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संविधान मंथन: अपनी राजव्यवस्था क्षमता को परखें

संविधान मंथन: अपनी राजव्यवस्था क्षमता को परखें

नमस्कार, भावी अधिकारियों! भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की गहरी समझ ही सफलता की कुंजी है। आज हम आपके ज्ञान की गहराई को परखने और आपकी वैचारिक स्पष्टता को निखारने के लिए लेकर आए हैं 25 सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न। इन प्रश्नों के माध्यम से न केवल अपने ज्ञान का परीक्षण करें, बल्कि हर प्रश्न के पीछे छिपे संवैधानिक प्रावधानों और ऐतिहासिक संदर्भों को भी आत्मसात करें। आइए, इस बौद्धिक यात्रा का आरंभ करें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘लोक उपक्रम समिति’ (Committee on Public Undertakings) का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है?

  1. लोकसभा का कोई भी सदस्य
  2. राज्यसभा का कोई भी सदस्य
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोक उपक्रम समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है, और वे आमतौर पर (लेकिन अनिवार्य रूप से नहीं) सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ सदस्य होते हैं। समिति के सदस्यों का चुनाव लोकसभा से होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: लोक उपक्रम समिति, संसद की एक महत्वपूर्ण वित्तीय समिति है जिसका गठन 1964 में हुआ था। इसका मुख्य कार्य उन सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज की जांच करना है जिनका वार्षिक रिपोर्ट संसद के समक्ष रखी जाती है। अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है, जो स्वयं इस समिति का हिस्सा नहीं होता।
  • गलत विकल्प: राज्यसभा का कोई सदस्य समिति का सदस्य तो हो सकता है, लेकिन अध्यक्ष के रूप में उसका चयन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नहीं किया जाता। लोकसभा अध्यक्ष (अध्यक्ष) समिति का हिस्सा नहीं होता। भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) एक संवैधानिक निकाय है और समिति के कामकाज की जांच करता है, न कि उसका अध्यक्ष बनता है।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी मामले में सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति प्रदान करता है?

  1. अनुच्छेद 129
  2. अनुच्छेद 132
  3. अनुच्छेद 143
  4. अनुच्छेद 147

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143, जिसे ‘सलाहकार क्षेत्राधिकार’ (Advisory Jurisdiction) के रूप में जाना जाता है, राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे किसी भी महत्वपूर्ण सार्वजनिक महत्व के प्रश्न पर या किसी विधि या तथ्य के प्रश्न पर, जिस पर उनका विचार है कि विधि का प्रश्न अंतर्निहित है, सर्वोच्च न्यायालय की सलाह ले सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सलाह राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं है, लेकिन यह न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच एक महत्वपूर्ण संवैधानिक कड़ी स्थापित करती है। यह प्रावधान संविधान के भाग V (संघ) के अध्याय IV (संघ की न्यायपालिका) के तहत आता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 129 सर्वोच्च न्यायालय को अभिलेख न्यायालय (Court of Record) घोषित करता है। अनुच्छेद 132 सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार (Appellate Jurisdiction) से संबंधित है। अनुच्छेद 147 संविधान की व्याख्या से संबंधित मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार को परिभाषित करता है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. संविधान की प्रस्तावना, संविधान का एक अंग है, लेकिन यह न तो कोई विधि है और न ही शक्ति का स्रोत।
  2. प्रस्तावना संविधान का एक अंग है और इसमें उल्लिखित मूल ढाँचे में संशोधन किया जा सकता है।
  3. प्रस्तावना संविधान का अंग नहीं है, इसलिए इसमें संशोधन संभव नहीं है।
  4. प्रस्तावना संविधान का एक अंग है और इसमें उल्लिखित कुछ प्रावधानों को संशोधित किया जा सकता है, लेकिन मूल ढाँचे को नहीं।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय दिया कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अंग है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि संसद प्रस्तावना में संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान के ‘मूल ढांचे’ (Basic Structure) में संशोधन नहीं कर सकती।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के उद्देश्य, दर्शन और आकांक्षाओं को दर्शाती है। अनुच्छेद 368 के तहत संशोधन का अधिकार प्रस्तावना पर भी लागू होता है, बशर्ते कि मूल ढांचा प्रभावित न हो। ‘मूल ढाँचे’ में संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, गणराज्य, न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, एकात्मकता, एकता और अखंडता जैसे तत्व शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि प्रस्तावना संविधान का अंग है। विकल्प (b) गलत है क्योंकि मूल ढांचे में संशोधन नहीं किया जा सकता। विकल्प (c) गलत है क्योंकि प्रस्तावना संविधान का अंग है और उसमें संशोधन संभव है।

प्रश्न 4: भारतीय संविधान के तहत, कौन सा निकाय ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?

