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संविधान के महारथी: आज का अंतिम टेस्ट!

संविधान के महारथी: आज का अंतिम टेस्ट!

नमस्ते, भावी प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र के मजबूत स्तंभों और संविधान की बारीकियों को समझना आपकी यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा है। आज, आइए अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखें और 25 अनूठे प्रश्नों के साथ अपनी तैयारी के स्तर का आकलन करें। यह सिर्फ एक क्विज नहीं, बल्कि आपकी विशेषज्ञता की कसौटी है!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अवशिष्ट शक्तियों’ के संबंध में सही है?

  1. ये शक्तियाँ संघ सूची में शामिल विषयों से संबंधित हैं।
  2. ये शक्तियाँ समवर्ती सूची में शामिल विषयों से संबंधित हैं।
  3. ये शक्तियाँ उन विषयों से संबंधित हैं जो किसी भी सूची में शामिल नहीं हैं।
  4. इन शक्तियों पर राज्यों का अनन्य अधिकार होता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है। अवशिष्ट शक्तियाँ, यानी वे विषय जो संघ, राज्य या समवर्ती सूची में सूचीबद्ध नहीं हैं, अनुच्छेद 248 के अनुसार, संसद के पास निहित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत कनाडाई मॉडल से लिया गया है। इसका मतलब है कि यदि कोई ऐसा विषय उभरता है जो वर्तमान में किसी भी सूची में नहीं है, तो संसद के पास उस पर कानून बनाने का अधिकार होगा।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) संघ सूची के बारे में है, (b) समवर्ती सूची के बारे में है, और (d) यह दर्शाता है कि इन शक्तियों पर राज्यों का अधिकार है, जो कि गलत है क्योंकि ये विशेष रूप से संघ (संसद) के पास हैं।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभुता, अखंडता और एकता’ शब्दों को किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए। इसने ‘संप्रभु गणराज्य’ के स्थान पर ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, गणराज्य’ और ‘और एकता’ के स्थान पर ‘और एकता’ शब्द जोड़े।
  • संदर्भ और विस्तार: इन संशोधनों का उद्देश्य भारतीय राज्य के समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और अखंड चरित्र को सुदृढ़ करना था। ये शब्द भारतीय राष्ट्र की एकता और अखण्डता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है। 73वां संशोधन पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देता है।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति को किसी विधेयक को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने की शक्ति प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 111
  2. अनुच्छेद 108
  3. अनुच्छेद 109
  4. अनुच्छेद 110

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 111 के अनुसार, जब कोई विधेयक राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, तो वह उस पर अपनी सहमति दे सकता है, या सहमति रोक सकता है, लेकिन वह विधेयक को अनिश्चित काल के लिए रोक कर नहीं रख सकता। यह ‘पॉकेट वीटो’ का मामला है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति के पास विधेयक पर सहमति देने, या पुनर्विचार के लिए वापस भेजने का अधिकार है। यदि विधेयक राष्ट्रपति के पास से वापस आने के बाद फिर से पारित हो जाता है और राष्ट्रपति के पास आता है, तो वह अपनी सहमति देने के लिए बाध्य है। पॉकेट वीटो के माध्यम से, राष्ट्रपति विधेयक को बिना किसी निश्चित समय सीमा के अपने पास रख सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 108 संयुक्त सत्र से संबंधित है। अनुच्छेद 109 धन विधेयकों से संबंधित है। अनुच्छेद 110 धन विधेयक की परिभाषा देता है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘केवल नागरिकों’ के लिए उपलब्ध है, विदेशियों के लिए नहीं?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
  3. लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)
  4. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16, लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता, केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है। इसका मतलब है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के मामले में नागरिकों को समान अवसर मिलेंगे।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14, 15, और 21 जैसे अधिकार नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए उपलब्ध हैं, हालांकि कुछ अपवाद हो सकते हैं। अनुच्छेद 15 केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों के लिए समानता का अधिकार सुनिश्चित करता है। अनुच्छेद 15 केवल नागरिकों के लिए नहीं, बल्कि सभी व्यक्तियों के लिए है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा सभी व्यक्तियों को प्राप्त है।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा भाग राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51) राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है। ये तत्व न्यायोचित नहीं हैं, अर्थात न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में मूलभूत हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: DPSP का उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, जिसमें सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को बढ़ावा दिया जा सके। ये भारत सरकार के लिए नीति निर्माण के मार्गदर्शन सिद्धांत के रूप में कार्य करते हैं।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका से संबंधित है।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा एक असंवैधानिक निकाय (Non-Constitutional Body) है?

