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संविधान को परखें: भारतीय राजव्यवस्था का दैनिक महा-क्विज़

संविधान को परखें: भारतीय राजव्यवस्था का दैनिक महा-क्विज़

नमस्कार, साथी परीक्षार्थियों! भारतीय लोकतंत्र के इस विस्तृत और जीवंत ढांचे की अपनी समझ को और गहरा करने के लिए तैयार हो जाइए। आज का क्विज़ आपको संविधान के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखने का एक अनूठा अवसर देगा। आइए, मिलकर अपने ज्ञान की सीमा को विस्तृत करें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा रिट, न्यायपालिका द्वारा किसी लोक प्राधिकारी को उसका सार्वजनिक कर्तव्य निभाने के लिए जारी किया जाता है?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. प्रतिषेध (Prohibition)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus), जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’, एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी निम्न न्यायालय, न्यायाधिकरण या लोक प्राधिकारी को उसका सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य निभाने के लिए जारी किया जाने वाला रिट है। यह अधिकार संवैधानिक उपचारों के अधिकार के तहत अनुच्छेद 32 (उच्चतम न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के अंतर्गत आता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस रिट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी लोक सेवक या संस्था अपने कर्तव्यों का पालन करने से न बचे। इसे किसी निजी व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध जारी नहीं किया जा सकता।
  • गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ किसी अवैध रूप से बंदी बनाए गए व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देता है। ‘उत्प्रेषण’ किसी लंबित मामले को उच्चतर न्यायालय में स्थानांतरित करने या किसी निर्णय को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है। ‘प्रतिषेध’ किसी निम्न न्यायालय को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्रवाई करने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में विधि बनाने के संबंध में अधिकार देता है?

  1. अनुच्छेद 240
  2. अनुच्छेद 239A
  3. अनुच्छेद 241
  4. अनुच्छेद 242

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की शक्ति प्रदान करता है। इसके अनुसार, राष्ट्रपति किसी भी ऐसे संघ राज्यक्षेत्र के लिए, जो अनुच्छेद 239 के अधीन संघ राज्यक्षेत्र के रूप में शासित है, या उसके किसी भाग के लिए, विधि द्वारा या उसके अभाव में, ऐसे विनियम बना सकता है जैसा वह आवश्यक या उचित समझे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को प्रत्यक्ष रूप से उन संघ राज्यक्षेत्रों के शासन में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दी गई है, जहाँ उनका प्रशासन सीधे केंद्रीय सरकार के अधीन है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 239A कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है। अनुच्छेद 241 संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालयों से संबंधित है। अनुच्छेद 242 में किसी राज्य के संबंध में आपात की उद्घोषणा से संबंधित है।

