संविधान मंथन: अपनी समझ को परखें – आज का अभ्यास
आओ, भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को गहराई से समझें! आज की यह विशेष प्रश्नोत्तरी आपकी राजव्यवस्था की अवधारणाओं को पैना करने का एक अनूठा अवसर है। अपनी तैयारी को एक नई दिशा दें और संवैधानिक ज्ञान के सागर में गोता लगाएँ!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्दों को किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह भारतीय संविधान में एक महत्वपूर्ण संशोधन था, जिसने देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को प्रतिबिंबित करने के लिए प्रस्तावना में इन समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष आदर्शों को शामिल किया।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय राज्य को एक सामाजिक-लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करना था। ‘समाजवादी’ का अर्थ है उत्पादन के साधनों का सामाजिक स्वामित्व, ‘धर्मनिरपेक्ष’ का अर्थ है राज्य का कोई धर्म नहीं होना और सभी धर्मों का समान आदर, और ‘अखंडता’ का अर्थ है राष्ट्र की एकता और अभिन्नता को बनाए रखना।
- गलत विकल्प: 24वां संशोधन राष्ट्रपति की संशोधन शक्ति को स्पष्ट करता है। 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाता है और आपातकालीन प्रावधानों में बदलाव करता है। 52वां संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है।
प्रश्न 2: भारत के राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 74
- अनुच्छेद 76
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 61 में किया गया है। यह अनुच्छेद राष्ट्रपति द्वारा संविधान के उल्लंघन के आधार पर उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया का विवरण देता है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग की प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू की जा सकती है। आरोप का प्रस्ताव सदन के एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए और उसे 14 दिन का पूर्व नोटिस दिया जाना चाहिए। फिर, वह प्रस्ताव सदन के कुल सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए। इसके बाद, दूसरे सदन द्वारा आरोपों की जांच की जाएगी, और यदि वह सदन भी कुल सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करता है, तो राष्ट्रपति को पद से हटा दिया जाएगा।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति की पदावधि से संबंधित है। अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सलाह और सहायता के लिए मंत्रिपरिषद के गठन का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी (Attorney General) के पद का प्रावधान करता है।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन से अनुच्छेद एकल नागरिकता के प्रावधान को अनिवार्य करते हैं?
- अनुच्छेद 5 और 6
- अनुच्छेद 7 और 8
- अनुच्छेद 9
- अनुच्छेद 10 और 11
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 9 का प्रावधान यह कहता है कि जो कोई भी स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, वह भारत का नागरिक नहीं रहेगा। यह प्रत्यक्ष रूप से यह सुनिश्चित करता है कि भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, इस प्रकार एकल नागरिकता के सिद्धांत को मजबूत करता है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में एकल नागरिकता का सिद्धांत ब्रिटिश संविधान से लिया गया है। इसका मतलब है कि भारत के सभी नागरिकों के पास समान अधिकार और विशेषाधिकार हैं, चाहे वे किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में रहते हों। नागरिकता के अधिग्रहण और समाप्ति से संबंधित अन्य मामले संसद द्वारा अनुच्छेद 11 के तहत बनाए गए कानूनों द्वारा नियंत्रित होते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 5 नागरिकता की परिभाषा और शुरुआत से संबंधित है। अनुच्छेद 6 पाकिस्तान से भारत आने वाले व्यक्तियों की नागरिकता से संबंधित है। अनुच्छेद 7 भारत से पाकिस्तान जाने वाले व्यक्तियों की नागरिकता से संबंधित है। अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों को बनाए रखने से संबंधित है, और अनुच्छेद 11 नागरिकता पर कानून बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 4: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा के अध्यक्ष
- संसद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 148(1) में वर्णित है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है। वह भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है और अपनी रिपोर्ट संसद और राज्य विधानमंडलों के समक्ष प्रस्तुत करता है। CAG का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वित्तीय प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, लेकिन CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। लोकसभा के अध्यक्ष सदन के कामकाज का संचालन करते हैं। संसद के पास कुछ विधायी शक्तियां होती हैं, लेकिन नियुक्ति की व्यक्तिगत शक्ति राष्ट्रपति के पास है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ‘केशवानंद भारती वाद’ (1973) में ‘मूल ढाँचा सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) का प्रतिपादन किया?
