संविधान की कसौटी: क्या आप तैयार हैं?
नमस्कार, भावी नायकों! भारतीय लोकतंत्र के आधारभूत स्तंभों को कितनी गहराई से समझा है, यह जानने का समय आ गया है। आज हम आपके लिए लाए हैं भारतीय राजव्यवस्था और संविधान पर आधारित 25 विशेष प्रश्न, जो आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखेंगे और परीक्षा की तैयारी को नई धार देंगे। आइए, अपनी ज्ञान यात्रा को और सशक्त बनाएं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद लोक सेवाओं के संरक्षण से संबंधित है?
- अनुच्छेद 310
- अनुच्छेद 311
- अनुच्छेद 312
- अनुच्छेद 313
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 311, संघ या राज्य के अधीन सिविल क्षमता में नियोजित व्यक्तियों के संरक्षण से संबंधित है। यह अनुच्छेद सुनिश्चित करता है कि ऐसे व्यक्तियों को पद से हटाया या पदावनत (demoted) न किया जाए, जब तक कि उन्हें उचित कारण न दिया जाए और सुनवाई का अवसर न मिले।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद दोहरे संरक्षण प्रदान करता है: पहला, कि किसी भी व्यक्ति को उस पद से नहीं हटाया जाएगा जिस पर वह नियुक्त किया गया था (या उससे निम्नतर पद पर पदावनत नहीं किया जाएगा), जब तक कि उसी राज्य के या उस राज्य में, जिसके अधीन वह लोक सेवा में है, सरकार के किसी ऐसे अधिकारी द्वारा, जिसे उस पद के लिए नियुक्ति के प्रयोजनों के लिए राष्ट्रपति या राज्यपाल द्वारा इस निमित्त नियुक्त किया गया हो, कुछ विशेष जाँच या आरोप के आधार पर, दंडित न किया जाए। दूसरा, यह कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को पद से नहीं हटाया जाएगा या पदावनत नहीं किया जाएगा, जब तक कि उसे ऐसे दंड के लिए प्रस्तावित अपराधों के बारे में सूचना न दे दी गई हो और उस पर स्पष्टीकरण देने का उचित अवसर न दिया गया हो।
- अincorrect Options: अनुच्छेद 310 लोक सेवकों के कार्यकाल को दर्शाता है, अनुच्छेद 312 अखिल भारतीय सेवाओं से संबंधित है, और अनुच्छेद 313 मौजूदा कानूनों के जारी रहने से संबंधित है।
प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का आदर्श किस क्रांति से प्रेरित है?
- अमेरिकी क्रांति
- फ्रांसीसी क्रांति
- रूसी क्रांति
- चीनी क्रांति
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) का आदर्श फ्रांसीसी क्रांति (1789-1799) के आदर्शों – स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व – से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का अर्थ है भाईचारे की भावना। संविधान यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी नागरिक एक परिवार के सदस्य के रूप में रहें, जो राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यह व्यक्तिगत गरिमा के साथ-साथ राष्ट्र की एकता और अखंडता को भी सुनिश्चित करता है।
- अincorrect Options: अमेरिकी क्रांति (1775-1783) मुख्य रूप से स्वतंत्रता और स्व-शासन पर केंद्रित थी। रूसी क्रांति (1917) समाजवाद और साम्यवाद पर केंद्रित थी। चीनी क्रांति (1949) साम्यवाद की स्थापना से जुड़ी है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय राष्ट्रपति और संसद के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है?
- संसदीय समितियाँ
- मंत्रिपरिषद
- भारत का महान्यायवादी
- नीति आयोग
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मंत्रिपरिषद, विशेष रूप से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, राष्ट्रपति और संसद के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करती है। संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार, राष्ट्रपति को उनके कार्यों के संपादन में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होती है, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होता है।
- संदर्भ और विस्तार: मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को विधायी प्रस्तावों, नियुक्तियों, और अन्य महत्वपूर्ण शासकीय मामलों पर सलाह देती है, जिन्हें राष्ट्रपति को संसद में प्रस्तुत करना होता है। इसी प्रकार, मंत्रिपरिषद संसद के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है (अनुच्छेद 75(3)), जिससे यह राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्ति और संसद की विधायी शक्ति के बीच समन्वय स्थापित करती है।
- अincorrect Options: संसदीय समितियाँ विधायिका का आंतरिक अंग हैं। भारत का महान्यायवादी (Attorney General) सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। नीति आयोग, एक गैर-संवैधानिक निकाय, सरकार के लिए एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है, लेकिन यह राष्ट्रपति और संसद के बीच सीधे कड़ी का काम नहीं करता।
प्रश्न 4: भारत में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ (समान नागरिक संहिता) का उल्लेख संविधान के किस भाग में किया गया है?
