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संविधान की गहराई: आज का अभ्यास

संविधान की गहराई: आज का अभ्यास

नमस्ते, भावी प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र की मजबूत नींव को समझना आपके हर परीक्षा के सफर का अहम हिस्सा है। आज हम संविधान के विभिन्न पहलुओं पर आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखेंगे। तैयार हो जाइए, क्योंकि यह अभ्यास आपकी पॉलिटी की समझ को एक नया आयाम देगा!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी राज्य में, जहाँ संवैधानिक तंत्र के विफल होने की आशंका हो, आपातकाल की घोषणा करने का अधिकार देता है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति को यह घोषणा करने की शक्ति देता है कि किसी राज्य में ‘राज्य का संवैधानिक तंत्र’ (Constitutional Machinery) विफल हो गया है। यह तब लागू होता है जब राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर या अन्यथा, राष्ट्रपति संतुष्ट हो जाते हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसे ‘राष्ट्रपति शासन’ के रूप में भी जाना जाता है। अनुच्छेद 365 में यह प्रावधान है कि यदि राज्य सरकार केंद्र के निर्देशों का पालन करने में विफल रहती है, तो राष्ट्रपति यह मान सकते हैं कि राज्य का संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है, जिससे अनुच्छेद 356 लागू हो सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है (युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में)। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।

प्रश्न 2: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?

  1. 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
  2. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  3. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  4. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संशोधन संदर्भ: ‘समाजवाद’ (Socialism), ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secularism) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारत के संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के कार्यकाल में हुआ था और इसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय राज्य की सामाजिक और धार्मिक प्रकृति को और स्पष्ट करना था।
  • गलत विकल्प: 24वां संशोधन, 1971, संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने का अधिकार देता है। 44वां संशोधन, 1978, ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया था। 52वां संशोधन, 1985, दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।

प्रश्न 3: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?

  1. 5 वर्ष
  2. 6 वर्ष
  3. 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
  4. 5 वर्ष या 60 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 के अनुसार, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल 6 वर्ष की अवधि के लिए होता है, या जब वे 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेते हैं, इनमें से जो भी पहले हो।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वे भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग के प्रमुख होते हैं। उन्हें उसी आधार पर पद से हटाया जा सकता है जिस आधार पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है।
  • गलत विकल्प: 5 वर्ष का कार्यकाल कई अन्य संवैधानिक और वैधानिक निकायों के सदस्यों का होता है, लेकिन CAG का नहीं। 60 वर्ष की आयु का प्रावधान भी लागू नहीं होता।

प्रश्न 4: अनुच्छेद 32, जिसे डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है, निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?

  1. समानता का अधिकार
  2. स्वतंत्रता का अधिकार
  3. संवैधानिक उपचारों का अधिकार
  4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 ‘संवैधानिक उपचारों के अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) से संबंधित है। यह नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय (और उच्च न्यायालयों के लिए अनुच्छेद 226) रिट जारी कर सकता है जैसे हेबियस कॉर्पस, मैंडमस, प्रोहिबिशन, सर्टिओरारी और क्यू वारंटो। यह अधिकार स्वयं एक मौलिक अधिकार है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14-18 समानता का अधिकार, अनुच्छेद 19-22 स्वतंत्रता का अधिकार, और अनुच्छेद 25-28 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार से संबंधित हैं।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी भारतीय संविधान की एक विशेषता नहीं है?

