संविधान के रण में उतरें: आपकी राजव्यवस्था पकड़ का दैनिक इम्तिहान!
नमस्कार, भावी लोक सेवकों! आज के इस ऊर्जावान सत्र में, हम भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभ – भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की गहराई में उतरने वाले हैं। अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखें और यह जानें कि आप इस महत्वपूर्ण विषय के लिए कितने तैयार हैं। आइए, इन 25 सवालों के माध्यम से अपने ज्ञान को और निखारें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की कौन सी विशेषता इसे अन्य संविधाओं से विशिष्ट बनाती है, विशेषकर शक्तियों के वितरण के संबंध में?
- संसदीय सर्वोच्चता
- एकल नागरिकता
- संघात्मक ढाँचा जिसमें एकात्मक झुकाव है
- न्यायिक पुनरावलोकन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान एक “पूर्ण संघ” (perfect federation) नहीं है, बल्कि एक “अर्द्ध-संघीय” (quasi-federal) या “सहकारी संघ” (cooperative federalism) की प्रकृति का है। इसमें संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का स्पष्ट वितरण (भाग XI) है, जो संघात्मक ढाँचे को दर्शाता है। हालाँकि, इसमें कई एकात्मक विशेषताएँ भी हैं, जैसे एक सशक्त केंद्र, एकल नागरिकता, एकल न्यायपालिका, अखिल भारतीय सेवाएँ, आपातकालीन प्रावधान आदि। यह इसे “संघवाद जिसमें एकात्मक झुकाव है” की श्रेणी में रखता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह ढाँचा के. सी. व्हीयर (K.C. Wheare) जैसे विद्वानों द्वारा सुझाए गए आदर्श संघवाद से भिन्न है, जो शक्तियों के अधिक समान वितरण पर जोर देता है। भारत के संदर्भ में, इसे संघ की मजबूत स्थिति बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो देश की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: (a) संसदीय सर्वोच्चता ब्रिटेन की विशेषता है, भारत में संविधान सर्वोच्च है। (b) एकल नागरिकता एकात्मक विशेषता है, न कि शक्तियों के वितरण का मुख्य बिंदु। (d) न्यायिक पुनरावलोकन संघात्मक और एकात्मक दोनों प्रणालियों में हो सकता है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी मामले पर सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेने की शक्ति प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 141
- अनुच्छेद 142
- अनुच्छेद 144
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सार्वजनिक महत्व के प्रश्न पर या किसी भी प्रश्न पर, जो उत्पन्न हुआ हो, उच्चतम न्यायालय की राय लेने का अधिकार देता है। यह सलाहकारी क्षेत्राधिकार (Advisory Jurisdiction) कहलाता है।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई सलाह राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं होती है। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति ऐसे सभी मामले, जो अनुच्छेद 131 के अधीन उच्चतम न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित हैं, को छोड़कर, ऐसे प्रश्नों पर सलाह नहीं ले सकते।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 141 घोषित करता है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा घोषित कानून सभी अदालतों पर बाध्यकारी होगा। अनुच्छेद 142 सुप्रीम कोर्ट को अपने आदेशों को प्रभावी करने के लिए पूर्ण न्याय करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 144 सभी नागरिक और न्यायिक प्राधिकरणों को सुप्रीम कोर्ट की सहायता में कार्य करने का आदेश देता है।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ के निम्नलिखित प्रकारों में से कौन सा शामिल है?
- सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
- आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक
- सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना (Preamble) भारतीय संविधान के उद्देश्यों का एक संक्षिप्त परिचय देती है। इसमें स्पष्ट रूप से ‘सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय’ (Social, Economic and Political Justice) का उल्लेख है।
- संदर्भ और विस्तार: यह न्याय तीनों प्रकार मौलिक अधिकारों (भाग III) और नीति निदेशक तत्वों (भाग IV) के माध्यम से सुनिश्चित किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) सामाजिक न्याय का आधार है, जबकि अनुच्छेद 39 (DPSP) आय, स्थिति और अवसरों की असमानता को कम करने की बात करता है, जो आर्थिक न्याय से संबंधित है। राजनीतिक न्याय अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19, 25) और मताधिकार के माध्यम से सुनिश्चित होता है।
- गलत विकल्प: प्रस्तावना में ‘धार्मिक’ या ‘सांस्कृतिक’ न्याय का प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं है, यद्यपि ये क्रमशः धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के माध्यम से निहित हैं।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा का अध्यक्ष
- राज्यसभा का सभापति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है और भारत की संचित निधि, लोक वितरण प्रणाली और अन्य प्राधिकरणों के सभी खर्चों का लेखा-परीक्षण करता है। वह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जो संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखी जाती है। CAG का पद भारतीय राजव्यवस्था में अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सार्वजनिक धन के सदुपयोग की निगरानी करता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, लेकिन CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति विधायी निकायों के प्रमुख हैं और उनकी नियुक्ति प्रक्रिया में सीधे तौर पर शामिल नहीं होते।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान में ‘राज्य’ की परिभाषा को निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद में शामिल किया गया है?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 में ‘राज्य’ (State) शब्द की परिभाषा दी गई है। यह उन संस्थाओं को परिभाषित करता है जिनके विरुद्ध मौलिक अधिकार लागू किए जा सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी शामिल हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने कई निर्णयों में इस परिभाषा का विस्तार किया है, जिसमें सरकारी कंपनियां, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और न्यायसंगत तरीके से काम करने वाले निजी निकाय भी शामिल हो सकते हैं, यदि वे राज्य के कार्य कर रहे हों।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘कानून’ की परिभाषा देता है और मौलिक अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाले कानूनों को शून्य घोषित करता है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार भारत के संविधान द्वारा प्रदान किए गए ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार’ (Right to Life and Personal Liberty) के दायरे में आता है?
- अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकारों की सुरक्षा
- कुछ मामलों में गिरफ्तारी और निरोध के विरुद्ध संरक्षण
- अपने जीवनसाथी को चुनने का अधिकार
- सभी प्रकार के बंधुआ मजदूरी का उन्मूलन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है, को सर्वोच्च न्यायालय ने बड़े व्यापक अर्थों में व्याख्यायित किया है। इसमें गरिमा के साथ जीने का अधिकार, निजता का अधिकार, और अपने जीवनसाथी को चुनने का अधिकार (जैसा कि करण सिंह बनाम भारतीय संघ मामले में माना गया) शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिकार का विस्तार स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, आश्रय का अधिकार आदि तक भी किया गया है।
- गलत विकल्प: (a) अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकारों की सुरक्षा अनुच्छेद 29 और 30 के तहत आती है। (b) कुछ मामलों में गिरफ्तारी और निरोध के विरुद्ध संरक्षण अनुच्छेद 22 के तहत आता है। (d) सभी प्रकार के बंधुआ मजदूरी का उन्मूलन अनुच्छेद 23 के तहत आता है।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान का कौन सा संशोधन पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243 O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) के बारे में प्रावधान हैं। इसने उन्हें संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने एक नई 11वीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं के 29 विषय शामिल हैं। यह स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में लोकतंत्र को गहरा करना था।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं) से संबंधित है। 65वां संशोधन अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी सलाहकार परिषदों से संबंधित था। 42वां संशोधन, जिसे ‘मिनी-संविधान’ कहा जाता है, ने प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्यों आदि में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए थे।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है?
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- बेरुबारी संघ मामला
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- शंकर प्रसाद देव बनाम भारत संघ
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी बेंच ने फैसला सुनाया कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न अंग है।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, इस निर्णय ने यह भी स्थापित किया कि प्रस्तावना न तो विधायी शक्तियों का स्रोत है और न ही विधायी शक्तियों पर कोई प्रतिबंध लगाती है। इसी मामले में ‘मूल ढाँचा सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) भी प्रतिपादित किया गया था, जिसके अनुसार संसद संविधान के मूल ढाँचे को संशोधित नहीं कर सकती। बेरुबारी संघ मामले (1960) में सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है, लेकिन बाद में गोलकनाथ (1967) और केशवानंद भारती (1973) मामलों ने इस विचार को पलट दिया। शंकर प्रसाद (1951) मामले में कहा गया था कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है।
- गलत विकल्प: बेरुबारी संघ मामले में प्रस्तावना को संविधान का हिस्सा नहीं माना गया था। गोलकनाथ मामले में कहा गया था कि मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं किया जा सकता, जो बाद में केशवानंद भारती में संशोधित हुआ। शंकर प्रसाद मामले ने संशोधन की शक्ति को स्वीकार किया था, लेकिन प्रस्तावना को अंग नहीं माना था।
प्रश्न 9: भारतीय संविधान के अनुसार, संसद के सत्रों का स्थगन (Adjournment) और सत्रावसान (Prorogation) कौन कर सकता है?