- भाग III (मौलिक अधिकार)
- भाग IV (राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत)
- भाग V (संघ)
- भाग VI (राज्य)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का प्रावधान संविधान के भाग IV में, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) के अंतर्गत अनुच्छेद 44 में उल्लिखित है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 44 कहता है कि “राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त करने का प्रयास करेगा।” यह एक निर्देशक सिद्धांत है, जिसका अर्थ है कि यह न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है, लेकिन सरकार के लिए कानून बनाते समय एक मार्गदर्शक सिद्धांत है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत कानूनों (जैसे विवाह, तलाक, उत्तराधिकार) को सभी नागरिकों के लिए समान बनाना है, भले ही उनका धर्म कुछ भी हो।
- अincorrect Options: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है, जो न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय हैं। भाग V संघ सरकार से और भाग VI राज्य सरकार से संबंधित है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को लोक पद धारण करने से रोकने के लिए जारी की जाती है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) रिट किसी व्यक्ति को उस लोक पद को धारण करने से रोकने के लिए जारी की जाती है, जिसके लिए वह अनाधिकारिक रूप से या गैर-कानूनी तरीके से दावेदार है। यह अधिकार, जिस पर वह पद धारण कर रहा है, को सत्यापित करने के लिए जारी की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत जारी की जा सकती है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक पद के दुरुपयोग को रोकना है।
- अincorrect Options: बंदी प्रत्यक्षीकरण किसी व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश है। परमादेश किसी लोक प्राधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश है। उत्प्रेषण किसी अधीनस्थ न्यायालय या प्राधिकरण के निर्णय को रद्द करने का आदेश है।
प्रश्न 6: संसद में स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion) का उद्देश्य क्या है?
- किसी अत्यावश्यक लोक महत्व के मामले पर तत्काल चर्चा को स्थापित करना
- सरकार की किसी विशेष नीति का विरोध करना
- अविश्वास प्रस्ताव की तरह सरकार को हटाना
- वित्तीय मामलों पर चर्चा करना
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: स्थगन प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य किसी अत्यावश्यक लोक महत्व के मामले पर, जो हाल ही में घटित हुआ हो, सामान्य सरकारी या संसदीय कामकाज को रोककर चर्चा को स्थापित करना है।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक विशेषाधिकार प्रस्ताव है जिसे कोई भी गैर-सरकारी सदस्य पेश कर सकता है। इसके लिए कम से कम 50 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है। यह विशुद्ध रूप से प्रक्रियात्मक उपकरण है जिसका उपयोग किसी तत्काल मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है। यह सरकार को गिराने के लिए नहीं होता, बल्कि केवल चर्चा के लिए होता है।
- अincorrect Options: सरकार की किसी विशेष नीति का विरोध ‘निंदा प्रस्ताव’ या ‘अविश्वास प्रस्ताव’ से होता है। अविश्वास प्रस्ताव सरकार को हटाने के लिए होता है। वित्तीय मामलों पर चर्चा बजट सत्र में होती है।
प्रश्न 7: भारत में महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- कानून मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी केंद्र सरकार का मुख्य कानूनी अधिकारी होता है। वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (pleasure of the President) पद धारण करता है, जिसका अर्थ है कि उसे किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। उसकी योग्यताएं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बनने के योग्य व्यक्ति के समान होती हैं।
- अincorrect Options: प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, या कानून मंत्री की नियुक्ति महान्यायवादी के पद पर नहीं होती है। राष्ट्रपति ही संवैधानिक प्रमुख के रूप में यह नियुक्ति करता है।
प्रश्न 8: किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Territory of Delhi) का दर्जा दिया गया?