- संसदीय सर्वोच्चता
- संवैधानिक संशोधन की शक्ति
- मौलिक अधिकारों का प्रवर्तन
- न्यायिक पुनर्विलोकन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती वाद (1973) में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि संसद के पास संविधान के किसी भी भाग को संशोधित करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान के ‘मूल ढाँचे’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती। यह सिद्धांत संविधान के संशोधन की शक्ति (अनुच्छेद 368) की व्याख्या से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस ऐतिहासिक निर्णय ने संसद की संविधान संशोधन शक्ति को कुछ सीमाओं के अधीन कर दिया। न्यायालय ने कहा कि प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, और सरकार की संसदीय प्रणाली जैसी बातें मूल ढांचे का हिस्सा हो सकती हैं। इस सिद्धांत ने संविधान की सर्वोच्चता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- गलत विकल्प: यद्यपि मूल ढाँचा सिद्धांत न्यायिक पुनर्विलोकन (judicial review) को भी प्रभावित करता है, इसका प्राथमिक संबंध सीधे तौर पर संवैधानिक संशोधन की शक्ति की सीमाओं से था। यह सीधे तौर पर संसदीय सर्वोच्चता या केवल मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन पर सीमित नहीं है, बल्कि व्यापक रूप से संवैधानिक व्यवस्था को संरक्षित करता है।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?
- भाग IX
- भाग VII
- भाग X
- भाग XI
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है। इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं के गठन, संरचना, शक्तियों, प्राधिकारों और जिम्मेदारियों का विस्तृत प्रावधान है। यह पंचायत को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए सशक्त बनाता है।
- गलत विकल्प: भाग VII को निरस्त कर दिया गया है। भाग X अनुसूचित और जनजाति क्षेत्रों से संबंधित है। भाग XI केंद्र और राज्यों के बीच विधायी और कार्यकारी संबंधों से संबंधित है।
प्रश्न 7: किस अनुच्छेद के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) को न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता?
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 37
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 50
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से कहता है कि इस भाग (राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत) में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि ये सिद्धांत भारतीय शासन के लिए मौलिक हैं और देश के कानून बनाने में राज्य द्वारा इन सिद्धांतों का पालन किया जाएगा, वे अदालतों के माध्यम से सीधे लागू करने योग्य नहीं हैं (non-justiciable)। इसके विपरीत, मौलिक अधिकार (भाग III) अनुच्छेद 32 के तहत लागू करने योग्य (justiciable) हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए उपचार से संबंधित है। अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के संगठन से संबंधित है, जो एक DPSP है। अनुच्छेद 50 कार्यपालिका को न्यायपालिका से अलग करने का प्रावधान करता है, जो एक DPSP है।
प्रश्न 8: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा कौन कर सकता है?
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- लोकसभा का अध्यक्ष
- केंद्रीय मंत्रिमंडल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 352 में वर्णित है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति तब कर सकते हैं जब उन्हें यह विश्वास हो जाता है कि युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत की सुरक्षा को खतरा है। यह घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, लेकिन आपातकाल की घोषणा का अधिकार राष्ट्रपति को है। लोकसभा के अध्यक्ष सदन के संचालन के लिए उत्तरदायी होते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह महत्वपूर्ण होती है, लेकिन अंतिम आदेश राष्ट्रपति के नाम से जारी होता है। 44वें संविधान संशोधन, 1978 के बाद, यह स्पष्ट किया गया है कि आपातकाल की घोषणा केवल मंत्रिमंडल की ‘लिखित’ सिफारिश पर ही की जा सकती है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा एक गैर-संवैधानिक निकाय है?
