संविधान के योद्धा बनें: आज का अग्नि-परीक्षण
हमारे जीवंत लोकतंत्र की नींव को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज, हम भारतीय राजव्यवस्था और संविधान के विशाल सागर में गोता लगाएंगे और आपके वैचारिक ज्ञान की गहराई को परखेंगे। क्या आप संविधान के योद्धा बनने के लिए तैयार हैं? आइए, शुरू करें यह अग्नि-परीक्षण!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय राज्य के सामाजिक और धर्मनिरपेक्ष चरित्र को और अधिक स्पष्ट करना था। ‘समाजवादी’ शब्द एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना पर जोर देता है, जबकि ‘पंथनिरपेक्ष’ सभी धर्मों के प्रति राज्य की तटस्थता को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया, 52वें संशोधन ने दलबदल विरोधी कानून (10वीं अनुसूची) को जोड़ा, और 61वें संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
प्रश्न 2: भारत के राष्ट्रपति को पद की शपथ कौन दिलाता है?
- भारत के उपराष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- लोकसभा के अध्यक्ष
- भारत के महान्यायवादी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को पद की शपथ भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) द्वारा दिलाई जाती है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 60 में उल्लिखित है। यदि मुख्य न्यायाधीश अनुपस्थित हैं, तो उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश शपथ दिलाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह शपथ राष्ट्रपति द्वारा संविधान के प्रति निष्ठा और अपने कर्तव्यों के निष्पादन की प्रतिज्ञा के रूप में ली जाती है।
- गलत विकल्प: उपराष्ट्रपति अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देते हैं और राष्ट्रपति को शपथ भी राष्ट्रपति ही दिलाते हैं। लोकसभा अध्यक्ष विधायिका के प्रमुख होते हैं, और महान्यायवादी सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘राज्य’ की परिभाषा में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को शामिल नहीं करता है?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 226
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 में ‘राज्य’ की परिभाषा दी गई है, जो मौलिक अधिकारों के प्रयोजनों के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें भारत सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इस परिभाषा में न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय, प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं हैं।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय भी राज्य के प्राधिकरण के हिस्से के रूप में कार्य करते हैं जब वे अपने न्यायिक कार्यों का निर्वहन करते हैं। निर्णय यह रहा है कि जब वे प्रशासनिक भूमिका निभा रहे होते हैं, तब वे राज्य की परिभाषा के अंतर्गत आ सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधियों की शून्यकरण’ से संबंधित है, अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उच्चतम न्यायालय की रिट अधिकारिता से और अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों की रिट अधिकारिता से संबंधित है।
प्रश्न 4: किस मौलिक अधिकार को डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा था?
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने संवैधानिक उपचारों के अधिकार (अनुच्छेद 32) को भारतीय संविधान का ‘हृदय और आत्मा’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) में जाने की शक्ति देता है। यह इन अधिकारों को प्रभावी बनाता है, क्योंकि इन अधिकारों के उल्लंघन पर उपचार उपलब्ध है।
- गलत विकल्प: अन्य अधिकार भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अम्बेडकर के अनुसार, अनुच्छेद 32 ही वह साधन है जो इन अधिकारों को जीवन और अर्थ प्रदान करता है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन भारत की संसद का एक अभिन्न अंग है, लेकिन वह उसके किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकता?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- भारत के महान्यायवादी
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) भारत की संसद के एक अभिन्न अंग हैं (अनुच्छेद 76), लेकिन वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं होते हैं और इसलिए वे मतदान नहीं कर सकते। हालांकि, उन्हें संसदीय कार्यवाही में भाग लेने और बोलने का अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी को सरकार के कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य करने के लिए यह अधिकार दिया गया है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग हैं और विधियों को प्रमाणित करते हैं, लेकिन सीधे कार्यवाही में भाग नहीं लेते। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं और कार्यवाही का संचालन करते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त एक संवैधानिक निकाय के प्रमुख हैं और संसद की कार्यवाही में भाग नहीं लेते।
प्रश्न 6: राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) को भारतीय संविधान में किस देश के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- आयरलैंड
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) को भारतीय संविधान में आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया है, जैसा कि संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 में उल्लिखित है।
- संदर्भ और विस्तार: आयरिश संविधान में इन सिद्धांतों को ‘निर्देशों’ (Directives) कहा गया था। ये सिद्धांत देश के शासन में मूलभूत हैं और कानून बनाने में इन सिद्धांतों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा।
- गलत विकल्प: अमेरिका से मौलिक अधिकार, ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली और कानून का शासन, तथा कनाडा से संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियां ली गई हैं।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था, किस प्रकार के राज्य के रूप में परिवर्तित हो गया है?