- 69वाँ संशोधन अधिनियम, 1991
- 70वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 71वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 69वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1991 ने दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) के रूप में परिभाषित किया और संविधान में अनुच्छेद 239AA जोड़ा, जो दिल्ली के लिए विशेष प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन के माध्यम से, दिल्ली को एक विधानमंडल और मंत्रिपरिषद वाली केंद्र शासित प्रदेश की श्रेणी में रखा गया, जिससे उसे कुछ हद तक स्वायत्तता मिली। यह दिल्ली को एक विशेष दर्जा प्रदान करता है, जो इसे अन्य केंद्र शासित प्रदेशों से अलग करता है।
- अincorrect Options: 70वाँ संशोधन पंचायती राज से संबंधित है। 71वाँ संशोधन कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करने से संबंधित है। 73वाँ संशोधन पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित है।
प्रश्न 9: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद संसद को नए राज्यों के निर्माण या राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित है?
- अनुच्छेद 1
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 4
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 3 संसद को यह अधिकार देता है कि वह किसी राज्य में से उसका कोई भाग अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को मिलाकर या किसी राज्य के अंग-भूत भागों को मिलाकर नए राज्यों का निर्माण कर सकती है, तथा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन कर सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 3 के तहत कोई भी विधेयक राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश के बिना संसद में पेश नहीं किया जा सकता। ऐसे विधेयक को संबंधित राज्य के विधानमंडल के पास उसकी राय जानने के लिए भेजा जाता है, हालांकि संसद इस राय से बाध्य नहीं होती।
- अincorrect Options: अनुच्छेद 1 संघ और उसके राज्य क्षेत्रों का वर्णन करता है। अनुच्छेद 2 नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना से संबंधित है (जो वर्तमान में भारत का भाग नहीं हैं)। अनुच्छेद 4 बताता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत किए गए संशोधन साधारण बहुमत से किए जा सकते हैं और उन्हें अनुच्छेद 368 के तहत ‘संशोधन’ नहीं माना जाएगा।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान की ‘संविधान की आत्मा’ के रूप में वर्णित है?
- मौलिक अधिकार
- राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
- प्रस्तावना
- संघवाद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना को अक्सर ‘संविधान की आत्मा’ कहा जाता है। यद्यपि संविधान में यह शब्द स्पष्ट रूप से कहीं प्रयुक्त नहीं हुआ है, परन्तु सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों (जैसे केशवानंद भारती मामले में) में प्रस्तावना के महत्व को स्वीकार किया है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के लक्ष्यों, आदर्शों और दर्शन का सार प्रस्तुत करती है। यह बताती है कि संविधान की अंतिम सत्ता जनता में निहित है और यह संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना का लक्ष्य रखती है, जो अपने नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व प्रदान करता है।
- अincorrect Options: मौलिक अधिकार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन प्रस्तावना उनके पीछे के उद्देश्य और भावना को दर्शाती है। राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वे ‘आत्मा’ के रूप में वर्णित नहीं हैं। संघवाद शासन की एक प्रणाली है।
प्रश्न 11: भारत के संविधान की कौन सी अनुसूची राजभाषाओं से संबंधित है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की राजभाषाओं से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: मूल रूप से आठवीं अनुसूची में 14 भाषाएँ थीं। सिंधी को 21वें संशोधन (1967) द्वारा, कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को 71वें संशोधन (1992) द्वारा, और बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को 92वें संशोधन (2003) द्वारा जोड़ा गया। वर्तमान में, इसमें 22 भाषाएँ शामिल हैं।
- अincorrect Options: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों का मान्यकरण है, जो न्यायिक समीक्षा से परे हैं। दसवीं अनुसूची दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा के अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 118(3) के अनुसार, लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker) भारतीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: संयुक्त बैठक का प्रावधान अनुच्छेद 108 में है, जो तब बुलाई जाती है जब एक विधेयक पर किसी एक सदन द्वारा पारित होने के बाद दूसरे सदन द्वारा अस्वीकार कर दिया गया हो, या दोनों सदन ऐसे विधेयक पर किए जाने वाले संशोधनों पर असहमत हों, या दूसरे सदन को विधेयक प्राप्त होने के बाद छह महीने से अधिक बीत चुके हों और विधेयक उस सदन द्वारा पारित न किया गया हो। अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं; यदि वे अनुपस्थित हों, तो लोकसभा के उपाध्यक्ष, और यदि वे भी अनुपस्थित हों, तो राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी (उप-सभापति)।
- अincorrect Options: राष्ट्रपति संयुक्त बैठक आहूत करते हैं (अनुच्छेद 108), लेकिन अध्यक्षता नहीं करते। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं, लेकिन संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करते। राज्यसभा के सभापति (जो उपराष्ट्रपति होते हैं) भी संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करते।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्य विधानमंडल द्वारा पारित किसी विधेयक पर राज्यपाल की सहमति का प्रावधान है?
