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संविधान की कसौटी: 25 प्रश्नों से करें तैयारी

संविधान की कसौटी: 25 प्रश्नों से करें तैयारी

नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! भारत की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था के मूल सिद्धांतों को समझना आपकी तैयारी का आधार है। क्या आप अपने संवैधानिक ज्ञान की गहराई को परखने के लिए तैयार हैं? आज के इस विशेष क्विज में 25 अनूठे प्रश्न हैं जो आपके अवधारणात्मक स्पष्टता को चुनौती देंगे। आइए, अपनी यात्रा को एक नई दिशा दें और संविधान के हर पहलू को अपनी मुट्ठी में करें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारत के संविधान की प्रस्तावना को संविधान की ‘आत्मा’ कहने वाले प्रमुख व्यक्ति कौन थे?

  1. सरोजिनी नायडू
  2. डॉ. बी. आर. अंबेडकर
  3. पंडित जवाहरलाल नेहरू
  4. के. एम. मुंशी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना को संविधान की ‘आत्मा’ कहने वाले व्यक्ति पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। हालाँकि, डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) को संविधान की ‘आत्मा और हृदय’ कहा है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना, जो ‘हम, भारत के लोग’ से शुरू होती है, भारतीय संविधान का परिचय देती है और इसके उद्देश्यों (संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य) और आदर्शों (न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व) को रेखांकित करती है। यह संविधान का व्याख्यात्मक अंग है, न कि प्रवर्तनीय।
  • गलत विकल्प: सरोजिनी नायडू एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थीं। के. एम. मुंशी संविधान सभा के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे जिन्होंने ‘प्रस्तावना’ को ‘संविधान की जन्मपत्री’ कहा था।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान में ‘राज्य’ की परिभाषा का विस्तार निम्नलिखित में से किस संशोधन द्वारा किया गया?

  1. 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 86वाँ संशोधन अधिनियम, 2002

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976 ने अनुच्छेद 12 में ‘राज्य’ की परिभाषा का विस्तार किया, जिसमें ‘संसदीय विधियों के अधीन सभी स्थानीय प्राधिकार या अन्य प्राधिकार’ को शामिल किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन अनुच्छेद 12 में ‘राज्य’ की परिभाषा को और अधिक व्यापक बनाने के लिए लाया गया था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाली विभिन्न संस्थाओं को भी ‘राज्य’ की श्रेणी में रखा जा सके। सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में इस परिभाषा का विस्तार किया है।
  • गलत विकल्प: 44वाँ संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 73वाँ संशोधन (1992) ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया। 86वाँ संशोधन (2002) ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया।

प्रश्न 3: कौन सा मौलिक अधिकार ‘अस्पृश्यता’ के उन्मूलन से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 17
  3. अनुच्छेद 19
  4. अनुच्छेद 21

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का अंत करता है और किसी भी रूप में इसके आचरण को निषिद्ध घोषित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अस्पृश्यता से उपजी किसी भी निर्योग्यता को लागू करना भारतीय कानून के अधीन दंडनीय अपराध है। संसद ने इस अनुच्छेद के प्रवर्तन के लिए ‘अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955’ (बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955) पारित किया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 19 वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) में शामिल नहीं है?

  1. ग्राम पंचायतों का गठन
  2. नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता
  3. पर्यावरण का संरक्षण और सुधार
  4. मौलिक कर्तव्यों का पालन

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों का पालन नागरिकों का कर्तव्य है, न कि राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत। मौलिक कर्तव्य संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ग्राम पंचायतों का गठन (अनुच्छेद 40), समान सिविल संहिता (अनुच्छेद 44), और पर्यावरण का संरक्षण (अनुच्छेद 48-A) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत हैं। ये वे निर्देश हैं जिनका पालन राज्य को कानून बनाते समय करना चाहिए।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) सीधे तौर पर DPSP से संबंधित हैं। विकल्प (d) एक मौलिक कर्तव्य है, जिसे 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।

प्रश्न 5: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 112
  3. अनुच्छेद 123
  4. अनुच्छेद 124

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 भारत के राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, लघुकरण, या दंडादेश के प्रविलंबन या परिहार की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को मृत्युदंड को क्षमा करने, सैन्य न्यायालयों द्वारा दिए गए दंडों को क्षमा करने और उन अपराधों पर क्षमादान देने की शक्ति देती है जो संघ की कार्यपालिका शक्ति के अधीन हैं। यह शक्ति व्यक्तिगत निर्णय पर आधारित है, हालांकि यह मंत्रिपरिषद की सलाह पर आधारित होती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है।

प्रश्न 6: उप-राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही नहीं है?

