संविधान की चुनौती: क्या आप तैयार हैं?
नमस्कार, भावी अधिकारियों! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना आपकी यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज, हम आपके वैचारिक ज्ञान की गहराई और संविधान की सूक्ष्मताओं पर आपकी पकड़ को परखने के लिए 25 विशिष्ट प्रश्नों का एक सेट लेकर आए हैं। आइए, अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें और देखें कि आप संविधान के महासागर में कहाँ खड़े हैं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद अप्रत्यक्ष रूप से धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित है, जो किसी भी धार्मिक संप्रदाय को अपने धर्म संबंधी कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 25
- अनुच्छेद 26
- अनुच्छेद 27
- अनुच्छेद 28
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 26, ‘धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता’ का अधिकार देता है। यह प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय को अपने धार्मिक संस्थानों की स्थापना और रखरखाव, अपनी धार्मिक संस्थाओं की संपत्ति का प्रबंधन, चल और अचल संपत्ति का अर्जन और धारण, और ऐसी संपत्ति का विधि के अनुसार प्रशासन करने का अधिकार प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन है। अनुच्छेद 25 धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी देता है, जबकि अनुच्छेद 26 धार्मिक संस्थाओं के सामूहिक प्रबंधन से संबंधित है। अनुच्छेद 27 किसी विशेष धर्म को बढ़ावा देने के लिए करों के भुगतान से स्वतंत्रता की बात करता है, और अनुच्छेद 28 धार्मिक शिक्षा या धार्मिक पूजा में भाग लेने की स्वतंत्रता या स्वतंत्रता से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 25 व्यक्तिगत धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित है। अनुच्छेद 27 करों से छूट के बारे में है, और अनुच्छेद 28 शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा से संबंधित है।
प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और संशोधन संदर्भ: ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है क्योंकि इसने प्रस्तावना और संविधान के कई अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों में बदलाव किए थे। इसका उद्देश्य भारतीय राज्य को एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करना था।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है, और 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय संविधान की मौलिक विशेषता (Basic Structure) नहीं है, जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केशवानंद भारती मामले में तय किया गया था?
- संसदीय प्रणाली
- कानून का शासन (Rule of Law)
- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
- पूर्ण प्रभुत्व (Sovereignty)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और संदर्भ: ‘पूर्ण प्रभुत्व’ (Sovereignty) भारतीय संविधान की मौलिक विशेषता का हिस्सा नहीं है, जबकि संसदीय प्रणाली, कानून का शासन और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव मौलिक विशेषता के रूप में स्थापित किए गए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि संसद संविधान के मौलिक अधिकारों सहित किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन यह मौलिक संरचना को नहीं बदल सकती। संविधान की मौलिक विशेषताओं में लोकतांत्रिक गणराज्य, धर्मनिरपेक्षता, शक्तियों का पृथक्करण, न्यायिक समीक्षा, संघवाद, आदि शामिल हैं। ‘संप्रभुता’ संविधान का एक मूल तत्व है, लेकिन मौलिक विशेषता के रूप में न्यायालय द्वारा इस प्रकार अलग से सूचीबद्ध नहीं किया गया है, बल्कि इसे ‘लोकतांत्रिक गणराज्य’ के साथ समझा जाता है।
- गलत विकल्प: संसदीय प्रणाली, कानून का शासन और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केशवानंद भारती मामले में और उसके बाद के विभिन्न निर्णयों में मौलिक विशेषताओं के रूप में स्थापित किए गए हैं।
प्रश्न 4: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) को लागू करने के लिए कोई भी न्यायालय नहीं जा सकता?
- अनुच्छेद 37
- अनुच्छेद 38
- अनुच्छेद 39
- अनुच्छेद 40
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से कहता है कि इस भाग में अंतर्विष्ट सिद्धांतों को किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं बनाया जाएगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद स्पष्ट करता है कि नीति निदेशक सिद्धांत ‘न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय’ नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि यदि राज्य इनका उल्लंघन करता है तो कोई भी व्यक्ति सीधे न्यायालय में नहीं जा सकता। हालांकि, ये सिद्धांत देश के शासन में ‘मौलिक’ हैं और राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह कानून बनाते समय इन सिद्धांतों को ध्यान में रखे। वे सरकार की नीति निर्माण के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 38 राज्य को सामाजिक-आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देने का निर्देश देता है, अनुच्छेद 39 समान न्याय और निशुल्क विधिक सहायता की बात करता है, और अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन का निर्देश देता है। इनमें से कोई भी अनुच्छेद DPSP की अप्रवर्तनीयता की बात नहीं करता, बल्कि यह कार्य अनुच्छेद 37 का है।
प्रश्न 5: भारत के राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?