  1. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  2. वित्त आयोग (Finance Commission)
  3. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
  4. चुनाव आयोग (Election Commission)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक असंवैधानिक निकाय है। इसका गठन संसद के एक अधिनियम, अर्थात् मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 द्वारा किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: असंवैधानिक निकायों का गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया जाता है, जबकि संवैधानिक निकायों का प्रावधान सीधे संविधान में होता है। UPSC (अनुच्छेद 315), वित्त आयोग (अनुच्छेद 280), और चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324) संवैधानिक निकाय हैं।
  • गलत विकल्प: UPSC, वित्त आयोग और चुनाव आयोग सभी का प्रावधान संविधान में है, इसलिए वे संवैधानिक निकाय हैं। NHRC की अपनी कोई संवैधानिक प्रविष्टि नहीं है।

प्रश्न 7: भारत के राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया संविधान के किस अनुच्छेद में उल्लिखित है?

  1. अनुच्छेद 56
  2. अनुच्छेद 61
  3. अनुच्छेद 62
  4. अनुच्छेद 72

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को संविधान के उल्लंघन के आधार पर महाभियोग की प्रक्रिया द्वारा पद से हटाया जा सकता है, जिसका प्रावधान अनुच्छेद 61 में किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: महाभियोग का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए उस सदन के कुल सदस्यों के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक लिखित सूचना दी जानी चाहिए, और उस प्रस्ताव पर चर्चा करने के उद्देश्य से सदन में बैठक की तारीख से कम से कम 14 दिन पूर्व ऐसी सूचना दी जानी चाहिए। प्रस्ताव को उस सदन की कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है। इसके बाद, दूसरा सदन आरोपों की जांच करेगा या करवाएगा।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 62 राष्ट्रपति पद में रिक्ति को भरने के लिए चुनाव कराने का प्रावधान है। अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 8: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की संरचना में निम्नलिखित में से कौन शामिल होते हैं?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. लोकसभा अध्यक्ष
  3. सभी राज्यों के मुख्यमंत्री
  4. संसद के दोनों सदनों के सदस्य

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक कार्यकारी निकाय है, जिसका गठन 1952 में हुआ था। इसकी संरचना में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष के रूप में), केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, योजना आयोग के सदस्य और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार है, जो योजना आयोग द्वारा तैयार की जाती हैं। यह राज्यों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करती है।
  • गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति NDC के सदस्य नहीं होते हैं। लोकसभा अध्यक्ष भी इसका हिस्सा नहीं होते हैं। संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य भी इसके सदस्य नहीं होते हैं, बल्कि केवल योजना से संबंधित केंद्रीय मंत्री इसके सदस्य होते हैं।

प्रश्न 9: भारतीय संविधान के अंतर्गत ‘अनुच्छेद 32’ को ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ किसने कहा था?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार पटेल
  3. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
  4. डॉ. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने अनुच्छेद 32 को ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा था। यह अनुच्छेद मौलिक अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए संवैधानिक उपचारों का अधिकार प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए रिट (जैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृच्छा और उत्प्रेषण) जारी करने की शक्ति देता है। इसे मौलिक अधिकारों की गारंटी माना जाता है।
  • गलत विकल्प: अन्य प्रमुख नेताओं ने संविधान के विभिन्न पहलुओं की सराहना की, लेकिन यह विशेष उपाधि डॉ. अम्बेडकर द्वारा अनुच्छेद 32 को दी गई थी।

प्रश्न 10: केंद्र-राज्य विधायी संबंधों का उल्लेख संविधान के किस भाग में किया गया है?

