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संविधान की महारत हासिल करें: विशेष अभ्यास सत्र!

संविधान की महारत हासिल करें: विशेष अभ्यास सत्र!

प्रजातंत्र के इस जीवंत सफर में आपका स्वागत है! भारतीय संविधान सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि हमारी शासन व्यवस्था की आत्मा है। आज की इस प्रश्नोत्तरी में, हम आपके संवैधानिक ज्ञान की गहराई और अवधारणाओं की स्पष्टता को परखेंगे। आइए, अपनी तैयारी को धार दें और हर प्रश्न के साथ अपनी समझ को और मज़बूत करें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द को किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह भारतीय संविधान में अब तक का सबसे व्यापक संशोधन माना जाता है, जिसे ‘लघु-संविधान’ भी कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत को एक समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, और अखंड गणराज्य के रूप में स्थापित करना था। हालांकि, भारतीय संविधान में ‘समाजवाद’ की कोई विशिष्ट परिभाषा नहीं दी गई है, और सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में इसकी व्याख्या की है, जैसे कि बुनियादी ढांचे के सिद्धांत के तहत।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया और कुछ अन्य प्रावधानों को संशोधित किया। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी कानून (10वीं अनुसूची) से संबंधित है। 61वां संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  3. अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकार (अनुच्छेद 29)
  4. व्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 29 (भाग III) अल्पसंख्यकों के वर्गों को अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि और संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार प्रदान करता है। यह अधिकार केवल भारत के नागरिकों के लिए है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी सभी व्यक्तियों के लिए है, हालांकि यह सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) ऐसे अधिकार हैं जो भारतीय संविधान के तहत सभी व्यक्तियों को प्राप्त हैं, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

प्रश्न 3: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

  1. राष्ट्रपति मृत्युदंड को क्षमा कर सकते हैं।
  2. राष्ट्रपति सैन्य न्यायालयों द्वारा दी गई सजा को भी क्षमा कर सकते हैं।
  3. राष्ट्रपति केवल उन्हीं अपराधों के लिए क्षमादान दे सकते हैं जो संघ सूची के विषय हैं।
  4. राष्ट्रपति क्षमादान के लिए कोई विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति अनुच्छेद 72 में निहित है। इस शक्ति के तहत, राष्ट्रपति मृत्युदंड को क्षमा कर सकते हैं, दंड की अवधि को कम कर सकते हैं, या प्रकृति बदल सकते हैं। यह शक्ति सैन्य न्यायालयों के संदर्भ में भी लागू होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 72 स्पष्ट रूप से कहता है कि राष्ट्रपति संघ के कानून के विरुद्ध किसी अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड या दंडादेश का लघुकरण, या क्षमा, या परिहार या प्रविलंबन कर सकेंगे। हालांकि, यह शक्ति केवल संघ सूची के विषयों तक सीमित नहीं है; यह उन सभी मामलों पर लागू होती है जहां सजा या दंडादेश किसी ऐसे अपराध के लिए है, जिसका संबंध संघ की विधियों से है। सर्वोच्च न्यायालय ने ‘रघुबीर सिंह बनाम एस.哲’ (1990) मामले में स्पष्ट किया है कि राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति असीमित नहीं है और इसका दुरुपयोग नहीं किया जा सकता।
  • गलत विकल्प: विकल्प (c) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति केवल संघ सूची के विषयों तक सीमित नहीं है। राष्ट्रपति किसी भी अपराध के लिए दी गई सजा पर क्षमादान कर सकते हैं, चाहे वह संघ की विधि हो या राज्य की।

प्रश्न 4: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. वह भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं।
  2. उन्हें राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  3. वे संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं, लेकिन मतदान नहीं कर सकते।
  4. उपरोक्त सभी कथन सत्य हैं।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी के पद का प्रावधान करता है। वे भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 88 के अनुसार, महान्यायवादी को संसद के किसी भी सदन में या संसद की किसी भी संयुक्त बैठक में या संसद के किसी भी समिति जिसमें वह सदस्य हो, में बोलने का अधिकार है, परंतु वह किसी भी सदन में मत देने का अधिकारी नहीं होगा। यह उन्हें विधायी कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देता है।
  • गलत विकल्प: सभी दिए गए कथन (a), (b), और (c) भारत के महान्यायवादी के संबंध में सत्य हैं।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को उस पद पर कार्य करने से रोकती है जिसके लिए वह हकदार नहीं है?