- चुनाव आयोग (Election Commission)
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- वित्तीय आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक गैर-संवैधानिक निकाय है। इसका गठन संसद द्वारा पारित ‘मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ के तहत किया गया था, न कि संविधान के किसी विशेष अनुच्छेद द्वारा।
- संदर्भ और विस्तार: NHRC एक वैधानिक (statutory) निकाय है, जिसका अर्थ है कि यह एक कानून द्वारा बनाया गया है। इसका कार्य भारत में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन करना है।
- गलत विकल्प: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्तीय आयोग (अनुच्छेद 280) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिन्हें सीधे संविधान में उनके कार्यों और संरचना का उल्लेख मिलता है।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘संसद’ को नागरिकता के संबंध में कानून बनाने की शक्ति दी गई है?
- अनुच्छेद 10
- अनुच्छेद 11
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 11 यह स्पष्ट करता है कि ‘इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों (यानी, अनुच्छेद 5 से 10) की कोई बात संसद को नागरिकता के संबंध में सभी उपबंधों के बारे में विधि बनाने की शक्ति को सीमित नहीं करेगी।’
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के तहत संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 और उसके बाद के अन्य संशोधन अधिनियम पारित किए हैं, जो नागरिकता के अधिग्रहण और समाप्ति के नियमों को नियंत्रित करते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों को बनाए रखने से संबंधित है। अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ की परिभाषा से संबंधित है। अनुच्छेद 13 मौलिक अधिकारों के असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाले कानूनों को शून्य घोषित करने से संबंधित है।
प्रश्न 11: भारत में ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) के अंत का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत का प्रावधान करता है और किसी भी रूप में इसके अभ्यास को दंडनीय अपराध घोषित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 14-18 समानता का अधिकार) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी अक्षमता को लागू करना कानून के अनुसार दंडनीय होगा। इस अनुच्छेद के प्रवर्तन के लिए संसद ने ‘अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955’ पारित किया, जिसे बाद में ‘नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1976’ के रूप में संशोधित किया गया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता से संबंधित है।
प्रश्न 12: भारतीय संसद में शून्य काल (Zero Hour) की अवधि के दौरान, सदस्य किस प्रकार के मामलों को उठा सकते हैं?
- केवल सरकारी प्रस्ताव
- तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले
- लिखित प्रश्न जो तारांकित (Starred) हों
- संविधान संशोधन से संबंधित प्रस्ताव
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: शून्य काल, जो प्रश्न काल के ठीक बाद शुरू होता है, सदस्यों को तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामलों को उठाने की अनुमति देता है, जिसके लिए पूर्व सूचना की आवश्यकता नहीं होती है। यह भारतीय संसदीय प्रक्रिया की एक ‘भारतीय नवोन्मेष’ (Indian innovation) है और इसका उल्लेख संविधान में नहीं है, बल्कि प्रक्रिया नियमों में है।
- संदर्भ और विस्तार: इस दौरान, सदस्य बिना पूर्व सूचना के किसी भी विषय पर चर्चा का अनुरोध कर सकते हैं। सभापति या अध्यक्ष ऐसे मामलों पर चर्चा की अनुमति दे सकते हैं, जो वे तत्काल सार्वजनिक महत्व के हों।
- गलत विकल्प: शून्य काल सरकारी प्रस्तावों या संविधान संशोधन प्रस्तावों के लिए नहीं है। तारांकित प्रश्न, जो मौखिक उत्तर के लिए होते हैं, प्रश्न काल के दौरान उठाए जाते हैं, न कि शून्य काल में।
प्रश्न 13: किस संवैधानिक संशोधन ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी?
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 61वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1989 ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करके सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के लिए मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना था, जिससे देश की युवा आबादी को अपने प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार मिला।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन आपातकाल और कुछ अन्य प्रावधानों से संबंधित है। 52वां संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित है।
प्रश्न 14: भारत का उपराष्ट्रपति बनने के लिए न्यूनतम आयु क्या है?
