संविधान की परख: रोज़ाना 25 प्रश्न, गहरी समझ के साथ
नमस्कार, भावी अधिकारियों! भारतीय लोकतंत्र की नींव को समझना और अपनी संवैधानिक समझ को लगातार निखारना, सफलता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। क्या आप अपनी पॉलिटी की तैयारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इस गहन अभ्यास सत्र में अपनी अवधारणाओं को परखें और विस्तृत स्पष्टीकरणों से अपनी पकड़ मजबूत करें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़े गए?
- 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’ (Socialist) और ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। यह संशोधन तत्कालीन सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल (1975-77) के दौरान पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने प्रस्तावना में ‘अखंडता’ (Integrity) शब्द को भी ‘राष्ट्र की एकता’ (Unity of the Nation) के स्थान पर जोड़ा। प्रस्तावना को संविधान का हिस्सा माना जाता है, और इसमें संशोधन किया जा सकता है, जैसा कि केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया था, बशर्ते कि मूल संरचना (Basic Structure) को कोई नुकसान न पहुंचे।
- गलत विकल्प: 24वां संशोधन राष्ट्रपति की संशोधन शक्ति की पुष्टि करता है। 44वां संशोधन आपातकाल के उपबंधों में परिवर्तन करता है। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में शामिल नहीं है?
- काम का अधिकार
- अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी से सुरक्षा का अधिकार
- विदेशी यात्रा का अधिकार
- नग्न होकर सार्वजनिक स्थानों से गुजरने का अधिकार
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा की गारंटी देता है, एक व्यापक अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों के माध्यम से इसमें कई अधिकारों को शामिल किया है। ‘नग्न होकर सार्वजनिक स्थानों से गुजरने का अधिकार’ इसमें शामिल नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय ने मेनका गांधी मामले (1978) में अनुच्छेद 21 की व्याख्या का विस्तार किया। इसके तहत अब काम का अधिकार (Surya Narayana Yadav v. State of Rajasthan, 1980), विदेशी यात्रा का अधिकार (Maneka Gandhi v. Union of India, 1978), और अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी से सुरक्षा (DK Basu v. State of West Bengal, 1997) जैसे अधिकार शामिल हैं। ‘नग्न होकर सार्वजनिक स्थानों से गुजरने का अधिकार’ निजता या गरिमा के उल्लंघन के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन यह प्रत्यक्ष रूप से जीवन/व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में शामिल नहीं है, बल्कि यह अन्य अनुच्छेदों (जैसे अनुच्छेद 14, 19) की व्याख्याओं से भिन्न हो सकता है।
- गलत विकल्प: काम का अधिकार (अनुच्छेद 41, DPSP में भी है), विदेशी यात्रा का अधिकार (मेनका गांधी मामला), और अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी से सुरक्षा (अनुच्छेद 22) स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित हैं।
प्रश्न 3: भारत के उपराष्ट्रपति के पद के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
- वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है।
- उसका निर्वाचन एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के केवल निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- उपराष्ट्रपति के पद के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 64 कहता है कि उपराष्ट्रपति, राज्यसभा का पदेन सभापति (Ex-officio Chairman) होगा। यह उपराष्ट्रपति पद की मुख्य भूमिकाओं में से एक है।
- संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति को संबोधित करके त्यागपत्र देता है (अनुच्छेद 67)। उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण नहीं करता, बल्कि उसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, जब तक कि वह राज्यसभा द्वारा बहुमत से पद से हटा न दिया जाए (साथ ही लोक सभा की सहमति आवश्यक है)। उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों (निर्वाचित और मनोनीत) द्वारा एक एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के माध्यम से होता है (अनुच्छेद 66)। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के लिए न्यूनतम आयु 35 वर्ष है।
- गलत विकल्प: (b) गलत है क्योंकि वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण नहीं करता। (c) गलत है क्योंकि निर्वाचन मंडल में संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) शामिल होते हैं। (d) गलत है क्योंकि न्यूनतम आयु 35 वर्ष है।
प्रश्न 4: किसी राज्य विधानमंडल के सदनों के सत्रावसान (Prorogation) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- सत्रावसान का अधिकार राज्यपाल को होता है।
- सत्रावसान केवल एक सत्र को समाप्त करता है, लेकिन सदन को भंग नहीं करता।
