संविधान मंथन: आज का अभ्यास
भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के लिए संविधान और राजव्यवस्था की गहरी समझ अनिवार्य है। क्या आप अपनी संकल्पनात्मक स्पष्टता को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में भारतीय राजव्यवस्था के जटिल पहलुओं को सुलझाएं और अपनी तैयारी को नई धार दें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द को किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह भारत को एक ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ घोषित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु-संविधान’ भी कहा जाता है। इसने राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) को अधिक महत्व दिया और मौलिक अधिकारों पर कुछ वरीयता भी दी।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 73वें संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया, और 86वें संशोधन ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया।
प्रश्न 2: राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 213
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति को संसद के सत्र में न रहने पर अध्यादेश जारी करने की शक्ति अनुच्छेद 123 में दी गई है। यह अध्यादेश संसद के पुनः सत्र में आने पर छह सप्ताह के भीतर अनुमोदन के अधीन होता है।
- संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश का वही बल और प्रभाव होता है जो संसद द्वारा पारित अधिनियम का होता है। यह एक अस्थायी उपाय है और केवल तभी जारी किया जा सकता है जब संसद का सत्र न चल रहा हो और ऐसी परिस्थितियाँ हों जो तत्काल कार्रवाई की माँग करती हों।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की वीटो शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 143 सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 213 राज्यपाल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
- लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16, जो लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता का अधिकार देता है, केवल भारतीय नागरिकों के लिए है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव या निवास स्थान या इनमें से किसी के आधार पर राज्य के अधीन किसी भी रोजगार या पद के संबंध में अपात्र नहीं माना जाएगा या उसके साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार), और अनुच्छेद 25-28 (धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
प्रश्न 4: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायतों से संबंधित है?
- भाग VIII
- भाग IX
- भाग IX-A
- भाग XIV-A
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX पंचायतों से संबंधित है। इसे 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल हैं, जो पंचायतों की संरचना, सीटों के आरक्षण, कार्यकाल, वित्तीय शक्तियों आदि का प्रावधान करते हैं।
- गलत विकल्प: भाग VIII संघ शासित प्रदेशों से संबंधित है। भाग IX-A नगर पालिकाओं से संबंधित है (74वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया)। भाग XIV-A अधिकरणों से संबंधित है।
प्रश्न 5: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- संसद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। वह राष्ट्रपति की प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करता है।
- गलत विकल्प: महान्यायवादी की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की सलाह ली जाती है, लेकिन अंतिम नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। मुख्य न्यायाधीश और संसद की इसमें प्रत्यक्ष नियुक्ति भूमिका नहीं होती है।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का कौन सा रूप शामिल नहीं है?
- सामाजिक
- आर्थिक
- राजनीतिक
- धार्मिक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का उल्लेख है। इसमें धार्मिक न्याय का उल्लेख स्पष्ट रूप से नहीं किया गया है, हालांकि पंथनिरपेक्षता (Secularism) का सिद्धांत अप्रत्यक्ष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता और सभी धर्मों के प्रति समान व्यवहार का आश्वासन देता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना ‘न्याय’ शब्द को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक के रूप में सुनिश्चित करती है, जिसका अर्थ है कि नागरिकों के साथ इन क्षेत्रों में कोई भेदभाव नहीं होगा।
- गलत विकल्प: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय तीनों प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से वर्णित हैं।
प्रश्न 7: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु क्या है?
- 60 वर्ष
- 62 वर्ष
- 65 वर्ष
- 70 वर्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक पद धारण करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक पद धारण करते हैं।
- गलत विकल्प: 60 वर्ष लोकसभा सदस्यों या विधायकों की न्यूनतम आयु से संबंधित है। 62 वर्ष उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु है। 70 वर्ष किसी पद के लिए निर्धारित सेवानिवृत्ति की आयु नहीं है।
प्रश्न 8: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक ___ संस्था है।
- संवैधानिक
- सांविधिक
- कार्यकारी
- न्यायिक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक सांविधिक (Statutory) निकाय है, जिसका गठन संसद द्वारा पारित ‘मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ के तहत किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि इसका सृजन किसी अधिनियम के माध्यम से हुआ है, न कि संविधान में सीधे प्रावधान करके। यह मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जाँच करता है।
- गलत विकल्प: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में होता है (जैसे चुनाव आयोग, UPSC)। कार्यकारी निकाय नीतियों को लागू करते हैं। न्यायिक निकाय कानून की व्याख्या करते हैं।
प्रश्न 9: केंद्र-राज्य विधायी संबंधों का उल्लेख संविधान के किस भाग में किया गया है?