  1. हेबियस कॉर्पस (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. प्रतिषेध (Prohibition)
  4. अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘आप किस अधिकार से?’। यह रिट किसी व्यक्ति को उस सार्वजनिक पद को धारण करने से रोकती है, जिसके लिए वह संवैधानिक या कानूनी रूप से पात्र नहीं है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस रिट का उद्देश्य सार्वजनिक पद के दुरुपयोग को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि पद केवल योग्य व्यक्तियों द्वारा ही धारण किया जाए।
  • गलत विकल्प: हेबियस कॉर्पस अवैध हिरासत से मुक्ति के लिए है। परमादेश किसी लोक अधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश है। प्रतिषेध किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए है।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का वर्णन किया गया है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत न्यायोचित नहीं हैं (non-justiciable), अर्थात इन्हें न्यायालयों द्वारा लागू नहीं किया जा सकता। हालांकि, ये देश के शासन में मूलभूत हैं और राज्य का यह कर्तव्य होगा कि कानून बनाने में इन सिद्धांतों को लागू करे। इन्हें आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका से संबंधित है।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी व्यवस्था भारत में एकात्मक (Unitary) शासन की विशेषता है?

  1. शक्तियों का स्पष्ट विभाजन
  2. दोहरी नागरिकता
  3. मज़बूत केंद्र
  4. लचीला संविधान

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में एक ‘अर्ध-संघीय’ (Quasi-Federal) व्यवस्था है, जो संघीय (Federal) और एकात्मक (Unitary) दोनों की विशेषताएं दर्शाती है। हालांकि, भारत में ‘मज़बूत केंद्र’ (Strong Centre) एक प्रमुख एकात्मक विशेषता है।
  • संदर्भ और विस्तार: एकात्मक शासन में, अधिकांश शक्तियाँ केंद्र सरकार में निहित होती हैं, और राज्य या क्षेत्रीय इकाइयाँ मुख्य रूप से केंद्र पर निर्भर होती हैं। भारत में, अनुच्छेद 250, 256, 263, 285, 312, 352, 356, 360 जैसे अनुच्छेद केंद्र को विशेष शक्तियाँ प्रदान करते हैं, जिससे केंद्र मज़बूत होता है।
  • गलत विकल्प: शक्तियों का स्पष्ट विभाजन (a) संघीय व्यवस्था की विशेषता है। दोहरी नागरिकता (b) अमेरिका जैसी संघीय व्यवस्था में पाई जाती है, भारत में एकल नागरिकता है। लचीला संविधान (d) एकात्मक या संघात्मक दोनों प्रकार के संविधानों में हो सकता है, लेकिन भारतीय संविधान की कठोरता और लचीलेपन का मिश्रण है।

प्रश्न 8: लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोक सभा अध्यक्ष
  4. राज्य सभा के सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) संसद की एक महत्वपूर्ण समिति है। इसके अध्यक्ष की नियुक्ति लोक सभा अध्यक्ष (Speaker) द्वारा की जाती है, और सामान्यतः यह पद विरोधी दल के किसी वरिष्ठ सदस्य को दिया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: PAC का मुख्य कार्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट की जांच करना है, जिसमें सरकारी व्यय और वित्तीय अनियमितताओं का विवरण होता है। इसका गठन 1919 के भारत सरकार अधिनियम के तहत हुआ था।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राज्य सभा के सभापति PAC अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं करते हैं।

प्रश्न 9: संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द क्या इंगित करता है?