- सत्रावसान के बाद, लंबित विधेयक, मोशन या नोटिस समाप्त हो जाते हैं।
- सत्रावसान का निर्णय सदन का अध्यक्ष/सभापति लेता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: सत्रावसान (Prorogation) का अर्थ है किसी सत्र को समाप्त करना। यह राज्यपाल (राज्य विधानमंडल के लिए) या राष्ट्रपति (संसद के लिए) द्वारा किया जाता है, जो सदन को भंग नहीं करता।
- संदर्भ और विस्तार: सत्रावसान के बाद, सत्र के दौरान लंबित सभी कार्य, जैसे विधेयक, प्रस्ताव, या नोटिस, समाप्त नहीं होते हैं (जैसा कि विकल्प (c) में कहा गया है, यह गलत है)। सत्रावसान के बाद, नया सत्र शुरू करने के लिए राज्यपाल/राष्ट्रपति को नई सूचना जारी करनी पड़ती है। सत्रावसान का निर्णय विधायिका का पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष/सभापति) नहीं, बल्कि कार्यकारी (राज्यपाल/राष्ट्रपति) लेता है, हालांकि यह मंत्रिमंडल की सलाह पर होता है।
- गलत विकल्प: (a) सही है कि राज्यपाल ही सत्रावसान करता है, लेकिन प्रश्न सत्य कथन के बारे में है और (b) एक मौलिक अंतर को स्पष्ट करता है। (c) गलत है क्योंकि सत्रावसान से विधेयक आदि समाप्त नहीं होते, वे केवल अगली बैठक तक लंबित रहते हैं। (d) गलत है क्योंकि यह निर्णय राज्यपाल/राष्ट्रपति का होता है। (b) सत्रावसान के प्रभाव को सही ढंग से बताता है कि यह सत्र समाप्त करता है, सदन को भंग नहीं करता।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान के अनुसार, न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) का आधार क्या है?
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 226
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में प्रत्यक्ष रूप से ‘न्यायिक समीक्षा’ शब्द का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसकी शक्ति विभिन्न अनुच्छेदों से प्राप्त होती है। अनुच्छेद 13 न्यायिक समीक्षा का आधार है क्योंकि यह घोषित करता है कि इस संविधान के प्रावधानों के असंगत या उनका उल्लंघन करने वाले कानून शून्य होंगे। अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति) सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को क्रमशः नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लागू करने और अन्य कानूनी उद्देश्यों के लिए न्यायिक समीक्षा करने की शक्ति प्रदान करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायिक समीक्षा वह शक्ति है जिसके द्वारा न्यायपालिका, विधायिका द्वारा पारित कानूनों और कार्यपालिका द्वारा किए गए कार्यों की संवैधानिकता की जांच करती है। यदि कोई कानून या कार्य संविधान के प्रतिकूल पाया जाता है, तो उसे असंवैधानिक घोषित किया जा सकता है। भारतीय संविधान की मूल संरचना का हिस्सा होने के नाते, न्यायिक समीक्षा को समाप्त या प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।
- गलत विकल्प: चूंकि तीनों ही अनुच्छेद न्यायिक समीक्षा की शक्ति के स्रोत हैं, इसलिए केवल एक को चुनना गलत होगा।
प्रश्न 6: केंद्र-राज्य संबंधों के संदर्भ में, ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति किसके पास है?
- केवल संसद
- केवल राज्य विधानमंडल
- संसद और राज्य विधानमंडल दोनों
- सर्वोच्च न्यायालय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची (Concurrent List) के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति केंद्र (संसद) और राज्य विधानमंडल दोनों के पास है। अनुच्छेद 246 इस विषय की व्याख्या करता है।
- संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची में ऐसे विषय शामिल हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं। हालांकि, यदि किसी विषय पर संसद और राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए कानून में कोई विरोध हो, तो संसद द्वारा बनाया गया कानून प्रभावी होगा। यह केंद्र को मजबूत बनाने की ओर एक झुकाव दर्शाता है, जैसा कि संघवाद के प्रावधानों में निहित है।
- गलत विकल्प: केवल संसद या केवल राज्य विधानमंडल कानून नहीं बना सकते। सर्वोच्च न्यायालय कानूनों की व्याख्या करता है, न कि बनाता है।
प्रश्न 7: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा का अध्यक्ष
- राज्यसभा का सभापति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India – CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के लेखा-जोखा की जांच करने वाली एक स्वतंत्र संस्था है। यह भारत की संचित निधि और राज्य की संचित निधियों से किए गए व्यय की ऑडिट करता है। CAG को संसद के दोनों सदनों द्वारा महाभियोग की प्रक्रिया के समान प्रक्रिया द्वारा ही पद से हटाया जा सकता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा सभापति की CAG की नियुक्ति में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है।
प्रश्न 8: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा निकाय सिफारिश करता है?
