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संविधान की चुनौती: अपनी पकड़ को पैना करें

संविधान की चुनौती: अपनी पकड़ को पैना करें

नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र के स्तंभों को गहराई से समझना आपकी तैयारी की कुंजी है। आज का यह विशेष अभ्यास सत्र आपको संविधान के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। आइए, इस चुनौती को स्वीकार करें और अपनी राजव्यवस्था की समझ को और अधिक मज़बूत करें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) का एक महत्वपूर्ण पहलू है?

  1. न्यायाधीशों द्वारा विधानमंडल की शक्तियों का अतिक्रमण
  2. सार्वजनिक महत्व के मामलों में जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से न्यायपालिका का हस्तक्षेप
  3. विधायिका द्वारा पारित कानूनों की केवल प्रक्रियात्मक वैधता की जाँच
  4. न्यायपालिका द्वारा केवल व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: न्यायिक सक्रियता का एक प्रमुख पहलू सार्वजनिक महत्व के मामलों में जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से न्यायपालिका का हस्तक्षेप है। हालाँकि इसके लिए कोई विशिष्ट अनुच्छेद नहीं है, यह अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति) के तहत नागरिकों के अधिकारों को प्रभावी बनाने की न्यायपालिका की व्यापक व्याख्या से उत्पन्न हुआ है।
  • संदर्भ और विस्तार: न्यायिक सक्रियता में न्यायपालिका, विशेषकर सर्वोच्च न्यायालय, अक्सर उन क्षेत्रों में हस्तक्षेप करती है जहाँ विधायिका या कार्यपालिका की निष्क्रियता देखी जाती है, ताकि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा की जा सके और सार्वजनिक कल्याण को बढ़ावा दिया जा सके।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि न्यायिक सक्रियता का अर्थ हमेशा अतिक्रमण नहीं होता, बल्कि निष्क्रियता पर प्रतिक्रिया हो सकती है। (c) गलत है क्योंकि न्यायपालिका कानूनों की वैधता और औचित्य दोनों की जाँच कर सकती है। (d) गलत है क्योंकि न्यायिक सक्रियता केवल व्यक्तिगत अधिकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि सार्वजनिक हितों को भी शामिल करती है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति राष्ट्रीय महत्व के किसी भी मामले पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह ले सकते हैं?

  1. अनुच्छेद 143
  2. अनुच्छेद 142
  3. अनुच्छेद 145
  4. अनुच्छेद 147

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय महत्व के किसी भी प्रश्न पर, जो कानून या तथ्य के प्रश्न के रूप में हो, सर्वोच्च न्यायालय की सलाह लेने की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति इस सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं है, और सर्वोच्च न्यायालय की सलाह केवल परामर्शदात्री प्रकृति की होती है। यह अनुच्छेद न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद का माध्यम है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 142 ‘सर्वोच्च न्यायालय की डिक्री’ से संबंधित है, अनुच्छेद 145 ‘सर्वोच्च न्यायालय के नियमों’ से संबंधित है, और अनुच्छेद 147 ‘व्याख्या’ से संबंधित है।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?

  1. भारत का प्रमुख वंशानुगत होगा।
  2. भारत का प्रमुख अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होगा।
  3. भारत का प्रमुख निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होगा।
  4. भारत का प्रमुख मनोनीत किया जाएगा।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख, यानी राष्ट्रपति, सीधे या परोक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है, न कि वंशानुगत। भारतीय संविधान के भाग V, अनुच्छेद 52 में राष्ट्रपति के पद का उल्लेख है, और उनका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह राजतंत्र के विपरीत है जहाँ राज्य का प्रमुख वंशानुगत होता है। भारत में, राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जो उन्हें एक निश्चित कार्यकाल (5 वर्ष) के लिए चुनता है।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं, वंशानुगत नहीं। (b) आंशिक रूप से सही है कि चुनाव अप्रत्यक्ष है, लेकिन ‘निश्चित अवधि’ (c) इसका अधिक सटीक और पूर्ण अर्थ है। (d) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति मनोनीत नहीं होते।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी संसदीय समिति लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) की ‘जुड़वां बहन’ (Twin Sister) के रूप में जानी जाती है?