- 25 वर्ष
- 30 वर्ष
- 35 वर्ष
- 40 वर्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 66(3)(a) के अनुसार, उपराष्ट्रपति बनने के लिए व्यक्ति की आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: यह वही न्यूनतम आयु है जो राष्ट्रपति बनने के लिए भी आवश्यक है (अनुच्छेद 58)।
- गलत विकल्प: 25 वर्ष लोकसभा सदस्य या राज्य विधानसभा सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु है। 30 वर्ष राज्यसभा सदस्य या राज्य विधान परिषद सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु है। 40 वर्ष एक मनमाना आंकड़ा है और किसी संवैधानिक पद के लिए न्यूनतम आयु नहीं है।
प्रश्न 15: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची राज्य सूची (State List) में उल्लिखित विषयों को संघ सूची (Union List) और समवर्ती सूची (Concurrent List) में स्थानांतरित करने से संबंधित है?
- सातवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
- बारहवीं अनुसूची
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: सातवीं अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है, जिसमें संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची शामिल हैं। हालांकि, यह अनुसूची सीधे तौर पर विषयों को एक सूची से दूसरी सूची में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया का वर्णन नहीं करती, बल्कि सूचियों का निर्माण करती है। किसी विषय का स्थानांतरण आमतौर पर एक संवैधानिक संशोधन द्वारा किया जाता है, जो सातवीं अनुसूची में बदलाव करता है। विशेष रूप से, 42वें संशोधन ने कुछ विषयों को राज्य सूची से समवर्ती सूची में स्थानांतरित किया।
- संदर्भ और विस्तार: सातवीं अनुसूची में तीन सूचियां हैं: संघ सूची (Union List), राज्य सूची (State List), और समवर्ती सूची (Concurrent List)। संघ सूची के विषय केवल संसद द्वारा कानून बनाए जा सकते हैं। राज्य सूची के विषय पर केवल राज्य विधानमंडल कानून बना सकता है, सिवाय अनुच्छेद 249 और 250 के तहत। समवर्ती सूची के विषयों पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन टकराव की स्थिति में केंद्रीय कानून प्रभावी होता है।
- गलत विकल्प: नौवीं अनुसूची भूमि सुधार और कुछ अन्य कानूनों को न्यायिक समीक्षा से सुरक्षा प्रदान करती है। दसवीं अनुसूची दलबदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है। बारहवीं अनुसूची शहरी स्थानीय निकायों की शक्तियों और जिम्मेदारियों से संबंधित है।
प्रश्न 16: भारत के संविधान के निर्माता किसे कहा जाता है?
- जवाहरलाल नेहरू
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता या मुख्य वास्तुकार माना जाता है। वे संविधान की मसौदा समिति (Drafting Committee) के अध्यक्ष थे और संविधान के निर्माण में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। संविधान का कोई विशेष अनुच्छेद सीधे तौर पर उन्हें ‘निर्माता’ घोषित नहीं करता, लेकिन संविधान के निर्माण में उनके नेतृत्व को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: डॉ. अम्बेडकर ने संविधान के मसौदे को तैयार करने, उसकी व्याख्या करने और देश के सामने प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके ज्ञान, दूरदर्शिता और कड़ी मेहनत ने भारतीय संविधान को एक ऐसी संरचना दी जो आज भी प्रासंगिक है।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और उन्होंने उद्देश्य प्रस्ताव (Objective Resolution) प्रस्तुत किया था। सरदार पटेल ने रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे और बाद में भारत के पहले राष्ट्रपति बने।
प्रश्न 17: मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) को किस संशोधन द्वारा भारतीय संविधान में जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 56वां संशोधन अधिनियम, 1987
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के रूप में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित था। ये कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्र के प्रति उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं। भारत के संविधान में मूल रूप से मौलिक कर्तव्य शामिल नहीं थे, लेकिन 1976 के संशोधन ने नागरिकों के लिए 10 मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा। बाद में 86वें संशोधन, 2002 द्वारा एक और मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार जैसे महत्वपूर्ण बदलावों से संबंधित है। 56वां संशोधन गोवा को राज्य का दर्जा देने से संबंधित है। 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित है।