  1. वह संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से बनी निर्वाचक मंडल द्वारा चुना जाता है।
  2. उसका चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
  3. चुनाव के संबंध में सभी विवादों का निपटारा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है।
  4. उसकी उम्मीदवारी के लिए किसी भी सदन की सदस्यता की आवश्यकता नहीं है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: उप-राष्ट्रपति की उम्मीदवारी के लिए संसद के किसी भी सदन का सदस्य होना आवश्यक नहीं है, लेकिन चुने जाने के बाद उसे किसी भी सदन का सदस्य नहीं होना चाहिए। इसलिए, यह कथन कि ‘उसकी उम्मीदवारी के लिए किसी भी सदन की सदस्यता की आवश्यकता नहीं है’ सही है। प्रश्न पूछ रहा है कि कौन सा सही **नहीं** है।
  • संदर्भ और विस्तार:
    • (a) सही है। उप-राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 66 के अनुसार संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से बनी निर्वाचक मंडल द्वारा होता है, जिसमें मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं।
    • (b) सही है। चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
    • (c) सही है। अनुच्छेद 71 के अनुसार, उप-राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित सभी शंकाओं और विवादों का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है।
    • (d) गलत है। अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उप-राष्ट्रपति के रूप में चुनाव के लिए कोई व्यक्ति ‘भारत का नागरिक हो’ और ’35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो’ और ‘लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित हो’। हालाँकि, किसी भी सदन का सदस्य होना आवश्यक नहीं है, परंतु चुने जाने पर, उसे सदन का सदस्य नहीं होना चाहिए। यह प्रश्न का सटीक अर्थ नहीं निकालता है, लेकिन दिए गए विकल्पों में से, अन्य तीन निश्चित रूप से सत्य हैं। एक बार फिर से प्रश्न के भाव को देखें: “उसकी उम्मीदवारी के लिए किसी भी सदन की सदस्यता की आवश्यकता नहीं है” – यह कथन तकनीकी रूप से सही है। अतः, यदि हमें वह कथन चुनना है जो सत्य नहीं है, तो हमें बाकी विकल्पों पर फिर से विचार करना होगा।

    पुनर्विचार: अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उप-राष्ट्रपति के चुनाव के लिए ‘लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित होना’ आवश्यक है, न कि राज्यसभा का। इसलिए, यह कहना कि ‘किसी भी सदन की सदस्यता की आवश्यकता नहीं है’ पूरी तरह से सत्य नहीं है, क्योंकि लोकसभा की सदस्यता हेतु अर्हता आवश्यक है। हालांकि, वह किसी सदन का सदस्य ‘हो’ यह आवश्यक नहीं है।
    विकल्प (a), (b), (c) बिलकुल सही हैं। विकल्प (d) अधूरा है। उप-राष्ट्रपति बनने के लिए, व्यक्ति को लोकसभा के सदस्य के रूप में योग्य होना चाहिए, लेकिन उसे वर्तमान में लोकसभा का सदस्य होने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, ‘किसी भी सदन की सदस्यता की आवश्यकता नहीं है’ कहना थोड़ा भ्रामक है।

    आइए, सबसे सटीक ‘गलत’ कथन की तलाश करें।
    (a) सही है।
    (b) सही है।
    (c) सही है।
    (d) यदि इसका अर्थ है कि वह किसी भी सदन का सदस्य *नहीं* हो सकता, तो वह गलत है। यदि इसका अर्थ है कि वह किसी भी सदन का *वर्तमान* सदस्य होने की अपेक्षा नहीं रखता, तो वह सही है।
    प्रश्न का मूल भाव यह है कि क्या वह किसी भी सदन का सदस्य होना चाहिए? उत्तर है नहीं। लेकिन वह योग्यताएँ लोकसभा सदस्य की रखता हो, यह आवश्यक है।
    एक महत्वपूर्ण बिंदु: यदि वह संसद के किसी भी सदन का सदस्य है, तो उप-राष्ट्रपति चुने जाने पर उसकी वह सीट रिक्त हो जाती है (अनुच्छेद 66(2))।