प्रश्न 3: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

  1. उसे भारत सरकार के विधि अधिकारी के रूप में जाना जाता है।
  2. वह किसी भी संसदीय समिति का सदस्य हो सकता है।
  3. वह भारत के किसी भी न्यायालय में कारबार कर सकता है।
  4. वह केवल वही पारिश्रमिक प्राप्त करेगा जो राष्ट्रपति अवधारित करे।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति अनुच्छेद 76 के तहत राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वह भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है और वह भारत के किसी भी उच्च न्यायालय में सुनवाई का अधिकार रखता है (अनुच्छेद 76(2))। उसे राष्ट्रपति द्वारा अवधारित पारिश्रमिक प्राप्त होता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: महान्यायवादी सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है और बोल सकता है, लेकिन उसे मतदान का अधिकार नहीं है। वह किसी भी संसदीय समिति का स्वतः सदस्य नहीं होता; उसकी नियुक्ति या सदस्यता के लिए अलग प्रक्रियाएं होती हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (c), और (d) भारत के महान्यायवादी की स्थिति और शक्तियों के संबंध में सत्य हैं। विकल्प (b) असत्य है क्योंकि वह स्वतः किसी संसदीय समिति का सदस्य नहीं होता।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी अनुसूची भारतीय संविधान की मूल संरचना का भाग नहीं है?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. नौवीं अनुसूची
  3. दसवीं अनुसूची
  4. बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: मूल संविधान में केवल 8 अनुसूचियां थीं। नौवीं अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन, 1951 द्वारा जोड़ी गई थी। केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान की मूल संरचना’ का सिद्धांत प्रतिपादित किया। न्यायालय ने माना कि संसद के पास संविधान में संशोधन की शक्ति है, लेकिन वह इसकी मूल संरचना को नहीं बदल सकती।
  • संदर्भ एवं विस्तार: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है (52वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई)। बारहवीं अनुसूची पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है (74वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई)। नौवीं अनुसूची में ऐसे कानून शामिल हैं जिन्हें न्यायिक समीक्षा से संरक्षण प्राप्त है। मूल संरचना के सिद्धांत के तहत, नौवीं अनुसूची में शामिल कानूनों की भी न्यायिक समीक्षा की जा सकती है, यदि वे मूल संरचना का उल्लंघन करते हों। इसलिए, नौवीं अनुसूची को मूल संरचना का भाग नहीं माना जाता क्योंकि इसे बाद में जोड़ा गया और इसमें जोड़े गए कानूनों की भी न्यायिक समीक्षा संभव है।
  • गलत विकल्प: सातवीं, दसवीं और बारहवीं अनुसूचियां संविधान के महत्वपूर्ण भाग हैं और उनके बिना शासन की व्यवस्था अधूरी होगी, जिससे वे अप्रत्यक्ष रूप से मूल संरचना से जुड़ी हैं। नौवीं अनुसूची को जोड़ने का उद्देश्य न्यायिक समीक्षा से बचाव था, लेकिन न्यायिक पुनरीक्षण की शक्ति मूल संरचना का हिस्सा है, जो नौवीं अनुसूची के कानूनों को भी प्रभावित करती है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा कथन प्रस्तावना के संबंध में असत्य है?

  1. यह संविधान का भाग है, लेकिन कोई कानूनी प्रभाव नहीं रखती।
  2. इसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संविधान का भाग माना गया है।
  3. यह संशोधन योग्य नहीं है।
  4. यह न्यायोचित नहीं है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं मामले संदर्भ: प्रस्तावना संविधान का भाग है (केशवानंद भारती मामला, 1973) और यह ‘बेरुबारी संघ मामला’ (1960) में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पहले नहीं माना जाता था। प्रस्तावना न्यायोचित नहीं है, जिसका अर्थ है कि इसके प्रावधानों को अदालत में लागू नहीं कराया जा सकता।
  • संदर्भ एवं विस्तार: प्रस्तावना को संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा माना गया है और इस प्रकार इसे संविधान के अन्य भागों की तरह संशोधित किया जा सकता है, बशर्ते कि मूल संरचना में कोई परिवर्तन न हो। प्रस्तावना को एकमात्र बार 42वें संविधान संशोधन, 1976 द्वारा संशोधित किया गया था, जिसमें ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को जोड़ा गया था।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (d) प्रस्तावना के संबंध में सत्य कथन हैं। विकल्प (c) असत्य है क्योंकि प्रस्तावना को 42वें संशोधन द्वारा संशोधित किया गया है।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में धन विधेयक (Money Bill) की परिभाषा दी गई है?

  1. अनुच्छेद 109
  2. अनुच्छेद 110
  3. अनुच्छेद 111
  4. अनुच्छेद 112

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 110 धन विधेयक की परिभाषा प्रदान करता है। इसमें उन विषयों को सूचीबद्ध किया गया है जिन्हें धन विधेयक माना जाएगा, जैसे कि किसी कर का रोपण, उन्मूलन, शमन, विनियमन या प्र. या किसी सरकारी उधारी का विनियमन।
  • संदर्भ एवं विस्तार: धन विधेयक के संबंध में विशेष प्रक्रिया का वर्णन अनुच्छेद 109 में किया गया है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की स्वीकृति से संबंधित है। अनुच्छेद 112 भारत के वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 109 धन विधेयक के संबंध में प्रक्रिया बताता है, परिभाषा नहीं। अनुच्छेद 111 और 112 अन्य वित्तीय प्रक्रियाओं से संबंधित हैं।

प्रश्न 7: भारत के संविधान का कौन सा अनुच्छेद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनावी अपराधों के लिए दंड का प्रावधान करता है?

