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संविधान की जड़ें मजबूत करें: 25 प्रश्नों का आपका दैनिक अभ्यास

संविधान की जड़ें मजबूत करें: 25 प्रश्नों का आपका दैनिक अभ्यास

आइए, भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को और गहराई से समझें! अपनी राजव्यवस्था और संविधान की समझ को परखने और उसे उत्कृष्ट बनाने का यह एक अनूठा अवसर है। दैनिक अभ्यास की इस कड़ी में, हम 25 प्रश्न लेकर आए हैं जो आपकी अवधारणात्मक स्पष्टता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। तैयार हो जाइए, यह सिर्फ एक क्विज नहीं, बल्कि आपके ज्ञान का एक ठोस परीक्षण है!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा भारत के संविधान का ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ के अंतर्गत आता है?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. प्रतिषेध (Prohibition)
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का भाग III मौलिक अधिकार प्रदान करता है, और अनुच्छेद 32 विशेष रूप से ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ प्रदान करता है। इस अनुच्छेद के तहत, सर्वोच्च न्यायालय (और अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय) पाँच प्रकार की रिट जारी कर सकते हैं: बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण (Certiorari) और अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)। ये सभी रिटें मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए महत्वपूर्ण साधन हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने संविधान की ‘आत्मा और हृदय’ कहा था। ये रिटें नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में सीधे न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाने का अधिकार देती हैं।
  • गलत विकल्प: चूँकि बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश और प्रतिषेध सभी संवैधानिक उपचारों के अधिकार के अंतर्गत आते हैं, इसलिए केवल एक को चुनना गलत होगा। ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।

प्रश्न 2: भारत के राष्ट्रपति को पद की शपथ कौन दिलाता है?

  1. भारत के उपराष्ट्रपति
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. प्रधानमंत्री

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 60 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (या उनकी अनुपस्थिति में, सर्वोच्च न्यायालय के ज्येष्ठतम न्यायाधीश) द्वारा पद की शपथ दिलाई जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति, संविधान के प्रति निष्ठा और उसे बनाए रखने की शपथ लेते हैं, और अपने पद के कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठापूर्वक करने की शपथ लेते हैं।
  • गलत विकल्प: उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 63) राष्ट्रपति की जगह कार्य कर सकते हैं या राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकते हैं, लेकिन उन्हें शपथ नहीं दिलाते। लोकसभा अध्यक्ष अध्यक्षीय प्रक्रिया से संबंधित हैं, लेकिन शपथ दिलाने की उनकी कोई भूमिका नहीं है। प्रधानमंत्री (अनुच्छेद 74) राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार होते हैं, शपथ दिलाने वाले नहीं।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 97वां संशोधन अधिनियम, 2011

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 को ‘मिनी संविधान’ भी कहा जाता है। इस संशोधन द्वारा, प्रस्तावना में तीन नए शब्द जोड़े गए: ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’।
  • संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत को एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंड राष्ट्र के रूप में परिभाषित करना था, जो सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समानता को सुरक्षित करने के साथ-साथ राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने की बात करता है।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 73वां संशोधन (1992) ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा दिया। 97वां संशोधन (2011) ने सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 4: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. राज्यसभा के सभापति

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148(1) के अनुसार, भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है। वह भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जिसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखा जाता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर हैं, लेकिन CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?

  1. संस्कृत
  2. कश्मीरी
  3. राजस्थानी
  4. सिंधी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 मान्यता प्राप्त भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। वर्तमान में, संस्कृत, कश्मीरी, सिंधी और 19 अन्य भाषाएँ इस अनुसूची में शामिल हैं। राजस्थानी भाषा को अभी तक आधिकारिक तौर पर आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है, हालांकि इसके लिए प्रयास जारी हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: आठवीं अनुसूची का उद्देश्य उन भाषाओं को बढ़ावा देना और उनके विकास को सुनिश्चित करना है जिन्हें देश की राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी गई है।
  • गलत विकल्प: संस्कृत (1956 के 7वें संशोधन द्वारा), कश्मीरी (1967 के 21वें संशोधन द्वारा) और सिंधी (1967 के 21वें संशोधन द्वारा) आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। राजस्थानी शामिल नहीं है।

प्रश्न 6: किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं, यदि युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर भारत की सुरक्षा को खतरा हो।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए। यह अब तक तीन बार (1962, 1971, 1975) घोषित किया जा चुका है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर लागू होता है, जो अक्सर अनुच्छेद 356 के प्रयोग का आधार बनता है।

प्रश्न 7: भारत में प्रत्यक्ष लोकतंत्र का उदाहरण क्या है?