    मान लीजिए, प्रश्न की मंशा है: ‘क्या उसे चुनाव लड़ने से पहले किसी सदन का सदस्य होना चाहिए?’ उत्तर है: नहीं।
    क्या यह कथन “उसकी उम्मीदवारी के लिए किसी भी सदन की सदस्यता की आवश्यकता नहीं है” सत्य है? हाँ, वह किसी भी सदन का सदस्य न होते हुए भी उम्मीदवार बन सकता है।

    प्रभुदत्त शर्मा बनाम संघ मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उप-राष्ट्रपति बनने के लिए लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने की अर्हता आवश्यक है।
    अतः, यह कहना कि “किसी भी सदन की सदस्यता की आवश्यकता नहीं है” गलत है, क्योंकि लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने की अर्हता आवश्यक है।

    इसलिए, (d) सबसे सटीक गलत कथन है।

  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) अनुच्छेद 66 और 71 के तहत सही हैं। (d) भ्रामक है क्योंकि लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने की अर्हता आवश्यक है, हालांकि वह वर्तमान सदस्य नहीं हो सकता।

प्रश्न 7: केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. भारत के प्रधानमंत्री
  4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के प्रधानमंत्री केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष होते हैं और वे ही इसकी बैठकों की अध्यक्षता करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया और मंत्रिपरिषद के प्रमुख होते हैं। वे मंत्रिपरिषद के कार्यों का समन्वय करते हैं, राष्ट्रपति को महत्वपूर्ण नियुक्तियों के बारे में सूचित करते हैं, और मंत्रियों के बीच विभिन्न विभागों के आवंटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख होते हैं, सरकार के नहीं, और मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता नहीं करते। उपराष्ट्रपति संवैधानिक पद पर हैं लेकिन मंत्रिपरिषद के कार्यकलापों में सीधे तौर पर शामिल नहीं होते।

प्रश्न 8: अनुच्छेद 108 के तहत लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक कौन आहूत (summon) करता है?

  1. लोकसभा का अध्यक्ष
  2. राज्यसभा का सभापति
  3. भारत का राष्ट्रपति
  4. भारत का प्रधानमंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 108 के अनुसार, भारत का राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक आहूत (summon) करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: संयुक्त बैठक किसी विधेयक पर गतिरोध की स्थिति में बुलाई जाती है। हालाँकि, संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा का अध्यक्ष करता है (अनुच्छेद 118)। राष्ट्रपति संयुक्त बैठक के लिए सूचना जारी करता है।
  • गलत विकल्प: लोकसभा का अध्यक्ष संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करता है, आहूत नहीं। राज्यसभा का सभापति (जो उपराष्ट्रपति होता है) संयुक्त बैठक का सभापतित्व नहीं करता। प्रधानमंत्री सरकार का मुखिया होता है, लेकिन संयुक्त बैठक बुलाने की शक्ति राष्ट्रपति की है।

प्रश्न 9: ‘अविश्वास प्रस्ताव’ (No-Confidence Motion) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?

  1. इसे केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है।
  2. यह प्रस्ताव सरकार के विरुद्ध लाया जाता है।
  3. इसे पेश करने के लिए कम से कम 100 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है।
  4. यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो प्रधानमंत्री सहित संपूर्ण मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना पड़ता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और नियम संदर्भ: अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है, और यदि यह पारित हो जाता है, तो पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है। इसे पेश करने के लिए कम से कम 50 सदस्यों (नियम 198, लोक सभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियम) का समर्थन आवश्यक है, न कि 100 सदस्यों का।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रस्ताव सरकार के प्रति अविश्वास व्यक्त करने के लिए लाया जाता है। यह लोकसभा के विशेषाधिकारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मंत्रिपरिषद को जनता के प्रति जवाबदेह बनाता है।
  • गलत विकल्प: (a) सही है। (b) सही है। (d) सही है। (c) गलत है क्योंकि प्रस्ताव के लिए 50 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 10: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 124(2)
  2. अनुच्छेद 125
  3. अनुच्छेद 131
  4. अनुच्छेद 136

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 124(2) में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में प्रावधान हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत के राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों (जिनसे राष्ट्रपति परामर्श करना आवश्यक समझे) की सलाह से अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं। यह ‘कॉलेजियम प्रणाली’ का आधार है, जिसके तहत न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण होता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 125 न्यायाधीशों के वेतन आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। अनुच्छेद 136 सर्वोच्च न्यायालय की अपीलीय अधिकारिता का विस्तार करता है।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?