- सदन का पीठासीन अधिकारी
- संसद का प्रत्येक सदन (अपनी शक्ति के तहत)
- भारत के राष्ट्रपति
- संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति
उत्तर: (a) और (b) (यहाँ प्रश्न की शब्दावली पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। सामान्यतः स्थगन पीठासीन अधिकारी करता है, जबकि सत्रावसान राष्ट्रपति।) सबसे सटीक एकल विकल्प प्रश्न के संदर्भ पर निर्भर करेगा। यदि ‘सत्र के भीतर कार्य’ की बात है तो ‘स्थगन’ पीठासीन अधिकारी द्वारा, और ‘पूरे सत्र का अंत’ राष्ट्रपति द्वारा। यहाँ प्रश्न में दोनों पूछे गए हैं। मान लेते हैं कि प्रश्न दोनों को समाहित करता है, लेकिन सत्रावसान राष्ट्रपति का अधिकार है। यदि प्रश्न में केवल ‘सत्र का स्थगन’ होता तो (a) सही होता। प्रश्न की बारीकी देखते हुए, सत्रावसान के कारण (c) अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। *अस्पष्टता के कारण, यदि केवल एक विकल्प चुनना हो, तो सत्रावसान को ध्यान में रखकर (c) को प्राथमिकता दी जा सकती है, लेकिन यदि दोनों क्रियाओं पर विचार किया जाए तो यह प्रश्न थोड़ा समस्याग्रस्त है। सामान्यतः, ऐसे प्रश्नों में स्थगन और सत्रावसान को अलग-अलग पूछा जाता है। यहाँ हम मानेंगे कि सामान्य कार्यप्रणाली पूछ रहा है, जिसमें सत्रावसान राष्ट्रपति का अधिकार है।*
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: किसी भी सदन के सत्र का स्थगन (Adjournment) उस सदन के पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष/सभापति) द्वारा किया जाता है। यह एक अल्पकालिक स्थगन होता है। हालाँकि, सत्रावसान (Prorogation), जो सत्र के अंत का प्रतीक है, भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 85(2)(a) के तहत किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: सत्रावसान के बाद, सदन में लंबित सभी कार्य (जैसे बिल, प्रस्ताव) समाप्त हो जाते हैं। इसलिए, राष्ट्रपति का अधिकार यहाँ अधिक व्यापक है। संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Parliamentary Affairs) राष्ट्रपति को सलाह देती है।
- गलत विकल्प: पीठासीन अधिकारी केवल स्थगन करता है, न कि सत्रावसान। संसद के सदन स्वयं अपने सत्र का सत्रावसान नहीं कर सकते।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान के किस भाग में नागरिकता से संबंधित प्रावधान हैं?
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग II, जिसमें अनुच्छेद 5 से 11 तक शामिल हैं, भारत की नागरिकता से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: ये अनुच्छेद संविधान के लागू होने के समय नागरिकता के प्रावधान बताते हैं। नागरिकता अधिनियम, 1955, इन प्रावधानों को संशोधित और विस्तृत करता है, जिसमें नागरिकता प्राप्त करने और खोने के विभिन्न तरीके बताए गए हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है, भाग IV नीति निदेशक तत्वों से, और भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से।
प्रश्न 11: ‘लोक लोकपाल’ (Ombudsman) की अवधारणा भारत में किस देश से प्रेरित है?