- अनुच्छेद 199
- अनुच्छेद 200
- अनुच्छेद 201
- अनुच्छेद 202
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 200 के अनुसार, जब कोई विधेयक राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित कर दिया जाता है, तो वह राज्यपाल को प्रस्तुत किया जाता है, और राज्यपाल या तो उस पर अपनी सहमति देगा, या अपनी सहमति रोकेगा, या राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक को आरक्षित रखेगा।
- संदर्भ और विस्तार: यदि राज्यपाल राष्ट्रपति के विचार के लिए किसी विधेयक को आरक्षित रखता है, तो राष्ट्रपति उस विधेयक के बारे में अपनी राय दे सकता है, और यदि राष्ट्रपति उस विधेयक को (संशोधनों सहित या रहित) वापस लौटा देता है, तो वह उस सदन द्वारा, जिसमें वह विधेयक मूल रूप से पेश किया गया था, अपने द्वारा किए गए संशोधनों सहित या रहित, यदि विधानमंडल के दोनों सदन उसे फिर से पारित करते हैं, तो राष्ट्रपति की सहमति के लिए फिर से प्रस्तुत किया जाएगा।
- अincorrect Options: अनुच्छेद 199 धन विधेयकों को परिभाषित करता है। अनुच्छेद 201 राष्ट्रपति द्वारा आरक्षित विधेयकों पर विचार से संबंधित है। अनुच्छेद 202 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन एक गैर-संवैधानिक निकाय है?
- चुनाव आयोग
- वित्त आयोग
- नीति आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक गैर-संवैधानिक और गैर-सांविधिक निकाय है। इसे 1 जनवरी 2015 को स्थापित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग का गठन भारत सरकार के एक प्रस्ताव के माध्यम से किया गया था, न कि संविधान के किसी प्रावधान द्वारा। यह सरकार के लिए एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है, जो राष्ट्रीय विकास के लिए नीतिगत और कार्यक्रमगत एजेंडे के डिजाइन के संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों को प्रासंगिक तकनीकी सलाह प्रदान करता है।
- अincorrect Options: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), वित्त आयोग (अनुच्छेद 280), और संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनके प्रावधान संविधान में निहित हैं।
प्रश्न 15: भारत के संविधान की आपातकालीन उपबंध (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- जर्मनी का वाइमर गणराज्य
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के संविधान में आपातकालीन उपबंधों (राष्ट्रीय आपातकाल – अनुच्छेद 352, राज्य आपातकाल – अनुच्छेद 356, और वित्तीय आपातकाल – अनुच्छेद 360) की प्रेरणा जर्मनी के वाइमर गणराज्य के संविधान से ली गई है।
- संदर्भ और विस्तार: जर्मनी के संविधान ने यह प्रावधान किया था कि जब मौलिक अधिकारों का निलंबन किया जा सकता है, तब राज्य कार्यकारी शक्ति को किस प्रकार केंद्रित कर सकता है। हालांकि, भारतीय संविधान में यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि आपातकाल के दौरान भी राज्य की एकात्मक प्रवृत्ति अत्यधिक न बढ़ जाए।
- अincorrect Options: संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार (हालांकि यह भारत में निलंबन योग्य हैं, जबकि अमेरिका में नहीं) और न्यायिक पुनरावलोकन लिया गया है। यूनाइटेड किंगडम से संसदीय प्रणाली ली गई है। कनाडा से संघात्मक व्यवस्था ली गई है।
प्रश्न 16: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) का क्या अर्थ है?
