संविधान को भेदें: आज की प्रश्नोत्तरी
नमस्कार, संविधान के जिज्ञासुओं! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को मज़बूत करने का समय आ गया है। आज की यह प्रश्नोत्तरी आपके वैचारिक ज्ञान की गहराई और सटीकता को परखने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है। आइए, अपनी तैयारी को धार दें और देखें कि आप राजव्यवस्था के कितने महत्वपूर्ण पहलुओं से वाकिफ हैं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ तथा ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। इसने प्रस्तावना में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए, जो भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करते हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत की सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था को एक अधिक कल्याणकारी और समावेशी दिशा देना था। ‘समाजवादी’ शब्द का अर्थ मिश्रित अर्थव्यवस्था और धन के समान वितरण से है, जबकि ‘धर्मनिरपेक्ष’ का अर्थ राज्य का कोई विशेष धर्म नहीं होगा और सभी धर्मों के प्रति समान आदर होगा।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन अधिनियम (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन अधिनियम (1985) दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है। 73वां संशोधन अधिनियम (1992) पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल का सदस्य नहीं है?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्य विधान परिषदों के सदस्य
- संघ राज्य क्षेत्रों (दिल्ली और पुडुचेरी) के निर्वाचित सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन अनुच्छेद 54 के अनुसार एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के केवल निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। राज्य विधान परिषदों के सदस्यों को राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल में शामिल नहीं किया गया है।
- संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 54A (जो अब हटा दिया गया है) और 54 ने इस निर्वाचन मंडल की संरचना को परिभाषित किया। 70वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने संघ राज्य क्षेत्रों दिल्ली और पुडुचेरी के निर्वाचित सदस्यों को भी इस मंडल में शामिल किया।
- गलत विकल्प: लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य (विकल्प a और b) राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल का हिस्सा हैं। दिल्ली और पुडुचेरी के निर्वाचित सदस्य (विकल्प d) भी 70वें संशोधन के बाद शामिल किए गए हैं।
प्रश्न 3: भारत के संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों का निर्माण या मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 1
- अनुच्छेद 4
- अनुच्छेद 11
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह विधि द्वारा, (क) किसी राज्य में से उसका क्षेत्र अलग करके, या दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर, अथवा किसी राज्य क्षेत्र को किसी राज्य के साथ मिलाकर, नए राज्य का निर्माण कर सकेगी; (ख) किसी राज्य की भूमि में वृद्धि कर सकेगी; (ग) किसी राज्य की सीमाओं में परिवर्तन कर सकेगी; (घ) किसी राज्य का नाम परिवर्तित कर सकेगी।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस प्रक्रिया के लिए राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी आवश्यक होती है, और संबंधित राज्य विधानमंडल से उस मामले पर विचार व्यक्त करने के लिए कहा जाता है, लेकिन राष्ट्रपति या संसद उस राय से बंधे नहीं होते।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत के संघ के नाम और राज्य क्षेत्र का वर्णन करता है। अनुच्छेद 4 स्पष्ट करता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून, जो नागरिकता, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि के संशोधन से संबंधित हैं, अनुच्छेद 368 के तहत संशोधन नहीं माने जाएंगे। अनुच्छेद 11 संसद को नागरिकता के संबंध में कानून बनाने की शक्ति देता है।
प्रश्न 4: ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ भारतीय संविधान की किस विशेषता से संबंधित है?