- स्वीडन
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘लोकपाल’ (Ombudsman) की अवधारणा, जो प्रशासनिक भ्रष्टाचार की शिकायतों की जाँच करता है, मूल रूप से स्वीडन से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 लाया गया, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर लोकपाल और राज्य स्तर पर लोकायुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान किया। इसका उद्देश्य सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच करना है।
- गलत विकल्प: अन्य देशों में भी लोकपाल जैसी संस्थाएं हैं, लेकिन भारतीय अवधारणा का मुख्य प्रेरणास्रोत स्वीडन ही रहा है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा मूल अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (अनुच्छेद 29 और 30)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं। अनुच्छेद 14, 20, 21, 22, 25, 26, 27, 28 सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को प्राप्त हैं। प्रश्न में विकल्प (d) में अनुच्छेद 29 और 30 केवल नागरिकों के लिए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के प्रति विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता की गारंटी देता है। अनुच्छेद 19 वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक सभा, संघ बनाने आदि का अधिकार देता है। अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण और अनुच्छेद 30 शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार देता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21 सभी व्यक्तियों को प्राप्त हैं।
प्रश्न 13: भारत में ‘अटॉर्नी जनरल’ (महान्यायवादी) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
- केंद्रीय कानून मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के अटॉर्नी जनरल (महान्यायवादी) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: अटॉर्नी जनरल भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। वह वही योग्यताएँ रखता है जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के लिए आवश्यक होती हैं। वह भारत सरकार का प्रतिनिधित्व सुप्रीम कोर्ट और अन्य अदालतों में करता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश या कानून मंत्री इस नियुक्ति को सीधे तौर पर नहीं करते, हालाँकि वे राष्ट्रपति को सलाह दे सकते हैं।
प्रश्न 14: भारत के संविधान में ‘प्रस्तावना’ का क्या महत्व है?
- यह संविधान का स्रोत बताती है।
- यह संविधान के उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्रकट करती है।
- यह न्यायपालिका के क्षेत्राधिकार को सीमित करती है।
- यह संसद को संशोधन की शक्ति देती है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना भारतीय संविधान के आदर्शों, आकांक्षाओं और मार्गदर्शक सिद्धांतों को व्यक्त करती है। यह बताती है कि भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य होगा और अपने सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: केशवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है, लेकिन यह शक्तियों का स्रोत नहीं है और न ही यह प्रतिबंध लगाती है। यह संविधान की व्याख्या में सहायक होती है।
- गलत विकल्प: (a) संविधान का स्रोत ‘जनता’ को माना गया है, प्रस्तावना इसकी घोषणा करती है। (c) प्रस्तावना न्यायपालिका के क्षेत्राधिकार को सीमित नहीं करती, बल्कि संविधान की व्याख्या में सहायक होती है। (d) संसद को संशोधन की शक्ति अनुच्छेद 368 से मिलती है, प्रस्तावना से नहीं।
प्रश्न 15: कौन सी अनुसूची भूमि सुधार कानूनों से संबंधित है, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से छूट दी गई है?
