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संविधान मंथन: अपनी राजनीतिक पकड़ मज़बूत करें!

संविधान मंथन: अपनी राजनीतिक पकड़ मज़बूत करें!

भारतीय लोकतंत्र की गहराइयों में उतरने और अपने संवैधानिक ज्ञान को परखने के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह अभ्यास सत्र आपके नीतिगत विचारों को और भी स्पष्ट करेगा। आइए, मिलकर भारत की संवैधानिक व्यवस्था की बारीकियों को समझें और अपनी तैयारी को एक नई दिशा दें।

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्दों को किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
  2. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  3. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  4. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: ‘समाजवादी’ (Socialist) और ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) शब्दों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन भारत के गणराज्य की प्रकृति को और अधिक स्पष्ट करने के उद्देश्य से किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन मूलतः प्रस्तावना में ‘संपूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ के स्थान पर ‘संपूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ शब्द स्थापित करने के लिए था, लेकिन बाद में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ को भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा माना गया।
  • गलत विकल्प: 24वां संशोधन, 1971 ने संसद को मूल अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित करने का अधिकार दिया। 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया। 52वां संशोधन, 1985 ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को संविधान की 10वीं अनुसूची में जोड़ा।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा मूल अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  4. भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के विरुद्ध विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल अधिकार भारतीय नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए उपलब्ध होते हैं, लेकिन कुछ अधिकार, जैसे कि अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, और 30, केवल भारतीय नागरिकों के लिए आरक्षित हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार), और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार) भारत में कानूनी रूप से मौजूद सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को उपलब्ध हैं।

प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग नहीं लेता है?

  1. लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
  2. राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
  3. दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
  4. राज्य विधान परिषदों के सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में राज्य विधान परिषदों के सदस्य भाग नहीं लेते हैं। राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसका उल्लेख अनुच्छेद 54 में किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सभी निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं (विधान परिषदों के नहीं) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। 70वें संविधान संशोधन, 1992 द्वारा दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों को भी इस निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया।
  • गलत विकल्प: लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान करते हैं। दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों को भी 70वें संशोधन द्वारा शामिल किया गया है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा का आधार नहीं बन सकता?

  1. युद्ध
  2. बाह्य आक्रमण
  3. सशस्त्र विद्रोह
  4. आंतरिक अशांति

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: ‘आंतरिक अशांति’ (Internal disturbance) अब राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा का आधार नहीं है। अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा ‘युद्ध’, ‘बाह्य आक्रमण’ (External aggression) या ‘सशस्त्र विद्रोह’ (Armed rebellion) के आधार पर की जा सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल संविधान में ‘आंतरिक अशांति’ आधार था, लेकिन 44वें संविधान संशोधन, 1978 द्वारा ‘आंतरिक अशांति’ शब्द को हटाकर ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द जोड़ा गया ताकि आपातकाल के दुरुपयोग को रोका जा सके।
  • गलत विकल्प: युद्ध, बाह्य आक्रमण और सशस्त्र विद्रोह तीनों ही अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के वैध आधार हैं।

प्रश्न 5: भारत में एक राज्य का उच्च न्यायालय निम्नलिखित में से किस तरीके से लोकायुक्त की नियुक्ति कर सकता है?

  1. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर राज्यपाल द्वारा
  2. केवल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा
  3. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया के समान
  4. उच्च न्यायालय के पास लोकायुक्त की नियुक्ति का कोई अधिकार नहीं है

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान में उच्च न्यायालयों के पास लोकायुक्त की नियुक्ति का कोई सीधा संवैधानिक अधिकार नहीं है। लोकायुक्त की नियुक्ति प्रत्येक राज्य के अपने लोकायुक्त अधिनियम के तहत राज्यपाल द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: लोकायुक्त एक राज्य-स्तरीय भ्रष्टाचार-विरोधी निकाय है, जिसकी स्थापना राज्य के विधानमंडल द्वारा पारित अधिनियमों के माध्यम से की जाती है। नियुक्ति की प्रक्रिया राज्य-विशिष्ट होती है, लेकिन इसमें आम तौर पर मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और विधानसभा अध्यक्ष की सलाह या राय शामिल होती है।
  • गलत विकल्प: लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया भारत के संविधान में सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया से भिन्न है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर राज्यपाल द्वारा नियुक्ति का प्रावधान भी लोकायुक्त के संदर्भ में सीधा संवैधानिक नहीं है, हालांकि कुछ राज्यों के अधिनियमों में मुख्य न्यायाधीश की राय ली जा सकती है।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी समिति संसद की वित्तीय समिति का हिस्सा नहीं है?