- यह एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है।
- महाभियोग प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता है।
- महाभियोग प्रस्ताव को उस सदन की कुल सदस्यता के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है।
- राष्ट्रपति को महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान से पहले 14 दिन का लिखित नोटिस देना होता है।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही कथन और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया का उल्लेख अनुच्छेद 61 में है। महाभियोग प्रस्ताव को उस सदन की कुल सदस्यता के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है, जिसमें प्रस्ताव शुरू किया गया हो, और फिर यह दूसरे सदन में जाता है। यदि दूसरा सदन भी उस प्रस्ताव को अपनी कुल सदस्यता के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित कर देता है, तो राष्ट्रपति को पद से हटा दिया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रक्रिया अर्ध-न्यायिक प्रकृति की है। प्रस्ताव किसी भी सदन में लाया जा सकता है। राष्ट्रपति को प्रस्ताव की सूचना 14 दिन पहले लिखित रूप में दी जाती है, जिसमें आरोप-पत्र भी शामिल होता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (c) गलत है क्योंकि महाभियोग प्रस्ताव को उस सदन की *कुल सदस्यता* के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए, न कि केवल उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के।
प्रश्न 6: भारत के संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से किस निकाय का गठन सीधे तौर पर संविधान में उल्लिखित नहीं है?
- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)
- निर्वाचन आयोग (ECI)
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- अंतर-राज्यीय परिषद (Inter-State Council)
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और संदर्भ: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) का गठन भारतीय संविधान में सीधे तौर पर उल्लिखित नहीं है। इसका गठन मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और अंतर-राज्यीय परिषद (अनुच्छेद 263) का उल्लेख सीधे संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में किया गया है, जो उन्हें संवैधानिक निकायों की श्रेणी में रखते हैं।
- गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग (ECI), संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), और अंतर-राज्यीय परिषद (Inter-State Council) सभी संवैधानिक निकाय हैं, जिनका उल्लेख संविधान में स्पष्ट रूप से किया गया है।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?
- संथाली
- डोगरी
- मैथिली
- कुकी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुसूची संदर्भ: कुकी भाषा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: संथाली को 92वें संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा जोड़ा गया था। डोगरी और मैथिली को भी इसी संशोधन द्वारा शामिल किया गया था। आठवीं अनुसूची में वर्तमान में 22 भाषाएँ हैं, जिनमें असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू शामिल हैं।
- गलत विकल्प: संथाली, डोगरी और मैथिली आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाएँ हैं। कुकी एक महत्वपूर्ण भाषा है, लेकिन यह आठवीं अनुसूची का हिस्सा नहीं है।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन उपबंध’ (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- जर्मनी (वायमर गणराज्य)
- आयरलैंड
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और प्रेरणा का स्रोत: भारतीय संविधान में आपातकालीन उपबंधों को जर्मनी के वायमर गणराज्य के संविधान से प्रेरित होकर अपनाया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन, अनुच्छेद 356) और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) जैसे प्रावधानों को जर्मनी के संविधान से लिया गया है, जिसमें यह व्यवस्था थी कि मौलिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से ‘मौलिक अधिकार’, ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ लिए गए हैं। कनाडा से ‘संघवाद’, ‘अवशिष्ट शक्तियों का संघीय सरकार में निहित होना’ लिए गए हैं। आयरलैंड से ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ और ‘राष्ट्रपति के चुनाव की पद्धति’ लिए गए हैं।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसरों की समानता की गारंटी देता है?