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नौवीं अनुसूची (Ninth Schedule) उन केंद्रीय और राज्य कानूनों की सूची है जिन्हें मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए न्यायालयों में चुनौती नहीं दी जा सकती। यह पहली संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 द्वारा जोड़ी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका प्राथमिक उद्देश्य भूमि सुधारों को न्यायिक समीक्षा से बचाना था। हालांकि, इ. सी. गल्लश बनाम तमिलनाडु राज्य (2007) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि 24 अप्रैल, 1973 (केशवानंद भारती निर्णय की तारीख) के बाद नौवीं अनुसूची में शामिल किए गए कानूनों की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है।
- गलत विकल्प: दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी कानून से, सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से, और आठवीं अनुसूची आधिकारिक भाषाओं से संबंधित है।
प्रश्न 16: राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति (Power of Pardon) का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 161
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 32
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का उल्लेख अनुच्छेद 72 में किया गया है। इसके तहत राष्ट्रपति मृत्युदंड को माफ कर सकते हैं, दंड की प्रकृति को बदल सकते हैं, या उसे कम कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से संबंधित है, लेकिन राज्यपाल मृत्युदंड को माफ नहीं कर सकते। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए रिट जारी करने की सुप्रीम कोर्ट की शक्ति से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 161 राज्यपाल की शक्ति है। अनुच्छेद 123 और 32 राष्ट्रपति या सुप्रीम कोर्ट की अन्य शक्तियों से संबंधित हैं।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- निर्वाचन आयोग (ECI)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक गैर-संवैधानिक, गैर-सांविधिक निकाय है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से किया गया था। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अनुच्छेद 315, निर्वाचन आयोग (ECI) अनुच्छेद 324, और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) अनुच्छेद 338 में संवैधानिक प्रावधानों द्वारा स्थापित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनके गठन और शक्तियों का उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में किया गया है। सांविधिक निकाय संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित होते हैं (जैसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग)। नीति आयोग भारत सरकार की एक नीति अनुसंधान संस्था है।
- गलत विकल्प: UPSC, ECI, और NCSC सभी संवैधानिक निकायों के उदाहरण हैं।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन प्रावधान’ (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- जर्मनी का ‘वीमर संविधान’
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधान, विशेष रूप से राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन, अनुच्छेद 356) और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360), जर्मनी के ‘वीमर संविधान’ (Weimar Constitution) से प्रेरित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये प्रावधान देश की सुरक्षा, एकता और स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार को असाधारण शक्तियां प्रदान करते हैं। हालाँकि, इन प्रावधानों के दुरुपयोग पर कई बार चिंताएं व्यक्त की गई हैं।
- गलत विकल्प: अमेरिका में नागरिक स्वतंत्रता पर जोर है और कोई केंद्रीयकृत आपातकालीन प्रावधान नहीं हैं। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की संवैधानिक व्यवस्थाएँ भी इससे भिन्न हैं।
प्रश्न 19: किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना करने की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 4
- अनुच्छेद 1
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 20: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची ‘दलबदल’ (Defection) के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है?
- दसवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- पहली अनुसूची
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) भारतीय संविधान में 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ी गई थी। यह किसी भी सदन के सदस्य को दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित करने के प्रावधानों से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची का उद्देश्य राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना और विधायकों की निष्ठा को सुनिश्चित करना है। इसमें कुछ अपवाद भी दिए गए हैं, जैसे कि यदि दो-तिहाई सदस्य एक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में मिल जाते हैं, तो वे अयोग्य नहीं होंगे।
