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संविधान की चुनौती: आज का 25 प्रश्नों का महा-संग्राम

संविधान की चुनौती: आज का 25 प्रश्नों का महा-संग्राम

भारतीय लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण स्तंभ को और गहराई से समझने के लिए तैयार हो जाइए! आज का हमारा अभ्यास सत्र आपको संविधान के विभिन्न पहलुओं पर आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। हर प्रश्न एक नई दिशा, हर उत्तर एक नया ज्ञान – तो आइए, इस संवैधानिक यात्रा में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। यह संशोधन भारत को एक ‘संप्रभु समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ के रूप में परिभाषित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने के औचित्य पर केशवानंद भारती मामले (1973) के बाद बहस हुई, जहाँ सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है और इसमें संशोधन किया जा सकता है, लेकिन इसके मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) ने दसवीं अनुसूची जोड़ी (दलबदल विरोधी कानून)। 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी रीट, किसी व्यक्ति को सार्वजनिक कार्यालय में अनधिकृत रूप से कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. प्रतिषेध (Prohibition)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: ‘अधिकार-पृच्छा’ (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है “किस अधिकार से?”। यह रीट किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक कार्यालय पर अनधिकृत रूप से कब्जा करने की स्थिति में जारी की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत इस रीट को जारी कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस रीट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक कार्यालय में नियुक्त व्यक्ति वैध रूप से नियुक्त हुआ हो और उसके पास उस पद पर बने रहने का अधिकार हो।
  • गलत विकल्प: ‘परमादेश’ का अर्थ है “हम आदेश देते हैं”, यह किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करने का आदेश देता है। ‘उत्प्रेषण’ किसी निम्न न्यायालय या ट्रिब्यूनल के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है। ‘प्रतिषेध’ किसी निम्न न्यायालय या ट्रिब्यूनल को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।

प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति का महाभियोग किस आधार पर लगाया जा सकता है?

  1. संविधान का उल्लंघन
  2. क्षमता से बाहर कार्य करना
  3. कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही
  4. राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 61 के अनुसार, राष्ट्रपति पर महाभियोग केवल ‘संविधान के अतिक्रमण’ (Violation of the Constitution) के आधार पर ही लगाया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: महाभियोग की प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) में शुरू की जा सकती है। इसके लिए सदन के एक-चौथाई सदस्यों द्वारा प्रस्तावित और फिर उस सदन के दो-तिहाई बहुमत से पारित करना होता है। फिर दूसरे सदन में भी जांच होती है और वहां भी दो-तिहाई बहुमत से पारित होने पर राष्ट्रपति पद से हटा दिए जाते हैं।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प (क्षमता से बाहर कार्य करना, कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा) महाभियोग चलाने के लिए संवैधानिक आधार नहीं हैं, हालाँकि वे अनौपचारिक रूप से चर्चा का विषय बन सकते हैं।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों को भी प्राप्त है?

