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संविधान की कसौटी: रोज़ाना करें अपनी तैयारी को मज़बूत

संविधान की कसौटी: रोज़ाना करें अपनी तैयारी को मज़बूत

नमस्कार, भावी प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना परीक्षा की तैयारी का एक अनिवार्य हिस्सा है। आज हम आपके संवैधानिक ज्ञान की गहराई को परखने के लिए 25 अत्यंत महत्वपूर्ण और नए प्रश्न लेकर आए हैं। अपनी अवधारणात्मक स्पष्टता का परीक्षण करें और हर प्रश्न के पीछे के तर्क को समझें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। ये शब्द भारतीय गणराज्य के समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंड चरित्र को दर्शाते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि ये शब्द प्रस्तावना में हैं, इनका प्रभाव संविधान के मूल ढांचे के रूप में भी देखा जाता है। सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती मामले (1973) में यह माना कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है और इसमें संशोधन किया जा सकता है, लेकिन इसके मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन, 1985 ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों (10वीं अनुसूची) को जोड़ा। 73वां संशोधन, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता के गैरकानूनी निवारण को चुनौती देने के लिए है?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. प्रतिषेध (Prohibition)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus), जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘आपके पास शरीर हो’, वह रिट है जो किसी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता के अवैध या अनुचित निरोध से मुक्त कराने के लिए जारी की जाती है। यह अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत मौलिक अधिकारों का संरक्षक है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रिट व्यक्ति की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और किसी भी सरकारी या निजी व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जा सकती है जो किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखे हो।
  • गलत विकल्प: ‘परमादेश’ किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का निर्देश देती है। ‘प्रतिषेध’ किसी उच्च न्यायालय द्वारा अधीनस्थ न्यायालय को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है। ‘उत्प्रेषण’ किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।

प्रश्न 3: भारत में किसी राज्य के राज्यपाल को पद की शपथ कौन दिलाता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  3. उस राज्य का उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
  4. उस राज्य का मुख्यमंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के संविधान के अनुच्छेद 159 के अनुसार, किसी राज्य का राज्यपाल उस राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (या उनकी अनुपस्थिति में, उस उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश) द्वारा पद की शपथ लेता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्यपाल, राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है, लेकिन औपचारिक रूप से पद ग्रहण करने से पहले वह अपने राज्य के विधायी तंत्र के प्रमुख, यानी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष शपथ लेता है।
  • गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति राज्यपाल की नियुक्ति करते हैं, लेकिन उन्हें शपथ नहीं दिलाते। भारत के मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित मामलों में शपथ ग्रहण कराते हैं। मुख्यमंत्री भी एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर होते हैं, लेकिन राज्यपाल को शपथ वे नहीं दिलाते।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार’ (अनुच्छेद 21) के अंतर्गत आता है?

  1. बिना पर्याप्त कारण बताए गिरफ्तार होने से सुरक्षा
  2. काम का अधिकार
  3. शिक्षा का अधिकार
  4. सूचना का अधिकार

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: शिक्षा का अधिकार (Right to Education) को सर्वोच्च न्यायालय ने कई महत्वपूर्ण निर्णयों (जैसे मोहिनी जैन बनाम कर्नाटक राज्य, 1992 और उन्नीकृष्णन जे.पी. बनाम आंध्र प्रदेश राज्य, 1993) के माध्यम से अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी है। बाद में, 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 ने इसे अनुच्छेद 21A के रूप में संविधान में जोड़ा।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 21 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा। न्यायालयों ने इस अनुच्छेद की व्याख्या का विस्तार किया है ताकि इसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, स्वच्छ वातावरण का अधिकार आदि शामिल हो सकें।
  • गलत विकल्प: बिना पर्याप्त कारण बताए गिरफ्तार होने से सुरक्षा अनुच्छेद 22 के तहत आता है। काम का अधिकार (Right to Work) एक राज्य नीति का निदेशक सिद्धांत (DPSP) है (अनुच्छेद 41)। सूचना का अधिकार (RTI Act, 2005) एक वैधानिक अधिकार है, जो अनुच्छेद 19(1)(a) से प्राप्त होता है।

प्रश्न 5: भारतीय संसद के दो सदनों को किस आधार पर वर्गीकृत किया गया है?