  1. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
  2. नीति आयोग
  3. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
  4. संघ लोक सेवा आयोग

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से गठित एक गैर-संवैधानिक, गैर-वैधानिक निकाय है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग (Planning Commission) के स्थान पर किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (अनुच्छेद 338A), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (यह एक वैधानिक निकाय है, संवैधानिक नहीं, लेकिन अक्सर संवैधानिक निकायों के साथ तुलना की जाती है। हालाँकि, दिए गए विकल्पों में नीति आयोग निश्चित रूप से असंवैधानिक है।) संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में किया गया है और उनके गठन, शक्ति और कार्यों का वर्णन संविधान में होता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक वैधानिक (statutory) निकाय है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत हुआ है, न कि सीधे संविधान में इसका उल्लेख है। तथापि, दिए गए विकल्पों में नीति आयोग सबसे स्पष्ट रूप से असंवैधानिक है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (अनुच्छेद 338A), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) सीधे संविधान में उल्लिखित हैं, इसलिए वे संवैधानिक निकाय हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग वैधानिक है, लेकिन नीति आयोग की तुलना में इसका संवैधानिक अस्तित्व के करीब का अर्थ होता है (संवैधानिक नहीं)।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस अधिनियम ने भारत में द्वैध शासन (Dyarchy) प्रणाली की शुरुआत की?

  1. भारत सरकार अधिनियम, 1909
  2. भारत सरकार अधिनियम, 1919
  3. भारत सरकार अधिनियम, 1935
  4. भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारत सरकार अधिनियम, 1919 (जिसे मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार भी कहा जाता है) ने पहली बार केंद्र में और प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था की। प्रांतों में, विषयों को आरक्षित (Reserved) और हस्तांतरित (Transferred) में विभाजित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: आरक्षित विषयों का प्रशासन गवर्नर और उसकी कार्यकारिणी परिषद द्वारा किया जाता था, जबकि हस्तांतरित विषयों का प्रशासन उन मंत्रियों द्वारा किया जाता था जो प्रांतीय विधानमंडल के प्रति उत्तरदायी होते थे। इस अधिनियम ने भारतीय विधानमंडल के द्विसदनीय स्वरूप को भी पेश किया।
  • गलत विकल्प: भारत सरकार अधिनियम, 1909 (मार्ले-मिंटो सुधार) ने मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल पेश किया। भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने प्रांतों में द्वैध शासन को समाप्त कर दिया और केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना की, जिसे कभी लागू नहीं किया गया। भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 ने भारत के विभाजन और स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद खतरनाक उद्योगों में श्रमिकों के नियोजन के निषेध से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 23
  2. अनुच्छेद 24
  3. अनुच्छेद 25
  4. अनुच्छेद 26

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 24, मौलिक अधिकारों के तहत ‘शोषण के विरुद्ध अधिकार’ (Right against Exploitation) में शामिल है। यह अनुच्छेद 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखानों, खदानों या किसी अन्य खतरनाक नियोजन में काम पर रखने का निषेध करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनके स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। सर्वोच्च न्यायालय ने कई निर्णयों में इस अनुच्छेद की व्यापक व्याख्या की है, जिसमें गैर-खतरनाक व्यवसायों में भी बाल श्रम पर रोक शामिल है, यदि वह उनके शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता हो।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 23 मानव तस्करी और बेगार (forced labour) का निषेध करता है। अनुच्छेद 25 धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 26 धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता से संबंधित है।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन से ‘मौलिक कर्तव्य’ (Fundamental Duties) हैं जो 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा मूल संविधान में जोड़े गए?