  1. भाग X
  2. भाग XI
  3. भाग XII
  4. भाग XIII

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XI (अनुच्छेद 245 से 255) केंद्र और राज्यों के बीच विधायी संबंधों का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भाग संसद और राज्य विधानमंडलों द्वारा बनाई गई विधियों के क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार, विधायी विषयों पर वितरण (सातवीं अनुसूची में तीन सूचियों के माध्यम से), और कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में संसद को राज्यों के संबंध में विधायी शक्ति के बारे में प्रावधान करता है।
  • गलत विकल्प: भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है। भाग XII वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद से संबंधित है। भाग XIII भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से संबंधित है।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संसद की विशेषाधिकार समिति (Committee of Privileges) के बारे में सत्य है?

  1. यह केवल सदस्यों के आचरण की जांच करती है।
  2. यह सदन की अवमानना के मामलों को देखती है।
  3. यह वित्त विधेयक की जांच करती है।
  4. यह विधायी प्रस्तावों की समीक्षा करती है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: विशेषाधिकार समिति का मुख्य कार्य सदन और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों के उल्लंघन या हनन से संबंधित मामलों की जांच करना है। इसमें सदन की अवमानना के मामले भी शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रत्येक सदन की अपनी विशेषाधिकार समिति होती है, जो सदन को उनके विशेषाधिकारों से संबंधित किसी भी मामले पर सलाह देती है। यह सुनिश्चित करती है कि सदन अपनी कार्यवाही बिना किसी अनुचित हस्तक्षेप के कर सके।
  • गलत विकल्प: समिति केवल सदस्यों के आचरण की नहीं, बल्कि सदन के विशेषाधिकारों के उल्लंघन की जांच करती है। यह वित्त विधेयक या विधायी प्रस्तावों की समीक्षा नहीं करती है; यह कार्य अन्य समितियों (जैसे लोक लेखा समिति या सरकारी आश्वासन समिति) का होता है।

प्रश्न 12: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. वित्त मंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सभी सार्वजनिक व्यय का लेखा-परीक्षण करता है और संसद को अपनी रिपोर्ट सौंपता है। यह भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है। CAG का कार्यकाल छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और वित्त मंत्री CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं। यह राष्ट्रपति का विशेषाधिकार है।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण)
  2. अनुच्छेद 22 (गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण)
  3. अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आदि)
  4. अनुच्छेद 25 (धर्म का आचरण, अभ्यास और प्रचार की स्वतंत्रता)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19, जो भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक सभा करने, संघ बनाने, आवागमन की स्वतंत्रता, निवास की स्वतंत्रता और वृत्ति, उपजीविका, कारबार या व्यवसाय करने की स्वतंत्रता से संबंधित है, यह केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार देश के लोकतांत्रिक स्वरूप के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और सुनिश्चित करता है कि नागरिक स्वतंत्र रूप से अपने विचारों को व्यक्त कर सकें और संघ बना सकें।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 20, 22, और 25 भारतीय संविधान के तहत नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण देता है। अनुच्छेद 22 कुछ मामलों में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 25 सभी व्यक्तियों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।

प्रश्न 14: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘राज्य’ की परिभाषा दी गई है?

  1. अनुच्छेद 12
  2. अनुच्छेद 13
  3. अनुच्छेद 14
  4. अनुच्छेद 15

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 भारतीय संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) के प्रयोजनों के लिए ‘राज्य’ की परिभाषा प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस परिभाषा के अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और सभी स्थानीय प्राधिकारी या भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण में अन्य प्राधिकारी शामिल हैं। यह व्यापक परिभाषा सुनिश्चित करती है कि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किसी भी सरकारी या सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा न हो।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 विधियों की असंगति को देखता है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।

प्रश्न 15: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ का क्या अर्थ है?

