संविधान मंथन: आज की राजव्यवस्था की चुनौतियाँ
नमस्कार, भावी आईएएस और पीसीएस अधिकारियों! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना न केवल परीक्षा के लिए बल्कि एक जागरूक नागरिक के तौर पर भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज हम आपके लिए भारतीय राजव्यवस्था पर आधारित 25 चुनिंदा बहुविकल्पीय प्रश्नों का एक विशेष सेट लेकर आए हैं। यह आपके वैचारिक स्पष्टता को परखने और आपकी तैयारी को धार देने का एक शानदार अवसर है। कमर कस लीजिए और ज्ञान की इस यात्रा पर हमारे साथ चलिए!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभुता’, ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’, ‘लोकतांत्रिक गणराज्य’ शब्दों का सही क्रम क्या है, जैसा कि संविधान में उल्लेख किया गया है?
- समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, संप्रभु गणराज्य
- संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य
- लोकतांत्रिक, संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य
- धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: प्रस्तावना में उल्लिखित इन शब्दों का क्रम ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य’ है। ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 1976 के 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़े गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान का परिचय है और यह बताता है कि भारत एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसका उद्देश्य न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करना है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प इन शब्दों के मूल या संशोधित क्रम को सही ढंग से नहीं दर्शाते हैं।
प्रश्न 2: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति की योग्यता से संबंधित है?
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 58
- अनुच्छेद 60
- अनुच्छेद 62
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 58 राष्ट्रपति के पद के लिए ‘योग्यता’ निर्धारित करता है। इसके अनुसार, राष्ट्रपति वही व्यक्ति बन सकता है जो भारत का नागरिक हो, 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो, और लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के ‘कार्यकाल’ से संबंधित है, अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति द्वारा ‘शपथ’ लेने से संबंधित है, और अनुच्छेद 62 राष्ट्रपति पद के ‘रिक्त होने पर चुनाव’ कराने की बात कहता है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प राष्ट्रपति के कार्यकाल, शपथ या चुनाव से संबंधित हैं, न कि उनकी योग्यता से।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘केशवानंद भारती मामले’ (1973) में ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure) का सिद्धांत प्रतिपादित किया?
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
- एस.आर. बोम्मई बनाम भारत संघ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और ऐतिहासिक संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि संसद संविधान के किसी भी हिस्से, जिसमें मौलिक अधिकार भी शामिल हैं, को संशोधित कर सकती है, लेकिन वह संविधान की ‘मूल संरचना’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति पर एक सीमा लगाई और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखा। मूल संरचना में न्यायपालिका की स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, शक्तियों का पृथक्करण आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: गोलकनाथ मामले (1967) ने पहले कहा था कि मौलिक अधिकारों को संशोधित नहीं किया जा सकता। मेनका गांधी मामले (1978) ने अनुच्छेद 21 के दायरे का विस्तार किया। एस.आर. बोम्मई मामला (1994) राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) के दुरुपयोग से संबंधित है।
प्रश्न 4: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन किसी राज्य के विधानमंडल का अंग है?
- राज्यपाल
- विधानसभा
- विधान परिषद (यदि मौजूद हो)
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 168 के अनुसार, प्रत्येक राज्य के लिए एक विधानमंडल होगा, जिसमें राज्यपाल, एक या दो सदन (विधानसभा और, जहाँ विधान परिषद है, विधान परिषद) शामिल होंगे।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, कुछ राज्यों में द्विसदनीय विधानमंडल (विधानसभा और विधान परिषद) हैं, जबकि अधिकांश में एकसदनीय (केवल विधानसभा) है। राज्यपाल राज्य विधानमंडल का एक अभिन्न अंग है, भले ही वह सदन का सदस्य न हो।
- गलत विकल्प: चूंकि राज्यपाल, विधानसभा और विधान परिषद (जहां मौजूद है) सभी राज्य विधानमंडल के अभिन्न अंग हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।
प्रश्न 5: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है, जो भी पहले हो।
- CAG संसद के प्रति उत्तरदायी होता है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148 के अनुसार, भारत का एक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक होगा, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। अनुच्छेद 148 (3) के अनुसार, CAG का कार्यकाल पद ग्रहण की तारीख से 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है। CAG को कदाचार या असमर्थता के आधार पर हटाया जा सकता है, जिस प्रक्रिया का पालन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए किया जाता है (अनुच्छेद 148(1))। CAG की रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखी जाती है, इस प्रकार वह संसद के प्रति उत्तरदायी होता है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और केंद्र और राज्यों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है।
- गलत विकल्प: सभी दिए गए कथन CAG की नियुक्ति, कार्यकाल और उत्तरदायित्व के संबंध में सही हैं।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘पंचायती राज’ से संबंधित है?
