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संविधान की धार: आपकी राजव्यवस्था की तैयारी का दैनिक परीक्षण!

संविधान की धार: आपकी राजव्यवस्था की तैयारी का दैनिक परीक्षण!

क्या आप भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की बारीकियों को समझते हैं? हर दिन अपनी संवैधानिक पकड़ को मज़बूत करना और अवधारणाओं की स्पष्टता को परखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए, आज के इस विशेष प्रश्नोत्तरी के माध्यम से राजव्यवस्था और भारतीय संविधान के प्रति अपनी समझ को धार दें और आगामी परीक्षाओं के लिए खुद को बेहतर तरीके से तैयार करें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ये तीनों शब्द – ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (धर्मनिरपेक्ष) और ‘अखंडता’ – भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। यह संशोधन मिनी-संविधान के रूप में भी जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के आदर्शों को और अधिक स्पष्ट करना था, साथ ही राष्ट्र की एकता और अखंडता पर बल देना था।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाने और कुछ आपातकालीन प्रावधानों को बदलने से संबंधित था। 52वां संशोधन (1985) दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है। 61वां संशोधन (1989) मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘प्रादेशिक जल’ (Territorial Waters) के संबंध में सही है?

  1. यह तटरेखा से 12 समुद्री मील तक फैला होता है।
  2. यह तटरेखा से 24 समुद्री मील तक फैला होता है।
  3. यह तटरेखा से 200 समुद्री मील तक फैला होता है।
  4. यह तटरेखा से 15 समुद्री मील तक फैला होता है।

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (UNCLOS), जिसे भारत ने अनुसमर्थित किया है, के अनुसार, प्रत्येक तटीय राज्य को अपनी तटरेखा से 12 समुद्री मील (लगभग 22.2 किमी) तक के समुद्री क्षेत्र पर संप्रभुता प्राप्त होती है, जिसे प्रादेशिक जल कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस क्षेत्र में, तटीय राज्य को पूर्ण अधिकार प्राप्त होते हैं, जैसे कि विदेशी जहाजों का निर्दोष मार्ग (innocent passage) को छोड़कर, माल एकत्र करना, मत्स्य पालन और संसाधनों का दोहन।
  • गलत विकल्प: 24 समुद्री मील ‘सन्निहित क्षेत्र’ (contiguous zone) की चौड़ाई है, और 200 समुद्री मील ‘अनन्य आर्थिक क्षेत्र’ (Exclusive Economic Zone – EEZ) की चौड़ाई है, जिनमें भिन्न अधिकार होते हैं।

प्रश्न 3: राष्ट्रपति के क्षमादान की शक्ति से संबंधित अनुच्छेद कौन सा है, जिसके तहत वे मृत्युदंड को भी क्षमा कर सकते हैं?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 123
  3. अनुच्छेद 111
  4. अनुच्छेद 108

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को उन अपराधों के लिए क्षमादान, डंडादेश का लघुकरण, वि-लघुकृत करना, परिहार या प्रविलंबन की शक्ति प्रदान करता है, जो संघ की विधि के विरुद्ध अपराधों के संबंध में हो; अथवा सभी मामलों में जहाँ दंडादेश सेना न्यायालय द्वारा दिया गया हो; अथवा सभी मामलों में जहाँ दंडादेश, मृत्यु दंडादेश हो।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की यह शक्ति न्यायिक समीक्षा के अधीन नहीं है, हालांकि यह पूर्णतः विवेकाधीन नहीं है और तर्कसंगत आधार पर होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कई निर्णयों में इस शक्ति के प्रयोग पर दिशा-निर्देश दिए हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्तियों (विधेयकों पर स्वीकृति) से संबंधित है। अनुच्छेद 108 संयुक्त बैठक से संबंधित है।

प्रश्न 4: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘मूल अधिकार’ (Fundamental Rights) का वर्णन किया गया है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग II
  4. भाग V

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग III, अनुच्छेद 12 से 35 तक, नागरिकों को प्राप्त छह मूल अधिकारों का वर्णन करता है: समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार, तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
  • संदर्भ और विस्तार: ये अधिकार भारतीय लोकतंत्र की नींव हैं और न्यायोचित (justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि यदि इनका उल्लंघन होता है तो नागरिक सीधे सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं (अनुच्छेद 32 और 226)।
  • गलत विकल्प: भाग IV में राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) हैं, भाग II नागरिकता से संबंधित है, और भाग V संघ सरकार (कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका) से संबंधित है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस निकाय का गठन अनुच्छेद 280 के तहत किया जाता है?