  1. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
  2. सार्वजनिक उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
  3. सरकारी आश्वासन समिति (Committee on Government Assurances)
  4. याचिका समिति (Committee on Petitions)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: प्राक्कलन समिति को लोक लेखा समिति की ‘जुड़वां बहन’ कहा जाता है। यह उपाधि उनके संयुक्त कार्य और पूरक प्रकृति के कारण दी जाती है। दोनों समितियाँ वित्तीय समितियों का हिस्सा हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: लोक लेखा समिति भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्टों की जाँच करती है, जबकि प्राक्कलन समिति सरकारी व्यय में मितव्ययिता और दक्षता के लिए सुझाव देती है, जो बजटीय प्रस्तावों के आधार पर अनुमानों की जाँच करती है। दोनों समितियाँ संसद के वित्तीय नियंत्रण के महत्वपूर्ण साधन हैं।
  • गलत विकल्प: (b) सार्वजनिक उपक्रम समिति सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की कार्यक्षमता की जाँच करती है, (c) सरकारी आश्वासन समिति सरकार द्वारा संसद में दिए गए आश्वासनों के अनुपालन की जाँच करती है, और (d) याचिका समिति नागरिकों की याचिकाओं से संबंधित है।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान में ‘राज्य’ की परिभाषा अनुच्छेद 12 के तहत क्या शामिल करती है?

  1. केवल संघ और राज्य की सरकारें और विधानमंडल
  2. संघ और राज्य की सरकारें, विधानमंडल और वे सभी स्थानीय प्राधिकारी जो भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण में हैं
  3. केवल केंद्रीय सरकार और संसद
  4. केवल राज्य सरकारें और राज्य विधानमंडल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ की परिभाषा में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यापक परिभाषा मौलिक अधिकारों पर लागू होती है (भाग III)। ‘अन्य प्राधिकारी’ में वे संस्थाएँ भी शामिल हो सकती हैं जो सीधे तौर पर सरकारी नहीं हैं, लेकिन जिनमें राज्य के कुछ कार्य करने की शक्ति है, जैसे सार्वजनिक उपक्रम।
  • गलत विकल्प: (a), (c), और (d) केवल ‘राज्य’ की परिभाषा के सीमित हिस्से को शामिल करते हैं और अनुच्छेद 12 की व्यापकता को नज़रअंदाज़ करते हैं।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  4. भारत में कहीं भी घूमने-फिरने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत आने वाले स्वतंत्रता के अधिकार, जैसे कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के इकट्ठा होने की स्वतंत्रता, संघ बनाने की स्वतंत्रता, भारत में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता, और भारत के किसी भी हिस्से में निवास करने और बसने की स्वतंत्रता, केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19 ‘स्वतंत्रता के अधिकार’ से संबंधित है, जो भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। ये अधिकार विदेशी नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा), और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) सभी नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 7: ‘आपातकालीन उपबंध’ (Emergency Provisions) भारतीय संविधान के किस भाग में दिए गए हैं?

  1. भाग XIV
  2. भाग XV
  3. भाग XVIII
  4. भाग XX

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XVIII, अनुच्छेद 352 से 360 तक, आपातकालीन उपबंधों से संबंधित है। इसमें राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्यों में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये उपबंध भारत को गंभीर संकटों से निपटने के लिए एक मजबूत केंद्रीय प्राधिकरण प्रदान करते हैं, हालांकि इनके दुरुपयोग की भी आशंका रहती है, जैसा कि विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं से देखा गया है।
  • गलत विकल्प: भाग XIV ‘सेवाओं पर’ (Services under Union and States), भाग XV ‘निर्वाचन’ (Elections), और भाग XX ‘संविधान का संशोधन’ (Amendment of the Constitution) से संबंधित हैं।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘संविधान की संशोधन प्रक्रिया’ (Amendment Procedure) के बारे में सत्य है?