- भाग IX
- भाग IX-A
- भाग X
- भाग XI
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया, जो पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है। यह भाग पंचायती राज को ‘स्व-शासन की संस्थाओं’ के रूप में स्थापित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX में ग्राम सभा, पंचायतों का गठन, उनकी शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तरदायित्व, निधियाँ आदि का प्रावधान है। भाग IX-A नगरपालिकाओं से संबंधित है।
- गलत विकल्प: भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से, और भाग XI संघ और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंधों से संबंधित है।
प्रश्न 7: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 में ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ का प्रावधान है, जो युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में घोषित किया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 356 ‘राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता’ (राष्ट्रपति शासन) से संबंधित है, और अनुच्छेद 360 ‘वित्तीय आपातकाल’ से संबंधित है। अनुच्छेद 365 तब लागू होता है जब राज्य संघ के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, और यह अनुच्छेद 356 के तहत कार्रवाई का आधार बन सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन और अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित हैं, राष्ट्रीय आपातकाल से नहीं।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द को किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वाँ संशोधन, 1976
- 44वाँ संशोधन, 1978
- 52वाँ संशोधन, 1985
- 61वाँ संशोधन, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द को 1976 के 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया था। इसी संशोधन द्वारा ‘समाजवादी’ और ‘अखंडता’ शब्द भी जोड़े गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु-संविधान’ भी कहा जाता है, जिसने प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्यों और अन्य कई प्रावधानों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाया, 52वें संशोधन ने दल-बदल के आधार पर अयोग्यता को नियंत्रित किया (10वीं अनुसूची), और 61वें संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
प्रश्न 9: अनुच्छेद 21A, जो शिक्षा के अधिकार से संबंधित है, को भारतीय संविधान में कब जोड़ा गया?
- 2002 (86वाँ संशोधन)
- 2005 (93वाँ संशोधन)
- 2009 (97वाँ संशोधन)
- 2010 (99वाँ संशोधन)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 21A को 2002 के 86वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान में जोड़ा गया। यह अनुच्छेद 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए ‘राज्य द्वारा मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा’ का अधिकार प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने अनुच्छेद 45 (राज्य द्वारा शीघ्र प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा) और अनुच्छेद 51A (मौलिक कर्तव्य) में भी परिवर्तन किए। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009, इस संवैधानिक प्रावधान को लागू करने वाला कानून है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प गलत वर्ष और संबंधित संशोधन को दर्शाते हैं।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission)
- भारत का महान्यायवादी (Attorney General for India)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और भारत का महान्यायवादी (अनुच्छेद 76) सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि इनका उल्लेख सीधे संविधान में किया गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन 1993 के मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत किया गया था, न कि संविधान द्वारा।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकायों को संविधान से शक्ति और वैधता मिलती है, जबकि सांविधिक निकायों (Statutory Bodies) को संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित किया जाता है। NHRC एक सांविधिक निकाय है।
- गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग, UPSC और महान्यायवादी सभी संवैधानिक निकाय हैं, जबकि NHRC नहीं है।
प्रश्न 11: भारतीय संसद के संयुक्त सत्र (Joint Sitting) की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत का राष्ट्रपति
- भारत का उपराष्ट्रपति
- लोकसभा का अध्यक्ष
- राज्यसभा का सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 118 (4) के अनुसार, राष्ट्रपति संयुक्त बैठक के लिए प्रक्रिया की व्यवस्था कर सकते हैं। हालाँकि, संयुक्त बैठक की अध्यक्षता और कार्य का संचालन लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker) द्वारा किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोकसभा का उपाध्यक्ष और यदि वह भी अनुपस्थित हो, तो राज्यसभा का उपाध्यक्ष (जो उप-राष्ट्रपति नहीं होता) अध्यक्षता करता है। इस संयुक्त बैठक में सामान्य विधेयकों पर गतिरोध को दूर करने के लिए, और एक साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति केवल संयुक्त बैठक बुलाता है (अनुच्छेद 108)। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है और वह संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करता।
प्रश्न 12: किस मौलिक अधिकार को ‘संविधान की आत्मा’ (Soul of the Constitution) कहा जाता है, जैसा कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने कहा था?