  1. अनुच्छेद 324
  2. अनुच्छेद 325
  3. अनुच्छेद 326
  4. यह किसी अनुच्छेद में निर्दिष्ट नहीं है, बल्कि एक अलग अधिनियम में है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 से 329 तक चुनाव संबंधी प्रावधानों का उल्लेख है। अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग की स्थापना और शक्तियों से संबंधित है। अनुच्छेद 325 किसी धर्म, जाति, लिंग या नस्ल के आधार पर मतदाता सूची में शामिल न करने या विशेष मतदाता सूची बनाने का निषेध करता है। अनुच्छेद 326 वयस्क मताधिकार पर आधारित चुनाव की बात करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: चुनावी अपराधों के लिए दंड का प्रावधान भारतीय संविधान में सीधे तौर पर नहीं किया गया है, बल्कि इसके लिए संसद द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) बनाया गया है, जिसमें विभिन्न चुनावी अपराधों और उनके लिए दंड का उल्लेख किया गया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 324, 325 और 326 क्रमशः चुनाव आयोग, धर्म/जाति आदि के आधार पर अयोग्यता का निषेध, और वयस्क मताधिकार से संबंधित हैं, न कि चुनावी अपराधों के दंड से।

प्रश्न 8: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए निम्नलिखित में से कौन योग्य नहीं है?

  1. भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश
  2. भारत के सेवानिवृत्त उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश
  3. किसी उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश
  4. मानवाधिकार के क्षेत्र में कार्यरत कोई व्यक्ति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अधिनियम संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) अधिनियम, 1993 के अनुसार, NHRC का अध्यक्ष भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सेवानिवृत्त उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश होना चाहिए।
  • संदर्भ एवं विस्तार: आयोग के अन्य सदस्यों में उच्चतम न्यायालय का एक वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उच्च न्यायालय का एक वर्तमान या सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश, और मानवाधिकारों के क्षेत्र में ज्ञान या अनुभव वाला कोई व्यक्ति शामिल हो सकता है। हालाँकि, अध्यक्ष के पद के लिए स्पष्ट रूप से सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश का प्रावधान है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (d) NHRC अध्यक्ष या सदस्य के लिए योग्यताओं से संबंधित हैं। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को अध्यक्ष के बजाय सदस्य के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन अध्यक्ष के पद के लिए सीधे तौर पर योग्य नहीं है।

प्रश्न 9: भारतीय संसद की सबसे पुरानी समिति कौन सी है?

  1. लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee)
  2. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
  3. सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति (Committee on Public Undertakings)
  4. कार्यवाही संबंधी समिति (Committee on Rules)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं ऐतिहासिक संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) की स्थापना भारत सरकार अधिनियम, 1919 के तहत 1921 में हुई थी। यह भारतीय संसद की सबसे पुरानी स्थायी समिति है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: PAC का मुख्य कार्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट की जांच करना है, जो सरकार के व्यय की समीक्षा करता है। प्राक्कलन समिति की स्थापना 1950 में हुई थी। सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति की स्थापना 1964 में हुई थी। कार्यवाही संबंधी समिति (Rules Committee) प्रत्येक सदन में होती है और सदन के कामकाज को विनियमित करने के नियमों की जांच करती है।
  • गलत विकल्प: प्राक्कलन समिति, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति और कार्यवाही संबंधी समिति, लोक लेखा समिति की तुलना में बहुत बाद में स्थापित की गईं।

