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संविधान के महारथी: आज की अचूक परीक्षा!

संविधान के महारथी: आज की अचूक परीक्षा!

लोकतंत्र के आधार स्तंभ को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अनिवार्य है। क्या आप अपनी संवैधानिक समझ की गहराई को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इन 25 चुनौतीपूर्ण प्रश्नों के माध्यम से अपनी तैयारी को परखें और ज्ञान के नए क्षितिज खोलें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘अधिकारों का विधेयक’ (Bill of Rights) के रूप में भारतीय संविधान के एक भाग के रूप में देखा जा सकता है?

  1. मूल अधिकार (Fundamental Rights)
  2. राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy)
  3. मूल कर्तव्य (Fundamental Duties)
  4. संघ की कार्यपालिका (Union Executive)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग III, जिसे मूल अधिकार कहा जाता है, नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन करता है। ये अधिकार न्यायोचित (justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि उल्लंघन होने पर नागरिक सीधे उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय में जा सकते हैं। यह भाग व्यक्तिगत स्वतंत्रता, समानता, और गरिमा को सुनिश्चित करता है, जो एक ‘अधिकारों के विधेयक’ की प्रमुख विशेषताएँ हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल अधिकार, अमेरिकी संविधान के ‘बिल ऑफ राइट्स’ से प्रेरित हैं और भारतीय संविधान की ‘बुनियादी संरचना’ का हिस्सा माने जाते हैं। इनमें अनुच्छेद 12 से 35 तक के प्रावधान शामिल हैं।
  • अincorrect विकल्प: राज्य के नीति निदेशक तत्व (भाग IV) गैर-न्यायोचित हैं और राज्य के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं। मूल कर्तव्य (भाग IV-A) नागरिकों के कर्तव्य हैं। संघ की कार्यपालिका (भाग V) सरकार के कार्यकारी अंग से संबंधित है, अधिकारों से नहीं।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद भारतीय नागरिकों को केवल भारत के नागरिकों के लिए उपलब्ध कुछ विशेषाधिकारों की गारंटी देता है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 16
  3. अनुच्छेद 19
  4. अनुच्छेद 21

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 भारतीय संविधान के भाग III में निहित है और भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक सभा, संघ बनाने, आवागमन की स्वतंत्रता, निवास की स्वतंत्रता और व्यवसाय करने की स्वतंत्रता जैसे छह अधिकारों की गारंटी देता है। ये अधिकार केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19 को भारतीय संविधान की ‘महान अधिकारिता’ (Great Charter) के रूप में भी जाना जाता है। इन अधिकारों पर कुछ उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जैसे कि देश की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, आदि के आधार पर।
  • अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 15 केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है, जो नागरिकों और विदेशियों दोनों पर लागू होता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता देता है, जो भी केवल नागरिकों के लिए है, लेकिन 19 में अधिक व्यापक अधिकार शामिल हैं। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा देता है, जो नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए उपलब्ध है।

प्रश्न 3: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. यह अनुच्छेद 72 के तहत प्रदान किया गया है।
  2. यह केवल मृत्युदंड को क्षमा कर सकता है।
  3. यह सभी मामलों में सभी प्रकार की क्षमा प्रदान कर सकता है।
  4. यह न्यायिक निर्णय का स्थान नहीं लेता बल्कि एक पूरक शक्ति है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति अनुच्छेद 72 में दी गई है। यह शक्ति कई प्रकार की है: क्षमा (pardon), लघुकरण (commutation), परिहार (remission), प्रविलंबन (reprieve) और विसंक्रमण (respite)।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति केवल मृत्युदंड को क्षमा नहीं कर सकता, बल्कि वह सभी प्रकार के अपराधों और दंडों के लिए क्षमादान दे सकता है, जिसमें वे मामले भी शामिल हैं जो संघीय विधि के विरुद्ध हों, या वे जहाँ दंड अदालत-मार्शल द्वारा दिया गया हो, या वह जहाँ दंड मृत्युदंड हो। यह शक्ति न्यायिक निर्णय का स्थान नहीं लेती, बल्कि यह एक पारण-शक्ति (mercy power) है।
  • अincorrect विकल्प: विकल्प (b) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति मृत्युदंड को केवल क्षमा ही नहीं, बल्कि लघुकरण (उदा. मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदलना), प्रविलंबन (निश्चित अवधि के लिए मृत्युदंड के निष्पादन को स्थगित करना) भी दे सकता है। विकल्प (c) कुछ हद तक सही है, लेकिन ‘सभी प्रकार की क्षमा’ के तहत सभी विधियों और दंडों को शामिल किया गया है। विकल्प (d) राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति के न्यायिक चरित्र को सही ढंग से दर्शाता है।