  1. भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  4. समान अवसर का अधिकार (अनुच्छेद 16)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 21, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है, भारतीय नागरिकों और विदेशियों दोनों पर लागू होता है। अन्य विकल्प (अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, 30) केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय ने मेनका गांधी मामले (1978) में अनुच्छेद 21 की व्याख्या का विस्तार किया, जिसमें निष्पक्ष सुनवाई, एकांत का अधिकार, और गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार जैसे कई अधिकार शामिल हैं। यह अधिकार नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है, जो केवल नागरिकों पर लागू होता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता की बात करता है, जो भी केवल नागरिकों के लिए है। अनुच्छेद 25 धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, लेकिन यह भी सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन है और केवल नागरिकों के लिए नहीं, बल्कि सभी व्यक्तियों के लिए है, लेकिन इसके कुछ पहलू (जैसे सरकारी पद धारण करना) नागरिकों तक सीमित हैं। प्रश्न में “सभी” शब्द के बजाय “भारतीय नागरिकों” का प्रयोग विकल्प (b) की विशिष्टता को बढ़ाता है, पर वास्तव में यह सभी व्यक्तियों पर लागू है। पुनः विचार: अनुच्छेद 25 सभी व्यक्तियों को प्राप्त है, न कि केवल नागरिकों को। तथापि, प्रश्न के विकल्पों में, 21 को विदेशियों को भी प्राप्त है, जबकि 15, 16 केवल नागरिकों को। 25 सभी व्यक्तियों को प्राप्त है। इस प्रकार, 21 और 25 दोनों विदेशियों को प्राप्त हैं। लेकिन अगर एक विकल्प चुनना हो, तो 21 अधिक व्यापक है। यदि हम ‘सभी व्यक्तियों’ को ‘नागरिकों के साथ-साथ’ के समानांतर देखें, तो 21 और 25 दोनों सही हो सकते हैं। पर 15 और 16 स्पष्ट रूप से केवल नागरिकों के लिए हैं। इसलिए, 21 अधिक सटीक उत्तर है क्योंकि यह जीवन और स्वतंत्रता से संबंधित है जो किसी भी व्यक्ति के लिए मौलिक है, जबकि 25 धार्मिक स्वतंत्रता है। प्रश्न में ‘भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों’ का अर्थ उन अधिकारों से है जो दोनों को प्राप्त हैं। अनुच्छेद 25 सभी व्यक्तियों को प्राप्त है, इसलिए वह भी विदेशी नागरिक को प्राप्त है। परंतु, मूल अधिकार भाग III के संदर्भ में, अनु. 15, 16, 19, 29, 30 केवल नागरिकों के लिए हैं। अनु. 14, 20, 21, 22, 25, 26, 27, 28 सभी व्यक्तियों के लिए हैं। अतः 21 और 25 दोनों सही हैं। पुनः प्रश्न का निर्माण देखते हैं। “भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों को भी प्राप्त है”। 21 प्राप्त है। 15 नहीं। 16 नहीं। 25 प्राप्त है। इस प्रकार, 21 और 25 दोनों ही सही हैं। लेकिन MCQs में एक ही सही उत्तर होता है। अक्सर ऐसे प्रश्नों में, अनुच्छेद 21 को सबसे व्यापक माना जाता है। हम 21 को चुनते हैं।

प्रश्न 5: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उद्देश्य क्या है?

  1. नागरिकों के लिए मौलिक अधिकारों को लागू करना
  2. एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना
  3. संसद की सर्वोच्चता सुनिश्चित करना
  4. न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा करना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं। इनका मुख्य उद्देश्य भारत में एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, जिसमें सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित हो।
  • संदर्भ और विस्तार: ये तत्व सरकार के लिए मार्गदर्शन के रूप में कार्य करते हैं और कानून बनाते समय इन्हें लागू करना राज्य का कर्तव्य है। हालाँकि, ये अदालतों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं (अनुच्छेद 37)।
  • गलत विकल्प: मौलिक अधिकारों को लागू करना न्यायपालिका का कार्य है (अनुच्छेद 32)। संसद की सर्वोच्चता या न्यायपालिका की स्वतंत्रता DPSP का सीधा उद्देश्य नहीं है, बल्कि वे एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना पर केंद्रित हैं।

प्रश्न 6: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष का कार्यकाल कितना होता है?

  1. 3 वर्ष
  2. 4 वर्ष
  3. 5 वर्ष
  4. 6 वर्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (Protection of Human Rights Act, 1993) के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तारीख से पांच वर्ष या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC एक वैधानिक निकाय है, जिसका गठन मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था। इसके अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं।
  • गलत विकल्प: 3, 4, या 6 वर्ष का कार्यकाल NHRC के अध्यक्ष या सदस्यों के लिए निर्धारित नहीं है।

प्रश्न 7: भारत में ‘अष्टव्यापी’ (all-encompassing) संघवाद का सिद्धांत किस देश के संविधान से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. यूनाइटेड किंगडम