  1. लोक लेखा समिति
  2. प्राक्कलन समिति
  3. सार्वजनिक उपक्रम समिति
  4. वित्त आयोग

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: वित्त आयोग (Finance Commission) एक संवैधानिक निकाय है, जो अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित किया गया है। यह संसद की स्थायी वित्तीय समितियों का हिस्सा नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: संसद की तीन प्रमुख वित्तीय समितियाँ हैं: लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee), प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) और सार्वजनिक उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)। ये समितियाँ संसद के व्यय, आय और नीतियों पर नियंत्रण रखती हैं।
  • गलत विकल्प: लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति और सार्वजनिक उपक्रम समिति तीनों ही संसद की महत्वपूर्ण वित्तीय समितियाँ हैं। वित्त आयोग का कार्य केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों का निर्धारण करना है, न कि संसद के वित्तीय व्यय पर निगरानी रखना।

प्रश्न 7: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को ‘समीक्षा का अधिकार’ (Right of Judicial Review) प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 13
  2. अनुच्छेद 14
  3. अनुच्छेद 32
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय को न्यायिक समीक्षा का अधिकार (Judicial Review) कई अनुच्छेदों के तहत प्राप्त है, जिनमें अनुच्छेद 13, 14, 32, 226 आदि शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 13 घोषित करता है कि मौलिक अधिकारों से असंगत कानून शून्य होंगे। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण की गारंटी देता है। अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए रिट जारी करने की शक्ति देता है, जो न्यायिक समीक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विभिन्न निर्णयों (जैसे केशवानंद भारती मामला) में न्यायिक समीक्षा को संविधान का मूल ढाँचा घोषित किया है।
  • गलत विकल्प: यद्यपि अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता से संबंधित है, न्यायिक समीक्षा का व्यापक आधार अनुच्छेद 13 और 32 में भी निहित है, और उच्च न्यायालय के लिए अनुच्छेद 226 भी है। इसलिए, उपरोक्त सभी विकल्प सही हैं।

प्रश्न 8: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का विचार किस देश के संविधान से लिया गया है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. यूनाइटेड किंगडम
  3. आयरलैंड
  4. कनाडा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का विचार आयरलैंड के संविधान से प्रेरित है। ये तत्व संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: आयरलैंड के संविधान ने अपने DPSP को स्पेनिश संविधान से लिया था। भारत में DPSP का उद्देश्य एक ‘कल्याणकारी राज्य’ की स्थापना करना है, जिसमें सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार लिए गए हैं। यूनाइटेड किंगडम से संसदीय प्रणाली, विधि का शासन आदि लिए गए हैं। कनाडा से संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत लिया गया है।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से किसे ‘भारत का महान्यायवादी’ (Attorney General of India) नियुक्त करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  3. भारत के प्रधानमंत्री
  4. विधि मंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि अनुच्छेद 76(1) में प्रावधानित है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। वह सरकार का प्रतिनिधित्व भी करता है। महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) होती है।
  • गलत विकल्प: भारत के मुख्य न्यायाधीश, भारत के प्रधानमंत्री या विधि मंत्री की नियुक्ति महान्यायवादी की नहीं करते हैं। यह एक संवैधानिक नियुक्ति है जो राष्ट्रपति करते हैं।

प्रश्न 10: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रपति को पद से हटा सकता है?

  1. केवल संसद
  2. केवल सर्वोच्च न्यायालय
  3. संसद और सर्वोच्च न्यायालय संयुक्त रूप से
  4. संसद, महाभियोग की प्रक्रिया द्वारा

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को पद से केवल संसद, महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया द्वारा हटा सकती है, जैसा कि अनुच्छेद 61 में निर्धारित है।
  • संदर्भ और विस्तार: महाभियोग प्रक्रिया एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है। राष्ट्रपति पर संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाया जाता है। आरोप संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा लगाया जा सकता है, बशर्ते उस सदन के कुल सदस्यों के कम से कम एक-चौथाई सदस्य उस आरोप का प्रस्ताव करें और प्रस्ताव पारित करने के लिए उस सदन की कुल सदस्य संख्या के कम से कम दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता हो।
  • गलत विकल्प: सर्वोच्च न्यायालय के पास राष्ट्रपति को सीधे पद से हटाने का अधिकार नहीं है। संसद द्वारा हटाए जाने की प्रक्रिया महाभियोग है, जो एक विशेष प्रक्रिया है, न कि केवल सामान्य विधायी प्रक्रिया।

प्रश्न 11: पंचायती राज व्यवस्था की किस स्तर पर ‘ग्राम सभा’ (Gram Sabha) का प्रावधान है?