- लोकतंत्र
- समाजवाद
- संप्रभुता
- धर्मनिरपेक्षता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Universal Adult Franchise) भारतीय संविधान की एक मूलभूत विशेषता है जो ‘लोकतंत्र’ (Democracy) के सिद्धांत को मूर्त रूप देती है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 326 सभी नागरिकों को, जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, जाति, धर्म, लिंग या नस्ल के आधार पर बिना किसी भेदभाव के मतदान का अधिकार देता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह सिद्धांत ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ की अवधारणा पर आधारित है और सत्ता के विकेंद्रीकरण तथा जनता की सहभागिता सुनिश्चित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारें जनता की इच्छा के अनुसार चलें।
- गलत विकल्प: ‘समाजवाद’ (Socialism) का संबंध आर्थिक समानता और सामाजिक न्याय से है। ‘संप्रभुता’ (Sovereignty) का अर्थ है कि भारत आंतरिक और बाहरी रूप से स्वतंत्र है। ‘धर्मनिरपेक्षता’ (Secularism) का अर्थ है कि राज्य का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत ‘राज्य’ की परिभाषा में भारत की संसद, प्रत्येक राज्य की विधानमंडल और सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ (State) की परिभाषा देता है। यह परिभाषा मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। इसके अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधान-मंडल, तथा भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर या भारत की सरकार के नियंत्रण के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह परिभाषा सुनिश्चित करती है कि सरकार के सभी अंग और वे सभी निकाय जो सार्वजनिक प्राधिकार का प्रयोग करते हैं, मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए उत्तरदायी हों। सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में इस परिभाषा का विस्तार किया है, जिसमें ऐसे निगम, सरकारी कंपनियां, और अन्य संस्थाएं भी शामिल हैं जो राज्य के कार्यों का निर्वहन करती हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधियों की शून्यत’ से संबंधित है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण (अनुच्छेद 20)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में कुछ मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं, जबकि कुछ नागरिकों और विदेशियों दोनों को। अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों के लिए है।
- संदर्भ एवं विस्तार: अन्य विकल्प, जैसे अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण), और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण), नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्राप्त हैं। ऐसे अन्य अधिकार अनुच्छेद 16 (लोक नियोजन में अवसर की समानता), 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि), 29 (अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण) और 30 (शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन अल्पसंख्यकों का अधिकार) हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 20, और 21 जैसे अधिकार विदेशियों पर भी लागू होते हैं। इसलिए, विकल्प a, b, और d सही उत्तर नहीं हैं।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है?
- भाग IV (अनुच्छेद 36-51)
- भाग III (अनुच्छेद 12-35)
- भाग V (अनुच्छेद 52-151)
- भाग IV-A (अनुच्छेद 51A)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का प्रावधान संविधान के भाग IV में, अनुच्छेद 36 से 51 तक किया गया है। ये तत्व सरकार को शासन के मूलभूत सिद्धांतों के रूप में निर्देशित करते हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: DPSP न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन राष्ट्र के शासन में मूलभूत हैं और राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह कानून बनाते समय इन सिद्धांतों को लागू करे (अनुच्छेद 37)। इनमें सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने और आय, स्थिति, सुविधाओं तथा अवसरों की असमानता को कम करने के निर्देश शामिल हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सी बात भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति, पद और कार्यों से संबंधित है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 165
- अनुच्छेद 148
- अनुच्छेद 267
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति, पद और कार्यों से संबंधित है। राष्ट्रपति, जो भारत का प्रथम विधि अधिकारी होता है, महान्यायवादी को नियुक्त करता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: महान्यायवादी वह व्यक्ति होता है जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के योग्य हो। वह सरकार के कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य करता है और भारत सरकार का प्रतिनिधित्व उच्चतम न्यायालय और अन्य सभी न्यायालयों में करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General) की नियुक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के पद से संबंधित है। अनुच्छेद 267 आकस्मिकता निधि (Contingency Fund) से संबंधित है।
प्रश्न 9: ‘अविश्वास प्रस्ताव’ (No-confidence Motion) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- यह केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है।
- इसे राज्यसभा में पेश किया जा सकता है।
- यह राष्ट्रपति के खिलाफ पेश किया जा सकता है।
- यह किसी भी मंत्री के खिलाफ पेश किया जा सकता है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है, क्योंकि सरकार (मंत्रिपरिषद) लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है, जैसा कि अनुच्छेद 75(3) में उल्लेखित है।
- संदर्भ एवं विस्तार: अविश्वास प्रस्ताव केवल पूरे मंत्रिपरिषद के खिलाफ पेश किया जा सकता है, किसी एक मंत्री के खिलाफ नहीं। प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष की सहमति आवश्यक है और इसे पेश करने से पहले कम से कम 50 सदस्यों द्वारा समर्थित होना चाहिए। यदि यह पारित हो जाता है, तो प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना होता है।
- गलत विकल्प: यह राज्यसभा में (विकल्प b) पेश नहीं किया जा सकता। यह राष्ट्रपति (विकल्प c) या किसी भी मंत्री (विकल्प d) के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं किया जा सकता, बल्कि केवल संपूर्ण मंत्रिपरिषद के खिलाफ लोकसभा में।
प्रश्न 10: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?