- भाग X
- भाग XI
- भाग XII
- भाग XIII
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XI केंद्र और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंधों से संबंधित है। इसमें मुख्य रूप से अध्याय I (विधायी संबंध – अनुच्छेद 245 से 255) और अध्याय II (प्रशासनिक संबंध – अनुच्छेद 256 से 263) शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह भाग स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है कि संसद और राज्य विधानमंडलों की विधायी शक्तियाँ कहाँ तक फैली हुई हैं, और कुछ विशेष परिस्थितियों में उनके बीच संबंध कैसे होंगे।
- गलत विकल्प: भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है। भाग XII वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद से संबंधित है। भाग XIII भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से संबंधित है।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘प्रयोजनिक राज्य’ (Welfare State) की अवधारणा को सबसे अच्छी तरह दर्शाता है?
- एक राज्य जो मुख्य रूप से अपनी सैन्य शक्ति पर ध्यान केंद्रित करता है।
- एक राज्य जो नागरिकों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय भूमिका निभाता है।
- एक राज्य जो केवल विदेशी नीति पर ध्यान केंद्रित करता है।
- एक राज्य जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर पूर्ण जोर देता है, बिना किसी सामाजिक उत्तरदायित्व के।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘प्रयोजनिक राज्य’ या ‘कल्याणकारी राज्य’ की अवधारणा भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) के माध्यम से समाहित है, विशेष रूप से भाग IV में। अनुच्छेद 38, 39, 41, 42 आदि ऐसे राज्य के गठन का निर्देश देते हैं जो नागरिकों के कल्याण को बढ़ावा दे।
- संदर्भ और विस्तार: कल्याणकारी राज्य वह होता है जो नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा आदि जैसी आवश्यक सेवाएँ प्रदान करके उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने का प्रयास करता है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के विपरीत हैं, जो सामाजिक और आर्थिक न्याय पर आधारित है।
प्रश्न 11: भारत में दल-बदल (Defection) के आधार पर संसद सदस्यों या विधायकों की अयोग्यता से संबंधित प्रावधान संविधान की किस अनुसूची में है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित प्रावधान भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में है। इसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची उन आधारों को परिभाषित करती है जिन पर किसी सदस्य को एक सदन के सदस्य होने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है, यदि वह स्वेच्छा से अपनी पार्टी की सदस्यता छोड़ देता है, या पार्टी के निर्देशों के विरुद्ध मतदान करता है।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची शक्तियों के वितरण से संबंधित है, आठवीं अनुसूची भाषाओं से, और नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन से संबंधित है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा ‘धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार’ (अनुच्छेद 25-28) के तहत संरक्षित नहीं है?
- सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन धार्मिक स्वतंत्रता।
- किसी भी धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता।
- किसी भी व्यक्ति पर किसी विशेष धर्म को थोपना।
- धार्मिक संस्थानों की स्थापना और रखरखाव का अधिकार।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 25 सभी व्यक्तियों को अंतःकरण की स्वतंत्रता और किसी भी धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। हालाँकि, यह अधिकार सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन है (अनुच्छेद 25(1))। किसी भी व्यक्ति पर किसी विशेष धर्म को थोपना इस स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा और यह संरक्षित नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 26 धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता देता है, और अनुच्छेद 27 किसी विशेष धर्म को बढ़ावा देने के लिए करों से छूट देता है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) अनुच्छेद 25 और 26 के तहत सुरक्षित हैं, जब तक कि वे सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता या स्वास्थ्य के विरुद्ध न हों। (c) सीधे तौर पर धार्मिक स्वतंत्रता के मूल में है।
प्रश्न 13: भारत में एकल नागरिकता की अवधारणा किस देश के संविधान से ली गई है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
- यूनाइटेड किंगडम
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: एकल नागरिकता की अवधारणा, जो भारत में केवल भारतीय नागरिकता का प्रावधान करती है, न कि राज्यों की अलग नागरिकता का, यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के संविधान से प्रेरित है। भारतीय संविधान के भाग II में नागरिकता से संबंधित प्रावधान हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसके विपरीत, संयुक्त राज्य अमेरिका में दोहरी नागरिकता (संघीय और राज्य) की व्यवस्था है।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में दोहरी नागरिकता है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया भी कुछ हद तक संघीय नागरिकता प्रदान करते हैं, जबकि ब्रिटेन में एकल नागरिकता की व्यवस्था है।
प्रश्न 14: राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने के लिए किसी व्यक्ति की न्यूनतम आयु क्या होनी चाहिए?