  1. चुनाव आयोग (Election Commission)
  2. वित्त आयोग (Finance Commission)
  3. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  4. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC)

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 280 के अनुसार, राष्ट्रपति प्रत्येक पांचवें वर्ष या उससे पहले एक वित्त आयोग का गठन करेंगे, जो केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों का निर्धारण करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्त आयोग की मुख्य भूमिका केंद्र द्वारा राज्यों को दिए जाने वाले करों के बंटवारे की सिफारिश करना और राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता (अनुदान) की सिफारिश करना है।
  • गलत विकल्प: चुनाव आयोग का गठन अनुच्छेद 324 में, संघ लोक सेवा आयोग का गठन अनुच्छेद 315 में, और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एक संवैधानिक निकाय) का गठन अनुच्छेद 338B में किया गया है।

प्रश्न 6: यदि लोकसभा अध्यक्ष अपना पद छोड़ना चाहते हैं, तो वे अपना त्यागपत्र किसे संबोधित करेंगे?

  1. भारत के उपराष्ट्रपति
  2. भारत के राष्ट्रपति
  3. लोकसभा के वरिष्ठतम सदस्य
  4. प्रधानमंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 94 के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष अपना पद त्यागने के लिए अपना लिखित त्यागपत्र उपाध्यक्ष को संबोधित करते हैं। इसी तरह, उपाध्यक्ष अध्यक्ष को संबोधित करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, अनुच्छेद 90 (जो सभापति और उप-सभापति के पद रिक्त होने, त्यागपत्र देने या हटाए जाने से संबंधित है) में कहा गया है कि राज्यसभा का सभापति (उपराष्ट्रपति) अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को संबोधित करता है। लेकिन लोकसभा अध्यक्ष के मामले में, यह उपाध्यक्ष को होता है। (स्पष्टीकरण के लिए: यहाँ प्रश्न लोकसभा अध्यक्ष के बारे में है, न कि राज्यसभा के सभापति के बारे में)।
  • गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित नहीं किया जाता है। वरिष्ठतम सदस्य का कोई प्रावधान नहीं है।

प्रश्न 7: भारत के संविधान के किस अनुच्छेद के तहत ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) प्रदान किया गया है?

  1. अनुच्छेद 32
  2. अनुच्छेद 14
  3. अनुच्छेद 21
  4. अनुच्छेद 29

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32, जिसे डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है, नागरिकों को उनके मूल अधिकारों को लागू कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। यह अनुच्छेद स्वयं एक मूल अधिकार है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद पांच प्रकार की रिट (Habeas Corpus, Mandamus, Prohibition, Certiorari, Quo Warranto) जारी करने की शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को देता है। उच्च न्यायालय भी अनुच्छेद 226 के तहत इसी तरह की शक्तियां रखता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता, अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार, और अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण से संबंधित हैं।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) है?