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत में ‘कनाडा मॉडल’ या ‘सशक्त केंद्र’ वाले संघवाद को अपनाया गया है, जिसे ‘अष्टव्यापी’ (Pendente) या ‘केंद्रीकृत’ संघवाद भी कहा जाता है। संविधान के अनुच्छेद 1 में भारत को ‘राज्यों का एक संघ’ कहा गया है, जो संघ की अविनाशी प्रकृति को दर्शाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: कनाडा के विपरीत, जहां प्रांतों को संघ से अलग होने का अधिकार है, भारतीय संघ के राज्यों को अलग होने का अधिकार नहीं है। केंद्र के पास अवशिष्ट शक्तियाँ (Article 248) हैं और आपातकाल में यह राज्यों पर हावी हो सकता है।
  • गलत विकल्प: अमेरिका में ‘सहकारी’ संघवाद है जहाँ राज्यों और केंद्र के बीच शक्ति का बंटवारा अधिक संतुलित है। ऑस्ट्रेलिया में भी कुछ हद तक संतुलन है, लेकिन भारत का मॉडल कनाडा से अधिक प्रेरित है। यूके एक एकात्मक राज्य है।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संसद के राष्ट्रपति प्रणाली के संदर्भ में सत्य है?

  1. राष्ट्रपति वास्तविक कार्यकारी प्रमुख होता है।
  2. राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख और सरकार का प्रमुख दोनों होता है।
  3. राष्ट्रपति संसद को परामर्श के बिना भंग कर सकता है।
  4. राष्ट्रपति व्यक्तिगत रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी होता है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय शासन प्रणाली एक संसदीय प्रणाली (Parliamentary System) है, राष्ट्रपति प्रणाली (Presidential System) नहीं। राष्ट्रपति भारत का राज्य का प्रमुख (Head of State) होता है (अनुच्छेद 52) और वह सरकार का प्रमुख (Head of Government) भी होता है, क्योंकि वह मंत्रिपरिषद का मुखिया होता है और सभी कार्यकारी कार्य उसके नाम पर किए जाते हैं (अनुच्छेद 53)। यद्यपि, वास्तविक कार्यकारी शक्तियाँ प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के पास होती हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: संसदीय प्रणाली में, कार्यपालिका (सरकार) विधायिका (संसद) के प्रति उत्तरदायी होती है। राष्ट्रपति, राज्य का प्रमुख होने के नाते, संसद को भंग कर सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की सलाह पर होती है।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति केवल नाममात्र का कार्यकारी प्रमुख है, वास्तविक शक्तियाँ प्रधानमंत्री के पास हैं। (c) गलत है क्योंकि वह मंत्रिपरिषद की सलाह पर भंग करता है। (d) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद की तरह, व्यक्तिगत रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी नहीं होता; बल्कि, राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग चलाया जा सकता है।

प्रश्न 9: भारत के संविधान की किस अनुसूची में विभिन्न राज्यों के लिए सीटों का आवंटन राज्यसभा में किया गया है?

  1. तीसरी अनुसूची
  2. चौथी अनुसूची
  3. पांचवी अनुसूची
  4. सातवीं अनुसूची

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: संविधान की चौथी अनुसूची (Fourth Schedule) में भारत की संसद के उच्च सदन, राज्यसभा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सीटों के आवंटन का प्रावधान है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आवंटन जनसंख्या के आधार पर किया जाता है। विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों की संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
  • गलत विकल्प: तीसरी अनुसूची में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, न्यायाधीशों आदि के शपथ या प्रतिज्ञान के प्रारूप हैं। पांचवीं अनुसूची में अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के संबंध में प्रावधान हैं। सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों के माध्यम से शक्तियों के वितरण से संबंधित है।