- 25 वर्ष
- 30 वर्ष
- 35 वर्ष
- 18 वर्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद के सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) और राज्य विधानमंडलों (विधानसभा और विधान परिषद) के सदस्यों के लिए न्यूनतम आयु का प्रावधान संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में है। राज्य विधानसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष (अनुच्छेद 173(1)) है।
- संदर्भ और विस्तार: राज्य विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष है (अनुच्छेद 173(1))। लोकसभा सदस्य के लिए 25 वर्ष और राज्यसभा सदस्य के लिए 30 वर्ष है।
- गलत विकल्प: 30 वर्ष राज्यसभा या विधान परिषद के सदस्य के लिए है। 35 वर्ष राष्ट्रपति या राज्यपाल बनने के लिए है। 18 वर्ष मतदान करने की आयु है।
प्रश्न 15: ‘अनुच्छेद 32’ भारतीय संविधान के किस भाग से संबंधित है?
- भाग III (मौलिक अधिकार)
- भाग IV (राज्य के नीति निदेशक तत्व)
- भाग V (संघ)
- भाग VI (राज्य)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ से संबंधित है, जो भारतीय संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) का हिस्सा है।
- संदर्भ और विस्तार: डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने अनुच्छेद 32 को ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है। यह मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है, जो रिट (Habeas Corpus, Mandamus, Prohibition, Certiorari, Quo Warranto) जारी कर सकता है।
- गलत विकल्प: भाग IV DPSP से, भाग V संघ से, और भाग VI राज्यों से संबंधित है।
प्रश्न 16: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी खातों की ऑडिट करता है और यह सुनिश्चित करता है कि धन का व्यय विधायी प्राधिकारों द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार हुआ है। यह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति या संबंधित राज्यपाल को प्रस्तुत करता है, जो इसे संसद या राज्य विधानमंडल के समक्ष रखता है।
- गलत विकल्प: CAG की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति जिम्मेदार होते हैं, अन्य पदों की इसमें सीधी भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा ‘सार्वजनिक व्यय’ पर संसदीय नियंत्रण का साधन नहीं है?
- स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion)
- धनादेश (Vote on Account)
- पूरक अनुदान (Supplementary Grants)
- वित्तीय समितियाँ (जैसे लोक लेखा समिति)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: स्थगन प्रस्ताव का उपयोग मंत्रियों की उपेक्षा को इंगित करने या तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामलों पर चर्चा के लिए होता है, न कि सीधे सार्वजनिक व्यय पर नियंत्रण के लिए। धनादेश (Vote on Account), पूरक अनुदान, और वित्तीय समितियों की भूमिकाएँ सार्वजनिक व्यय पर विधायी (संसदीय) नियंत्रण के प्रत्यक्ष साधन हैं।
- संदर्भ और विस्तार: धनादेश बजट पारित होने से पहले व्यय की अनुमति देता है। पूरक अनुदान अतिरिक्त व्यय को कवर करते हैं। लोक लेखा समिति CAG की रिपोर्ट की जांच करती है, जो सार्वजनिक व्यय की निगरानी करती है।
- गलत विकल्प: स्थगन प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य सरकार का ध्यान किसी विशिष्ट मुद्दे पर आकर्षित करना है, न कि सीधे व्यय पर नियंत्रण रखना।
प्रश्न 18: आपातकालीन प्रावधान भारतीय संविधान के किस भाग में दिए गए हैं?