  1. सदस्यों की संख्या
  2. जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व
  3. सामुदायिक प्रतिनिधित्व
  4. राज्यों के प्रतिनिधित्व के आधार पर

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संसद द्विसदनीय है, जिसमें लोकसभा (House of the People) और राज्यसभा (Council of States) शामिल हैं। राज्यसभा को ‘राज्यों की परिषद’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। (अनुच्छेद 79, 80, 81)
  • संदर्भ और विस्तार: लोकसभा का प्रतिनिधित्व जनसंख्या के आधार पर होता है, जबकि राज्यसभा में राज्यों का प्रतिनिधित्व उनकी जनसंख्या के अनुपात में (आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार) होता है, हालांकि कुछ राज्यों को सीटें बराबर भी आवंटित की गई हैं, लेकिन यह प्रतिनिधित्व का आधार राज्यों का ही है।
  • गलत विकल्प: सदस्यों की संख्या निश्चित है। सामुदायिक प्रतिनिधित्व का सिद्धांत भारत में नहीं अपनाया गया है। जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से लोकसभा के लिए है, न कि संसद के दोनों सदनों के वर्गीकरण के मूल आधार के रूप में।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति भारत में ‘आपातकाल’ की घोषणा के लिए आधार नहीं है?

  1. युद्ध या बाहरी आक्रमण
  2. सशस्त्र विद्रोह
  3. आर्थिक दिवालियापन
  4. राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में तीन प्रकार के आपातकालों का प्रावधान है: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352 – युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह), राज्यों में आपातकाल (अनुच्छेद 356 – राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360 – वित्तीय स्थिरता या ऋण की सुरक्षा खतरे में हो)। आर्थिक दिवालियापन सीधे तौर पर इन अनुच्छेदों के तहत आपातकाल का आधार नहीं है, हालांकि वित्तीय आपातकाल (360) अप्रत्यक्ष रूप से इससे संबंधित हो सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 352 में ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द को 44वें संशोधन, 1978 द्वारा ‘आंतरिक अशांति’ के स्थान पर प्रतिस्थापित किया गया था, ताकि राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा अधिक स्पष्ट आधार पर हो सके।
  • गलत विकल्प: युद्ध या बाहरी आक्रमण (अनुच्छेद 352), सशस्त्र विद्रोह (अनुच्छेद 352), और राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता (अनुच्छेद 356) सभी भारतीय संविधान के तहत आपातकाल घोषित करने के स्पष्ट आधार हैं।

प्रश्न 7: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकते हैं?

  1. अनुच्छेद 123
  2. अनुच्छेद 111
  3. अनुच्छेद 108
  4. अनुच्छेद 112

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान करता है कि जब संसद के दोनों सदन सत्र में न हों, तब वे अध्यादेश जारी कर सकें।
  • संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश का प्रभाव संसद के अधिनियम के समान होता है, लेकिन इसे संसद के अगले सत्र के शुरू होने के 6 सप्ताह के भीतर अनुमोदित होना आवश्यक है। यदि संसद इसे अनुमोदित नहीं करती है, तो यह उसके सत्र में आने के 6 सप्ताह बाद स्वतः समाप्त हो जाता है। यह एक अस्थायी कानून है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 111 विधेयकों पर राष्ट्रपति की स्वीकृति से संबंधित है। अनुच्छेद 108 संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संविधान की ‘आठवीं अनुसूची’ में शामिल नहीं है?

  1. डोगरी
  2. कश्मीरी
  3. संस्कृत
  4. कुकी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 मान्यता प्राप्त भाषाओं का उल्लेख है। ‘कुकी’ (Kuki) इन 22 भाषाओं में से एक नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: आठवीं अनुसूची में भाषाएँ शामिल करने का उद्देश्य उन्हें सरकारी मान्यता और प्रोत्साहन देना है। डोगरी, कश्मीरी और संस्कृत सभी आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। डोगरी (92वें संशोधन, 2004), बोडो (92वें संशोधन, 2004), संथाली (92वें संशोधन, 2004) और मैथिली (92वें संशोधन, 2004) जोड़ी गईं।
  • गलत विकल्प: डोगरी (जम्मू और कश्मीर), कश्मीरी (जम्मू और कश्मीर), और संस्कृत (प्राचीन भाषा) सभी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। कुकी एक भाषा है लेकिन यह अनुसूची का हिस्सा नहीं है।

प्रश्न 9: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?