- संसद सदस्यों को प्राप्त विशेष शक्तियाँ और छूटें
- प्रधानमंत्री को प्राप्त विशेष अधिकार
- राष्ट्रपति को प्राप्त विशेष अधिकार
- विधानमंडल और कार्यपालिका के बीच शक्ति का पृथक्करण
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकार उन विशेष अधिकारों, छूटों और प्रतिरक्षाओं को संदर्भित करते हैं जो संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्यों को और संसद के सदनों को सामूहिक रूप से प्राप्त हैं। संविधान के अनुच्छेद 105 (संसद सदस्यों के विशेषाधिकार) और अनुच्छेद 194 (राज्य विधानमंडल के सदस्यों के विशेषाधिकार) इस संबंध में प्रावधान करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये विशेषाधिकार संसद के विधायी कार्यों को सुचारू रूप से और प्रभावी ढंग से करने में सक्षम बनाते हैं। इनमें भाषण की स्वतंत्रता, सदनों की कार्यवाही में भाग लेने के लिए स्वतंत्रता, और कुछ मामलों में आपराधिक कार्यवाही से गिरफ्तारी से छूट शामिल है।
- अincorrect Options: ये अधिकार प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या शक्ति पृथक्करण के सिद्धांत से सीधे संबंधित नहीं हैं, बल्कि संसद के सदस्यों और सदनों को उनके विधायी कार्यों के निर्बाध संपादन के लिए दिए गए हैं।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का आदर्श किस रूप में व्यक्त किया गया है?
- केवल राजनीतिक न्याय
- केवल आर्थिक न्याय
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय
- सामाजिक और राजनीतिक न्याय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना अपने सभी नागरिकों के लिए ‘सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय’ सुनिश्चित करने का वादा करती है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘सामाजिक न्याय’ का अर्थ है कि सभी नागरिकों के साथ बिना किसी भेदभाव के समान व्यवहार किया जाए, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म, लिंग या वर्ण के हों। ‘आर्थिक न्याय’ का अर्थ है कि धन और आय का समान वितरण हो, और गरीबों और अमीरों के बीच आर्थिक असमानताओं को कम किया जाए। ‘राजनीतिक न्याय’ का अर्थ है कि सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त हों, जैसे कि वोट देने का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार, और सार्वजनिक पदों को धारण करने का अधिकार।
- अincorrect Options: प्रस्तावना केवल राजनीतिक या सामाजिक न्याय तक सीमित नहीं है, बल्कि तीनों आयामों को समाहित करती है।
प्रश्न 18: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) की स्थापना किस संवैधानिक अनुच्छेद के तहत की गई है?
- अनुच्छेद 338
- अनुच्छेद 338A
- अनुच्छेद 339
- अनुच्छेद 340
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) की स्थापना संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत की गई है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 338 में आयोग की संरचना, कार्यों और शक्तियों का उल्लेख है। यह आयोग अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा करने, उनके कल्याण को बढ़ावा देने और उनके विकास की निगरानी करने के लिए स्थापित किया गया है। 89वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा, अनुच्छेद 338 को संशोधित कर एक नया अनुच्छेद 338A जोड़ा गया, जिसने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) को अनुच्छेद 338 से अलग किया।
- अincorrect Options: अनुच्छेद 338A राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से संबंधित है। अनुच्छेद 339 विशेष उपायों से संबंधित है, और अनुच्छेद 340 पिछड़े वर्गों की स्थिति की जांच के लिए आयोग की नियुक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के उपराष्ट्रपति के बारे में सत्य है?