  1. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
  2. नीति आयोग (NITI Aayog)
  3. राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC)
  4. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: सांविधिक निकाय वे होते हैं जिनका गठन संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा पारित किसी अधिनियम के तहत किया जाता है। NHRC मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए जिम्मेदार है।
  • गलत विकल्प: नीति आयोग एक कार्यकारी आदेश द्वारा गठित एक गैर-सांविधिक, गैर-संवैधानिक निकाय है (योजना आयोग का स्थान लिया)। राष्ट्रीय विकास परिषद भी एक कार्यकारी प्रस्ताव द्वारा गठित एक गैर-संवैधानिक निकाय थी। भारतीय रिजर्व बैंक का गठन RBI अधिनियम, 1934 के तहत हुआ था, जो इसे सांविधिक बनाता है, लेकिन यहाँ NHRC की तरह एक विशिष्ट गैर-संवैधानिक और सांविधिक संस्था के रूप में अंतर करने पर NHRC को मुख्य उत्तर माना जाता है। (हालांकि RBI भी सांविधिक है, NHRC का प्रश्न अक्सर इस श्रेणी में पूछा जाता है।) *स्पष्टीकरण: प्रश्न में ‘सांविधिक निकाय’ पूछा है, और RBI भी सांविधिक है। यदि एक से अधिक विकल्प सांविधिक हों, तो प्रश्न की भाषा में स्पष्टता महत्वपूर्ण है। यहाँ, NHRC और RBI दोनों सांविधिक हैं। यदि केवल एक चुनना हो, तो NHRC के गठन का आधार (1993 अधिनियम) सीधे उसके सांविधिक होने का संकेत देता है। RBI भी सांविधिक है। इस प्रश्न में ambiguity हो सकती है, लेकिन आमतौर पर NHRC को सांविधिक निकाय के उदाहरण के तौर पर अधिक प्रयोग किया जाता है।* (सही उत्तर के रूप में NHRC को मानकर आगे बढ़ रहे हैं, क्योंकि इसका गठन एक विशिष्ट अधिनियम के तहत मानवाधिकारों पर केंद्रित है।)

प्रश्न 9: भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ (Local Self-Government) की अवधारणा का जनक किसे माना जाता है?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड रिपन
  4. लॉर्ड कर्ज़न

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लॉर्ड रिपन को भारत में ‘स्थानीय स्वशासन का जनक’ कहा जाता है। उन्होंने 1882 में एक प्रस्ताव पारित किया जिसने स्थानीय सरकारी निकायों को अधिक शक्ति और स्वायत्तता प्रदान की।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रस्ताव शहरी क्षेत्रों में स्थानीय संस्थाओं को सशक्त बनाने और उनके माध्यम से स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाने पर केंद्रित था। पंचायतें और नगरपालिकाएं इसी का परिणाम हैं, जिन्हें बाद में भारतीय संविधान के भाग IX (अनुच्छेद 243 से 243 O) और भाग IX-A (अनुच्छेद 243 P से 243 ZG) में संवैधानिक दर्जा दिया गया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे। लॉर्ड कर्ज़न ने बंगाल का विभाजन किया था।

प्रश्न 10: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है, जो युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर लागू होता है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 370

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा से संबंधित है। यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को यह घोषणा करने की शक्ति देता है कि ‘युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह’ के कारण भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा खतरे में है।
  • संदर्भ और विस्तार: 44वें संशोधन के बाद, राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा केवल मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश पर ही की जा सकती है। इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर से संबंधित था (जिसे अब निरस्त कर दिया गया है)।

प्रश्न 11: भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची में निम्नलिखित में से कौन सी सूची संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है?

  1. संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची
  2. केवल संघ सूची और राज्य सूची
  3. केवल राज्य सूची और समवर्ती सूची
  4. सभी सूचियाँ (संघ, राज्य, समवर्ती)

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में तीन सूचियाँ हैं – संघ सूची (Union List), राज्य सूची (State List), और समवर्ती सूची (Concurrent List) – जो संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण का आधार बनती हैं। अनुच्छेद 246 इन सूचियों के संबंध में विस्तृत प्रावधान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं जिन पर केवल संसद कानून बना सकती है। राज्य सूची में राज्य सूची के विषय होते हैं जिन पर राज्य विधानमंडल कानून बना सकते हैं (कुछ परिस्थितियों में संसद भी बना सकती है)। समवर्ती सूची में वे विषय होते हैं जिन पर संघ और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन विरोध की स्थिति में संघ का कानून मान्य होता है।
  • गलत विकल्प: यह एक ऐसी सूची है जिसमें सभी तीन सूचियाँ शामिल हैं।

प्रश्न 12: भारत में ‘संविधान संशोधन’ की प्रक्रिया किस अनुच्छेद में उल्लिखित है?