  1. उनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  2. वे संसद के प्रति जवाबदेह होते हैं।
  3. वे अपने पद पर 6 वर्ष तक या 65 वर्ष की आयु तक बने रह सकते हैं।
  4. वे भारत की समेकित निधि से वेतन प्राप्त करते हैं।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के पद की अवधि 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, निर्धारित की गई है। अतः, वे 6 वर्ष तक या 65 वर्ष की आयु तक बने रह सकते हैं। (अनुच्छेद 148)
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक है और वह केंद्र तथा राज्य सरकारों के खातों की लेखा-परीक्षा करता है। उनके वेतन और भत्ते भारत की संचित निधि पर भारित होते हैं, जिससे उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित होती है। वे संसद (मुख्यतः लोक लेखा समिति के माध्यम से) को अपनी रिपोर्ट सौंपते हैं।
  • गलत विकल्प: वे 6 वर्ष तक या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, अपने पद पर बने रह सकते हैं। बाकी सभी कथन सही हैं।

प्रश्न 10: किस संशोधन द्वारा भारत के संविधान में ‘मौलिक कर्तव्यों’ को जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया। यह संशोधन सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित था। मौलिक कर्तव्यों को संविधान के भाग IV-A के अनुच्छेद 51A में समाहित किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये कर्तव्य नागरिकों के नागरिकों के प्रति दायित्वों को रेखांकित करते हैं, जैसे राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना, स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय संघर्ष को बढ़ावा देना, भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना आदि।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन, 1985 ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा। 61वां संशोधन, 1989 ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।

प्रश्न 11: अनुच्छेद 320 के तहत संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के कार्यों में क्या शामिल नहीं है?

  1. सिविल सेवाओं और अखिल भारतीय सेवाओं के लिए भर्ती करना
  2. यह सुनिश्चित करना कि राज्य सरकारें अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करें
  3. सरकारी सेवाओं के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति और पदोन्नति से संबंधित मामले
  4. किसी एक राज्य के राज्यपाल के अनुरोध पर, उन मामलों पर सलाह देना जो राज्य के राज्यपाल द्वारा संदर्भित किए जाते हैं

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 320 संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के कार्यों को परिभाषित करता है। इसके मुख्य कार्यों में सिविल सेवाओं और अखिल भारतीय सेवाओं के लिए परीक्षा आयोजित करना, भर्ती करना, नियुक्ति और पदोन्नति से संबंधित मामलों पर सलाह देना, और राज्य के अनुरोध पर उन मामलों पर सलाह देना शामिल है। यह सुनिश्चित करना कि राज्य सरकारें अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करें, यह UPSC का कार्य नहीं है, बल्कि यह राज्यपाल (अनुच्छेद 156), राष्ट्रपति (अनुच्छेद 356) और सर्वोच्च न्यायालय का कार्यक्षेत्र हो सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: UPSC एक संवैधानिक निकाय है जो भारत की केंद्रीय भर्ती एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b) UPSC के कार्यक्षेत्र से बाहर है। अन्य सभी विकल्प UPSC के कार्यों का हिस्सा हैं।

प्रश्न 12: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) के संबंध में कौन सा कथन सत्य है?

  1. वे लोकसभा में मतदान कर सकते हैं।
  2. वे किसी भी न्यायालय में निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं।
  3. वे संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं, लेकिन मतदान नहीं कर सकते।
  4. उनका कार्यकाल निश्चित होता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) को अनुच्छेद 76 के तहत नियुक्त किया जाता है। उन्हें संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन उन्हें मत देने का अधिकार नहीं है, जैसा कि अनुच्छेद 88 में उल्लेखित है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं। उनका कार्यकाल निश्चित नहीं होता है, वे राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करते हैं। वे सरकारी कामकाज से संबंधित होने पर निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते।
  • गलत विकल्प: वे मतदान नहीं कर सकते। वे निजी प्रैक्टिस (कुछ प्रतिबंधों के साथ) कर सकते हैं, लेकिन यह उनका अधिकार नहीं है कि वे “किसी भी न्यायालय में” कर सकें। उनका कार्यकाल निश्चित नहीं होता।