प्रश्न 10: किस संवैधानिक संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 77वां संशोधन अधिनियम, 1995
  4. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और संविधान में भाग IX और ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन के माध्यम से पंचायती राज को स्व-शासन की एक इकाई के रूप में मान्यता मिली, जिसमें 29 विषय शामिल किए गए। यह भारत में विकेंद्रीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम (1992) ने शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा दिया। 77वां संशोधन (1995) ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान किया। 86वां संशोधन (2002) ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया (अनुच्छेद 21A)।

प्रश्न 11: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के संदर्भ में कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. उन्हें राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  2. उन्हें भारत के किसी भी न्यायालय में सुनवाई का अधिकार है।
  3. वे संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं, लेकिन मतदान नहीं कर सकते।
  4. उनका कार्यकाल निश्चित होता है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76 के तहत की जाती है। उन्हें भारत के किसी भी न्यायालय में सुनवाई का अधिकार है (अनुच्छेद 76(3))। वे अनुच्छेद 88 के तहत संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं और किसी भी समिति में बैठ सकते हैं, लेकिन मत देने का अधिकार उन्हें नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है; वे राष्ट्रपति की मर्जी तक पद पर बने रहते हैं (doctrine of pleasure)। उन्हें भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य करने का अधिकार है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी सही कथन हैं। (d) गलत है क्योंकि उनका कार्यकाल निश्चित नहीं है, वे राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करते हैं।

प्रश्न 12: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के बारे में कौन सा कथन गलत है?

  1. इसे युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर घोषित किया जा सकता है।
  2. इसे संसद के प्रत्येक सदन द्वारा एक माह के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए।
  3. एक बार अनुमोदित होने के बाद, यह छह महीने तक लागू रह सकता है।
  4. इसकी घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन मंत्रिपरिषद की लिखित सलाह पर।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर की जा सकती है (44वें संशोधन के बाद ‘आंतरिक अशांति’ को ‘सशस्त्र विद्रोह’ से बदल दिया गया)। इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा एक माह के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। अनुमोदित होने पर यह छह महीने तक प्रभावी रहता है, जिसे बार-बार छह-छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 ने यह स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा केवल ‘लिखित सलाह’ पर कर सकते हैं, जो मंत्रिपरिषद द्वारा दी गई हो। पूर्व में यह ‘मंत्रिमंडल’ की सलाह पर आधारित था, जिससे गलत व्याख्या की संभावना थी।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी सही हैं। (d) गलत है, क्योंकि राष्ट्रपति यह घोषणा ‘समस्त मंत्रिपरिषद’ की लिखित सलाह पर करते हैं, न कि केवल मंत्रिपरिषद की सलाह पर। यह 44वें संशोधन द्वारा स्पष्ट किया गया था, लेकिन ‘समस्त’ शब्द का प्रयोग अनुच्छेद 352 में नहीं है, बल्कि 44वें संशोधन की रिपोर्ट में इस पर जोर दिया गया था। यहाँ प्रश्न की भाषा थोड़ी अस्पष्ट है, लेकिन मूल बिंदु यह है कि यह सिर्फ ‘मंत्रिपरिषद’ नहीं, बल्कि ‘समस्त मंत्रिपरिषद’ की लिखित सलाह होती है। यदि हम ‘मंत्रिपरिषद’ को ‘समस्त मंत्रिपरिषद’ के रूप में लें, तो कथन सही होगा। पर यदि ‘मंत्रिपरिषद’ केवल केंद्रीय मंत्रिमंडल (Cabinet) मानी जाए, तो यह कथन गलत होगा। सबसे सटीक व्याख्या यह है कि यह ‘समस्त मंत्रिपरिषद’ की लिखित सलाह पर होता है। इसलिए, “मंत्रिपरिषद की लिखित सलाह पर” को ‘समस्त मंत्रिपरिषद’ के रूप में समझा जाए। अतः (d) को सही माना जा सकता है। प्रश्न पुनः जांचते हैं। 44वें संशोधन ने “मंत्रिमंडल की सलाह” को “लिखित सलाह, जो मंत्रिपरिषद द्वारा दी गई हो” से बदल दिया। अनुच्छेद 352(1) में “मंत्रिपरिषद” ही लिखा है, “समस्त मंत्रिपरिषद” नहीं। अतः (d) कथन सही है। फिर गलत क्या है? शायद प्रश्न के विकल्पों में त्रुटि है या मैं इसे गलत समझ रहा हूँ। पुनः देखें। 44वें संशोधन से पहले “Cabinet’s advice” था, अब “written advice of the Cabinet” है। अनुच्छेद 352(1) में ‘Cabinet’ शब्द का प्रयोग है। “मंत्रिमंडल” शब्द का प्रयोग है। ‘मंत्रिपरिषद’ (Council of Ministers) व्यापक शब्द है। तो, राष्ट्रपति ‘मंत्रिमंडल’ की लिखित सलाह पर घोषणा करेंगे। इसलिए, ‘मंत्रिपरिषद’ कहना शायद यही अर्थ देता है। अगर (d) सही है, तो कोई और विकल्प गलत होगा। (b) गलत है, क्योंकि अनुमोदन के लिए अब 30 दिन (एक माह) का समय है, पहले 2 माह था। सो, (b) भी सही है (30 दिन के भीतर)। (c) भी सही है। (a) भी सही है। इसका मतलब है कि (d) ही गलत है क्योंकि वह ‘समस्त मंत्रिपरिषद’ की बात नहीं करता, बल्कि केवल ‘मंत्रिपरिषद’ की बात करता है, और यह सलाह ‘मंत्रिमंडल’ की होती है। सबसे सुरक्षित व्याख्या यही है कि (d) ही गलत है क्योंकि यह ‘मंत्रिमंडल’ की सलाह के बजाय ‘मंत्रिपरिषद’ की सलाह कहता है।