- पूर्ण राज्य
- केंद्र शासित प्रदेश
- विशेष प्रशासनिक क्षेत्र
- अर्ध-संघीय क्षेत्र
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 5 अगस्त 2019 को, भारत सरकार ने राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया। इसके बाद, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 द्वारा इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख – में विभाजित कर दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक महत्वपूर्ण संवैधानिक परिवर्तन था जिसने राज्य की स्वायत्तता को समाप्त कर दिया और इसे सीधे केंद्र के शासन में ला दिया।
- गलत विकल्प: यह पूर्ण राज्य नहीं रहा, न ही इसे विशेष प्रशासनिक या अर्ध-संघीय क्षेत्र का दर्जा मिला है, बल्कि यह अब केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में शासित होते हैं।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?
- भारत का निर्वाचन आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- नीति आयोग
- भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक कार्यकारी आदेश द्वारा गठित एक गैर-संवैधानिक और गैर-कानूनी निकाय है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह सरकार के लिए एक थिंक-टैंक के रूप में कार्य करता है और भारत सरकार के लिए नीति निर्माण में सहायता करता है।
- गलत विकल्प: भारत का निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (अनुच्छेद 148) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित प्रमुख संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 9: पंचायती राज व्यवस्था को भारतीय संविधान की किस अनुसूची में शामिल किया गया है?
- सातवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
- ग्यारहवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: पंचायती राज संस्थाओं को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में शामिल किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची में 29 विषय शामिल हैं जिन पर पंचायती राज संस्थाएं कानून बना सकती हैं। इसने संविधान में भाग IX जोड़ा, जो पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची शक्तियों के विभाजन से संबंधित है, नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन से, और दसवीं अनुसूची दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है।
प्रश्न 10: वित्तीय आपातकाल की घोषणा भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: वित्तीय आपातकाल की घोषणा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति यह घोषणा तब कर सकते हैं जब उन्हें यह विश्वास हो जाए कि भारत की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा है। इस आपातकाल को संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। भारत के इतिहास में कभी भी वित्तीय आपातकाल की घोषणा नहीं की गई है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल (युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण), अनुच्छेद 356 राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन), और अनुच्छेद 365 राज्यों द्वारा संघ के निर्देशों का पालन न करने पर लागू होता है।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार भारतीय संविधान में प्रत्यक्ष रूप से वर्णित मौलिक अधिकार नहीं है?
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
- समान काम के लिए समान वेतन का अधिकार
- प्रेस की स्वतंत्रता का अधिकार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समान काम के लिए समान वेतन’ का अधिकार सीधे तौर पर मौलिक अधिकार के रूप में संविधान में वर्णित नहीं है। हालाँकि, इसे अनुच्छेद 39(d) के तहत राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) में शामिल किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में इसे अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत निहित माना है।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP गैर-न्यायसंगत होते हैं, अर्थात इनके उल्लंघन पर अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती, लेकिन यह राष्ट्र के शासन के लिए मूलभूत हैं।
- गलत विकल्प: जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21), धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28), और प्रेस की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में निहित) सभी मौलिक अधिकार हैं।
प्रश्न 12: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव किस प्रकार होता है?
