि अनुच्छेद 61 में प्रावधानित है।
  • संदर्भ और विस्तार: महाभियोग का आरोप संसद के किसी भी सदन द्वारा लगाया जा सकता है, बशर्ते कि आरोप भारत के संविधान के उल्लंघन का हो। इसके लिए सदन की कुल सदस्यता के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा प्रस्तावित और सदन की कुल सदस्याओं के कम से कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित किया जाना आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: अविश्वास प्रस्ताव केवल प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के खिलाफ लाया जाता है। संसद के दोनों सदनों द्वारा मतदान (साधारण बहुमत से) अन्य सरकारी अधिकारियों के लिए हो सकता है, लेकिन राष्ट्रपति के लिए विशेष महाभियोग प्रक्रिया है। सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति को नहीं हटा सकता।

प्रश्न 17: भारत में ‘राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत’ (Directive Principles of State Policy) संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग V
  4. भाग VI

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (DPSP) संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत सरकार के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं और इनका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है। हालांकि, ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं (अनुच्छेद 37)।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका से संबंधित है। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका से संबंधित है।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक कर्तव्य भारतीय संविधान में मूल रूप से शामिल नहीं था?

  1. संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
  2. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे बनाए रखना।
  3. सभी नागरिकों में भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना।
  4. 6 से 14 वर्ष की आयु के अपने बच्चे या वार्ड के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करना।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: मौलिक कर्तव्य भाग IV-A के तहत अनुच्छेद 51-A में सूचीबद्ध हैं। 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा 11वां मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया था, जिसमें 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करना शामिल था।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल रूप से, 42वें संशोधन, 1976 द्वारा 10 मौलिक कर्तव्य जोड़े गए थे।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) मूल रूप से 42वें संशोधन द्वारा जोड़े गए 10 कर्तव्यों में शामिल थे। विकल्प (d) बाद में 86वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया।

प्रश्न 19: भारत में ‘अध्यादेश’ (Ordinance) जारी करने की शक्ति निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद में निहित है?

  1. अनुच्छेद 123
  2. अनुच्छेद 213
  3. अनुच्छेद 143
  4. अनुच्छेद 256

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति अनुच्छेद 123 में दी गई है, जब संसद का कोई भी सदन सत्र में न हो और ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाए कि तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक हो।
  • संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश का प्रभाव संसद द्वारा बनाए गए अधिनियम के समान होता है, लेकिन इसे संसद के सत्र शुरू होने के 6 सप्ताह के भीतर दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होना आवश्यक है, अन्यथा यह निष्प्रभावी हो जाता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 213 राज्यपाल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 256 राज्यों द्वारा केंद्र के निर्देशों का पालन करने का प्रावधान करता है।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सी रिट (Writ) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’?

  1. हेबियस कॉर्पस (Habeas Corpus)
  2. मैन्डमस (Mandamus)
  3. प्रोहिबिशन (Prohibition)
  4. सरशिओरारी (Certiorari)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: मैन्डमस (Mandamus) लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह रिट किसी सरकारी अधिकारी या सार्वजनिक प्राधिकरण को उसका सार्वजनिक या कानूनी कर्तव्य करने के लिए जारी की जाती है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी सार्वजनिक प्राधिकारी अपने कर्तव्य का पालन करने से इनकार न करे।
  • गलत विकल्प: हेबियस कॉर्पस का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’ (अवैध हिरासत से मुक्ति)। प्रोहिबिशन का अर्थ है ‘रोकना’ (किसी निचली अदालत को कार्यवाही रोकने का आदेश)। सरशिओरारी का अर्थ है ‘प्रमाणित करना’ (किसी निचली अदालत के निर्णय को रद्द करना)।

प्रश्न 21: भारत के उप-राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?

  1. उप-राष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य भाग लेते हैं।
  2. उप-राष्ट्रपति के चुनाव के लिए जमानत राशि ₹10,000 है।
  3. उप-राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति पद के लिए पुनः निर्वाचन के लिए पात्र हैं।
  4. उप-राष्ट्रपति का चुनाव गुप्त मतदान द्वारा होता है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: उप-राष्ट्रपति के चुनाव के लिए जमानत राशि ₹15,000 है, ₹10,000 नहीं। यह उप-राष्ट्रपति (संशोधन) अधिनियम, 1997 द्वारा निर्धारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: उप-राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों (निर्वाचित और मनोनीत) द्वारा किया जाता है, और यह आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है (अनुच्छेद 66)।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b) गलत है क्योंकि जमानत राशि ₹15,000 है। अन्य सभी विकल्प सही हैं।

प्रश्न 22: भारत में ‘धन विधेयक’ (Money Bill) की परिभाषा और प्रक्रिया किस अनुच्छेद में दी गई है?