  1. संविधान में संशोधन केवल संसद के बहुमत से किया जा सकता है।
  2. कुछ संशोधनों के लिए संसद के विशेष बहुमत और आधे राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है।
  3. किसी भी संशोधन के लिए भारत के राष्ट्रपति की पूर्वानुमति आवश्यक है।
  4. संविधान संशोधन विधेयक को केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान के कुछ प्रावधानों को संशोधित करने के लिए संसद के विशेष बहुमत (सदस्यों का दो-तिहाई बहुमत जो उपस्थित और मतदान करने वाले हों) और आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 368, संविधान के भाग XX में, दो प्रकार की संशोधन प्रक्रियाओं का प्रावधान करता है: (i) संसद के विशेष बहुमत द्वारा, और (ii) विशेष बहुमत और आधे राज्यों के अनुसमर्थन द्वारा।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि सभी संशोधन केवल बहुमत से नहीं होते। (c) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति की पूर्वानुमति केवल कुछ विधेयकों (जैसे धन विधेयक) के लिए आवश्यक होती है, न कि सभी संविधान संशोधनों के लिए। (d) गलत है क्योंकि संविधान संशोधन विधेयक किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत को सुनिश्चित करता है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 39(घ)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 39(घ), राज्य नीति के निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, यह प्रावधान करता है कि राज्य यह सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करेगा कि पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान कार्य का समान वेतन हो।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि यह एक निर्देशक सिद्धांत है, सर्वोच्च न्यायालय ने कई ऐतिहासिक निर्णयों में इसे अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के साथ जोड़कर लागू किया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता से संबंधित है।

प्रश्न 10: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा, प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (secular) और ‘अखंडता’ (integrity) शब्दों को जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन मिनी-संविधान के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसने मौलिक कर्तव्यों को भी जोड़ा और कई अन्य महत्वपूर्ण बदलाव किए। इन शब्दों को जोड़ने से भारतीय संविधान के लोकतांत्रिक गणराज्य के स्वरूप को और स्पष्ट किया गया।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाया। 52वां संशोधन (1985) दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है। 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।

प्रश्न 11: राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति, जो अनुच्छेद 72 के तहत आती है, क्या इसमें शामिल नहीं है?

  1. मृत्युदंड को क्षमा करना
  2. सभी प्रकार के अपराधों के लिए दंडादेश का निलंबन (reprieve) या लघुकरण (commute)
  3. संघीय कानून के विरुद्ध अपराधों के लिए दी गई सज़ा
  4. सभी प्रकार के अपराधों के लिए व्यक्तिगत रूप से माफी (pardon)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमादान की शक्ति देता है, जिसमें मृत्युदंड को क्षमा करना, किसी अपराध के लिए दंड या सज़ा का निलंबन, लघुकरण या माफी देना शामिल है। इसमें संघीय कानून के विरुद्ध अपराधों के लिए दी गई सज़ा भी शामिल है। राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति में ‘सभी प्रकार के अपराधों के लिए व्यक्तिगत रूप से माफी’ (pardon) को स्पष्ट रूप से शामिल नहीं किया गया है, बल्कि सामान्यतः ‘दंड का लघुकरण’ के तहत आता है। हालाँकि, ‘पार्डन’ (क्षमा) आमतौर पर पूरी तरह से दोषमुक्ति की ओर ले जाता है। मूल प्रश्न की भाषा को देखते हुए, विकल्प (d) सबसे सटीक भिन्नता है क्योंकि राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का दायरा पूर्ण व्यक्तिगत माफी (personal pardon) को सीधे तौर पर सभी प्रकार के अपराधों के लिए स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध नहीं करता, बल्कि अपराधों की प्रकृति और दंड पर केंद्रित होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की यह शक्ति न्यायपालिका के फैसलों का विकल्प नहीं है, बल्कि एक अतिरिक्त संवैधानिक विशेषाधिकार है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति के अंतर्गत आते हैं।