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 18
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16, ‘लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता’ का प्रावधान करता है। यह कहता है कि राज्य के अधीन किसी भी पद के संबंध में नागरिकों के लिए कोई भी भेद नहीं होगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर राज्य के अधीन किसी भी नियोजन या नियुक्ति के संबंध में नागरिकों के लिए निष्पक्ष अवसर सुनिश्चित करता है। हालाँकि, संसद कुछ विशेष नियोजन के लिए निवास की शर्त निर्धारित कर सकती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ का अंत करता है। अनुच्छेद 18 ‘उपाधियों’ का अंत करता है।
प्रश्न 10: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
- 97वां संशोधन अधिनियम, 2011
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और संशोधन संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को भारतीय संविधान में भाग IX और अनुसूची XI जोड़कर एक संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए 29 विषयों के साथ एक नई 11वीं अनुसूची जोड़ी। इसी प्रकार, 74वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा दिया और भाग IX-A तथा 12वीं अनुसूची जोड़ी।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार से संबंधित है, और 97वां संशोधन सहकारी समितियों से संबंधित है।
प्रश्न 11: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के पद का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 78
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 148
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76, भारत के महान्यायवादी (Attorney General) के पद का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वे राष्ट्रपति की इच्छा पर्यन्त पद धारण करते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्यों को परिभाषित करता है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति से संबंधित है, और अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के पद की बात करता है।
प्रश्न 12: भारत में ‘लोक व्यवस्था’ (Public Order) पर मौलिक अधिकारों के उल्लंघन को निम्नलिखित में से किसके द्वारा उचित ठहराया जा सकता है?
- संसद
- सर्वोच्च न्यायालय
- राज्य विधानमंडल
- संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा पारित कानून, जो ‘तर्कसंगत निर्बंधन’ (Reasonable Restrictions) के तहत आते हैं।
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक अधिकार, विशेष रूप से स्वतंत्रता के अधिकार (अनुच्छेद 19), ‘लोक व्यवस्था’, नैतिकता और देश की सुरक्षा जैसे आधारों पर संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा पारित कानून द्वारा ‘तर्कसंगत निर्बंधन’ के अधीन हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19(2) में राज्य को लोक व्यवस्था, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शिष्टाचार या नैतिकता, या न्यायालय की अवमानना, मानहानि, या अपराध के लिए उकसाना आदि के आधार पर भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुछ उचित प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया गया है। ये प्रतिबंध तर्कसंगत होने चाहिए और विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों के माध्यम से लगाए जाते हैं।
- गलत विकल्प: संसद या राज्य विधानमंडल कानून के माध्यम से तर्कसंगत निर्बंधन लगा सकते हैं, न कि अपनी मर्जी से। सर्वोच्च न्यायालय इन निर्बंधनों की तर्कसंगतता की न्यायिक समीक्षा कर सकता है। ‘लोक व्यवस्था’ स्वयं कुछ अधिकारों पर निर्बंधन का आधार हो सकती है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस संशोधन द्वारा संविधान में ‘मूल कर्तव्य’ (Fundamental Duties) जोड़े गए?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 56वां संशोधन अधिनियम, 1987
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और संशोधन संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के भाग IV-A के तहत अनुच्छेद 51-A में 10 मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया।
- संदर्भ और विस्तार: सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर इन कर्तव्यों को जोड़ा गया था। बाद में, 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा एक और मूल कर्तव्य (शिक्षा का अधिकार) जोड़ा गया, जिससे इनकी संख्या 11 हो गई।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार से संबंधित है। 56वां संशोधन गोवा को राज्य का दर्जा देने से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21-A) और एक मूल कर्तव्य बनाता है।
प्रश्न 14: भारत के किस राष्ट्रपति का कार्यकाल सबसे लंबा रहा?
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
- डॉ. जाकिर हुसैन
- वी.वी. गिरी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और राष्ट्रपति का कार्यकाल: डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे और उन्होंने 26 जनवरी 1950 से 13 मई 1962 तक, लगभग 12 वर्षों तक, दो पूर्ण कार्यकाल सेवा की, जो किसी भी अन्य राष्ट्रपति की तुलना में सबसे लंबा कार्यकाल है।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- गलत विकल्प: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1962-1967), डॉ. जाकिर हुसैन (1967-1969), और वी.वी. गिरी (1969-1974) का कार्यकाल डॉ. राजेंद्र प्रसाद से बहुत कम था।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में रखने के विरुद्ध जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और रिट का अर्थ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) लैटिन में ‘तुम शरीर को प्रस्तुत करो’ का अर्थ रखता है। यह एक रिट है जो किसी ऐसे व्यक्ति की रिहाई के लिए जारी की जाती है जिसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया हो।
- संदर्भ और विस्तार: यह किसी भी नागरिक के व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) इस रिट को जारी कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: ‘परमादेश’ किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश है। ‘उत्प्रेषण’ किसी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है। ‘प्रतिषेध’ किसी निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर काम करने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 16: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का क्या अर्थ है, जो सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक है?