  1. राज्य का प्रमुख निर्वाचित होता है।
  2. कार्यपालिका पूरी तरह से विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है।
  3. नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है।
  4. सभी नागरिक कानून के समक्ष समान हैं।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (जैसे भारत में राष्ट्रपति) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है, न कि वंशानुगत।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत में, राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा चुने जाते हैं। इसके विपरीत, राजशाही (Monarchy) में राज्य का प्रमुख वंशानुगत होता है। प्रस्तावना के अन्य तत्व जैसे लोकतंत्रीय, सामाजिक, पंथनिरपेक्ष, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व भी भारत की राजनीतिक व्यवस्था के महत्वपूर्ण पहलू हैं।
  • गलत विकल्प: (b) संसदीय व्यवस्था का हिस्सा है। (c) और (d) मौलिक अधिकारों से संबंधित हैं, न कि ‘गणराज्य’ शब्द की परिभाषा से।

प्रश्न 10: भारत में ‘कानून के शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा को किस देश के संविधान से प्रेरित होकर अपनाया गया है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन)
  3. कनाडा
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: ‘कानून का शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा को मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के संविधान से लिया गया है। भारत के संविधान में भी इस सिद्धांत को प्रमुखता दी गई है, विशेषकर अनुच्छेद 14 में।
  • संदर्भ और विस्तार: कानून का शासन सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति (शासक सहित) कानून से ऊपर नहीं है, कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है, और लोगों को निष्पक्ष न्याय मिलना चाहिए। यह भारत को एक संवैधानिक राजतंत्र के बजाय एक गणतंत्र के रूप में स्थापित करने का भी आधार है।
  • गलत विकल्प: अमेरिका से हमने मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, उपराष्ट्रपति का पद आदि लिए हैं। कनाडा से संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत लिया गया है। ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची और संयुक्त बैठक का प्रावधान लिया गया है।

प्रश्न 11: केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) के सदस्यों की नियुक्ति के लिए गठित समिति में कौन शामिल होता है?

  1. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और विपक्ष के नेता
  2. प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और गृह मंत्री
  3. गृह मंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश
  4. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) की स्थापना सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी। मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और सूचना आयुक्तों (ICs) की नियुक्ति एक समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इस समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा में विपक्ष के नेता, और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (प्रधानमंत्री द्वारा नामित) शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह समिति यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती है कि आयोग में नियुक्त व्यक्ति निष्पक्ष और सक्षम हों।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b), (c) और (d) में उल्लिखित सदस्य संरचना सही नहीं है। मुख्य न्यायाधीश या लोकसभा अध्यक्ष इस समिति के सदस्य नहीं होते हैं।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure) के सिद्धांत का प्रतिपादन किया?

  1. शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ (1951)
  2. सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य (1965)
  3. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
  4. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: 1973 के केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि संसद संविधान के किसी भी भाग में, जिसमें मौलिक अधिकार भी शामिल हैं, संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान की ‘मूल संरचना’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती।
  • संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति पर अंकुश लगाया और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखा। मूल संरचना में न्यायपालिका की स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, संसद की विधायी शक्ति, गणराज्य स्वरूप आदि शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: शंकर प्रसाद, सज्जन सिंह और गोलकनाथ मामलों में न्यायालय ने क्रमशः अनुच्छेद 368 के तहत संसद की संशोधन शक्ति को बनाए रखा था, लेकिन केशवानंद भारती मामले में इस शक्ति को मूल संरचना के अधीन कर दिया गया।

प्रश्न 13: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में निम्नलिखित में से कौन भाग नहीं लेता है?