प्रश्न 4: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संवैधानिक संशोधन द्वारा जोड़ा गया था?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976 ने प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’ शब्दों को जोड़ा। यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान किया गया था और इसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय गणराज्य के समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंड चरित्र को मजबूत करना था। प्रस्तावना को संविधान की कुंजी माना जाता है, हालांकि यह स्वयं न्यायोचित नहीं है। केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है और इसमें संशोधन किया जा सकता है, लेकिन इसकी ‘मूल संरचना’ को नहीं बदला जा सकता।
  • अincorrect विकल्प: 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर एक संवैधानिक अधिकार बनाया। 52वां संशोधन, 1985 ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा (दसवीं अनुसूची)। 73वां संशोधन, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय भारतीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. लोक सभा के अध्यक्ष (Speaker)
  4. राज्य सभा के सभापति (Chairman)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 108 के तहत, जब किसी विधेयक पर दोनों सदनों के बीच गतिरोध होता है, तो भारत के राष्ट्रपति एक संयुक्त बैठक बुलाते हैं। इस संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोक सभा के अध्यक्ष (Speaker) करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यदि अध्यक्ष अनुपस्थित हों, तो लोक सभा के उपाध्यक्ष और फिर राज्य सभा के उप-सभापति बैठक की अध्यक्षता करते हैं। संयुक्त बैठक के लिए गणपूर्ति (quorum) दोनों सदनों के कुल सदस्यों की एक-तिहाई होती है।
  • अincorrect विकल्प: भारत के राष्ट्रपति संयुक्त बैठक बुलाते हैं, लेकिन अध्यक्षता नहीं करते। उपराष्ट्रपति, जो राज्य सभा के पदेन सभापति भी होते हैं, संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करते। राज्य सभा के सभापति की भूमिका भी संयुक्त बैठक में नहीं होती।

प्रश्न 6: किसी विधेयक के धन विधेयक (Money Bill) होने या न होने का अंतिम निर्णय लेने का अधिकार किसे है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. वित्त मंत्री
  3. राज्य सभा के सभापति
  4. लोक सभा के अध्यक्ष

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 110(3) के अनुसार, किसी विधेयक के धन विधेयक होने या न होने का कोई प्रश्न उठने पर लोक सभा के अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक केवल लोक सभा में ही प्रस्तुत किए जा सकते हैं, राष्ट्रपति की सिफारिश पर। इन्हें राज्य सभा में भेजा जाता है, जहाँ से ये 14 दिनों के भीतर (सिफारिशों के साथ या बिना) वापस किए जाने चाहिए। राज्य सभा इन्हें अस्वीकार या संशोधित नहीं कर सकती, केवल सिफारिशें दे सकती है।
  • अincorrect विकल्प: राष्ट्रपति विधेयक को प्रमाणित करते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय लोक सभा अध्यक्ष का होता है। वित्त मंत्री विधेयक प्रस्तुत करते हैं, लेकिन निर्णयकर्ता नहीं। राज्य सभा के सभापति धन विधेयकों पर अंतिम निर्णय नहीं लेते।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत किसी व्यक्ति को दोहरे खतरे (Double Jeopardy) से संरक्षण प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 19
  2. अनुच्छेद 20
  3. अनुच्छेद 21
  4. अनुच्छेद 22

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 20 (2) भारतीय संविधान के तहत ‘दोहरे खतरे’ (Double Jeopardy) से संरक्षण प्रदान करता है। इसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति पर एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बार मुकदमा नहीं चलाया जाएगा और न ही दंडित किया जाएगा।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत ‘नेमो डेबेट बिस् वेक्सारी प्रो युडा क्यूसा’ (nemo debet bis vexari pro una et eadem causa) पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति को एक ही कारण के लिए दो बार परेशान नहीं किया जाना चाहिए। यह संरक्षण केवल आपराधिक मामलों में लागू होता है।
  • अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 19 भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है। अनुच्छेद 22 गिरफ्तारी और निवारक निरोध से संरक्षण प्रदान करता है।

प्रश्न 8: भारतीय संघ के नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना का प्रावधान संविधान के किस अनुसूची में किया गया है?