प्रश्न 12: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधान न्यायाधीश
  3. भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक समिति
  4. गृह मंत्रालय

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा, प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। यह समिति लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा में विपक्ष के नेता, और भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित एक उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से बनती है। (मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993)
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी।
  • गलत विकल्प: (b) भारत के प्रधान न्यायाधीश चयन समिति के सदस्य होते हैं, वे नियुक्ति नहीं करते। (c) समिति सिफारिश करती है, लेकिन नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। (d) गृह मंत्रालय नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होता है लेकिन प्रत्यक्ष रूप से नियुक्ति नहीं करता।

प्रश्न 13: भारतीय संविधान के अनुसार, ‘राज्य की नीति के निदेशक तत्व’ (DPSP) _________ के लिए हैं?

  1. न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय
  2. न्यायालय द्वारा अप्रवर्तनीय
  3. केवल मौलिक अधिकारों को पूरक
  4. विधायिका के लिए बाध्यकारी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य की नीति के निदेशक तत्व (DPSP), जो संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक दिए गए हैं, न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं। यह अनुच्छेद 37 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ये सिद्धांत देश के शासन में मौलिक हैं और राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह विधि निर्माण में इन सिद्धांतों को लागू करे।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि वे कानूनी रूप से प्रवर्तनीय नहीं हैं, फिर भी वे सरकार की नीतियों के निर्माण और कानून बनाने के लिए मौलिक हैं। इन्हें ‘नैतिक’ बाध्यता माना जाता है।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि DPSP प्रवर्तनीय नहीं हैं। (c) वे मौलिक अधिकारों के पूरक हो सकते हैं, लेकिन यह उनका प्राथमिक उद्देश्य नहीं है। (d) वे विधायिका के लिए बाध्यकारी नहीं हैं, बल्कि मार्गदर्शन करते हैं।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत संसद को यह अधिकार है कि वह किसी विशेष राज्य के लिए एक संयुक्त उच्च न्यायालय की स्थापना कर सके?

  1. अनुच्छेद 231
  2. अनुच्छेद 230
  3. अनुच्छेद 232
  4. अनुच्छेद 233

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 231 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना कर सके।
  • संदर्भ और विस्तार: वर्तमान में, कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ऐसे संयुक्त उच्च न्यायालय हैं, जैसे चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के लिए, और गुवाहाटी में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 230 उच्च न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने से संबंधित है। अनुच्छेद 232 अनुपठित है। अनुच्छेद 233 जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 15: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) किसके प्रति उत्तरदायी होता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. लोकसभा
  3. संसद (लोकसभा और राज्यसभा दोनों)
  4. प्रधानमंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) एक स्वतंत्र निकाय है, जिसके रिपोर्टों की जांच संसद द्वारा की जाती है। CAG अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जो उन्हें संसद के पटल पर रखते हैं। इस प्रकार, CAG अप्रत्यक्ष रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी होता है। अनुच्छेद 149, 150, और 151 CAG के कर्तव्यों और रिपोर्टों से संबंधित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत की समेकित निधि (Consolidated Fund) और सार्वजनिक खातों से होने वाले सभी व्यय की लेखा-परीक्षा करता है और उसकी रिपोर्ट संसद की लोक लेखा समिति को सौंपी जाती है।
  • गलत विकल्प: CAG सीधे तौर पर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के प्रति उत्तरदायी नहीं होता, बल्कि उसकी जवाबदेही संसद के प्रति होती है।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘ग्राम पंचायत’ (Village Panchayats) की व्यवस्था का उल्लेख है?