  1. संसद सदस्यों को प्राप्त व्यक्तिगत छूट।
  2. संसद और उसके सदस्यों को प्राप्त वे विशेष अधिकार और छूटें जो उन्हें अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से करने में सक्षम बनाती हैं।
  3. संसद को कानून बनाने की असीमित शक्ति।
  4. संसद द्वारा पारित विधेयकों पर राष्ट्रपति की अंतिम मुहर।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकार वे विशेष अधिकार, छूटें और प्रतिरक्षाएं हैं जो संसद और उसके सदस्यों को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्रदान की जाती हैं, ताकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन प्रभावी ढंग से कर सकें। ये अधिकार संविधान के अनुच्छेद 105 में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इन विशेषाधिकारों में सदन में या उसकी समितियों में कही गई किसी भी बात या दिए गए किसी भी मत के लिए किसी भी सदस्य के खिलाफ किसी भी कार्यवाही से उन्मुक्ति, और सदन के प्राधिकार के तहत प्रकाशित किसी भी रिपोर्ट, कागज, मतदान या कार्यवाही के संबंध में उन्मुक्ति शामिल है।
  • गलत विकल्प: ये केवल व्यक्तिगत छूटें नहीं हैं, बल्कि सामूहिक रूप से भी लागू होती हैं। यह असीमित शक्ति नहीं है, क्योंकि इसका उल्लंघन होने पर विशेषाधिकार समिति कार्रवाई करती है। यह राष्ट्रपति की मुहर से भिन्न है।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का तत्व किन विभिन्न रूपों में शामिल है?

  1. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
  2. केवल सामाजिक और राजनीतिक
  3. केवल आर्थिक और कानूनी
  4. सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का तत्व सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के रूप में सुनिश्चित किया गया है। यह रूस की क्रांति से प्रेरित है।
  • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है कि जाति, लिंग, धर्म आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और आय का समान वितरण। राजनीतिक न्याय का अर्थ है कि सभी नागरिकों को राजनीतिक मामलों में समान अवसर मिलेंगे।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना में धार्मिक न्याय का विशेष रूप से उल्लेख नहीं है, हालांकि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के तहत निहित है। विकल्प (b) और (c) न्याय के दायरे को सीमित करते हैं।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में रखने से रोकने के लिए जारी की जाती है?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. उत्प्रेषण (Certiorari)
  3. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  4. अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) वह रिट है जो किसी व्यक्ति को अवैध या अनौचित्यपूर्ण हिरासत से मुक्त कराने के लिए जारी की जाती है। यह व्यक्ति को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देती है। यह अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत जारी की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संवैधानिक उपाय है। यह रिट किसी भी नागरिक या व्यक्ति द्वारा अपने या किसी अन्य व्यक्ति के संबंध में दायर की जा सकती है।
  • गलत विकल्प: परमादेश किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है। उत्प्रेषण किसी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है। अधिकार पृच्छा किसी पद पर बने रहने के अधिकार की जांच करती है।

प्रश्न 18: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने वाला संशोधन कौन सा है?

  1. 72वां संशोधन अधिनियम, 1991
  2. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 80वां संशोधन अधिनियम, 2000

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992, जिसने पंचायती राज संस्थाओं को भारतीय संविधान के भाग IX के तहत संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और एक नया भाग IX-A जोड़ा। इसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज से संबंधित प्रावधान हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को संवैधानिक मान्यता दी, जिससे वे अधिक स्वायत्त और प्रभावी बन गईं। यह ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • गलत विकल्प: 72वां संशोधन किसी महत्वपूर्ण विषय से संबंधित नहीं है। 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं) से संबंधित है। 80वां संशोधन करों के वितरण से संबंधित है।