  1. संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गान का सम्मान करना।
  2. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे अक्षुण्ण रखना।
  3. अपने बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना।
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 ने सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर भाग IV-A के तहत मूल संविधान में 10 मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा। इनमें अनुच्छेद 51A(a) के तहत ‘संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गान का सम्मान करना’, अनुच्छेद 51A(c) के तहत ‘भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे अक्षुण्ण रखना’, और 2002 में 86वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़े गए ‘अपने बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना’ (अनुच्छेद 51A(k)) शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्यों का उद्देश्य नागरिकों में राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना है। ये कर्तव्य नागरिकों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करते हैं, हालांकि इनका उल्लंघन कानूनी रूप से दंडनीय नहीं है।
  • गलत विकल्प: दिए गए सभी विकल्प भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A के तहत मौलिक कर्तव्यों में शामिल हैं, चाहे वे 1976 के संशोधन द्वारा जोड़े गए हों या बाद में।

प्रश्न 8: केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission – CVC) निम्नलिखित में से किस मंत्रालय/विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है?

  1. गृह मंत्रालय
  2. वित्त मंत्रालय
  3. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय
  4. विधि एवं न्याय मंत्रालय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) एक स्वतंत्र संस्था है, लेकिन प्रशासनिक रूप से यह कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training – DoPT) के अंतर्गत आता है, जो कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय का एक विभाग है।
  • संदर्भ और विस्तार: CVC की स्थापना भ्रष्टाचार निवारण के क्षेत्र में एक प्रहरी के रूप में की गई थी। यद्यपि यह DoPT के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है, यह अपने कार्यों के निष्पादन में स्वतंत्र है और इसे ‘निश्चित रूप से’ (statutory) शक्ति केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 से प्राप्त हुई है।
  • गलत विकल्प: CVC का सीधा प्रशासनिक नियंत्रण गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय या विधि एवं न्याय मंत्रालय में से किसी में भी नहीं है। यह इन मंत्रालयों से स्वतंत्र होकर कार्य करता है, हालांकि जांच में समन्वय आवश्यक हो सकता है।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अनुच्छेद 32’ के संबंध में सत्य है?

  1. यह सर्वोच्च न्यायालय को रिट जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।
  2. यह राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है।
  3. यह संसद को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने की शक्ति देता है।
  4. यह संसद को राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बनाने की शक्ति देता है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32, जिसे ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) कहा जाता है, मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को पाँच प्रकार की रिट (हेबियस कॉर्पस, मैंडमस, प्रोहिबिशन, सर्टिओरारी, क्यू वारंटो) जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने अनुच्छेद 32 को ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है, क्योंकि यह स्वयं मौलिक अधिकारों को प्रवर्तनीय बनाता है। अनुच्छेद 32 के तहत सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाया जा सकता है, जबकि अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय जाया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: अध्यादेश जारी करने की शक्ति राष्ट्रपति की होती है (अनुच्छेद 123)। राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा का प्रावधान अनुच्छेद 352 में है। राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने की शक्ति संसद को विशेष परिस्थितियों में (जैसे अनुच्छेद 249 या 356 के तहत) मिल सकती है, न कि अनुच्छेद 32 के तहत।

प्रश्न 10: भारतीय संसद का कौन सा सदन ‘उच्च सदन’ (Upper House) कहलाता है?

  1. लोकसभा
  2. राज्यसभा
  3. विधान परिषद (सभी राज्यों में)
  4. कोई नहीं

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संसद के दो सदन हैं: लोकसभा (House of the People) और राज्यसभा (Council of States)। राज्यसभा को ‘उच्च सदन’ कहा जाता है क्योंकि यह राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है और इसकी प्रकृति स्थायी होती है, अर्थात यह कभी भंग नहीं होता।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्यसभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं। यह संघवाद के सिद्धांत को दर्शाता है, जहाँ राज्यों को भी केंद्र स्तर पर प्रतिनिधित्व मिलता है। राष्ट्रपति 12 सदस्यों को नामित भी कर सकता है।
  • गलत विकल्प: लोकसभा ‘निम्न सदन’ (Lower House) कहलाता है। विधान परिषद (Legislative Council) कुछ राज्यों की विधानसभाओं का ऊपरी सदन है, लेकिन यह भारतीय संसद का हिस्सा नहीं है।

प्रश्न 11: कौन सा मौलिक अधिकार ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार’ (Right to Life and Personal Liberty) से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 19
  2. अनुच्छेद 20
  3. अनुच्छेद 21
  4. अनुच्छेद 22

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 स्पष्ट रूप से कहता है कि “किसी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा।”
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 की व्याख्या अत्यंत व्यापक रूप से की है, जिसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, निजता का अधिकार, आजीविका का अधिकार, और शिक्षा का अधिकार जैसे कई महत्वपूर्ण अधिकार शामिल हैं। इसे ‘एकात्मिक मौलिक अधिकार’ माना जाता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 22 कुछ मामलों में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान करता है।

प्रश्न 12: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?