प्रश्न 13: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने वाला संविधान संशोधन कौन सा था?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
  4. 97वां संशोधन अधिनियम, 2011

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को भारतीय संविधान के भाग IX में एक नया भाग IX और अनुच्छेद 243 से 243-O जोड़कर संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। इसने संविधान में 11वीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं के 29 विषय शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज को ग्रामीण स्थानीय स्वशासन की एक मजबूत और प्रभावी संस्था बनाना था।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन, 1992 शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) से संबंधित है। 86वां संशोधन, 2002 ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया। 97वां संशोधन, 2011 ने सहकारी समितियों (Co-operative Societies) को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?

  1. अनुच्छेद 76: महान्यायवादी
  2. अनुच्छेद 148: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
  3. अनुच्छेद 280: वित्त आयोग
  4. अनुच्छेद 324: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 324 भारतीय संविधान में **’निर्वाचन आयोग’** (Election Commission of India) की स्थापना से संबंधित है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की स्थापना **अनुच्छेद 338** के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: सभी अन्य विकल्प सही सुमेलित हैं। अनुच्छेद 76 महान्यायवादी, अनुच्छेद 148 CAG, और अनुच्छेद 280 वित्त आयोग से संबंधित हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (d) गलत सुमेलित है क्योंकि अनुच्छेद 324 निर्वाचन आयोग से संबंधित है, न कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘नागरिकता’ से संबंधित प्रावधान हैं?

  1. भाग I
  2. भाग II
  3. भाग III
  4. भाग IV

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग II, जिसमें अनुच्छेद 5 से 11 तक शामिल हैं, नागरिकता से संबंधित है। यह बताता है कि कौन भारत का नागरिक होगा और नागरिकता के अर्जन तथा समाप्ति से संबंधित प्रावधान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: नागरिकता पर कानून बनाने की शक्ति संसद को अनुच्छेद 11 के तहत दी गई है, और संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया है।
  • गलत विकल्प: भाग I संघ और उसके राज्य क्षेत्र से संबंधित है (अनुच्छेद 1-4)। भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है (अनुच्छेद 12-35)। भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों से संबंधित है (अनुच्छेद 36-51)।

प्रश्न 16: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को किस आधार पर महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है?

  1. योग्यता का अभाव
  2. कार्यकाल की समाप्ति
  3. सिद्ध कदाचार या असमर्थता
  4. राष्ट्रपति की संतुष्टि

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(4) के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को ‘सिद्ध कदाचार या असमर्थता’ (proven misbehaviour or incapacity) के आधार पर महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: महाभियोग की प्रक्रिया संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत से पारित एक प्रस्ताव द्वारा होती है। इसमें पहले लोकसभा या राज्यसभा में प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिसे क्रमशः 100 या 50 सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो। इसके बाद, दोनों सदनों द्वारा संकल्प पारित होने पर ही उन्हें हटाया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: योग्यता का अभाव, कार्यकाल की समाप्ति, या राष्ट्रपति की संतुष्टि महाभियोग के आधार नहीं हैं।

  • प्रश्न 17: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का अध्यक्ष कौन होता है?

    1. भारत के राष्ट्रपति
    2. भारत के प्रधानमंत्री
    3. योजना आयोग के उपाध्यक्ष
    4. वित्त मंत्री

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) एक कार्यकारी निकाय है, जिसका गठन 1952 में हुआ था। इसके पदेन अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने और राष्ट्रीय नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक सदस्य के रूप में शामिल होते हैं।
    • गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति, योजना आयोग के उपाध्यक्ष (अब नीति आयोग के उपाध्यक्ष) और वित्त मंत्री NDC के अध्यक्ष नहीं होते।

    प्रश्न 18: ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (DPSP) संविधान के किस भाग में दिए गए हैं?