  1. ग्राम सभा
  2. संसदीय प्रणाली
  3. न्यायिक समीक्षा
  4. चुनाव आयोग

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रत्यक्ष लोकतंत्र में, नागरिक सीधे कानूनों और नीतियों पर निर्णय लेते हैं। भारत में, ग्राम सभा (संविधान के भाग IX के तहत पंचायती राज संस्थाओं का एक हिस्सा) प्रत्यक्ष लोकतंत्र का एक रूप है, जहाँ ग्राम स्तर के सभी पंजीकृत मतदाता मिलकर निर्णय लेते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा ग्राम पंचायत की बैठकें आयोजित करती है, जहाँ गाँव के विकास, कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन आदि पर चर्चा और निर्णय होते हैं। यह जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा देता है।
  • गलत विकल्प: संसदीय प्रणाली एक अप्रत्यक्ष लोकतंत्र है, जहाँ नागरिक प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं। न्यायिक समीक्षा न्यायपालिका की शक्ति है, न कि प्रत्यक्ष लोकतंत्र का रूप। चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करता है, जो लोकतंत्र के लिए आवश्यक है, लेकिन यह प्रत्यक्ष लोकतंत्र का उदाहरण नहीं है।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  3. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
  4. अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकार (अनुच्छेद 29)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 29, जो अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण से संबंधित है, विशेष रूप से भारत के नागरिकों को प्राप्त है। यह उन्हें अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि और संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14, 21, 25 आदि अधिकार नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्राप्त हैं। उदाहरण के लिए, अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों को कानून के समक्ष समानता और कानूनों का समान संरक्षण प्रदान करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 15, 16, 19, 20, 21, 22, 25, 26, 27, 28 केवल नागरिकों को प्राप्त हैं। प्रश्न में दिए गए विकल्पों में से, अनुच्छेद 14, 25, और 21 नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्राप्त हैं, जबकि अनुच्छेद 29 केवल नागरिकों को प्राप्त है।

प्रश्न 9: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) के पद का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 76
  2. अनुच्छेद 53
  3. अनुच्छेद 143
  4. अनुच्छेद 148

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 में भारत के महान्यायवादी के पद का प्रावधान है। महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है। उसे भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार प्राप्त है और वह संसद की कार्यवाही में भाग ले सकता है, लेकिन मत नहीं दे सकता।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 53 राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 148 नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के पद से संबंधित है।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा संसद के सत्र का भाग नहीं है?

  1. सत्र का आरम्भ
  2. धन्यवाद प्रस्ताव
  3. अध्यक्ष का अभिभाषण
  4. कोई भी विधायी प्रस्ताव