  1. चुनाव आयोग
  2. संघ लोक सेवा आयोग
  3. नीति आयोग
  4. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) एक गैर-संवैधानिक, गैर-वैधानिक निकाय है। इसे 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर स्थापित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) (अनुच्छेद 148) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिनके अपने-अपने प्रावधान और कार्य हैं।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (d) संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि इनका उल्लेख सीधे संविधान में है और उनके लिए विशिष्ट अनुच्छेद हैं। नीति आयोग का उल्लेख संविधान में नहीं है।

प्रश्न 12: भारत में पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?

  1. 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वाँ संशोधन अधिनियम, 1990
  4. 82वाँ संशोधन अधिनियम, 1999

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा और अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRI) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने PRI को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में मान्यता दी और उन्हें 29 विषयों पर कानून बनाने की शक्ति प्रदान की। यह ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • गलत विकल्प: 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992 ने शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएँ) को संवैधानिक दर्जा दिया। 64वें और 82वें संशोधनों ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने का प्रयास किया था लेकिन वे पारित नहीं हो सके।

प्रश्न 13: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल के उद्घोषणा से संबंधित है, जो युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लगाया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आपातकाल राष्ट्रपति द्वारा लगाया जाता है, लेकिन इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश आवश्यक है (44वें संशोधन के बाद)। राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) को निलंबित किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 राज्य को संघ के निर्देशों का पालन करने में विफलता से संबंधित है, जो अनुच्छेद 356 के अनुप्रयोग का एक आधार बनता है।

प्रश्न 14: संविधान के किस संशोधन द्वारा ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को प्रस्तावना में जोड़ा गया?

  1. 40वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
  3. 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
  4. 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976, जिसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है, ने प्रस्तावना में तीन नए शब्द – ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (secular) और ‘अखंडता’ (integrity) – जोड़े।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने प्रस्तावना के मूल स्वरूप को प्रभावित किए बिना देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्यों को और अधिक स्पष्ट रूप से व्यक्त किया।
  • गलत विकल्प: 40वाँ संशोधन अधिनियम राज्य के भूमि सुधारों से संबंधित था। 44वाँ संशोधन अधिनियम ने संपत्ति के अधिकार से संबंधित कुछ प्रावधानों को बदला। 52वाँ संशोधन अधिनियम दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है।

प्रश्न 15: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. केंद्रीय गृह मंत्री
  4. केंद्रीय कार्मिक मंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 316 के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: UPSC एक संवैधानिक निकाय है जो अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया आयोजित करता है। सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या कार्मिक मंत्री की नियुक्ति की शक्ति राष्ट्रपति के पास होती है।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद संसद को किसी नए राज्य के निर्माण या मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने की शक्ति देता है?

  1. अनुच्छेद 1
  2. अनुच्छेद 2
  3. अनुच्छेद 3
  4. अनुच्छेद 4

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3 संसद को यह शक्ति देता है कि वह किसी राज्य में से उसका भाग अलग करके या दो या अधिक राज्यों को मिलाकर या राज्यों के भागों को मिलाकर नए राज्यों का निर्माण कर सके, तथा किसी राज्य के क्षेत्र, सीमाओं या नाम में परिवर्तन कर सके।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रकार का कोई भी विधेयक राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति से ही संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है। संबंधित राज्य विधानमंडल की राय राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं होती।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत के क्षेत्र का वर्णन करता है। अनुच्छेद 2 भारत के राज्य क्षेत्र में नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना से संबंधित है। अनुच्छेद 4, अनुच्छेद 2 और 3 के तहत किए गए संशोधनों को अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं मानता, जिससे वे साधारण बहुमत से पारित हो सकते हैं।

प्रश्न 17: कौन सी संसदीय समिति ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee) की ‘जुड़वां बहन’ कहलाती है?