    1. भाग II
    2. भाग III
    3. भाग IV
    4. भाग IV-A

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग IV में, अनुच्छेद 36 से 51 तक किया गया है।
    • संदर्भ और विस्तार: ये तत्व सरकार के लिए मार्गदर्शन सिद्धांत हैं और इन्हें न्यायालयों द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है, लेकिन ये राष्ट्र के शासन में मूलभूत हैं। इनका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है।
    • गलत विकल्प: भाग II नागरिकता से संबंधित है। भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है।

    प्रश्न 19: भारत में ‘अविश्वास प्रस्ताव’ (No Confidence Motion) किस सदन में पेश किया जा सकता है?

    1. केवल लोकसभा में
    2. केवल राज्यसभा में
    3. दोनों सदनों में
    4. किसी भी सदन में, लेकिन केवल प्रधानमंत्री के खिलाफ

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में अविश्वास प्रस्ताव केवल **लोकसभा** में पेश किया जा सकता है। इसका संबंध मंत्रिपरिषद की सामूहिक जिम्मेदारी से है, जो केवल लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है (अनुच्छेद 75(3))।
    • संदर्भ और विस्तार: लोकसभा के नियम 198 के तहत, यदि प्रस्ताव को कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन प्राप्त होता है, तो इसे स्वीकार किया जाता है और मतदान के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना पड़ता है।
    • गलत विकल्प: राज्यसभा मंत्रिपरिषद के प्रति प्रत्यक्ष रूप से उत्तरदायी नहीं होती, इसलिए वहां अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकता। प्रस्ताव किसी भी सदस्य के खिलाफ हो सकता है, लेकिन मुख्य रूप से सरकार (मंत्रिपरिषद) को लक्षित करता है।

    प्रश्न 20: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का तत्व किस रूप में शामिल है?

    1. केवल राजनीतिक
    2. आर्थिक और सामाजिक
    3. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
    4. केवल सामाजिक

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना स्पष्ट रूप से तीन प्रकार के न्याय का उल्लेख करती है: **सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय**। ये भारत के संविधान की प्रस्तावना के महत्वपूर्ण आदर्श हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, रंग, लिंग, धर्म आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और आय का समान वितरण। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार, जैसे वोट देने का अधिकार और सार्वजनिक पदों को धारण करने का अधिकार।
    • गलत विकल्प: प्रस्तावना केवल राजनीतिक, या केवल सामाजिक, या आर्थिक और सामाजिक न्याय की बात नहीं करती, बल्कि इन तीनों के संयोजन की बात करती है।

    प्रश्न 21: राष्ट्रपति, राज्यों के पुनर्गठन के संबंध में विधायी प्रस्तावों पर अपनी पूर्व स्वीकृति देने से पहले, किस निकाय से सलाह लेते हैं?

    1. वित्त आयोग
    2. नीति आयोग
    3. संबंधित राज्यों के विधानमंडल
    4. सर्वोच्च न्यायालय

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3 के अनुसार, राष्ट्रपति किसी भी राज्य के गठन, या किसी राज्य के क्षेत्र, सीमा या नाम में परिवर्तन से संबंधित कोई भी विधेयक या संशोधन प्रस्तावित करने से पहले, उस राज्य के विधानमंडल के विचारों को जानने के लिए संबंधित राज्य के विधानमंडल को संदर्भित करते हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो सुनिश्चित करती है कि राज्य के लोगों की आवाज सुनी जाए, भले ही अंततः यह राष्ट्रपति (और संसद) का निर्णय होता है।
    • गलत विकल्प: वित्त आयोग, नीति आयोग और सर्वोच्च न्यायालय की राय इस विशेष मामले में आवश्यक नहीं है, हालांकि नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) राज्यों के विकास से जुड़े मुद्दों पर काम करता है।

    प्रश्न 22: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘राज्य’ की परिभाषा दी गई है?

    1. अनुच्छेद 12
    2. अनुच्छेद 13
    3. अनुच्छेद 32
    4. अनुच्छेद 226

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12, भाग III (मौलिक अधिकार) के प्रयोजनों के लिए ‘राज्य’ की परिभाषा देता है। इसमें भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: यह परिभाषा व्यापक है और केवल विधायिका और कार्यपालिका तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें वे सभी संस्थाएं शामिल हैं जो सार्वजनिक कार्यों को अंजाम देती हैं।
    • गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पिकरण करने वाली विधियों के बारे में है। अनुच्छेद 32 संवैधानिक उपचारों का अधिकार है। अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने की शक्ति देता है।

    प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सी समिति संसदीय समिति नहीं है?