  1. भाग IV
  2. भाग V
  3. भाग IX
  4. भाग IX-A

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, पंचायती राज संस्थाओं (ग्राम पंचायतों) से संबंधित है। इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक के अनुच्छेद शामिल हैं, जो पंचायतों की संरचना, सदस्यों का चुनाव, वित्तीय प्रावधान और उनके उत्तरदायित्वों को निर्दिष्ट करते हैं। यह स्थानीय स्वशासन को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
  • गलत विकल्प: भाग IV में राज्य के नीति निर्देशक तत्व (DPSP) हैं। भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से संबंधित है। भाग IX-A शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक परिषद’ (Constitutional Council) का हिस्सा नहीं है?

  1. राष्ट्रपति
  2. उपराष्ट्रपति
  3. सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश
  4. भारत का महान्यायवादी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारत में कोई एकल ‘संवैधानिक परिषद’ जैसी संस्था नहीं है। हालाँकि, विभिन्न संवैधानिक निकायों के गठन या निर्णय प्रक्रिया में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की भूमिका होती है। भारत का महान्यायवादी (Attorney General for India) एक संवैधानिक पद है, लेकिन वह किसी परिषद का हिस्सा नहीं होता।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रश्न का आशय संभवतः उस संस्था से है जो किसी विशेष कार्य के लिए बनाई गई हो। जैसे, कुछ विधियों के निर्माण या कुछ नियुक्तियों में राष्ट्रपति सलाह ले सकते हैं। महान्यायवादी अनुच्छेद 76 के तहत नियुक्त किया जाता है और सरकार को कानूनी सलाह देता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति (अनुच्छेद 53, 72), उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 63, 64) और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (अनुच्छेद 124) संविधान के महत्वपूर्ण अंग हैं और विभिन्न संवैधानिक प्रक्रियाओं में भूमिका निभाते हैं। महान्यायवादी की भूमिका अलग होती है।

प्रश्न 14: भारतीय संविधान का ‘प्रस्तावना’ (Preamble) किस देश के संविधान से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. ब्रिटेन
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. कनाडा

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना की अवधारणा, जिसमें ‘हम, भारत के लोग’ से शुरुआत होती है, संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित है। अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना भी इसी तर्ज पर लिखी गई है।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, प्रस्तावना की भाषा, शैली और विचार (जैसे न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व) फ्रांस की क्रांति से भी प्रभावित हैं। लेकिन संरचनात्मक और अवधारणात्मक रूप से, यह अमेरिका से अधिक प्रभावित है।
  • गलत विकल्प: ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली, विधि का शासन, एकल नागरिकता आदि लिए गए हैं। ऑस्ट्रेलिया से प्रस्तावना की ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) की अवधारणा ली गई है। कनाडा से ‘संघवाद’ (Federalism) और अवशिष्ट शक्तियाँ (Residuary Powers) केंद्र के पास रखने की व्यवस्था ली गई है।

प्रश्न 15: किस अनुच्छेद के तहत संसद को यह अधिकार प्राप्त है कि वह राष्ट्रीय हित में किसी राज्य सूची के विषय पर कानून बना सके?

  1. अनुच्छेद 248
  2. अनुच्छेद 249
  3. अनुच्छेद 250
  4. अनुच्छेद 251

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 249 के तहत, यदि राज्यसभा अपने सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से संकल्प पारित करती है कि राष्ट्रीय हित के लिए राज्य सूची के किसी विषय पर संसद द्वारा कानून बनाना आवश्यक है, तो संसद उस विषय पर कानून बना सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद भारतीय संघीय ढांचे में एक अपवाद है, जो राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देता है। इस प्रकार बनाया गया कानून एक वर्ष के लिए लागू रहता है, लेकिन इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 248 अवशिष्ट विधायी शक्तियों (Residuary Legislative Powers) से संबंधित है, जो संसद के पास हैं। अनुच्छेद 250 राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान राज्य सूची के विषयों पर संसद की विधायी शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 251 अनुच्छेद 249 और 250 के तहत बनाए गए कानूनों और राज्यों द्वारा बनाए गए कानूनों के बीच विरोधाभास से संबंधित है।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सी रिट केवल ‘सार्वजनिक पद’ (Public Office) पर अवैध रूप से कब्जा करने से रोकने के लिए जारी की जाती है?