  1. संसदीय शासन प्रणाली
  2. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
  3. न्यायिक पुनरावलोकन
  4. एकल नागरिकता

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में संसदीय शासन प्रणाली (भाग V), न्यायिक पुनरावलोकन (अनुच्छेद 13, 32, 226) और एकल नागरिकता (भाग II) जैसी विशेषताएँ शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि, ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) एक *संवैधानिक निकाय* है, न कि भारतीय संविधान की कोई ‘विशेषता’ (feature) स्वयं। विशेषताएँ वे मूलभूत ढाँचे या सिद्धांत होते हैं जो संविधान के स्वरूप को परिभाषित करते हैं। CAG संविधान के तहत स्थापित एक संस्था है।
  • गलत विकल्प: संसदीय शासन प्रणाली ब्रिटेन से, एकल नागरिकता ब्रिटेन से (अमेरिका के विपरीत जहाँ दोहरी नागरिकता है), और न्यायिक पुनरावलोकन अमेरिका से प्रेरित है। CAG एक संवैधानिक पद है, लेकिन इन व्यापक श्रेणी की विशेषताओं में शामिल नहीं है।

प्रश्न 6: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा निम्नलिखित में से किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संशोधन संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। इसने संविधान में भाग IX जोड़ा, जो पंचायतों से संबंधित है, और इसमें 11वीं अनुसूची भी शामिल की गई।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक शक्तियां और अधिकार प्रदान किए। 74वें संशोधन अधिनियम ने शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा दिया।
  • गलत विकल्प: 64वें और 65वें संशोधन बिल क्रमश: पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकायों के लिए थे, लेकिन उन्हें पारित नहीं किया जा सका और बाद में 73वें व 74वें संशोधनों का आधार बने।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेता है?

  1. लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
  2. लोकसभा के मनोनीत सदस्य
  3. राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
  4. राज्यसभा के मनोनीत सदस्य

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इस मंडल में ‘सभी सदस्य’ शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों के *सभी* सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं। राष्ट्रपति के विपरीत, जहाँ केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रश्न के अनुसार, यहाँ यह समझना महत्वपूर्ण है कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में *लोकसभा के निर्वाचित सदस्य* तो भाग लेते हैं। लेकिन जो भाग नहीं लेते, वह सटीक विकल्प नहीं है, क्योंकि सभी सदस्य भाग लेते हैं। प्रश्न को सुधारें: “निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेता है?” यदि यह प्रश्न राष्ट्रपति के संदर्भ में होता, तो उत्तर ‘लोकसभा के मनोनीत सदस्य’ और ‘राज्यसभा के मनोनीत सदस्य’ दोनों होते। लेकिन उपराष्ट्रपति के लिए, सभी सदस्य भाग लेते हैं। मान लें कि प्रश्न उपराष्ट्रपति के संदर्भ में ही है, और पूछा गया है कि “निम्नलिखित में से कौन सा समूह उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग *लेता है*”। उस स्थिति में, सभी विकल्प सही होंगे। परंतु, प्रश्न की भाषा को देखते हुए (जो प्रश्नोत्तरी प्रारूप में महत्वपूर्ण है), यह माना जाता है कि कोई एक विकल्प असत्य है। यदि प्रश्न यह होता, “निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेता है?”, तो सही उत्तर (b) और (d) दोनों होते। चूँकि यह केवल एक विकल्प वाला MCQs है, और यह सीधे तौर पर उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित है, तो हमें राष्ट्रपति के चुनाव और उपराष्ट्रपति के चुनाव के बीच के अंतर को समझना होगा। राष्ट्रपति के चुनाव में केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं, जबकि उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) भाग लेते हैं। इसलिए, यहाँ कोई भी विकल्प सही ढंग से “भाग नहीं लेता है” के रूप में फिट नहीं बैठता है, अगर हम उपराष्ट्रपति के बारे में सोच रहे हैं। सुधार: प्रश्न शायद यह पूछना चाह रहा था कि राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग नहीं लेता। लेकिन यदि प्रश्न ज्यों का त्यों है, तो हमें यह मानना पड़ेगा कि प्रश्न किसी विशेष समूह को बाहर करने की कोशिश कर रहा है, जो संभव नहीं है। इस प्रश्न को बदलने की आवश्यकता है।
    सुधारित प्रश्न (मान लीजिए): निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेता है?
    उत्तर: (b) लोकसभा के मनोनीत सदस्य (और (d) राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी, यदि यह एक बहुविकल्पी प्रश्न होता)
    विस्तृत स्पष्टीकरण (सुधारित प्रश्न के लिए):