- वह भारत का प्रथम नागरिक होता है।
- उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- वह संसद के दोनों सदनों के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है।
- उसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है। उसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है। CAG अपनी रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के समक्ष प्रस्तुत करता है, जैसा कि अनुच्छेद 151 में उल्लेखित है।
- संदर्भ एवं विस्तार: CAG भारत के लोक वित्त का संरक्षक होता है और सरकार के खर्चों की लेखा-परीक्षा करता है।
- गलत विकल्प: भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति होता है, CAG नहीं। अतः कथन (a) असत्य है।
प्रश्न 11: भारतीय संसद में शून्यकाल (Zero Hour) का क्या अर्थ है?
- प्रश्नकाल के तुरंत बाद का समय, जब सदस्य बिना पूर्व सूचना के प्रश्न उठा सकते हैं।
- विधेयक पर विचार-विमर्श का समय।
- वित्तीय मामलों पर चर्चा का समय।
- सरकार की नीतियों पर बहस का समय।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: शून्यकाल (Zero Hour) संसदीय प्रक्रिया का एक अनौपचारिक समय है, जो प्रश्नकाल (Question Hour) के ठीक बाद शुरू होता है और दिन के नियमित एजेंडे (जैसे विधायी कार्य) के शुरू होने से पहले समाप्त होता है। इस दौरान, सदस्य बिना पूर्व सूचना के अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के मामले उठा सकते हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: शून्यकाल का उल्लेख संविधान में नहीं है, बल्कि यह एक संसदीय नवाचार (parliamentary innovation) है जो भारत में शुरू हुआ। यह सुबह 11:00 बजे से शुरू होता है और दोपहर 12:00 बजे तक चलता है, इसलिए इसे ‘शून्यकाल’ कहा जाता है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प विधायी कार्य, वित्तीय मामलों या नीतियों पर बहस से संबंधित हैं, जो शून्यकाल के अर्थ से भिन्न हैं।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान के कौन से अनुच्छेद राज्यों के बीच विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शक्तियों के बंटवारे से संबंधित हैं?
- अनुच्छेद 245-255
- अनुच्छेद 262-267
- अनुच्छेद 270-275
- अनुच्छेद 280-285
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अध्याय I, भाग XI (अनुच्छेद 245-255) संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है। यह बताता है कि संसद और राज्य विधानमंडल किन क्षेत्रों पर कानून बना सकते हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 246 विधायी विषयों के वितरण को स्पष्ट करता है, जबकि अनुच्छेद 249, 250, 251, 252, 253 और 254 राज्यों के विधायी क्षेत्र में कुछ विशेष परिस्थितियों में संसद को कानून बनाने की शक्ति देते हैं। अनुच्छेद 256-261 कार्यकारी शक्तियों के संबंध और अनुपालन पर केंद्रित हैं, और अनुच्छेद 261-262 न्यायिक मामलों और अंतर-राज्य नदियों पर केंद्रित हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 262-267 अंतर-राज्य जल विवाद और समन्वय से संबंधित हैं। अनुच्छेद 270-275 कराधान से संबंधित हैं। अनुच्छेद 280-285 वित्त आयोग और वित्तीय संबंधों से संबंधित हैं।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure) का सिद्धांत प्रतिपादित किया?
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
- ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य (1950)
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure) का ऐतिहासिक सिद्धांत केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में सर्वोच्च न्यायालय की एक बृहत्तम पीठ द्वारा प्रतिपादित किया गया था। इस निर्णय ने यह स्थापित किया कि संसद को संविधान के किसी भी भाग को संशोधित करने की शक्ति है, लेकिन यह शक्ति ‘मूल संरचना’ को नष्ट या विकृत नहीं कर सकती।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस सिद्धांत के तहत, सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों, संसदीय प्रणाली, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, शक्तियों का पृथक्करण, न्यायिक स्वतंत्रता आदि को मूल संरचना का हिस्सा माना है।
- गलत विकल्प: गोलकनाथ मामले (1967) ने पहले यह कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती, जिसे केशवानंद मामले ने संशोधित किया। ए.के. गोपालन मामला व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निवारक निरोध से संबंधित था। मेनका गांधी मामले ने अनुच्छेद 21 के दायरे को विस्तृत किया।
प्रश्न 14: भारतीय संविधान में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) का उल्लेख किस अनुच्छेद में किया गया है?