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने स्वयं अनुच्छेद 32, ‘संवैधानिक उपचारों के अधिकार’ को ‘संविधान की आत्मा और हृदय’ कहा था। यह वह अधिकार है जो नागरिकों को उनके अन्य मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में सीधे सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय जाने की शक्ति देता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट (जैसे Habeas Corpus, Mandamus, Prohibition, Certiorari, Quo Warranto) जारी करने की शक्ति देता है।
- गलत विकल्प: अन्य मौलिक अधिकार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अम्बेडकर ने विशेष रूप से अनुच्छेद 32 को संविधान की आत्मा कहा था, क्योंकि यह अन्य सभी मौलिक अधिकारों को प्रभावी बनाता है।
प्रश्न 13: भारत में ‘लोकपाल’ (Lokpal) की अवधारणा निम्नलिखित में से किस देश से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- स्कैंडिनेवियाई देश (विशेषकर स्वीडन)
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और ऐतिहासिक संदर्भ: भारत में लोकपाल की अवधारणा स्वीडन में 1809 में स्थापित ‘ओम्बुड्समैन’ (Ombudsman) की संस्था से प्रेरित है। ओम्बुड्समैन का मूल उद्देश्य सरकार के विरुद्ध शिकायतों का निवारण करना है।
- संदर्भ और विस्तार: स्वीडिश ओम्बुड्समैन का मुख्य कार्य सार्वजनिक अधिकारियों के गलत कामों की जाँच करना और नागरिकों को न्याय दिलाना है। भारत में लोकपाल एक ऐसी संस्था है जो भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच करती है।
- गलत विकल्प: अन्य देशों की अपनी शासन प्रणालियाँ हैं, लेकिन लोकपाल की विशेष अवधारणा स्कैंडिनेवियाई देशों से ली गई है।
प्रश्न 14: किस अनुच्छेद के तहत, राज्य को नागरिकों के लिए समान सिविल संहिता (Uniform Civil Code) बनाने का प्रयास करने का निर्देश दिया गया है?
- अनुच्छेद 44
- अनुच्छेद 45
- अनुच्छेद 46
- अनुच्छेद 47
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 44, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, जो राज्य को भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता लागू करने का प्रयास करने का निर्देश देता है।
- संदर्भ और विस्तार: समान सिविल संहिता का उद्देश्य व्यक्तिगत कानूनों (जैसे विवाह, तलाक, विरासत) को सभी धर्मों के लोगों के लिए एक जैसा बनाना है, जिसका लक्ष्य धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 45 शिक्षा से संबंधित है, अनुच्छेद 46 अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने से, और अनुच्छेद 47 पोषण के स्तर और जीवन स्तर को सुधारने और सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से संबंधित है।
प्रश्न 15: यदि कोई व्यक्ति केवल राजनीतिक विचारों के कारण गिरफ्तार किया गया है, तो वह किस प्रकार की रिट (Writ) का प्रयोग कर सकता है?
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और रिट का अर्थ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) का अर्थ है ‘आपके पास शरीर प्रस्तुत हो’। यह रिट किसी ऐसे व्यक्ति को रिहा कराने के लिए जारी की जाती है जिसे गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखा गया हो। यदि गिरफ्तारी केवल राजनीतिक विचारों के कारण या बिना किसी कानूनी आधार के हुई है, तो यह रिट लागू होगी।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट सार्वजनिक प्राधिकरणों और निजी व्यक्तियों दोनों के खिलाफ जारी की जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत यह रिट जारी कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: परमादेश किसी सार्वजनिक कर्तव्य को करने का आदेश है। प्रतिषेध किसी निचली अदालत को कार्यवाही रोकने का आदेश है, और उत्प्रेषण किसी निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने और उसकी समीक्षा करने का आदेश है।
प्रश्न 16: भारत में ‘अंतर-राज्यीय परिषद’ (Inter-State Council) की स्थापना का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 262
- अनुच्छेद 263
- अनुच्छेद 280
- अनुच्छेद 302
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 263, अंतर-राज्यीय परिषद की स्थापना के लिए प्रावधान करता है। राष्ट्रपति लोकहित में यह स्थापित कर सकते हैं कि क्या सार्वजनिक हित के मामलों पर, विशेष रूप से जिन पर राज्यों के बीच या संघ और राज्यों के बीच विचार-विमर्श की आवश्यकता है, ऐसी परिषद की स्थापना की जाए।
- संदर्भ और विस्तार: इस परिषद का मुख्य उद्देश्य केंद्र-राज्य संबंधों में समन्वय स्थापित करना है। भारत में पहली अंतर-राज्यीय परिषद की स्थापना 1990 में सरकारी आयोग की सिफारिशों पर की गई थी।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 262 नदी जल विवादों से संबंधित है। अनुच्छेद 280 वित्त आयोग से संबंधित है। अनुच्छेद 302 व्यापार, वाणिज्य और समागम पर संघ की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 17: वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) की घोषणा कितने समय के लिए बिना संसद के अनुमोदन के प्रभावी रह सकती है?