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
- संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा एक एकल संक्रमणीय मत प्रणाली द्वारा
- राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा
- सीधे जनता द्वारा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 66 के अनुसार, संसद के दोनों सदनों के सदस्यों (मनोनीत सहित) द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह चुनाव राष्ट्रपति के चुनाव से भिन्न है, जहाँ निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं और राज्य विधानसभाओं के सदस्य भी शामिल होते हैं। उपराष्ट्रपति के चुनाव में मनोनीत सदस्य भी भाग ले सकते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति के चुनाव में केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। राज्य विधानसभाओं के सदस्यों का उपराष्ट्रपति के चुनाव में कोई भूमिका नहीं होती। उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है, प्रत्यक्ष नहीं।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी रिट ‘किसी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से अनधिकृत रूप से वंचित किए जाने से रोकने’ के लिए जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
- बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बन्दी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘तुम्हें शरीर प्रस्तुत करना’। यह रिट किसी भी व्यक्ति को, जिसे अवैध रूप से हिरासत में लिया गया हो, उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देती है। यह अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत जारी की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण रिट है।
- गलत विकल्प: परमादेश किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है। प्रतिषेध किसी निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकता है। अधिकार-पृच्छा किसी व्यक्ति से उसके सार्वजनिक पद के दावे का आधार पूछती है।
प्रश्न 14: भारत के संविधान के किस भाग में ‘संघ और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंध’ का वर्णन है?
- भाग XI (ग्यारह)
- भाग XII (बारह)
- भाग XIII (तेरह)
- भाग XIV (चौदह)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XI (अनुच्छेद 245-293) संघ और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंधों से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें संसद और राज्य विधानमंडलों की विधायी शक्तियों का वितरण (विधायी संबंध), प्रशासनिक उत्तरदायित्वों का समन्वय (प्रशासनिक संबंध), और राजस्व का बंटवारा व उधार लेने की शक्तियां (वित्तीय संबंध) शामिल हैं।
- गलत विकल्प: भाग XII कराधान, उधार और संपत्ति से संबंधित है। भाग XIII भारत के क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से संबंधित है। भाग XIV सेवाओं से संबंधित है।
प्रश्न 15: धन विधेयक (Money Bill) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?
- धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है।
- धन विधेयक को प्रमाणित करने का अधिकार लोकसभा के अध्यक्ष का होता है।
- यदि धन विधेयक पर गतिरोध उत्पन्न होता है, तो राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकते हैं।
- राज्यसभा धन विधेयक को अस्वीकार कर सकती है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: धन विधेयक केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है (अनुच्छेद 109(1)) और इसे लोकसभा अध्यक्ष द्वारा प्रमाणित किया जाता है (अनुच्छेद 110(3))। राज्यसभा धन विधेयक को अस्वीकार या संशोधित नहीं कर सकती; यह केवल सिफारिशें कर सकती है, जिन्हें लोकसभा मानने या न मानने के लिए स्वतंत्र है। धन विधेयक पर संयुक्त बैठक का प्रावधान नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: यह लोकसभा को धन के मामले में अधिक शक्ति प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: कथन (a), (b), और (d) सत्य हैं। कथन (c) असत्य है क्योंकि धन विधेयक पर संयुक्त बैठक नहीं बुलाई जा सकती।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से किस संशोधन अधिनियम ने राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और लोकसभा के सदस्यों के चुनाव को न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर रखा?
- 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने संविधान के अनुच्छेद 329A को जोड़ा, जिसने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर कर दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य राजनीतिक शक्ति के केंद्रीकरण को मजबूत करना था। हालांकि, 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 ने अनुच्छेद 329A को निरस्त कर दिया, जिससे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव की न्यायिक समीक्षा फिर से संभव हो गई।
- गलत विकल्प: 24वां संशोधन संसद को मौलिक अधिकारों में संशोधन करने की शक्ति देता है। 44वां संशोधन कुछ आपातकालीन प्रावधानों और मौलिक अधिकारों को मजबूत करता है। 52वां संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है।
प्रश्न 17: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया में निम्नलिखित में से कौन शामिल नहीं है?
- महाभियोग प्रस्ताव
- लोकसभा में प्रस्ताव पास होना
- राष्ट्रपति द्वारा प्रस्ताव स्वीकार किया जाना
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा मत देना
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को कदाचार या अक्षमता के आधार पर केवल राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है, यदि संसद के प्रत्येक सदन द्वारा, कुल सदस्यता के बहुमत से और सदन के कम से कम दो-तिहाई उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के समर्थन से पारित एक महाभियोग प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए (अनुच्छेद 124(4))। राष्ट्रपति को प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद ही वह कार्यवाही शुरू करते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा मत देने की कोई प्रक्रिया इसमें शामिल नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रक्रिया अत्यंत कठोर है ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित हो सके।
- गलत विकल्प: महाभियोग प्रस्ताव, लोकसभा में प्रस्ताव पास होना, और राष्ट्रपति द्वारा प्रस्ताव स्वीकार किया जाना (जांच के बाद) सभी प्रक्रिया का हिस्सा हैं, लेकिन न्यायाधीशों का मत देना नहीं।
प्रश्न 18: किस आयोग ने केंद्र-राज्य संबंधों पर अपनी रिपोर्ट में ‘सरकारीया आयोग’ के बाद ‘पूंछी आयोग’ के नाम से भी जाना जाता है?
