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संविधान के महारथी बनें: आज की विशेष प्रश्नोत्तरी

संविधान के महारथी बनें: आज की विशेष प्रश्नोत्तरी

नमस्कार, भावी राष्ट्र निर्माताओं! भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की अपनी समझ को परखने और उसे और गहरा बनाने का समय आ गया है। यह दैनिक प्रश्नोत्तरी आपके ज्ञान की परीक्षा लेने और आपको भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की जटिलताओं से परिचित कराने के लिए डिज़ाइन की गई है। आइए, आज के इन 25 चुनौतियों का सामना करें और अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 24वाँ संशोधन अधिनियम, 1971
  2. 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
  3. 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
  4. 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान किया गया था और इसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय राज्य को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित करना था, जो सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा दे। हालाँकि, ‘समाजवाद’ शब्द की व्याख्या विभिन्न प्रकार से की गई है, जिसमें लोकतांत्रिक समाजवाद भी शामिल है।
  • गलत विकल्प: 24वें संशोधन ने संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से को संशोधित करने का अधिकार दिया। 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया और कुछ अन्य सुरक्षा उपाय जोड़े। 52वें संशोधन ने दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित दसवीं अनुसूची को जोड़ा।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता’ के बारे में सही है?

  1. यह संघ सूची का विषय है।
  2. यह समवर्ती सूची का विषय है।
  3. यह राज्य सूची का विषय है।
  4. यह अवशिष्ट शक्तियों के तहत आता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता’ राज्य सूची का विषय है, जैसा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची II (राज्य सूची) के प्रविष्टि 6 में उल्लेखित है। इसका अर्थ है कि इस क्षेत्र में कानून बनाने का प्राथमिक अधिकार राज्यों के पास है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं, अस्पतालों, स्वच्छता और सफाई व्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं। हालाँकि, समवर्ती सूची की प्रविष्टि 23 (जो अब हटा दी गई है, लेकिन पहले ‘जन स्वास्थ्य, अस्पताल, औषधालय’ शामिल थे) के तहत केंद्र सरकार भी इस क्षेत्र में हस्तक्षेप कर सकती थी, विशेषकर राष्ट्रीय महत्व के मामलों में। फिर भी, मुख्य जिम्मेदारी राज्यों की है।
  • गलत विकल्प: संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं, जैसे रक्षा, विदेश मामले। समवर्ती सूची में वे विषय होते हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं। अवशिष्ट शक्तियां उन विषयों पर होती हैं जो सूचियों में शामिल नहीं हैं।

प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग नहीं लेता है?

  1. लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
  2. राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
  3. राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
  4. राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में केवल निर्वाचित सदस्यों के साथ-साथ संघ राज्य क्षेत्रों के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं। यह व्यवस्था अनुच्छेद 54 में बताई गई है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 54 के अनुसार, राष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्यों और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण द्वारा किया जाता है।
  • गलत विकल्प: लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य (चाहे निर्वाचित हों या मनोनीत) राष्ट्रपति के महाभियोग प्रक्रिया में भाग लेते हैं, लेकिन चुनाव में केवल निर्वाचित सदस्य। राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। विधान परिषदों के सदस्य (जो अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं) राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्यक्ष रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों को भी प्राप्त है?

  1. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
  2. अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)
  3. विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण (अनुच्छेद 14)
  4. वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14, जो विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण प्रदान करता है, भारतीय नागरिकों और विदेशियों दोनों पर लागू होता है। यह एक सार्वभौमिक अधिकार है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अन्य विकल्प, जैसे अनुच्छेद 15 (विभेद का प्रतिषेध), अनुच्छेद 16 (अवसर की समानता), अनुच्छेद 19 (वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता), अनुच्छेद 20, 21, 22, 25, 26, 27, 28 केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15, 16 और 19 केवल नागरिकों के लिए हैं। अनुच्छेद 14 एक महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार है जो सभी व्यक्तियों के लिए समान है, चाहे वे नागरिक हों या विदेशी।

प्रश्न 5: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उद्देश्य क्या है?