- वह संसद के किसी भी सदन का सदस्य हो सकता है।
- वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
- वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति के संबंध में सभी दिए गए कथन सत्य हैं।
- (a) अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए यह आवश्यक है कि वह संसद के किसी सदन का सदस्य न हो। यदि ऐसा कोई व्यक्ति चुना जाता है, तो उसे पद ग्रहण करने पर अपनी सदस्यता छोड़नी होगी।
- (b) अनुच्छेद 64 के अनुसार, उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
- (c) अनुच्छेद 66(4) के अनुसार, उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ये प्रावधान उपराष्ट्रपति की भूमिका और स्थिति को स्पष्ट करते हैं, जहाँ वह एक ओर राष्ट्रपति के उत्तराधिकारी के रूप में कार्य कर सकता है और दूसरी ओर राज्यसभा की अध्यक्षता करता है।
- अincorrect Options: तीनों कथन सत्य होने के कारण ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।
प्रश्न 20: भारत में राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 124
- अनुच्छेद 125
- अनुच्छेद 126
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को संसद के अवकाश काल में अध्यादेश (Ordinance) जारी करने की शक्ति संविधान के अनुच्छेद 123 में प्रदान की गई है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति यह अध्यादेश तभी जारी कर सकता है जब संसद के दोनों सदनों में से कोई भी एक सदन सत्र में न हो और वह यह विश्वास कर ले कि ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक है। अध्यादेश का वही प्रभाव और बल होता है जो संसद द्वारा पारित अधिनियम का होता है, लेकिन यह संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखा जाना चाहिए और सत्र शुरू होने के छह सप्ताह के भीतर बिना पुनः पुष्टिकरण के समाप्त हो जाता है।
- अincorrect Options: अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 125 न्यायाधीशों के वेतन आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 126 कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 21: पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा निम्नलिखित में से किस संवैधानिक संशोधन द्वारा प्रदान किया गया?
- 72वाँ संशोधन अधिनियम
- 73वाँ संशोधन अधिनियम
- 74वाँ संशोधन अधिनियम
- 75वाँ संशोधन अधिनियम
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को भारतीय संविधान में एक संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। इसने संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक के प्रावधान हैं, जो पंचायती राज से संबंधित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को त्रि-स्तरीय संरचना (ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर और जिला परिषद) प्रदान की, पंचायतों में सीटों का आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए), और पंचायतों को कुछ अधिकार और शक्तियाँ प्रदान कीं ताकि वे स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य कर सकें।
- अincorrect Options: 72वाँ संशोधन किसी भी महत्वपूर्ण प्रावधान से संबंधित नहीं है। 74वाँ संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है। 75वाँ संशोधन भूमि अधिग्रहण से संबंधित कुछ प्रावधानों से संबंधित है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार’ के अंतर्गत आता है?
- जीवन का अधिकार
- निजता का अधिकार
- फास्ट-ट्रैक न्याय का अधिकार
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार’ में कई अधिकार शामिल हैं, जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विभिन्न निर्णयों के माध्यम से विस्तारित किया है। इनमें जीवन का अधिकार, निजता का अधिकार (मानेंका गांधी बनाम भारत संघ, 1978), और फास्ट-ट्रैक न्याय का अधिकार (हुसैन बनाम भारत संघ, 1987) शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं।” सर्वोच्च न्यायालय ने इस अनुच्छेद की व्याख्या बहुत व्यापक रूप से की है, और इसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, आश्रय का अधिकार, आजीविका का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार आदि जैसे कई अधिकार शामिल किए गए हैं।
- अincorrect Options: दिए गए सभी विकल्प अनुच्छेद 21 के विस्तारित अर्थ में शामिल हैं।
प्रश्न 23: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अपना प्रतिवेदन किसे प्रस्तुत करता है?
- प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अपने ऑडिट रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जैसा कि अनुच्छेद 148 और 151 में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति इन रिपोर्टों को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखता है। CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का ऑडिट करता है। संघ के खातों से संबंधित CAG की रिपोर्टें राष्ट्रपति को सौंपी जाती हैं, और राष्ट्रपति उन्हें संसद के दोनों सदनों में पेश करवाते हैं। इसी प्रकार, राज्यों के खातों से संबंधित CAG की रिपोर्टें संबंधित राज्यों के राज्यपालों को सौंपी जाती हैं, जो उन्हें राज्य विधानमंडल के समक्ष रखते हैं।
- अincorrect Options: CAG सीधे प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या लोकसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट नहीं करता। राष्ट्रपति के माध्यम से ही ये रिपोर्टें संसद तक पहुँचती हैं।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन एक ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) है?