- केवल प्रधानमंत्री
- प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, और लोकसभा/राज्यसभा के विपक्ष के नेता
- प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा विपक्ष के नेता, राज्यसभा के उपसभापति और राज्यसभा विपक्ष के नेता
- राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाली एक समिति जिसमें सभी कैबिनेट मंत्री शामिल हों
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और संबंधित अधिनियम: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (Protection of Human Rights Act, 1993) के तहत, NHRC के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इस समिति में प्रधान मंत्री (अध्यक्ष), गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष का नेता, राज्यसभा के उपसभापति और राज्यसभा में विपक्ष का नेता शामिल होता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस समिति का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि NHRC के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन विभिन्न राजनीतिक विचारों और विशेषज्ञता वाले लोगों द्वारा किया जाए, ताकि आयोग की निष्पक्षता और स्वतंत्रता बनी रहे।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प समिति की संरचना का सही प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
प्रश्न 9: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) के लिए प्रावधान हैं, और नौवीं अनुसूची में ग्राम पंचायत से संबंधित 29 विषय शामिल किए गए। यह अनुच्छेद 243 से 243 O तक है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को अधिक शक्तियाँ और स्वायत्तता प्रदान करना था, जिससे वे स्थानीय स्वशासन की प्रभावी इकाइयाँ बन सकें। 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वां और 65वां संशोधन पंचायती राज और नगर पालिकाओं से संबंधित थे लेकिन पारित नहीं हुए।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी निकायों से है। 64वें और 65वें संशोधन प्रस्ताव तत्कालीन सरकारें लेकर आईं थीं, लेकिन वे संसद से पारित होकर कानून नहीं बन पाए।
प्रश्न 10: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) का प्रावधान भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 280
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 में है। यह आपातकाल युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर लगाया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 356 राज्य में राष्ट्रपति शासन से संबंधित है, और अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 280 वित्त आयोग के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल की लिखित सलाह पर की जाती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 (राज्य आपातकाल), अनुच्छेद 360 (वित्तीय आपातकाल) और अनुच्छेद 280 (वित्त आयोग) आपातकाल से भिन्न मुद्दे हैं।
प्रश्न 11: भारत के संविधान में ‘मौलिक अधिकार’ (Fundamental Rights) किस भाग में वर्णित हैं?
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग III में अनुच्छेद 12 से 35 तक मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक अधिकार नागरिकों को राज्य के मनमाने और अनियंत्रित शासन से सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये अधिकार भारतीय नागरिकों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक माने जाते हैं। इनमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार, और संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल हैं।
- गलत विकल्प: भाग II नागरिकता से, भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से, और भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति के संबंध में सत्य है?
- वह किसी भी समय अध्यादेश जारी कर सकता है।
- अध्यादेश केवल तभी जारी किया जा सकता है जब संसद का कोई एक सदन सत्र में न हो।
- अध्यादेश की शक्ति, संसद द्वारा बनाए गए कानून के समान है।
- अध्यादेश की वैधता अनिश्चित काल तक बनी रहती है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान करता है। यह अध्यादेश तभी जारी किया जा सकता है जब संसद के दोनों सदन सत्र में न हों, या जब केवल एक सदन सत्र में हो। अध्यादेश की शक्ति विधायी शक्ति के समान है।
- संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश का प्रभाव संसद के अधिनियम के समान होता है, लेकिन यह अस्थायी होता है। इसे संसद के सत्र शुरू होने के छह सप्ताह के भीतर दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होना आवश्यक है, अन्यथा यह उस अवधि के बाद अप्रवर्तनीय हो जाता है। यह राष्ट्रपति की विधायी शक्ति का एक अस्थायी प्रयोग है, जिसका उद्देश्य सरकारी कार्य को जारी रखना है जब विधायिका सत्र में न हो।
- गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि यह केवल तब जारी किया जा सकता है जब संसद सत्र में न हो। (b) गलत है क्योंकि यह तब भी जारी हो सकता है जब केवल एक सदन सत्र में हो, या दोनों सत्र में न हों। (d) गलत है क्योंकि इसकी वैधता सीमित होती है और इसे संसद के अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी बरोबरी (Writ) का अर्थ है ‘हमें यह सूचित करने का आदेश देना’?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘उत्प्रेषण’ (Certiorari) लैटिन में ‘सूचित करने का आदेश देना’ या ‘प्रमाणित करना’ का अर्थ रखता है। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय या किसी अन्य प्राधिकरण को किसी मामले को अपने पास भेजने और अपने निर्णय की समीक्षा करने का आदेश है।
- संदर्भ और विस्तार: उत्प्रेषण का प्रयोग तब किया जाता है जब निम्न न्यायालय ने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया हो या अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने में गलती की हो। बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’, परमादेश (Mandamus) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’, और प्रतिषेध (Prohibition) का अर्थ है ‘रोकना’।
- गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण अवैध हिरासत से मुक्ति के लिए है, परमादेश किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है, और प्रतिषेध निम्न न्यायालय को आगे की कार्रवाई से रोकने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 14: भारत में ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का उन्मूलन किस मौलिक अधिकार के तहत किया गया है?