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद के सत्रों में राष्ट्रपति का अभिभाषण (अनुच्छेद 87) और धन्यवाद प्रस्ताव (जो अभिभाषण के बाद आता है) महत्वपूर्ण भाग हैं। हालांकि, ‘कोई भी विधायी प्रस्ताव’ संसद के सत्र का एक ‘भाग’ नहीं है, बल्कि यह सत्र के दौरान होने वाली एक ‘गतिविधि’ है। सत्र का आरम्भ और उपसंहार, तथा विधायी प्रस्तावों पर चर्चा, सत्र की प्रकृति को परिभाषित करते हैं। प्रश्न पूछने का तरीका यह है कि ‘क्या सत्र का भाग है’। अध्यक्ष का अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव सत्र के उद्घाटन और उसके प्रारंभिक एजेंडे का हिस्सा हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: संसद के सत्र में राष्ट्रपति का अभिभाषण नई लोकसभा के पहले सत्र में या प्रत्येक वर्ष पहले सत्र के आरंभ में होता है। धन्यवाद प्रस्ताव राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए होता है। विधायी प्रस्ताव सत्र के दौरान विचाराधीन हो सकते हैं, लेकिन वे स्वयं सत्र का ‘भाग’ नहीं हैं, बल्कि सत्र की कार्यवाही का हिस्सा हैं।
  • गलत विकल्प: प्रश्न के संदर्भ में, ‘सत्र का आरम्भ’, ‘अध्यक्ष का अभिभाषण’ और ‘धन्यवाद प्रस्ताव’ सभी सत्र के महत्वपूर्ण प्रारंभिक चरण या उसका अंग हैं। ‘कोई भी विधायी प्रस्ताव’ संसद की कार्यवाही का हिस्सा है, न कि स्वयं सत्र का एक निश्चित ‘भाग’ जैसे कि राष्ट्रपति का अभिभाषण।

प्रश्न 11: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची भूमि सुधारों से संबंधित है?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. नौवीं अनुसूची
  3. दसवीं अनुसूची
  4. बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: नौवीं अनुसूची, जिसे पहले संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 द्वारा जोड़ा गया था, भूमि सुधारों और अन्य कुछ अधिनियमों को न्यायिक पुनरीक्षण से बचाने के लिए है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य भूमि सुधारों को सफलतापूर्वक लागू करना था, जिन्हें अक्सर अदालती मामलों के कारण रोका जाता था। हालांकि, केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि नौवीं अनुसूची में शामिल कानूनों की भी न्यायिक समीक्षा की जा सकती है, यदि वे संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करते हों।
  • गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण (संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची) से संबंधित है। दसवीं अनुसूची दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है। बारहवीं अनुसूची शहरी स्थानीय निकायों की शक्तियों, प्राधिकार और उत्तरदायित्वों से संबंधित है।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के बारे में सत्य है?

  1. वह भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है।
  2. वह संसद की लोक लेखा समिति (PAC) का मार्गदर्शक, मित्र और दार्शनिक होता है।
  3. वह भारत के वित्तीय प्रणाली का संरक्षक है।
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: CAG, जैसा कि अनुच्छेद 148 में परिभाषित है, भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी खातों का लेखा-परीक्षण करता है। वह अपनी रिपोर्ट संसद (अनुच्छेद 151) और राज्य विधानमंडलों के समक्ष प्रस्तुत करता है। लोक लेखा समिति (PAC) CAG की रिपोर्टों की जांच करती है, और CAG PAC के लिए एक मार्गदर्शक, मित्र और दार्शनिक के रूप में कार्य करता है। इन भूमिकाओं के कारण, उसे भारत की वित्तीय प्रणाली का संरक्षक माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG की स्वतंत्रता संविधान द्वारा सुनिश्चित की गई है, जो उसे सरकार के खर्चों पर स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट करने में सक्षम बनाती है।
  • गलत विकल्प: तीनों कथन CAG की भूमिका और जिम्मेदारियों का सही वर्णन करते हैं।

प्रश्न 13: पंचायती राज संस्थाओं में त्रि-स्तरीय प्रणाली की सिफारिश किस समिति ने की थी?

  1. अशोक मेहता समिति
  2. बलवंत राय मेहता समिति
  3. जी.वी.के. राव समिति
  4. एल.एम. सिंघवी समिति

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: बलवंत राय मेहता समिति (1957) ने पंचायती राज के लिए त्रि-स्तरीय प्रणाली (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद) की सिफारिश की थी, जिसे भारतीय संविधान के भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक के माध्यम से संवैधानिक दर्जा दिया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: राजस्थान के नागौर जिले में 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज का उद्घाटन इसी समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया था।
  • गलत विकल्प: अशोक मेहता समिति (1977) ने द्वि-स्तरीय प्रणाली की सिफारिश की थी। जी.वी.के. राव समिति (1985) ने जिला स्तर पर योजना और निगरानी के लिए जिला विकास आयुक्त के पद का सुझाव दिया था। एल.एम. सिंघवी समिति (1986) ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने की वकालत की थी, जो 73वें संशोधन द्वारा पूरा हुआ।

प्रश्न 14: भारत के संविधान के किस भाग में संघ और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंधों का वर्णन है?