  1. जिला स्तर
  2. प्रखंड (Block) स्तर
  3. ग्राम स्तर
  4. मंडल स्तर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: पंचायती राज व्यवस्था में ‘ग्राम सभा’ का प्रावधान ग्राम स्तर पर है। 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में भाग IX जोड़ा गया, जिसमें अनुच्छेद 243(b) के अनुसार ग्राम सभा को परिभाषित किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों की एक सभा होती है, जिसमें उस ग्राम के मतदाता सूची में पंजीकृत सभी वयस्क सदस्य शामिल होते हैं। यह पंचायती राज व्यवस्था की आधारशिला है।
  • गलत विकल्प: जिला स्तर पर जिला परिषद, प्रखंड स्तर पर पंचायत समिति और मंडल स्तर पर (जो अक्सर ग्राम से बड़ा होता है) मंडल/क्षेत्रीय पंचायत हो सकती है, लेकिन ग्राम सभा का संबंध सीधे ग्राम स्तर से है।

प्रश्न 12: किसी राज्य में विधान परिषद के गठन या उसे समाप्त करने से संबंधित प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 168
  2. अनुच्छेद 169
  3. अनुच्छेद 170
  4. अनुच्छेद 171

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: किसी राज्य में विधान परिषद के गठन या उसे समाप्त करने का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 में दिया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 169 के अनुसार, संसद, यदि ऐसा करने के लिए राज्य की विधान सभा संकल्प पारित करे, तो विधि द्वारा विधान परिषद का गठन या उसका विघटन कर सकती है। यह प्रक्रिया एक साधारण बहुमत से पारित विधान के द्वारा की जाती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 168 राज्यों में विधानमंडलों के गठन के बारे में है, जिसमें राज्यपाल, विधान सभा और विधान परिषद (जहां हो) शामिल हैं। अनुच्छेद 170 विधान सभा की संरचना से संबंधित है, और अनुच्छेद 171 विधान परिषद की संरचना से संबंधित है, न कि उसके गठन या समाप्ति से।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?

  1. संघ की राजभाषा – अनुच्छेद 343
  2. उच्चतम न्यायालय की राजभाषा – अनुच्छेद 145
  3. क्षेत्रीय भाषाओं के लिए विशेष उपबंध – अनुच्छेद 345
  4. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के लिए राजभाषा – अनुच्छेद 348

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: उच्चतम न्यायालय की राजभाषा का प्रावधान अनुच्छेद 145 में नहीं है, बल्कि यह अनुच्छेद 348(1) के तहत आता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 343 संघ की राजभाषा को देवनागरी लिपि में हिंदी बताता है। अनुच्छेद 345 राज्यों में राजभाषा के रूप में हिंदी या किसी राज्य की राजभाषा को अपनाने का उपबंध करता है। अनुच्छेद 348 (1) के अनुसार, उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय की सभी कार्यवाहियां अंग्रेजी भाषा में होंगी।
  • गलत विकल्प: अन्य सभी युग्म सही सुमेलित हैं। अनुच्छेद 145 न्यायालय के नियम बनाने की शक्ति से संबंधित है, न कि राजभाषा से।

प्रश्न 14: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति करते हैं।
  2. वह भारत सरकार की संचित निधि से वेतन प्राप्त करता है।
  3. वह अपना इस्तीफा केवल राष्ट्रपति को सौंप सकता है।
  4. उपरोक्त सभी कथन सत्य हैं।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति अनुच्छेद 148(1) के तहत करते हैं। CAG का वेतन भारत की संचित निधि पर भारित होता है (अनुच्छेद 148(3)), और वह अपना इस्तीफा केवल राष्ट्रपति को ही सौंप सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और सरकार के व्यय का लेखा-जोखा रखता है। उसे संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित संकल्प द्वारा ही हटाया जा सकता है, जैसे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है (अनुच्छेद 148(1))।
  • गलत विकल्प: सभी कथन CAG से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार सत्य हैं।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?