  1. राजनीतिक स्वतंत्रता की स्थापना
  2. नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा
  3. एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना
  4. न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51) में वर्णित हैं और इनका मुख्य उद्देश्य भारत में एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है। ये तत्व सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: DPSP निर्देशक सिद्धांत के रूप में कार्य करते हैं, जिनके आधार पर राज्य को अपने कानून और नीतियाँ बनानी चाहिए। इनका उद्देश्य नागरिकों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करना है, जैसे कि समान कार्य के लिए समान वेतन, जीवन स्तर में सुधार, और कार्यस्थल की स्थिति।
  • गलत विकल्प: राजनीतिक स्वतंत्रता की स्थापना मुख्य रूप से मौलिक अधिकारों (जैसे अनुच्छेद 19) से संबंधित है। मौलिक अधिकारों की रक्षा का कार्य न्यायपालिका (अनुच्छेद 32 और 226) करती है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता का प्रावधान भी संविधान में है, लेकिन DPSP का सीधा उद्देश्य यह नहीं है।

प्रश्न 6: संसद के एक सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक के बीच कितने समय का अंतर नहीं होना चाहिए?

  1. तीन महीने
  2. छह महीने
  3. नौ महीने
  4. एक वर्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 85 (2) (क) यह प्रावधान करता है कि राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के किसी भी सदन का सत्रावसान कर सकता है। हालाँकि, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि एक सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की पहली बैठक के बीच छह महीने से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इसका अर्थ है कि संसद को वर्ष में कम से कम दो बार अवश्य मिलना चाहिए। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि सरकार विधायी कार्यों में अधिक समय न लगाए और संसद की नियमित बैठकें हों।
  • गलत विकल्प: तीन महीने, नौ महीने या एक वर्ष का कोई विशेष संवैधानिक प्रावधान नहीं है। छह महीने की अधिकतम अवधि सुनिश्चित की जाती है।

प्रश्न 7: भारत में दल-बदल के आधार पर संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित प्रावधान किस अनुसूची में है?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. आठवीं अनुसूची
  3. नौवीं अनुसूची
  4. दसवीं अनुसूची

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित प्रावधान भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में है। इसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: दसवीं अनुसूची दल-बदल को रोकने के लिए बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य राजनीतिक स्थिरता लाना था। इसके अनुसार, कोई भी सदस्य जो स्वेच्छा से अपनी पार्टी की सदस्यता छोड़ देता है, या दल-बदल के उपरांत पार्टी द्वारा जारी किए गए व्हिप का पालन नहीं करता है, तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। आठवीं अनुसूची भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची में कुछ अधिनियमों और विनियमों का उल्लेख है जिन्हें न्यायिक समीक्षा से छूट दी गई है।

प्रश्न 8: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को उसके पद से निम्नलिखित में से किस प्रक्रिया द्वारा हटाया जा सकता है?

  1. राष्ट्रपति द्वारा सीधे आदेश द्वारा
  2. संसद के एक प्रस्ताव द्वारा, जो राष्ट्रपति को संबोधित हो
  3. संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित प्रस्ताव द्वारा
  4. सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष आदेश द्वारा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को अनुच्छेद 148(1) के तहत पद ग्रहण करने के बाद, उसे उसी प्रक्रिया और उन्हीं आधारों पर हटाया जा सकता है जिन पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है। इसके लिए संसद के दोनों सदनों द्वारा कुल सदस्यता के बहुमत और उपस्थित व मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित प्रस्ताव की आवश्यकता होती है (अनुच्छेद 124(4) और (5) के संदर्भ में)।
  • संदर्भ एवं विस्तार: CAG की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए यह कठिन प्रक्रिया अपनाई गई है। हटाने के आधार कदाचार या असमर्थता (incapacity) हो सकते हैं।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति सीधे आदेश से CAG को नहीं हटा सकते। केवल संसद के प्रस्ताव से हटाया जा सकता है, लेकिन वह प्रस्ताव विशेष बहुमत से पारित होना चाहिए, न कि सामान्य बहुमत या केवल राष्ट्रपति को संबोधित। सुप्रीम कोर्ट सीधे तौर पर CAG को नहीं हटाता।

प्रश्न 9: भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का प्रावधान है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IX
  4. भाग IX-A

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IX में पंचायती राज संस्थाओं (पंचायतों) के बारे में प्रावधान किया गया है। इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायतों के गठन, संरचना, शक्तियाँ, प्राधिकार और जिम्मेदारियों का वर्णन है। यह संशोधन देश भर में पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकार, भाग IV नीति निदेशक तत्व, और भाग IX-A नगर पालिकाओं से संबंधित है, जो शहरी स्थानीय निकाय हैं।

प्रश्न 10: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष का कार्यकाल कितना होता है?

