संविधान की कसौटी: 25 प्रश्न, 25 गहन विश्लेषण
नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र की नींव और शासन प्रणाली की जटिलताओं को समझना किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की कुंजी है। क्या आप अपने संवैधानिक ज्ञान की गहराई को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के 25 सवालों के इस विशेष सत्र में अपनी वैचारिक स्पष्टता को और निखारें और भारतीय राजव्यवस्था के प्रति अपनी पकड़ को मज़बूत करें।
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा रिट, न्यायालय को यह आदेश देने के लिए जारी किया जाता है कि किसी व्यक्ति को अदालत में पेश किया जाए?
- परमादेश (Mandamus)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- व्यक्ति-प्रेषण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘व्यक्ति-प्रेषण’ (Habeas Corpus), जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘आपके पास शरीर हो’, एक ऐसा रिट है जो किसी भी व्यक्ति की अवैध हिरासत से मुक्ति सुनिश्चित करता है। यह न्यायालय को उस व्यक्ति को अदालत के सामने पेश करने का आदेश देता है जिसकी हिरासत में लिया गया है, ताकि हिरासत की वैधता का पता लगाया जा सके। यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय को और अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालयों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यक्तियों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। यह किसी भी व्यक्ति या सार्वजनिक अधिकारी को जारी किया जा सकता है जो किसी अन्य व्यक्ति को अवैध रूप से बंदी बनाए हुए है।
- गलत विकल्प: ‘ परमादेश’ किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है; ‘उत्प्रेषण’ किसी निचली अदालत के निर्णय को रद्द करने के लिए होता है; और ‘अधिकार पृच्छा’ किसी पद पर व्यक्ति के अधिकार की वैधता की जांच करता है।
प्रश्न 2: किस अनुच्छेद के तहत संसद को नागरिकता के संबंध में कानून बनाने की शक्ति प्रदान की गई है?
- अनुच्छेद 9
- अनुच्छेद 10
- अनुच्छेद 11
- अनुच्छेद 12
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 11 स्पष्ट रूप से कहता है कि संसद को नागरिकता के अर्जन और समाप्ति तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी बातों के संबंध में कानून बनाने की शक्ति होगी। इस शक्ति का प्रयोग करते हुए संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद नागरिकता के संबंध में संसद की विधायी शक्ति को परिभाषित करता है, जो राज्य के विधानमंडल से अलग है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 9 विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से प्राप्त करने पर भारतीय नागरिकता के न बने रहने से संबंधित है; अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों का बना रहना बताता है; और अनुच्छेद 12 राज्य की परिभाषा देता है, जो मौलिक अधिकारों के संदर्भ में है।
प्रश्न 3: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 को ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इसी संशोधन द्वारा प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (धर्मनिरपेक्ष) और ‘अखंडता’ शब्दों को जोड़ा गया, जिससे भारतीय राज्य के स्वरूप को और अधिक स्पष्ट किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत को एक सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक रूप से अधिक न्यायपूर्ण समाज बनाना था, जहाँ सभी धर्मों का समान सम्मान हो और राष्ट्रीय एकता सर्वोच्च रहे।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया; 52वें संशोधन ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा; और 73वें संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (Article 14)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (Articles 25-28)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Article 21)
- भारत में कहीं भी आने-जाने और निवास करने की स्वतंत्रता (Article 19)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 में वर्णित स्वतंत्रताएं, जैसे कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के एकत्रित होने की स्वतंत्रता, संघ बनाने की स्वतंत्रता, भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से आने-जाने की स्वतंत्रता, और कहीं भी बसने की स्वतंत्रता, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार), और अनुच्छेद 25-28 (धर्म की स्वतंत्रता) विदेशी नागरिकों सहित सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को उपलब्ध हैं, जैसा कि संविधान द्वारा गारंटीकृत है।
प्रश्न 5: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) को संविधान के किस भाग में शामिल किया गया है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IVA
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) को भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक में शामिल किया गया है। ये सिद्धांत भारत को एक कल्याणकारी राज्य बनाने के उद्देश्य से सरकार के लिए मार्गदर्शन का कार्य करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: आयरलैंड के संविधान से प्रेरित, ये सिद्धांत न्यायिक रूप से प्रवर्तनीय नहीं हैं, परंतु देश के शासन में मौलिक हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है; भाग IVA मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है; और भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका से संबंधित है।
प्रश्न 6: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?
- राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से एकल संक्रमणीय मत प्रणाली द्वारा होता है।
- राष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के मनोनीत सदस्य भाग लेते हैं।
- राष्ट्रपति के चुनाव में राज्य विधानमंडलों के केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।
- दिल्ली और पुडुचेरी संघ शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेते हैं।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 55 के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव एकल संक्रमणीय मत द्वारा अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार होता है, और यह एक अप्रत्यक्ष चुनाव है। इसमें भाग लेने वाले निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति चुनाव में संसद के मनोनीत सदस्य (Nominated Members) भाग नहीं लेते हैं। यह कथन (b) गलत है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) सही है। विकल्प (c) भी सही है क्योंकि विधानमंडलों के मनोनीत सदस्य भाग नहीं लेते। विकल्प (d) 70वें संशोधन अधिनियम, 1992 के बाद सही हुआ, जिसने दिल्ली और पुडुचेरी (अब पुडुचेरी) विधानसभाओं के सदस्यों को निर्वाचक मंडल में शामिल किया।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति भारतीय प्रधानमंत्री की नहीं है?
- वह राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच संवाद की मुख्य कड़ी है।
- वह विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करता है।
- वह नीति आयोग का पदेन अध्यक्ष होता है।
- वह संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है और बोल सकता है, भले ही वह किसी भी सदन का सदस्य न हो।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 78 के अनुसार, प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच संवाद की मुख्य कड़ी है। प्रधानमंत्री विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करता है और नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) का पदेन अध्यक्ष होता है।
- संदर्भ और विस्तार: विकल्प (d) में दी गई शक्ति अनुच्छेद 88 के अनुसार केंद्रीय मंत्रियों को प्राप्त है, न कि विशेष रूप से प्रधानमंत्री को। हालांकि प्रधानमंत्री स्वयं एक मंत्री होता है, यह उसकी विशिष्ट शक्ति नहीं है, बल्कि सभी मंत्रियों की शक्ति है। प्रधानमंत्री को संसद के किसी भी सदन में बोलने का अधिकार तब होता है जब वह किसी एक सदन का सदस्य हो।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण कर्तव्य हैं। (d) गलत है क्योंकि यह शक्ति सभी मंत्रियों को प्राप्त है, न कि केवल प्रधान मंत्री को।
प्रश्न 8: भारत के संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन संसद के एक सदन का हिस्सा है?
- केवल लोकसभा
- केवल राज्यसभा
- राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा
- प्रधानमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 79 के अनुसार, भारत की संसद में राष्ट्रपति, लोकसभा (लोगों का सदन) और राज्यसभा (राज्यों की परिषद) शामिल हैं। इसका मतलब है कि संसद का कोई भी कार्य या कानून राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना प्रभावी नहीं हो सकता।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति को संसद का अविभाज्य अंग माना जाता है क्योंकि वह विधेयक पर अपनी सहमति देता है, और उसकी अनुपस्थिति में सत्र बुलाना या स्थगन की घोषणा करना संभव नहीं होता।
- गलत विकल्प: केवल लोकसभा या राज्यसभा संसद के पूर्ण रूप नहीं हैं। प्रधानमंत्री संसद का सदस्य होता है, लेकिन संसद का अंग नहीं, बल्कि कार्यपालिका का प्रमुख होता है।
प्रश्न 9: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को पद से हटाने की प्रक्रिया का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 124(4)
- अनुच्छेद 124(1)
- अनुच्छेद 125
- अनुच्छेद 126
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 124(4) सर्वोच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश को दुर्व्यवहार या असमर्थता के आधार पर पद से हटाने की प्रक्रिया का वर्णन करता है। इसमें संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित प्रस्ताव की आवश्यकता होती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह महाभियोग प्रक्रिया राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया के समान है, लेकिन इसके लिए दोनों सदनों में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत और सदन की कुल सदस्यता के पूर्ण बहुमत की आवश्यकता होती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 124(1) सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है; अनुच्छेद 125 न्यायाधीशों के वेतन से संबंधित है; और अनुच्छेद 126 कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 10: केंद्र-राज्य संबंधों के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सी सूची संघ सूची (Union List) के अंतर्गत आती है?