  1. हेबियस कॉर्पस
  2. मैंडमस
  3. प्रोहिबिशन
  4. क्यू वारंटो

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और रिट का अर्थ: ‘क्यू वारंटो’ (Quo Warranto) लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह रिट किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से किए गए दावे को चुनौती देने के लिए जारी की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रिट उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) और सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) द्वारा जारी की जा सकती है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक पदों के दुरुपयोग को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि वे केवल योग्य व्यक्तियों द्वारा ही धारित किए जाएं।
  • गलत विकल्प: हेबियस कॉर्पस (शरीर प्रस्तुत करो) अवैध हिरासत से रिहाई के लिए है। मैंडमस (हम आदेश देते हैं) सार्वजनिक अधिकारी को उसका कर्तव्य निभाने का आदेश देने के लिए है। प्रोहिबिशन (प्रतिषेध) निचली अदालत को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए है।

प्रश्न 17: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल कितना होता है?

  1. 5 वर्ष
  2. 6 वर्ष
  3. 65 वर्ष की आयु तक
  4. 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148(1) के अनुसार, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। उनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है, इनमें से जो भी पहले हो।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है। यह एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत की संचित निधि से व्यय की लेखापरीक्षा करता है और संसद के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
  • गलत विकल्प: ये विकल्प CAG के कार्यकाल की सही अवधि को पूर्ण रूप से नहीं दर्शाते हैं।

प्रश्न 18: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) का अध्यक्ष कौन होता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. प्रधानमंत्री
  3. वित्त मंत्री
  4. नीति आयोग का उपाध्यक्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक कार्यकारी निकाय है जिसका गठन 1952 में हुआ था। इसके पदेन अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC राष्ट्रीय योजनाओं को अंतिम मंजूरी देने वाली सर्वोच्च संस्था है। इसमें केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह देश के पंचवर्षीय योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होता है, लेकिन NDC का अध्यक्ष नहीं। वित्त मंत्री और नीति आयोग का उपाध्यक्ष इसके सदस्य हो सकते हैं, लेकिन अध्यक्ष नहीं।

प्रश्न 19: भारतीय संविधान में ‘कानून के शासन’ (Rule of Law) का सिद्धांत किस देश से लिया गया है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. ब्रिटेन
  3. आयरलैंड
  4. जर्मनी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: ‘कानून का शासन’ का सिद्धांत, जिसमें यह माना जाता है कि कोई भी व्यक्ति या सरकार कानून से ऊपर नहीं है और सभी को समान रूप से कानून का पालन करना चाहिए, ब्रिटेन के संवैधानिक मॉडल से प्रेरित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) के उल्लेख के साथ-साथ मौलिक अधिकारों (विशेषकर अनुच्छेद 14) में भी अंतर्निहित है। यह विधियों की सर्वोच्चता और समान उपचार सुनिश्चित करता है।
  • गलत विकल्प: अमेरिका से न्यायिक पुनर्विलोकन, मौलिक अधिकार लिए गए हैं। आयरलैंड से नीति निदेशक तत्व लिए गए हैं। जर्मनी से आपातकालीन उपबंध लिए गए हैं।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा प्रावधान ‘संसद द्वारा किए जाने वाले विधायी कार्यों’ के दायरे में नहीं आता है?

  1. मौलिक अधिकारों का संशोधन
  2. संवैधानिक निकायों के सदस्यों की नियुक्ति
  3. राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित कानून
  4. किसी राज्य के विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए आरक्षित करना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संवैधानिक प्रक्रिया: संवैधानिक निकायों, जैसे कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) या चुनाव आयोग (ECI) के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संबंधित संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार की जाती है, न कि सीधे संसद द्वारा कानून बनाकर। हालांकि संसद इनके कार्यों को विनियमित करने वाले कानून बना सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: मौलिक अधिकारों का संशोधन (अनुच्छेद 368), राज्यों के पुनर्गठन (अनुच्छेद 3) और विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए आरक्षित करना (अनुच्छेद 200) सभी संसदीय विधायी शक्तियों के दायरे में आते हैं।
  • गलत विकल्प: संवैधानिक निकायों के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया राष्ट्रपति द्वारा संविधान में निर्धारित तरीके से होती है।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची भाषाओं से संबंधित है?