  1. 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
  2. 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
  3. 4 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
  4. 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 (Protection of Human Rights Act, 1993) के अनुसार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल पाँच वर्ष या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, होता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: NHRC एक वैधानिक निकाय है, न कि संवैधानिक। इसके अध्यक्ष आमतौर पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश होते हैं।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प कार्यकाल या आयु की गलत जानकारी देते हैं। 3 वर्ष, 4 वर्ष या 65 वर्ष की आयु का कार्यकाल NHRC के अध्यक्ष के लिए लागू नहीं होता।

प्रश्न 11: अनुच्छेद 360 के तहत लागू की जाने वाली ‘वित्तीय आपातकाल’ के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. इसका प्रावधान संविधान के भाग XVIII में है।
  2. इसे अधिकतम तीन वर्ष के लिए लागू किया जा सकता है।
  3. वित्तीय आपात को लागू करने की घोषणा किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा की जा सकती है।
  4. इसकी घोषणा के बाद, संसद की मंजूरी आवश्यक नहीं है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: वित्तीय आपात (अनुच्छेद 360) की घोषणा के बाद, इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा दो महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। यदि यह घोषणा उस समय प्रभावी है जब लोकसभा का विघटन हो गया हो और वह विघटन के बाद पहली बार बैठी हो, तो यह उस बैठक के 30 दिन के भीतर अनुमोदित हो जानी चाहिए। इसलिए, संसद की मंजूरी आवश्यक है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: वित्तीय आपात की घोषणा अधिकतम तीन साल तक जारी रह सकती है, जिसके लिए संसद का अनुमोदन आवश्यक है। प्रत्येक छह माह के बाद इसका अनुमोदन कराना होता है।
  • गलत विकल्प: कथन (d) गलत है क्योंकि संसद की मंजूरी वित्तीय आपात के लिए आवश्यक है। कथन (a), (b), और (c) सही हैं।

प्रश्न 12: भारत का महान्यायवादी (Attorney General for India) अपना त्यागपत्र किसे सौंपता है?

  1. सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
  2. भारत के राष्ट्रपति
  3. प्रधानमंत्री
  4. विधि मंत्री

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत का महान्यायवादी (AG) राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और वह राष्ट्रपति की प्रसाद-पर्यन्त (at the pleasure of the President) पद धारण करता है। इसलिए, वह अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को सौंपता है। यह बात अनुच्छेद 76 में निहित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: AG भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। उसकी नियुक्ति, कर्तव्य और पदच्युति राष्ट्रपति के विवेक पर निर्भर करती है, यद्यपि व्यवहार में यह मंत्रिपरिषद की सलाह पर होता है।
  • गलत विकल्प: AG का सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री या विधि मंत्री से सीधा नियुक्ति या त्यागपत्र का संबंध नहीं है।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी लोक अधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करने के लिए जारी की जाती है?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. प्रतिषेध (Prohibition)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: परमादेश (Mandamus) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह रिट किसी उच्च न्यायालय द्वारा किसी निम्न न्यायालय, न्यायाधिकरण, या लोक अधिकारी को उसके सार्वजनिक या वैधानिक कर्तव्य का पालन करने के लिए जारी की जाती है, जिसे वह करने से इनकार करता है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह रिट तभी जारी की जा सकती है जब कर्तव्य सार्वजनिक प्रकृति का हो और संबंधित लोक अधिकारी का वह कर्तव्य हो। यह निजी व्यक्तियों के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती।
  • गलत विकल्प: प्रतिषेध (Prohibition) का उद्देश्य किसी निम्न न्यायालय या न्यायाधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकना है। उत्प्रेषण (Certiorari) का उद्देश्य किसी निम्न न्यायालय या न्यायाधिकरण के निर्णय को रद्द करना है। अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) यह जानने के लिए जारी की जाती है कि कोई व्यक्ति किस अधिकार से किसी लोक पद पर आसीन है।

प्रश्न 14: भारतीय संविधान के अनुसार, राज्य की परिभाषा में निम्नलिखित में से किसे शामिल नहीं किया गया है?