  1. भाग V
  2. भाग VI
  3. भाग VII
  4. भाग IX

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX विशेष रूप से पंचायती राज संस्थाओं (Municipalities) से संबंधित है। इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग IX में ग्राम सभा, पंचायतों की संरचना, सीटों का आरक्षण, पंचायतों की अवधि, शक्ति और जिम्मेदारियों आदि से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: भाग V संघ की सरकार से, भाग VI राज्यों की सरकार से, और भाग VII (जो अब निरस्त कर दिया गया है) पहली अनुसूची के भाग B के राज्यों से संबंधित था।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान में ‘मूल कर्तव्यों’ (Fundamental Duties) को किस वर्ष जोड़ा गया?

  1. 1971
  2. 1976
  3. 1978
  4. 1986

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान में मूल कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51A के तहत जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल कर्तव्यों की सिफारिश सरदार स्वर्ण सिंह समिति ने की थी। ये कर्तव्य नागरिकों के लिए राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियों को परिभाषित करते हैं।
  • गलत विकल्प: 1971 में 24वां संशोधन हुआ। 1978 में 44वां संशोधन हुआ, जिसने संपत्ति के अधिकार को मूल अधिकार से हटाया। 1986 में शिक्षा के अधिकार (तत्कालीन अनुच्छेद 45 का भाग) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रगति हुई, लेकिन मूल कर्तव्य 1976 में जोड़े गए।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लगाया जा सकता है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 275

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 356 के तहत किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है, यदि राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट करता है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र (Constitutional machinery) विफल हो गया है, या राष्ट्रपति को स्वयं यह विश्वास हो जाए।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल, अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 275 केंद्र द्वारा राज्यों को अनुदान देने का प्रावधान करता है। राष्ट्रपति शासन का प्रावधान भारत के संविधान की संघीय प्रकृति के लिए विवादास्पद रहा है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल, अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल, और अनुच्छेद 275 वित्तीय अनुदान से संबंधित हैं, राष्ट्रपति शासन से नहीं।

प्रश्न 18: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) का उल्लेख किस रूप में किया गया है?

  1. केवल राजनीतिक
  2. केवल सामाजिक और आर्थिक
  3. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
  4. केवल सामाजिक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करती है। यह स्वतंत्रता की भावना से लिया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना सुनिश्चित करती है कि हर नागरिक को समाज में उसकी स्थिति के आधार पर (सामाजिक न्याय), उसकी आर्थिक स्थिति के आधार पर (आर्थिक न्याय), और शासन में भाग लेने के अधिकार के आधार पर (राजनीतिक न्याय) समान अवसर मिले।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना न्याय के तीनों आयामों – सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक – को शामिल करती है।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संसद का एक अंग है, लेकिन वह उसमें बैठता नहीं है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. वित्त मंत्री
  3. राष्ट्रपति
  4. उपराष्ट्रपति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संसद का एक अंग राष्ट्रपति है, लेकिन वह संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) का सदस्य नहीं होता है और न ही बैठता है। अनुच्छेद 79 के अनुसार, संसद में राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति का कार्य संसद के सदनों को बुलाना, सत्रावसान करना, और विधियों को अपनी सहमति देना है। वह संसद के किसी भी कार्य से अछूता रहता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और उपराष्ट्रपति (जो राज्यसभा का पदेन सभापति होता है) संसद के सदस्य या अंग होते हैं और बैठकों में भाग लेते हैं।

प्रश्न 20: भारत में, एक व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बार दंडित नहीं किया जा सकता। यह अधिकार संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?

  1. अनुच्छेद 19
  2. अनुच्छेद 20
  3. अनुच्छेद 21
  4. अनुच्छेद 22

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: यह अधिकार, जिसे ‘दोहरे दंड से संरक्षण’ (Protection against Double Jeopardy) कहते हैं, संविधान के अनुच्छेद 20(2) में वर्णित है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 20(2) कहता है कि किसी भी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बार अभियोजित और दंडित नहीं किया जाएगा।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है। अनुच्छेद 22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण देता है।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) के उन्मूलन से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 18

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) के उन्मूलन का प्रावधान करता है और इसके किसी भी रूप में आचरण को निषिद्ध करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 17 में कहा गया है कि अस्पृश्यता का अंत कर दिया गया है और किसी भी रूप में इसका अभ्यास विधि द्वारा दंडनीय होगा। संसद ने इस उद्देश्य के लिए ‘अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955’ (अब नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955) पारित किया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता, अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध, और अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत से संबंधित हैं।

प्रश्न 22: भारतीय संविधान में ‘संघ-राज्य संबंध’ (Centre-State Relations) का उल्लेख किस भाग में किया गया है?