प्रश्न 19: भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. उनका निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा एक निर्वाचक मंडल के माध्यम से होता है।
  2. यह निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
  3. यह निर्वाचन गुप्त मतदान द्वारा होता है।
  4. उपराष्ट्रपति अपने पद पर रहते हुए किसी भी लाभ के पद पर नहीं हो सकता।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उपराष्ट्रपति का निर्वाचन अनुच्छेद 66 के तहत संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों (मनोनीत सदस्यों सहित) से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा होता है। यह निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है और इस रीति से आनुपातिक प्रतिनिधित्व के सिद्धांत के अनुसार गुप्त मतदान द्वारा होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति के विपरीत, उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्य विधानमंडलों के सदस्य भाग नहीं लेते हैं। यह उनके निर्वाचन की एक प्रमुख विशेषता है।
  • गलत विकल्प: कथन (a) गलत है क्योंकि इसमें केवल ‘सदस्यों’ का उल्लेख है, जबकि यह ‘सभी सदस्यों’ (मनोनीत सहित) का निर्वाचक मंडल है। हालांकि, प्रश्न के अन्य विकल्प (b, c, d) सही हैं। उपराष्ट्रपति के लिए लाभ के पद पर न होने की शर्त अनुच्छेद 66 (4) में है।

प्रश्न 20: आपातकालीन प्रावधानों का संबंध संविधान के किन अनुच्छेदों से है?

  1. अनुच्छेद 352, 356, 360
  2. अनुच्छेद 350, 351
  3. अनुच्छेद 343, 345
  4. अनुच्छेद 338, 339

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधानों का उल्लेख भाग XVIII में किया गया है, जिसमें अनुच्छेद 352 (राष्ट्रीय आपातकाल), अनुच्छेद 356 (राज्य आपातकाल या राष्ट्रपति शासन), और अनुच्छेद 360 (वित्तीय आपातकाल) शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 352 युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा से संबंधित है। अनुच्छेद 356 किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 350-351 राजभाषाओं से संबंधित हैं। अनुच्छेद 343-345 राजभाषाओं के संबंध में हैं। अनुच्छेद 338-339 अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित हैं।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणतंत्र’ शब्द का क्या अर्थ है?

  1. राज्य का मुखिया वंशानुगत होगा।
  2. राज्य का मुखिया अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित होगा।
  3. राज्य का मुखिया अप्रत्यक्ष रूप से संसद के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुना जाएगा।
  4. राज्य का मुखिया प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुना जाएगा।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणतंत्र’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (राष्ट्रपति) वंशानुगत नहीं होता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से या प्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। भारत के संदर्भ में, राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा चुने जाते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह राजशाही के विपरीत है। भारतीय गणतंत्र में, राज्य का सर्वोच्च अधिकारी, राष्ट्रपति, लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है, न कि जन्मसिद्ध अधिकार से।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) गणतंत्र के विपरीत राजशाही को दर्शाता है। विकल्प (d) प्रत्यक्ष लोकतंत्र को इंगित करता है, जो भारत में राष्ट्रपति के चुनाव के मामले में लागू नहीं होता। विकल्प (c) आंशिक रूप से सही हो सकता है, लेकिन ‘जनता द्वारा निर्वाचित’ शब्द अधिक व्यापक है क्योंकि अप्रत्यक्ष चुनाव भी जनता का ही प्रतिनिधित्व करता है।

प्रश्न 22: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित या निरस्त करने की शक्ति दी गई है?