  1. लोक सभा के निर्वाचित सदस्य
  2. राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य
  3. दिल्ली और पुडुचेरी के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
  4. राज्य विधान परिषदों के सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 54 के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोक सभा और राज्य सभा) के निर्वाचित सदस्यों तथा राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों से बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। 70वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा दिल्ली और पुडुचेरी (अब पुद्दुचेरी) के संघ राज्य क्षेत्रों की विधान सभाओं के सदस्यों को भी निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रकार, राज्य विधान परिषदों (Legislative Councils) के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) में उल्लिखित सभी सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं।

प्रश्न 14: भारत में अंतर-राज्यीय परिषद् (Inter-State Council) का गठन कौन करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राष्ट्रपति
  3. गृह मंत्री
  4. राज्य सभा के सभापति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 263 के अनुसार, यदि किसी भी समय राष्ट्रपति को यह प्रतीत होता है कि जनहित में ऐसी परिषद् की स्थापना या संगठन करना उपयोगी होगा, तो वह ऐसी परिषद् की स्थापना कर सकते हैं। वर्तमान में, अंतर-राज्यीय परिषद् का गठन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अंतर-राज्यीय परिषद् राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने और केंद्र-राज्य संबंधों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से गठित की जाती है। प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं, लेकिन इसका गठन राष्ट्रपति करते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री पदेन अध्यक्ष होते हैं, लेकिन गठन राष्ट्रपति की शक्ति है। गृह मंत्री या राज्य सभा के सभापति द्वारा इसका गठन नहीं किया जाता।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) का उदाहरण है?

  1. आयकर (Income Tax)
  2. निगम कर (Corporate Tax)
  3. वस्तु एवं सेवा कर (GST)
  4. पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: अप्रत्यक्ष कर वे कर होते हैं जिनका भार अंततः किसी दूसरे व्यक्ति पर डाल दिया जाता है, जैसे कि जीएसटी। प्रत्यक्ष कर वे कर होते हैं जिनका भार उसी व्यक्ति पर पड़ता है, जिसे वे अदा करने होते हैं, जैसे आयकर।
  • संदर्भ और विस्तार: वस्तु एवं सेवा कर (GST) एक उपभोग-आधारित कर है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, बिक्री और उपभोग पर लगाया जाता है। कर का अंतिम भार उपभोक्ता पर पड़ता है, जबकि इसे व्यवसाय अपने माध्यम से सरकार को जमा करते हैं।
  • गलत विकल्प: आयकर, निगम कर, और पूंजीगत लाभ कर सभी प्रत्यक्ष कर हैं क्योंकि इनका भार सीधे व्यक्ति या कंपनी पर पड़ता है।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा ______ के अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 352 के तहत की जाती है। यह युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू किया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है, जबकि अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 उन प्रावधानों से संबंधित है जिनके तहत राज्य सरकारें केंद्र के निर्देशों का पालन करने में विफल रहती हैं, जिससे राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 और 360 क्रमशः राज्य आपातकाल और वित्तीय आपातकाल से संबंधित हैं, राष्ट्रीय आपातकाल से नहीं।

प्रश्न 17: पंचायती राज संस्थानों (PRIs) को संवैधानिक दर्जा निम्नलिखित में से किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थानों (PRIs) को भारतीय संविधान में एक नया भाग (भाग IX) और एक नई अनुसूची (11वीं अनुसूची) जोड़कर संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को स्व-शासन की एक इकाई के रूप में स्थापित किया, जिसमें 29 विषयों पर उन्हें कार्य करने की शक्ति और जवाबदेही दी गई। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को मजबूत करना था।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन विधेयक पंचायती राज से संबंधित थे लेकिन वे पारित नहीं हो सके थे।

प्रश्न 18: भारत के संविधान का कौन सा अनुच्छेद अस्पृश्यता (Untouchability) के उन्मूलन से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 16
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 18

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 कहता है कि ‘अस्पृश्यता’ को समाप्त कर दिया गया है और किसी भी रूप में इसका अभ्यास वर्जित है। अस्पृश्यता से उपजी किसी भी विकलांगता को लागू करना कानून द्वारा दंडनीय होगा।
  • संदर्भ और विस्तार: संसद ने अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 (बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955) पारित किया ताकि इस अनुच्छेद को प्रभावी बनाया जा सके। यह भारतीय समाज से एक ऐतिहासिक बुराई को मिटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता प्रदान करता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत से संबंधित है।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सी संसदीय समिति ‘लोक लेखा समिति’ (PAC) के समान कार्य करती है, लेकिन लोक उपक्रमों (Public Undertakings) की जांच करती है?