  1. अनुच्छेद 109
  2. अनुच्छेद 110
  3. अनुच्छेद 111
  4. अनुच्छेद 112

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: धन विधेयक की परिभाषा अनुच्छेद 110 में दी गई है, जबकि अनुच्छेद 109 में धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया का उल्लेख है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 110 के अनुसार, एक विधेयक को धन विधेयक तब माना जाता है जब उसमें केवल करों का अधिरोपण, हटाना, क्षमा, परिवर्तन या विनियमन, भारत की संचित निधि या आकस्मिकता निधि का प्रभार, या उसका लेखा, या ऐसी निधि से धन की निकासी या जमा, या भारत के लोक ऋण का या उसके द्वारा उठाए जाने वाले या प्रतिभूत किए जाने वाले ऋणों का सरकारी लेखा-जोखा, या भारतीय राज्यों के लिए धन उधार लेना या उसके द्वारा या उसकी ओर से किसी वित्तीय दायित्व का उपबंध करना, या भारत की संचित निधि पर प्रभारित करना, जैसे मामले शामिल हों।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 109 धन विधेयकों के संबंध में प्रक्रिया बताता है। अनुच्छेद 111 विधेयकों पर राष्ट्रपति की स्वीकृति से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।

प्रश्न 23: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) को निम्नलिखित में से किस आधार पर पद से हटाया जा सकता है?

  1. संसद के दोनों सदनों द्वारा साधारण बहुमत से पारित संकल्प
  2. संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित संकल्प, केवल कदाचार या अक्षमता के आधार पर
  3. राष्ट्रपति द्वारा सीधे आदेश द्वारा
  4. प्रधानमंत्री द्वारा सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) को कदाचार या अक्षमता के आधार पर, संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत (Article 317 के प्रावधानों के समान) से पारित संकल्प द्वारा ही हटाया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन उन्हें हटाने की प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया के समान है।
  • गलत विकल्प: साधारण बहुमत से हटाना पर्याप्त नहीं है। राष्ट्रपति सीधे या प्रधानमंत्री की सिफारिश पर उन्हें इस प्रकार नहीं हटा सकते।

प्रश्न 24: भारत में ‘संविधान की सर्वोच्चता’ (Supremacy of the Constitution) का सिद्धांत किस मामले में स्पष्ट रूप से स्थापित किया गया?

  1. शंकरी प्रसाद देव बनाम भारत संघ
  2. सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
  3. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
  4. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/सं संशोधन संदर्भ: ‘संविधान की सर्वोच्चता’ और ‘संविधान के मूल ढांचे’ (Basic Structure of the Constitution) के सिद्धांत को केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस ऐतिहासिक निर्णय ने यह स्थापित किया कि संसद संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान के ‘मूल ढांचे’ को नहीं बदल सकती। संविधान का मूल ढांचा सर्वोच्च है।
  • गलत विकल्प: शंकर प्रसाद और सज्जन सिंह मामलों में, न्यायालयों ने माना था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से को संशोधित कर सकती है। गोलकनाथ मामले में, न्यायालय ने कहा कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती, लेकिन केशवानंद मामले ने इस स्थिति को स्पष्ट करते हुए ‘मूल ढांचा’ सिद्धांत पेश किया।

प्रश्न 25: किस अनुच्छेद के तहत, किसी भी राज्य को संसद द्वारा बनाया जा सकता है, जो मौजूदा राज्यों के क्षेत्र, सीमाओं या नामों में परिवर्तन कर सकती है?

  1. अनुच्छेद 1
  2. अनुच्छेद 2
  3. अनुच्छेद 3
  4. अनुच्छेद 4

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 3 के तहत, संसद को यह शक्ति प्राप्त है कि वह किसी भी नए राज्य का निर्माण कर सकती है, किसी मौजूदा राज्य के क्षेत्र, सीमाओं या नामों में परिवर्तन कर सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसके लिए उस राज्य के विधानमंडल की राय ली जाती है, लेकिन संसद उस राय से बाध्य नहीं है। यह प्रक्रिया संविधान संशोधन के तहत नहीं, बल्कि एक साधारण विधायी प्रक्रिया के तहत की जाती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 संघ का नाम और राज्य क्षेत्र बताता है। अनुच्छेद 2 नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना से संबंधित है (जो भारत संघ का हिस्सा नहीं हैं)। अनुच्छेद 4 में कहा गया है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत किए गए कानून, अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे।

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