प्रश्न 10: संविधान के किस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संशोधन संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRI) से संबंधित प्रावधान हैं, और ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी गई, जिसमें PRI के 29 विषय शामिल हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को अधिक सशक्त और प्रभावी बनाना था, उन्हें स्व-शासन की एक नई व्यवस्था के रूप में स्थापित करना। 74वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं) को संवैधानिक दर्जा दिया और बारहवीं अनुसूची जोड़ी। 64वें और 65वें संशोधन क्रमशः पंचायती राज और नगर पालिकाओं से संबंधित थे, लेकिन वे पारित नहीं हुए थे।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन प्रयास थे, लेकिन सफल नहीं हुए।

प्रश्न 11: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 ने भारत को किन श्रेणियों के राज्यों में विभाजित किया?

  1. भाग A, भाग B, भाग C, भाग D
  2. भाग A, भाग B, भाग C
  3. भाग 1, भाग 2, भाग 3
  4. केवल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अधिनियम/ऐतिहासिक संदर्भ: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 ने भारत को पहले चार श्रेणियों (भाग A, भाग B, भाग C, भाग D) में विभाजित राज्य व्यवस्था को समाप्त कर दिया और इसके स्थान पर दो प्रकार की इकाइयों की व्यवस्था की: 14 राज्य (States) और 6 केंद्र शासित प्रदेश (Union Territories)।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह अधिनियम भारत में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। हालांकि, प्रश्न में पूछा गया है कि अधिनियम ने ‘किन श्रेणियों के राज्यों में विभाजित किया’, जो पिछले प्रशासनिक ढांचे को दर्शाता है। अधिनियम ने उस पिछले ढांचे को समाप्त किया। लेकिन, प्रश्न को समझने में यह महत्वपूर्ण है कि यह अधिनियम 1956 के बाद की स्थिति से पहले के प्रशासनिक ढांचे से संबंधित था, जिसे इसने प्रतिस्थापित किया। यदि प्रश्न यह होता कि “1956 के अधिनियम द्वारा क्या स्थापित किया गया”, तो उत्तर “14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश” होता। यहाँ प्रश्न पूर्व-अधिनियम विभाजन के बारे में पूछ रहा है, जिसे इसने बदला।
  • गलत विकल्प: भाग 1, 2, 3 का संबंध सीधे तौर पर इस प्रशासनिक विभाजन से नहीं है। अधिनियम के बाद की व्यवस्था केवल राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की थी, लेकिन प्रश्न पुराने विभाजन के बारे में पूछ रहा है।

प्रश्न 12: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) का क्या अर्थ है?

  1. लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखना।
  2. नागरिकों के बीच समानता सुनिश्चित करना।
  3. सभी को राजनीतिक स्वतंत्रता प्रदान करना।
  4. आर्थिक न्याय स्थापित करना।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं प्रस्तावना संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का अर्थ है नागरिकों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना, जिससे राष्ट्रीय एकता और अखंडता सुनिश्चित हो सके।
  • संदर्भ एवं विस्तार: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द यह सुनिश्चित करने के लिए जोड़ा गया है कि भारत के सभी नागरिक एक-दूसरे को भाई मानें और राष्ट्र की एकता को बनाए रखने में योगदान दें। यह शब्द विशेष रूप से यह सुनिश्चित करता है कि सामाजिक एकता बनी रहे।
  • गलत विकल्प: समानता (Equality) एक अलग आदर्श है। राजनीतिक स्वतंत्रता और आर्थिक न्याय भी प्रस्तावना के अन्य आदर्श हैं, लेकिन ‘बंधुत्व’ का सीधा अर्थ राष्ट्रीय एकता और भाईचारे से है।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान की संघ सूची (Union List) का विषय नहीं है?