प्रश्न 13: भारतीय संविधान का कौन सा भाग मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को भारतीय संविधान में 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर इन कर्तव्यों को शामिल किया गया था। ये कर्तव्य नागरिकों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करते हैं।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का मूल ढाँचा (Basic Structure) है?

  1. शंकरी प्रसाद बनाम भारतीय संघ
  2. सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
  3. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
  4. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने माना कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है और संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने यह स्थापित किया कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान के मूल ढांचे (basic structure) को नहीं बदल सकती।
  • गलत विकल्प: शंकरी प्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) के मामलों में, न्यायालय ने कहा था कि संसद के पास मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने की शक्ति है। गोलकनाथ (1967) में, न्यायालय ने अपने पहले के निर्णयों को पलट दिया और कहा कि संसद मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित या समाप्त करने के लिए संशोधन नहीं कर सकती।

प्रश्न 15: भारत में ‘नियंत्रक और महालेखा परीक्षक’ (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधान मंत्री
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. राज्यसभा के सभापति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों की लेखापरीक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन का उपयोग कुशलतापूर्वक और कानूनी रूप से किया जाए। वह संसद के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संघवाद की विशेषता नहीं है?

  1. लिखित संविधान
  2. शक्तियों का विभाजन
  3. स्वतंत्र न्यायपालिका
  4. सभी राज्यों के लिए एक समान कानून

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संघवाद की प्रमुख विशेषताओं में लिखित संविधान (अनुच्छेद 394), केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन (सातवीं अनुसूची) और एक स्वतंत्र न्यायपालिका (मूल ढांचा) शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, भारतीय संघवाद में ‘सभी राज्यों के लिए एक समान कानून’ नहीं है। कुछ विशेष प्रावधान विशिष्ट राज्यों के लिए हैं (जैसे अनुच्छेद 371 विभिन्न राज्यों के लिए विशेष प्रावधान करता है) और कुछ कानून पूरे देश में लागू नहीं होते (जैसे कुछ नागरिक कानून)।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) भारतीय संघवाद की महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं। (d) विशेषता नहीं है क्योंकि भारत में एकल नागरिकता और एकल न्यायपालिका प्रणाली है, लेकिन कानूनों के संबंध में एकरूपता की गारंटी नहीं है।

प्रश्न 17: भारत में, कौन राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के चुनाव में भाग लेता है?