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 54 के अनुसार, संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों और राज्य विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्यों से बनी निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।
    • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि संसद के मनोनीत सदस्य (चाहे लोकसभा या राज्यसभा के) और राज्य विधानमंडलों के मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
    • गलत विकल्प: लोकसभा के निर्वाचित सदस्य और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं।

    मूल प्रश्न के साथ बने रहने पर: यह प्रश्न थोड़ा भ्रमित करने वाला है क्योंकि उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) भाग लेते हैं। यदि प्रश्न यह पूछ रहा होता कि कौन सी स्थिति **भाग लेने से रोकती है** या **उन्हें अयोग्य बनाती है**, तो यह अलग होता। मान लें कि प्रश्न किसी अन्य संदर्भ से भ्रमित है।
    पुनः विचार: यदि प्रश्न का इरादा उपराष्ट्रपति के चुनाव के संदर्भ में ही है, तो शायद यह “भाग लेता है” या “भाग नहीं लेता है” के बीच के अंतर को स्पष्ट करने के लिए है। राष्ट्रपति के चुनाव में संसद के मनोनीत सदस्य भाग नहीं लेते। उपराष्ट्रपति के चुनाव में सभी सदस्य भाग लेते हैं। इस प्रकार, यदि यह प्रश्न उपराष्ट्रपति के संदर्भ में है, तो **कोई भी विकल्प असत्य नहीं है**। इस प्रश्न को ऐसे रूपांतरित किया जाना चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो। एक संभावित व्याख्या हो सकती है कि यह पूछ रहा हो कि कौन सी श्रेणी राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेती, लेकिन उपराष्ट्रपति के चुनाव में लेती है। ऐसे में, मनोनीत सदस्य (b और d) इसका उत्तर होंगे। लेकिन केवल एक विकल्प चुनना है।

    एक अंतिम प्रयास प्रश्न की व्याख्या का: यह संभव है कि प्रश्न एक ट्रिकी प्रश्न हो, जो उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए “निर्वाचित” शब्द का गलत प्रयोग कर रहा हो। उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। तो विकल्प (a) सत्य है। राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य भी भाग लेते हैं (c)। राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं (d)। इसका मतलब है कि सभी सदस्य भाग लेते हैं। यदि ऐसा है, तो प्रश्न में कुछ त्रुटि है।

    हम इस प्रश्न को एक सामान्य, अधिक स्पष्ट प्रश्न से बदल देते हैं ताकि गुणवत्ता बनी रहे।
    प्रतिस्थापन प्रश्न 7: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज से संबंधित है?

    1. भाग VII
    2. भाग VIII
    3. भाग IX
    4. भाग IX-A

    उत्तर: (c)
    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX विशेष रूप से ‘पंचायतों’ (Panachayats) से संबंधित है, जो ग्राम स्तर पर स्थानीय स्व-शासन की व्यवस्था है। इसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा भाग IX को जोड़ा गया था, जिसने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। भाग IX-A शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है।
    • गलत विकल्प: भाग VII अब अप्रचलित है (राज्य ‘B’ से संबंधित था)। भाग VIII संघ शासित प्रदेशों से संबंधित है।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संरक्षण से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 17
  3. अनुच्छेद 20
  4. अनुच्छेद 21

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संरक्षण’ (Protection of Life and Personal Liberty) का अधिकार देता है। कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित किया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 की व्याख्या बहुत व्यापक रूप से की है, जिसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, नींद का अधिकार, प्रदूषण मुक्त हवा का अधिकार, और विदेश यात्रा का अधिकार जैसे कई अधिकार शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है। अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ का उन्मूलन करता है। अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है।

प्रश्न 9: भारत में ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) का एक उदाहरण है:

  1. नीति आयोग
  2. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
  3. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सांविधिक निकाय वे निकाय होते हैं जिन्हें संसद या राज्य विधानमंडल के किसी अधिनियम द्वारा बनाया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) भी एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत हुई थी। नीति आयोग (NITI Aayog) एक कार्यकारी आदेश (Resolution of the Government) द्वारा स्थापित किया गया था, इसलिए यह न तो संवैधानिक है और न ही सांविधिक; यह एक ‘गैर-संवैधानिक’ या ‘कार्यकारी निकाय’ है।
  • गलत विकल्प: चूंकि NHRC एक सांविधिक निकाय है, और नीति आयोग नहीं है, ‘उपरोक्त सभी’ गलत है। NHRC को सांविधिक माना जा सकता है, लेकिन RBI अधिक प्रत्यक्ष उदाहरण है जो सीधे एक अधिनियम से उत्पन्न हुआ है। प्रश्न के विकल्पों के अनुसार, RBI सबसे उपयुक्त उत्तर है। यदि NHRC भी विकल्प होता और ‘उपरोक्त सभी’ नहीं होता, तो वह भी सही होता। लेकिन RBI एक स्थापित और स्पष्ट सांविधिक निकाय है।

प्रश्न 10: भारतीय संसद में शून्य काल (Zero Hour) का क्या अर्थ है?

  1. जब सदन की कार्यवाही शुरू होती है
  2. जब प्रश्न काल समाप्त होता है और एजेंडा आइटम शुरू होता है
  3. जब कोई भी सदस्य किसी भी विषय पर प्रश्न पूछ सकता है
  4. जब वित्तीय विधेयक प्रस्तुत किया जाता है

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: शून्य काल (Zero Hour) संसद में एक अनौपचारिक अवधि है जो प्रश्न काल (Question Hour) के ठीक बाद शुरू होती है और दिन के एजेंडा आइटम (जैसे विधायी कार्य) के शुरू होने से ठीक पहले समाप्त होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय संसदीय नवाचार है, जिसका कोई उल्लेख संविधान में नहीं है। इस दौरान, सदस्य बिना पूर्व सूचना के महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दों को उठा सकते हैं। यह दोपहर 12 बजे के आसपास शुरू होता है, इसलिए इसका नाम ‘शून्य काल’ पड़ा।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि यह दिन की शुरुआत होती है। (c) गलत है क्योंकि यह अनौपचारिक है और आमतौर पर पूर्व-निर्धारित विषयों पर चर्चा के लिए इस्तेमाल नहीं होता, बल्कि तत्काल मुद्दों के लिए। (d) गलत है क्योंकि वित्तीय विधेयक की प्रस्तुति एक विशिष्ट एजेंडा आइटम है।

प्रश्न 11: किसी राज्य में राज्यपाल की अनुपस्थिति में या उसके तत्काल कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए कौन प्रावधान कर सकता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  3. संबंधित राज्य का उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
  4. राज्य का विधानसभा अध्यक्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 160 राष्ट्रपति को राज्यपाल के कार्यों के निर्वहन के लिए प्रावधान करने की शक्ति देता है। आम तौर पर, यदि राज्यपाल अनुपस्थित है या अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पा रहा है, तो राष्ट्रपति संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को वह कार्य सौंप सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि राज्य में कोई कार्यकारी निर्वात न रहे। हालांकि, अनुच्छेद 163 स्पष्ट करता है कि राज्यपाल को सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद होगी, लेकिन यह विशेष प्रावधान राज्यपाल की अनुपस्थिति को कवर करता है।
  • गलत विकल्प: भारत के मुख्य न्यायाधीश सीधे तौर पर राज्य के राज्यपाल के कर्तव्यों के निर्वहन का प्रावधान नहीं करते। राज्य का विधानसभा अध्यक्ष विधायी कार्यों से संबंधित है, न कि कार्यकारी।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सी मौलिक ‘ड्यूटी’ (कर्तव्य) है जो भारतीय नागरिकों पर लागू होती है?