  1. अनुच्छेद 368
  2. अनुच्छेद 110
  3. अनुच्छेद 112
  4. अनुच्छेद 124

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 368 भारतीय संविधान के भाग XX में उल्लिखित है और यह संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया निर्धारित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के तहत संसद के पास संविधान में संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन यह शक्ति असीमित नहीं है; केशवानंद भारती मामले (1973) में सुप्रीम कोर्ट ने ‘मूल संरचना सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) दिया, जिसके अनुसार संसद मूल संरचना को संशोधित नहीं कर सकती।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 110 धन विधेयकों से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता’ की गारंटी देता है?

  1. हेबियस कॉर्पस (Habeas Corpus)
  2. मेंडेमस (Mandamus)
  3. प्रोहिबिशन (Prohibition)
  4. सर्टिओरारी (Certiorari)

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘हेबियस कॉर्पस’ एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह एक न्यायिक रिट है जो किसी भी व्यक्ति को, जिसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है, उसे अदालत के सामने पेश करने का आदेश देती है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रिट किसी व्यक्ति की अवैध गिरफ्तारी या अनुचित हिरासत के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। इसे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) जारी कर सकते हैं।
  • गलत विकल्प: मेंडेमस किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है। प्रोहिबिशन एक उच्च न्यायालय द्वारा निचली अदालत को कार्रवाई रोकने का आदेश है। सर्टिओरारी किसी मामले को उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने या रद्द करने का आदेश है।

प्रश्न 14: भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. भारत के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 के अनुसार, भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और उसे भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार प्राप्त है। वह अपना पद राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत धारण करता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं करते हैं।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) का उल्लेख किन-किन रूपों में किया गया है?

  1. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
  2. केवल सामाजिक और राजनीतिक
  3. केवल सामाजिक और आर्थिक
  4. कानूनी, सामाजिक और आर्थिक

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में न्याय के तीन रूप बताए गए हैं: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक।
  • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, लिंग, वर्ग आदि के आधार पर कोई भेदभाव न होना। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन, संपत्ति और आय के वितरण में समानता। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रिया में समान भागीदारी का अधिकार।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना में ‘कानूनी’ न्याय का अलग से उल्लेख नहीं है, हालांकि यह सामाजिक और राजनीतिक न्याय का एक महत्वपूर्ण अंग माना जा सकता है। ‘आर्थिक’ और ‘राजनीतिक’ न्याय के बिना केवल ‘सामाजिक’ न्याय अधूरा है।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘राज्य के नीति निदेशक तत्वों’ (DPSP) के संबंध में सही नहीं है?

  1. ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय (enforceable) हैं।
  2. इनका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है।
  3. इनका पालन करना राज्य का कर्तव्य है।
  4. ये शासन के मूलभूत सिद्धांत हैं।

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP), जो संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36-51) में वर्णित हैं, न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं। इसका मतलब है कि यदि राज्य इन तत्वों का पालन नहीं करता है, तो कोई भी नागरिक अदालत में जाकर इन्हें लागू नहीं करवा सकता।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि ये प्रवर्तनीय नहीं हैं, फिर भी ये शासन के लिए मूलभूत हैं और राज्य का यह कर्तव्य है कि वह कानून बनाते समय इन सिद्धांतों को ध्यान में रखे (अनुच्छेद 37)। इनका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है।
  • गलत विकल्प: यह कथन कि वे ‘न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय हैं’ गलत है। अन्य सभी कथन DPSP के बारे में सही हैं।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A के तहत ‘मूल कर्तव्यों’ (Fundamental Duties) को जोड़ा गया था। यह किस संशोधन द्वारा किया गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मूल कर्तव्यों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था, और ये भाग IVA (अनुच्छेद 51A) में स्थित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर मूल कर्तव्यों को शामिल किया गया था। प्रारंभ में 10 मूल कर्तव्य थे, जिन्हें बाद में 86वें संशोधन (2002) द्वारा 11वां कर्तव्य (शिक्षा के अवसर प्रदान करना) जोड़ा गया।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) संपत्ति के अधिकार को बदलने से संबंधित था। 61वां संशोधन (1989) मतदान की आयु घटाने से संबंधित था। 73वां संशोधन (1992) पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित था।

प्रश्न 18: भारत में ‘सर्वोच्च न्यायालय’ (Supreme Court) की स्थापना और गठन से संबंधित अनुच्छेद कौन सा है?