  1. पहली अनुसूची
  2. दूसरी अनुसूची
  3. तीसरी अनुसूची
  4. चौथी अनुसूची

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की पहली अनुसूची (First Schedule) भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नाम और उनके अधिकार-क्षेत्रों का वर्णन करती है। इसी अनुसूची में नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना का प्रावधान भी शामिल है, जिसके लिए संसद साधारण बहुमत से कानून बना सकती है (अनुच्छेद 2 और 3)।
  • संदर्भ और विस्तार: जैसे-जैसे राज्यों का पुनर्गठन या नए राज्यों का गठन होता है, पहली अनुसूची को तदनुसार संशोधित किया जाता है। हाल के उदाहरणों में तेलंगाना का गठन शामिल है।
  • अincorrect विकल्प: दूसरी अनुसूची राष्ट्रपति, राज्यपालों, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों, CAG आदि के भत्ते और विशेषाधिकारों से संबंधित है। तीसरी अनुसूची विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा पद ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ या प्रतिज्ञान से संबंधित है। चौथी अनुसूची राज्यसभा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीटों के आवंटन से संबंधित है।

प्रश्न 9: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यालयों की क्रम-सूची (Order of Precedence) का निर्धारण कौन करता है?

  1. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  2. लोक सभा अध्यक्ष
  3. गृह मंत्रालय
  4. भारत सरकार का कैबिनेट सचिवालय (Cabinet Secretariat)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यालयों के क्रम-सूची का कोई विशेष अनुच्छेद में उल्लेख नहीं है। यह एक प्रशासनिक व्यवस्था है जिसका निर्धारण भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय द्वारा किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह क्रम-सूची शिष्टाचार और प्रोटोकॉल के उद्देश्यों के लिए होती है और इसका कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। यह भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सरकारी आदेशों (Government Orders) के माध्यम से तय की जाती है।
  • अincorrect विकल्प: भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोक सभा अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों के महत्वपूर्ण पद होते हैं, लेकिन वे इस क्रम-सूची का निर्धारण नहीं करते। गृह मंत्रालय सुरक्षा और अन्य प्रशासनिक कार्य संभालता है, लेकिन क्रम-सूची का निर्धारण कैबिनेट सचिवालय करता है।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी लोक पद पर व्यक्ति के दावे की वैधता की जाँच करने के लिए जारी की जाती है?

  1. हेबियस कॉर्पस (Habeas Corpus)
  2. क्यो वारंटो (Quo Warranto)
  3. प्रोहिबिशन (Prohibition)
  4. सर्टिओरारी (Certiorari)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘क्यो वारंटो’ (Quo Warranto) लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह एक रिट है जो किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार की वैधता की जाँच के लिए जारी की जाती है। यह अनुच्छेद 32 और 226 के तहत जारी की जा सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यदि न्यायालय को लगता है कि कोई व्यक्ति अवैध रूप से किसी सार्वजनिक पद पर आसीन है, तो वह उस व्यक्ति को यह सिद्ध करने का निर्देश दे सकता है कि वह किस अधिकार से उस पद पर है। यदि वह संतोषजनक प्रमाण नहीं दे पाता, तो उसे पद से हटाया जा सकता है।
  • अincorrect विकल्प: हेबियस कॉर्पस बंदी बनाए गए व्यक्ति को न्यायालय में प्रस्तुत करने की रिट है। प्रोहिबिशन किसी निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है। सर्टिओरारी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।

प्रश्न 11: ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (DPSP) भारतीय संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?

  1. भाग II
  2. भाग III
  3. भाग IV
  4. भाग IV-A

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का वर्णन करता है। इन्हें आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: DPSP देश के शासन के लिए मूलभूत हैं और कानूनों का निर्माण करते समय राज्य (सरकार) को इनका ध्यान रखना चाहिए। ये तत्व सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना का उद्देश्य रखते हैं। हालांकि, ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं (non-justiciable)।
  • अincorrect विकल्प: भाग II नागरिकता से संबंधित है। भाग III मूल अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मूल कर्तव्यों से संबंधित है।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान का संरक्षक माना जाता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. संसद
  3. सर्वोच्च न्यायालय
  4. प्रधानमंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय को भारतीय संविधान का संरक्षक माना जाता है। यह संविधान के अर्थ की व्याख्या करता है और मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। अनुच्छेद 13 सर्वोच्च न्यायालय को न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) की शक्ति प्रदान करता है, जिसके तहत वह संसद या राज्य विधानमंडलों द्वारा बनाए गए ऐसे किसी भी कानून को अमान्य कर सकता है जो संविधान के किसी भी उपबंध का उल्लंघन करता हो।
  • संदर्भ और विस्तार: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने ‘संरक्षक’ की भूमिका को और सुदृढ़ किया, यह कहते हुए कि संविधान की ‘मूल संरचना’ (Basic Structure) को संशोधित नहीं किया जा सकता।
  • अincorrect विकल्प: राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख हैं, लेकिन वे प्रत्यक्ष रूप से संविधान के संरक्षक नहीं हैं। संसद कानून बनाती है और संविधान में संशोधन करती है, लेकिन व्याख्या और सुरक्षा का अंतिम कार्यपालिका सर्वोच्च न्यायालय का है। प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं, लेकिन वे भी संविधान की व्याख्या के संरक्षक नहीं हैं।