  1. रक्षा
  2. रेलवे
  3. वन
  4. परमाणु ऊर्जा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची (Union List) में ऐसे विषय शामिल हैं जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है। रक्षा, रेलवे और परमाणु ऊर्जा स्पष्ट रूप से संघ सूची के विषय हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: वन (Forests) वर्तमान में समवर्ती सूची (Concurrent List) का विषय है, जिसका अर्थ है कि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों इस पर कानून बना सकती हैं। हालाँकि, 42वें संशोधन, 1976 से पहले, वन राज्य सूची का विषय था।
  • गलत विकल्प: रक्षा (प्रविष्टि 5), रेलवे (प्रविष्टि 22), और परमाणु ऊर्जा (प्रविष्टि 62) स्पष्ट रूप से संघ सूची के विषय हैं। वन (प्रविष्टि 17) अब समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए यह संघ सूची का विषय नहीं है।

प्रश्न 14: यदि किसी राज्य की विधान परिषद का सभापति अपने पद से त्यागपत्र देना चाहता है, तो वह अपना त्यागपत्र किसे देगा?

  1. राज्यपाल
  2. मुख्यमंत्री
  3. विधान परिषद का उप-सभापति
  4. विधान परिषद के अन्य सदस्य

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 183 के अनुसार, विधान परिषद का सभापति (Chairman) अपना त्यागपत्र उप-सभापति (Deputy Chairman) को संबोधित करके दे सकता है, और उप-सभापति अपना त्यागपत्र सभापति को संबोधित करके दे सकता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इसी प्रकार, अनुच्छेद 94 लोक सभा के अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) के त्यागपत्र के संबंध में है, जहाँ अध्यक्ष अपना त्यागपत्र उपाध्यक्ष को और उपाध्यक्ष अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र देता है।
  • गलत विकल्प: राज्यपाल या मुख्यमंत्री का विधान परिषद के सभापति के त्यागपत्र से कोई सीधा संबंध नहीं है। विधान परिषद के अन्य सदस्य भी इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होते।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद यह प्रावधान करता है कि किसी भी नागरिक को विधि के समक्ष समानता या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 17

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 ‘विधि के समक्ष समानता’ (Equality before the law) और ‘विधियों का समान संरक्षण’ (Equal protection of the laws) का प्रावधान करता है। यह भारत में सभी व्यक्तियों को प्राप्त है, चाहे वे नागरिक हों या विदेशी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ‘विधि के समक्ष समानता’ एक नकारात्मक अवधारणा है (ब्रिटिश मूल), जिसका अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति के साथ विशेषाधिकार प्राप्त या वंचित व्यवहार नहीं किया जाएगा। ‘विधियों का समान संरक्षण’ एक सकारात्मक अवधारणा है (अमेरिकी मूल), जिसका अर्थ है कि समान परिस्थितियों में सभी के साथ समान व्यवहार किया जाएगा।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की बात करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता (Untouchability) का उन्मूलन करता है।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय “भारत के संविधान का संरक्षक” (Guardian of the Constitution) कहलाता है?

  1. संसद
  2. कार्यपालिका
  3. न्यायपालिका
  4. निर्वाचन आयोग

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संवैधानिक सिद्धांत: भारतीय न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय, को संविधान का संरक्षक माना जाता है। यह न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) की शक्ति के माध्यम से सुनिश्चित करती है कि संसद और कार्यपालिका संविधान के प्रावधानों के अनुरूप कार्य करें।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यदि कोई कानून या सरकारी कार्य संविधान की मूल संरचना या मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो न्यायालय उसे असंवैधानिक घोषित कर सकता है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • गलत विकल्प: संसद कानून बनाती है, कार्यपालिका उन्हें लागू करती है। निर्वाचन आयोग चुनावों का संचालन करता है। ये संस्थाएं संविधान के अनुसार काम करती हैं, लेकिन संविधान का संरक्षण करने की अंतिम शक्ति न्यायपालिका के पास है।

प्रश्न 17: किस प्रधान मंत्री के कार्यकाल के दौरान भारत में पहली बार राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) लागू किया गया था?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. लाल बहादुर शास्त्री
  3. इंदिरा गांधी
  4. मोरारजी देसाई