  1. भाग XI
  2. भाग XII
  3. भाग XIII
  4. भाग XIV

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का भाग XI (अनुच्छेद 245 से 293) संघ और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों से संबंधित है, और भाग XII (अनुच्छेद 268 से 281) संघ और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों से संबंधित है। हालाँकि, प्रश्न में “विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंध” एक साथ पूछे गए हैं, और भाग XI विशेष रूप से विधायी और प्रशासनिक संबंधों को कवर करता है, जबकि वित्तीय संबंधों का महत्वपूर्ण हिस्सा भाग XII में है, लेकिन भाग XI में भी कुछ वित्तीय प्रावधान (जैसे कि करों का आवंटन) शामिल हैं। अक्सर, भाग XI को संघ-राज्यों के बीच ‘सभी’ संबंधों के व्यापक संदर्भ में देखा जाता है, जिसमें प्रत्यक्ष वित्तीय संबंध भी शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भाग भारत की संघीय संरचना को परिभाषित करता है, जिसमें संसद द्वारा राज्यों के लिए कानून बनाने की शक्ति (अनुच्छेद 246) और राज्यों के विधायी अधिकार क्षेत्र की सीमाएँ (अनुच्छेद 245) शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: भाग XII वित्तीय संबंधों पर अधिक केंद्रित है। भाग XIII राज्यों के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से संबंधित है। भाग XIV संघ और राज्यों के अधीन सेवाओं से संबंधित है। इसलिए, विधायी और प्रशासनिक संबंधों के लिए भाग XI सबसे उपयुक्त है, और वित्तीय संबंधों के कुछ पहलुओं को भी इसमें शामिल किया गया है।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा एक संवैधानिक निकाय नहीं है?

  1. नीति आयोग (NITI Aayog)
  2. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST)
  3. वित्त आयोग (Finance Commission)
  4. चुनाव आयोग (Election Commission of India)

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग एक कार्यकारी प्रस्ताव (Executive Resolution) द्वारा 1 जनवरी 2015 को स्थापित एक गैर-संवैधानिक निकाय है, जिसने योजना आयोग की जगह ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (अनुच्छेद 338A) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) संवैधानिक निकाय हैं। चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324) भी एक संवैधानिक निकाय है।
  • संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकायों की स्थापना संविधान के प्रावधानों के तहत की जाती है, जबकि गैर-संवैधानिक निकायों की स्थापना सरकारी प्रस्तावों या अधिनियमों द्वारा की जाती है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, वित्त आयोग और चुनाव आयोग सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनके लिए संविधान में विशिष्ट अनुच्छेद हैं। नीति आयोग के लिए कोई अनुच्छेद नहीं है।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारत के किसी भी नागरिक को विदेश से कोई उपाधि प्राप्त करने से रोकता है, जब तक कि उसे राष्ट्रपति की सहमति न मिल जाए?

  1. अनुच्छेद 17
  2. अनुच्छेद 18
  3. अनुच्छेद 19
  4. अनुच्छेद 20

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 18, ‘उपाधियों का अंत’ से संबंधित है। अनुच्छेद 18(2) के अनुसार, भारत का कोई भी नागरिक, जो भारत का नागरिक नहीं है, राष्ट्रपति की सहमति के बिना किसी भी विदेशी राज्य से कोई उपाधि, सम्मान, या पद स्वीकार नहीं कर सकता।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद का उद्देश्य समानता के सिद्धांत को बनाए रखना है और किसी भी प्रकार के विशेषाधिकार या भेदभाव को समाप्त करना है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत से संबंधित है। अनुच्छेद 19 भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 20 दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण से संबंधित है।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक हिस्सा है?