प्रश्न 18: राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 108
- अनुच्छेद 112
- अनुच्छेद 116
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को क्षमादान (pardon), दंड-विराम (reprieve), परिहार (remission), लघुकरण (commutation) या दंडादेश के निलंबन (suspension) की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को उन व्यक्तियों को राहत देने की अनुमति देती है जिन्हें कुछ अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है। यह शक्ति बिना शर्त नहीं है और इसका प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर किया जाता है। राज्यपाल के पास भी अनुच्छेद 161 के तहत समान क्षमादान शक्ति है, लेकिन वह राष्ट्रपति की शक्ति से थोड़ी भिन्न है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 108 संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 116 विनियोग विधेयक (Appropriation Bill) से संबंधित है।
प्रश्न 19: भारत में ‘सांप्रदायिक निर्वाचन’ (Communal Electorate) का जनक किसे माना जाता है?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और संदर्भ: लॉर्ड मिंटो को ‘सांप्रदायिक निर्वाचन का जनक’ माना जाता है। 1909 के मार्ले-मिंटो सुधार (Indian Councils Act, 1909) ने मुसलमानों के लिए अलग चुनावी मंडल की शुरुआत की।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र और प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया, जिससे राजनीतिक रूप से धर्म के आधार पर समुदायों को बांटने की शुरुआत हुई। यह भारतीय इतिहास में एक विवादास्पद कदम था जिसके दूरगामी परिणाम हुए।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन भारत के वायसराय थे जिन्होंने बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड विलियम बेंटिंक को भारत में आधुनिक शिक्षा का अग्रदूत माना जाता है। लॉर्ड डलहौजी अपनी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21A किससे संबंधित है?
- पर्यावरण संरक्षण
- शिक्षा का अधिकार
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21A (Article 21A) शिक्षा के अधिकार से संबंधित है। इसे 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद कहता है कि ‘राज्य छह वर्ष की आयु से चौदह वर्ष की आयु तक के सभी बालकों को प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखरेख और शिक्षा की तब तक व्यवस्था करेगा, जैसा कि राज्य विधि द्वारा उपबंधित करे।’ यह शिक्षा को एक मौलिक अधिकार बनाता है।
- गलत विकल्प: पर्यावरण संरक्षण का उल्लेख अनुच्छेद 48A (DPSP) और 51A(g) (मौलिक कर्तव्य) में है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है, जबकि 21A विशेष रूप से शिक्षा के अधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 25-28 धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित हैं।
प्रश्न 21: किस अनुच्छेद के तहत राज्य विधानमंडल को धन विधेयक (Money Bill) के संबंध में विशेष प्रक्रिया का पालन करना होता है?
- अनुच्छेद 198
- अनुच्छेद 110
- अनुच्छेद 109
- अनुच्छेद 111
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 109 धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रियाओं का उपबंध करता है। अनुच्छेद 110 धन विधेयक की परिभाषा देता है।
- संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है (अनुच्छेद 110(1)(a) के तहत)। इसे प्रस्तुत करने से पहले राष्ट्रपति की सिफारिश की आवश्यकता होती है (अनुच्छेद 117)। लोकसभा द्वारा पारित होने के बाद, इसे राज्यसभा में भेजा जाता है, जो इसे 14 दिनों के भीतर अनुमोदित, संशोधित या अस्वीकृत कर सकती है। यदि राज्यसभा 14 दिनों के भीतर धन विधेयक को वापस नहीं करती है, तो उसे दोनों सदनों द्वारा पारित माना जाता है। राष्ट्रपति धन विधेयक को न तो अस्वीकृत कर सकते हैं और न ही उसमें संशोधन कर सकते हैं, उन्हें इसे स्वीकृति देनी होती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 110 धन विधेयक की परिभाषा से संबंधित है। अनुच्छेद 111 विधेयकों पर राष्ट्रपति की स्वीकृति से संबंधित है। अनुच्छेद 198 राज्य विधानमंडल में धन विधेयक के संबंध में विशेष प्रक्रिया का उल्लेख करता है।
प्रश्न 22: भारत में ‘सर्वोच्च विधि अधिकारी’ (Chief Law Officer) कौन होता है?
- भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India)
- भारत के महाधिवक्ता (Solicitor General of India)
- भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India)
- विधि मंत्री (Minister of Law)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का महान्यायवादी (Attorney General for India) भारत सरकार का सर्वोच्च विधि अधिकारी होता है। इसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 76 में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी का यह कर्तव्य है कि वह सरकार को विधि संबंधी मामलों पर सलाह दे और उन कानूनी दायित्वों का निर्वहन करे जो उसे सौंपे जाते हैं। उसे भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार प्राप्त है।
- गलत विकल्प: महाधिवक्ता (Solicitor General) महान्यायवादी का अधीनस्थ होता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख होते हैं। विधि मंत्री सरकार का राजनीतिक प्रमुख होता है, लेकिन कानूनी विशेषज्ञता के लिए महान्यायवादी जिम्मेदार है।
प्रश्न 23: किस संवैधानिक संशोधन ने दलबदल (Defection) के आधार पर संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित प्रावधानों को पेश किया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और संदर्भ: 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 ने संविधान में दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) जोड़ी, जो दलबदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची का उद्देश्य विधायकों की दलबदल की प्रवृत्ति को रोकना था, जो राजनीतिक अस्थिरता का कारण बनती थी। यह कानून तय करता है कि यदि कोई निर्वाचित सदस्य किसी राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ देता है या सदन में दल के व्हिप के विपरीत मतदान करता है, तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: 42वां संशोधन मौलिक कर्तव्यों और प्रस्तावना में बदलाव से संबंधित है। 44वां संशोधन आपातकाल के दौरान व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा को मजबूत करता है। 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है।
प्रश्न 24: भारत में federalism के संदर्भ में, कौन सी सूची केंद्र और राज्यों दोनों को विधायी शक्तियां प्रदान करती है?
- संघ सूची
- राज्य सूची
- समवर्ती सूची
- अवशिष्ट शक्तियाँ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: सातवीं अनुसूची के तहत समवर्ती सूची (Concurrent List) केंद्र और राज्यों दोनों को कानून बनाने का अधिकार देती है।
- संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची में ऐसे विषय शामिल हैं जिन पर केंद्र सरकार (संसद) और राज्य सरकारें (राज्य विधानमंडल) दोनों कानून बना सकती हैं। हालांकि, यदि किसी विषय पर केंद्रीय और राज्य कानून के बीच कोई टकराव होता है, तो केंद्रीय कानून को प्राथमिकता दी जाती है (अनुच्छेद 254)। समवर्ती सूची के कुछ उदाहरणों में शिक्षा, वन, विवाह और तलाक, बिजली, श्रम कल्याण आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: संघ सूची केवल संसद को विधायी शक्ति देती है। राज्य सूची केवल राज्य विधानमंडलों को विधायी शक्ति देती है (कुछ अपवादों के साथ)। अवशिष्ट शक्तियाँ (Residuary Powers) उन विषयों से संबंधित हैं जो किसी भी सूची में शामिल नहीं हैं, और अनुच्छेद 248 के तहत ये शक्तियाँ संसद में निहित हैं।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान के किस भाग में मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) का उल्लेख किया गया है?
- भाग I
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है, जो अनुच्छेद 12 से 35 तक विस्तृत हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह भाग नागरिकों को राज्य की शक्ति के विरुद्ध कुछ गारंटीकृत अधिकार प्रदान करता है, जैसे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार, और संवैधानिक उपचारों का अधिकार। मौलिक अधिकार भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभ हैं और नागरिकों के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास के लिए आवश्यक हैं।
- गलत विकल्प: भाग I संघ और उसके क्षेत्रों से संबंधित है। भाग II नागरिकता से संबंधित है। भाग IV राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) से संबंधित है।