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत ‘अस्पृश्यता’ का उन्मूलन किया गया है, जो समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14-18) का हिस्सा है। यह अनुच्छेद अस्पृश्यता को समाप्त करता है और इसके किसी भी रूप को निषिद्ध करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 17 के प्रावधान को प्रभावी बनाने के लिए, संसद ने ‘अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955’ पारित किया, जिसे बाद में ‘नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955’ के रूप में संशोधित किया गया। यह अधिकार केवल नागरिकों को ही नहीं, बल्कि सभी व्यक्तियों को उपलब्ध है।
- गलत विकल्प: अन्य अधिकार छुआछूत से सीधे संबंधित नहीं हैं। स्वतंत्रता का अधिकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता, भाषण की स्वतंत्रता आदि से संबंधित है। शोषण के विरुद्ध अधिकार मानव तस्करी और जबरन श्रम से संबंधित है। धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार धार्मिक आचरण की स्वतंत्रता से संबंधित है।
प्रश्न 15: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) को भारतीय संविधान के किस भाग में शामिल किया गया है?
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) को भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP का उद्देश्य भारत में सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है। ये ऐसे सिद्धांत हैं जो राज्य को कानून बनाते समय ध्यान में रखने चाहिए, लेकिन ये किसी भी न्यायालय में प्रवर्तनीय (enforceable) नहीं होते हैं, जैसा कि अनुच्छेद 37 में कहा गया है। इनमें समान कार्य के लिए समान वेतन, काम का अधिकार, शिक्षा का अधिकार (हालांकि यह अब मौलिक अधिकार भी है), और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं।
- गलत विकल्प: भाग II नागरिकता से, भाग III मौलिक अधिकारों से, और भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है।
प्रश्न 16: भारतीय संसद का अंकन (Composition) किस देश के मॉडल से प्रभावित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- यूनाइटेड किंगडम
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और संदर्भ: भारतीय संसद की द्विसदनीय प्रणाली (लोकसभा और राज्यसभा) और संसदीय सरकार की व्यवस्था का मॉडल मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटिश संसदीय प्रणाली) से प्रभावित है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में भी ब्रिटेन की तरह एक नाममात्र का राष्ट्राध्यक्ष (राष्ट्रपति) और एक वास्तविक कार्यकारी (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) है। लोकसभा को प्रतिनिधि सभा के रूप में और राज्यसभा को परिषद के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, भारतीय संसद की कुछ विशिष्ट विशेषताएं भी हैं, जैसे कि भारत की महासंघी प्रकृति को देखते हुए राज्यसभा की शक्तियाँ, जो ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स से भिन्न हैं।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रणाली अध्यक्षात्मक है, न कि संसदीय। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की प्रणालियाँ भी संसदीय हैं, लेकिन भारत पर यूके का प्रभाव सबसे प्रत्यक्ष और गहरा है।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- चुनाव आयोग (Election Commission of India)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक ‘कार्यकारी आदेश’ (Executive Order) द्वारा गठित किया गया एक गैर-संवैधानिक निकाय है, जिसे 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर लाया गया। इसका कोई विशेष संवैधानिक अनुच्छेद नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिनके गठन, शक्तियां और कार्य संविधान में स्पष्ट रूप से परिभाषित हैं।
- गलत विकल्प: चुनाव आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और वित्त आयोग तीनों संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनके प्रावधान संविधान में दिए गए हैं।
प्रश्न 18: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री को मिलाकर बने ‘त्रिकूट’ (Triumvirate) में, राष्ट्रपति की स्थिति क्या है?