  1. भाग III (मौलिक अधिकार)
  2. भाग IV (राज्य नीति के निदेशक तत्व)
  3. भाग V (संघ)
  4. भाग VI (राज्य)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 40 में ग्राम पंचायतों के गठन का प्रावधान है, जो राज्य की नीति के निदेशक तत्वों का एक हिस्सा है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद कहता है कि “राज्य ग्राम पंचायतों का संगठन करने के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करेगा जो वे स्व-शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक हों।” इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा एक संवैधानिक दर्जा दिया गया, जिसने भाग IX जोड़ा।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से, भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से, और भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।

प्रश्न 17: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council) की अध्यक्षता कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. भारत के प्रधानमंत्री
  4. वित्त मंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक कार्यकारी निकाय है और इसका अध्यक्ष भारत का प्रधानमंत्री होता है। NDC का गठन 1952 में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं के अनुमोदन, राष्ट्रीय महत्व की नीतियों पर विचार-विमर्श और भारत के सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है। यह भारत के संघीय ढांचे में राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय का एक मंच है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और वित्त मंत्री NDC के पदेन अध्यक्ष नहीं होते हैं।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा प्रस्ताव संसद में सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए लाया जाता है?

  1. स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion)
  2. विश्वास प्रस्ताव (Confidence Motion)
  3. अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion)
  4. धनादेश प्रस्ताव (Cut Motion)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) अनुच्छेद 118 के तहत लोकसभा के नियमों के अनुसार लाया जाता है। यदि यह पारित हो जाता है, तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सरकार को संसद के प्रति जवाबदेह बनाने का एक सबसे शक्तिशाली संसदीय उपकरण है। यह केवल लोकसभा में ही लाया जा सकता है और इसके लिए न्यूनतम 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: स्थगन प्रस्ताव सार्वजनिक महत्व के तात्कालिक विषय पर चर्चा के लिए सदन के सामान्य कामकाज को स्थगित करने के लिए होता है। विश्वास प्रस्ताव का उपयोग तब होता है जब सरकार को लगता है कि वह सदन का विश्वास खो सकती है। धनादेश प्रस्ताव (Cut Motion) वित्तीय विधेयकों पर व्यय को कम करने के लिए पेश किए जाते हैं।

प्रश्न 19: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) शब्द किन तीन प्रकारों का उल्लेख करता है?

  1. राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक
  2. सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक
  3. राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक
  4. सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘न्याय’ शब्द सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को सुनिश्चित करने की बात कहता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय संविधान का एक मूल उद्देश्य है, जिसका अर्थ है कि सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समान सामाजिक स्थिति, आर्थिक अवसरों और राजनीतिक अधिकारों का वितरण किया जाएगा।
  • गलत विकल्प: धार्मिक या सांस्कृतिक न्याय का विशेष रूप से उल्लेख नहीं है, यद्यपि वे सामाजिक न्याय के व्यापक दायरे में आ सकते हैं।

प्रश्न 20: किसी राज्य में मुख्यमंत्री की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. राज्य का राज्यपाल
  3. उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
  4. राज्य विधानमंडल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 164(1) के अनुसार, किसी राज्य का मुख्यमंत्री राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्यपाल उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हैं जो विधानसभा में बहुमत दल का नेता होता है, या जिसे बहुमत का विश्वास प्राप्त हो। यदि किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो राज्यपाल अपने विवेक का प्रयोग कर सकते हैं।
  • गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या राज्य विधानमंडल सीधे मुख्यमंत्री की नियुक्ति नहीं करते हैं।

प्रश्न 21: पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा निम्नलिखित में से किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
  4. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। इसने संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायतें शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को अधिक शक्तियाँ और स्वायत्तता प्रदान करके उन्हें लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण का प्रभावी माध्यम बनाना था।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 65वें और 64वें संशोधन पंचायती राज से संबंधित थे लेकिन वे पारित नहीं हुए थे।

प्रश्न 22: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘विधायिका की शक्तियों के पृथक्करण’ (Separation of Powers) के सिद्धांत को अप्रत्यक्ष रूप से दर्शाता है?