- प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग
- राजमन्नार समिति
- मदन मोहन पुंछी आयोग
- श्रीकृष्ण समिति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मदन मोहन पुंछी आयोग का गठन 2007 में केंद्र-राज्य संबंधों की समीक्षा के लिए किया गया था। इसे अक्सर ‘सरकारीया आयोग’ के बाद दूसरा प्रमुख आयोग माना जाता है, और सरकारीया आयोग की रिपोर्ट के बाद इसके गठन को ‘पूंछी आयोग’ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: आयोग ने केंद्र-राज्यों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें कीं, जिसमें राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) को संवैधानिक दर्जा देना भी शामिल था।
- गलत विकल्प: प्रशासनिक सुधार आयोग 1966 में मोरारजी देसाई की अध्यक्षता में गठित हुआ था। राजमन्नार समिति तमिलनाडु सरकार द्वारा केंद्र-राज्य संबंधों पर गठित की गई थी। श्रीकृष्ण समिति आंध्र प्रदेश के विभाजन के संदर्भ में थी।
प्रश्न 19: भारतीय संविधान की कौन सी विशेषता इसे ‘अक्सर संघात्मक, अक्सर एकात्मक’ (Quasi-federal) बनाती है?
- शक्तियों का विभाजन
- एकल नागरिकता
- स्वतंत्र न्यायपालिका
- मजबूत केंद्र सरकार
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में संघात्मक और एकात्मक दोनों विशेषताएं पाई जाती हैं। ‘अक्सर संघात्मक’ (Quasi-federal) शब्द का प्रयोग के. सी. वेयर ने किया था। भारत में शक्तियों का विभाजन (अनुसूची 7), द्विसदनीय विधायिका, और लिखित संविधान संघात्मक विशेषताएं हैं। लेकिन, एक मजबूत केंद्र सरकार, एकल नागरिकता, एकीकृत न्यायपालिका, और आपातकालीन उपबंध एकात्मक विशेषताएं हैं। एक मजबूत केंद्र सरकार की उपस्थिति इसे ‘अक्सर संघात्मक’ बनाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह संतुलन भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप तैयार किया गया है, जहाँ राष्ट्रीय एकता और अखंडता सर्वोपरि है।
- गलत विकल्प: एकल नागरिकता और स्वतंत्र न्यायपालिका संघात्मक व्यवस्था को मजबूत करती हैं, जबकि मजबूत केंद्र सरकार एकात्मक झुकाव को दर्शाती है। शक्तियों का विभाजन संघात्मक ढांचा है।
प्रश्न 20: महान्यायवादी (Attorney General) को भारत के किसी भी न्यायालय में सुनवाई का अधिकार प्राप्त है, यह भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में उल्लिखित है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 77
- अनुच्छेद 78
- अनुच्छेद 88
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 88 में यह प्रावधान है कि महान्यायवादी को संघ के किसी भी सदन या सदनों में, या संघ के किसी भी सदन की किसी समिति में, या इस संविधान के अधीन या उसके तहत किसी भी अन्य सदन में, जिसमें वह बोलेगा, भाग लेने का अधिकार होगा। वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं होते हैं, लेकिन वे इन कार्यवाही में भाग ले सकते हैं और बोल सकते हैं। अनुच्छेद 76 महान्यायवादी के पद और नियुक्तियों से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार महान्यायवादी को सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार के रूप में प्रभावी ढंग से काम करने में मदद करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 77 भारत सरकार की कार्यवाहियों के संचालन से, और अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने के संबंध में प्रधान मंत्री के कर्तव्यों से संबंधित है।
प्रश्न 21: भारत में ‘संविधान दिवस’ कब मनाया जाता है?