  1. भाग X
  2. भाग XI
  3. भाग XII
  4. भाग XIII

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग XI में संघ और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंधों का उल्लेख किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग XI के अध्याय I (अनुच्छेद 245-255) में विधायी संबंध, अध्याय II (अनुच्छेद 256-263) में प्रशासनिक संबंध, और भाग XII के अध्याय II (अनुच्छेद 268-281) में वित्तीय संबंध वर्णित हैं। इसलिए, संघ-राज्य संबंध मुख्य रूप से भाग XI में आते हैं।
  • गलत विकल्प: भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से, भाग XII वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद से, और भाग XIII भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से संबंधित हैं।

प्रश्न 23: किस संविधान संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?

  1. 70वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 71वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और संविधान में भाग IX को जोड़ा।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को एक मजबूत और संस्थागत आधार दिया, जिसमें पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए शक्तियां, प्राधिकार और जिम्मेदारियां प्रदान की गईं।
  • गलत विकल्प: 70वां संशोधन दिल्ली और पुडुचेरी के केंद्र शासित प्रदेशों के निर्वाचक मंडल में प्रतिनिधित्व से संबंधित था। 71वां संशोधन आठवीं अनुसूची में कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषाओं को शामिल करने से संबंधित था। 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने से संबंधित था।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?

  1. निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)
  2. संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
  3. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission)
  4. वित्त आयोग (Finance Commission)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है, बल्कि एक ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) है। इसका गठन संसद द्वारा पारित ‘मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ के तहत किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में किया गया है और जिनके लिए विशेष अनुच्छेदों के तहत प्रावधान हैं। निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) संवैधानिक निकाय हैं।
  • गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और वित्त आयोग तीनों भारतीय संविधान में उल्लेखित संवैधानिक निकाय हैं।

प्रश्न 25: भारतीय संविधान के अनुसार, आपातकाल की उद्घोषणा के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

  1. राष्ट्रपति उद्घोषणा तब तक नहीं करेंगे जब तक कि संघ के मंत्रिमंडल का लिखित संचार प्राप्त न हो जाए।
  2. संसद के दोनों सदनों द्वारा उद्घोषणा का अनुमोदन एक माह के भीतर किया जाना चाहिए।
  3. आपातकाल की उद्घोषणा को एक बार अनुमोदन मिलने के बाद वह अधिकतम छह माह तक लागू रह सकती है।
  4. आपातकाल को छह माह की अवधि तक बढ़ाने के लिए प्रत्येक उत्तरोत्तर अनुमोदन के लिए संसद के प्रत्येक सदन द्वारा एक मास के भीतर अनुमोदित होना आवश्यक है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा को एक बार अनुमोदन मिलने के बाद वह अधिकतम छह माह तक लागू नहीं रह सकती। इसके विपरीत, उद्घोषणा को छह माह की अवधि तक बनाए रखने के लिए, इसे उद्घोषणा जारी होने की तारीख से एक माह के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होना आवश्यक है। फिर, इसे अधिकतम छह महीने के लिए ही बढ़ाया जा सकता है, और इसे बढ़ाने के लिए प्रत्येक उत्तरोत्तर अवधि (छह माह) के लिए फिर से संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होती है। विकल्प (d) में ‘एक मास’ का उल्लेख गलत है, यह ‘छह माह’ होना चाहिए।
  • संदर्भ और विस्तार: 44वें संशोधन, 1978 ने उद्घोषणा के अनुमोदन के लिए आवश्यक समय सीमा को दो माह से घटाकर एक माह कर दिया और उद्घोषणा की निरंतरता के लिए प्रत्येक छह माह पर अनुमोदन की आवश्यकता को अनिवार्य किया।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) सही है (44वें संशोधन के बाद)। विकल्प (b) भी सही है (44वें संशोधन के बाद)। विकल्प (c) सही है, क्योंकि एक बार अनुमोदित होने के बाद यह छह माह तक वैध रहती है, जिसके बाद इसे फिर से अनुमोदन की आवश्यकता होती है। विकल्प (d) में ‘एक मास’ की अवधि को बढ़ाने के लिए गलत बताया गया है; इसे बढ़ाने के लिए ‘छह माह’ की अवधि के लिए अनुमोदन चाहिए।

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