- राज्य का प्रमुख (Head of State)
- सरकार का प्रमुख (Head of Government)
- दोनों (a) और (b)
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार, भारत का एक राष्ट्रपति होगा। राष्ट्रपति भारत गणराज्य का प्रमुख (Head of State) होता है।
- संदर्भ और विस्तार: सरकार का प्रमुख (Head of Government) प्रधानमंत्री होता है (अनुच्छेद 74, 75)। राष्ट्रपति की भूमिका मुख्य रूप से औपचारिक और प्रतीकात्मक होती है, जबकि वास्तविक कार्यकारी शक्ति प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के पास होती है। राष्ट्रपति की स्थिति संवैधानिक प्रधान की है।
- गलत विकल्प: (b) गलत है क्योंकि सरकार का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है। (c) गलत है क्योंकि वह केवल राज्य का प्रमुख होता है, सरकार का नहीं।
प्रश्न 19: मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) को भारतीय संविधान में किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51A के तहत जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: ये कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्र के प्रति उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं, जैसे संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना, भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना, आदि। इन कर्तव्यों को सोवियत संघ के संविधान से प्रेरणा लेकर जोड़ा गया था, और इसकी सिफारिश स्वर्ण सिंह समिति ने की थी।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन आपातकाल और संपत्ति के अधिकार से संबंधित है। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी कानून से है। 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति’ (Pardoning Power of the President) के बारे में सत्य है?
- यह शक्ति अनुच्छेद 72 के तहत दी गई है।
- इसमें मृत्युदंड को कम करना (Commutation) शामिल है।
- यह पूर्ण क्षमा (Absolute Pardon) भी प्रदान कर सकता है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को क्षमादान की शक्तियाँ प्रदान करता है, जिसमें क्षमा (Pardon), लघुकरण (Commutation), विराम (Reprieve), प्रविलंबन (Respite) और परिहार (Remission) शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति इन शक्तियों का प्रयोग केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर करता है। वह मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल सकता है (लघुकरण), सजा की प्रकृति को कम कर सकता है, या सजा को कुछ समय के लिए टाल सकता है (विराम/प्रविलंबन)। पूर्ण क्षमा (Absolute Pardon) में दोषसिद्धि और सजा दोनों को हटा दिया जाता है।
- गलत विकल्प: सभी कथन अनुच्छेद 72 और राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्तियों के तहत वर्णित शक्तियों के बारे में सत्य हैं।
प्रश्न 21: भारत में ‘अविश्वास प्रस्ताव’ (No Confidence Motion) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- इसे केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है।
- इसके लिए कोई विशेष कारण बताने की आवश्यकता नहीं है।
- यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और नियम संदर्भ: भारत में अविश्वास प्रस्ताव को केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है, क्योंकि सरकार लोकसभा के प्रति जवाबदेह होती है। इसके लिए किसी विशेष कारण बताने की आवश्यकता नहीं होती है, और यदि यह पारित हो जाता है, तो सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 118 और लोकसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों (Rules of Procedure and Conduct of Business in Lok Sabha) के नियम 198 के तहत उल्लिखित है।
- संदर्भ और विस्तार: अविश्वास प्रस्ताव सरकार को सदन के बहुमत के समर्थन का प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए मजबूर करता है। यह संसदीय प्रणाली में मंत्रिपरिषद की जवाबदेही सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
- गलत विकल्प: तीनों ही कथन अविश्वास प्रस्ताव की प्रकृति और प्रक्रिया के बारे में सत्य हैं।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा प्रावधान भारतीय संघवाद (Federalism) की विशेषता है?