- भाग XIV
- भाग XV
- भाग XVIII
- भाग XX
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: आपातकालीन प्रावधान भारतीय संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक वर्णित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्यों में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) के प्रावधान शामिल हैं। ये प्रावधान भारत की संप्रभुता, एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- गलत विकल्प: भाग XIV सेवाओं से, भाग XV चुनाव से, और भाग XX संशोधन से संबंधित है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संविधान का प्रहरी’ (Guardian of the Constitution) माना जाता है?
- राष्ट्रपति
- संसद
- सर्वोच्च न्यायालय
- भारत का महान्यायवादी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय को ‘संविधान का प्रहरी’ माना जाता है क्योंकि यह संविधान की अंतिम व्याख्या करता है और यह सुनिश्चित करता है कि विधायिका और कार्यपालिका संविधान के प्रावधानों के भीतर ही कार्य करें। यह न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) की शक्ति का प्रयोग करता है (यद्यपि स्पष्ट रूप से वर्णित नहीं है, यह अन्य अनुच्छेदों से उत्पन्न होता है, जैसे अनुच्छेद 13, 32, 226)।
- संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय संविधान के उल्लंघन करने वाले कानूनों को शून्य घोषित कर सकता है और मौलिक अधिकारों के रक्षक के रूप में कार्य करता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं लेकिन व्याख्या का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय के पास है। संसद कानून बनाती है। महान्यायवादी सरकार का कानूनी सलाहकार होता है।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान की मूल प्रति (Original Constitution) को किसने सुलेखन (calligraphy) किया था?
- प्रेम बिहारी नारायण रायजादा
- नंदलाल बोस
- राम मनोहर सिन्हा
- एस.एन. सिन्हा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की मूल प्रति को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने सुंदर और सुलेखन (calligraphy) में लिखा था, जिसमें कोई भी टाइपिंग या प्रिंटिंग शामिल नहीं थी।
- संदर्भ और विस्तार: संविधान की हिंदी प्रति को बसंत कुमार वैद्य ने सुलेखन किया था। संविधान की मूल अंग्रेजी प्रति में नंदलाल बोस और उनके शिष्यों द्वारा की गई सुंदर चित्रकारी भी शामिल है।
- गलत विकल्प: नंदलाल बोस ने संविधान के विभिन्न हिस्सों को सजाया था, लेकिन सुलेखन प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने किया था। राम मनोहर सिन्हा ने प्रस्तावना पृष्ठ को डिजाइन किया था।
प्रश्न 21: वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- यह अभी तक भारत में कभी भी लागू नहीं हुआ है।
- इसे लागू करने के लिए संसद के दोनों सदनों द्वारा साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है।
- यह अधिकतम 6 महीने तक लागू रह सकता है।
- इसका उल्लेख संविधान के भाग XVII में है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: वित्तीय आपातकाल का प्रावधान अनुच्छेद 360 में है। आज तक, भारत में कभी भी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: इसे लागू करने के लिए संसद के दोनों सदनों द्वारा दो माह के भीतर विशेष बहुमत (simple majority is incorrect, special majority required for continuation, but initial proclamation may be by President) की आवश्यकता होती है। यह अनिश्चित काल तक जारी रह सकता है जब तक इसे वापस न ले लिया जाए, लेकिन प्रत्येक 2 वर्ष बाद इसका अनुमोदन आवश्यक नहीं है (30 दिन is the correct period for initial approval and continuation, after that it needs further approval). Let’s refine this. Presidential proclamation under Article 360(1) is subject to disapproval by both Houses of Parliament. However, if continued beyond two months, it requires parliamentary approval every two months (not six months). The key is it has never been invoked.