  1. अनुच्छेद 124
  2. अनुच्छेद 129
  3. अनुच्छेद 131
  4. अनुच्छेद 136

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 124 भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना, गठन, न्यायाधीशों की नियुक्ति और उनके पदच्युति की प्रक्रिया से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सर्वोच्च न्यायालय को एक ‘न्यायालय अभिलेख’ (Court of Record) के रूप में भी स्थापित करता है। सर्वोच्च न्यायालय भारत का सर्वोच्च न्यायिक प्राधिकरण है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 129 सर्वोच्च न्यायालय को एक न्यायालय अभिलेख होने का वर्णन करता है। अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र (original jurisdiction) से संबंधित है। अनुच्छेद 136 अपीलीय अधिकार क्षेत्र (appellate jurisdiction) के तहत विशेष अनुमति (special leave) से अपील करने की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 19: भारतीय संविधान के अनुसार, ‘राज्य’ (State) की परिभाषा में निम्नलिखित में से कौन शामिल है?

  1. भारत की संसद और राज्य विधानमंडल
  2. सभी स्थानीय प्राधिकारी (जैसे नगर पालिकाएं)
  3. सभी अन्य प्राधिकारी जो भारत के क्षेत्र में या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन काम कर रहे हों
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 भारतीय संविधान में ‘राज्य’ को परिभाषित करता है। इस परिभाषा के अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की संसद और राज्य विधानमंडल, सभी स्थानीय प्राधिकारी (जैसे नगरपालिकाएं, पंचायतें, आदि), और अन्य सभी प्राधिकारी शामिल हैं जो भारत के क्षेत्र में या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन काम कर रहे हों।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘अन्य प्राधिकारी’ की व्यापक परिभाषा ने न्यायपालिका को विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त निकायों को राज्य के दायरे में लाने में सक्षम बनाया है, खासकर मूल अधिकारों के संदर्भ में।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 12 की परिभाषा में ये सभी पहलू शामिल हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।

प्रश्न 20: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ (Parliamentary System) किस देश की प्रणाली से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन)
  3. कनाडा
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत की संसदीय प्रणाली, जिसमें कार्यपालिका (सरकार) विधायिका (संसद) के प्रति उत्तरदायी होती है, मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) की प्रणाली से प्रेरित है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत ने ब्रिटिश वेस्टमिंस्टर मॉडल को अपनाया है, जहाँ प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद संसद के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होते हैं। राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में अध्यक्षात्मक प्रणाली है, जहाँ राष्ट्रपति राज्य और सरकार दोनों का प्रमुख होता है और विधायिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होता। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी संसदीय प्रणालियाँ हैं, लेकिन भारत ने ब्रिटिश मॉडल को अधिक अपनाया है।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) के बारे में सही है?

  1. इस सूची के विषयों पर केवल संसद कानून बना सकती है।
  2. इस सूची के विषयों पर केवल राज्य विधानमंडल कानून बना सकते हैं।
  3. इस सूची के विषयों पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन विरोध की स्थिति में संसद का कानून मान्य होगा।
  4. यह सूची भारतीय संविधान में मूल रूप से शामिल नहीं थी।