  1. सरकारी आश्वासन समिति (Committee on Government Assurances)
  2. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
  3. लोक उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
  4. तदर्थ समितियां (Ad Hoc Committees)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: लोक उपक्रम समिति (COPU) का गठन 1964 में किया गया था। इसका मुख्य कार्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) की रिपोर्ट और खातों की जांच करना है, ठीक वैसे ही जैसे लोक लेखा समिति (PAC) सरकारी विभाग के खातों की जांच करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: COPU की स्थापना कृष्णा मेनन समिति की सिफारिश पर हुई थी। यह समिति PSUs के प्रदर्शन, दक्षता और वित्तीय प्रबंधन पर रिपोर्ट करती है।
  • गलत विकल्प: प्राक्कलन समिति व्यय की अर्थव्यवस्था और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करती है। सरकारी आश्वासन समिति सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के कार्यान्वयन की निगरानी करती है। तदर्थ समितियां विशेष उद्देश्यों के लिए गठित की जाती हैं।

प्रश्न 20: भारत में ‘संसदीय सम्प्रभुता’ (Parliamentary Sovereignty) का सिद्धांत किस हद तक लागू होता है?

  1. संसद कोई भी कानून बना सकती है, भले ही वह संविधान के विरुद्ध हो।
  2. संसद द्वारा बनाए गए कानूनों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती।
  3. संसद संविधान के मूल ढांचे को छोड़कर कोई भी संशोधन कर सकती है।
  4. संसद संविधान में संशोधन नहीं कर सकती।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान ब्रिटेन की तरह पूर्ण संसदीय सम्प्रभुता को स्वीकार नहीं करता है। भारत में, संसद द्वारा बनाए गए कानूनों की न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) की जा सकती है। हालांकि, केशवानंद भारती मामले (1973) के बाद, संसद की संशोधन शक्ति को संविधान के ‘मूल ढांचे’ (Basic Structure) तक सीमित कर दिया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि संसद किसी भी ऐसे कानून में संशोधन कर सकती है जो संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन न करे। लेकिन, वह मूल संरचना को बदल नहीं सकती।
  • गलत विकल्प: (a) और (b) गलत हैं क्योंकि संसद की शक्ति संविधान द्वारा सीमित है और कानूनों की न्यायिक समीक्षा हो सकती है। (d) भी गलत है क्योंकि संसद संशोधन कर सकती है, लेकिन मूल ढांचे को छोड़कर।

प्रश्न 21: यदि कोई व्यक्ति अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के संबंध में सीधे सर्वोच्च न्यायालय जा सकता है, तो वह किस अनुच्छेद के तहत ऐसा कर सकता है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 19
  3. अनुच्छेद 32
  4. अनुच्छेद 226

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 (‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’) भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण अनुच्छेद है। यह मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। इसे ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ भी कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय पांच प्रकार की रिट जारी कर सकता है: हेबियस कॉर्पस, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृच्छा और उत्प्रेषण (Certiorari)।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 और 19 मौलिक अधिकार हैं, जबकि अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को ऐसी ही रिट जारी करने की शक्ति देता है (अनुच्छेद 32 सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित है)।

प्रश्न 22: किस वर्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ (Complete Independence) का प्रस्ताव पारित किया?