  1. भारत की सरकार और संसद
  2. प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल
  3. सभी स्थानीय प्राधिकारी या अन्य प्राधिकारी
  4. निजी कंपनियाँ

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ की परिभाषा में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं। निजी कंपनियाँ सामान्यतः इस परिभाषा में शामिल नहीं होती हैं, जब तक कि वे राज्य के एजेंट के रूप में कार्य न कर रही हों या उनमें राज्य का पर्याप्त नियंत्रण न हो (जैसा कि कुछ न्यायिक व्याख्याओं में आया है)।
  • संदर्भ एवं विस्तार: मौलिक अधिकारों को लागू करने के संदर्भ में ‘राज्य’ की यह व्यापक परिभाषा दी गई है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) अनुच्छेद 12 के तहत राज्य की परिभाषा के अभिन्न अंग हैं। निजी कंपनियाँ, जब तक कि वे राज्य की संस्था के रूप में कार्य न करें, इस परिभाषा से बाहर हैं।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘बुनियादी ढाँचा सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) का प्रतिपादन किया?

  1. शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ (1951)
  2. सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य (1965)
  3. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
  4. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए ‘बुनियादी ढाँचा सिद्धांत’ का प्रतिपादन किया। इस सिद्धांत के अनुसार, संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन उस संशोधन से संविधान के ‘बुनियादी ढांचे’ में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस निर्णय ने संसद की संशोधन शक्ति को असीमित नहीं माना और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखा।
  • गलत विकल्प: शंकर प्रसाद और सज्जन सिंह मामलों में न्यायालय ने माना था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान में संशोधन कर सकती है। गोलकनाथ मामले में, न्यायालय ने माना था कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। केशवानंद भारती मामले ने इन परस्पर विरोधी विचारों को सुलझाते हुए ‘बुनियादी ढाँचा सिद्धांत’ दिया।

प्रश्न 16: भारत में ‘संसदीय सम्प्रभुता’ (Parliamentary Sovereignty) का सिद्धांत किस हद तक मान्य है?

  1. यह पूर्णतः मान्य है, जैसे ब्रिटेन में।
  2. यह सीमित है, क्योंकि संविधान सर्वोच्च है।
  3. यह असीमित है, क्योंकि संसद किसी भी कानून को बना या बिगाड़ सकती है।
  4. यह केवल कुछ विशिष्ट मामलों में मान्य है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संदर्भ में, संसदीय सम्प्रभुता ब्रिटेन की तरह पूर्ण नहीं है। भारतीय संविधान सर्वोच्च है, और संसद अपनी संशोधन शक्ति (अनुच्छेद 368) का प्रयोग करते हुए भी संविधान के ‘बुनियादी ढांचे’ को नहीं बदल सकती, जैसा कि केशवानंद भारती मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इसका मतलब है कि संसद कानूनों को बना और बिगाड़ सकती है, लेकिन संविधान की सीमाओं के भीतर। न्यायपालिका के पास न्यायिक समीक्षा की शक्ति है, जो संसदीय कार्यों पर नियंत्रण रखती है।
  • गलत विकल्प: ब्रिटेन में संसदीय सम्प्रभुता पूर्ण है। भारत में यह सीमित है। विकल्प (c) और (d) भी भारतीय व्यवस्था की जटिलता को पूरी तरह से नहीं दर्शाते।

प्रश्न 17: भारत के राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियाँ संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?

  1. भाग XIV
  2. भाग XV
  3. भाग XVI
  4. भाग XVIII

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियाँ भारतीय संविधान के भाग XVIII में वर्णित हैं, जिसमें अनुच्छेद 352 (राष्ट्रीय आपात), अनुच्छेद 356 (राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण आपात) और अनुच्छेद 360 (वित्तीय आपात) शामिल हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ये शक्तियाँ भारत की संप्रभुता, एकता, अखंडता और सुरक्षा के साथ-साथ देश की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए हैं।
  • गलत विकल्प: भाग XIV सेवाओं से संबंधित है, भाग XV चुनाव से, और भाग XVI कुछ वर्गों से संबंधित विशेष प्रावधानों से।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सी संवैधानिक संस्था भारत में केंद्र और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आगमों के वितरण को नियंत्रित करती है?