  1. अनुच्छेद 33
  2. अनुच्छेद 34
  3. अनुच्छेद 35
  4. अनुच्छेद 36

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 33 संसद को यह शक्ति देता है कि वह सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, पुलिस बलों, खुफिया एजेंसियों और ऐसे अन्य बलों के सदस्यों के मौलिक अधिकारों को युक्तिसंगत सीमा तक प्रतिबंधित या निरस्त कर सकती है, ताकि वे अपने कर्तव्यों का उचित निर्वहन कर सकें और अनुशासन बनाए रख सकें।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखना है, भले ही इसके लिए कुछ नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सीमित करना पड़े।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 34 मार्शल लॉ लागू होने पर मौलिक अधिकारों पर निर्बंधन से संबंधित है। अनुच्छेद 35 मौलिक अधिकारों से संबंधित विधियों को प्रभावी करने के लिए संसद को शक्ति देता है। अनुच्छेद 36 नीति निदेशक तत्वों के संबंध में ‘राज्य’ की परिभाषा देता है।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा उच्चतम न्यायालय का मूल क्षेत्राधिकार (Original Jurisdiction) का मामला है?

  1. संसद द्वारा पारित किसी अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देना।
  2. राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश की संवैधानिकता को चुनौती देना।
  3. दो या अधिक राज्यों के बीच विवाद।
  4. किसी भी व्यक्ति द्वारा मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ अपील।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 131 उच्चतम न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार को परिभाषित करता है। इसके अनुसार, उच्चतम न्यायालय भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच, या भारत सरकार और किसी राज्य या राज्यों के बीच, या दो या अधिक राज्यों के बीच विवादों में मूल रूप से सुनवाई कर सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल क्षेत्राधिकार का अर्थ है कि इन मामलों में व्यक्ति सीधे उच्चतम न्यायालय जा सकता है, न कि किसी निचली अदालत से अपील करके। यह संघ और राज्यों के बीच या राज्यों के बीच संबंधों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: संसद द्वारा पारित अधिनियमों की संवैधानिकता को चुनौती देना, अध्यादेशों की संवैधानिकता को चुनौती देना, और मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ अपील करना, ये सभी उच्चतम न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार (Appellate Jurisdiction) या रिट क्षेत्राधिकार (Writ Jurisdiction – अनुच्छेद 32) के अंतर्गत आते हैं।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से किस वर्ष ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ (NHRC) की स्थापना की गई थी?

  1. 1990
  2. 1993
  3. 1995
  4. 2000

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की स्थापना 12 अक्टूबर, 1993 को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC एक प्रहरी संस्था है जो मानवाधिकारों की रक्षा करती है और उन्हें बढ़ावा देती है। यह भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत मौलिक अधिकारों या अंतर्राष्ट्रीय वाचाओं में निहित अधिकारों के उल्लंघन की जांच कर सकती है।
  • गलत विकल्प: आयोग की स्थापना 1993 में हुई थी, इसलिए अन्य वर्ष गलत हैं।

प्रश्न 25: भारतीय संविधान की ‘प्रस्तावना’ में संशोधन किया जा सकता है या नहीं? यदि हाँ, तो किस आधार पर?

  1. नहीं, प्रस्तावना संविधान का भाग नहीं है।
  2. हाँ, किसी भी संशोधन द्वारा, क्योंकि यह संविधान का भाग है।
  3. हाँ, लेकिन मूल संरचना (Basic Structure) को परिवर्तित किए बिना।
  4. हाँ, संसद साधारण बहुमत से कर सकती है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि प्रस्तावना संविधान का अभिन्न अंग है और इसमें संशोधन किया जा सकता है। हालांकि, यह संशोधन संविधान की ‘मूल संरचना’ के सिद्धांत के अधीन है, जिसे न्यायालय द्वारा बनाए रखा गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि संसद प्रस्तावना में ऐसे कोई संशोधन नहीं कर सकती जो प्रस्तावना के मूल तत्वों (जैसे संप्रभुता, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व) को नष्ट कर दें। 42वें संशोधन ने प्रस्तावना में संशोधन किया था।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना संविधान का भाग है (विकल्प a गलत)। संसद साधारण बहुमत से नहीं, बल्कि विशेष बहुमत से संशोधन कर सकती है, और वह भी मूल संरचना को बनाए रखते हुए (विकल्प b और d गलत)।

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