- पुलिस
- रेलवे
- कृषि
- वन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों का वर्णन है। संघ सूची में वे विषय शामिल हैं जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है। ‘रेलवे’ संघ सूची की प्रविष्टि 24 के अंतर्गत आती है।
- संदर्भ और विस्तार: संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं, जैसे रक्षा, विदेश मामले, रेलवे, मुद्रा, आदि।
- गलत विकल्प: ‘पुलिस’ राज्य सूची (प्रविष्टि 5) में है; ‘कृषि’ राज्य सूची (प्रविष्टि 47) में है; और ‘वन’ समवर्ती सूची (प्रविष्टि 17) में है (संविधान (42वां संशोधन) अधिनियम, 1976 द्वारा)।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक निकाय नहीं है?
- भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- भारत निर्वाचन आयोग (ECI)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 में, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अनुच्छेद 315 में, और भारत निर्वाचन आयोग (ECI) अनुच्छेद 324 में संवैधानिक निकायों के रूप में स्थापित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है, जिसे मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित किया गया था, न कि सीधे संविधान द्वारा।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) सीधे संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों के तहत स्थापित हैं, इसलिए वे संवैधानिक निकाय हैं। NHRC संविधान में किसी विशेष अनुच्छेद के तहत नहीं, बल्कि एक अधिनियम द्वारा स्थापित है।
प्रश्न 12: भारत में पंचायती राज व्यवस्था का निम्नतम स्तर कौन सा है?
- जिला परिषद
- पंचायत समिति
- ग्राम सभा/ग्राम पंचायत
- मंडल पंचायत
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा दिया। संविधान के भाग IX के तहत, पंचायतें ग्राम स्तर, मध्यवर्ती स्तर (जैसे ब्लॉक/मंडल) और जिला स्तर पर स्थापित की जाती हैं। पंचायती राज व्यवस्था का सबसे निचला और आधारभूत स्तर ग्राम सभा (Gram Sabha) और ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) है।
- संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा सभी ग्राम पंचायतों की एक सभा है, जिसमें उस पंचायत के क्षेत्र में आने वाले मतदान योग्य उम्र के सभी वयस्क सदस्य शामिल होते हैं। ग्राम पंचायत ग्राम स्तर पर निर्वाचित निकाय है।
- गलत विकल्प: जिला परिषद उच्चतम स्तर है, और पंचायत समिति मध्यवर्ती स्तर है। मंडल पंचायत कुछ राज्यों में मध्यवर्ती स्तर के लिए एक वैकल्पिक नाम हो सकता है, लेकिन ग्राम स्तर सबसे निम्नतम है।
प्रश्न 13: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) के दौरान, निम्नलिखित में से कौन से मौलिक अधिकार निलंबित नहीं किए जा सकते?
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Article 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (Articles 25-28)
- संगठन की स्वतंत्रता का अधिकार (Article 19)
- शिक्षा का अधिकार (Article 21A)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 358 के अनुसार, अनुच्छेद 19 में उल्लिखित मूल अधिकार राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान स्वतः निलंबित हो जाते हैं, जब आपातकाल की उद्घोषणा युद्ध या बाह्य आक्रमण के आधार पर की जाती है। अनुच्छेद 359 के तहत, राष्ट्रपति अन्य मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन को निलंबित कर सकता है। हालांकि, 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 ने यह स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) को कभी भी निलंबित नहीं किया जा सकता, चाहे आपातकाल किसी भी आधार पर घोषित किया गया हो।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि गंभीर परिस्थितियों में भी नागरिकों के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा होती रहे।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 (संगठन की स्वतंत्रता) युद्ध या बाह्य आक्रमण के आधार पर निलंबित किया जा सकता है। अनुच्छेद 25-28 (धर्म की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 21A (शिक्षा का अधिकार) राष्ट्रपति के आदेश द्वारा निलंबित किए जा सकते हैं (अनुच्छेद 359 के तहत)।
प्रश्न 14: किस संवैधानिक संशोधन ने भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करने का मार्ग प्रशस्त किया?