  1. 1929
  2. 1930
  3. 1931
  4. 1935

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दिसंबर 1929 में लाहौर अधिवेशन में पं. जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में ‘पूर्ण स्वराज’ का लक्ष्य घोषित किया और 26 जनवरी, 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नया मोड़ दिया, जहां डोमिनियन स्टेटस के बजाय पूर्ण स्वतंत्रता को मुख्य उद्देश्य बनाया गया।
  • गलत विकल्प: 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ। 1931 में कराची अधिवेशन हुआ जिसमें मौलिक अधिकारों का एक प्रस्ताव पारित हुआ। 1935 का भारत सरकार अधिनियम ब्रिटिश सरकार द्वारा पारित किया गया था।

प्रश्न 23: वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) की घोषणा _____ के अनुच्छेद के तहत की जाती है, और यह अधिकतम ______ तक लागू रह सकती है जब तक कि संसद द्वारा इसका अनुमोदन न किया जाए?

  1. अनुच्छेद 360, 6 महीने
  2. अनुच्छेद 356, 1 वर्ष
  3. अनुच्छेद 352, 3 महीने
  4. अनुच्छेद 365, 6 महीने

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: वित्तीय आपातकाल की घोषणा अनुच्छेद 360 के तहत की जाती है। इस घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा दो महीने की अवधि के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। यदि संसद द्वारा अनुमोदित हो जाती है, तो यह 6 महीने तक प्रभावी रहती है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 360 में कहा गया है कि यदि राष्ट्रपति संतुष्ट हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें भारत या उसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता या साख खतरे में है, तो वे घोषणा कर सकते हैं। हालांकि, आज तक भारत में कभी भी वित्तीय आपातकाल नहीं लगाया गया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 और 352 क्रमशः राज्य आपातकाल और राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित हैं, जिनकी अवधि और अनुमोदन प्रक्रियाएं भिन्न हैं।

प्रश्न 24: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सत्य है?

  1. उनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  2. वे मुख्य रूप से संघ सरकार के खातों का ऑडिट करते हैं।
  3. वे संसद के विशेषाधिकारों के तहत कार्य करते हैं।
  4. उपरोक्त सभी कथन सत्य हैं।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के समेकित निधि, लोक उधार और खातों की जांच करता है, और संघ और राज्यों के ऑडिट से संबंधित अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति और संबंधित राज्यों के राज्यपालों को सौंपता है। वे संघ सरकार के खातों के साथ-साथ राज्य सरकारों के खातों का भी ऑडिट करते हैं। हालांकि, वे संसद के विशेषाधिकार के तहत नहीं, बल्कि सीधे संविधान के तहत कार्य करते हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b) आंशिक रूप से सही है लेकिन अधूरा है क्योंकि CAG राज्य खातों का भी ऑडिट करता है। विकल्प (c) गलत है क्योंकि CAG की स्वतंत्रता सीधे संविधान द्वारा सुनिश्चित की जाती है, न कि संसद के विशेषाधिकारों द्वारा। इसलिए, केवल (a) सत्य है।

प्रश्न 25: धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28) ______. (सही विकल्प चुनें)

  1. केवल नागरिकों को प्राप्त है।
  2. सभी व्यक्तियों को प्राप्त है, लेकिन सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन है।
  3. केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्राप्त है।
  4. केवल उस व्यक्ति को प्राप्त है जो भारत का नागरिक है और किसी धर्म का पालन करता है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 ‘सभी व्यक्तियों’ को अंतःकरण की स्वतंत्रता और किसी भी धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने का अधिकार देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध है, लेकिन यह सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, स्वास्थ्य और भारतीय संविधान के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के अधीन है। उदाहरण के लिए, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए धार्मिक प्रथाओं पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
  • गलत विकल्प: यह अधिकार केवल नागरिकों (d) या केवल अल्पसंख्यकों (c) तक सीमित नहीं है। यह सभी व्यक्तियों के लिए है, बशर्ते वे उचित प्रतिबंधों के अधीन हों।

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