- गलत विकल्प: (b) गलत है क्योंकि आरंभिक घोषणा को निरस्त करने के लिए साधारण बहुमत (special majority for continuation after 2 months, but initial proclamation is not subject to parliamentary approval within a specific time frame, but can be revoked by president anytime and parliament can disapprove it within 2 months). **Correction for explanation clarity:** The proclamation needs to be laid before Parliament and can be revoked by the President. If it continues beyond two months, it needs parliamentary approval (special majority) to continue for another year, and then it needs approval every six months. The primary point for the question is that it has never been invoked. The most accurate choice is (a). The others describe incorrect procedures or timeframes. The initial proclamation itself does not require parliamentary approval but can be revoked by the President. However, if it continues beyond two months, it needs parliamentary approval.
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर बने रहने के लिए अवैध रूप से रोकने के लिए जारी की जाती है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) रिट तब जारी की जाती है जब कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से कब्जा कर लेता है। यह पूछता है कि “किस अधिकार से?”। यह सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) द्वारा जारी की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक पद पर केवल योग्य व्यक्ति ही काबिज हो।
- गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण किसी अवैध रूप से हिरासत में रखे गए व्यक्ति को रिहा कराने के लिए है। परमादेश किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश देने के लिए है। उत्प्रेषण किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए है।
प्रश्न 23: किस संविधान संशोधन अधिनियम ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?
- 72वां संशोधन अधिनियम, 1991
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 80वां संशोधन अधिनियम, 2000
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा और पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। इसने अनुसूची 11 को भी जोड़ा, जिसमें पंचायतों के 29 कार्यात्मक विषय शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करना और उन्हें अधिक शक्तियाँ और वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करना था।
- गलत विकल्प: 72वां संशोधन विधेयक था। 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 80वां संशोधन कराधान में कुछ इक्विटी लाने के लिए था।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘संविधान संशोधन’ (Constitutional Amendment) के संबंध में गलत है?
- संसद के पास संविधान में संशोधन करने की शक्ति है।
- कुछ मौलिक अधिकारों को भी संसद द्वारा संशोधित किया जा सकता है।
- संविधान संशोधन के लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति आवश्यक है।
- संविधान में संशोधन के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 368 संविधान में संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान करता है। इसके अनुसार, किसी भी संविधान संशोधन विधेयक को संसद के किसी भी सदन में राष्ट्रपति की **पूर्व अनुमति के बिना** पेश किया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, संविधान के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से मौलिक अधिकारों में संशोधन को सर्वोच्च न्यायालय ने ‘केशवानंद भारती मामले’ (1973) में ‘बुनियादी ढांचे’ (Basic Structure) के सिद्धांत के तहत सीमित कर दिया है। अधिकांश संशोधनों के लिए विशेष बहुमत (two-thirds of members present and voting, and a majority of total membership of the House) की आवश्यकता होती है।
- गलत विकल्प: (a) और (d) सही हैं। (b) भी मोटे तौर पर सही है, हालांकि बुनियादी ढांचे के सिद्धांत द्वारा सीमित। (c) गलत है क्योंकि संविधान संशोधन विधेयक के लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।
प्रश्न 25: भारत का कोई भी नागरिक, किसी भी सार्वजनिक पद पर नियुक्ति के लिए, जहाँ किसी विशेष धर्म का होना आवश्यक हो, के आधार पर भेदभाव का दावा नहीं कर सकता। यह किस अनुच्छेद के अंतर्गत आता है?
- अनुच्छेद 15(1)
- अनुच्छेद 16(1)
- अनुच्छेद 16(2)
- अनुच्छेद 25(1)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16(1) राज्य के अधीन किसी भी नियोजन या पद के संबंध में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता की गारंटी देता है। अनुच्छेद 16(2) स्पष्ट रूप से कहता है कि किसी भी नागरिक के साथ केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, वंश, स्थान जन्म या इनमें से किसी के आधार पर राज्य के अधीन किसी भी पद के लिए अपात्रता या भेदभाव नहीं किया जाएगा।
- संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि सार्वजनिक नियुक्ति में धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15(1) धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है, लेकिन यह सार्वजनिक नियोजन पर विशेष रूप से लागू नहीं होता। अनुच्छेद 16(1) केवल अवसर की समानता की बात करता है, भेदभाव के आधारों को सूचीबद्ध नहीं करता। अनुच्छेद 25(1) धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित है।
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