  1. सभी वर्गों में सद्भाव और भाईचारा बढ़ाना
  2. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना
  3. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना विकसित करना
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संशोधन संदर्भ: भारत के संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को सूचीबद्ध किया गया है। यह भाग 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: सभी तीन विकल्प (a, b, c) अनुच्छेद 51-A में सूचीबद्ध मौलिक कर्तव्यों का हिस्सा हैं। (a) अनुच्छेद 51-A(e), (b) अनुच्छेद 51-A(h), और (c) अनुच्छेद 51-A(h) (वैज्ञानिक दृष्टिकोण) का हिस्सा है।
  • गलत विकल्प: चूंकि तीनों कथन मौलिक कर्तव्य हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।

प्रश्न 13: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. उपराष्ट्रपति
  3. प्रधानमंत्री
  4. योजना आयोग का उपाध्यक्ष (अब नीति आयोग)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक कार्यकारी निकाय है जिसे 1952 में स्थापित किया गया था। इसके पदेन अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC की भूमिका पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने और राष्ट्रीय विकास से संबंधित महत्वपूर्ण नीतियों पर चर्चा करने की है। इसमें केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक सदस्य होते हैं।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति देश का राष्ट्राध्यक्ष है, प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख। उपराष्ट्रपति भी प्रधानमंत्री के अधीन भूमिका निभाता है। योजना आयोग का उपाध्यक्ष (अब नीति आयोग के सीईओ) कार्यकारी भूमिका में हो सकता है, लेकिन वह पदेन अध्यक्ष नहीं होता।

प्रश्न 14: कौन सा अनुच्छेद राज्य को किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता या कानूनों के समान संरक्षण से वंचित करने से रोकता है, यदि यह उसके राज्य के भीतर विशेष अधिकार प्राप्त वर्ग के लिए है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 17

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14 ‘कानून के समक्ष समानता’ (Equality before Law) और ‘कानूनों का समान संरक्षण’ (Equal Protection of Laws) की गारंटी देता है। यह भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर किसी भी व्यक्ति को इन अधिकारों से वंचित नहीं करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि सभी व्यक्ति कानून के अधीन हैं और सभी को कानून का समान संरक्षण प्राप्त होगा। यह अनुच्छेद सार्वजनिक और निजी दोनों संस्थाओं पर लागू होता है। यह समानता के सिद्धांत का आधार है, हालांकि इसमें कुछ अपवाद (जैसे अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति/राज्यपाल के विशेषाधिकार) भी हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता देता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का उन्मूलन करता है।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान की आत्मा (Soul) के रूप में किसे जाना जाता है?

  1. प्रस्तावना
  2. मौलिक अधिकार
  3. नीति निदेशक तत्व
  4. मौलिक कर्तव्य

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना को भारतीय संविधान की आत्मा (Soul) कहा जाता है। यह संविधान के उद्देश्यों, आदर्शों और दर्शन का सार प्रस्तुत करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना बताती है कि भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है और अपने सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करता है। हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय ने ‘केशवानंद भारती मामले’ (1973) में यह भी कहा कि अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) भी संविधान का ‘हृदय और आत्मा’ है, जैसा कि डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने कहा था। लेकिन आम तौर पर, प्रस्तावना को समग्र रूप से ‘आत्मा’ माना जाता है।
  • गलत विकल्प: मौलिक अधिकार नागरिकों के मूल अधिकार हैं, नीति निदेशक तत्व राज्य के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, और मौलिक कर्तव्य नागरिकों के कर्तव्य हैं। ये सभी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन प्रस्तावना इन सभी के पीछे के दर्शन को व्यक्त करती है।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति राष्ट्रपति के पास नहीं है?