    1. लोक लेखा समिति
    2. प्राक्कलन समिति
    3. लोक उपक्रम समिति
    4. प्रशासनिक सुधार आयोग
    5. उत्तर: (d)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति और लोक उपक्रम समिति सभी संसदीय समितियाँ हैं जिनका गठन संसद के नियमों के तहत किया गया है। प्रशासनिक सुधार आयोग (Administrative Reforms Commission – ARC) एक **तदर्थ (ad hoc) या गैर-संवैधानिक/गैर-सांविधिक निकाय** था, जिसे सरकार द्वारा विशेष उद्देश्यों के लिए गठित किया गया था, न कि संसद के नियमों के तहत।
      • संदर्भ और विस्तार: संसदीय समितियाँ संसद के कार्यों में सहायता करती हैं, जैसे वित्तीय नियंत्रण और विधायी जांच।
      • गलत विकल्प: प्रशासनिक सुधार आयोग एक कार्यकारी आदेश या प्रस्ताव द्वारा गठित आयोग था, न कि संसद द्वारा।

      प्रश्न 24: अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन के लिए कौन सा बहुमत आवश्यक है?

      1. सरल बहुमत
      2. विशेष बहुमत
      3. विशेष बहुमत और राज्यों का अनुसमर्थन
      4. तीन-चौथाई बहुमत

      उत्तर: (b)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान के अधिकांश प्रावधानों को **विशेष बहुमत** (special majority) से संशोधित किया जा सकता है, जिसका अर्थ है कि सदन के प्रत्येक सदन में कुल सदस्यता के बहुमत द्वारा तथा सदन के उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित होना चाहिए।
      • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, संविधान के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों, जो संघ और राज्यों के बीच शक्ति संतुलन को प्रभावित करते हैं, उन्हें संशोधित करने के लिए विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन (ratification) की भी आवश्यकता होती है (अनुच्छेद 368(2) का दूसरा प्रावधान)। प्रश्न में केवल ‘आवश्यक’ बहुमत पूछा गया है, और विशेष बहुमत न्यूनतम आवश्यकता है, इसलिए (b) सही है, लेकिन (c) कुछ मामलों के लिए सही है। प्रश्न की प्रकृति को देखते हुए, सामान्य संशोधन के लिए विशेष बहुमत (b) अधिक उपयुक्त उत्तर है, जबकि (c) विशेष प्रकार के संशोधनों के लिए है। यदि प्रश्न ऐसे प्रावधानों के बारे में होता जिनके लिए अनुसमर्थन आवश्यक है, तो (c) सही होता। सामान्यतः, विशेष बहुमत को मूल आवश्यकता माना जाता है।
      • गलत विकल्प: सरल बहुमत (simple majority) केवल सामान्य विधायी कार्यों के लिए होता है। तीन-चौथाई बहुमत (three-fourth majority) भारतीय संविधान में कहीं भी संशोधन के लिए निर्धारित नहीं है।

      प्रश्न 25: भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में किसे जाना जाता है?

      1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद
      2. पंडित जवाहरलाल नेहरू
      3. डॉ. बी. आर. अंबेडकर
      4. सरदार वल्लभभाई पटेल

      उत्तर: (c)

      विस्तृत स्पष्टीकरण:

      • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: डॉ. बी. आर. अंबेडकर को भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में व्यापक रूप से जाना जाता है। वे संविधान की मसौदा समिति (Drafting Committee) के अध्यक्ष थे और उन्होंने संविधान के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
      • संदर्भ और विस्तार: अंबेडकर को भारतीय संविधान का पिता भी कहा जाता है। उनका योगदान भारतीय संविधान के विकास और उसकी अंतिम शक्ल देने में अमूल्य था।
      • गलत विकल्प: डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे, पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रमुख नेताओं में से एक और प्रथम प्रधानमंत्री थे, और सरदार पटेल ने रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन संविधान निर्माण का मुख्य श्रेय डॉ. अंबेडकर को जाता है।

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