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं ऐतिहासिक संदर्भ: भारत में पहली बार राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352 के तहत) 26 अक्टूबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के दौरान लागू किया गया था। उस समय भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी थीं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: दूसरा राष्ट्रीय आपातकाल 3 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लागू किया गया था। इसके बाद, 25 जून 1975 को आंतरिक अशांति के आधार पर तीसरा राष्ट्रीय आपातकाल भी इंदिरा गांधी के कार्यकाल में ही लागू किया गया था, जिसे 21 मार्च 1977 को समाप्त किया गया।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्रित्व काल में राष्ट्रीय आपातकाल लागू नहीं हुआ था।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा एक गैर-संवैधानिक निकाय है?

  1. निर्वाचन आयोग
  2. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  3. नीति आयोग (NITI Aayog)
  4. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संविधान/सरकारी आदेश संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक कार्यकारी प्रस्ताव (Executive Resolution) द्वारा 1 जनवरी 2015 को स्थापित किया गया था। इसका कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है, अर्थात् इसके बारे में संविधान में कोई उल्लेख नहीं है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिन्हें संविधान में विशेष अनुच्छेद प्राप्त हैं। नीति आयोग को योजना आयोग के स्थान पर लाया गया था।
  • गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग, UPSC और CAG सभी संवैधानिक निकाय हैं जिनके लिए संविधान में विशेष प्रावधान हैं।

प्रश्न 19: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) का उल्लेख है?

  1. अनुच्छेद 105
  2. अनुच्छेद 106
  3. अनुच्छेद 194
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 संसद सदस्यों और समितियों के विशेषाधिकारों से संबंधित है। अनुच्छेद 194 राज्य विधानमंडल के सदस्यों और समितियों के विशेषाधिकारों से संबंधित है। अनुच्छेद 106 सदस्यों के वेतन और भत्ते से संबंधित है, जिसे अप्रत्यक्ष रूप से विशेषाधिकारों से जोड़ा जा सकता है क्योंकि यह उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: संसदीय विशेषाधिकारों में ऐसे अधिकार, विशेषाधिकार और छूटें शामिल हैं जो संसद के प्रत्येक सदन, उसकी समितियों और उसके सदस्यों को उनके कार्य करने के लिए आवश्यक हैं। ये विशेषाधिकार दो प्रकार के होते हैं: (1) वे जो किसी सदस्य को व्यक्तिगत रूप से प्राप्त हैं, और (2) वे जो सदन को सामूहिक रूप से प्राप्त हैं।
  • गलत विकल्प: केवल अनुच्छेद 105 या 194 का उल्लेख करना अधूरा होगा, क्योंकि वेतन-भत्ते (अनुच्छेद 106) भी उनकी कार्य क्षमता और स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, उपरोक्त सभी का चयन अधिक सटीक है।

प्रश्न 20: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (Comptroller and Auditor General of India – CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोक सभा अध्यक्ष
  4. राज्य सभा के सभापति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 148 यह प्रावधान करता है कि भारत का एक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक होगा, जिसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है। वह संघ और राज्यों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति और संबंधित राज्यों के राज्यपालों को सौंपता है, जो उन्हें संसद और राज्य विधानमंडलों के समक्ष रखते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष और राज्य सभा सभापति की नियुक्ति में CAG की नियुक्ति से कोई सीधा संबंध नहीं है।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ (Directive Principles of State Policy) वर्णित हैं?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग V
  4. भाग VI

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं भाग संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) से संबंधित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ये सिद्धांत राज्य को शासन में मार्गदर्शन के लिए हैं और सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना का लक्ष्य रखते हैं। इन्हें न्यायालयों द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता (अनुच्छेद 37), लेकिन ये देश के शासन में मौलिक हैं।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से संबंधित है। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधानमंडलों से संबंधित है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है?