- 101वां संशोधन अधिनियम, 2016
- 103वां संशोधन अधिनियम, 2019
- 104वां संशोधन अधिनियम, 2020
- 105वां संशोधन अधिनियम, 2021
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 101वें संशोधन अधिनियम, 2016 ने भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) की शुरूआत की। इसने संविधान में अनुच्छेद 246A और 279A को जोड़ा, जो GST परिषद के गठन और GST को लागू करने के लिए संसद और राज्य विधानमंडलों को विधायी शक्ति प्रदान करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: GST का उद्देश्य पूरे भारत में एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली स्थापित करना था, जिससे ‘एक राष्ट्र, एक कर’ का लक्ष्य प्राप्त हो सके।
- गलत विकल्प: 103वां संशोधन आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए आरक्षण से संबंधित है; 104वां संशोधन अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों के आरक्षण को 25 जनवरी, 2030 तक बढ़ाया गया और आंग्ल-भारतीय समुदायों के लिए सीटों के नामांकन की समाप्ति से संबंधित है; 105वां संशोधन पिछड़े वर्गों के लिए राष्ट्रीय आयोगों से संबंधित है।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा पद भारत सरकार के “राजस्व” (Revenues) के साथ सीधे जुड़ा हुआ है?
- भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India)
- भारत का महान्याय अभिकर्ता (Solicitor General of India)
- भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
- भारत का वित्त सचिव (Finance Secretary)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित एक संवैधानिक प्राधिकरण है। CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी खर्चों की लेखापरीक्षा (Audit) करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन का उपयोग कुशलतापूर्वक और नियमपूर्वक हुआ है। इसका कार्य ‘राजस्व’ (Revenues) की रक्षा करना है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG की रिपोर्टें संसद और राज्य विधानमंडलों के समक्ष रखी जाती हैं, जो सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- गलत विकल्प: महान्यायवादी (Attorney General) सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार है (अनुच्छेद 76); महान्याय अभिकर्ता (Solicitor General) महान्यायवादी की सहायता करता है; वित्त सचिव राजस्व विभाग का प्रमुख होता है, लेकिन CAG का कार्य वित्तीय अनियमितताओं की जांच करना है, इसलिए यह सीधे ‘राजस्व’ के संरक्षण से जुड़ा है।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता का उल्लेख है?
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 18
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता की गारंटी देता है। यह राज्य के अधीन किसी भी पद पर नियोजन या नियुक्ति के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सार्वजनिक रोजगार में समानता सुनिश्चित करता है, जिसमें कुछ अपवाद (जैसे आरक्षण) भी शामिल हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है; अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है; और अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।
प्रश्न 17: ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा भारतीय संविधान में कहाँ से प्रेरित है?
- फ्रांस
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ब्रिटेन
- आयरलैंड
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा, जो यह स्थापित करती है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है और सभी कानून के अधीन हैं, ब्रिटिश संसदीय प्रणाली और संविधान से प्रेरित है, जिसे भारतीय संविधान निर्माताओं ने अपनाया। यह अनुच्छेद 14 में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह कानून के समक्ष समानता और कानूनों के समान संरक्षण की अवधारणाओं को शामिल करता है।
- गलत विकल्प: फ्रांस स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लिए जाना जाता है; अमेरिका में ‘due process of law’ की अवधारणा है, जबकि भारत में ‘procedure established by law’ (अनुच्छेद 21) है, जो ब्रिटिश ‘rule of law’ के अधिक निकट है। आयरलैंड ने DPSP को प्रभावित किया।
प्रश्न 18: भारत में, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के लिए कौन जिम्मेदार है?