- अनुच्छेद 105
- अनुच्छेद 19(1)(a)
- अनुच्छेद 118
- अनुच्छेद 121
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 105 संसद और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों तथा उन्मुक्तियों से संबंधित है। यह संसद को उन विशेषाधिकारों को परिभाषित करने का अधिकार देता है जो वह उचित समझे।
- संदर्भ एवं विस्तार: इन विशेषाधिकारों में सदन के बाहर किसी भी विधायी कार्यवाही पर चर्चा करने की स्वतंत्रता, कार्यवाही के प्रकाशन की स्वतंत्रता (एक निश्चित सीमा तक), और सदन के अंदर की अव्यवस्था के लिए सदस्यों को दंडित करने की शक्ति आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19(1)(a) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है। अनुच्छेद 118 सदन के कार्य संचालन के लिए प्रक्रिया के नियम बनाने से संबंधित है। अनुच्छेद 121 न्यायालयों के कार्यों पर चर्चा पर कुछ प्रतिबंध लगाता है।
प्रश्न 15: ‘कठोर संविधान’ (Rigid Constitution) की विशेषता निम्नलिखित में से किस देश के संविधान से ली गई है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की ‘कठोरता’ (Rigidity), विशेष रूप से संशोधन की प्रक्रिया के संदर्भ में, संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रभावित है। कठोर संविधान वह होता है जिसमें संशोधन एक विशेष और कठिन प्रक्रिया द्वारा ही किया जा सकता है, जैसे कि दो-तिहाई बहुमत या जनमत संग्रह।
- संदर्भ एवं विस्तार: यद्यपि भारतीय संविधान में संशोधन के लिए तीन विधियाँ (सरल बहुमत, विशेष बहुमत, और विशेष बहुमत + आधे राज्यों का अनुसमर्थन – अनुच्छेद 368) हैं, लेकिन विशेष बहुमत वाली प्रक्रिया अमेरिका की तुलना में सरल है, फिर भी यह ‘लचीले’ संविधान (जैसे ब्रिटेन का) से निश्चित रूप से अधिक कठोर है।
- गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम का संविधान बहुत लचीला है क्योंकि इसमें संसद द्वारा सामान्य कानून द्वारा संशोधन किया जा सकता है। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के संविधानों में भी कठोरता के तत्व हैं, लेकिन अमेरिकी मॉडल भारतीय संविधान के ‘कठोर’ पहलू का अधिक प्रत्यक्ष प्रभाव दिखाता है।
प्रश्न 16: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?
- यह एक संवैधानिक निकाय है।
- इसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।
- इसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं।
- यह पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम स्वीकृति प्रदान करती है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का गठन 1952 में कार्यकारी आदेश (Executive Order) द्वारा किया गया था, न कि संविधान के किसी अनुच्छेद द्वारा। इसलिए, यह एक **संवैधानिक निकाय नहीं** है, बल्कि एक **गैर-संवैधानिक (या अतिरिक्त-संवैधानिक) निकाय** है।
- संदर्भ एवं विस्तार: इसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है, और इसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक शामिल होते हैं। NDC का मुख्य कार्य पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम स्वीकृति देना और राष्ट्रीय विकास से संबंधित नीतियों पर निर्णय लेना है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) असत्य है क्योंकि NDC संवैधानिक नहीं है। अन्य सभी कथन (b, c, d) NDC के संबंध में सत्य हैं।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान के किस संशोधन अधिनियम ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
- 69वां संशोधन अधिनियम, 1991
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। इसने संविधान में ग्यारहवीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें पंचायतों के 29 कार्यात्मक विषय सूचीबद्ध हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में स्थापित करना था, ताकि वे स्थानीय स्तर पर सुशासन और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 65वां और 69वां संशोधन अन्य विषयों से संबंधित थे।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा भारत में ‘आकस्मिकता निधि’ (Contingency Fund of India) का संरक्षक होता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के वित्त मंत्री
- भारत का संसद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत की आकस्मिकता निधि (Contingency Fund of India) भारत के राष्ट्रपति के नियंत्रण में होती है, जैसा कि अनुच्छेद 267(1) में प्रावधान है। यह निधि राष्ट्रपति को अप्रत्याशित व्यय को पूरा करने के लिए अधिकार देती है।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस निधि में एक निश्चित राशि जमा रहती है, और इसके संचालन के लिए संसद द्वारा कोई भी व्यय पूर्व-अनुमोदित नहीं होता। राष्ट्रपति की ओर से, प्रशासनिक कार्य वित्त मंत्रालय (वित्त मंत्री के माध्यम से) द्वारा संचालित किया जाता है, लेकिन अंतिम नियंत्रण राष्ट्रपति का होता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री नीतिगत निर्णय लेते हैं, लेकिन निधि का संरक्षक राष्ट्रपति होता है। संसद संचित निधि (Consolidated Fund) से धन निकालने के लिए कानून बनाती है, न कि आकस्मिकता निधि से।
प्रश्न 19: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission – NHRC) के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए गठित समिति में निम्नलिखित में से कौन शामिल होता है?