- लिखित और कठोर संविधान
- शक्तियों का विभाजन
- स्वतंत्र न्यायपालिका
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संघवाद की प्रमुख विशेषताएं हैं: एक लिखित और कठोर संविधान (जो केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन करता है, जैसे कि सातवीं अनुसूची में), शक्तियों का विभाजन (केंद्र और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों का बँटवारा), और एक स्वतंत्र न्यायपालिका जो संविधान की व्याख्या करती है और केंद्र-राज्यों के विवादों का निपटारा करती है। ये सभी विशेषताएं अनुच्छेद 246 (शक्तियों का विभाजन), अनुच्छेद 131 (सर्वोच्च न्यायालय का मूल अधिकार क्षेत्र) आदि में निहित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संघवाद को ‘एकात्मक झुकाव वाला संघवाद’ (Federalism with a strong unitary bias) कहा जाता है, क्योंकि इसमें कुछ एकात्मक विशेषताएं भी हैं। हालांकि, लिखित संविधान, शक्तियों का विभाजन और स्वतंत्र न्यायपालिका संघवाद के मूल तत्व हैं।
- गलत विकल्प: तीनों ही भारतीय संघवाद की मूलभूत विशेषताएँ हैं।
प्रश्न 23: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन प्रावधान’ (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
- जर्मनी (पूर्ववर्ती वाइमर गणराज्य)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और संदर्भ: भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधानों (राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल और वित्तीय आपातकाल) को मुख्य रूप से जर्मनी के वाइमर गणराज्य के संविधान (Weimar Constitution of Germany) से लिया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: जर्मनी के संविधान ने राष्ट्रपति को आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों को निलंबित करने और कार्यकारी शक्तियों को केंद्रित करने की शक्ति दी थी, जो भारतीय संविधान के आपातकालीन प्रावधानों के समान है। हालांकि, भारतीय संविधान में ये प्रावधान अनुच्छेद 352, 356 और 360 में विस्तृत हैं, जिनमें आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों के निलंबन का प्रावधान अनुच्छेद 359 में है।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान आपातकाल पर इतना विस्तृत ध्यान नहीं देता। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से संघवाद, समवर्ती सूची आदि जैसे प्रावधान लिए गए हैं।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘राज्य विधानमंडल’ (State Legislature) के बारे में सत्य है?
- विधान परिषद (Legislative Council) सभी राज्यों में होती है।
- विधानसभा (Legislative Assembly) के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं।
- विधान परिषद के सदस्यों का चयन केवल अप्रत्यक्ष रूप से होता है।
- राज्यपाल, विधानसभा को भंग कर सकता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: विधानसभा (Legislative Assembly) के सदस्य, जिसे निचला सदन भी कहते हैं, सीधे जनता द्वारा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर चुने जाते हैं (अनुच्छेद 170)।
- संदर्भ और विस्तार: भारत के सभी राज्यों में विधान परिषद नहीं है; यह केवल कुछ राज्यों में मौजूद है (वर्तमान में 6 राज्य)। विधान परिषद के सदस्यों का चयन आंशिक रूप से अप्रत्यक्ष रूप से और आंशिक रूप से नामित होता है। राज्यपाल, विधानसभा को भंग कर सकता है, लेकिन यह आमतौर पर मुख्यमंत्री की सलाह पर होता है, सिवाय जब सरकार अल्पमत में हो।
- गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि विधान परिषद केवल चुनिंदा राज्यों में है। (c) गलत है क्योंकि विधान परिषद के कुछ सदस्य (जैसे राज्यपाल द्वारा नामित) सीधे नहीं चुने जाते। (d) यह सशर्त रूप से सत्य है, लेकिन (b) विधानसभा के गठन का एक मुख्य और हमेशा सत्य रहने वाला तथ्य है।
प्रश्न 25: ‘सरकारिया आयोग’ (Sarkaria Commission) का गठन किस उद्देश्य से किया गया था?
- चुनाव सुधारों के लिए
- केंद्र-राज्य संबंधों के अध्ययन के लिए
- न्यायिक सुधारों के लिए
- पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और संदर्भ: भारत सरकार ने 1983 में न्यायमूर्ति आर. एस. सरकारिया (Justice R.S. Sarkaria) की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था, जिसका उद्देश्य केंद्र-राज्य संबंधों की जांच करना और उनके बीच अधिक सामंजस्यपूर्ण संबंधों के लिए सिफारिशें देना था।
- संदर्भ और विस्तार: आयोग ने अपनी रिपोर्ट 1987 में प्रस्तुत की और केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करने तथा राज्यों को अधिक स्वायत्तता देने के लिए कई सिफारिशें कीं, जिसमें अंतर-राज्यीय परिषद (Inter-State Council) की स्थापना पर भी जोर दिया गया था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प आयोग के कार्यक्षेत्र से बाहर थे। चुनाव सुधारों के लिए ‘दिनेश गोस्वामी समिति’ या ‘इंद्रजीत गुप्ता समिति’ जैसे आयोग थे। न्यायिक सुधारों के लिए ‘मलिकार्जुन आयोग’ या ‘वेंकटचलैया आयोग’ थे। पंचायती राज के लिए ‘बलवंत राय मेहता समिति’ या ‘अशोक मेहता समिति’ जैसे आयोग थे।