- केवल राष्ट्रपति
- राष्ट्रपति, जो अपने एजेंटों के माध्यम से शासन करता है
- संसद
- संबंधित राज्य के राज्यपाल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 239 के अनुसार, प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा, या तो वह स्वयं या अपने एजेंटों (जैसे उपराज्यपाल या प्रशासक) के माध्यम से।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि कुछ केंद्र शासित प्रदेशों (जैसे दिल्ली) की अपनी चुनी हुई विधानसभाएँ और मंत्रिपरिषदें हैं, अंतिम प्रशासनिक शक्ति राष्ट्रपति के एजेंटों के पास ही रहती है।
- गलत विकल्प: संसद केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कानून बना सकती है, लेकिन प्रशासन सीधे नहीं करती। संबंधित राज्य का राज्यपाल केवल उन राज्यों के केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रशासक के रूप में कार्य कर सकता है जिन्हें राष्ट्रपति नियुक्त करता है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा राज्य भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने पंचायती राज व्यवस्था को अपनाने का प्रस्ताव रखा?
- राजस्थान
- उत्तर प्रदेश
- आंध्र प्रदेश
- गुजरात
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत 2 अक्टूबर, 1959 को राजस्थान के नागौर जिले में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई थी। राजस्थान पहला राज्य था जिसने पंचायती राज संस्थाओं को अपनाने का प्रस्ताव रखा था।
- संदर्भ और विस्तार: इसके तुरंत बाद आंध्र प्रदेश ने भी इसे अपनाया। यह व्यवस्था ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
- गलत विकल्प: उत्तर प्रदेश और गुजरात ने बाद में इस व्यवस्था को अपनाया।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) में कितने विषय शामिल हैं?
- 97
- 61
- 52
- 47
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: सातवीं अनुसूची में तीन सूचियां हैं: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। वर्तमान में, समवर्ती सूची में 52 विषय हैं (मूल रूप से 47 थे)।
- संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची में वे विषय शामिल होते हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं। यदि किसी विषय पर दोनों के कानूनों में टकराव होता है, तो केंद्र सरकार का कानून मान्य होता है।
- गलत विकल्प: 97 (अब 100) संघ सूची के विषय हैं; 66 (अब 61) राज्य सूची के विषय हैं। 47 मूल समवर्ती सूची के विषयों की संख्या थी।
प्रश्न 21: संसदीय विशेषाधिकार (Parliamentary Privileges) से संबंधित कौन सा अनुच्छेद भारतीय संविधान में प्रदान किया गया है?
- अनुच्छेद 105
- अनुच्छेद 118
- अनुच्छेद 122
- अनुच्छेद 103
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद (और उसके सदस्यों) के विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों से संबंधित है। यह संसद को कुछ विशेषाधिकार प्रदान करता है ताकि वह कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से कार्य कर सके।
- संदर्भ और विस्तार: इनमें भाषण की स्वतंत्रता, प्रकाशन का अधिकार, और कुछ मामलों में गिरफ्तारी से छूट शामिल हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 118 प्रक्रिया के नियमों से संबंधित है; अनुच्छेद 122 बताता है कि संसद की कार्यवाही की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती; और अनुच्छेद 103 सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित राष्ट्रपति के निर्णयों पर है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के कार्यों में शामिल नहीं है?