- अधिकारों का वितरण
- दण्ड का प्रावधान
- सभी नागरिकों को समान अवसर देना
- राज्य द्वारा व्यक्तियों के साथ भेदभाव का अभाव
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और प्रस्तावना का अर्थ: प्रस्तावना में ‘न्याय’ का अर्थ केवल अधिकारों का वितरण या दंड का प्रावधान नहीं है, बल्कि यह व्यक्तियों के साथ सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं होने का आश्वासन देता है।
- संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई विभेद न करना। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और आय के असमान वितरण को कम करना। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार, जैसे मतदान का अधिकार, पद धारण करने का अधिकार आदि प्रदान करना। यह विकल्प (d) इन तीनों को सबसे अच्छे से समाहित करता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) और (c) न्याय के केवल कुछ पहलू हैं। विकल्प (b) न्याय का एक रूप हो सकता है, लेकिन यह प्रस्तावना में वर्णित न्याय का व्यापक अर्थ नहीं है।
प्रश्न 17: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) अपना प्रतिवेदन किसे प्रस्तुत करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) अपने ऑडिट प्रतिवेदनों को सीधे भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जैसा कि अनुच्छेद 149 और 151 में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति इन प्रतिवेदनों को संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखते हैं। CAG संघ के लेखाओं से संबंधित प्रतिवेदन राष्ट्रपति को, और राज्यों के लेखाओं से संबंधित प्रतिवेदन संबंधित राज्यों के राज्यपालों को प्रस्तुत करता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और वित्त मंत्री कार्यकारी या विधायी प्रमुख हैं, न कि वे संस्थाएं जिन्हें CAG सीधे अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?
- भारत का संविधान अलिखित है।
- भारत एक प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है।
- भारतीय संविधान कठोर और लचीला दोनों है।
- भारतीय संविधान अध्यक्षात्मक प्रणाली की स्थापना करता है।
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और प्रणाली का विवरण: विकल्प (d) गलत है। भारत में अध्यक्षात्मक प्रणाली (Presidential System) नहीं है, बल्कि संसदीय प्रणाली (Parliamentary System) है, जहाँ कार्यपालिका (मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति उत्तरदायी होती है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत का संविधान लिखित है (विकल्प a गलत)। भारत एक प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है (प्रस्तावना के अनुसार, विकल्प b सही)। भारतीय संविधान कठोर (जैसे अनुच्छेद 368 के तहत संशोधन की प्रक्रिया) और लचीला (जैसे कुछ अन्य संशोधन) दोनों है (विकल्प c सही)।
- गलत विकल्प: विकल्प (d) गलत है क्योंकि भारत में संसदीय प्रणाली है, न कि अध्यक्षात्मक प्रणाली।
प्रश्न 19: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायतें, नगरपालिकाओं और सहकारी समितियों से संबंधित है?
- भाग V
- भाग VI
- भाग IX, IX-A और IX-B
- भाग XI
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और संबंधित भाग: भाग IX पंचायतों से संबंधित है (अनुच्छेद 243 से 243-O)। भाग IX-A नगरपालिकाओं से संबंधित है (अनुच्छेद 243-P से 243-ZG)। भाग IX-B सहकारी समितियों से संबंधित है (अनुच्छेद 243-ZH से 243-ZT)।
- संदर्भ और विस्तार: ये भाग क्रमशः 73वें, 74वें और 97वें संवैधानिक संशोधन अधिनियमों द्वारा जोड़े गए थे, जिनका उद्देश्य स्थानीय स्व-शासन को मजबूत करना था।
- गलत विकल्प: भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से संबंधित है। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधानमंडलों से संबंधित है। भाग XI संघ और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों से संबंधित है।
प्रश्न 20: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?
- ये आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं।
- ये न्यायोचित (Justiciable) नहीं हैं।
- ये देश के शासन में मूलभूत हैं।
- ये सरकार की नीतियों को निर्देशित करते हैं।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही कथन और DPSP की प्रकृति: कथन (b) गलत है। DPSP ‘न्यायोचित’ (Justiciable) नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि वे अदालत द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं। यह कथन *सही नहीं* है। अन्य सभी कथन DPSP के संबंध में सही हैं।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP आयरलैंड के संविधान से लिए गए हैं। वे देश के शासन में मूलभूत हैं और कानून बनाने में राज्य द्वारा ध्यान में रखे जाने चाहिए, जैसा कि अनुच्छेद 37 में कहा गया है। उनका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है।
- गलत विकल्प: कथन (b) सही नहीं है, क्योंकि DPSP ‘न्यायोचित’ नहीं हैं, जबकि प्रश्न में यह कहा गया है कि वे ‘न्यायोचित’ हैं (जो गलत है)। अतः, सही उत्तर (b) है क्योंकि यह गलत कथन है।
प्रश्न 21: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों के निर्माण या राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित कानून बनाने की शक्ति दी गई है?