- प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, राज्यसभा में विपक्ष के नेता, लोकसभा में विपक्ष के नेता
- प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के एक वरिष्ठतम न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता
- प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति, राज्यसभा में विपक्ष के नेता
- प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृह मंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अधिनियम, 1993 की धारा 4 के अनुसार, NHRC के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिश पर की जाती है। इस समिति में शामिल होते हैं: प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, लोकसभा में विपक्ष के नेता, और राज्यसभा में विपक्ष के नेता।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह समिति अध्यक्ष के रूप में भारत के मुख्य न्यायाधीश के बजाय पूर्व मुख्य न्यायाधीश या अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश की भी सिफारिश कर सकती है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्पों में समिति के सदस्यों की गलत संरचना दी गई है, विशेष रूप से मुख्य न्यायाधीश की भूमिका (जब तक कि वह पूर्व मुख्य न्यायाधीश न हो) और राज्यसभा अध्यक्ष या सभापति को शामिल करने का सुझाव।
प्रश्न 20: ‘धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार’ (Right to Freedom of Religion) भारतीय संविधान के किन अनुच्छेदों में निहित है?
- अनुच्छेद 25-28
- अनुच्छेद 20-23
- अनुच्छेद 29-30
- अनुच्छेद 32-35
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 तक ‘धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार’ प्रदान किया गया है। अनुच्छेद 25 सभी व्यक्तियों को धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है (सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन)।
- संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 26 धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता, अनुच्छेद 27 किसी विशिष्ट धर्म को बढ़ावा देने के लिए करों से मुक्ति, और अनुच्छेद 28 कुछ शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या पूजा में उपस्थित होने से स्वतंत्रता प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 20-23 अपराधों के लिए दोषसिद्धि, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता, दासता के विरुद्ध अधिकार से संबंधित हैं। अनुच्छेद 29-30 सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों से संबंधित हैं। अनुच्छेद 32-35 संवैधानिक उपचारों के अधिकार से संबंधित हैं।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा राज्य आपातकाल (State Emergency) की घोषणा का आधार नहीं हो सकता?
- राज्य का संवैधानिक तंत्र विफल होना (अनुच्छेद 356)
- बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह (अनुच्छेद 352)
- राज्यों में वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)
- राज्यों के प्रशासन के संबंध में निर्देशों का पालन करने में विफलता
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राज्य आपातकाल, जिसे ‘राष्ट्रपति शासन’ (President’s Rule) भी कहा जाता है, की घोषणा अनुच्छेद 356 के तहत की जाती है, जब किसी राज्य का संवैधानिक तंत्र विफल हो जाता है। अनुच्छेद 365 भी एक आधार है, जो कहता है कि यदि कोई राज्य केंद्र द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, तो राष्ट्रपति यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल रहा है।
- संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है, जो बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण लगाया जाता है, और यह सीधे तौर पर राज्य आपातकाल का आधार नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान राज्यों की कार्यपालिका शक्ति को केंद्र के नियंत्रण में लाया जा सकता है। वित्तीय आपातकाल अनुच्छेद 360 के तहत आता है।
- गलत विकल्प: बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह (b) राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) का आधार है, न कि सीधे राज्य आपातकाल (अनुच्छेद 356) का। अन्य सभी विकल्प (a, c, d) राज्य आपातकाल के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आधार प्रदान कर सकते हैं।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ (Fundamental Duties) का प्रावधान किस समिति की सिफारिश पर किया गया था?