  1. छठी अनुसूची
  2. सातवीं अनुसूची
  3. आठवीं अनुसूची
  4. नौवीं अनुसूची

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में भारत की आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। मूल रूप से इसमें 14 भाषाएँ थीं, जिन्हें बाद में सिंधी, कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली, बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को शामिल करके 22 कर दिया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके तहत सूचीबद्ध भाषाओं को संवैधानिक मान्यता प्राप्त है और उनके विकास को बढ़ावा दिया जाता है।
  • गलत विकल्प: छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है। सातवीं अनुसूची संघ, राज्यों और समवर्ती सूचियों के बीच शक्तियों के विभाजन से संबंधित है। नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों से संबंधित कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन से संबंधित है, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से छूट दी गई थी।

प्रश्न 22: ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग V
  4. भाग VI

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV में, अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये वे सिद्धांत हैं जिन्हें राज्य को कानून बनाते समय ध्यान में रखना चाहिए। ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं (अनुच्छेद 37), लेकिन देश के शासन में मूलभूत हैं और यह राज्य का कर्तव्य है कि वह कानून बनाते समय इन सिद्धांतों को लागू करे। इन्हें आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से संबंधित है। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधानमंडलों से संबंधित है।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘संघवाद’ (Federalism) के बारे में सही है?

  1. संघवाद में केवल एक शक्तिशाली केंद्र सरकार होती है।
  2. संघवाद में शक्तियों का विभाजन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच होता है।
  3. संघवाद में राज्य सरकारें केंद्र सरकार के अधीन होती हैं।
  4. संघवाद में केवल राज्य सरकारों के पास शक्तियां होती हैं।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संघीय व्यवस्था: संघवाद एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था है जिसमें राष्ट्रीय सरकार और क्षेत्रीय सरकारों (राज्यों) के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन होता है। संविधान ही इस विभाजन को निर्धारित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत में ‘सहकारी संघवाद’ (Cooperative Federalism) की व्यवस्था है, जहाँ केंद्र और राज्य मिलकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं। संविधान की सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण को स्पष्ट करती है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) और (c) एकात्मक शासन (Unitary Government) की विशेषताएँ हैं, जहाँ केंद्र सरकार प्रमुख होती है। विकल्प (d) परिसंघीय (Confederal) या राज्य-प्रधान व्यवस्था की ओर संकेत करता है, जो भारतीय संघवाद से भिन्न है।

प्रश्न 24: ‘राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति’ (Pardoning Power of the President) संविधान के किस अनुच्छेद में निहित है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 73
  3. अनुच्छेद 112
  4. अनुच्छेद 161

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72, राष्ट्रपति को कुछ मामलों के संबंध में क्षमा, दंड का लघुकरण, प्रविलंबन, विराम या परिहार करने या दंडादेश के निलंबन या लघुकरण की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति उन अपराधों पर लागू होती है जो संघ के विधि के विरुद्ध हों, सैन्य न्यायालयों द्वारा दी गई सजाओं पर, और मृत्युदंड की सजाओं पर। यह शक्ति कार्यपालिका की दयालुता का प्रतीक है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 73 संघ की कार्यपालिका शक्ति की परिधि से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (Budget) से संबंधित है। अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान की शक्ति से संबंधित है (जो राष्ट्रपति की शक्ति से कुछ भिन्न है, जैसे मृत्युदंड को क्षमा करने का अधिकार राज्यपाल के पास नहीं है)।

प्रश्न 25: ‘अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण’ (Protection of Interests of Minorities) से संबंधित अनुच्छेद कौन सा है?

  1. अनुच्छेद 28
  2. अनुच्छेद 29
  3. अनुच्छेद 30
  4. अनुच्छेद 31

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 29(1) के अनुसार, भारत के नागरिकों के किसी भी वर्ग को, जिसकी अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का अधिकार होगा। अनुच्छेद 29(2) के अनुसार, राज्य द्वारा संचालित या राज्य-निधि से सहायता प्राप्त किसी भी शिक्षण संस्थान में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या उनमें से किसी के आधार पर वंचित नहीं किया जाएगा।
  • संदर्भ और विस्तार: ये प्रावधान विशेष रूप से भाषाई और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हैं। अनुच्छेद 30, शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन में अल्पसंख्यकों के अधिकार से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 28 धार्मिक शिक्षाओं में उपस्थिति से स्वतंत्रता प्रदान करता है। अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों के शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के अधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 31 संपत्ति के अधिकार से संबंधित था, जिसे बाद में हटा दिया गया।

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