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 4
- अनुच्छेद 1
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3, संसद को किसी भी राज्य से उसका क्षेत्र अलग करके या दो या अधिक राज्यों को मिलाकर या किसी राज्य के किसी भाग को मिलाकर नए राज्यों का निर्माण करने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति संसद को किसी राज्य का क्षेत्र बढ़ाने, घटाने या उसके नाम बदलने की भी शक्ति देती है। ऐसे किसी भी विधेयक को राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी के बिना संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता। ऐसे विधेयक को संबंधित राज्य विधानमंडल को उसकी राय जानने के लिए भेजा जा सकता है, लेकिन यह राय राष्ट्रपति या संसद पर बाध्यकारी नहीं होती।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत को ‘राज्यों का संघ’ घोषित करता है। अनुच्छेद 2 भारत में नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना की बात करता है। अनुच्छेद 4 स्पष्ट करता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत किए गए संशोधन 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे।
प्रश्न 22: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- संसद
- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)
- भारत के राष्ट्रपति
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति, अनुच्छेद 124(2) के तहत, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से परामर्श करने के बाद, सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कॉलेजियम प्रणाली के तहत, मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठतम न्यायाधीशों का एक समूह न्यायाधीशों के चयन की सिफारिश करता है, जिस पर राष्ट्रपति निर्णय लेते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, संसद या मुख्य न्यायाधीश (स्वयं) अकेले नियुक्ति नहीं करते। राष्ट्रपति, परामर्श प्रक्रिया के बाद नियुक्ति करते हैं।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से किस आधार पर किसी नागरिक की भारतीय नागरिकता समाप्त की जा सकती है?
- किसी अन्य देश की नागरिकता स्वेच्छा से प्राप्त कर लेना (Renunciation)
- किसी अन्य देश का नागरिक स्वीकार कर लेना (Termination)
- देशद्रोह (Treason)
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और नागरिकता अधिनियम: भारतीय नागरिकता, नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, तीन मुख्य आधारों पर समाप्त की जा सकती है: परिहार (Renunciation), पर्यवसान (Termination), और वंचन (Deprivation)।
- संदर्भ और विस्तार: परिहार तब होता है जब कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अपनी नागरिकता छोड़ देता है। पर्यवसान तब होता है जब कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है। वंचन तब होता है जब सरकार धोखाधड़ी, निष्ठा की अवहेलना (जैसे देशद्रोह), या युद्ध के दौरान दुश्मन की सहायता करने पर नागरिकता छीन लेती है।
- गलत विकल्प: देशद्रोह (Treason) वंचन (Deprivation) का एक आधार हो सकता है, इसलिए विकल्प (c) के सही होने पर, (d) भी सही हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अन्य देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है (पर्यवसान)।
प्रश्न 24: भारत में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) को किस अनुच्छेद के तहत परिभाषित किया गया है?
- अनुच्छेद 105
- अनुच्छेद 101
- अनुच्छेद 104
- अनुच्छेद 118
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105, संसद के सदनों तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियों, विशेषाधिकारों आदि का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद संसद को कुछ विशेषाधिकार प्रदान करता है ताकि वह प्रभावी ढंग से कार्य कर सके। इनमें बोलने की स्वतंत्रता, समितियों में भाग लेने का विशेषाधिकार, कार्यवाही के प्रकाशन का विशेषाधिकार आदि शामिल हैं। ये विशेषाधिकार अभी तक पूरी तरह से परिभाषित नहीं किए गए हैं और संसद समय-समय पर कानून बनाकर इन्हें स्पष्ट करती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 101 सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित है। अनुच्छेद 104 अनर्ह या अयोग्य होने पर या सदस्यता के लिए अयोग्य होने पर मतदान या कार्य करने के लिए दंड का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 118 अपने द्वारा प्रक्रिया के नियम बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक संशोधन ‘मतदान की आयु’ को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करता है?
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर और संशोधन संदर्भ: 61वें संशोधन अधिनियम, 1989 ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करके मतदान की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवा वर्ग को चुनावी प्रक्रिया में अधिक भागीदारी देना था, ताकि वे अपने प्रतिनिधि चुनने में सक्षम हो सकें।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार से संबंधित है। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है। 73वां संशोधन पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है।