  1. अनुच्छेद 50
  2. अनुच्छेद 51
  3. अनुच्छेद 52
  4. अनुच्छेद 53

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 50, राज्य नीति के निदेशक तत्वों में से एक है, जो कहता है कि “राज्य स्थानीय स्व-सरकारी संस्थाओं को संगठित करने के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्व-शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक हों।” नहीं, यह गलत है। अनुच्छेद 50 राज्य को कार्यपालिका से न्यायपालिका को अलग करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 50 कहता है कि “राज्य, अपनी नीतियों में, सार्वजनिक सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करने के लिए कदम उठाएगा।” यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित है। अनुच्छेद 52 भारत के राष्ट्रपति से संबंधित है। अनुच्छेद 53 संघ की कार्यपालिका शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सी रिट ‘अधिकार-पृच्छा’ (Quo Warranto) के रूप में जानी जाती है?

  1. यह किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार की जाँच के लिए जारी की जाती है।
  2. यह किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने से मुक्त करने के लिए जारी की जाती है।
  3. यह किसी निचली अदालत या प्राधिकरण को अपना कर्तव्य करने का आदेश देती है।
  4. यह किसी निचली अदालत या प्राधिकरण द्वारा दिए गए आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘अधिकार-पृच्छा’ (Quo Warranto) का अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह रिट किसी व्यक्ति को उस सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार की जाँच के लिए जारी की जाती है, जिस पर वह पदासीन है, यदि वह पद अवैध रूप से धारण किया गया हो। यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 32 और उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत जारी की जा सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रिट किसी व्यक्ति को सार्वजनिक कार्यालयों के दुरुपयोग से रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है।
  • गलत विकल्प: (b) ‘हेबियस कॉर्पस’ (Habeas Corpus) से संबंधित है। (c) ‘मेंडेमस’ (Mandamus) से संबंधित है। (d) ‘सर्टियोररी’ (Certiorari) से संबंधित है।

प्रश्न 24: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ (Parliamentary System) का क्या अर्थ है?

  1. कार्यपालिका, विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है।
  2. विधायिका, कार्यपालिका को नियंत्रित करती है।
  3. कार्यपालिका, न्यायपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है।
  4. न्यायपालिका, विधायिका को नियंत्रित करती है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय प्रणाली की मुख्य विशेषता यह है कि मंत्रिपरिषद (कार्यपालिका) सामूहिक रूप से लोकसभा (विधायिका) के प्रति उत्तरदायी होती है। अनुच्छेद 75(3) इस सिद्धांत को स्थापित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि सरकार तब तक सत्ता में बनी रह सकती है जब तक उसे लोकसभा का विश्वास प्राप्त है। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रभावित है और ब्रिटिश प्रणाली से प्रेरित है।
  • गलत विकल्प: (b) विधायिका कार्यपालिका को नियंत्रित करती है, लेकिन उत्तरदायित्व का संबंध कार्यपालिका का विधायिका के प्रति होता है। (c) और (d) शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांतों से संबंधित हैं, न कि सीधे संसदीय प्रणाली की विशेषता से।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?

  1. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  2. निर्वाचन आयोग (Election Commission)
  3. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
  4. वित्त आयोग (Finance Commission)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत संसद द्वारा एक अधिनियम पारित करके किया गया था। यह संविधान में सीधे उल्लिखित नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अनुच्छेद 315-323, निर्वाचन आयोग (ECI) अनुच्छेद 324-329, और वित्त आयोग (FC) अनुच्छेद 280 में संवैधानिक निकायों के रूप में वर्णित हैं। संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में किया गया है।
  • गलत विकल्प: UPSC (अनुच्छेद 315), निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) सभी संवैधानिक निकाय हैं।

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