प्रश्न 13: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का अध्यक्ष कौन बन सकता है?

  1. केवल भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश
  2. भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश
  3. भारत का वर्तमान मुख्य न्यायाधीश
  4. कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का अध्यक्ष बनने के लिए, व्यक्ति को या तो भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) होना चाहिए, या किसी उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश होना चाहिए। यह मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत निर्धारित है।
  • संदर्भ और विस्तार: आयोग के अन्य सदस्यों में सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के वर्तमान या सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश, और मानवाधिकारों के क्षेत्र में ज्ञान और अनुभव वाले व्यक्ति शामिल हो सकते हैं।
  • अincorrect विकल्प: यह केवल वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के लिए प्रतिबंधित नहीं है। ‘कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति’ एक बहुत व्यापक कथन है और योग्यताएँ इससे अधिक विशिष्ट हैं।

प्रश्न 14: भारतीय संविधान की प्रस्तावना को ‘संविधान की कुंजी’ किसने कहा है?

  1. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
  2. पंडित जवाहरलाल नेहरू
  3. अर्नेस्ट बार्कर
  4. के. सी. वेयर (K. C. Wheare)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना को ‘संविधान की कुंजी’ (Key to the Constitution) कहने का श्रेय अर्नेस्ट बार्कर को जाता है। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) को ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: अर्नेस्ट बार्कर एक प्रमुख राजनीतिक सिद्धांतकार थे जिन्होंने भारतीय संविधान की प्रस्तावना के महत्व पर प्रकाश डाला था। प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों, आदर्शों और दर्शन को व्यक्त करती है।
  • अincorrect विकल्प: डॉ. अम्बेडकर ने मूल अधिकारों के संरक्षक अनुच्छेद 32 को यह उपाधि दी थी। पंडित नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव (Objective Resolution) प्रस्तुत किया था, जो प्रस्तावना का आधार बना। के. सी. वेयर एक संवैधानिक विशेषज्ञ हैं जिन्होंने एकात्मक और संघात्मक सरकारों पर लिखा है।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से किस मूल अधिकार को 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा मौलिक अधिकार की सूची से हटा दिया गया था?

  1. समानता का अधिकार
  2. स्वतंत्रता का अधिकार
  3. संपत्ति का अधिकार
  4. शोषण के विरुद्ध अधिकार

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 44वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार (Right to Property) को, जो मूल रूप से अनुच्छेद 31 में मौलिक अधिकार के रूप में शामिल था, मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया। इसे संविधान के भाग XII में एक नए अनुच्छेद 300A के तहत एक सामान्य संवैधानिक अधिकार बना दिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक सुधारों को बढ़ावा देना था, क्योंकि संपत्ति का अधिकार अक्सर भूमि सुधारों और अन्य सरकारी नीतियों के रास्ते में बाधा उत्पन्न करता था।
  • अincorrect विकल्प: समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18), स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22), और शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24) अभी भी मौलिक अधिकारों के रूप में बने हुए हैं।

प्रश्न 16: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोक सभा अध्यक्ष
  4. संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि अनुच्छेद 316 (1) में प्रावधानित है।
  • संदर्भ और विस्तार: UPSC एक संवैधानिक निकाय है जिसका कार्य संघ की सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षाओं का संचालन करना है। सदस्यों का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तिथि से छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक होता है।
  • अincorrect विकल्प: भारत के प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, या UPSC के अध्यक्ष सदस्यों की नियुक्ति नहीं करते हैं; यह राष्ट्रपति का विशेषाधिकार है।

प्रश्न 17: आपातकालीन प्रावधानों के तहत, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) किस आधार पर घोषित कर सकते हैं?