- 26 जनवरी
- 15 अगस्त
- 14 अप्रैल
- 26 नवंबर
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में ‘संविधान दिवस’ प्रतिवर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है। इसी दिन 1949 में संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसे ‘राष्ट्रीय कानून दिवस’ के रूप में भी जाना जाता है। डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में 26 नवंबर 2015 को पहली बार इसे संविधान दिवस के रूप में मनाया गया था।
- गलत विकल्प: 26 जनवरी गणतंत्र दिवस है, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस है, और 14 अप्रैल डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का जन्म दिवस है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द प्रस्तावना में शामिल नहीं है?
- संप्रभु
- लोकतांत्रिक
- धर्मनिरपेक्ष
- सांप्रदायिक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत की प्रस्तावना में ‘संप्रभु’, ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (धर्मनिरपेक्ष), ‘लोकतांत्रिक’, ‘गणराज्य’, ‘न्याय’, ‘स्वतंत्रता’, ‘समता’, ‘बंधुता’ जैसे शब्द शामिल हैं। ‘सांप्रदायिक’ शब्द प्रस्तावना में कहीं भी वर्णित नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना भारतीय संविधान के लक्ष्यों और आदर्शों को दर्शाती है।
- गलत विकल्प: संप्रभु, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष (पंथनिरपेक्ष) सभी प्रस्तावना में वर्णित महत्वपूर्ण शब्द हैं।
प्रश्न 23: भारत में ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का उन्मूलन किस मौलिक अधिकार के तहत किया गया है?
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अस्पृश्यता का उन्मूलन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत किया गया है, जो समानता के अधिकार (भाग III) का एक हिस्सा है। यह अनुच्छेद ‘अस्पृश्यता’ को समाप्त करता है और किसी भी रूप में इसके अभ्यास को निषिद्ध करता है।
- संदर्भ और विस्तार: संसद ने अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 भी पारित किया है, जो इस अपराध के लिए दंड का प्रावधान करता है।
- गलत विकल्प: स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22), शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24), और संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32) अन्य महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार हैं, लेकिन अस्पृश्यता का उन्मूलन सीधे तौर पर समानता के अधिकार से संबंधित है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का पदेन अध्यक्ष होता है?
- भारत का मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त)
- मानवाधिकारों के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाला कोई व्यक्ति
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का अध्यक्ष भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सेवानिवृत्त उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश होता है। यह व्यवस्था राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अधिनियम, 1993 के तहत की गई है।
- संदर्भ और विस्तार: आयोग में एक अध्यक्ष और चार पूर्णकालिक सदस्य होते हैं, जिनमें से कम से कम एक सदस्य का उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश होना आवश्यक है (वर्तमान या सेवानिवृत्त)।
- गलत विकल्प: हालांकि मानवाधिकार विशेषज्ञ भी सदस्य होते हैं, लेकिन अध्यक्ष का पद विशेष रूप से सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के लिए आरक्षित है। अन्य आयोगों के अध्यक्ष पदेन अध्यक्ष नहीं होते।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान की किस संशोधन प्रक्रिया का उल्लेख ‘संशोधन की विधि’ के रूप में किया गया है, और यह किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- सरल बहुमत; अनुच्छेद 368
- विशेष बहुमत; अनुच्छेद 107
- विशेष बहुमत और राज्यों का अनुसमर्थन; अनुच्छेद 368
- सरल बहुमत और राज्यों का अनुसमर्थन; अनुच्छेद 110
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 में संविधान के संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख है। संविधान के अधिकांश प्रावधानों को ‘विशेष बहुमत’ (संविधान के अनुच्छेद 368(2) के अनुसार, सदन की कुल सदस्यता के बहुमत और उपस्थित तथा मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत) द्वारा संशोधित किया जा सकता है। कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों, विशेष रूप से जो संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित हैं, के लिए ‘विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन’ की आवश्यकता होती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि संविधान में महत्वपूर्ण परिवर्तन करते समय व्यापक सहमति हो।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 107 विधेयकों के पुर:स्थापन और पारित किए जाने के संबंध में है। सरल बहुमत आम विधियों के लिए प्रयोग होता है, न कि संविधान संशोधन के लिए।