- गलत विकल्प: नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों से, सातवीं अनुसूची विधायी सूचियों से, और पहली अनुसूची राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का कार्य नहीं है?
- सिविल सेवाओं और अन्य अखिल भारतीय सेवाओं के लिए अभ्यर्थियों की नियुक्ति हेतु परीक्षाओं का संचालन करना।
- राज्य लोक सेवा आयोगों को दो या अधिक राज्यों के लिए संयुक्त भर्ती परीक्षा आयोजित करने में सहायता करना।
- नागरिक सेवकों के संबंध में पदोन्नति और एक सेवा से दूसरी सेवा में स्थानांतरण के मामलों पर सलाह देना।
- राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित किसी भी ऐसे मामले पर सलाह देना जिसमें वे राष्ट्रीय महत्व के मानते हैं।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के मुख्य कार्यों का उल्लेख अनुच्छेद 320 में किया गया है। इसमें (a), (b) और (c) में दिए गए कार्य शामिल हैं। (a) UPSC का मुख्य कार्य सिविल सेवाओं के लिए परीक्षाओं का संचालन करना है। (b) UPSC राज्य लोक सेवा आयोगों की मदद कर सकता है, जैसा कि अनुच्छेद 315(2) में प्रावधान है। (c) UPSC पदोन्नति और स्थानांतरण के मामलों पर भी सलाह देता है।
- संदर्भ और विस्तार: (d) में दिया गया कार्य राष्ट्रपति के ‘सलाहकार’ (Advisory) की भूमिका से संबंधित है, जो विशिष्ट मामलों में UPSC को संदर्भित किए जाते हैं, लेकिन यह UPSC का मुख्य या परिभाषित कार्य नहीं है, बल्कि उसकी स्वतंत्रता और विस्तृत कार्यक्षेत्र को दर्शाता है। हालाँकि, प्रश्न पूछ रहा है कि ‘कार्य नहीं है’। राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर सलाह देना UPSC के कार्यों में शामिल है, लेकिन वह मुख्य रूप से भर्ती से संबंधित है। यदि प्रश्न की मंशा ‘मुख्य कार्य’ पूछने की है, तो (d) सही हो सकता है। परंतु, अगर हम UPSC की विस्तृत शक्तियां देखें तो यह भी उसका एक कार्य हो सकता है। *प्रश्न की बारीकी को देखते हुए, हमें उस विकल्प को चुनना है जो UPSC के मूल, परिभाषित कार्यक्षेत्र से बाहर हो।* राष्ट्रपति द्वारा स्वयं संदर्भित मामले व्यापक श्रेणी के हो सकते हैं।
- स्पष्टीकरण को और सटीक बनाते हैं: UPSC के मुख्य कार्य भर्ती और चयन से जुड़े हैं। राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित “राष्ट्रीय महत्व के मामले” UPSC के कार्यक्षेत्र में आ सकते हैं, लेकिन यह अनुच्छेद 320 (3) (d) के तहत एक ‘सलाहकारी’ कार्य है, न कि प्राथमिक। UPSC का प्राथमिक कार्य सरकार की नियुक्तियों के लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों का चयन करना है। विकल्प (d) को UPSC का ‘मुख्य’ कार्य नहीं माना जा सकता, बल्कि एक सहायक या विस्तारित कार्य माना जा सकता है।
- पुनः विचार: अनुच्छेद 320 (3) (d) स्पष्ट रूप से कहता है कि UPSC को “ऐसे किसी अन्य मामले पर सलाह देनी होगी जो राष्ट्रपति द्वारा इस निमित्त निर्देशित किया जाए”। इसलिए, (d) भी UPSC का एक कार्य है। प्रश्न थोड़ा भ्रामक हो सकता है। सामान्यतः, UPSC का सबसे महत्वपूर्ण कार्य भर्ती है। यदि कोई विकल्प इससे बिल्कुल अलग हो। आइए विकल्पों को फिर से देखें। (a) मुख्य कार्य। (b) संयुक्त भर्ती में सहायता, यह भी कार्य का हिस्सा है। (c) पदोन्नति और स्थानांतरण पर सलाह, यह भी कार्य है। (d) राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित मामले। यहाँ हमें सबसे कम ‘UPSC का कार्य’ या ‘UPSC का कार्य नहीं’ को चुनना है। यदि हम भर्ती पर ध्यान दें तो (d) इससे अलग है।
- अंतिम निर्णय: यदि अनुच्छेद 320(3)(d) के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा निर्देशित मामले UPSC का कार्य है, तो फिर प्रश्न में कोई भी विकल्प ऐसा नहीं है जो UPSC का ‘कार्य नहीं’ है। प्रश्न निर्माण में संभावित त्रुटि हो सकती है। लेकिन, यदि सबसे कम ‘मूल’ या ‘परिभाषित’ कार्य चुनना हो, तो (d) को माना जा सकता है क्योंकि यह सीधे तौर पर भर्ती से नहीं जुड़ा है, बल्कि राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करता है। *मान लेते हैं कि प्रश्न ऐसे कार्य की तलाश कर रहा है जो UPSC की भर्ती की प्राथमिक भूमिका से भिन्न हो।*
- एक और दृष्टिकोण: यदि प्रश्न को ‘UPSC का प्राथमिक कार्य क्या नहीं है’ के रूप में देखा जाए, तो (d) अधिक उपयुक्त हो सकता है।
- प्रश्नोत्तरी के उद्देश्य से, हम (d) को उत्तर मानते हैं, यह मानते हुए कि यह UPSC की मुख्य भर्ती भूमिका से भिन्न एक वैकल्पिक सलाहकारी कार्य है।
प्रश्न 22: भारतीय संसद का उच्च सदन (Upper House) कौन सा है?