  1. केवल युद्ध या बाहरी आक्रमण
  2. केवल सशस्त्र विद्रोह
  3. युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह
  4. वित्तीय आपातकाल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा अनुच्छेद 352 के तहत की जा सकती है। यह घोषणा तीन आधारों पर की जा सकती है: युद्ध (War), बाहरी आक्रमण (External Aggression), या सशस्त्र विद्रोह (Armed Rebellion)। पहले ‘आंतरिक अशांति’ (Internal Disturbance) शब्द का प्रयोग होता था, जिसे 1978 के 44वें संशोधन द्वारा ‘सशस्त्र विद्रोह’ से बदल दिया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए। यह छह महीने तक प्रभावी रह सकती है और यदि इसे आगे बढ़ाना हो तो संसद द्वारा हर छह महीने में पुनः अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
  • अincorrect विकल्प: विकल्प (a) और (b) अधूरे हैं क्योंकि वे सभी संभावित आधारों को शामिल नहीं करते। वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) एक अलग प्रकार का आपातकाल है।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘पंचवर्षीय योजनाएं’ (Five Year Plans) बनाने के लिए उत्तरदायी थी?

  1. नीति आयोग (NITI Aayog)
  2. योजना आयोग (Planning Commission)
  3. राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council)
  4. वित्त मंत्रालय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में पंचवर्षीय योजनाएं बनाने का कार्य पूर्व में योजना आयोग (Planning Commission) का था। योजना आयोग का गठन 1950 में एक कार्यकारी आदेश (executive order) द्वारा किया गया था, न कि संवैधानिक या सांविधिक प्रावधान द्वारा।
  • संदर्भ और विस्तार: 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया और उसके स्थान पर नीति आयोग (NITI Aayog) की स्थापना की गई, जो एक थिंक टैंक (think tank) के रूप में कार्य करता है और ‘नीति’ (Niti) यानी नीतियों के निर्माण में सरकार को सलाह देता है। पंचवर्षीय योजनाएँ अब नीति आयोग द्वारा नहीं बनाई जाती हैं।
  • अincorrect विकल्प: नीति आयोग वर्तमान में योजनाओं का निर्माण नहीं करता, बल्कि यह सरकार को दीर्घकालिक और सामरिक नीतियां बनाने में मदद करता है। राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) योजना आयोग द्वारा तैयार की गई योजनाओं को अंतिम मंजूरी देती थी। वित्त मंत्रालय वित्तीय मामले देखता है।

प्रश्न 19: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के पद का प्रावधान करता है?

  1. अनुच्छेद 75
  2. अनुच्छेद 76
  3. अनुच्छेद 77
  4. अनुच्छेद 78

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 भारतीय संविधान में भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के पद का प्रावधान करता है। वह भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह राष्ट्रपति की इच्छानुसार पद धारण करता है। वह किसी भी भारतीय न्यायालय में सुनवाई का अधिकार रखता है और उसे संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन वह मतदान नहीं कर सकता।
  • अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति और अन्य संबंधित मामलों से संबंधित है। अनुच्छेद 77 भारत सरकार के कार्यों के संचालन से संबंधित है। अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्यों का वर्णन करता है।

प्रश्न 20: दल-बदल के आधार पर किसी सदस्य की अयोग्यता से संबंधित उपबंध संविधान की किस अनुसूची में दिए गए हैं?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. आठवीं अनुसूची
  3. नौवीं अनुसूची
  4. दसवीं अनुसूची

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: दल-बदल के आधार पर संसद या राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की अयोग्यता का प्रावधान भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) में दिया गया है। इसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: दसवीं अनुसूची दल-बदल विरोधी कानून के रूप में जानी जाती है। यह सांसदों और विधायकों को किसी विशेष दल में शामिल होने या उससे अलग होने पर अयोग्य घोषित करने के लिए मानदंड निर्धारित करती है।
  • अincorrect विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों से संबंधित कानूनों को न्यायिक समीक्षा से छूट प्रदान करती है।

प्रश्न 21: किस अनुच्छेद के तहत संसद को किसी राज्य का नाम बदलने, उसकी सीमाएँ बदलने या उसका क्षेत्रफल बदलने का अधिकार है?