  1. बेरुबारी संघ मामला, 1960
  2. केशवानंद भारती मामला, 1973
  3. मिनर्वा मिल्स मामला, 1980
  4. गोलकनाथ मामला, 1967

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न अंग है। इस निर्णय ने यह भी स्थापित किया कि प्रस्तावना में संशोधन किया जा सकता है, बशर्ते कि यह संविधान की मूल संरचना (Basic Structure) को विकृत या नष्ट न करे।
  • संदर्भ और विस्तार: बेरुबारी संघ मामले (1960) में, न्यायालय ने कहा था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह संविधान निर्माताओं की मंशा को समझने का एक महत्वपूर्ण संकेत है।
  • गलत विकल्प: मिनर्वा मिल्स मामला (1980) ने केशवानंद भारती के मूल ढांचे के सिद्धांत को और मजबूत किया। गोलकनाथ मामला (1967) ने मौलिक अधिकारों में संशोधन की संसद की शक्ति को सीमित करने का प्रयास किया था।

प्रश्न 18: राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (DPSP) को किस देश के संविधान से लिया गया है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. यूनाइटेड किंगडम
  3. आयरलैंड
  4. कनाडा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (DPSP) की अवधारणा को भारतीय संविधान में आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया है। ये तत्व संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36-51) में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: DPSP सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए राज्य द्वारा पालन किए जाने वाले सिद्धांतों को निर्धारित करते हैं। ये गैर-न्यायिक (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि इन्हें न्यायालय द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से हमने मौलिक अधिकार, उपराष्ट्रपति का पद, सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता आदि लिए हैं। यूनाइटेड किंगडम से हमने संसदीय सरकार, कानून का शासन, एकल नागरिकता आदि लिए हैं। कनाडा से हमने एक मजबूत केंद्र के साथ संघीय व्यवस्था, अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत आदि लिए हैं।

प्रश्न 19: लोक लेखा समिति (PAC) में लोकसभा के कितने सदस्य होते हैं?

  1. 10
  2. 15
  3. 22
  4. 7

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) में कुल 22 सदस्य होते हैं, जिनमें से 15 लोकसभा से और 7 राज्यसभा से चुने जाते हैं। यह समिति वित्तीय प्रशासन की जाँच के लिए संसद की एक महत्वपूर्ण समिति है।
  • संदर्भ और विस्तार: PAC का मुख्य कार्य CAG द्वारा प्रस्तुत लेखा-परीक्षण रिपोर्टों की जाँच करना है, जिसमें विनियोग लेखा, वित्त लेखा और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लेखा शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: 10, 22 और 7 सदस्य संख्याएँ PAC के कुल सदस्यों या केवल राज्यसभा सदस्यों की संख्या से मेल नहीं खातीं। 15 लोकसभा सदस्यों की सही संख्या है।

प्रश्न 20: भारत में ‘लौकिकवाद’ (Secularism) का क्या अर्थ है?

  1. सभी धर्मों का आदर और उनका समान संरक्षण।
  2. केवल एक राज्य धर्म का पालन करना।
  3. किसी भी धर्म को राजकीय संरक्षण न देना।
  4. धार्मिक शिक्षा को अनिवार्य बनाना।

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय लौकिकवाद का अर्थ है कि राज्य सभी धर्मों को समान रूप से मानता है और किसी भी धर्म को विशेष संरक्षण या बढ़ावा नहीं देता। यह धर्मनिरपेक्षता के पश्चिमी मॉडल से भिन्न है, जहाँ राज्य धर्म से पूर्ण अलगाव (separation) रखता है। भारतीय मॉडल ‘सर्व धर्म सम भाव’ पर आधारित है। अनुच्छेद 25-28 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था। इसका मतलब है कि राज्य सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करता है और उन्हें समान रूप से विकसित होने का अवसर देता है, बिना किसी धर्म को पक्षपात के।
  • गलत विकल्प: केवल एक राज्य धर्म का पालन करना (b) लौकिकवाद के विरुद्ध है। किसी भी धर्म को राजकीय संरक्षण न देना (c) पश्चिमी मॉडल जैसा हो सकता है, लेकिन भारतीय संदर्भ में यह ‘सभी धर्मों का समान संरक्षण’ से कम है। धार्मिक शिक्षा को अनिवार्य बनाना (d) भी लौकिकवाद के विरुद्ध है।

प्रश्न 21: संसदीय प्रणाली में, मंत्रिपरिषद किसके प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है?