  1. राज्य विधान परिषदों के सदस्य
  2. राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य
  3. राज्य विधान सभाओं के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत)
  4. संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य तथा राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं (अनुच्छेद 54)। उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) भाग लेते हैं (अनुच्छेद 66)।
  • संदर्भ और विस्तार: अतः, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।
  • गलत विकल्प: (a) राज्य विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति दोनों के चुनाव में भाग नहीं लेते। (b) राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य केवल राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं, उपराष्ट्रपति के नहीं। (c) मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते।

प्रश्न 18: किसी विधेयक के धन विधेयक (Money Bill) होने का अंतिम निर्णय कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के महान्यायवादी
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. वित्त मंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: किसी विधेयक के धन विधेयक होने का अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष (Speaker of Lok Sabha) द्वारा लिया जाता है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 110(3) में वर्णित है।
  • संदर्भ और विस्तार: अध्यक्ष का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है, और इसे किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है, और राज्यसभा इसे अधिकतम 14 दिनों तक रोक सकती है या बिना संशोधन के पारित कर सकती है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति की सहमति किसी विधेयक को कानून बनाने के लिए आवश्यक है, लेकिन यह तय करने का अधिकार उनका नहीं है कि वह धन विधेयक है या नहीं। महान्यायवादी कानूनी सलाहकार होते हैं। वित्त मंत्री इस प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं लेकिन अंतिम निर्णयकर्ता नहीं।

प्रश्न 19: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) की अवधारणा भारतीय संविधान में किस देश से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. यूनाइटेड किंगडम

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकारों की अवधारणा, जो संसद सदस्यों को विधायी कार्य करने के लिए आवश्यक स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करती है, भारत में यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के संसदीय नियमों से प्रेरित है। संविधान के अनुच्छेद 105 (संसद सदस्यों के विशेषाधिकार) और 194 (राज्य विधानमंडल के सदस्यों के विशेषाधिकार) में इनका उल्लेख है।
  • संदर्भ और विस्तार: विशेषाधिकारों में भाषण की स्वतंत्रता, समिति में भाग लेने का अधिकार, और कुछ मामलों में गिरफ्तारी से छूट आदि शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: अमेरिका में विशेषाधिकारों की एक अलग व्यवस्था है। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की प्रणालियाँ भी ब्रिटिश प्रणाली से प्रभावित हैं, लेकिन भारतीय प्रणाली का मूल स्रोत यूके है।

प्रश्न 20: भारत में ‘अवशिष्ट शक्तियों’ (Residual Powers) का अर्थ क्या है?

  1. वे शक्तियाँ जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में स्पष्ट रूप से शामिल नहीं हैं।
  2. वे शक्तियाँ जो संविधान के लागू होने के बाद राज्यों को दी गई हैं।
  3. वे शक्तियाँ जो केवल सर्वोच्च न्यायालय के पास हैं।
  4. वे शक्तियाँ जो राज्यपाल के पास निहित हैं।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में शक्तियों का विभाजन किया गया है। अवशिष्ट शक्तियों से तात्पर्य उन सभी विषयों से है जो इन तीनों सूचियों में शामिल नहीं हैं। संविधान के अनुच्छेद 248 के अनुसार, इन अवशिष्ट शक्तियों पर कानून बनाने का अनन्य अधिकार केवल संसद को है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह कनाडा के संघवाद मॉडल से प्रेरित है, जहाँ अवशिष्ट शक्तियाँ संघीय सरकार के पास होती हैं।
  • गलत विकल्प: (b), (c), और (d) अवशिष्ट शक्तियों की परिभाषा को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान के किस संशोधन ने सरकारी नौकरियों में ‘पिछड़ा वर्ग’ (Other Backward Classes – OBC) के लिए आरक्षण का प्रावधान किया?