  1. बेरुबारी संघ मामला (1960)
  2. केशवानंद भारती मामला (1973)
  3. गोलकनाथ मामला (1967)
  4. शंकरी प्रसाद मामला (1951)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं मामले संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक ऐतिहासिक पीठ ने बहुमत से फैसला सुनाया कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न अंग है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इससे पहले, बेरुबारी संघ मामले (1960) में न्यायालय ने कहा था कि प्रस्तावना संविधान का अंग नहीं है, बल्कि यह महत्वपूर्ण है। गोलकनाथ मामले (1967) ने प्रस्तावना को संविधान का अंग माना था लेकिन संशोधन की शक्ति को सीमित किया। शंकरी प्रसाद मामले (1951) ने माना था कि मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन किया जा सकता है। केशवानंद भारती मामले ने ‘मूल संरचना’ का सिद्धांत दिया और प्रस्तावना को संविधान का अभिन्न अंग माना, जिसे संशोधित किया जा सकता है (लेकिन मूल संरचना को बाधित किए बिना)।
  • गलत विकल्प: बेरुबारी मामले में प्रस्तावना को अंग नहीं माना गया था। गोलकनाथ और केशवानंद भारती मामलों में इसे अंग माना गया, लेकिन केशवानंद भारती में ही ‘अभिन्न अंग’ का स्पष्ट निर्णय आया। शंकरी प्रसाद मामले में प्रस्तावना का कोई विशेष उल्लेख नहीं था, बल्कि संशोधन शक्ति पर निर्णय था।

प्रश्न 23: भारत के संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) के उन्मूलन और किसी भी रूप में इसके अभ्यास पर रोक लगाता है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 16
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 18

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के उन्मूलन और इसके किसी भी रूप में आचरण को प्रतिबंधित करता है। संसद को इस अनुच्छेद को प्रभावी बनाने के लिए कानून बनाने का अधिकार है, जिसके तहत अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 अधिनियमित किया गया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह मौलिक अधिकारों में से एक है और यह पूर्ण (absolute) है, जिसका अर्थ है कि इसे किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं किया जा सकता।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता की बात करता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत से संबंधित है।

प्रश्न 24: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ (Parliamentary System) किस देश के संविधान से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. यूनाइटेड किंगडम
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संविधान स्रोत: भारत ने अपनी संसदीय प्रणाली (Cabinet System) को यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के संविधान से अपनाया है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस प्रणाली में, कार्यपालिका (मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है। भारत में राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष (Head of State) हैं, जबकि प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया (Head of Government) होते हैं और वास्तविक कार्यकारी शक्तियां उन्हीं के पास होती हैं।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका ने राष्ट्रपति प्रणाली (Presidential System) को अपनाया है जहाँ कार्यपालिका का प्रमुख राष्ट्रपति होता है और वह विधायिका के प्रति सीधे तौर पर उत्तरदायी नहीं होता। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी संसदीय प्रणाली है, लेकिन भारत के मॉडल पर ब्रिटिश प्रणाली का अधिक सीधा प्रभाव है।

प्रश्न 25: किस संवैधानिक संशोधन के द्वारा ‘संपत्ति के अधिकार’ को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर एक साधारण कानूनी अधिकार बना दिया गया?

  1. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  2. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  3. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1988

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं संशोधन संदर्भ: 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार (Right to Property) को अनुच्छेद 31 से हटा दिया और इसे अनुच्छेद 300A में एक कानूनी अधिकार (Legal Right) के रूप में स्थापित किया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस संशोधन से पहले, संपत्ति का अधिकार अनुच्छेद 19(1)(f) के तहत एक मौलिक अधिकार था। 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को गैर-मौलिक बना दिया, जिससे सरकार के लिए भूमि अधिग्रहण जैसे कार्य करना आसान हो गया।
  • गलत विकल्प: 42वें संशोधन को ‘लघु संविधान’ कहा जाता है, जिसने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए लेकिन संपत्ति के अधिकार को हटाया नहीं। 73वें और 61वें संशोधन पंचायती राज और मतदान की आयु से संबंधित हैं।

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