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW)
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: सांविधिक निकाय वे होते हैं जिनका गठन संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा पारित एक विशेष अधिनियम (कानून) द्वारा किया जाता है। NHRC की स्थापना भारत में मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए की गई थी।
- अincorrect Options: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) भी एक सांविधिक निकाय है (राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990), लेकिन विकल्पों में NHRC पहले आता है। CBI एक जाँच एजेंसी है जो कार्यकारी आदेश से बनाई गई है (हालांकि इसे पुलिस अधिनियम के तहत कुछ शक्तियाँ प्राप्त हैं, यह एक सांविधिक निकाय नहीं है)। RBI का गठन भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत किया गया था, जो इसे भी एक सांविधिक निकाय बनाता है। दिए गए विकल्पों में, NHRC और RBI दोनों सांविधिक हैं, लेकिन NHRC सीधे तौर पर ‘मानवाधिकार’ से जुड़ा है और यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। यदि प्रश्न में ‘निम्नलिखित में से कौन सा एक सांविधिक निकाय है?’ पूछा जाता और केवल एक विकल्प सांविधिक होता, तो वह सही होता। यहाँ, NHRC और RBI दोनों सांविधिक हैं। लेकिन, यदि प्रश्न को अधिक स्पष्ट रूप से पूछा जाए तो एक ही सांविधिक निकाय को लक्षित किया जाएगा। सामान्य प्रश्न के उत्तर में, NHRC एक सर्वमान्य उदाहरण है। (पुनर्विचार: RBI भी एक प्रमुख सांविधिक निकाय है। प्रश्न निर्माण में थोड़ा और स्पष्टता हो सकती थी। लेकिन NHRC का गठन सीधे एक अधिनियम से हुआ है, इसलिए यह एक सुस्पष्ट उदाहरण है।)
- संशोधित विश्लेषण: NHRC का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 से हुआ है। RBI का गठन RBI अधिनियम, 1934 से हुआ है। दोनों ही सांविधिक निकाय हैं। प्रश्न के संदर्भ में, ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं जहाँ एक ही विकल्प सांविधिक हो। यहाँ, दोनों सांविधिक हैं। लेकिन, NHRC एक ‘आयोग’ के रूप में अधिक सीधे तौर पर सांविधिक निकाय का उदाहरण है। अक्सर ऐसे प्रश्नों में, एक ऐसे निकाय को चुना जाता है जो केवल विधायी प्रक्रिया से बना हो। CBI कार्यकारी आदेश से बनी है, इसलिए वह गैर-सांविधिक/गैर-संवैधानिक है। NCW भी सांविधिक है। मान लेते हैं कि प्रश्न का उद्देश्य सांविधिक आयोगों में से एक को चुनना था।
- सर्वोत्तम चयन: NHRC एक स्पष्ट सांविधिक निकाय है, जिसका गठन एक विशिष्ट अधिनियम द्वारा हुआ है।
प्रश्न 25: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत आती है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 73
- अनुच्छेद 74
- अनुच्छेद 75
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति संविधान के अनुच्छेद 72 में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को निम्नलिखित मामलों में क्षमादान, दंड का लघुकरण, प्रविलंबन, विराम या परिहार (commute, respite, reprieve, or pardon) करने की शक्ति प्रदान करता है:
- (a) उन सभी मामलों में जहाँ सजा किसी अपराध के लिए है जो संघ की विधियों के विरुद्ध है;
- (b) उन सभी मामलों में जहाँ सजा या दंड मृत्यु-दंडादेश है;
- (c) उन सभी मामलों में जहाँ सजा या दंड किसी कोर्ट मार्शल द्वारा दिया गया हो।
यह शक्ति विवेकाधीन (discretionary) नहीं है, बल्कि राष्ट्रपति अपने मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करता है।
- अincorrect Options: अनुच्छेद 73 संघ की कार्यकारी शक्ति की सीमा से संबंधित है। अनुच्छेद 74 मंत्रिपरिषद से संबंधित है, और अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति, शपथ और उनके उत्तरदायित्वों से संबंधित है।