- लोकसभा
- राज्यसभा
- विधान परिषद
- उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संसद में दो सदन हैं: निम्न सदन (Lower House) लोकसभा और उच्च सदन (Upper House) राज्यसभा। राज्यसभा का उल्लेख अनुच्छेद 79 और 80 में है।
- संदर्भ और विस्तार: राज्यसभा राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है और इसका विघटन नहीं होता है, इसके सदस्य 6 वर्ष के लिए चुने जाते हैं, जिनमें से एक-तिहाई हर 2 साल में सेवानिवृत्त होते हैं। विधान परिषद कुछ राज्यों की विधानमंडल का उच्च सदन है, न कि केंद्रीय संसद का।
- गलत विकल्प: लोकसभा निम्न सदन है। विधान परिषद राज्य विधानमंडल का हिस्सा है।
प्रश्न 23: भारत का प्रधानमंत्री अपना त्यागपत्र किसे सौंपता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- लोकसभा का अध्यक्ष
- भारत के उपराष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का प्रधानमंत्री अपना त्यागपत्र भारत के राष्ट्रपति को सौंपता है। संविधान में इसका प्रत्यक्ष उल्लेख भले ही न हो, यह संसदीय परंपरा और राष्ट्रपति की नियुक्ति (अनुच्छेद 75) के अनुरूप है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रधानमंत्री राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करता है। राष्ट्रपति ही उन्हें पद से हटा सकते हैं, हालांकि यह तभी होता है जब वे लोकसभा में बहुमत खो देते हैं।
- गलत विकल्प: लोकसभा अध्यक्ष विधायी प्रक्रिया का प्रमुख होता है, न कि कार्यपालिका के मुखिया के इस्तीफे का प्राप्तकर्ता। उपराष्ट्रपति या मुख्य न्यायाधीश का इससे कोई संबंध नहीं है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर आसीन होने से रोकने के लिए जारी की जाती है?
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
- परमादेश (Mandamus)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से?’। यह रिट किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद पर अनाधिकृत रूप से आसीन होने पर उसे पद से हटाने के लिए जारी की जाती है। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत जारी की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करती है कि सार्वजनिक पद केवल उन व्यक्तियों द्वारा धारण किए जाएं जो विधिवत रूप से इसके लिए अधिकृत हैं।
- गलत विकल्प: उत्प्रेषण (Certiorari) किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है। प्रतिषेध (Prohibition) किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है। परमादेश (Mandamus) किसी सार्वजनिक प्राधिकारी को उसका सार्वजनिक कर्तव्य निभाने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान में ‘गणतंत्र’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- भारत का राष्ट्रपति निर्वाचित होता है।
- भारत में वंशानुगत शासक नहीं है।
- भारत का प्रधानमंत्री वंशानुगत होता है।
- भारत में कोई भी नागरिक राष्ट्रपति बन सकता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणतंत्र’ (Republic) शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (इस मामले में राष्ट्रपति) वंशानुगत नहीं होता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है। भारत में, राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है (अनुच्छेद 54)।
- संदर्भ और विस्तार: यह विशेषता भारत को राजशाही (Monarchy) से अलग करती है, जहाँ प्रमुख वंशानुगत होता है। इसलिए, भारत में कोई भी नागरिक, कुछ योग्यताओं के अधीन, राष्ट्रपति पद तक पहुँच सकता है (विकल्प d सही है, लेकिन यह ‘गणतंत्र’ शब्द का पूर्ण अर्थ नहीं है, बल्कि उसका एक परिणाम है)। मुख्य अर्थ यह है कि सर्वोच्च राजनीतिक शक्ति किसी व्यक्ति या वर्ग में निहित नहीं है, बल्कि जनता में निहित है और राज्य का प्रमुख निर्वाचित होता है।
- गलत विकल्प: (a) राष्ट्रपति का निर्वाचित होना गणतंत्र का हिस्सा है, लेकिन (b) अधिक व्यापक अर्थ बताता है कि वंशानुगत शासक नहीं है। (c) प्रधानमंत्री वंशानुगत नहीं होता, यह भी गणतंत्र का ही परिणाम है। (d) यह कथन सत्य है, लेकिन (b) ‘गणतंत्र’ शब्द की मुख्य परिभाषा को बताता है।