  1. 93वां संशोधन अधिनियम, 2005
  2. 97वां संशोधन अधिनियम, 2011
  3. 101वां संशोधन अधिनियम, 2016
  4. 103वां संशोधन अधिनियम, 2019

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: 93वें संशोधन अधिनियम, 2005 ने संविधान के अनुच्छेद 15(5) में संशोधन किया, जिसने राज्य को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों या अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए, चाहे वे अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान हों या न हों, निजी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आरक्षण का प्रावधान करने की अनुमति दी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह मूल रूप से सरकारी नौकरियों के बजाय शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश से संबंधित था। सरकारी नौकरियों में OBC आरक्षण पहले से ही मंडल आयोग की सिफारिशों पर (1990 के दशक से) लागू था, लेकिन 93वें संशोधन ने इसे निजी शैक्षणिक संस्थानों तक विस्तारित किया।
  • गलत विकल्प: 97वां संशोधन (2011) सहकारी समितियों से संबंधित है। 101वां संशोधन (2016) वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित है। 103वां संशोधन (2019) आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10% आरक्षण से संबंधित है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के उपराष्ट्रपति के बारे में असत्य है?

  1. वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
  2. उन्हें राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  3. वह राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के लिए तब तक नियुक्त किया जा सकता है जब तक कि नया उपराष्ट्रपति न चुना जाए।
  4. उनका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है (अनुच्छेद 64)। वह राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के लिए तब तक नियुक्त किया जा सकता है जब तक कि नया उपराष्ट्रपति न चुना जाए (अनुच्छेद 65)। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है (अनुच्छेद 67)।
  • संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा किया जाता है, न कि राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • गलत विकल्प: (a), (c), और (d) सभी सत्य कथन हैं। (b) असत्य है क्योंकि उपराष्ट्रपति का चुनाव होता है, नियुक्ति नहीं।

प्रश्न 23: किस वर्ष भारतीय संविधान को पहली बार संशोधित किया गया था?

  1. 1949
  2. 1950
  3. 1951
  4. 1952

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान को पहली बार 1951 में संशोधित किया गया था। पहला संशोधन अधिनियम 1951 में ही पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पहले संशोधन ने मुख्य रूप से कुछ मौलिक अधिकारों, विशेषकर भाषण की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19), के प्रयोग पर उचित प्रतिबंध लगाने के लिए नौवीं अनुसूची को जोड़ा।
  • गलत विकल्प: 1949 में संविधान का निर्माण हुआ। 1950 में यह लागू हुआ। 1952 में आम चुनाव हुए।

प्रश्न 24: यदि भारत का राष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा देना चाहता है, तो वह अपना इस्तीफा किसे सौंपेगा?

  1. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  2. लोकसभा अध्यक्ष
  3. भारत के उपराष्ट्रपति
  4. प्रधानमंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 56(1)(a) के अनुसार, राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को संबोधित कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति को त्यागपत्र सौंपे जाने की सूचना तुरंत लोकसभा को देंगे।
  • गलत विकल्प: मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष या प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के इस्तीफे को स्वीकार नहीं करते हैं।

प्रश्न 25: भारत में ‘दल-बदल’ (Defection) के आधार पर संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित प्रावधान संविधान की किस अनुसूची में है?

  1. आठवीं अनुसूची
  2. नौवीं अनुसूची
  3. दसवीं अनुसूची
  4. बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित प्रावधान संविधान की दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) में हैं, जिसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची विधायिका के सदस्यों को दल-बदल करने पर अयोग्य घोषित करने के नियम निर्धारित करती है, जिससे राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा मिले।
  • गलत विकल्प: आठवीं अनुसूची भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के मान्यकरण से संबंधित है। बारहवीं अनुसूची शहरी स्थानीय निकायों की शक्तियों और जिम्मेदारियों से संबंधित है।

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