  1. अंतर-राज्यीय परिषद
  2. वित्त आयोग
  3. नीति आयोग
  4. राजस्व आसूचना निदेशालय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: वित्त आयोग (Finance Commission) का मुख्य कार्य अनुच्छेद 280 के तहत भारत के राष्ट्रपति को उन सिद्धांतों पर सिफारिशें देना है जिन पर भारत की संचित निधि से राज्यों को करों का वितरण किया जाना चाहिए। यह केंद्र और राज्यों के बीच करों के आगमों के विभाजन और राज्यों के बीच ऐसे आगमों के आवंटन के नियमों को निर्धारित करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है जिसकी नियुक्ति हर पाँच साल में या आवश्यकतानुसार की जाती है।
  • गलत विकल्प: अंतर-राज्यीय परिषद (Article 263) सामान्यतः समन्वय के लिए होती है। नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) का कार्य नीतिगत सलाह देना है, न कि कर वितरण। राजस्व आसूचना निदेशालय एक कार्यकारी निकाय है।

प्रश्न 19: ‘अस्पृश्यता’ का अंत और उसका किसी भी रूप में आचरण निषेध, किस मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है?

  1. समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
  2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
  4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘अस्पृश्यता’ का अंत और उसका किसी भी रूप में आचरण निषेध, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत एक मौलिक अधिकार है, जो समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14-18) के अंतर्गत आता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता को समाप्त करता है और किसी भी रूप में इसके अभ्यास को प्रतिबंधित करता है। संसद ने अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 (जिसे बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 नाम दिया गया) पारित किया है जो इसके उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान करता है।
  • गलत विकल्प: स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, और धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार अलग-अलग अधिकारों से संबंधित हैं। अनुच्छेद 17 विशेष रूप से अस्पृश्यता के उन्मूलन से संबंधित है, जो समानता के अधिकार का हिस्सा है।

प्रश्न 20: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों में निम्नलिखित में से कौन सा एक बेमेल (mismatched) है?

  1. राष्ट्रपति का चुनाव – अनुच्छेद 54
  2. उपराष्ट्रपति का पद – अनुच्छेद 63
  3. प्रधानमंत्री की नियुक्ति – अनुच्छेद 75
  4. मंत्रिपरिषद का लोकसभा के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व – अनुच्छेद 74

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: मंत्रिपरिषद का लोकसभा के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व का प्रावधान अनुच्छेद 75(3) में है, न कि अनुच्छेद 74 में। अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद के गठन से संबंधित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के चुनाव से, अनुच्छेद 63 उपराष्ट्रपति के पद से, और अनुच्छेद 75 प्रधानमंत्री की नियुक्ति से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) सही हैं। विकल्प (d) गलत है क्योंकि सामूहिक उत्तरदायित्व का सही अनुच्छेद 75(3) है।

प्रश्न 21: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 का उद्देश्य क्या था?

  1. राज्यों को भाषाई आधार पर पुनर्गठित करना
  2. देश में संघीय व्यवस्था को मजबूत करना
  3. भारत के संघ शासित प्रदेशों की संख्या बढ़ाना
  4. पंचायती राज व्यवस्था को लागू करना

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 का प्राथमिक उद्देश्य भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन करना था, जो फजल अली आयोग की रिपोर्ट पर आधारित था। इस अधिनियम ने तत्कालीन राज्यों और क्षेत्रों को नए राज्यों और क्षेत्रों में पुनर्गठित किया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अधिनियम ने भारत को 14 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया। हालाँकि इसके पीछे भाषाई आधार प्रमुख था, इसने कुछ हद तक क्षेत्रीय और प्रशासनिक कारकों पर भी विचार किया।
  • गलत विकल्प: संघीय व्यवस्था को मजबूत करना एक व्यापक उद्देश्य हो सकता है, लेकिन सीधा उद्देश्य भाषाई पुनर्गठन था। संघ शासित प्रदेशों की संख्या परिवर्तनशील है। पंचायती राज व्यवस्था 73वें संशोधन से जुड़ी है।

प्रश्न 22: भारत के संविधान के किस संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?