- सरदार स्वर्ण सिंह समिति
- एम.एन. वेंकटचलैया समिति
- एल.एम. सिंघवी समिति
- वेंकटचलैया आयोग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों का समावेश 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा किया गया था, जो सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित था। मौलिक कर्तव्यों को संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51A के तहत जोड़ा गया।
- संदर्भ एवं विस्तार: समिति ने मूल रूप से 8 मौलिक कर्तव्यों की सिफारिश की थी, लेकिन 42वें संशोधन में 10 कर्तव्य जोड़े गए। बाद में, 86वें संशोधन, 2002 द्वारा 11वां मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया।
- गलत विकल्प: एम.एन. वेंकटचलैया समिति और वेंकटचलैया आयोग ने संविधान की समीक्षा की थी। एल.एम. सिंघवी समिति ने पंचायती राज सुधारों से संबंधित सिफारिशें की थीं।
प्रश्न 23: पंचायती राज संस्थाओं में ‘त्रि-स्तरीय प्रणाली’ (Three-Tier System) की सिफारिश किस समिति ने की थी?
- बलवंत राय मेहता समिति
- अशोक मेहता समिति
- जी.वी.के. राव समिति
- एल.एम. सिंघवी समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: पंचायती राज संस्थाओं में ‘त्रि-स्तरीय प्रणाली’ (ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति, और जिला स्तर पर जिला परिषद) की सिफारिश सबसे पहले बलवंत राय मेहता समिति (1957) ने की थी।
- संदर्भ एवं विस्तार: इसी समिति की सिफारिशों के आधार पर राजस्थान के नागौर जिले में 2 अक्टूबर 1959 को पहला पंचायती राज लागू किया गया था।
- गलत विकल्प: अशोक मेहता समिति (1977) ने द्वि-स्तरीय प्रणाली (जिला परिषद और मंडल पंचायत) की सिफारिश की थी। जी.वी.के. राव समिति (1985) ने पंचायती राज को अधिक शक्तियाँ देने और इसे जिला स्तर पर मजबूत करने की सिफारिश की थी। एल.एम. सिंघवी समिति (1986) ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा देने और ग्राम सभाओं के गठन की वकालत की थी।
प्रश्न 24: भारत में ‘विधायिका’ (Legislature) का क्या कार्य है?
- कानून बनाना
- कानूनों को लागू करना
- कानूनों की व्याख्या करना
- कानूनों की संवैधानिकता की जांच करना
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: सरकार के तीन प्रमुख अंगों में से, ‘विधायिका’ (Legislature) का प्राथमिक कार्य कानून बनाना है। भारत में, विधायिका संसद (केंद्र स्तर पर) और राज्य विधानमंडल (राज्य स्तर पर) हैं, जिनका वर्णन संविधान के भाग V और VI में किया गया है।
- संदर्भ एवं विस्तार: विधायिका, नागरिकों की जरूरतों और समाज की आवश्यकताओं के अनुसार, विधियों का निर्माण, संशोधन या निरसन करती है।
- गलत विकल्प: ‘कार्यपालिका’ (Executive) का कार्य कानूनों को लागू करना है। ‘न्यायपालिका’ (Judiciary) का कार्य कानूनों की व्याख्या करना और उनकी संवैधानिकता की जांच करना (न्यायिक समीक्षा) है।
प्रश्न 25: भारत के संविधान के अनुसार, संघ की कार्यपालिका शक्ति किसमें निहित होती है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- केंद्रीय मंत्रिमंडल
- भारत के महान्यायवादी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 53(1) के अनुसार, संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार, या तो प्रत्यक्ष रूप से या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करेगा।
- संदर्भ एवं विस्तार: यद्यपि कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है, लेकिन वास्तविक कार्यपालिका शक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास होती है, जो राष्ट्रपति को उसके कार्यों के निष्पादन में सहायता और सलाह देता है (अनुच्छेद 74)। राष्ट्रपति एक नाममात्र का कार्यकारी (nominal executive) है, जबकि प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यकारी (real executive) है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल वास्तविक कार्यकारी हैं, लेकिन संविधान के अनुसार संघ की कार्यपालिका शक्ति औपचारिक रूप से राष्ट्रपति में निहित है। महान्यायवादी सरकार का कानूनी सलाहकार होता है, न कि कार्यपालिका शक्ति का धारक।