  1. अनुच्छेद 1
  2. अनुच्छेद 2
  3. अनुच्छेद 3
  4. अनुच्छेद 4

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3 भारतीय संविधान में संसद को अधिकार देता है कि वह किसी भी राज्य के क्षेत्र में वृद्धि कर सकती है, किसी भी राज्य के क्षेत्र को घटा सकती है, किसी भी राज्य की सीमाओं को बदल सकती है, या किसी भी राज्य का नाम बदल सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: ऐसे किसी भी विधेयक को संसद में पेश करने के लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति आवश्यक है। यदि विधेयक में किसी राज्य की सीमाएं या नाम बदलने का प्रावधान है, तो उस राज्य के विधानमंडल की राय जानने के लिए विधेयक उस राज्य के विधानमंडल को भेजा जाता है। हालांकि, राष्ट्रपति या संसद उस राय से बंधे नहीं हैं।
  • अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत को राज्यों का संघ घोषित करता है। अनुच्छेद 2 नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 4 में यह प्रावधान है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून, संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संशोधन नहीं माने जाएंगे।

प्रश्न 22: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. वित्त मंत्री
  4. संसद

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है और वह सरकार के खर्चों की जांच करता है। CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है, जो भी पहले हो। CAG को केवल संसद के दोनों सदनों के प्रस्ताव द्वारा महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है, जैसे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाया जाता है।
  • अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या संसद CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं। राष्ट्रपति ही एकमात्र नियुक्तिकर्ता हैं।

प्रश्न 23: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?

  1. भाग VI
  2. भाग VII
  3. भाग VIII
  4. भाग IX

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, अनुच्छेद 243 से 243-O तक, पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) से संबंधित है। इसे 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भाग पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देता है और इसके त्रि-स्तरीय ढांचे, सदस्यों के चुनाव, कार्यकाल, शक्तियाँ, उत्तरदायित्व और वित्तीय प्रावधानों को निर्धारित करता है।
  • अincorrect विकल्प: भाग VI राज्य कार्यपालिका और विधानमंडलों से संबंधित है। भाग VII को सातवें संशोधन अधिनियम, 1956 द्वारा निरस्त कर दिया गया था। भाग VIII केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित है।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी मूल अधिकारिता (Original Jurisdiction) सर्वोच्च न्यायालय की नहीं है?

  1. भारत सरकार और किसी राज्य के बीच विवाद
  2. दो या दो से अधिक राज्यों के बीच विवाद
  3. मौलिक अधिकारों का प्रवर्तन
  4. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित विवाद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय की मूल अधिकारिता (Original Jurisdiction) अनुच्छेद 131 में वर्णित है, जिसमें ऐसे विवाद शामिल हैं जहाँ संघ और किसी राज्य या राज्यों के बीच, या दो या दो से अधिक राज्यों के बीच कोई विवाद हो, और साथ ही राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित विवादों का निर्णय भी इसी के अंतर्गत आता है। मौलिक अधिकारों का प्रवर्तन (अनुच्छेद 32) सर्वोच्च न्यायालय की ‘रिट अधिकारिता’ (Writ Jurisdiction) के तहत आता है, न कि मूल अधिकारिता के।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल अधिकारिता का अर्थ है कि ऐसे मामले सीधे सर्वोच्च न्यायालय में सुने जाते हैं, न कि किसी निचली अदालत से अपील के माध्यम से। रिट अधिकारिता के माध्यम से, सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट जारी कर सकते हैं।
  • अincorrect विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) सर्वोच्च न्यायालय की मूल अधिकारिता के तहत आते हैं, जबकि विकल्प (c) सर्वोच्च न्यायालय की रिट अधिकारिता के तहत आता है।

प्रश्न 25: ‘नयी अखिल भारतीय सेवाएँ’ (New All-India Services) बनाने की शक्ति किस निकाय के पास है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत की संसद
  3. राज्य सभा
  4. लोक सभा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 312 के तहत, यदि राज्य सभा यह संकल्प पारित करे कि राष्ट्रीय हित में यह आवश्यक है कि संसद विधि द्वारा एक या एक से अधिक नई अखिल भारतीय सेवाएँ स्थापित करे, तो संसद ऐसी सेवाएँ स्थापित करने के लिए कानून बना सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: वर्तमान में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFoS) तीन अखिल भारतीय सेवाएँ हैं। अनुच्छेद 312 (2) में यह भी प्रावधान है कि इस अनुच्छेद के तहत स्थापित कोई भी नई अखिल भारतीय सेवा या वर्तमान अखिल भारतीय सेवा का कोई भी कार्यक्षेत्र ‘अखिल भारतीय सेवा’ माना जाएगा।
  • अincorrect विकल्प: केवल राष्ट्रपति, लोक सभा या सामान्य संसद के पास यह शक्ति नहीं है, बल्कि इसके लिए राज्य सभा द्वारा एक विशेष संकल्प पारित करना आवश्यक है। यह राज्य सभा की एक अनन्य शक्ति है।

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