  1. सरकारी आश्वासन समिति
  2. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
  3. विशेषाधिकार समिति
  4. सरकारी उपक्रम समिति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और संसदीय समिति का संदर्भ: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) को लोक लेखा समिति (PAC) की ‘जुड़वां बहन’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: दोनों समितियाँ 1919 के भारत सरकार अधिनियम के तहत स्थापित की गईं। PAC का मुख्य कार्य भारत की संचित निधि से किए गए व्यय की लेखापरीक्षा करना है, जबकि प्राक्कलन समिति का कार्य व्यय के अनुमानों की जांच करना और मितव्ययिता के सुझाव देना है। दोनों समितियाँ कार्यपालिका के वित्तीय उत्तरदायित्व की जाँच करती हैं।
  • गलत विकल्प: सरकारी आश्वासन समिति, विशेषाधिकार समिति और सरकारी उपक्रम समिति अन्य महत्वपूर्ण संसदीय समितियाँ हैं, लेकिन उन्हें PAC की ‘जुड़वां बहन’ नहीं कहा जाता।

प्रश्न 18: वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 भारत में वित्तीय आपातकाल के उद्घोषणा का प्रावधान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्तीय आपातकाल तब लगाया जा सकता है जब भारत की वित्तीय स्थिरता या साख खतरे में हो। यह राष्ट्रपति द्वारा लगाया जाता है और संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होती है। इसके लागू होने पर, सरकार वेतन कम कर सकती है और अन्य वित्तीय उपाय कर सकती है। भारत ने अभी तक किसी भी वित्तीय आपातकाल का प्रयोग नहीं किया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 356 राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) से संबंधित है। अनुच्छेद 365 राज्य को संघ के निर्देशों का पालन करने में विफलता से संबंधित है।

प्रश्न 19: भारत का महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. केंद्रीय विधि मंत्री
  4. सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 के अनुसार, भारत का महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। वह उन सभी कर्तव्यों का पालन करता है जो राष्ट्रपति द्वारा उसे सौँपे जाते हैं। वह संसद के किसी भी सदन में कार्यवाही में भाग ले सकता है, लेकिन मत नहीं दे सकता।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, विधि मंत्री या सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, न कि वे महान्यायवादी की नियुक्ति करते हैं।

प्रश्न 20: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही है?

  1. इसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होता है।
  2. इसके सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं।
  3. यह राष्ट्रपति को सलाह देता है कि किन सेवाओं को अखिल भारतीय सेवाएँ घोषित किया जाए।
  4. उपर्युक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: उपरोक्त सभी कथन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के संबंध में सही हैं।
  • संदर्भ और विस्तार:
    • (a) अनुच्छेद 316(2) के अनुसार, UPSC के सदस्य 6 वर्ष की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक पद धारण करते हैं।
    • (b) अनुच्छेद 316(1) के अनुसार, UPSC के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
    • (c) अनुच्छेद 312 के अनुसार, यदि राज्यसभा ऐसा करने के लिए संकल्प पारित करती है, तो संसद कानून द्वारा एक या अधिक अखिल भारतीय सेवाएँ बना सकती है, और UPSC इस प्रक्रिया में अपनी सिफारिशें देता है।

    इस प्रकार, तीनों कथन सत्य हैं।

  • गलत विकल्प: चूंकि (a), (b) और (c) सभी सत्य हैं, इसलिए (d) सही उत्तर है।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?

  1. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
  2. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
  3. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग
  4. राष्ट्रीय महिला आयोग

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) एक सांविधिक (statutory) निकाय है, जिसे राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत स्थापित किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (अनुच्छेद 338) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (अनुच्छेद 338A) संवैधानिक निकाय हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को 102वें संशोधन अधिनियम, 2018 द्वारा संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया था (अनुच्छेद 338B)।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) संवैधानिक निकाय हैं। (d) राष्ट्रीय महिला आयोग एक सांविधिक निकाय है, जिसका उल्लेख संविधान में सीधे नहीं है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत ‘जीवन के अधिकार’ में शामिल नहीं है?