- एक माह
- दो माह
- छह माह
- अनिश्चित काल तक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा घोषित वित्तीय आपातकाल को संसद के दोनों सदनों द्वारा उसके जारी होने की तारीख से दो महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। यदि इस अवधि में अनुमोदित नहीं किया जाता है, तो यह स्वतः समाप्त हो जाता है। एक बार अनुमोदित होने के बाद, यह अनिश्चित काल तक जारी रह सकता है, बशर्ते कि संसद के प्रत्येक छह महीने में इसका पुन: अनुमोदन होता रहे।
- संदर्भ और विस्तार: प्रारंभिक दो महीने की अवधि ही वह समय है जिसके लिए यह बिना संसद के पुन: अनुमोदन के प्रभावी रह सकता है।
- गलत विकल्प: दो महीने से अधिक की अवधि के लिए संसद का अनुमोदन आवश्यक है।
प्रश्न 18: किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का ‘अभिन्न अंग’ (Integral part) है?
- बेरुबारी संघ मामला
- केशवानंद भारती मामला
- मेनका गांधी मामला
- गोलकनाथ मामला
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और ऐतिहासिक संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है, न कि केवल उसका एक हिस्सा।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने यह भी स्थापित किया कि प्रस्तावना को संविधान के मूल संरचना को प्रभावित किए बिना संशोधित किया जा सकता है। बेरुबारी संघ मामले (1960) में, न्यायालय ने पहले कहा था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है।
- गलत विकल्प: बेरुबारी संघ मामले में प्रस्तावना को संविधान का हिस्सा नहीं माना गया था। मेनका गांधी और गोलकनाथ मामले अन्य महत्वपूर्ण संवैधानिक व्याख्याओं से संबंधित हैं।
प्रश्न 19: यदि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लागू किया जाता है, तो राज्य विधानमंडल की शक्तियां किसके द्वारा प्रयोग की जाती हैं?
- राज्यपाल
- राष्ट्रपति
- संसद
- राज्य का उच्च न्यायालय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू होने पर, राष्ट्रपति राज्य के विधायी कार्यों को करने की शक्ति संसद को सौंप सकते हैं। संसद इन शक्तियों का प्रयोग राज्यपाल या किसी अन्य प्राधिकरण को भी सौंप सकती है, जैसा वह उचित समझे।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि राज्य के कानून राष्ट्रपति (या उनके द्वारा अधिकृत किसी व्यक्ति/प्राधिकरण) द्वारा या संसद द्वारा अधिनियमित किए जा सकते हैं, जबकि राष्ट्रपति शासन लागू रहता है।
- गलत विकल्प: राज्यपाल कार्यकारी प्रमुख होता है, न कि विधायी। राष्ट्रपति भी स्वयं कानून नहीं बनाते। राज्य का उच्च न्यायालय न्यायिक भूमिका में होता है, विधायी में नहीं।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘संघ और राज्यों के बीच संबंध’ का वर्णन है?
- भाग VIII
- भाग XI
- भाग XII
- भाग XIII
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XI, अनुच्छेद 245 से 293 तक, संघ और राज्यों के बीच ‘विधायी संबंध’ (Legislative Relations) और ‘प्रशासनिक संबंध’ (Administrative Relations) से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भाग संसद और राज्य विधानमंडलों की विधायी शक्तियों के वितरण, और केंद्र और राज्यों के बीच प्रशासनिक समन्वय को परिभाषित करता है। भाग VIII संघ शासित प्रदेशों से, भाग XII वित्त, संपत्ति, संविदाएँ और वाद से, और भाग XIII भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से संबंधित है।
- गलत विकल्प: भाग XI विशेष रूप से संघ और राज्यों के बीच संबंधों को रेखांकित करता है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति सर्वोच्च न्यायालय के पास है, लेकिन उच्च न्यायालय के पास नहीं?