  1. क्षमादान की शक्ति
  2. वीटो शक्ति
  3. संसदीय विधायी शक्ति
  4. न्यायिक पुनरावलोकन शक्ति

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के पास क्षमादान की शक्ति (अनुच्छेद 72), वीटो शक्ति (संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में निहित, जैसे अनुच्छेद 111) और संसदीय विधायी प्रक्रिया में भूमिका (जैसे अध्यादेश जारी करना – अनुच्छेद 123) है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘न्यायिक पुनरावलोकन शक्ति’ (Judicial Review) भारत में मुख्य रूप से सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 13, 32, 226) और उच्च न्यायालयों के पास है। राष्ट्रपति या कार्यपालिका के पास यह शक्ति नहीं होती। राष्ट्रपति के कार्यों की न्यायिक समीक्षा हो सकती है, लेकिन वे स्वयं न्यायिक पुनरावलोकन नहीं करते।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति के पास क्षमादान, वीटो और विधायी शक्तियों से संबंधित कुछ अधिकार हैं, लेकिन न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आती।

प्रश्न 17: किसी विधेयक को ‘धन विधेयक’ (Money Bill) घोषित करने का अंतिम अधिकार किसके पास होता है?

  1. भारत का राष्ट्रपति
  2. भारत का वित्त मंत्री
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. राज्यसभा का सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 110(1)(a) के अनुसार, किसी विधेयक को धन विधेयक के रूप में प्रमाणित करने का अंतिम प्राधिकार लोकसभा अध्यक्ष के पास होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है और इसे पारित करने के लिए राज्यसभा की सहमति अनिवार्य नहीं है (राज्यसभा इसे अधिकतम 14 दिनों तक रोक सकती है या संशोधित सुझाव दे सकती है, जिन्हें लोकसभा मानने या न मानने के लिए स्वतंत्र है)। लोकसभा अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है और इसे किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति विधेयक को प्रमाणित नहीं करता, बल्कि उसे हस्ताक्षरित करता है। वित्त मंत्री विधेयक का प्रस्ताव रखता है, पर अंतिम निर्णय अध्यक्ष का होता है। राज्यसभा सभापति को धन विधेयकों पर कोई अधिकार नहीं है।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन एक ‘गैर-संवैधानिक’ (Non-Constitutional) निकाय है?

  1. चुनाव आयोग
  2. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  3. नीति आयोग
  4. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: गैर-संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिन्हें संविधान में सीधे तौर पर स्थापित नहीं किया गया है, बल्कि सरकार के कार्यकारी आदेशों (Executive Orders) या प्रस्तावों (Resolutions) द्वारा बनाया जाता है। नीति आयोग (NITI Aayog) की स्थापना 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर एक सरकारी प्रस्ताव द्वारा की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148) सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि इनका प्रावधान सीधे संविधान में किया गया है।
  • गलत विकल्प: अन्य सभी विकल्प संवैधानिक निकाय हैं।

प्रश्न 19: संघवाद (Federalism) की प्रमुख विशेषता क्या है?

  1. शक्ति का एकल केंद्र में केंद्रीकरण
  2. दोहरी सरकार (केंद्र और राज्य)
  3. एकल सरकार, जो राज्यों को नियंत्रित करती है
  4. न्यायपालिका की अनुपस्थिति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: संघवाद की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता शक्ति का केंद्रीय सरकार और क्षेत्रीय सरकारों (राज्यों) के बीच विभाजन है। इसका मतलब है कि एक ‘दोहरी सरकार’ प्रणाली मौजूद होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत एक ‘अर्ध-संघीय’ (Quasi-Federal) व्यवस्था है, जिसमें संघवाद की प्रमुख विशेषताएं हैं जैसे लिखित संविधान, शक्तियों का विभाजन, और संविधान की सर्वोच्चता। हालाँकि, इसमें एकात्मकता की ओर झुकाव भी है (जैसे मजबूत केंद्र, एकल नागरिकता, आपातकालीन प्रावधान)।
  • गलत विकल्प: (a) और (c) एकात्मक प्रणाली (Unitary System) की विशेषताएँ हैं। (d) न्यायपालिका संघवाद का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो शक्तियों के विभाजन को बनाए रखने में मदद करती है।

प्रश्न 20: मौलिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है, सिवाय:

  1. अनुच्छेद 20 और 21
  2. अनुच्छेद 19
  3. अनुच्छेद 14
  4. अनुच्छेद 22

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, राष्ट्रपति अनुच्छेद 359 के तहत अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) को छोड़कर अन्य सभी मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन को निलंबित कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19 को भी आपातकाल की घोषणा के दौरान निलंबित किया जा सकता है, लेकिन यह राष्ट्रपति के वारंट से ही संभव है (अनुच्छेद 358 के तहत)। अनुच्छेद 20 और 21 किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं किए जा सकते।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 19, 14 और 22 को निलंबित किया जा सकता है, इसलिए वे सही उत्तर नहीं हैं।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान के किस संशोधन ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 61वां संशोधन अधिनियम, 1988
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संशोधन संदर्भ: 61वें संशोधन अधिनियम, 1988 ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन किया, जिससे भारत में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के लिए मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवा आबादी को चुनावी प्रक्रिया में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना था।
  • गलत विकल्प: 42वां संशोधन ‘लघु संविधान’ के रूप में जाना जाता है और इसने प्रस्तावना में शब्द जोड़े थे। 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार से संबंधित था। 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित था।

प्रश्न 22: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

  1. उनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  2. उन्हें भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त किया जाता है।
  3. वे संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं।
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: महान्यायवादी की नियुक्ति अनुच्छेद 76 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वे भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 88 के अनुसार, महान्यायवादी को संसद के दोनों सदनों में बोलने और किसी भी संसदीय समिति में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन वे केवल उन्हीं सदनों में मतदान कर सकते हैं जहाँ वे सदस्य हैं (जो कि वे नहीं होते)।
  • गलत विकल्प: तीनों कथन महान्यायवादी के पद के बारे में सही हैं।

प्रश्न 23: भारतीय संविधान के तहत ‘अवशिष्ट शक्तियां’ (Residuary Powers) किसे सौंपी गई हैं?

  1. संघ सूची
  2. राज्य सूची
  3. समवर्ती सूची
  4. संघ (केंद्र सरकार)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विधायी शक्तियों को विभाजित करती है। अवशिष्ट शक्तियाँ (वे विषय जो सूचियों में शामिल नहीं हैं) अनुच्छेद 248 के तहत संघ को सौंपी गई हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि यदि कोई ऐसा विषय उत्पन्न होता है जो संघ, राज्य या समवर्ती सूची में स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध नहीं है, तो उस पर कानून बनाने की शक्ति संसद (केंद्र सरकार) के पास होगी।
  • गलत विकल्प: अवशिष्ट शक्तियाँ किसी सूची का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि उन विषयों के लिए हैं जो सूचियों में नहीं हैं। यह अधिकार राज्यों या समवर्ती सूची को नहीं दिया गया है।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही ढंग से मेल खाता है?

  1. अनुच्छेद 16: लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता
  2. अनुच्छेद 18: उपाधियों का अंत
  3. अनुच्छेद 24: बाल श्रम का प्रतिषेध (14 वर्ष से कम आयु)
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: तीनों युग्म सही हैं। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता प्रदान करता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत से संबंधित है, सिवाय शिक्षा और सैन्य उपाधियों के। अनुच्छेद 24 कारखानों आदि में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के नियोजन का प्रतिषेध करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सभी मौलिक अधिकार के अंतर्गत आते हैं और भारतीय नागरिकों के स्वतंत्रता और समानता के अधिकार को सुनिश्चित करते हैं।
  • गलत विकल्प: चूंकि सभी युग्म सही हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।

प्रश्न 25: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु क्या है?

  1. 60 वर्ष
  2. 62 वर्ष
  3. 65 वर्ष
  4. 70 वर्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर बने रहते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को संसद के दोनों सदनों द्वारा सिद्ध कदाचार या असमर्थता के आधार पर महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है, लेकिन संविधान में उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष ही निर्धारित है।
  • गलत विकल्प: 60 वर्ष और 70 वर्ष क्रमशः कुछ वैधानिक निकायों के सदस्यों या अन्य पदों के लिए आयु सीमा हो सकती है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए नहीं। 62 वर्ष उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए है।

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