  1. 70वाँ संशोधन अधिनियम, 1991
  2. 71वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (पंचायतों) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में स्थापित किया, उन्हें निश्चित कार्यकाल, आरक्षण, और वित्तीय संसाधन प्रदान किए।
  • गलत विकल्प: 70वाँ, 71वाँ और 74वाँ संशोधन क्रमशः दिल्ली की विधानसभा की शक्तियों, सिन्धी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने और नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित हैं।

प्रश्न 23: अनुच्छेद 200 के तहत, किसी राज्य का राज्यपाल, किसी विधेयक को पारित करने के लिए, निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प नहीं चुन सकता?

  1. विधेयक को अपनी स्वीकृति देना।
  2. विधेयक को (पुनर्विचार के लिए) सदन को या यदि सदन एक सदनीय है तो सदनों को वापस करना।
  3. विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित करना।
  4. विधेयक को पूर्णतः वीटो करना।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 200 के तहत, राज्यपाल विधेयक को स्वीकृति दे सकता है, पुनर्विचार के लिए वापस कर सकता है, या राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित कर सकता है। राज्यपाल के पास विधेयक को “पूर्णतः वीटो” करने की शक्ति नहीं है। वह या तो स्वीकार करेगा, या वापस करेगा, या राष्ट्रपति के लिए आरक्षित करेगा। यदि वह स्वीकार करता है, तो वह कानून बन जाता है। यदि वह वापस करता है और सदन उसे पुनः पारित कर देता है, तो उसे स्वीकृति देनी होगी (कुछ मामलों को छोड़कर)।
  • संदर्भ एवं विस्तार: विधेयक को आरक्षित करने की शक्ति राज्यपाल को अनुच्छेद 200 के अनुसार दी गई है, जो अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति के विचार के लिए जाता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) राज्यपाल द्वारा उठाए जा सकने वाले वैध कदम हैं। विकल्प (d) गलत है क्योंकि पूर्ण वीटो की शक्ति राज्यपाल के पास नहीं है, वह केवल विधेयक को वापस कर सकता है या राष्ट्रपति के लिए आरक्षित कर सकता है।

प्रश्न 24: भारतीय संविधान के निर्माता निम्नलिखित में से किस विचार से सबसे अधिक प्रभावित थे?

  1. अमेरिकी स्वतंत्रता की उद्घोषणा
  2. ब्रिटिश संविधान
  3. फ्रांसीसी क्रांति के सिद्धांत
  4. सोवियत संघ का संविधान

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के निर्माताओं पर ब्रिटिश संविधान का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा। संसदीय सरकार, कानून का शासन, एकल नागरिकता, द्विसदनीय प्रणाली, मंत्रिमंडलीय प्रणाली, और राष्ट्रपति की औपचारिक स्थिति जैसे कई प्रमुख प्रावधान ब्रिटिश संवैधानिक परंपराओं से लिए गए हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इसके अतिरिक्त, संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से मौलिक अधिकार, न्यायिक समीक्षा, उपराष्ट्रपति का पद, सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता, प्रस्तावना और संघवाद के विचार लिए गए हैं। फ्रांसीसी क्रांति से स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्श, और सोवियत संघ के संविधान से मौलिक कर्तव्य और पंचवर्षीय योजनाओं का विचार लिया गया है।
  • गलत विकल्प: हालांकि अन्य स्रोतों से भी विचार लिए गए थे, लेकिन संसदीय प्रणाली और शासन के तरीके के मामले में ब्रिटिश संविधान का प्रभाव सबसे व्यापक और गहरा था।

प्रश्न 25: संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker)
  4. राज्यसभा का सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) संसद की एक महत्वपूर्ण वित्तीय समिति है। इसके अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: PAC का मुख्य कार्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्टों की जांच करना है, विशेष रूप से विनियोग लेखा (Appropriation Accounts) और वित्तीय लेखा (Finance Accounts) से संबंधित CAG की रिपोर्टों की। परंपरा रही है कि PAC का अध्यक्ष आमतौर पर विपक्ष का एक वरिष्ठ सदस्य होता है, जिससे समिति की निष्पक्षता सुनिश्चित होती है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राज्यसभा के सभापति PAC के अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं करते हैं। यह नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है।

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