- किसी भी मौलिक अधिकार के प्रवर्तन के लिए रिट जारी करना
- संसद के सदस्यों की अयोग्यता पर राष्ट्रपति की सलाह देना
- अंतर-राज्यीय जल विवादों का निर्णय करना
- संघ तथा राज्यों के बीच या राज्यों के बीच विवादों का मूल क्षेत्राधिकार (Original Jurisdiction)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 131 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय के पास कुछ ऐसे मामलों में मूल क्षेत्राधिकार है जो सीधे उसके पास लाए जा सकते हैं, जैसे कि भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच विवाद, या दो या अधिक राज्यों के बीच विवाद। उच्च न्यायालयों के पास ऐसा मूल क्षेत्राधिकार नहीं है, हालांकि वे अनुच्छेद 226 के तहत कुछ हद तक अंतर-राज्यीय मामलों पर सुन सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए रिट जारी करने की शक्ति (अनुच्छेद 32) सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) दोनों के पास है। राष्ट्रपति की सलाह देना (अनुच्छेद 103) राष्ट्रपति का कार्य है, जिसमें EC की भूमिका होती है। अंतर-राज्यीय जल विवादों का निर्णय विशेष कानूनों द्वारा शासित होता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (c) में वर्णित कुछ शक्तियाँ या तो दोनों के पास हैं या संविधान के अन्य प्रावधानों से संबंधित हैं, लेकिन अनुच्छेद 131 के तहत मूल क्षेत्राधिकार केवल सर्वोच्च न्यायालय का अनूठा अधिकार है।
प्रश्न 22: भारत के संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत राज्य के पास राष्ट्रीय महत्व के घोषित किए गए किन्हीं स्मारकों, या ऐतिहासिक स्थानों, या कलाकृतियों आदि की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है?
- अनुच्छेद 48
- अनुच्छेद 49
- अनुच्छेद 50
- अनुच्छेद 51
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 49, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, जिसमें कहा गया है कि ‘राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण करना राज्य का कर्तव्य है’।
- संदर्भ और विस्तार: यह नीति निदेशक तत्व राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के महत्व को रेखांकित करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 48 कृषि और पशुपालन के संगठन से, अनुच्छेद 50 कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण, और अनुच्छेद 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित है।
प्रश्न 23: ‘शून्यकाल’ (Zero Hour) के दौरान, एक सदस्य प्रश्नकाल के तुरंत बाद कितने समय तक एक तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले पर प्रश्न पूछ सकता है?
- 1 घंटा
- 30 मिनट
- 10 मिनट
- 15 मिनट
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संसदीय प्रक्रिया: ‘शून्यकाल’ भारतीय संसदीय प्रक्रिया की एक अनोखी देन है, जो प्रश्नकाल के तुरंत बाद शुरू होती है। इस दौरान, सदस्य अध्यक्ष की अनुमति से, बिना पूर्व सूचना के, तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले उठा सकते हैं। हालांकि, ऐसे मामलों पर चर्चा आमतौर पर 10 मिनट तक सीमित होती है, जब तक कि अध्यक्ष अन्यथा अनुमति न दें।
- संदर्भ और विस्तार: शून्यकाल में उठाए गए प्रश्नों पर तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा की जाती है।
- गलत विकल्प: प्रश्नकाल के बाद के 10 मिनट ही शून्यकाल के लिए सामान्य समय सीमा है।
प्रश्न 24: किसी राज्य में ‘राष्ट्रपति शासन’ (President’s Rule) का प्रावधान किस अनुच्छेद के तहत आता है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356, राज्य में ‘संवैधानिक तंत्र की विफलता’ की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागू करने का प्रावधान करता है, जो आमतौर पर राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट पर या अन्यथा राष्ट्रपति को संतुष्ट होने पर किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसके तहत, राष्ट्रपति राज्य सरकार के कार्यों को अपने हाथ में ले सकते हैं और राज्य विधानमंडल की शक्तियों का प्रयोग संसद को सौंप सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल, अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल, और अनुच्छेद 365 संघ के निर्देशों का पालन करने में विफलता से संबंधित है।
प्रश्न 25: भारत के उपराष्ट्रपति के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?
- वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
- उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- वह राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के लिए तब तक हकदार है जब तक कोई नया उपराष्ट्रपति नियुक्त न हो जाए।
- उसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, और वह पुनः चुनाव के लिए पात्र है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उपराष्ट्रपति के बारे में कथन (a), (c) और (d) सत्य हैं। अनुच्छेद 64 के अनुसार, उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। अनुच्छेद 65 के अनुसार, उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के पद की रिक्ति को भरने तक राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करता है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है (अनुच्छेद 67)। हालांकि, विकल्प (b) असत्य है। उपराष्ट्रपति की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा नहीं, बल्कि संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के एक निर्वाचक मंडल द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से की जाती है (अनुच्छेद 66)।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक महत्वपूर्ण अंतर है, क्योंकि राष्ट्रपति की नियुक्ति अप्रत्यक्ष रूप से संसद और राज्य विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा होती है।
- गलत विकल्प: उपराष्ट्रपति की नियुक्ति सीधे राष्ट्रपति द्वारा नहीं, बल्कि एक निर्वाचक मंडल द्वारा की जाती है।