- संघ की सिविल सेवाओं और पदों के लिए भर्ती के लिए परीक्षाओं का संचालन करना।
- किसी राज्य द्वारा अनुरोध किए जाने पर, ऐसे अतिरिक्त कर्तव्यों का निर्वहन करना जो उस राज्य की लोक सेवाओं के लिए उम्मीदवारों की भर्ती के लिए आवश्यक हों।
- सार्वजनिक सेवाओं के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति में केवल योग्यता के आधार का पालन सुनिश्चित करना।
- सभी अनुशासनात्मक मामलों में राष्ट्रपति को सलाह देना।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का गठन अनुच्छेद 315 के तहत किया गया है। इसके मुख्य कार्य अनुच्छेद 320 में बताए गए हैं, जिसमें संघ की सेवाओं के लिए परीक्षाओं का संचालन करना और राज्यों द्वारा अनुरोध पर परामर्श देना शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC का कार्य सरकारी नियुक्तियों में निष्पक्षता और योग्यता सुनिश्चित करना है। यह राष्ट्रपति को सलाह देता है, लेकिन यह सलाह सभी अनुशासनात्मक मामलों पर नहीं, बल्कि मुख्य रूप से सिविल सेवाओं से संबंधित भर्ती और पदोन्नति के मामलों पर होती है। अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्णय संबंधित विभाग या प्राधिकरण द्वारा लिया जाता है।
- गलत विकल्प: (a), (b) और (c) UPSC के संवैधानिक रूप से निर्धारित कार्य हैं। (d) गलत है क्योंकि UPSC सभी अनुशासनात्मक मामलों पर राष्ट्रपति को सलाह नहीं देता है, बल्कि कुछ विशिष्ट मामलों में सलाह देता है।
प्रश्न 23: ‘अस्पृश्यता’ का अंत किस मौलिक अधिकार के अंतर्गत किया गया है?
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अस्पृश्यता का अंत समानता के अधिकार के तहत अनुच्छेद 17 द्वारा किया गया है। यह अनुच्छेद स्पष्ट रूप से कहता है कि ‘अस्पृश्यता’ को समाप्त कर दिया गया है और किसी भी रूप में इसका आचरण दंडनीय है।
- संदर्भ और विस्तार: संसद ने ‘अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955’ पारित किया, जिसे बाद में ‘नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1976’ में बदल दिया गया, जो अस्पृश्यता के आचरण को दंडनीय बनाता है।
- गलत विकल्प: स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार के अपने-अपने विशिष्ट प्रावधान हैं, लेकिन अस्पृश्यता का उन्मूलन सीधे अनुच्छेद 17 द्वारा समानता के अधिकार के तहत सुनिश्चित किया गया है।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता प्राप्त करना चाहता है, तो उसे __________ की सदस्यता को छोड़ना पड़ सकता है, जो उसे भारत में जन्मजात नागरिक नहीं बनाता है।
- उसकी राष्ट्रीयता
- उसका पासपोर्ट
- उसका वीज़ा
- उसका मूल निवास स्थान
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: नागरिकता अधिनियम, 1955 (जो अनुच्छेद 11 के तहत संसद द्वारा पारित किया गया है) के अनुसार, भारत की नागरिकता प्राप्त करने की एक विधि ‘वंशानुक्रम’ (By Descent) के तहत उन व्यक्तियों पर लागू होती है जिनका जन्म भारत के बाहर होता है, लेकिन जिनके माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक हो। हालांकि, यदि कोई व्यक्ति ‘पंजीकरण’ (By Registration) या ‘प्राकृतिकरण’ (By Naturalisation) द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त करता है, तो उसे अपनी पूर्व राष्ट्रीयता (Citizenship) को त्यागना पड़ सकता है, बशर्ते कि भारत सरकार ने ऐसा करने की आवश्यकता न बताई हो (जैसे कि नागरिकता अधिनियम की धारा 9(1) में है)।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत ‘दोहरी नागरिकता’ (dual citizenship) के मामले में प्रासंगिक है, जो भारत में सामान्यतः अनुमत नहीं है।
- गलत विकल्प: पासपोर्ट, वीज़ा या मूल निवास स्थान का त्याग नागरिकता के लिए आवश्यक नहीं है; आवश्यकता विदेशी नागरिकता को छोड़ने की हो सकती है।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से किस संशोधन ने भारत के संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ (Fundamental Duties) को शामिल किया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने भारतीय संविधान में भाग IV-A जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 51-A के तहत नागरिकों के लिए मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान है। यह संशोधन सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित था।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों की याद दिलाते हैं और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को प्रोत्साहित करते हैं।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार से संबंधित था; 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित था; और 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित था।