  1. राष्ट्रपति
  2. प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा
  4. राज्यसभा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 75(3) के अनुसार, मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है। इसका अर्थ है कि यदि लोकसभा मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर देती है, तो पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संसदीय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जो सरकार में जवाबदेही और लोकप्रिय नियंत्रण सुनिश्चित करता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं, लेकिन मंत्रिपरिषद उनके प्रति व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होती है, सामूहिक रूप से नहीं। प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद के प्रमुख होते हैं, लेकिन वे स्वयं लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं। राज्यसभा के प्रति मंत्रिपरिषद की कोई सामूहिक जिम्मेदारी नहीं होती है।

प्रश्न 22: वित्तीय आपातकाल की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 के तहत, राष्ट्रपति वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं, यदि वे संतुष्ट हों कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे भारत या उसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता या साख खतरे में है।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्तीय आपातकाल की उद्घोषणा को दो महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होना चाहिए। अब तक भारत में कभी भी वित्तीय आपातकाल घोषित नहीं किया गया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से, अनुच्छेद 356 राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) से और अनुच्छेद 365 केंद्र के निर्देशों का पालन न करने से संबंधित है।

प्रश्न 23: भारत में ‘न्यायिक समीक्षा’ (Judicial Review) का क्या अर्थ है?

  1. संसद द्वारा पारित कानूनों की संवैधानिकता की जाँच करना।
  2. कार्यपालिका के निर्णयों की संवैधानिकता की जाँच करना।
  3. मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की जाँच करना।
  4. उपरोक्त सभी।

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: न्यायिक समीक्षा का अर्थ है कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय विधायी या कार्यकारी कार्यों की संवैधानिकता की जाँच कर सकते हैं। यदि कोई कानून या कार्यकारी कार्रवाई संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करती है, तो न्यायालय उसे असंवैधानिक घोषित कर सकते हैं। यह अधिकार अनुच्छेद 13 (मौलिक अधिकारों के असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाले कानून शून्य होंगे), अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति) में निहित है।
  • संदर्भ और विस्तार: न्यायिक समीक्षा भारतीय संविधान की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जो कानून के शासन और मौलिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
  • गलत विकल्प: न्यायिक समीक्षा का दायरा संसद द्वारा पारित विधियों और कार्यपालिका के कार्यों की संवैधानिकता की जाँच करना है, जिसमें मौलिक अधिकारों का उल्लंघन शामिल है। इसलिए, सभी विकल्प सही हैं।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की अनुशंसाएँ हैं?

  1. मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान।
  2. मानवाधिकारों के उल्लंघन के पीड़ितों को मुआवजा।
  3. मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
  4. उपरोक्त सभी।

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था, जो एक सांविधिक (statutory) निकाय है। इसका कार्य मानवाधिकारों के उल्लंघनों की जाँच करना, पीड़ितों को मुआवजा दिलाना, मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और मानवाधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना है। आयोग की अनुशंसाओं का पालन सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है, लेकिन उन्हें इसके कारणों सहित विचार करना होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC मानवाधिकारों के प्रहरी के रूप में कार्य करता है, जो भारत में मानवीय गरिमा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • गलत विकल्प: ये सभी NHRC की मुख्य जिम्मेदारियों और अनुशंसाओं का हिस्सा हैं।

प्रश्न 25: मौलिक कर्तव्यों को भारतीय संविधान में किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 40वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  3. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  4. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था। यह संशोधन संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत 10 मौलिक कर्तव्यों को जोड़ता है। बाद में, 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा एक और मौलिक कर्तव्य (शिक्षा के अवसर प्रदान करना) जोड़ा गया।
  • संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्य नागरिकों के प्रति उनके कर्तव्यों को परिभाषित करते हैं, जैसे राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना, स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों का पालन करना, देश की रक्षा करना आदि।
  • गलत विकल्प: 40वां संशोधन भूमि अधिग्रहण से संबंधित था। 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित था।

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