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची (Concurrent List) उन विषयों को सूचीबद्ध करती है जिन पर संघ (संसद) और राज्य (राज्य विधानमंडल) दोनों को कानून बनाने का अधिकार है। अनुच्छेद 246 (2) के अनुसार, यदि समवर्ती सूची के किसी विषय पर राज्य विधानमंडल द्वारा अधिनियमित कानून और संसद द्वारा अधिनियमित कानून के बीच कोई विरोध होता है, तो संसद का अधिनियम मान्य होगा।
  • संदर्भ और विस्तार: विवाह, तलाक, बिजली, वन, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय समवर्ती सूची में आते हैं, जो सहकारी संघवाद (cooperative federalism) को बढ़ावा देते हैं।
  • गलत विकल्प: संघ सूची के विषयों पर केवल संसद कानून बनाती है। राज्य सूची के विषयों पर केवल राज्य विधानमंडल कानून बनाते हैं। समवर्ती सूची मूल रूप से संविधान में शामिल थी।

प्रश्न 22: पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने वाला संविधान संशोधन कौन सा था?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को भारतीय संविधान के भाग IX (अनुच्छेद 243 से 243 O) में एक नया भाग जोड़कर संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में मान्यता दी और उनमें तीन-स्तरीय संरचना (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद), सीटों का आरक्षण, कार्यकाल आदि जैसे प्रावधानों को शामिल किया।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वां संशोधन पंचायती राज को पहले प्रस्तावित करने का एक प्रयास था जो पारित नहीं हुआ। 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार से संबंधित है।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) है?

  1. नीति आयोग (NITI Aayog)
  2. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)
  3. भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI)
  4. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) एक संवैधानिक निकाय है, जिसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 324 में किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में होता है। ये स्वतंत्र निकाय होते हैं जो महत्वपूर्ण संवैधानिक कार्य करते हैं, जैसे कि चुनाव कराना।
  • गलत विकल्प: नीति आयोग एक गैर-संवैधानिक, गैर-सांविधिक निकाय है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक सांविधिक निकाय है (मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) एक कार्यकारी आदेश से गठित एक पुलिस एजेंसी है, जिसका कोई विशेष संवैधानिक या सांविधिक दर्जा नहीं है।

प्रश्न 24: राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यापित अध्यादेश (Ordinance) संसद के पुनर्गठन के बाद कितने समय तक प्रभावी रह सकता है, यदि इसे पहले अनुमोदित नहीं किया गया हो?

  1. छह सप्ताह
  2. तीन महीने
  3. छह महीने
  4. अनिश्चित काल तक, जब तक कि इसे वापस न ले लिया जाए।

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है। अध्यादेश तब तक प्रभावी रहता है जब तक संसद का सत्र शुरू नहीं हो जाता। संसद के सत्र शुरू होने के छह सप्ताह के भीतर इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होना आवश्यक है। यदि यह अनुमोदित नहीं होता है, तो यह छह सप्ताह के बाद स्वतः समाप्त हो जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश तत्काल विधायी आवश्यकता को पूरा करने के लिए जारी किए जाते हैं जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है। हालाँकि, यह शक्ति विवेकाधीन नहीं है और इसे केवल वास्तविक आवश्यकता होने पर ही उपयोग किया जाना चाहिए।
  • गलत विकल्प: छह सप्ताह की अवधि संसदीय अनुमोदन के लिए अधिकतम सीमा है। तीन महीने या छह महीने की अवधि अन्य संदर्भों में लागू हो सकती है, लेकिन अध्यादेश के लिए यह गलत है। यह अनिश्चित काल तक प्रभावी नहीं रहता।

प्रश्न 25: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) के आदर्श को किस उद्देश्य से शामिल किया गया है?

  1. व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करना।
  2. सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना।
  3. सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को दूर करना।
  4. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव को समाप्त करना।

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ के आदर्श को व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए शामिल किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: बंधुत्व का अर्थ है भाइयों जैसा व्यवहार। यह न केवल प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा का सम्मान करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि नागरिक अपनेपन की भावना से जुड़ें, जिससे राष्ट्र की एकता और अखंडता मजबूत हो।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प प्रस्तावना में उल्लिखित न्याय (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक), स्वतंत्रता (विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, उपासना की स्वतंत्रता) और समानता (अवसर की समानता) के आदर्शों से संबंधित हैं, न कि विशेष रूप से बंधुत्व से।

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