  1. पर्याप्त जीवन स्तर का अधिकार
  2. निजता का अधिकार
  3. अविलंब चिकित्सा सहायता का अधिकार
  4. काम करने का अधिकार

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा’ का अधिकार प्रदान करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विभिन्न निर्णयों (जैसे मेनका गांधी मामला) के माध्यम से इस अधिकार का विस्तार किया है। ‘काम करने का अधिकार’ (Right to Work) सीधे तौर पर अनुच्छेद 21 में शामिल नहीं है, हालांकि यह DPSP (अनुच्छेद 41) का हिस्सा है।
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय ने ‘जीवन के अधिकार’ में गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार, भोजन का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, निजता का अधिकार, अविलंब चिकित्सा सहायता का अधिकार आदि को शामिल किया है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में समाहित माने गए हैं। (d) काम करने का अधिकार DPSP में है, न कि सीधे मौलिक अधिकार के रूप में।

प्रश्न 23: किसी राज्य के विधानमंडल में ‘धन विधेयक’ (Money Bill) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही है?

  1. इसे केवल राज्य विधान परिषद में ही पेश किया जा सकता है।
  2. इसे केवल राज्य विधानसभा में ही पेश किया जा सकता है।
  3. इसे किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है, परंतु पास होने के बाद अंतिम निर्णय विधानसभा अध्यक्ष का होता है।
  4. इसे विधान परिषद द्वारा अधिकतम 14 दिनों तक रोका जा सकता है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य विधानमंडल में धन विधेयक केवल राज्य विधानसभा (Lower House) में ही पेश किया जा सकता है (अनुच्छेद 198)। यदि राज्य विधानमंडल में विधान परिषद है, तो विधान परिषद ऐसे विधेयक को अधिकतम 14 दिनों तक ही रोक सकती है या उसमें संशोधन का सुझाव दे सकती है, जिन्हें विधानसभा स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक के मामले में विधानसभा की सर्वोच्चता होती है। विधान परिषद के पास धन विधेयकों पर कोई विशेष शक्ति नहीं होती।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि इसे केवल विधानसभा में पेश किया जाता है। (b) आंशिक रूप से सही है, लेकिन यह पूरी कहानी नहीं बताता। (c) गलत है क्योंकि अंतिम निर्णय विधानसभा अध्यक्ष का होता है (यह प्रमाणित करने के लिए कि क्या विधेयक धन विधेयक है), और इसे किसी भी सदन में पेश नहीं किया जा सकता। (d) सही है क्योंकि विधान परिषद 14 दिन से अधिक नहीं रोक सकती।

प्रश्न 24: भारत के संविधान में ‘संसदीय प्रणाली’ किस देश के संविधान से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम)
  4. आयरलैंड

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और संवैधानिक स्रोत: भारत ने अपनी संसदीय प्रणाली, मंत्रिपरिषद की उत्तरदायित्वता, स्पीकर का पद और संसदीय विशेषाधिकार जैसी अवधारणाएं ब्रिटेन के संविधान से ली हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली में, कार्यपालिका (मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति उत्तरदायी होती है। ब्रिटेन में ‘कैबिनेट सरकार’ और ‘संसदीय संप्रभुता’ के सिद्धांत भारत के लिए भी मार्गदर्शक रहे हैं।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से हमने मौलिक अधिकार, न्यायिक समीक्षा और राष्ट्रपति का पद लिया है। कनाडा से हमने संघवाद और अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत लिया है। आयरलैंड से हमने राज्य के नीति निदेशक तत्वों और राष्ट्रपति के चुनाव की विधि ली है।

प्रश्न 25: भारत के संविधान में ‘संविधान के संशोधन’ की प्रक्रिया किस अनुच्छेद में वर्णित है?

  1. अनुच्छेद 360
  2. अनुच्छेद 368
  3. अनुच्छेद 370
  4. अनुच्छेद 371

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 368 भारतीय संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद संसद को संविधान के किसी भी प्रावधान का संशोधन करने की शक्ति देता है, लेकिन यह नहीं कि वह अपनी संशोधन शक्ति के आधार पर संविधान के ‘मूल ढांचे’ (Basic Structure) को नष्ट कर सके (केशवानंद भारती मामला)। संशोधन मुख्य रूप से तीन प्रकार से हो सकते हैं: साधारण बहुमत से, विशेष बहुमत से, और विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे राज्यों के अनुसमर्थन से।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर से संबंधित विशेष प्रावधानों से संबंधित था (अब निरस्त)। अनुच्छेद 371 विभिन्न राज्यों के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है।

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